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महासमुंद : सिरपुर में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल ने की मॉक ड्रिल

 द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा 

 
कोई जवान व्यक्ति को पानी में डूबने से बचा रहा, तो कोई मदद के लिए पुकार रहा
 
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महासमुंद : पुरातत्विक नगरी सिरपुर का रायकेरा तालाब में आज अचानक मोटर बोट की आवाज़ से गूंज उठा। कोई जवान व्यक्ति को पानी में डूबने से बचाने, तो कोई मदद के लिए पुकार रहा था। तो कहीं दूसरे की मदद करते हुए दिख रहे थे। आप सोच रहे होंगे कि यहाँ कोई हादसा हो गया हो, जिसकी वजह से ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई, लेकिन ऐसा बिल्कुल नही। यह कोई हादसा नहीं था बल्कि किसी आपदा से निपटने के लिए आयोजित मॉक ड्रिल का दृश्य था। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल द्वारा मॉक ड्रिल (एक्सरसाइज) का आयोजन किया गया। आजादी के अमृत महोत्सव के समारोह के उपलक्ष्य में देश के 75 प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों पर मॉक एक्सरसाईज का आयोजन किया जा रहा है।

   इस दौरान बताया गया कि यदि नदी, तालाब, बाढ़ पानी कि स्थिति बन जाए तो उस समय क्या जरूरी उपाय करना चाहिए। इस मौके पर पीड़ितों के बचाव का अभ्यास किया गया। पीड़ितों को एकदम स्थानीय अस्पताल में भेजना तथा बांध प्रशासन की ओर से जिला प्रशासन को सूचित करना, जिला प्रशासन की ओर से अगली कार्रवाई के लिए एनडीआरएफ को बुलाना आदि मॉक ड्रिल का हिस्सा रहे। बुधवार को जिला कार्यालय के महानदी सभाकक्ष में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) थर्ड बटालियन के अधिकारियों एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों के बीच बैठक आयोजित हुई थी ।

  इस पूरी एक्सरसाइज को थर्ड एनडीआरएफ बटालियन, मंडलई कटक (ओड़िशा) के अधिकारी श्री राजेश साहू, एवं अधिकारियों ने इस मॉक ड्रिल के माध्यम से आपदा की स्थिति में अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अपनी जिम्मेदारियों से अवगत करवाया गया, ताकि भविष्य में ऐसी किसी भी आपदा के समय जान-माल के नुकसान को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि हमें आपदा प्रबंधन की शुरुआत स्वयं से शुरू करनी होगी तथा जन-जन को आपदा प्रबंधन के बारे में जागरूक करना होगा। इस मौक़े पर अपर कलेक्टर श्री ओ. पी. कोसरिया, अनुविभागीय अधिकारी श्री भागवत जायसवाल, डिप्टी कलेक्टर डॉ. नेहा कपूर, श्री एस.के. टंडन उपस्थित थे।

   वर्तमान समय में पूरा विश्व प्राकृतिक और मानव कृत आपदाओं का सामना कर रहा है जिसके कारण अत्यधिक रूप से जन और धन का विनाश होता है। आपदा कभी बताकर नहीं आती और ना ही आपदा आने के उपरांत तैयारी कर सकते हैं, जो भी तैयारी करनी है, वह आपदा आने से पहले अपने आप को तैयार करना होता है, जिससे आपदा से कम से कम जनधन का नुकसान हो। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) थर्ड बटालियन के मार्गदर्शन में संपूर्ण मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया।
 

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