लॉकडाउन में भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपने दायित्व निर्वहन में जुटी
जिले में 15574 एनीमिक महिलाओं एवं 4982 कुपोषित बच्चों को सूखा राशन का किया वितरण
घर-घर जाकर नौनिहालों को दे रहीं जरूरी तालीम
कोरिया : कोरोना वायरस के संक्रमण से उत्पन्न इस संकट से नहीं डरती हैं, सुरक्षा के सारे उपायों को अपनाती हैं। वे धूप-छांव नहीं देखती हैं। बस अपनी जिम्मेदारियां निभाती जाती हैं। हम बात कर रहे हैं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की। कलेक्टर श्री डोमन सिंह के मार्गदर्शन में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा को साकार करने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा एनीमिक महिलाओं एवं कुपोषित बच्चों को घर-घर जाकर सूखा राशन के रूप में सम्पूर्ण आहार उपलब्ध कराया जा रहा है। और यहीं नहीं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर बच्चों को पढ़ा रही हैं और हितग्राहियों एवं उनके परिवार के सदस्यों को कोरोना से बचाव के उपायों से भी अवगत करा रही हैं।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा एनीमिक महिलाओं को सूखा राशन वितरण
माननीय मुख्यमंत्री जी की मंशानुरूप प्रदेश को एनीमिया मुक्त बनाये जाने हेतु प्रदेश भर में 02 अक्टूबर 2020 से मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का संचालन किया जा रहा है। जिसका उद्देश्य प्रदेश को एनीमिया मुक्त बनाना है। 25 मार्च से 14 अप्रैल 2020 के मध्य लॉकडॉउन अवधि में जिले के 3004 शिशुवती एवं 15 से 49 वर्ष की 12 हजार 570 एनीमिक महिलाओं को मिलाकर कुल 15574 महिलाओं को डोर-टू-डोर सूखा राशन का वितरण किया गया है। इस विकट परिस्थिति में जिले में यह लक्ष्य पूरा कर पाना आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की कर्मठता से ही संभव हुआ है। लॉकडाउन अवधि बढ़ने पर सभी हितग्राहियों के घर आगामी 03 मई 2020 तक के लिए निरंतर डोर-टू-डोर राशन वितरण का कार्य किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान अंतर्गत 15 से 49 वर्ष के चिन्हांकित महिलाओं को महतारी जतन योजना अंतर्गत पौष्टिक आहार के रूप में चावल, दाल, रसेदार सब्जी, हरी सब्जी, तेल अचार पापड़ सलाद, का वितरण किया जाता है, जिससे उनके दैनिक पोषण आहार की पूर्ति हो सके।

06 माह से 3 वर्ष के कुपोषित बच्चों के घर-घर जाकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कर रही सूखा राशन वितरण
कोरोना महामारी (कोविड-19) के कारण पूरे देश-प्रदेश में लॉकडाउन है। सड़कें, गली, चैक चैराहे सुनसान हैं, पर बच्चों को पोषण आहार प्रभावित न हो, इसलिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा निरंतर घर घर जाकर उन्हें पौष्टिक आहार सूखा राशन हेतु उपलब्ध कराया जा रहा है। उनके द्वारा अभिभावकों से पोषण आहार के निर्माण एवं उपयोग की विधि साझा की जा रही है। 25 मार्च से 14 अप्रैल 2020 के मध्य लॉकडॉउन अवधि में जिले के 06 माह से 3 वर्ष की आयु के 4982 कुपोषित बच्चों को डोर-टू डोर सूखा राशन का वितरण किया जा रहा है।
बता दें कि जिले के 06 माह से 18 माह के बच्चों को चावल, दाल, तेल, सोयाबड़ी एवं मुनगा भाजी की पौष्टिक खिचड़ी एवं 18 माह से 03 वर्ष के बच्चों को रोटी, मुनगा भाजी, एवं चावल, दाल, तेल, सोयाबड़ी की पौष्टिक खिचड़ी का वितरण किया जाता रहा है। वर्तमान में लॉकडाउन होने के चलते सभी हितग्राहियों के घर आगामी 03 मई 2020 तक के लिए निरंतर डोर-टू-डोर राशन वितरण का कार्य किया जा रहा है। इसके साथ ही घर घर जाकर हितग्राहियों एवं बच्चों के माता पिता को कोरोना से बचाव के संबंध में जानकारी प्रदान की
जा रही है।

नौनिहालों को दे रहीं जरूरी तालीम
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा एनीमिक महिलाओं एवं कुपोषित बच्चों को घर-घर जाकर सूखा राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। अपने इस दायित्व को पूरा करने के साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता छोटे बच्चों को कविता-कहानी के माध्यम से जरूरी शिक्षा को साथ घर पर शैक्षणिक परिवेश बने इसके लिए अभिभावकों को भी निरंतर प्रेरित कर रही हैं। इसके साथ ही कोरोना से बचाव के सुरक्षा उपायों के प्रति भी जागरूक कर रही हैं।
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