ब्रेकिंग न्यूज़

महासमुंद : धान की सुरक्षा में लापरवाही- जिम्मेदार कर्मचारियों से की जावेगी क्षति की वसूली

 द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा 

 
महासमुंद : विगत दिनों मौसम विभाग द्वारा असामयिक वर्षा की चेतावनी को देखते हुए। जिला प्रशासन व सहकारिता विभाग एवं जिला सहकारी केंद्रीय बैंक द्वारा धान खरीदी केंद्रों में रखे धान की सुरक्षा संबंधी विस्तृत दिशा निर्देशों दिए गए थे। किंतु धान उपार्जन केंद्र नवागांव (विकास खंड महासमुंद) के प्रभारी श्री पूरन गजेंद्र द्वारा अपने प्रभार के खरीदी केंद्र में उपार्जित कर रखे गए शेष धान स्कंध को वर्षा से भीगने से बचाने हेतु समुचित प्रबंध नहीं किए किए गए। इस केंद्र में 7 जनवरी को खरीदे गए धान के बोरों को उसी दिन सिलाई करा कर स्टेकिंग नहीं कराए जाने,पर्याप्त तारपोलिन/पॉलिथीन/कैप कवर  से धान-स्टेक को समुचित ढंग से नहीं ढंके जाने, समुचित डनेज का प्रयोग किया गया। संबंधित अधिकारियों द्वारा 11 जनवरी को  निरीक्षण के दौरान , धान उपार्जन केंद्र नवागांव, (विकासखंड महासमुंद) में रखे, धान के कई स्टेक बिना ढंके/अधूरे ढंके होने से भीग जाना पाया गया। 

    विभागीय अधिकारियों ने बताया कि सहकारिता विस्तार अधिकारी महासमुंद एवं खाद्य निरीक्षक महासमुंद की संयुक्त रिपोर्ट पर उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं महासमुंद,एस.के. तिग्गा द्वारा धान खरीदी केंद्र नवागांव के प्रभारी श्री पूरन गजेंद्र के विरुद्ध उनकी दो वेतन-वृद्धियां संचयी प्रभाव से रोकने के आदेश प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति पटेवा के अध्यक्ष/संचालक मंडल को दिए गए हैं। समिति प्रबंधक, समिति पटेवा , श्री तोषण यादव की एक वेतन-वृद्धि संचयी प्रभाव से रोकने हेतु उनके नियोक्ता जिला सहकारी केंद्रीय बैंक रायपुर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को लिखा गया है।

    उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं द्वारा यह भी आदेशित किया गया है कि यदि धान खरीदी केंद्र प्रभारी नवागांव एवं समिति प्रबंधक समिति पटेवा के उपरोक्त लापरवाही पूर्ण कृत्य के कारण भविष्य में, समर्थन मूल्य धान खरीदी कार्य 2021-22 की समाप्ति के पश्चात धान परिदान पूर्ण होने पर, धान खरीदी केंद्र नवागांव में, सत्र 2021-22 में  कोई धान-कमी (शॉर्टेज) आती है तो उससे समिति को होने वाली आर्थिक क्षति की भरपाई संबंधित धान खरीदी केंद्र प्रभारी नवागांव एवं समिति प्रबंधक, पटेवा के वेतन से की जावेगी। यह धान-कमी (शॉर्टेज) की राशि यदि अत्यधिक होगी तो इसकी वसूली संबंधित धान खरीदी केंद्र प्रभारी एवं संबंधित समिति प्रबंधक की चल-अचल संपत्ति से नियमानुसार वसूल की जा सकेगी।
 

Related Post

Leave A Comment

छत्तीसगढ़

Facebook