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महासमुंद :  कृषक प्रशिक्षण एवं किसान संगोष्ठी का आयोजन कर कृषकांे को कृषि की उन्नत तकनीकी के बारें में दी जाती है जानकारी
महासमुंद : कृषकों की आय दोगुनी करने के लिए दलहन तिलहन एवं मक्का की खेती एक अच्छा विकल्प हैं। जिले के महासमुंद विकासखंड में रवि फसल में दलहन तिलहन एवं मक्का की खेती पूर्व वर्षों की अपेक्षा इस वर्ष सफलतापूर्वक खेती की गई हैं। जिसमें गेहूं का रकबा 401 हेक्टेयर दलहन का रकबा 179 हेक्टेयर तिलहन का रकबा 242 हेक्टेयर एवं मक्का का रकबा 156 हेक्टेयर में खेती की गई। किसानों को कृषि तकनीकी के बारें में  सतत रूप से मार्गदर्शन कृषि विभाग के मैदानी अमलों द्वारा उपलब्ध कराया जाता है। महासमुंद विकासखंड में दलहन तिलहन एवं मक्का की बुवाई सीडी के माध्यम से की गई एवं कम लागत व उत्पादन में वृद्धि के उद्देश्य को पूर्ति करते हुए समय-समय पर कृषक प्रशिक्षण एवं किसान संगोष्ठी का आयोजन कर कृषकांे को कृषि की उन्नत तकनीकी से अवगत कराया जाता हैं।
 
 कृषि विभाग के अधिकारी ने बताया खेती योग्य जमीन में वृद्धि कर के कृषकों की अतिरिक्त आय बढ़ती हुई नजर आ रही है। धान की तुलना में फसल परिवर्तन से आय में डेढ़ गुना की वृद्धि हुई है पौध संरक्षण दवाई जैसे कीटनाशक उर्वरक की लागत में कमी से आय में वृद्धि हुई है पशुओं के सारे के रूप में दलहन तिलहन एवं मक्का की फसल उपयुक्त सिद्ध हुई है। भविष्य में फसल की विविधीकरण एवं फसल परिवर्तन चक्र को अपनाकर कृषकांे में अत्यधिक फसलों का समावेश करके उसके जीविकोपार्जन एवं जीवन यापन की शैली सुधार करने की रूपरेखा एवं रणनीति बनाई जा रही है। अधिक से अधिक सीड ड्रिल से बुवाई को बढ़ावा देने हेतु कृषि यांत्रिकीकरण योजनाओं को परिणित करने की कोशिश प्रत्येक वर्ष ग्रीष्मकालीन धान के बदले दलहन तिलहन एवं मक्का फसल को अधिक लगाने के लिए और प्रोत्साहित किया जा रहा हैं।

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