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सूरजपुर : नौनिहालों के शारीरिक विकास के साथ प्रतिभा को निखारने में अहम भूमिका निभा रही राज्य सरकार की कवायद
मध्यान्ह भोजन के जगह दिया जा रहा सूखा राशन व सोयामिल्क, जागरूकता अभियान का भी हो रहा प्रसार
सूरजपुर : वैश्विक महामारी का रूख इख़्तियार कर चुके कोरोना वायरस संक्रमण व प्रभाव से सभी वर्ग को सुरक्षित रखने के लिए लाॅकडाउन लागू होने के साथ सभी संस्थानों को आगामी निर्देश तक बंद रखने के निर्देश सें विद्यालयों को भी बंद कर दिया गया है।
 
इन विद्यालयों में शामिल प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालय में अध्यनरत छात्रों के शारीरिक विकास को बढ़ाने के लिए मिड डे मील योजना अंतर्गत मध्यान्ह भोजन के साथ प्रदेश में सोयामिल्क वितरण हो रहा था, अचानक विद्यालयों के बंद होने पर जिलें में संचालित 1412 प्राथमिक विद्यालयों के 65743 छात्र, वहीं 564 माध्यमिक स्कूलों में 35895 अध्यनरत छात्रों के शारीरीक विकास में अहम भूमिका निभा रहे मिड डे मील को लाॅकडाउन अवधि में 40 दिनों का सूखा पौष्टिक समाग्रीयों व सोयामिल्क को सुरक्षा मानको का पालन करते हुए वितरण करनें से संबंधित निर्देश दिया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी विनोद राय ने बताया है कि राज्य सरकार के दिशा निर्देशों के परिपालन में शत् प्रतिशत छात्रों तक 40 दिनों का मिड डे मील की समाग्रीयों को वितरण के दौरान शिक्षकों और अभिभावकों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग के गाइड लाइन का सख्ती से पालन कर प्रदान किया गया है। इसके लिए लॉकडाउन के अवधि में 03 अप्रैल सेंजिलें में कक्षा पहली सें आठवीं तक के छात्रों को मध्याह्न भोजन की सूखीसमाग्रीडोर टू डोर पहुंचाने की मुश्किल चुनौती को डीएमसी शशिकांत सिंह सहित शिक्षकों के संयुक्त प्रयास सें नियमित मानिटरिंग कर किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य लाकडाउन के अवधि में नौनिहालों के शारीरक विकास में सबसे अहम भूमिका निभाने वाला मिड डे मिल का सूखा अनाज सोयामिल्क पिलाया जा रहा है।
 
उक्त संबंध में डीएमसी शशिकांत सिंह ने बताया है कि जिले के ओड़गी, भैयाथान,  प्रेमनगर, प्रतापपुर, सूरजपुर, रामानुजनगर ब्लॉक के शिक्षको द्वारा सूखे मध्यान्ह भोजन का पैकेट बनाकर और मास्क लगा कर ठेला, मोटरसायकल, चार पहियावाहनो में खाद्यान रखकर पंचायतों के हर मोहल्ले, पारा व बस्ती में वितरण के लिए रवाना किया गया है।  खाद्यान्न वितरण के दौरान शिक्षको द्वारा घर-घर जाकर सुरक्षित तरीके से समाग्रीयां उपलब्ध कराने के साथ बच्चों को सुगंधित पौष्टिक सोया दूध भी पिलाया जा रहा है। इसके साथ साथ छात्रों व परिवार के सदस्यों कोरोना वायरस के खतरे और उससे बचाव के तरीकों से अवगत कराया जा रहा है। यह घर पहुंच सुविधा को तब तक जारी रखा जाएगा जबतक हर बच्चे तक राशन ना पहुंच जाये। ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री भूपेशबघेल के निर्देश पर 30 अप्रैल तक कुल 40 दिन की अवधि तक मिड डे मील के तहत मध्यान्ह भोजन की सामिग्री उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। यह मध्यान्ह भोजन 40 दिन का सूखा दाल और चावल बच्चों के पालकों को स्कूल से प्रदाय के साथ प्रति दिवस 100 मिली. सोयामिल्क षिक्षकों की उपस्थिति में पिलायें जाने के निर्देष दिये गये हैं। प्राथमिक शाला के प्रत्येक बच्चे को 4 किलोग्राम चावल और 800 ग्राम दाल तथा उच्चतर माध्यमिक शाला के प्रत्येक बच्चे को 6 किलोग्राम चावल और 1200 ग्राम दाल दिया जाना है। जिसमें प्राथमिक और मिडिल स्कूलों को मिलाकर दर्ज संख्या अनुसार 97638 छात्र हैं। इन छात्रों को घर-घर में जाकर राशन प्रदान किया जा चुका है।
 
घरों पर आनलाईन पढ़ई तुंहर दुआरसेंशैक्षणिकपरिवेश में अहम बदलाव का बन रहा माध्यम -
लाॅगडाउन अवधि में छात्रों की शैक्षणिक गतिविधियों पर प्रभाव ना पड़े इसके लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेशबघेल जी द्वारा बीते दिनों आनलाईन रूप से कक्षा 01 सें 10 तक के छात्रों के अध्ययन से जुड़ी सभी विषयों की पुस्तकों के साथ आनलाईन रूप से सोशल मीडिया के माध्यम से संवाद छात्र व शिक्षको के मध्य हो इसके लिए भी कार्य किया जा रहा है। इस गतिविधि का प्रत्यक्ष पहलू यह उभर कर सामने आ रहा है कि विद्यालय बंद होने से छात्र घरों पर उबाऊ व निरासापन सें बाहर आकर पूरे मनोयोग के साथ घरों पर पढाई शुरू कर दिए हैं। वहीं इसके वजह से छात्रों के परिजनों में भी इसके प्रति रूचि बढ रही हैं, जो पूर्व के समय में छात्रों की पढाईसें संबंधित प्रगति पर शिक्षकों के भरोसे छोड़ने से छात्रों की प्रतिभा में निखार आशा अनुरूप विकसित नहीं हो पाती थी। लेकिन राज्य सरकार द्वारा लाकडाउन में घरो पर छात्रों की पढाई के माध्यम में एक बड़ी बदलाव की शुरुआत पढ़ई तुहर दुआर के माध्यम से किया गया है जो अल्प अवधि में छात्रों के घरों पर शैक्षणिकपरिवेश निर्माण सें शासकीय शिक्षा के प्रति नकारात्मक धारणाओं को खत्म करते हुए, छात्रों के प्रतिभा में निखार लाने में शिक्षको के साथ परिजनों में भी अहमियत बढने से निखरेगी ।

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