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कोरिया: महिलाओं व बालिकाओं को मिला “सखी” का साथ, लॉकडाउन में भी जरूरतमंद महिलाओं एवं बालिकाओं को सखी वन स्टॉप सेंटर से मिल रही मदद
कोरिया:कलेक्टर तथा जिला कार्यकम अधिकारी के मार्गदर्शन में “सखी” वन स्टॉप सेंटर लगातार बालिकाओं एवं महिलाओं को बेहतर माहौल देने के लिए कार्य कर रही है। लॉकडाउन की स्थिति में भी जरूरतमंद महिलाओं एवं बालिकाओं को सहायता दी जा रही है। महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत संचालित “सखी” वन स्टॉप सेंटर 01 अप्रैल 2017 से बैकुण्ठपुर के महलपारा में संचालित है, जिसका उद्देश्य घर के भीतर एवं घर के बाहर किसी भी रूप में पीड़ित व संकटग्रस्त महिला को आपातकालीन सुविधा तत्काल उपलब्ध कराना, अन्य श्रेणी की जरूरतमंद महिलाओं को चिकित्सा, विधिक सहायता, मनोवैज्ञानिक सलाह, परामर्श सुविधा एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराना है। कोरिया जिले के किसी भी गांव, नगर, ब्लॉक में पीड़ित व संकट ग्रस्त अन्य श्रेणी की जरूरतमंद महिलाएं व बालिकाएं प्रत्यक्ष रूप से प्रस्तुत होकर या महिला हेल्पलाईन टोल फ्री नंबर 181 या जिला कार्यालय महिला एवं बाल विकास विभाग, सखी सेंटर के फोन नंबर 07836-233549 पर फोन कर जानकारी दे सकते है। सूचना देने वाले व्यक्ति की पहचान गोपनीय रखी जाती है।
 
     “सखी” वन स्टॉप सेंटर में आज तक कुल 858 प्रकरण दर्ज किए गए हैं, जिसमें प्रत्यक्ष रूप से 385 प्रकरण एवं महिला हेल्पलाईन 181 से 473 प्रकरण सामने आए हैं जिसमें से 819 प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है। यहां बाल विवाह, बाल यौन शोषण, दहेज प्रताड़ना, धोखाधड़ी, छेड़छाड, दैहिक शोषण, मानसिक प्रताड़ना, सायबर अपराध, व्यक्तिगत विवाद जैसे प्रकरण दर्ज किये जाते हैं। यहां अब तक कुल 232 महिलाओं एवं बालिकाओं को आश्रय दिया जा चुका है। “सखी” वन स्टॉप सेंटर में महिलाओं आवेदिका की सहमति से उनके प्रकरणों में काउसंलिंग कर परिवारों को जोड़ा गया है, जो खुशहाली के साथ जीवन यापन कर रहे है।
     बहुत-सी महिलाओं को घुमन्तु अवस्था में मिलने पर थाने व जनता के माध्यम से अवगत किए जाने पर उन्हें रेस्क्यू कर, परिजनों का पता लगा उनके सुपुर्द किया गया। कुछ महिलाएँ ऐसी भी हैं जिनके परिजनों का पता न चलने पर या उन्हें सुधार गृह, उज्जवला होम, नारी निकेतन, वृद्धा आश्रम रिफर कर आश्रय की व्यवस्था की जाती है। “सखी” सेंटर में घुमन्तु अवस्था में प्राप्त मानसिक रोगी महिलाओं का स्वास्थ्य विभाग के समन्वय से स्वास्थ्य जांच करवा, जिला सत्र न्यायालय में सीजीएम के समक्ष प्रस्तुत कर उनके आदेशानुसार महिलाओं को उपचार हेतु मानसिक रोगी चिकित्सालय बिलासपुर सेन्दरी में भर्ती करवाया जाता है जिससे उनका उपचार हो और वे समाज में एक अच्छा जीवन जी सकें।
 
     सखी सेंटर में नवा बिहान संरक्षण अधिकारी के द्वारा डीआईआर फार्म भर कर न्यायालय में प्रस्तुत कर आवश्यकतानुसार विधिक सहायता प्रदान की जाती है। “सखी” सेंटर खुलने से महिलाओं व बालिकाओं को काफी राहत मिल रही है, उनके मन में थाने जाने का डर, संकोच दूर हो गया है वे निःसंकोच किसी भी समय “सखी” सेंटर आकर अपनी परेशानियां बताती हैं और उन्हें जरूरत के अनुसार मदद की जा रही है।
 

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