‘‘अरपा पैरी के धार, महानदी हे अपार’’ राज्य गीत को हाथकरघा साड़ियों एवं स्टोल को शासकीय कार्यालयों में प्रतीक चिन्ह के रूप में किया जा सकता है प्रयोग
महासमुंद : राज्य शासन द्वारा डाॅ. नरेन्द्र देव वर्मा द्वारा रचित छत्तीसगढ़ी गीत ‘‘अरपा पैरी के धार, महानदी हे अपार’’ को राज्य गीत घोषित किया गया हैं। कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन ने बताया कि इस गीत को छत्तीसगढ़ राज्य हाथकरघा विकास एवं विपणन सहकारी संघ मर्यादित रायपुर द्वारा टसर कोसा, सूती सिल्क के साड़ियों में तथा शाॅल, स्टोल, साफा में हाथकरघा के माध्यम से बुनवाया गया हैं। कोसा सिल्क साड़ी में राज्य गीत हाथ की बुनाई के अतिरिक्त हाथ से कढ़ाई, मशीनी कढ़ाई एवं प्रिंट के माध्यम से भी उकेर कर व्यक्त किया गया हैं।
सहकारी संघ के इस प्रयास से जहां राज्य गीत का व्यापक प्रचार-प्रसार हुआ हैं, वहीं बुनाई, कढ़ाई के माध्यम से राज्य के कुशल कारीगरों को रोजगार भी प्राप्त हो रहा है। इसे प्रतीक चिन्ह के रूप में भेंट देने के लिए प्रयोग किया जा सकता है। यह उत्पाद बिलासा हैण्डलूम एम्पोरियम जी.ई. रोड रायपुर में विक्रय के लिए उपलब्ध हैं। इन सभी तैयार वस्तुओं के संबंध में समस्त शासकीय विभागों से आग्रह किया गया है कि राज्य गीत के प्रचार-प्रसार एवं कारीगरों को प्रोत्साहित करने की दृष्टि से शासकीय कार्यक्रमों में ‘‘अरपा पैरी के धार, महानदी हे अपार’’ के उकेरे गए कोसा सिल्क साड़ियों अथवा स्टोल आदि को भी प्रतीक चिन्ह के रूप में भेंट देने के लिए प्रयोग कर सकते हैं। इसे बढ़ावा देने का आग्रह किया गया हैं।
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