अनावेदक (पति) से आयोग ने कहा कि अपनी पत्नी को आयोग की बेटी समझे और अच्छे से रखें (आयोग ने टूटा रिश्ता जोड़ा)
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
‘‘महिला आयोग में प्रकरण प्रस्तुत करने पर तीन वर्ष का बकाया वेतन का भुगतान हुआ‘‘
‘‘पति का पता ढुढने के लिए साइबर सेल की मदद लिया जायेगा ‘‘
बेमेतरा : छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्य श्रीमती ओजस्वी मंडावी एवं श्रीमती लक्ष्मी वर्मा ने आज कलेक्टोरेट सभा कक्ष जिला बेमेतरा (छ.ग.) में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर जनसुनवाई की। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज प्रदेश स्तर पर 324 वीं व बेमेतरा जिला की 04 थी सुनवाई हुई। बेमेतरा जिले में आयोजित जन सुनवाई में कुल 25 प्रकरणों पर सुनवाई की गई। सुनवाई में प्रकाश कुमार भारद्वाज अपर कलेक्टर एवं जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी बेमेतरा उपस्थित थे।
आज के सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में आवेदिका को आवास पट्टा 2020-21 में मिला है। उस जगह को अनावेदकगण मुरम डाल कर कब्जा कर रहे है जो कि उसका आने जाने के उपयोग में आता है। आवेदिका का कथन है, कि अनावेदकगण के पास 40-50 फिट का जगह है किन्तु अनावेदकगण आवेदिका के पट्टा वाले जगह से आना जाना कर परेशान कर रहे है। अनावेदकगण का कहना है, कि 2 सरकारी मकान के बीच से उनके आने जाने का रास्ता शासन द्वारा निर्धारित किया गया था। इससे यह स्पष्ट है कि दोनो पक्षों को तहसील कार्यालय से विधिवत सीमांकन कराना होगा। दोनों पक्षों ने अब तक सीमांकन नहीं कराया है। सिर्फ एक दूसरे के खिलाफ आरोप प्रत्यारोप कर विवाद को बढ़ावा दे रहे है। दोनों पक्षों का प्रकरण तहसील साजा में 4 वर्षों से जारी है। ऐसी स्थिति में आयोग में इसे दोबारा सुना जाना संभव नहीं है। उभयपक्ष को समझाईश दिया जाता है कि एक दूसरे के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। राजस्व न्यायालय से विधिवत सीमांकन करायेंगे। प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका का तीन वर्ष के बकाया वेतन के लिए प्रकरण प्रस्तुत किया गया था जिसमें आयोग में प्रकरण दर्ज करने के बाद आवेदिका को बकाया तीन वर्ष का वेतन मिल गया जिसके कारण प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।अन्य प्रकरण में उभयपक्ष उपस्थित दोनों को विस्तार से सुना गया। दोनों की ढाई वर्ष की एक लड़की है। आवेदिका ढाई वर्ष से अपने मायके मे रह रही है। आवेदिका के सास-ससुर उन्हे पसंद नहीं करते इसलिए अनावेदक भी अपने मा बाप के कहने पर आवेदिका का पसंद नहीं करता था। दोनों की बीच अनुपपुर उ.प्र. में भरण पोषण का मामला चल रहा है। अनावेदक ने आवेदिका को अपनी बच्ची सहित साथ में रखने का प्रस्ताव दिया और यह भी आश्वस्त किया कि वह आवेदिका को परेशान नहीं करेंगे और अपनी पत्नी और बच्चे का ध्यान रखेगा। और उसका पूरा खर्च वहन करेगा भविष्य में कभी भी आवेदिका के साथ मारपीट दुवव्यवहार नहीं करेगा आवेदिका को उनके मां बाप किसी भी तरह तंग ना करें। संरक्षण अधिकारी यशोदा साहू इस प्रकरण की लगातार 2 वर्ष तक निगरानी करेगी और 6 माह की निगरानी के बाद ही उभयपक्ष के मामले न्यायालय से समाप्त कराएंगे। यदि अनावेदक के द्वारा आवेदिका को कोई पेरशानी किया जाता है तो आवेदिका न्यायालय से अपने प्रकरणों से अनावेदक के खिलाफ कार्यवाही करा सकेगी इस निर्देश के साथ प्रकरण समाप्त किया गया।
अन्य प्रकरण में उभय पक्ष उपस्थित वर्तमान में दोनों आपसी सहमति से एकसाथ रह रहे है, आवेदिका ने घरेलू हिंसा का प्रकरण वापस ले लिया है। अनावेदक ने आवेदिका के खिलाफ थाना नवागढ़ में दिनांक 02.02.2025 को धारा 109 (1) बीएनएस के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है जिसमें प्रकरण वापस लेने की बात स्वीकार किया गया है। उभयपक्ष एक माह से साथ रह रहे है। ऐसी स्थिति में प्रकरण को आगे जारी नहीं रखकर प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।अन्य प्रकरण में आवेदक ने अपने पुत्री का अश्लील कॉल करने वाले के खिलाफ आयोग में आवेदन किया गया था जिसमें अनावदेक क्रमांक 01 अनुपस्थित है अनावेदक क्रमांक 02 उपस्थित। आवेदक ने बताया कि पुलिस अधीक्षक कवर्धा को लिखित शिकायत किया गया था। जिसमें सायबर जांच के बाद अनावेदक क्रमांक 01 की गलती पाया गया था। उनके खिलाफ कार्यवाही किया गया था। वह तीन दिन जेल में रहा था उसके बाद उसने माफी मांगी थी अनावेदक क्रमांक 02 के खिलाफ कोई गलती नहीं पाई गई थी अतः प्रकरण समाप्त करने का अनुरोध किया गया है अतः प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया है।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका के साथ ग्रामवासी उपस्थित। अनावेदकगण अनुपस्थित उनकी ओर कम्पनी के एच.आर. विभाग का कर्मचारी उपस्थित हुआ उसने बताया गया कि अनावेदकगण राज्य से बाहर है। उन्हे समझाइश दिया गया कि आगे की सुनवाई में अनावेदकगण अनुपस्थित होने पर पुलिस अधीक्षक बेमेतरा एवं रायपुर के माध्यम से एक एस.आई. के साथ आवश्यक रूप से उपस्थित कराया जायेगा। आवेदिका पक्ष ने बताया कि अनावेदकगण के द्वारा बातचीत के लिए बुलाया जाकर गांव की बुजुर्ग व असहाय महिलाओं के खिलाफ एम.आई. आर दर्ज कराया गया जिस पर अभी तक कोई चार्जशीट दायर नहीं हुआ है। गांव वाले अत्यंत बदबु से परेशान है और उनका जीवन नारकीय हो गया है। सभी का अनुरोध है कि कलेक्टर बेमेतरा से स्थल निरीक्षण कराये जाने की अनुशंसा आयोग करेगा। प्रकरण के शीघ्र सुनवाई के लिए रायपुर महिला आयोग भेजा जा रहा है। उभयपक्ष को मौखिक सूचना दी गई है। दिनांक 30 जून 2025 को 11 बजे सुनवाई की जायेगी।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका उपस्थित अनावेदकगण अनुपस्थित। उन्हे एस.पी रायपुर एवं दुर्ग के माध्यम से एक-एक एस.आई के साथ आवश्यक रूप से उपस्थित रखा जाये। आवेदिका ने बताया कि अनावेदक क्रमांक 1 ने अपना मूल घर बेच दिया है अब वह कहां रहता है कि पते की जानकारी नहीं है। आवेदिका दोनों अनावेदकगणों का वर्तमान पता लाने में असमर्थ है ऐसी स्थिति में सायबर सेल बेमेतरा के माध्यम से दोनों अनावेदगण का पता व लोकेशन निकालकर देने का कार्य में आवेदिका को सहयोग करने के लिए उप निदेशक बेमेतरा लोक अभियोजन जिला बेमेतरा उपस्थित उनके द्वारा आवेदिका की मदद करने का आश्वासन दिया गया। उन्हे सहयोग करने के लिए संरक्षण अधिकारी को नियुक्त किया जाता है, व दोनों अनावेदकगण का पता लगने पर आयोग को सूचित करेंगे तदनुसार सुनवाई रायपुर आयोग में रखा जायेगा।
एक अन्य प्रकरण में अनावेदक ने बताया कि आवेदिका के शिकायत पर एफ.आई.आर दर्ज हो गया है। जिसमें अनावेदक क्रमांक 01 जमानत पर छूटा है। प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है अतः प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।
एक अन्य प्रकरण में थाना दाढ़ी जिला बेमेतरा से पुलिस प्रतिवेदन मंगाया गया कि आवेदिका की रिपोर्ट पर एफ.आई.आर दर्ज हुई है कि नहीं तथा महिला कि शिकायत पर क्या कार्यवाही की गई है उससे भी अवगत कराये। ताकि आगामी सुनवाई की जा सके।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने स्वयं बताया है कि उसका मामला 2014 से चल रहा है। दो बार उच्च न्यायालय से आदेश प्राप्त कर चुकी है। वर्तमान में एस.डी.एम. न्यायालय में प्रकरण चल रहा है। प्रकरण विभिन्न न्यायालय में दर्ज होने के कारण सुनवाई किया जाना संभव नहीं है।
एक अन्य प्रकरण में मोहन नगर थाना प्रभारी को पूर्व में भी अनावेदकगण को कारण बताओ नोटिस देने को कहा गया था। आवेदिका ने यह भी बताया कि महिला थाना भिलाई में काउंसलिंग के बाद भी एफ.आई.आर दर्ज नहीं किया है। अतः महिला थाना भिलाई को भी पत्र भेजा जाए कि आवेदिका के प्रकरण मंे अनावेदकगणों के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज कर आयोग को एक माह के भीतर सूचना भेजें। प्रकरण आगामी सुनवाई रायपुर में रखा जावेगा।
एक अन्य प्रकरण में अनावेदक ने स्वीकार किया कि बैंक से लोन 10 लाख रू. लिया गया था जिसमें से दोना पत्तल का काम करता है। लोन की राशि बैंक को पटाया नहीं है। वह अपनी दस्तावेज रायपुर आयोग को प्रस्तुत करेगा उसके बाद प्रकरण पर विचार किया जावेगा।
एक अन्य प्रकरण में अनावेदक गण ने बताया कि उसके पति ने साल भर से उसे छोड़ रखा है तथा उसे भरण पोषण नहीं दे रहा है, उसे समझाईश दिया गया कि वह अपने पति के खिलाफ भरण-पोषण हेतु आयोग मे केस प्रस्तुत करे तब आयोग में प्रकरण सुनवाई किया जावेगा।
एक अन्य प्रकरण में अनावेकगण ने बताया कि उनके मामले न्यायालय में विचाराधीन है। अनावेदक के द्वारा दस्तावेज प्रस्तुत किया गया जिसके अनुसार आवेदिका व अनावेदकगण के 3 प्रकरण न्यायालय में दर्ज है। जिसमें आवेदिका द्वारा जवाब भी प्रस्तुत किया गया है, उसके हस्ताक्षर का मिलान उनके प्रकरण से किया गया। आवेदन न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण सुनवाई किया जाना संभव नहीं है।
एक अन्य प्रकरण में पिछली सुनवाई में आवेदिका को अपना मोबाइल नंबर पता देने हेतु कहा गया था। आवेदिका अनुपस्थित होने के कारण प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका द्वारा दूरभाष से सूचना दिया गया कि उनका प्रकरण न्यायालय में चल रहा है जिसके कारण प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।
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