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सूरजपुर : फिजीकल डिस्टेंस के लिए अलग-अलग शौचालय एवं अन्य सुविधाओं के साथ चाक-चैबंद है जिले के क्वारंटाईन सेंटर

क्वारंटाईन श्रमिकों के परिवार का भी ध्यान रख रही जिला प्रषासन, निःषुल्क उपलब्ध कराई जा रही जरूरत की सामग्री

सूरजपुर 09 जून : वैष्विक महामारी घोषित हो चुकी कोरोना महामारी से किये लाॅकडाउन में राज्य शासन के निर्देष पर जिला प्रषासन के द्वारा प्रवासी श्रमिकों को राहत दिये जाने विभिन्न कार्यक्रम चलाये गये जिसमें प्रवासी श्रमिकों के परिवार को खाद्यान्न सहित जरूरत की सामग्री मुहैया कराई गई। साथ ही स्वास्थ्य अमले ने भी अपनी जिम्मेदारी वहन करते हुए ऐसे श्रमिक जो बाहर फंसे हुए थे, उनके घर में स्वास्थ्य सुविधाओं को घर पहुॅच उपलब्ध कराया। वर्तमान समय में राज्य शासन के द्वारा सूरजपुर जिले के रहने वाले नागरिक जो छत्तीसगढ़ के बाहर अन्य राज्यों में रोजगार की तलाश में गए थे, उन्हें राज्य में वापस लाने का सिलसिला जारी है। कलेक्टर श्री रणबीर षर्मा के निर्देशन में जिले में वापस आने वाले प्रवासी श्रमिकों एवं अन्य लोगों को सुरक्षित क्वारंटाईन सेंटरों में ठहराने के लिए सभी सेंटरों में आवश्यक समुचित व्यवस्था उपलब्ध कराई गई है। वर्तमान में सूरजपुर जिले में विभिन्न विकासखंडों में 36 क्वारंटाईन सेंटर बनाये गये हैं। क्वारंटाईन सेंटर में लगभग 840 श्रमिकों, एवं प्रवासियों कोे रखा गया है। जिन्हें स्वास्थ्य जांच में कोरोना निगेटिव पाये जाने पर निर्धारित अवधि पूर्ण किये जाने के बाद घर जाने की अनुमति दी जा रही है।  

जिले के क्वारंटाईन सेंटरों में ठहरे प्रवासी श्रमिकों का जिला प्रशासन द्वारा विशेष ध्यान रखा जा रहा है। सभी क्वारंटाईन सेंटर में खान-पान की समुचित व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा की गई है। क्वारंटाईन सेंटर में रहने वाले सभी सेंटरों में घर जैसी सभी बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इसके साथ ही सुरक्षा मानकों का पालन करने सभी क्वारंटाईन लोगों को फिजीकल डिस्टेंस में रखने के लिए अलग-अलग कमरे, शौचालय सहित जरूरत की सामग्री भी उपलब्ध कराई गई है, और इस बात का विषेष ध्यान रखा जा रहा है कि किसी भी व्यक्ति के संक्रमित पाये जाने पर अन्य ठहरे हुए व्यक्ति संक्रमित न हों।  प्रवासी श्रमिक अभिषेक का जिला प्रषासन ने दिया हर पल साथ, आज अभिषेक जुड़वा बच्चों के पिता हैं-

ऐसे ही प्रवासी श्रमिक अभिषेक जो सूरजपुर के विकासखंड प्रतापपुर के ग्राम भेलकच्छ के रहने वाले हैं, जो मध्यप्रदेष राज्य के इंदौर शहर में कार्य कर रहे थे, लाॅकडाउन होने के बाद अभिषेक वहीं फंस गये और यहाॅ उनकी धर्मपत्नि गर्भ से थी, और राषन की भी कमी होने लगी। 

जिला प्रशासन के द्वारा अन्य राज्य में फंसे श्रमिकों की पता साजी की गई तो अभिषेक से भी बात हुई तब अभिषेक ने अपने बारे में बताते हुए अपने परिवार की हालत बयां कि तब प्रतापपुर जनपद सीईओ के द्वारा तत्काल अभिषेक के पत्नि को राषन उपलब्ध कराया गया और गर्भ की सुरक्षा के लिए स्वास्थ्य दल को भी उनकी देख रेख करने के लिए मुस्तैद किया गया और प्रषासन की देख-रेख में ही अभिषेक के घर स्वस्थ प्रसव के दौरान दोहरी खुशी ने दस्तक दी और उनकी पत्नि ने जुडवा बच्चों को जन्म दिया। वर्तमान में राज्य शासन की कवायद से अभिषेक को सुरक्षित सूरजपुर जिले में वापस लाया गया है, जो लाईवलीहुड काॅलेज पर्री क्वारंटाइन सेंटर में रह रहें हैं, जहाॅ एक ओर जिला प्रषासन अभिषेक की क्वारंटाईन में देखभाल कर रहा है, वहीं उनके पत्नि व बच्चे प्रषासन के संरक्षण में है और उनकी समस्त जरूरतों का ध्यान प्रषासन के द्वारा रखा जा रहा है। हाल ही में राषन की कमी होने पर जनपद सीईओ प्रतापपुर के निर्देष पर ग्राम सचिव के माध्यम से तत्काल राषन उपलब्ध कराते हुए 20 किलोग्राम चावल व 2 किलोग्राम दाल अभिषेक के घर पहुॅचाया गया। अभिषेक आज जिला प्रषासन सहित राज्य शासन का धन्यवाद करते नहीं रूकते। 

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