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रजत जयंती वर्षः छत्तीसगढ़ के 25 वर्षों की विकास गाथा, ऑडिटोरियम भवन में कार्यक्रम आयोजित

द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा

छत्तीसगढ़ की संस्कृति लोक कला और परंपरा को जानने का अवसर सुआ, कर्मा, सैला नृत्य ने छत्तीसगढ़ परंपराओं को किया जीवंत

बलरामपुर : छत्तीसगढ़ रजत जयंती वर्ष के अवसर पर जिला मुख्यालय बलरामपुर के ऑडिटोरियम भवन में छत्तीसगढ़ की परंपरा और संस्कृति से सराबोर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती हीरामुनी निकुंज ने छत्तीसगढ़ महतारी के छायाचित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर जिला पंचायत सीईओ श्रीमती नयनतारा सिंह तोमर, जनपद अध्यक्ष सुश्री सुमित्रा चेरवा, उपाध्यक्ष श्रीमती बबली देवी, अन्य जनप्रतिनिधिगण, अपर कलेक्टर श्री आर.एन. पाण्डेय, अनुविभागीय अधिकारी श्री आनंद राम नेताम, जनपद सीईओ श्री दीपराज कांत, गणमान्य नागरिक और बड़ी संख्या में महिलाएँ एवं छात्र-छात्राएँ मौजूद रहे।

इस विशेष अवसर पर ऑडिटोरियम परिसर में पारंपरिक आभूषण, व्यंजन, शिल्पकला की प्रदर्शनी लगाई गई। जनप्रतिनिधियों ने प्रदर्शनी का अवलोकन कर सामग्रियां भी खरीदी। साथ ही स्वादिष्ट स्थानीय व्यंजनों का स्वाद भी चखा। कार्यक्रम के शुरूआत में स्व-सहायता समूह की दीदीयों ने सरगुजिया बोली में स्वागत गीत प्रस्तुत किया। तत्पष्चात् पहाड़ी कोरवा आवासीय विद्यालय भेलवाडीह के छात्राओं ने तरी-हरी नाना, सुआ गीत पर प्रस्तुति दी। इस दौरान पूरा वातावरण ग्रामीण संस्कृति से सराबोर हो गया। स्व-सहायता की महिलाओं ने कर्मा नृत्य पर प्रस्तुति दी। पुरूष वर्गों ने परंपरागत वाद्य यंत्रों के साथ सैला नृत्य पर सामूहिक ताल में कदम से कदम मिलाए। स्वामी आत्मानंद विद्यालय बलरामपुर के छात्र-छात्राओं ने नाट्य गीत प्रस्तुति देकर बताया कि किस प्रकार शासन की योजनाएं आमजनों के जीवन में बदलाव ला रही है। सेक्टर रनहत और पहाड़ी कोरवा आवासीय विद्यालय भेलवाडीह ने भी छत्तीसगढ़ी गीतों पर लोगों का ध्यान आकर्षित किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम में दर्षकों ने प्रस्तुतियों पर तालियों से कलाकारों का उत्साहवर्धन किया।

छत्तीसगढ़ राज्य की गठन के रजत जयंती के अवसर पर सांस्कृतिक समारोह में लोक गीतों और नृत्यों की अद्भूत प्रस्तुति ने सभी का मन मोह लिया। पारंपरिक सुआ गीत, कर्मा गीत, सैला नृत्य की झनकार ने संदेष दिया कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति आज भी उतनी ही जीवंत और प्रासंगिक है, जितनी पहले थी।

जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती हिरामुनी निकुंज ने कार्यक्रम में संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के 25 वर्ष पूरा होने पर रजत जयंती वर्ष मनाया जा रहा है। जिसके उपलक्ष्य में जिला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया गया है। जिसका उद्देष्य छत्तीसगढ़ की संस्कृति, उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति हमारी पहचान है। ऐसे कार्यक्रमों में सांस्कृतिक आयोजन से लोक जीवन, गीत, नृत्य के प्रति समझ बढ़ेगी। इन्हें जीवंत रखना कलाकारों का ही नहीं बल्कि हम सभी का दायित्व है। रजत जयंती वर्ष पर होने वाले आयोजन आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है कि वे अपने सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण में अपना योगदान दे।

जिला पंचायत सीईओ श्रीमती नयनतारा सिंह तोमर ने रजत जयंती वर्ष की संक्षिप्त जानकारी देते हुए कहा कि रजत जयंती वर्ष ऐतिहासिक अवसर है। जिसमें छत्तीसगढ़ ने विभिन्न आयामों में अभूतपूर्व प्रगति की है। 1 नवम्बर 2000 को छत्तीसगढ़ राज्य अस्तित्व में आया और अब वर्ष 2025-26, रजत जयंती वर्ष 25 वर्ष की उपलब्धियों को साझा करने का अवसर है। आज लोक सांस्कृतिक पर आधारित कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इसी प्रकार आगे भी कार्यक्रम आयोजित होंगे और विभिन्न विभागों के माध्यम से प्रदर्षनी लगाकर उपलब्धियों की जानकारी साझा की जाएगी। कार्यक्रम के अंत में छत्तीसगढ़ की संस्कृतियों की झलक प्रस्तुत करने वाले कलाकारों, छात्र-छात्राओं को प्रषस्ति पत्र एवं शील्ड देकर सम्मानित किया गया।
 

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