महासमुंद : जिला चिकित्सालय में जब्त हुए तंबाकू उत्पादों की होली जला कर दिया सुधरने का संदेश
जिला चिकित्सालय में तंबाकू लेकर घूमते पाए गए, तो सामग्री जब्त होने के साथ जुर्माना भी भरना पड़ सकता है।
गुटखा चबाते घुसने वाले मरीज, परिजनों के खीसे में गुड़ाखू की डिबिया और तो और बहुतेरों से जब्त हुई सिगरेट-बीड़ी, सोमवार को जिला चिकित्सालय के तंबाकू निषेध बक्सों में जब्त कर रखे गए तंबाकू उत्पादों की होली जलाई गई
महासमुंद 15 जून : जब से रोक लगी है नशे करने वाले ज्यादा बेचैन हैं, बड़े गुटखाबाजों ने तो सरकारी फरमान का काट निकाल खुद ही तंबाकू उत्पादों का स्टाक बना लिया है। ऐसे में, बार-बार की समझाईश के बाद भी बाज न आने वाले नशेड़ियों को सुधारने के लिए तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत जिला चिकित्सालय प्रबंधन ने परिसर में आने-जाने वालों की जमा-तलाशी कर तंबाकू उत्पादों का प्रवेश ही निषिद्ध करा दिया है। परिणाम स्वरूप 31 मई 2020 को विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर चिकित्सालयों के प्रवेश द्वारों में रखे गए तंबाकू निषेध के बक्से सोमवार 15 जून 2020 तक भर गए। जिन्हें, सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डाॅ आरके परदल और जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री संदीप ताम्रकार की उपस्थिति में नष्ट किया गया।


बता दें कि गुटखा-गुड़ाखू, सिगरेट या बीड़ी इन जैसा कोई भी तंबाकू उत्पाद सेहत के लिए किसी भी दृष्टिकोंण से फायदेमंद नहीं है, बल्कि ये इतने जानलेवा हैं कि दुनिया में हर साल पचास लाख या सरल शब्दों में कहें तो प्रति पांच में से एक व्यक्ति को कैंसर जैसी असाध्य बीमारी का रोगी बना कर दर्दनाक मौत की नींद सुला देता है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी चेतावनी के अनुसार भी तंबाकू उत्पादों में विशेष कर गुटखा और गुड़ाखू की थूक या पीक से कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा और भी अधिक बढ़ जाता है। इन परिस्थितियों में एहतियात की तौर पर जिला तंबाकू नशा-मुक्ति केंद्र द्वारा तंबाकू उत्पाद जब्त कर चिकित्सालय परिसर में ही साप्ताहिक होलिका दहन किए जाने का अभियान एक अनुकरणीय कदम बतलाया जा रहा है। इस ओर, जिला चिकित्सालय के सामाजिक कार्यकर्ता ने अपील की है कि हमने यह पहल जनहित में शुरू की है।
वर्तमान में तंबाकू सामग्री जब्त कर चेतावनी समझाईश देकर लोगों को छोड़ा जा रहा है, लेकिन आगे चल कर सख्ती की जाएगी और कोट्पा अधिनियम-2003 के तहत अर्थदंड वसूली होगी, जुर्माना अदा न करने की स्थिति में कारावास के प्रावधानों का अनुसरण करते हुए प्रकरण पंजीबद्ध कर माननीय न्यायालय के समक्ष भी प्रस्तुत किए जा सकते हैं। आप भी आगे आएं और स्वयं के साथ अपने परिजनों को भी इसमें शामिल कर चिकित्सालय परिसर में जीरो एडिक्शन का माहौल बनाएं। इसके लिए जिला चिकित्सालय में तंबाकू नशा-मुक्ति केंद्र भी संचालित है, चाहें तो यहां निशुल्क परामर्श एवं च्यूइंगम, पैचेस व दवा लेकर भी नशे की लत से आजादी पा सकते हैं। इस दौरान चिकित्सालय परिसर में तंबाकू उत्पादों की दैनिक जब्ती की कार्रवाई करने वाले सिक्योरिटी सुपरवाइजर श्री रमेश कुमार सिंह और उनके दल से सुरक्षाकर्मी श्री रणजीत नारायण, श्री गिरजानंद साहू, श्री लाल कुमार साहू, श्रीमती कौशल्या नारंग एवं श्रीमती लीला चंद्राकर सहित नगर सैनिक श्री धनेश्वर टण्डन व श्री महेंद्र बंसोड़ का योगदान सराहनीय रहा।
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