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 जशपुरनगर (सफलता की कहानी) : राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत् प्रथम किस्त की राशि पाकर रामकिषुन अपने खेतों की जुताई कर, खाद-बीज की कर रहें हैं खरीदी

किसान न्याय योजना के तहत मिली राशि ने हम किसानों को आर्थिक सहारा प्रदान किया है - श्री रामकिषुन 
उन्नत किस्म की बीज, खाद खरीदी के साथ ही आसानी से कर सकेगें खरीफ की तैयारी
किसान श्री रामकिषुन को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत पहली किष्त के रूप में मिला 16611 रूपए

जशपुरनगर 17 जून : कोरोना वायरस कोविड-19 से बचाव एवं नियंत्रण के लिए राज्य सरकार के द्वारा लॉकडाउन से प्रभावित किसानों के लिए प्रदेष सरकार की महत्वाकांक्षी योजना राजीव गांधी किसान न्याय योजना कोरोना महामारी के संकट काल में ग्रामीण किसानों की खेती किसानी के लिए आर्थिक मदद के रूप में सहारा बना है। जिले के विकासखंड फरसाबहार के ग्राम दाईजबहार के 52 वर्षीय किसान श्री रामकिषुन मांझी के लिए राजीव गांधी किसान सम्मान योजना बड़ी राहत लेकर आई है। इस योजना के माध्यम से किसानों को चार किस्तों में धान खरीदी के अंतर की राशि प्रदान की जा रही है।

योजना से हुए लाभ के संबंध में बातचीत करते हुए श्री रामकिषुन मांझी ने कहा कि प्रदेष सरकार द्वारा राजीव गांधी किसान न्याय योजना का शुभारंभ किया गया जिसके तहत मैने खरीफ वर्ष 2019-20 में तपकरा धान खरीदी केन्द्र में 97 क्विंटल धान बेचा था जिसके समर्थन मूल्य पर बेचे गए धान के अंतर की लगभग कुल 66 हजार राशि की प्रथम किश्त के रूप में 16 हजार 611 रूपए मेरेे खाते में राज्य शासन द्वारा जमा कराई गई है।

      9 सदस्यों के संयुक्त परिवार के मुखिया रामकिषुन ने बताया कि उनके नाम पर करीब 7 एकड़ पैतृक कृषि भूमि है। परिवार के भरण-पोषण का मुख्य जारिया खेती किसानी ही है। श्री रामकिषुन ने बताया कि इस वर्ष अपने 2 एकड़ बाड़ी में आलू, प्याज, लहसुन, मिर्च की खेती की योजना बनाए थे। कोरोना संक्रमण के कारण लगाए गए लॉकडाउन के कारण सब्जियों की खेती के लिए खाद एवं बीज की खरीददारी हेतु पैसा एवं आवष्यक संसाधनों के इंतजाम करने में दिक्कत आ रही थी। इसी बीच राजीव गांधी किसान न्याय योजना से पहली किश्त मिलने से खेती के लिए मदद मिल गया और लगभग 2 एकड़ भूमि पर सब्जी की खेती कर पाया।

रामकिषुन बताते हैं कि पहले उनके खेत में सिर्फ खाने के लिए ही पर्याप्त मात्रा में धान का उत्पादन होता था लेकिन जब से मैंने कृषि की आधुनिक तरीके अपनाकर वैज्ञानिक पद्धिति से कृषि करना प्रारंभ किया है, तब से फसलों के पैदावार में लगातार बढोतरी हो रहा है। उन्होंने इस वर्ष 97 क्विंटल धान की बिक्री करने की जानकारी दी। उन्होनें बताया कि वे खरीफ के समय में धान के साथ ही मूंगफली, अरहर, उड़द जैसे दलहन एवं तिलहन फसलों की खेती भी करते है एवं रबी फसल के समय इस बार मक्का एवं गन्ना जैसे नकद फसलों की खेती करने के बारे में सोच रहे है। उन्होंने बताया कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत प्राप्त सहायता राशि से आगामी खरीफ सीजन में बेहतर तरीके से खेती-किसानी की तैयारी करने में बहुत मदद मिली है। साथ ही उन्नत किस्म के खाद, बीज एवं रासायनिक उर्वरक आदि की व्यवस्था करने में आसानी हुई है। भूमि सुधार, समतलीकरण, मेंड़ बंधान इत्यादि कार्य करने में आसानी हुई है। इस बार भी अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करूंगा।

श्री रामकिषुन ने बताया कि वर्तमान समय में जब पूरा देश संकट के दौर से गुजर रहा है किसान भी इससे अछूते नहीं है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ शासन ने किसानों की समस्याओं को समझा और लॉकडाउन की कठिन परिस्थिति में राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत आर्थिक मदद दी। ऐसी कठिन परिस्थिति में किसान न्याय योजना के तहत मिली राशि ने हम किसानों को आर्थिक सहारा प्रदान किया है। श्री रामकिषुन ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल एवं जिला प्रषासन को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से सहायता राशि प्रदान करने के लिए सहृदय से धन्यवाद देते हुए अपना आभार व्यक्त किया।

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