जशपुरनगर : जिले में मवेषियों के खुले में चराई को रोकने हेतु रोका-छेका व्यवस्था लागू करने कलेक्टर ने दिए निर्देष
ग्रामीण क्षेत्रों में मवेषियों के प्रबंधन के लिए रोका-छेका की व्यवस्था अपनाने कलेक्टर ने की अपील
19 जून से सभी पंचायतो में ग्राम सभा का आयोजन कर रोका-छेका अपनाने का जनप्रतिनिधि ले संकल्प - कलेक्टर
जशपुरनगर 17 जून : कलेक्टर श्री महादेव कावरे द्वारा जिले में धान की खेती की तैयारी को ध्यान में रखते हुए खुले में पशुओं की चराई पर रोक लगाने के लिए जिले को समस्त ग्रामवासियों से 19 जून से मवेषियों के प्रबंधन हेतु रोका-छेका की व्यवस्था को लागू करने की अपील की है एवं संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिये हैं। उन्होंने कहा है कि आगामी 19 जून से सभी गांवों और गौठानों में पंच, सरपंच, जनप्रतिनिधि, ग्रामवासी, गणमान्य नागरिक और चरवाहे मिलकर रोका-छेका को लागू करने में सहयोग करेने का संकल्प ले।

श्री कावरे ने बताया कि जिले में मानसून ने दस्तक दे दी है। किसान खेती-किसानी की तैयारी शुरू कर चुके हैं। कुछ किसान थरहा लगाने की तैयारी कर रहे हैं तो कुछ किसान खुर्रा बोनी कर चुके हैं या तैयारी कर रहे हैं। धान की फसल को बचाने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है अनाज के बीज अंकुरित के समय उसकी देखभाल करना। ऐसे समय में जब मवेषियों की रखवाई नहीं होती तथा मवेषी खुले स्थानों मेे चराई करते हैं, तो धान की फसल को भारी नुकसान होता है।
जिले में खेती के दौरान फसलों को सुरक्षित रखने के लिए रोका-छेका किया जाना गांवों की पुरानी व्यवस्था है। यह परम्परा आज भी बहुत उपयोगी है। इससे खुले में चरने वाले पशुओं पर रोक लगाने का काम किया जाता है। जिससे फसलों की सुरक्षा होती है। ग्रामीण क्षेत्रों मंे गयार लोग मवेशियों की चराई अपनी देख रेख में करते हैं। यह कार्य अलग-अलग गांवों में अलग-अलग समय में होता है।
कलेक्टर श्री कावरे ने बताया कि जिले में बारहमासी खेती को बढ़ावा देने के लिए पशुओं का प्रबंधन जरूरी है। उन्होंने कहा कि इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर गांव में गौठानों का निर्माण भी किया जा रहा है। उन्होंने गौठानों में पशुओं के रख-रखाव के लिए बेहतर व्यवस्था करने के साथ ही गौठान समितियों को सक्रिय करने की बात कही। गांवों में निर्मित होने वाले गौठानों में एक कमरा और शेड का निर्माण भी किया जा रहा है ताकि यहां पशुओं के उपचार आदि के लिए पशु चिकित्सकों के बैठने तथा आवश्यक दवाएं, उपकरण एवं अन्य सामग्री को सुरक्षित रखने की व्यवस्था हो सके। उन्होंने कहा कि गौठानों में शेड का निर्माण होने से आर्थिक गतिविधियों का संचालन बेहतर तरीके से किया जा रहा है। जहां स्वसहायता समूह की महिलाओं द्वारा रोजगार मूलक एवं आजीविका संवर्धन से संबंधित गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। जिनमें बिजली पोल, ट्री गार्ड, गमला, जैविक खाद, दोना-पत्तल इत्यादि उत्पादों का निर्माण कर वे अपनी आमदनी में वृद्धि कर रही हैै।
कलेक्टर ने 19 जून से सभी पंचायतो में ग्रामसभा का बैठक आयोजित कर पशुओं के रोका-छेका की व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने एवं प्रत्येक गांव में रोका-छेका हेतु बैठक आयोजन से लेकर आवष्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु ग्रामवार अधिकारियों की ड्यूटी लगाने के भी निर्देश दिए हैं।
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