महासमुंद : कलेक्टर श्री गोयल महात्मा गांधी नरेगा के कार्यों का औचक निरीक्षण करने पहुंचे
ग्रामीणों एवं किसानों से भी की चर्चा
महासमुंद 17 जून : कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल ने आज जिले के पिथौरा विकासखण्ड के ग्राम पंचायत गोड़बाहल के आश्रित गांव राजाडेरा एवं खुटेरी में चल रहें महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत् कराए जा रहे कार्यों का औचक निरीक्षण करने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने सर्वप्रथम राजाडेरा में 09 लाख 94 हजार रूपए की लागत से निर्माणाधीन निस्तारी तालाब गहरीकरण के कार्य का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने मैदानी अधिकारियों से मजदूरों का नियमित रूप से मस्टर रोल ठीक से भरने, मेजरमेंट के अनुसार कार्यों को गुणवत्ता पूर्वक करने, आॅनलाईन एण्ट्री करने, मौके पर उपस्थित पी.ओ. को रजिस्टर संधारित करनेे, तकनीकी सहायकों को माप-पंजी (मेट-पंजी) का निरीक्षण करने के निर्देश दिए।
अधिकारियों ने बताया कि बारिश एवं खेती-बाड़ी के समय आने की वजह से श्रमिक पूर्व की अपेक्षा काम पर कम संख्या में आ रहें हैं। बताया गया कि इस तालाब के निर्माण हो जाने से यहां के जलस्त्रोत में बढ़ोत्तरी होगी। इस तालाब में बारिश के पानी के आवक समीप के जंगल से पर्याप्त मात्रा से पानी आएगी। इसके बन जाने से ग्रामीणों को निस्तारी एवं कृषि कार्यों में सिंचाई सुविधा किसानों को उपलब्ध होगी। इसके उपरांत उन्होंने ग्राम पंचायत गोडबहाल में 12 लाख रूपए की लागत से बन रहें निर्माणाधीन राजीव गांधी सेवा केन्द्र भवन का भी निरीक्षण किया और यहां भवन की खिड़कियों पर एल्यूमिनियम की जाली लगाने को कहा। उन्होंने भवन के गुणवत्ता पूर्वक कार्यों को देखकर सराहना की और शीघ्र ही इसे पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने इन कार्यों के लिए नागरिक सूचना पटल (बोर्ड निर्माण) शीघ्र प्रदर्शित करने के निर्देश दिए।



कलेक्टर श्री गोयल ने ग्राम पंचायत खुटेरी पहुंचकर वहां बनाए गए नरवा डी.पी.आर. के अंतर्गत 91 हजार की लागत से बनाए गए गेबियन स्ट्रक्चर का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों से इसके बनने के फायदे के बारें में जानकारी ली। ग्रामीणों ने बताया कि इसके बनने से आसपास के किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी और बारिश के समय अनावश्यक पानी के बहाव को बहने से रोका जाएगा, जिससे पानी की स्त्रोत बढ़ेगी और उसका सदुपयोग किया जाएगा। इस दौरान उन्होंने श्रीमती बिरझाबाई द्वारा अपने खेत में 02 लाख 67 हजार रूपए की लागत से कराए जा रहें निजी डबरी निर्माण का भी अवलोकन किया। कलेक्टर ने उनके द्वारा कराए जा रहे निजी डबरी निर्माण कार्य की सराहना की।
उन्होंने डबरी के मेढ़ पर वृक्षारोपण करने एवं डबरी के माध्यम से सिंचाई तथा मछली पालन भी करने को कहा जिससे कि उनके आय में वृद्धि हो सके। इसके अलावा उन्होंने शासकीय भूमि में 18 लाख 94 हजार की लागत से मनरेगा से स्वीकृत उद्यानिकी नर्सरी का भी अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने और अधिक फलदार पौधरोपण करने तथा शासकीय नर्सरी में जो सुविधाएं उपलब्ध होती है, उसी तरह बढ़ाने के निर्देश दिए। अधिकारियों ने बताया कि अगले वर्ष से यहां सीडलिंग सैम्पलिंग किया जाएगा। इसके अलावा नर्सरी में पौधों को सिंचाई करने के लिए नलकूप खनन करने को भी कहा गया।
कलेक्टर ने निरीक्षण के दौरान निजी खेतों में पेड़ो (ईमारती लकड़ी) की अवैध रूप से कटाईं को देखकर नाराजगी व्यक्त की। इस दौरान उन्होंने अनुविभागीय अधिकारी से जानकारी लेते हुए कहा कि इन पेड़ो की कटाई के लिए क्या उनके द्वारा तहसील कार्यालय से अनुमति ली गई है। इस पर अनुविभागीय अधिकारी ने बताया कि पेड़ों की कटाई के संबंध में किसी ने भी अनुमति नहीं ली गई हैं। कलेक्टर ने अनावश्यक रूप से पेड़ काटने वालों के विरूद्ध सर्वे कर केस दर्ज कर एफ.आई.आर. करने के निर्देश दिए।
इसके अलावा उन्होंने किसानों से चर्चा कर खरीफ सीजन की तैयारी के लिए सहकारी समिति के माध्यम से खाद, बीज के उठाव के बारें में जानकारी के साथ उनकी समस्याओं के बारें में भी जानकारी ली। किसानों ने बताया कि उन्हंे खाद, बीज के उठाव में किसी भी तरह की कोई समस्या नहीं आ रही हैं। समिति के माध्यम से उन्हें समय पर खाद, बीज मिल रहा हैं। कई किसानों ने बताया कि वे अपने कृषि कार्य के लिए खाद, बीज का उठाव कर लिए हैं। कुछ किसानों ने बताया कि वे शीघ्र ही खाद, बीज का उठाव करेंगे। इस दौरान जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. रवि मित्तल, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) श्री बी.एस. मरकाम, जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री प्रदीप कुमार प्रधान, ए.पी.ओ. श्री प्रथम अग्रवाल सहित अन्य अधिकारी एवं मैदानी अमले स्थानीय सरपंच सहित ग्रामीण उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि महासमुन्द जिले में मांग के आधार पर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना मनरेगा से शत्-प्रतिशत रोजगार दिया जा रहा है, जिससे मनरेगा ग्रामीणों के लिए जीवन दायिनी (लाईफ-लाइन) साबित हो हुई है। शासन के निर्देशानुसार जिले के सभी गांव में मनरेगा के द्वारा हितग्राहीमूलक काम प्रारम्भ कराए जा रहे है तथा जॉबकार्ड धारियों को प्राथमिकता अनुरूप गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके अलावा बाहर से आए प्रवासी मजदूर और वे जो किसी करणवश महात्मा गांधी नरेगा में काम नहीं कर पा रहे थे, उन्हें भी शासन के इस महत्वपूर्ण योजना का लाभ लाभ दिलाया गया हैं। जिले में चल रहे सभी कार्यो में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराते हुए चरणबद्ध तरीके से कार्य कराए जा रहे है। जिला कार्यालय से भी अधीनस्थ अधिकारी प्रतिदिन पंचायतों के सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक से सम्पर्क कर महात्मा गांधी नरेगा के कार्यों का लगातार निगरानी कर रहे है।
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