रायपुर : जेलों में कोविड-19 संक्रमण से बचाव के हैं पुख्ता इंतजाम
- बाहर से आने वाले बंदियों को 30 दिनों तक किया जा रहा क्वारेंटीन
- स्वास्थ्य सचिव के दिशा निर्देश पर जेलों में बरती जा रही विशेष सावधानी
रायपुर. 27 जून : कोविड-19 के संक्रमण की स्थिति को देखते हुए प्रदेश के सभी जेलों में विशेष सावधानी बरती जा रही है। जेल में एंट्री के समय हो या फिर बैरक में कैदियों को रखा जाना, हर चरण पर स्वच्छता और सावधानी रखी जा रही है ताकि पूर्व से जेल में रह रहे कैदी संक्रमित न हों। जेल प्रशासन द्वारा बाहर से आने वाले कैदियों को 30 दिन (अलग-अलग बैरक में ) क्वारेंटीन किया जा रहा है और पुनः मेडिकल जांच के बाद ही उन्हें सामान्य बैरक में भेजा जा रहा है।
जेल में कोविड संक्रमण ना हो इसे देखते हुए बीते दिनों सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग निहारिका बारिक सिंह ने पुलिस महानिदेशक (जेल) को पत्र लिखकर राज्य के सभी जेलों में अभियोगाधीन (अंडर ट्रायल) या बाहर से लाए गए कैदियों को 14 दिन तक अलग सेल में रखकर क्वारेंटीन किए जाने का निर्देश दिया था। इसे देखते हुए जेल प्रशासन सेंट्रल जेलों में अतिरिक्त व्यवस्था के तहत तीन बैरक बनाकर बाहर से आने वाले कैदियों को क्वारेंटीन कर रही है। यही व्यवस्था सभी जिला जेलों में भी की गई है।
ऐसी है व्यवस्था- जेल डीआईजी डॉ.के.के. गुप्ता ने बताया कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए एहतियातन उपाय किए हैं। तीन बैरक बनाकर बाहर से आने वाले कैदियों को ( अलग-अलग समय सीमा में अलग- अलग बैरक में ) रखा जा रहा है। इस तरह 30 दिनों तक उन्हें अलग बैरक में रखने के उपरांत उनकी मेडिकल जांच की जाती है। सामान्य होने पर उन्हें सामान्य बैरक में भेजा जाता है। डॉ. गुप्ता के अनुसार बाहर से आने वाले बंदियों की जेल में घुसते समय मे़डिकल ऑफिसर और पैरा मेडिकल स्टाफ द्वारा थर्मल स्कैनिंग हो रही हैI उनकी हिस्ट्री और कांटेक्ट डिटेल और संपूर्ण जानकारी ली जा रही है। इसके बाद उन्हें सुरक्षा दृष्टिकोण से सामान्य नहीं बल्कि अलग बैरक ( सेल) में रखा जाता है। सभी बैरक में लिक्विड सोप, सेनीटाइजर की व्यवस्था है और सभी बंदियों को दो-दो वाशेबल मास्क दिए गए हैं। जेल के अंदर सभी बैरक, गेट, दरवाजों में भी सोडियम हाइपोक्लोराइड का छिड़काव नियमित किया जा रहा।
प्रदेश में इतनी जेल- राज्य में इस समय कुल 33 जेल है। इसमें 5 सेंट्रल जेल (रायपुर, बिलासपुर, जगदलपुर, अंबिकापुर एवं दुर्ग), 12 जिला और 16 उपजेल है। यहां 17000 से अधिक कैदी और बंदी रखे गए हैं। राजधानी रायपुर में कुल 2600 कैदी हैं। जेल प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक कोविड-19 संक्रमणकाल के दौरान प्रदेश भर से लगभग 7000 कैदियों, बंदियों को पैरोल, जिनकी सजा पूरी हो गई हो, अंतरिम जमानत या जमानत पर छोड़ा गया है।
परिजनों, वकीलों से मुलाकात बंद, है अलग व्यवस्था- प्रदेश के जेलों में कोविड के संक्रमण को देखते हुए घरवालों और वकीलों से मुलाकात बंद है। ऐसे में जेल प्रशासन की ओर से बंदियों के लिए जेल में अलग से परिजनों और वकीलों से कुशलक्षेम जानने के लिए जेलों में प्रिजन कॉलिंग सिस्टम की स्थापना की गई है ताकि बंदी टेलीफोन के माध्यम से अपने परिजनों और अधिवक्ताओं से बात कर सकें। ताकि बाहरी व्यक्तियों से संक्रमण ना फैले और कैदियों, बंदियों को अपने परिजनों और वकीलों से बातचीत भी हो जाए।
Leave A Comment