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 मोहल्ला क्लास के माध्यम से सीखने सिखाने की प्रक्रिया में बच्चे हो रहे शामिल
कोरिया: देश में कोरोना महामारी के दस्तक एवं खतरे को भांपते हुए शासन के द्वारा जैसे ही लॉकडाउन की घोषणा हुई, शहर, गांव, देश सब रूक से गये।
 
इस दौरान कोरिया जिले के एक शिक्षक के मन में महत्वपूर्ण प्रश्न उठ खड़ा हुआ कि अब बच्चों को सीखने -सिखाने की प्रक्रिया से जोड़े रखने के लिए क्या उपाय करने होंगे? जिले के खड़गवां विकासखण्ड के गांव सकड़ा के प्राथमिक शाला मंे पढ़ाने वाले सहायक शिक्षक रूद्र सिंह ने अपनी कहानी बयां करते हुए बताया कि दहशत और शंकाओं के बीच कुछ सप्ताह गुजर जाने के बाद पालकों एवं बच्चों से मोबाइल फोन के दवारा संपर्क किया गया और यह आग्रह किया कि वे सभी अपने बच्चों को किसी भी समय कम से कम एक-दो घंटे के लिए किताबों के साथ बैठाए। इसी दौरान राज्य शासन के निर्देशन में पढ़ई तुहर दुवार अभियान शुरू किया गया।
 
इस बीच भी मन शंकाओं से भरा हुआ था, कि कोरिया जिले में कई स्थानों पर नेटवर्क की समस्या है। पर हमने इसके समाधान के लिए नवाचार ढूंढ़े। हमने प्रयास किया कि हम राज्य के एक बच्चे को भी जोड़कर सिखा पाए तो क्या नुकसान है और इसी लक्ष्य को प्राप्त करने हमने मोहल्ला क्लास की शुरूआत की। बस एक नई ऊर्जा का संचार हुआ और टीम कोरिया चल पडा ऑनलाइन क्लास के संचालन में अपना योगदान सुनिश्चित करने ।
 
कुछ पालकों से संपर्क कर उन्हें रोज 4 से 2 घंटे अपने मोहल्ले के बच्चों को ऑनलाइन क्लास ज्वाइन करवाने कहा। लगभग 15 से 17 बच्चे नियमित जुड़ने लगे । लॉकडाउन में थोड़ी ढील मिलते ही सुरक्षा नियमों का पालन करते हुए नियमित अंतराल में अपने पदस्थ ग्राम सकड़ा जाना आरंभ किया। बच्चों को शाम 5 बजे से 7 बजे तक पढ़ने बैठने के लिए प्रेरित किया। ऐसे बच्चे जो एक ही छत के नीचे रहते अथवा जो दिन भर अपने पड़ोसियों के साथ समय बिताते खेलते वे सभी बच्चे अपनी देहरी पर द्वार पर एक साथ बैठते हैं। ऑनलाइन क्लास से सीखे हुए छात्र तथा कुछ बड़ी कक्षाओं के बच्चे इन बच्चों की मदद करने लगे। हमने इसे नाम दिया मोहल्ला क्लास। अब मन खुश था क्योंकि 15 से बढ़कर 45 बच्चे नियमित मोहल्ला क्लास के माध्यम से सीखने सिखाने की प्रक्रिया में शामिल होने लगे।

यह अभियान विस्तारित होकर मनेंद्रगढ़ विकासखंड तक पहुंच गया और अब शासन की भी मंशा है कि मोहल्ला क्लास सभी गांव में चलाया जाए। अब खुशी दोगुनी हो चुकी है। कोरिया जिले में अधिक से अधिक बच्चों को मोहल्ला क्लास के माध्यम से शिक्षा से जोड़ा जा रहा है।
 

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