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   महासमुंद : जिला प्रशासन द्वारा सरकारी  कोविड अस्पतालों की लाईव एवं रियल टाईम खाली बिस्तरों की उपलब्धता  देखने के लिए ज़ारी किया लिंक
  सरकारी अस्पतालों में ख़ाली बेड की जानकारी अब लोगों को घर बैठे एक क्लिक में  उपलब्ध होगी : श्री कुणाल दुदावत

लिंक हॉस्पिटल मैनेजमेंट सिस्टम  सॉफ्टवेयर का हिस्सा 

   महासमुंद : दुनिया में क्या चल रहा है यह जानने के लिए पहले हमें सुबह के अखबार या रेडियो-टीवी की न्यूज़ रिपोर्ट का इंतजार करना पड़ता था। आज की तेज रफ्तार यानि कहे आज के डिजिटल दौर में दुनिया में लोगों को घटना घटते ही या हर वह सभी जानकारी घर बैठे चाहिए जिसकी उसे  ज़रूरत है। वर्तमान कोरोना काल में लोगों की उम्मीद कुछ ज़्यादा हो गई है। आम लोग किस तरह कंटेन्ट को ले रहा है, यह बदलाव उसका ट्रेंड बताता है। साथ ही यह भी कि खबर या जानकारी के पहुंचने का वक्त कितना घट गया है।

स्मार्टफोन बढ़ती लोकप्रियता बेहतर होती कनेक्टिविटी, इंटरनेट कनेक्शन की न्यूनतम लागत और विशाल युवा आबादी डिजिटल युग को सुनिश्चित कर रही है। 
   इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने सरकारी  कोविड-19 अस्पतालों की लाईव एवं रियल टाईम (वास्तविक काल) में  आम जनता को कोविड अस्पताल, केयर सेंटरो की खाली बिस्तरों (बेड) की उपलब्धता  देखने, जानकारी देने के लिए लिंक ज़ारी किया है। प्रशासन द्वारा चलाये जा रहे सरकारी अस्पतालों में ख़ाली बिस्तरों (बेड) की जानकारी अब लाईव एवं रियल टाईम जानकारी लोगों को घर बैठे एक क्लिक में उपलब्ध हो सकेगी। जिला प्रशासन ने इसके लिए https://hms.dericrypt.com/public/beds लिंक दिया है।  यह लिंक ‘’हॉस्पिटल मैनेजमेंट सिस्टम ‘’सॉफ्टवेयर का हिस्सा है। 

2017. बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के ऊर्जावान अधिकारी श्री कुणाल दुदावत, वर्तमान में एस.डी.एम.सराईपाली ज़िला महासमुंद पदस्थ के द्वारा हॉस्पिटल में भर्ती मरीज़ो के रिकॉर्ड मैनेजमेंट को आसान करने के लिए नया हॉस्पिटल मैनेजमेंट सिस्टम विकसित किया गया। उन्हें इसके लिए कलेक्टर का मार्गदर्शन मिला। श्री दुदावत को सीईओ जिला पंचायत डॉ. रवि मित्तल ने उनके इस काम में पूरी मदद और सहयोग किया। डॉ मित्तल ने वर्तमान दौर को देखते हुए आमजन को कैसे अस्पताल की वह ज़रूरी जानकारी मिले जिसकी मरीज़ व उसके परिजन ज़रूरत है। इस बात का विशेष ध्यान रखा गया। श्री कुणाल के बनाए गए सॉफ्टवेयर में वह सब समाहित किया गया है। जो आमजन को इस चलते हालत में अस्पताल से चाहिए। 

   श्री कुणाल दुदावत ने बताया कि यह सिस्टम विगत दो माह से  स्वास्थ्य विभाग के द्वारा मरीज़ो की भर्ती, उनको बेड्स उपलब्ध कराने एवं उनके उपचार के रिकॉर्ड को प्रबंधन के लिए एवं ऑटोमेटेड डिस्चार्ज स्लिप जारी करने के लिए उपयोग में लाया जा रहा था। 

  मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला के कलेक्टरों को लोगों को अस्पतालों में उपलब्ध बिस्तरों (बेड) की संख्या आदि जानकारी आम जनता को आसानी से मिलने की बात कही थी। तदोपरांत सॉफ्टवेयर में लाईव एवं रियल टाईम खाली बिस्तरों की उपलब्धता देखने के लिए आम जनता (पब्लिक )को लिंक जारी कर दिया गया है।  

   हॉस्पिटल मैनेजमेंट सिस्टम में नए मरीज़ो के रजिस्ट्रेशन से लेकर उनको भर्ती करते समय खाली वार्ड अनुसार बिस्तर की उपलब्धता दिखाना, बिस्तर आबंटित करना आदि विकल्प दिए गए है। सॉफ्टवेयर (ऐप) में राज्य शासन के निर्देशों को मुताबिक कोरोना मरीज़ो को दी जाने वाली दवाईयाँ की भी पहले से प्रविष्टि की गयी है, ताकि आसानी से दवा का खुराक (प्रेस्क्रिबे) किया जा सके। इसके साथ ही इस सॉफ्टवेयर वार्ड प्रबंधन (प्रत्येक वार्ड के लिए दैनिक वार्ड वार सारांश शीट का प्रदर्शन और मुद्रण) की भी जानकारी  मिलेग। इसके अलावा प्रत्येक मरीज़ के तापमान और नाड़ी की रोज़ की अद्यतन स्थिति, निगरानी और उपचार प्रक्रिया के परिणाम को भरने का विकल्प जैसे कि एक्स-रे, लैब रिपोर्ट और उपचार सलाह की भी प्रविष्टि की जा सकेगी।

    श्री दुदावत ने बताया कि सॉफ्टवेयर (ऐप) के  ज़रिए भर्ती मरीज़ो के डिस्चार्ज के बाद जिन बेड्स को सेनीटाइज़ किया जाना है उनकी जानकारी भी पोर्टल पर दिख जाती है एवं सेनीटाइज़ होने के बाद ही बिस्तरों को पुनः आबंटित किया जा सकता है।  

    सॉफ्टवेयर में शासन के गाईडलाइन के मुताबिक सैंपल पॉजिटिव आने की दिनांक से  10 दिवस पूर्ण होने पर आज जिन असिम्पटोमैटिक मरीज़ो की छुट्टी होनी है उनकी लिस्ट भी प्राप्त हो जाती है, साथ के साथ उसका डिस्चार्ज स्लिप भी प्रिंट होकर प्राप्त हो जाता है। इससे अस्पतालों के स्वास्थ्य अमले का काम काफी आसान एवं सुविधाजनक हो जाता है । 

कोविड-19  में  काग़ज़ (पर्चा) के उपयोग के से भी वायरस के संक्रमण का खतरा बना रहता है। इस सॉफ्टवेयर के माध्यम  से जिला प्रशासन द्वारा सभी मरीज़ो के रिकार्ड्स को डिजिटल फॉर्म में रखा जा रहा है । जिससे मरीज़ का डिजिटल रिकार्ड्स से संक्रमण की संभावना कम हो जाती है। 

इसके अलावा सॉफ्टवेयर (ऐप) पर जाकर प्रशासनिक अधिकारी भी हॉस्पिटल में बेड्स की उपलबधता एवं दिए जा रहे उपचार और मरीज़ो के डाटा को देख सकते है एवं मॉनिटरिंग कर सकते है।

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