महासमुंद : बागबाहरा अनुविभाग में निजी, सार्वजनिक, शासकीय बोर वेल्स, ट्युब वेल्स या कंुआ खनन के पूर्व भू स्वामी एवं खनन एजेन्सियों के लिए दिशा-निर्देश जारी
खनन कार्य करने वाले सभी एजेन्सियों को अनुविभागीय कार्यालय में अपने खनन उपकरणों का पंजीयन कराना आवश्यक
महासमुंद : बागबाहरा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) श्री भागवत जायसवाल ने शासन के निर्देशानुसार बाल सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में निजी, सार्वजनिक, शासकीय बोर वेल्स, ट्युब वेल्स या कंुआ खनन के पूर्व भू स्वामी एवं खनन एजेंसियों के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए है। जिसके तहत् भू-स्वामी एवं खनन एजेंसियों के लिए आवश्यक अर्हताएं पूर्ण करने के लिए भूमि स्वामी को बोर खनन या कुप खनन के 15 दिवस पूर्व लिखित सूचना देते हुए सूचना की पावती प्राप्त करना होगा।
उन्होंने कहा है कि अनुविभाग बागबाहरा में खनन कार्य करने वाले सभी खनन एजेन्सी (शासकीय, अर्धशासकीय, निजी) को कार्यालय में अपने खनन उपकरणों का पंजीयन कराना आवश्यक है। भूमि स्वामी को खनन क्षेत्र में स्वयं एवं खनन एजेन्सी से संबंधित सम्पूर्ण जानकारी वाला एक साईन बोर्ड लगाना होगा।
भूमि स्वामी को खनन के दौरान खनन क्षेत्र में चारांे ओर व्यवस्थित मजबूत घेरा कराना होगा एवं निर्माण क्षेत्र में निर्धारित मापदण्ड में जमीन स्तर पर 0.30 मीटर ऊॅचाई तक 0.50×0.50×0.60 मीटर और इसी मापदण्ड में जमीन की गहराई तक प्लेटफार्म बनाना अनिवार्य होगा। खनन के पश्चात/मशीन सुधार हेतु निकालने पर केसिंग को अच्छी तरह से कैपिंग करना अनिवार्य होगा।
खराब, अनुपयुक्त बोर वेल्स, कुंआ को जमीनी स्तर तक मिट्टी, रेत, कंकड़-पत्थर से अच्छी तरह भरकर बराबर करना होगा। यदि किसी बोरवेल, ट्युबवेल को किसी भी स्तर पर त्याग दिया गया है, तो भूजल/पी.एच.ई., निजी ठेकेदार आदि के संबंधित विभाग से एक प्रमाण पत्र उपरोक्त एजेंसियों द्वारा प्राप्त किया जाना चाहिए कि परित्यक्त बोरवेल, ट्युबवेल जमीनी स्तर तक ठीक से भरा हुआ हैं।
उपरोक्त सभी निर्देशों का पालन करते हुए तथा भूस्वामी के पास खनन की पूर्व सूचना की पावती होने के पश्चात् ही खनन एजेंसी (शासकीय, अर्ध शासकीय एवं निजी) संबंधित क्षेत्र में खनन कार्य करेंगें। उपरोक्त सभी निर्देशांे का पालन करते हुए बोरवैल, ट्युब वेल, कुप खनन का कार्य करना सुनिश्चित करें। जांच अधिकारी के निरीक्षण के दौरान उपरोक्त निर्देशांे का पालन नहीे किए जाने की स्थिति में भू-स्वामी, खनन एजेन्सी (शासकीय, अर्ध शासकीय एवं निजी) के द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना मानते हुए खनन उपकरण की जप्ती एवं अन्य कठोर कार्रवाई भी की जा सकती है। जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी संबंधित की होगी।
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