ब्रेकिंग न्यूज़

महासमुंद : जिले में अब तक 24 हजार पंजीकृत किसान लगभग 06 लाख 79 हजार क्विंटल से भी अधिक धान बेचे
समर्थन मूल्य पर धान खरीदी होने से किसानों में आया जबरदस्त उत्साह

महासमुंद : राज्य सरकार की योजना के मंशानुरूप खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 की धान खरीदी का कार्य सहकारी समितियों के माध्यम से 01 दिसम्बर 2020 से प्रारंभ हो गई है।
No description available.
 
जिले के किसानों में समर्थन मूल्य पर धान बेचनें और राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ मिलने से किसानों में काफी उत्साह देखा जा रहा है।
No description available.

नवपदस्थ जिला खाद्य अधिकारी श्री नितीश त्रिवेदी ने बताया कि जिले के 130 धान उपार्जन केन्द्रों में धान की खरीदी की शुरूआत हो चुकी है। उन्होंने बताया कि जिले के एक लाख 40 हजार 35 किसानों ने धान विक्रय हेतु सहकारी समितियों में पंजीयन कराया हैं। जिनका कुल रकबा 02 लाख 13 हजार हेक्टेयर से अधिक हैं।
No description available.

इनमें से अब तक 24 हजार पंजीकृत किसानों ने लगभग 06 लाख 79 हजार क्विंटल से भी अधिक धान बेच चुकें हैं। जिसमंे 12 लाख रूपए से अधिक आॅनलाईन पेमेंट भुगतान किया गया है।
 
राज्य शासन द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की शुरूआत करने और पंजीकृत सभी किसानों के लिए धान उपार्जन केन्द्रों मंे धान बेचनें के लिए बनाई गई सुव्यवस्थित प्रणाली से किसान काफी उत्साहित है।  

महासमुंद विकासखण्ड के धान उपार्जन केन्द्र बड़गाॅव में धान बेचने आए नयापारा के किसान श्री रघुवीर निषाद, श्रीमती नन्दन निषाद तथा ग्राम बड़गाॅव के श्रीमती दशोदा चक्रधारी, श्री चैनू राम निषाद, श्री मोहन यादव, श्री शिव कुमार यादव एवं श्रीमती उर्मिला यादव ने बताया कि उनका 05 एकड़ से कम कृषि योग्य भूमि का धान बेच रहें हैं।

विगत वर्ष किसान न्याय योजना के तहत् मिलंे तीन किस्तों से खेती- किसानी को बेहतर बनाने में उपयोग किए हैं। इसके अलावा घरेलू उपयोग के सामग्री की खरीदी भी किए गए। वहीं बड़गाॅव के सरपंच श्री संतोष कुमार का कहना है कि गाॅव में धान उपार्जन केन्द्र खुल जाने से आस-पास के लगभग 700 किसानों को धान बेचनें के लिए आने में सहुलियत हुई है।

  उन्होंने राज्य सरकार द्वारा धान खरीदी के लिए की गई टोकन व्यवस्था की तारीफ करते हुए कहा कि सरकार ने किसानों की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा है। राज्य सरकार की किसान हितैषी योजनाओं से खेती किसानी को प्रोत्साहन मिला है। धान बेचने में किसी प्रकार की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ रहा है।

उपार्जन केन्द्रों में क्षमता के अनुसार ही टोकन जारी किया जा रहा है। वहां उपस्थित सरपंच एवं किसानों ने राज्य सरकार को किसान हितैषी बताते हुए उनके प्रति आभार व्यक्त किया है।
(फोटो संलग्न)

Related Post

Leave A Comment

छत्तीसगढ़

Facebook