- Home
- मुख्य समाचार
-
कोरोना लॉकडाउन के बीच सड़क हादसों में प्रवासी कामगारों की जान जाने का सिलसिला लगातार जारी है. मध्य प्रदेश में भी इस तरह की घटना हुई है, जिसमें 5 प्रवासी कामगारों की मौत हो गई है. इस बारे में ASP प्रवीण भूरिया ने 16 मई को बताया, ‘’आज बांदा (सागर जिला) के पास हुए एक रोड एक्सीडेंट में 5 प्रवासी कामगारों की मौत हो गई.’’ इस बारे में ASP प्रवीण भूरिया ने 16 मई को बताया, ‘’आज बांदा (सागर जिला) के पास हुए एक रोड एक्सीडेंट में 5 प्रवासी कामगारों की मौत हो गई.’’
बता दें कि 16 मई को ही उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में ट्रक और डीसीएम वाहन की टक्कर में 24 प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई जबकि 30 से ज्यादा मजदूर घायल हो गए. -
रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर श्रमिकों तथा अन्य व्यक्तियों के अंतर्राज्यीय परिवहन तथा राज्य के भीतर एक स्थान से दूसरे स्थान पर होने वाले परिवहन व्यय के भुगतान हेतु एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन निधि) में समुचित प्रावधान करने का अनुरोध किया है।
मुख्यमंत्री बघेल ने पत्र में लिखा है कि राज्य के 1.50 लाख से अधिक श्रमिक तथा अन्य व्यक्ति अन्य राज्यों में अवरूद्ध हैं तथा लॉकडाउन से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण वे अपने गृह राज्य छत्तीसगढ़ की वापसी हेतु व्यग्र हैं। अन्य राज्यों से श्रमिकों की वापसी की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। लगभग 27 हजार से अधिक श्रमिक स्वयं के साधनों तथा राज्य शासन द्वारा उपलब्ध कराए गए बस सुविधा से गृह राज्य लौट चुके हैं। इसके अतिरिक्त लगभग एक लाख 32 हजार श्रमिकों को रेल तथा बसों के माध्यम से लाने की प्रक्रिया 11 मई से प्रारंभ हो चुकी है। श्रमिकों के लिए रेल तथा बस परिवहन में हुए व्यय का भुगतान एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन निधि) से किए जाने का प्रावधान वर्तमान में नहीं है। राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ होकर अन्य राज्यों को जाने वाले श्रमिकों हेतु भी भोजन, पानी तथा संबंधित राज्य की सीमा तक बस में छोड़े जाने के उपाय सुनिश्चित किए गए हैं। श्रमिकों के परिवहन तथा अन्य सुविधाओं में बड़ी राशि व्यय होने की संभावना है।
सीएम बघेल ने पत्र में लिखा है कि भारत सरकार द्वारा कोविड-19 को आपदा की श्रेणी में रखा गया है। उन्होंने भारत सरकार, गृह मंत्रालय नई दिल्ली के 14 मार्च 2020 के पत्र का उल्लेख करते हुए कहा है कि इस पत्र में राज्य आपदा मोचन निधि से क्वारेंटीन में रखे जाने, व्यक्तियों के नमूना संग्रह और स्क्रीनिंग के उपाय कलस्टर कन्टेंनमेंट ऑपरेशन, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन निधि) की प्रावधानित राशि में से 25 प्रतिशत सीमा तक व्यय किए जाने का प्रावधान रखा गया है।
इसके अतिरिक्त कोविड-19 की रोकथाम के लिए प्रयोगशाला की स्थापना, आवश्यक उपकरणों का क्रय, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग, अग्निशमन सेवाओं के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा किट क्रय किए जाने, थर्मल स्केनर, वेंटिलेटर, वायु शुद्धिकरण यंत्र तथा हॉस्पिटल में प्रयुक्त होने वाले अन्य सामग्री क्रय किए जाने के लिए एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन निधि) राशि से 10 प्रतिशत सीमा तक व्यय का प्रावधान रखा गया है। इसके अतिरिक्त प्रवासी श्रमिकों तथा जरूरतमंद बेघर-बार व्यक्तियों के लिए लॉकडाउन अवधि में राहत शिविरों के संचालन हेतु एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन निधि) से व्यय किए जाने हेतु भारत सरकार, गृह मंत्रालय के 28 मार्च के पत्र द्वारा प्रावधान रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि श्रमिकों के परिवहन तथा अन्य सुविधाओं में बड़ी राशि व्यय होने की संभावना है। इन परिस्थितियों में श्रमिकों तथा अन्य व्यक्तियों के अंतर्राज्यीय परिवहन तथा राज्य के भीतर एक स्थान से दूसरे स्थान पर होने वाले परिवहन व्यय के भुगतान हेतु एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन निधि) में समुचित प्रावधान किया जाना आवश्यक है। श्री बघेल ने इस संबंध में भारत सरकार के गृह मंत्रालय को यथोचित निर्देश देने का अनुरोध प्रधानमंत्री श्री मोदी से किया है। -
एजेंसी
नई दिल्ली : कश्मीर के बड़गाम के अरिजल खानसैब में सुरक्षा बलों ने एक आतंकी ठिकाने का पता लगाया है, जहां से लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी जहूर वानी को गिरफ्तार कर लिया गया है। आतंकी जहूर वानी लश्कर के एक अन्य आतंकी यूसुफ कांतारू का करीबी सहयोगी बताया जाता है। पुलिस के अनुसार इस ठिकोन में हथियारों के साथ गोला-बारूद भी बरामद किए गए हैं। इसके अलावा सुरक्षा बलों चार और आतंकवादियों को भी गिरफ्तार किया है। ये सभी लश्कर के आतंकियों को शरण देने के अलावा उन्हें रसद सामाग्री उपलब्ध कराते थे।
पुलिस के मुताबिक ये ग्रुप पिछले कुछ महीनों से इस इलाके में सक्रिय था। उन्होंने बताया कि सुरंग में मिले सामानों को देखकर लगता है कि आतंकी कई दिनों से यहां रुके थे। यह सुरंग जहूर वानी के घर से करीब 500 मीटर दूर है। ऐसा कहा जा रहा है कि वानी लंबे वक्त से आतंकियों की मदद कर रहा था। -
यूपी के प्रयागराज में थरवई के पडिला स्थित सीआरपीएफ कैंप में शनिवार सुबह सीआरपीएफ के एक जवान ने अपनी पत्नी, बेटी और बेटा की गोली मारकर हत्या कर दी । इसके बाद कमरे में बंद करके खुद को गोली से उड़ा दिया। इस सनसनीखेज घटना की जानकारी मिलते ही सीआरपीएफ के डीआईजी समेत अन्य अधिकारी मौके पहुंचे। सूचना मिलने पर थरवई पुलिस और आसपास के थानों की फोर्स भी पहुंच गई। पुलिस ने जांच के बाद शव को कब्जे में ले लिया। सूचना मिलने पर जवान के ससुराल में हड़कंप मचा रहा।
थरवई एसओ भुनेश्वर चौबे ने बताया कि मेजा थाना क्षेत्र के सिरसा का रहने वाला विनोद यादव सीआरपीएफ में गाड़ी चलाता था । वह कैम्प में बने सरकारी क्वार्टर में परिवार के साथ रहता था। शनिवार को उसने पत्नी विमला देवी( 36) बेटी सिमरन (12) बेटा संदीप( 15) की गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद खुद को कमरे में बंद कर लिया और वहां उसने आत्महत्या कर ली। सूचना मिलने पर पुलिस अफसर मौके पर पहुंचे । जवान के इस हरकत से सीआरपीएफ कैंप में हड़कंप मचा रहा।
-
नई दिल्ली : चीन से फैले कोरोना वायरस का कहर पूरी दुनिया में दिख रहा है। दुर्भाग्य की बात है कि भारत में कोरोना के मामलों ने चीन को भी पछाड़ दिया है। देश में कोरोना वायरस के संक्रमितों की संख्या 85940 हो गई है, जो चीन से भी अब अधिक हो गई है। पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस से 103 लोगों की मौतें हुई हैं और कुल 3970 नए मामले सामने आए हैं। शनिवार को जारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देशभर में कोरोना वायरस के मामले बढ़कर करीब 85940 हो गए हैं और कोविड-19 से अब तक 2752 लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना के कुल 85940 केसों में 53035 एक्टिव केस हैं, वहीं 30153 लोगों को अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है या फिर वह ठीक हो चुके हैं। कोरोना वायरस से अब तक सर्वाधिक 1068 लोगों की मौत महाराष्ट्र में हुई। यहां अब इस महामारी से पीड़ितों की संख्या 29100 हो गई है।
-
नई दिल्ली: सरकार की ओर आरटीआई के जवाब में दी गई जानकारी मुताबिक लॉकडाउन के ऐलान के पहले 15 जनवरी से 23 मार्च के बीच विदेश से भारत पहुंचने वाले महज 19 फीसदी यात्रियों की ही स्क्रीनिंग की गई.जनवरी में केवल चीन और हांगकांग से आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग की गई, फरवरी में स्क्रीनिंग का दायरा बढ़ाया गया जिसमें थाइलैंड और सिंगापुर से आने वाले यात्रियों को शामिल किया गया.
आरटीआई एक्टिविस्ट साकेत गोखले को 11 मई को दिए गए जवाब में कहा गया है कि इटली को इस दायरे में 26 फरवरी को शामिल किया गया था जबकि यहां 322 लोगों में संक्रमण के मामले सामने आ चुके थे. तब भी अन्य यूरोपीय देशों को शामिल नहीं किया गया था.
यूनिवर्सल स्क्रीनिंग केवल 4 मार्च से शुरू हुई, जब विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने घोषणा की कि चीन के बाहर 14,000 मामलों के साथ वैश्विक संक्रमण 93,000 को पार कर गया है. भारत ने अपने यहां 30 जनवरी को कोविड-19 के पहले मामले की पुष्टि के लगभग 2 महीने बाद, सभी हवाई यात्रा 23 मार्च को बंद की, 25 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन किया.
साभार : द प्रिंट -
नई दिल्ली : देश में कोरोना वायरस संक्रमण से पिछले 24 घंटे में 100 लोगों की मौत के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 2,649 तक पहुंच गई है. वहीं गुरुवार सुबह आठ बजे से संक्रमण के 3,967 नए मामले सामने आए हैं जिसके बाद शुक्रवार को कुल संक्रमितों की संख्या 81,970 हो गई. स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में 51,401 लोगों का उपचार चल रहा है जबकि अब तक 27,919 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं और एक मरीज देश से बाहर जा चुका है. स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘अब तक 34.06 फीसदी मरीज स्वस्थ हो चुके हैं.' संक्रमित लोगों में विदेशी नागरिक भी शामिल हैं.
गुरुवार सुबह आठ बजे से 100 लोगों की मौत हुई. इनमें से सबसे ज्यादा 44 लोगों की मौत महाराष्ट्र में, गुजरात में 20, दिल्ली में नौ, पश्चिम बंगाल में आठ, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में पांच-पांच, राजस्थान में चार, तमिलनाडु और कर्नाटक में दो-दो तथा आंध्र प्रदेश में एक व्यक्ति की मौत हुई। देश में अब तक इस वायरस की वजह से 2,649 लोगों की मौत हो चुकी है. महाराष्ट्र में अब तक 1,019, गुजरात में 586, मध्य प्रदेश में 237, पश्चिम बंगाल में 215, राजस्थान में 125, दिल्ली में 115, उत्तर प्रदेश में 88, तमिलनाडु में 66 और आंध्र प्रदेश में 48 लोगों की मौत हुई. कर्नाटक में 35 लोगों की मौत हो गई. वहीं तेलंगाना में 34 और पंजाब में 32 लोगों की मौत हुई है. हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में 11-11 तथा बिहार में सात और केरल में चार लोगों की मौत हुई. मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार झारखंड, चंडीगढ़ और ओडिशा में कोविड-19 से तीन-तीन लोगों की मौत हुई. वहीं हिमाचल प्रदेश और असम में दो-दो लोगों की मौत हुई. मेघालय, उत्तराखंड और पुडुचेरी में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई. -
नई दिल्ली : पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से ‘लोकल के लिए वोकल’ होने का नारा देने के बाद बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद ने स्वदेशी प्रोडक्ट्स के लिए ई-कॉमर्स पोर्टल लॉन्च करने का फैसला लिया है। अमेजॉन और फ्लिपकार्ट की तर्ज पर यह पोर्टल भी काम करेगा, लेकिन इस पर मिलने वाले सभी उत्पाद स्वदेशी होंगे। बाबा रामदेव की कंपनी ने OrderMe के नाम से पोर्टल लाने का फैसला लिया है। इस पोर्टल पर पतंजलि से जुड़े उत्पाद तो मिलेंगे ही, इसके अलावा अन्य स्वदेशी उत्पादों की भी बिक्री होगी। इस पोर्टल की लॉन्चिंग से जुड़े सूत्रों ने बताया कि इस पर होने वाले ऑर्डर्स की कुछ ही घंटों में होम डिलिवरी कर दी जाएगी और यह पूरी तरह मुफ्त भी हो सकती है।
यही नहीं इस पोर्टल पर ग्राहकों को मुफ्त मेडिकल कंसल्टेशन भी हर वक्त मिलेगी। इससे 1,500 पतंजलि से जुड़े चिकित्सकों से संपर्क किया जा सकेगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस महीने के अंत तक पोर्टल की लॉन्चिंग हो सकती है। कंपनी के सीईओ आचार्य बालकृष्ण ने भी इस प्रस्ताव की पुष्टि की है और कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी की अपील के आधार पर हम स्वदेशी को बढ़ावा देने के लिए यह काम कर रहे हैं। बता दें कि पतंजलि के आउटलेट्स फिलहाल देश के तमाम हिस्सों में हैं, जहां से लोग उनके प्रोडक्ट्स खरीद सकते हैं और कई जगहों पर आयुर्वेदिक चिकित्सकों को परामर्श की भी सुविधा उपलब्ध है। -
मथुरा। उत्तर प्रदेश के मथुरा के आर्यावर्त ग्रामीण बैंक में दिनदहाड़े हुई 21 लाख की डकैती का खुलासा पुलिस ने कर दिया है। पुलिस ने चार आरोपियों सहित एक महिला को भी गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उनके पास से लूटी गई रकम में से करीब 17 लाख की बरामदगी कर ली है। जिन छह टीमों ने लूट के आरोपियों को पकड़ने में सफलता पाई है, उनको 50,000 रु इनाम देने की घोषणा की गई है।
पुलिस के मुताबिक, मथुरा के सदर बाजार स्थित आर्यावर्त बैंक में मंगलवार को दिन के करीब 2.30 मिनट पर चार युवक गमछे से चेहरा छुपाए हुए अंदर घुसे। लंच के बाद का समय था और बैंक में तीन कर्मचारी मौजूद थे। असलहे से लैस लुटेरों ने बैंक कर्मियों को डराकर लाखों की रकम लूट ली और जिस बाइक से आए थे, उसी से फरार हो गए। घटना दिनदहाड़े हुई थी इसलिए जैसे ही सूचना पुलिस के पास पहुंची, उसके होश उड़ गए। मौके पर एसएसपी समेत अन्य आलाधिकारी पहुंचे और घटना के जल्द खुलासे की बात कही।
वारदात की जगह पर आगरा जोन के आईजी सतीश गणेश भी पहुंचे थे। उन्होंने लुटेरों को पकड़ने के लिए पुलिस की छह टीमें बना दीं। एसएसपी गौरव ग्रोवर ने बताया कि जनता और बैंककर्मियों से जानकारी जुटाते हुए पुलिस की छह टीमों ने इस घटना का अनावरण किया है। अपराध को अंजाम देने वाले पांच आरोपियों को पकड़ा गया है जिसमें एक महिला भी शामिल है। पुलिस ने इनके पास से लूटी हुई रकम के अलावा चार तमंचे, 11 कारतूस, बाइक और बैंक के दस्तावेज जब्त किए हैं। एसएसपी ने कहा कि घटना की आगे जांच चल रही है और बाकी रकम की भी बरामदगी की जाएगी। साथ ही अगर इसमें अन्य कोई शामिल है तो उसका भी पता लगाया जा रहा है। -
मध्य प्रदेश-महाराष्ट्र की सीमा पर स्थित सेंधवा में गुरुवार को हिंसा देखने को मिली। यहां हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूरों ने हंगामा और पथराव किया। घर जाने के लिए परिवहन की व्यवस्था नहीं होने पर मजदूरों ने कई बार हाईवे को भी जाम कर लिया। बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र में प्रवासी मजदूरों के भारी संख्या में जमा होने से प्रशासन पर भारी दबाव बना हुआ है। वहीं मध्य प्रदेश सरकार ने कहा कि हम मजदूरों की समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान करेंगे। सरकार ने कहा कि पिछले तीन दिन में सेंधवा के पास सीमा पर 15,000 प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजा गया है। वहीं मजदूरों का कहना है कि मध्य प्रदेश सरकार ने उनके लिए खाने और परिवहन का कोई इंतजाम नहीं किया है।
इस घटना के कई वीडियो भी सामने आए हैं, जिनमें ये मजदूर हाईवे पर चिल्लाते और भागते हुए नजर आ रहे हैं। कई रिपोर्ट्स में ये भी कहा गया है कि इन्होंने घटनास्थल पर तैनात पुलिस पर पथराव किया है। पुणे में काम करने वाले मध्य प्रदेश के सैलेश त्रिपाठी ने कहा, 'यहां लोग कुछ महीनों के बच्चों के साथ तक यात्रा कर रहे हैं। महाराष्ट्र सरकार ने हमें यहां तक भेजा, लेकिन मध्य प्रदेश सरकार हमारी कोई मदद नहीं कर रही है। हम यहां बीती रात से हैं, भूखे और प्यासे।' वहीं सतना के रहने वाले एक शख्स का कहना है कि जहां ये लोग फंसे हुए हैं वो जंगली इलाका है और यहां कोई सुरक्षा भी नहीं है। 'कोई मजदूरों की परवाह नहीं करता।'
बड़वानी के जिलाधिकारी अमित तोमर ने कहा, प्रवासियों को यहां से 135 बसों से विभिन्न जिलों में बने ट्रांजिट प्वाइंट पर भेजा गया है। उचित संख्या में परिवहन की व्यवस्था नहीं होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि प्रवासियों के लिए अधिक से अधिक संख्या में बसों की व्यवस्था करने की कोशिश की जा रही है। ताकि उन्हें उनके घरों तक भेजा जा सके। जब उनसे पथराव और हंगामा किए जाने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने बताया कि कुछ बसों के जाने के बाद बाकी बचे प्रवासी मजदूरों को यह लगा कि उनके लिए और बसें नहीं आएंगी और इस वजह से उन्होंने हंगामा और पथराव करना शुरू कर दिया। -
नई दिल्ली। उत्तरी सिक्किम के पर्वतीय क्षेत्र लुगनक में हिमस्खलन की चपेट में आने से सेना के एक अधिकारी समेत एक जवान शहीद हो गए। सेना के राहत बचाव दल की कोशिशों के बावजूद इन्हें बचाया नहीं जा सका। हिमस्खलन की वजह से दोनों कई फीट गहरी बर्फ के नीचे दब गए थे। कई घंटों तक चले सर्च ऑपरेशन के बाद सेना को लेफ्टिनेंट और सैनिक का पार्थिव शरीर मिला। सेना द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक ये लोग हिमस्खलन की चपेट में आए 18 सदस्यीय टीम का हिस्सा थे। सेना की गश्ती एवं बर्फ हटाने वाली पार्टी उत्तरी सिक्किम में 14 मई को हिमस्खलन की चपेट में आ गई।
राहत-बचाव कार्य के लिए पहुंची टीम के अथक प्रयास के बावजूद सेना के एक अधिकारी और एक जवान को नहीं बचाया जा सका। सेना की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक उत्तर सिक्किम में एक बर्फ को निकालने वाली पार्टी अचानक हिमस्थलन की चपेट में आ गई। सभी सैनिकों को सुरक्षित निकाल लिया गया है।
इस घटना में सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल रॉबर्ट टी ए और सैपर सापला षणमुख राव की मौत हो गई। हिमस्थलन के कारण दोनों बर्फ में दब गए थे। राहत-बचाव टीम ने बाकी सभी सदस्यों को सुरक्षित निकाल लिया है। गौरतलब है कि सिक्किम में पेट्रोलिंग पार्टी का हिस्सा और बर्फ हटाने के काम में जुटे भारतीय सेना के 17-18 जवान 14 मई को अचानक आए हिमस्थलन के शिकार हो गए खेष अचानक हुए हिमस्खलन में ये जवान फंस गए थे। सेना के राहत-बचाव टीम ने इनमें से 16 सदस्यों को बचा लिया गया है, लेकिन अपने एक लेफ्टिनेंट और एक सैनिक को नहीं बचा सके। कई घंटे तक दोनों लापता था। सर्च ऑपरेशन के बाद दोनों बर्फ में दबे मिले।
-
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को दूसरी बार प्रेस कॉन्फ्रेंस की. आर्थिक पैकेज को लेकर पहले दिन की गई घोषणाओं में उन्होंने लघु-मध्यम उद्योगों और कर्मचारियों का खास ध्यान रखा. उन्होंने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों (MSMEs) की मजबूती के लिए 3 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया और कहा कि MSME की बेहतरी के लिए छह कदम उठाए जाएंगे, इसके तहत तीन लाख करोड़ का लोन बिना गारंटी का मिलेगा. इस दौरान उन्होंने सभी तरह की इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की अंतिम तिथि को 31 जुलाई, 2020 तथा 31 अक्टूबर, 2020 से 30 नवंबर, 2020 तक बढ़ाए जाने की घोषणा की. इसके साथ ही कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) कर्मचारी और नियोक्ता के अंशदान के लिए 2,500 करोड़ रुपये देने की भी घोषणा की और इस प्रोत्साहन योजना को अगस्त तक के लिये बढ़ाने की बात की.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की प्रेस कॉन्फ्रेंस
- आज प्रवासी मजदूरों, छोटे व्यापारियों और छोटे किसानों के लिए राहत का ऐलान किया जाएगाः निर्मला सीतरमण
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि प्रवासी मजदूर, छोटे किसान और गरीब हमारी प्राथमिकता
- सरकार, गांव गरीब और किसानों की मदद कर रही है.
- किसानों ने 4 लाख करोड़ रुपये का लोन लिया. इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम को बढ़ाकर 31 मई तक किया गया. 25 लाख नए किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए : वित्त मंत्री
- शहरी गरीबों को 11 हजार करोड़ की मदद दी गई
- कोरोना के समय में 63 लाख लोन कृषि क्षेत्र के लिए मंजूर किए गए, यह राशि 86,600 करोड़ रुपये हैः वित्त मंत्री
- केंद्र सरकार ने प्रवासियों के लिए शेल्टर बनाने के खातिर राज्य सरकारों को राज्य आपदा प्रबंधन कोष (SDR फंड) उपयोग करने की अनुमति दी. केंद्र सरकार ने SDRF के लिए 11,002 करोड़ रुपये भी जारी किए.
- बेघर लोगों को 3 वक्त खाना दिया जा रहा हैं। उनके लिए पैसे की भी व्यवस्था की गई हैः वित्त मंत्री
- प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के जरिये काम दिया जा रहा है: वित्त मंत्री
- 2.33 करोड़ मजदूरों को मनरेगा के तहत काम मिला.
- श्रम कानून के सुधार पर काम चल रहा है : वित्त मंत्री
निर्मला सीतारमण द्वारा पहले दिन की गई घोषणाओं के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार द्वारा घोषित आर्थिक पैकेज से अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन मिलेगा. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही इस पैकेज से कंपनियों विशेषरूप से सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को मदद मिलेगी. मोदी ने ट्वीट किया, 'सरकार द्वारा घोषित कदमों से नकदी बढ़ेगी, उद्यमियों को सशक्त किया जा सकेगा और उनकी प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाई जा सकेगी.' -
रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा करते हुए कहा है कि राज्य सरकार प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गतिशील और मजबूत बनाने के लिए लॉकडाउन जैसे संकट के समय में श्रमिकों को मनरेगा, आदिवासियों को लघु वनोपज संग्रहण तथा किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से उनकी जेब में पैसा डालने का काम कर रही है। हमारा प्रदेश धीरे धीरे सामान्य कामकाज की ओर अग्रसर हो रहा हैं। कल की कैबिनेट की बैठक में ऐसे कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये हैं जो राज्य में आर्थिक गतिविधियों को और तेज करेंगे।
बैठक में हमने एक निर्णय लिया जिसका क्रियान्वयन हम अपने स्वप्न दृष्टा नेता पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री राजीव गांधी जी की पुण्य तिथि के दिन 21 मई से प्रारंभ करेंगे। राजीव गांधी किसान न्याय योजना बहुत ही दूरगामी निर्णय है और छत्तीसगढ़ के किसानों को इस संकट की घड़ी में संजीवनी प्रदान करने वाला निर्णय है। पूरे देश में कहीं भी किसानों के हित में इतना महत्वपूर्ण निर्णय नहीं लिया गया है। हमने राज्य के किसानों से वादा किया था कि उन्हें उनकी उपज का पूरा दाम मिलेगा। लोगों ने इसमें कई अड़चने लगाई, अवरोध पैदा किये लेकिन हमने जो कहा था वो निभाया है।
राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत हम राज्य में फसल उत्पादन को प्रोत्साहित करने और कृषि आदान सहायता हेतु खरीफ 2019 में पंजीकृत एवं उपार्जित रकबे के आधार पर धान, मक्का और गन्ना फसल के लिए 10 हजार रूपये प्रति एकड़ की दर से डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से अनुदान राशि सीधे किसानों के खातों में ट्रांसफर करेंगे। इसके लिए हमने बजट में 5100 करोड़ रूपए का प्रावधान भी किया है। इस योजना के तहत राज्य के 18 लाख 75 हजार किसानों को लाभ मिलेगा। यहीं नही खरीफ 2020 से आगामी वर्षो में दलहन और तिलहन फसलों के पंजीकृत और अधिसूचित रकबे के आधार पर निर्धारित राशि प्रति एकड़ की दर से किसानों को आदान सहायता अनुदान के रूप में देंगे। अनुदान लेने वाला किसान यदि गत वर्ष धान की फसल लगाया हो और इस साल धान के स्थान पर योजना के तहत शामिल अन्य फसल लगाता हैं तो ऐसी स्थिति में किसानों को प्रति एकड़ अतिरिक्त सहायता दी जायेगी ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार मजदूरों, किसानों और आदिवासियों की जेब में पैसे डालने का काम कर रही है। लोगों की जेब में पैसा आने से इसका असर व्यापार और व्यवसाय पर पड़ेगा और अर्थव्यवस्था बराबर संचालित होती रहेगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने केन्द्र सरकार से मनरेगा को कृषि कार्य से जोड़ने का आग्रह किया है। मनरेगा के काम बारिश तक चलेंगे। यदि मनरेगा को कृषि से जोड़ा जाता है तो लोगों को इससे निरंतर रोजगार मिलेगा, कृषि की लागत कम होगी और कृषि उत्पादन भी बढ़ेगा। श्री बघेल ने कहा कि आम जनता, सामाजिक संगठनों और सेवा भाव से काम कर रहे अधिकारी-कर्मचारियों के सहयोग से कोविड-19 संक्रमण को रोकने में प्रदेश में काफी हदतक सफलता मिली है।
इसके साथ ही हमने उत्कृष्ठ हिन्दी एवं अंग्रेजी माध्यम के शालाओं का संचालन पंजीकृत सोसायटी के माध्यम से करने का निर्णय लिया है। लगभग 40 उत्कृष्ट शालाएं प्रारंभ की जाएंगी। विकासखण्ड मुख्यालयों में 10वीं के बाद 11वीं और 12वीं की पढ़ाई के साथ-साथ विद्यार्थियों के लिए आईटीआई का रोजगारपरक सर्टिफिकेट कोर्स आरंभ करने का निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री ने बताया कि कोरोना वायरस (कोविड-19) से बचाव के उपायों के तहत छत्तीसगढ़ राज्य में संपूर्ण लॉकडाउन के फलस्वरूप बसों के दो माह और ट्रकों के एक माह के टैक्स की राशि माफ कर दिया गया है। राज्य सरकार सभी शहरी परिवारों को दो कमरों का पक्का आवास देने के लिए 40 हजार अतिरिक्त आवास बनाएगी। इसके साथ ही अब किराएदारों को भी योजना में समाहित करते हुए न्यूनतम दर पर आवास उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है।
सीएम बघेल ने कहा कि लॉकडाउन की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए प्रदेश के सामान्य परिवारों (ए.पी.एल.) को भी रिफाइन्ड आयोडाईज्ड नमक पीडीएस की दुकानों से 10 रूपए प्रति किलो की दर से अधिकतम दो किलो नमक प्रति राशनकार्ड प्रति माह एक जून से प्रदान किया जाएगा। इससे राज्य के 9.04 लाख परिवार लाभान्वित होंगे। राज्य सरकार द्वारा जमीनों की खरीदी-बिक्री की शासकीय गाइडलाईन की दरों में 30 प्रतिशत की छूट को पूरे साल के लिए बढ़ा दिया गया है।
छत्तीसगढ़ में वर्तमान में केवल 4 एक्टिव कोरोना पाजीटिव मरीज हैं। कुल 59 पाजीटिव मरीजों में से 55 स्वस्थ होकर अपने घरों को लौट चुके हैं। कोरोना से किसी की भी मृत्यु नहीं हुई हैं। छत्तीसगढ़ में ठीक होने वाले मरीजों का प्रतिशत 93 प्रतिशत से अधिक हैं। राज्य में अभी तक कुल 27 हजार 339 सैम्पल टेस्ट किए गए हैं। राज्य में 28 हजार 759 व्यक्तियों को क्वारेंटाइन में रखा गया है। अन्य राज्यों से लौटने वाले मजदूरों के लिए गांवों में ही 16,499 क्वारेंटाइन सेंटर बनाए गए है। सीमावर्ती क्षेत्रों में कुल 623 क्वारेंटाइन सेंटर बनाये गये हैं ।
सीएम बघेल ने कहा कि राज्य सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के प्रसार की जानकारी मिलते ही बचाव की तैयारियां प्रारंभ कर दी थी। 27 जनवरी को हमने सभी जिलों में रैपिड रिस्पांस टीम गठित कर दी थी। 28 जनवरी से एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग प्रारंभ कर दी थी और एक फरवरी को पहले आइसोलेशन अस्पताल ने काम करना प्रारंभ कर दिया था। हमने स्वस्फूर्त निर्णय लेते हुए किसी भी राज्य से पहले 21 मार्च को छत्तीसगढ़ राज्य की सीमाएं सील कर दी और 22 मार्च को राज्य में लाकडाउन की घोषणा की। वर्तमान में प्रतिदिन जांच क्षमता 1200 सैंपल प्रतिदिन हो गयी हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि जब कोटा से छात्रों को लाने की बात चल रही थी तभी मैंने श्रमिकों को वापस लाने की केन्द्र सरकार से मांग की थी और कहा था कि ट्रेनों की व्यवस्था की जाए अब ट्रेनें आना शुरू हो गई है। श्रमिकों की वापसी के लिए मई का महीना काफी महत्वपूर्ण है। अगले महीने से बारिश शुरू हो जाएगी तब आने वाले श्रमिकों के क्वारेंटीन में बाहर रखने के इंतजाम में दिक्कत आएगी क्योकि संसाधन सीमित है। बाहर से आने वाले श्रमिकों की बड़ी संख्या की तुलना में स्कूलों और आंगनबाड़ियों की संख्या कम है।
लॉक-डाउन में मनरेगा के अंतर्गत ग्रामीणों को रोजगार देने में छत्तीसगढ़ अभी पूरे देश में प्रथम स्थान पर है। देशभर में मनरेगा कार्यों में लगे कुल मजदूरों में से करीब 24 फीसदी अकेले छत्तीसगढ़ से हैं। यह संख्या देश में सर्वाधिक है। प्रदेश की 9883 ग्राम पंचायतों में चल रहे विभिन्न मनरेगा कार्यों में औसतन लगभग 23 लाख मजदूूर काम कर रहे हैं। लॉकडाउन में वनोपज संग्रहण में भी छत्तीसगढ़ देश में पहले स्थान पर हैं। देश के कुल वनोपज संग्रहण का 99 प्रतिशत अकेले छत्तीसगढ़ ने ही किया हैं। श्री बघेल ने कहा कि राज्य के 56.48 लाख गरीब परिवारो को अप्रैल, मई और जून, तीन माह का राशन, प्रति परिवार एक क्विंटल पांच किलोग्राम निःशुल्क प्रदान किया गया हैं। स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई के लिए ‘पढ़ाई तुंहर दुआर‘ वेबपोर्टल प्रारंभ। अब तक 21 लाख 26 हजार छात्र और 1.88 लाख शिक्षक पंजीकृत है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य में जरूरततंद परिवारों के लिए राहत और कल्याणकारी योजनाओं के संचालन तथा सामान्य कामकाज को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा 30 हजार करोड़ की आर्थिक सहायता दी जाये। उन्होंने मंत्रिपरिषद की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि औद्योगिक नीति में इमेचवाम चवसपबल के तहत बायो एथेनॉल उत्पादन इकाईयों के लिए विशेष प्रोत्साहन पैकेज देने का निर्णय लिया गया है। छत्तीसगढ़ में धान का उत्पादन आने वाले वर्षों में बढ़ेगा। सरप्लस धान हर वर्ष बढ़ेगा। इसका उपयोग बायो एथेनॉल के उत्पादन में किया जा सकेगा।
-
नई दिल्ली : आयुष मंत्रालय और वैज्ञानिक व औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) संयुक्त तौर पर आयुष के उन चार दवाइयों पर साथ काम कर रहे हैं, जिनका इस्तेमाल कोरोना वायरस (कोविड-19) के इलाज में किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री श्रीपद वाई नाइक ने गुरुवार (14 मई) को ट्विटर पर यह जानकारी दी। उन्होंने यह भी कहा कि सभी दवाओं का ट्रायल एक सप्ताह के भीतर ही शुरू हो जाएगा।
नाइक ने ट्वीट किया, आयुष मंत्रालय और सीएसआइआर कोरोना के खिलाफ आयुष फॉर्मूले पर साथ में काम कर रहे हैं और एक सप्ताह के भीतर इसका परीक्षण शुरू हो जाएगा। इनका इस्तेमाल कोविड-19 मरीजों पर एड ऑन थेरेपी और स्टैंडर्ड केयर के तौर पर किया जाएगा। मुझे यकीन और उम्मीद है कि हमारी परंपरागत औषधीय प्रणाली इस महामारी से निकलने में रास्ता दिखाएगी। -
मुंबई : महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में एक बार फिर सैकड़ों मजदूर इकट्ठा हो गए. ये मजदूर नागपाडा के बेलासिस रोड पर जुटे थे. मजदूर चाहते हैं कि उत्तर प्रदेश के लिए तुरंत ट्रेन चलाई जाए. ये मजदूर बुधवार सुबह 10.30 बजे इकट्ठा हुए. इन्हें हटाने के लिए मुंबई पुलिस ने लाठीचार्ज का इस्तेमाल किया. हालांकि, ये मजदूर आश्वासन मिलने के बाद भी वहां से हटने को तैयार नहीं थे.
बता दें कि अप्रैल महीने में मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर भी प्रवासी मजदूरों की भारी भीड़ इकट्ठा हो गई थी. ये सभी मजदूर घर जाने के लिए स्टेशन पहुंचे थे. मजदूरों को उम्मीद थी कि लॉकडाउन खत्म हो जाएगा. उन्हें हटाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था. बांद्रा रेलवे स्टेशन पर मजदूरों के जुटने के एक दिन बाद ही दिल्ली में कश्मीरी गेट के पास यमुना नदी के किनारे भी कई मजदूर इकट्ठा हो गए थे. -
नई दिल्ली : देश में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 78 हजार को पार कर गया है. गुरुवार को जारी अपडेट के मुताबिक, अब देश में कुल 49 हजार 219 एक्टिव केस. 26 हजार 235 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 2549 लोग जान गंवा चुके हैं. बीते 24 घंटे में 3722 नए मामले सामने आए और 134 मौतें हुई हैं. साथ ही 1894 मरीज इलाज के बाद ठीक हो गए हैं. महाराष्ट्र में कोरोना का कोहराम सबसे ज्यादा है. यहां मरीजों की संख्या 26 हजार के करीब पहुंच गई है. मरने वालें लोगें की तादाद भी 975 तक जा पहुंची है. वहीं, गुजरात में कोरोना पीड़ितों का आंकड़ा 9 हजार 267 तक जा पहुंचा है, जबकि मरने वाले मरीजों की तादाद 566 है.
-
नई दिल्ली : कोरोनावायरस के बढ़ते खतरे के मद्देनजर रेलवे ने लॉकडाउन के ऐलान के बाद से ही आम लोगों के लिए सेवाएं बंद कर दी थीं। अब भी यात्रियों के सफर को सीमित रखने के लिए चुनिंदा ट्रेन ही चलाई जाएंगी। यह बात रेलवे के हालिया कदम से साफ हो गई है। रेलवे ने 30 जून तक की यात्रा के लिए बुक की गई सभी टिकट्स को कैंसल कर दिया है। सभी रद्द टिकटों के रिफंड्स 30 जून 2020 से पहले ही कर दिए जाएंगे। रेलवे के मुताबिक, इस दौरान सभी स्पेशल ट्रेनें और श्रमिक ट्रेनों का संचालन जारी रहेगा।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हफ्ते मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में साफ कर दिया था कि देश में अभी सार्वजनिक परिवहन सेवाएं सीमित स्तर पर शुरू होंगी। इसमें उन्होंने रेलवे का भी जिक्र किया था। माना जा रहा है कि जरूरतमंद यात्रियों को अभी सिर्फ स्पेशल ट्रेन के जरिए ही सफर की सुविधा दी जाएगी। -
मीडिया रिपोर्ट
देश में तेजी से फैल रहे घातक कोरोना वायरस पर काबू के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के बीच मध्य प्रदेश के सागर जिले के बांदा में जैन भिक्षु प्रमनसागर के स्वागत के लिए हजारों की संख्या में भीड़ उमड़ी। इस दौरान इन लोगों ने सोशल डिस्टनसिंग की भी जमकर धज्जियां उड़ाई। बता दें कि, यह सब तब हुआ जब भाजपा शासित राज्य ने कोरोनो वायरस से करीब 225 लोगों की मौतों हो चुकी हैं और हजारों लोग इस वायरस की चपेट में हैं। घटना से जुड़ा एक वीडियो भी सामने आया है, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो के सामने आने के बाद लोग लॉकडाउन और सोशल डिस्टनसिंग का उल्लंघन करने वाले भक्तों की जमकर आलोचना कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर नाराजगी के बाद ही स्थानीय पुलिस ने मामले की जांच शुरू करने का फैसला किया।
सोशल मीडिया पर लोगों की नाराजगी के बाद ही स्थानीय पुलिस ने मामले की जांच शुरू करने का फैसला किया। यह घटना सोमवार को हुई जब सागर जिला मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर दूर बांदा शहर पहुंचे जैन मुनियों की अगुवाई में जैन भिक्षुओं के स्वागत के लिए हजारों लोग सड़क पर उतर आए।
वायरल वीडियो में, जैन भिक्षुओं को भी फेस मास्क मिस करते हुए देखा गया था। वहीं, भीड़ में भी कई लोगों ने मास्क नहीं पहन रखा था। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रवीण भूरिया ने बुधवार को समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि उन्हें सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो से घटना के बारे में जानकारी मिली। उन्होंने कहा कि, “यह आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत जारी प्रतिबंधात्मक आदेशों के उल्लंघन का मामला प्रतीत होता है। इस मामले में बंडा थाना क्षेत्र के पुलिस अधिकारी को जांच करने का निर्देश दिया गया है।”