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नई दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम की याचिका पर उच्चतम न्यायालय 17 जनवरी को सुनवाई करेगा। चिदंबरम अदालत की रजिस्ट्री में जमा 20 करोड़ रुपये को वापस पाना चाहते हैं। अदालत में यह पैसे उन्होंने विदेश यात्रा की अनुमति पाने की शर्त पर जमा करवाए थे।
उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल जनवरी और मई में शीर्ष अदालत के महासचिव के पास कार्ति चिदंबरम को 20 करोड़ रुपये (जनवरी के लिए 10 करोड़ और मई के लिए 10 करोड़ रुपये) जमा करने के बाद विदेश यात्रा पर जाने की अनुमति दी थी। -
गैर संवैधानिक नागरिकता संशोधन कानून पर सरकार की बढती निरंकुशता पर रिहाई मंच ने दर्ज कराया अपना विरोध
लखनऊ : देश में व्यापक विरोध के बावजूद सरकार ने गैरसंवैधानिक नागरिकता संशोधन कानून पर नोटिफिकेशन लाकर साफ कर दिया है कि वह जनता की भावनाओं और संविधान की परवाह नहीं करती।नागरिकता संशोधन कानून 2019 का पूरे देश में लगातार भारी विरोध हो रहा है। इस काले कानून ने यूपी में ही तकरीबन 26 लोगों की जान ले ली है। लेकिन कल 10 जनवरी को गृह मंत्रालय ने इस काले कानून को अमल में लाने की अधिसूचना जारी कर इस बात पर मुहर लगा दी कि इस सरकार में जनता की बिल्कुल नहीं सुनी जायेगी। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में विरोध करने की आज़ादी ही छीनी जा रही है। वकील, लेखक, पत्रकार, पूर्व अधिकारियों, शिक्षकों, छात्रों, बच्चों, बूढों समेत आम लोगों पर पुलिस ने जो बर्बरता दिखायी है उससे लोकतांत्रिक देश का भ्रम टूटता नज़र आ रहा है। इतना ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सरकार द्वारा जनता पर किये जा रहे अत्याचारों की गूंज सुनाई देनी लगी है। ये दमन अंग्रेज़ी दौर की भी याद दिलाता है। शाहीन बाग, कानपुर की महिलाओं से लेकर पूरे भारत में महिलाएं जो अपना विरोध दर्ज करा रही हैं इस सरकार ने उनके विरोध को दरकिनार कर ये साबित कर दिया कि 'बेटी पढाओ-बेटी बचाओ' से लेकर 'सबका साथ सबका विकास' के नारे सिर्फ दिखावा हैं। यह सरकार तानाशाही रवैया अपनाकर इस काले कानून पर तुगलक़ी फरमान जारी कर रही है।
इतना ही नहीं गैर संवैधानिक नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देश के बहुत से सामाजिक, मानवाधिकार संगठन और राजनीतिक दलों ने माननीय उच्चतम न्यायलय में अपनी आपत्ति दर्ज कराई है जिसकी सुनवाई 22 जनवरी को होनी है। इसके बाद भी मौजूदा सरकार लगातार इस गैर संवैधानिक कानून को आगे बढ़ाती जा रही है।
विज्ञप्ति : राजीव यादव, महासचिव रिहाई मंच 9452800752 -
एजेंसीनई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने यहां शाहीन बाग में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को हटाने का अनुरोध करने वाली याचिका पर सुनवाई करने से शुक्रवार को इनकार कर दिया. याचिका में कहा गया कि प्रदर्शनकारियों की वजह से सड़कें अवरुद्ध हैं जिसके चलते डीएनडी मार्ग पर यातायात बाधित हो रहा है. हाथ से लिखे पत्र के रूप में दिए गए आवेदन का उल्लेख मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति सी. हरिशंकर की पीठ के समक्ष किया गया जिसने इस पर विचार करने से इनकार कर दिया.
तुषार सहदेव और रमन कालरा की ओर से लिखे गए पत्र में कहा गया कि दिल्ली से उत्तर प्रदेश, दिल्ली से उत्तराखंड, दिल्ली से नोएडा अस्पतालों, आश्रम और बदरपुर तक के मार्ग इस प्रदर्शन के कारण उपयोग में नहीं हैं क्योंकि शाहीन बाग के आस-पास की सड़कें अवरुद्ध हैं और वाहनों का मार्ग परिवर्तित कर डीएनडी फ्लाईओवर की तरफ कर दिया गया है. पत्र में कहा गया कि लाखों लोग सड़कें अवरुद्ध होने के कारण परेशान हैं और यह आपात स्थिति में फंसे लोगों के लिए भी एक समस्या है. आवेदन में कहा गया कि 14 दिसंबर, 2019 से शुरू हुआ प्रदर्शन कई लाख वाहनों को प्रभावित कर रहा है जिन्हें इस मार्ग से नहीं गुजरने दिया जा रहा है.
इसमें दावा किया गया कि प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर अवरोधक और सड़कों के किनारे भारी पत्थर लगा दिए हैं और पैदल यात्रियों को भी यहां से गुजरने नहीं दिया जा रहा है. याचिका में कहा गया कि प्रदर्शनकारियों ने सड़क डिवाइडरों और सड़कों पर मौजूद अन्य सार्वजनिक संपत्तियों को क्षतिग्रस्त किया जिससे सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचा है. इसमें यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया कि इन प्रदर्शनों को अधिकृत प्रदर्शन इलाकों में करने के लिए कहा जाए और वह भी बिना संपत्ति को नुकसान पहुंचाए. अदालत से अपील की गई थी कि वह लोगों के लिए मार्गों के इस्तेमाल को सुगम बनाने के लिए अवरोधकों को हटाने का निर्देश दे.
सीएए और एनआरसी के विरोध में महिलाओं एवं बच्चों समेत हजारों लोग शाहीन बाग और पास के जामिया मिल्लिया इस्लामिया में प्रदर्शन कर रहे हैं. कड़ाके की सदी और बारिश के मौसम में भी प्रदर्शनकारी सड़क पर डटे हुए हैं. शाहीन बाग में यह धरना 24 घंटे चालू रहता है. धरने में बड़ी संख्या में महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल हैं. सड़क पर ही सभी का खाना-पीना और चाय-पानी चलता रहता है. छोटे बच्चों को गर्म दूध पीने के लिए दिया जाता है. शाहीन बाग में चल रहे इस विरोध-प्रदर्शन में आस-पास के इलाके के लोगों को भारी संख्या में जामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों का समर्थन भी मिल रहा है. जामिया के प्रदर्शनकारियों का कहना है कि शाहीन बाग का प्रदर्शन कमजोर न पड़े इसलिए वह रोजाना यहां आकर कुछ देर जरूर बैठते हैं. जामिया के इन छात्र-छात्राओं में सभी वर्ग के लोग होते हैं.
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दिल्ली
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में हाल में हुई हिंसा को लेकर आज यानी शनिवार को कुलपति एम जदगीश कुमार ने छात्रों से बात की। बातचीत के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि जेएनयू के हॉस्टल में कई छात्र अवैध तरीके से रह रहे हैं। ये बाहरी भी हो सकते हैं। इसकी संभावना है कि हिंसा में इन छात्रों का हाथ हो सकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी में कुछ आंदोलनरत छात्रों ने दहशत फैलाने की कोशिश की। इस कारण से छात्रों को हॉस्टल छोड़कर जाना पड़ा। बीते कुछ समय से हमने कैंपस की सुरक्षा बढ़ा दी है।
ज्ञात हो कि दिल्ली पुलिस के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस बीच मामले की जांच कर रही एसआईटी ने 60 सदस्यों वाले एक व्हाट्सऐप ग्रुप (यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट) के 37 लोगों की पहचान कर ली है। इससे पहले शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए 9 लोगों की पहचान की बात कही गई थी जिसमें, जेएनयूएसयू प्रेसिडेंट आइशी घोष का नाम भी शामिल था। शुक्रवार को जेएनयू हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस ने नौ संदिग्धों की तस्वीर जारी करके दावा किया था कि जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष भी उनमें से एक थीं। पुलिस ने कहा कि नौ में से सात वामपंथी छात्र संगठनों से जुड़े हैं, जबकि दो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीप) से जुड़े हैं।
हमलावरों के रूप में नाम लिए जाने के बाद जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा कि मेरे पास भी सबूत हैं कि किस प्रकार मुझ पर हमला किया गया। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस के पास जो भी साक्ष्य हैं, उन्हें सार्वजनिक करना चाहिए। -
भोपाल: भाजपा नेता गोपाल भार्गव ने शुक्रवार को कहा कि ‘छपाक' फिल्म को कांग्रेस शासित राज्यों में कर मुक्त करने के बारे में दिये गये उनके बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया है. इसके साथ ही मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार द्वारा ‘छपाक' फिल्म को राजनीतिक कारणों से कर मुक्त किया गया है. ‘छपाक' फिल्म एसिड हमले से पीड़ित एक लड़की की कहानी है. मेघना गुलजार द्वारा निर्देशित यह फिल्म तब चर्चा में आयी थी जब फिल्म अभिनेत्री दीपिका पादुकोण हाल ही में जवाहर लाल नेहरू विश्वविदयालय के छात्रों से मिलने पहुंच गयी थी.
इस फिल्म को कांग्रेस शासित राज्य मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में रिलीज होने के एक दिन पहले गुरुवार 9 जनवरी को कर मुक्त घोषित किया गया है. गुरुवार रात होशंगाबाद में ‘छपाक' फिल्म को कर मुक्त करने के सवाल पर ‘‘पोर्न...' वाले विवादास्पद बयान से किनारा करते भार्गव ने कहा कि यह वैसा नही है जैसा मैं कहना चाहता था. मेरे बयान को विकृत कर इसका गलत मतलब निकाला गया. मालूम हो कि गुरुवार को नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने दीपिका पादुकोण की इस फिल्म को कर मुक्त घोषित करने के सवाल पर होशंगाबाद में पत्रकारों से कथित रूप से कहा था, ‘‘फिल्म को प्रदर्शन से पहले ही कर मुक्त कर दिया गया है. यह फिल्म स्टंट, एक्शन या कुछ भी..उसमें तो पोर्न भी होती तब भी वो कर देते यदि दीपिका होती तो.'
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीटर पर गुरुवार को इस फिल्म को प्रदेश में कर मुक्त करने की घोषणा करते हुए लिखा है कि यह फ़िल्म समाज में एसिड पीड़ित महिलाओं को लेकर एक सकारात्मक संदेश देने के साथ-साथ उस पीड़ा के साथ आत्मविश्वास, संघर्ष, उम्मीद और जीने के जज़्बे की कहानी पर आधारित है और ऐसे मामलों में समाज की सोच में बदलाव लाने के संदेश पर आधारित है. भार्गव ने कहा कि प्रदेश सरकार ने इसे (छपाक) कर मुक्त घोषित कर दिया क्योंकि इसके कलाकारों की गतिविधियां उनकी विचारधारा के अनुकूल हैं. जेएनयू अध्ययन के लिये एक स्थान है, यह बॉलीवुड फिल्मों के प्रचार के लिये नहीं है. उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘इससे पहले किसी फिल्म को प्रदेश सरकार की एक समिति कर मुक्त घोषित करती थी लेकिन ‘छपाक' के मामले में बादशाह ( मुख्यमंत्री कमलनाथ) ने स्वयं घोषणा कर दी.'
भार्गव के ‘‘पोर्न..' बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस के मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने इसे महिलाओं के प्रति अपमानजनक बताया. उन्होंने कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री कमलनाथ ने समाज में सकारात्मक संदेश देने के लिये फिल्म को कर मुक्त करने का निर्णय लिया है वहीं दूसरी ओर भार्गव का बयान हल्का और महिलाओं के प्रति अपमानजनक है. उन्होंने कहा कि यह भार्गव की महिलाओं के प्रति सोच को दर्शाता है.
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मेरठ। टीपी नगर पुलिस और एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने रोहटा रोड पर एक घर में ऑनलाइन चल हाईप्रोफाइल सेक्स रैकेट का खुलासा किया है। 10 जनवरी की देर शाम पुलिस ने छापा मारकर एक नाबालिग लड़की, दो महिलाओं, एक ग्राहक और एक दलाल को हिरासत में लिया। बता दें कि पकड़ी गई महिलाओं में से एक हरियाणवी डांसर भी है। फिलहाल एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की टीम आरोपियों से पूछताछ कर रही है।
एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के प्रभारी इंस्पेक्टर ब्रजेश कुमार ने बताया कि एक एनजीओ की शिकायत पर हरदेवनगर के एक मकान में सेक्ट रैकेट चलने की सूचना मिली थी। बता दें कि एनजीओ के अध्यक्ष की मानें तो वह पिछले 15 दिनों से मकान की रेकी कर रहे थे और पुख्ता जानकारी मिलने के बाद उन्होंने पुलिस अधिकारियों को इसकी सूचना दी। जिसके बाद ये कार्रवाई की गई।
मौके से मुजफ्फरनगर निवासी रैकेट सरगना, मेरठ निवासी एक ग्राहक सहित दो महिलाओं को गिरफ्तार किया गया। यह मकान रैकेट सरगना ने चार हजार रुपए महीने पर किराए पर ले रखा था। आरोपी ने इस धंधे में अपनी नाबालिग सौतेली बेटी और पत्नी को भी जोड़ रखा था। मौके से हरियाणवी डांसर को गिरफ्तार किया है, जो मूल रूप से मेरठ की रहने वाली है और यूट्यूब पर उसके कई वीडियो भी हैं। पुलिस ने बताया कि यहां ऑन डिमांड लड़कियां दिल्ली, मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़ आदि शहरों से बुलाई जाती थी। पसंद के हिसाब से लड़कियों के फोटो मोबाइल पर भेजे जाते थे। पसंद के हिसाब से लड़कियां यहां आती थीं। प्रति ग्राहक 25 सौ रुपए वसूले जाते थे। -
एजेंसीबांदा में आयोजित बुंदेलखंड नेशनल समिट में शरिकत करने आए एक वैज्ञानिक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है. वे होटल के अपने कमरे में मृत पाए गए हैं. बांदा में बुंदेलखंड विकास बोर्ड ने दो दिन के नेशनल समिट का आयोजन किया है. बुंदेलखंड नेशनल समिट में शिरकत करने आए 65 वर्षीय वैज्ञानिक डॉ. आर. बी. राय होटल एस. एस. रेजीडेंसी के कमरा नंबर 207 में ठहरे हुए थे. जहां उनकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. जानकारी के मुताबिक सुबह कर्मचारी उन्हें लेने होटल पहुंचे लेकिन कमरे का दरवाजा नहीं खुला. इसकी जानकारी पुलिस को दी गई. पुलिस ने आकर दरवाजा खोला तो डॉ. राय अपने कमरे के बाथरूम के दरवाजे के पास बेहोश पड़े थे.
इसके बाद उन्हें जिला अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया. डॉ. आर. बी. राय एनिमल हसबेंडरी और वेटरनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट अंडमान निकोबार के डायरेक्टर रहे हैं. पुलिस के मुताबिक होटल के कमरे से शराब की आधी खाली बोतल और दो गिलास भी बरामद किए गए हैं. कमरे को सील कर दिया गया है और पुलिस मामले की जांच में जुट गई है. घटना की जानकारी मिलते ही यूपी के कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही, प्रमुख सचिव सहित सभी अधिकारी ट्रॉमा सेंटर पहुंचे और वैज्ञानिक डॉ. आर. बी. राय को श्रद्धांजलि दी.
बता दें कि उत्तर प्रदेश के बांदा में शुक्रवार से दो दिवसीय बुंदेलखंड नेशनल समिट (Bundelkhand National Summit) का आयोजन किया गया है. इस समिट में बुंदेलखंड के विकास का खाका तैयार होगा. समिट में सरकारी अधिकारियों सहित देश भर के प्राइवेट सेक्टर के 300 दिग्गज शामिल होंगे. -
एजेंसी
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में बलात्कार के मामले में एक युवक को फंसाने के लिए मां-बेटी का कारनामा सामने आया। दोनों ने साक्ष्य के तौर पर फर्जी टीसी विवेचक को सौंप दी। खुदको नाबालिग बताया। जांच में टीसी फर्जी निकली। कुंदरकी पुलिस ने मां-बेटी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
भोली पत्नी मासूम अली निवासी ग्राम हाथीपुर चित्तू ने एसएसपी को प्रार्थना पत्र देकर शिकायत की थी। बताया था कि 27 मार्च को शकीला पत्नी रईस निवासी ग्राम हाथीपुर चित्तू थाना कुंदरकी ने पैसे के लेन-देन में हुए झगड़े में अपनी बेटी को हथियार बनाते हुए मेरे बेटे नदीम के खिलाफ बलात्कार का मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमे में नदीम को सजा दिलाने के लिए शकीला ने अपनी बेटी निशा को नाबालिग दिखाने के लिए एक स्कूल से फर्जी टीसी बनवाकर विवेचक को दे दी। टीसी पूरी तरह से फर्जी है।
एसएसपी ने मामले की जांच करवाई तो टीसी वास्तव में फर्जी निकली। जहां से टीसी जारी होने का उल्लेख किया गया था उस स्कूल ने भी फर्जी होने की पुष्टि कर दी। इसके बाद ही कुंदरकी पुलिस ने गुरुवार को शकीला व उसकी बेटी निशा पुत्री रईस व शकीला पत्नी रईस को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। एसपी देहात उदयशंकर सिंह ने बताया कि झूठे मुकदमे दर्ज कर लोगों को फंसाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। -
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट से साइरस मिस्त्री को शुक्रवार को बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने National Company Law Appellate Tribunal (NCLAT) के आदेश को चुनौती देने वाली Tata Sons Group की याचिका पर सुनवाई को हामी भर दी है।
यही वजह है कि टॉप कोर्ट ने मिस्त्री को टाटा ग्रुप के कार्यकारी चेयरमैन पद पर बहाल करने के ट्रिब्यूनल के आदेश पर रोक लगा दी है। इससे पहले, एनसीएलएटी ने उन्हें समूह के इस पद बहाल करने का आदेश दिया था।
बता दें कि टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड (TSPL) ने मिस्त्री को टीएसपीएल के कार्यकारी चेयरमैन पद पर बहाल करने के एनसीएलएटी के 18 दिसंबर के आदेश के खिलाफ SC में अपील की थी। एनसीएलएटी ने अपने आदेश में कार्यकारी चेयरमैन पद पर पर बैठाये गये एन. चंद्रशेखरन की नियुक्ति को “अवैध” ठहराया था।
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लखनऊ। बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण की फिल्म 'छपाक' आज (10 जनवरी) को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है। 'छपाक' फिल्म एसिड अटैक सर्वाइवर के ऊपर बनी है और रिलीज से पहले ही चर्चाओं में है। इसका काराण है कि JNU में हुई हिंसा के बाद दीपिका का यूनिवर्सिटी जाना। दीपिका पादुकोण के यूनिवर्सिटी जाने से इस फिल्म के समर्थन और विरोध की राजनीति ने लखनऊ का सियासी पारा भी गर्म कर दिया है। यही वजह है कि समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने पार्टी के तमाम कार्यकर्ताओं को अपील जारी की है कि वे इस फ़िल्म को जरूर देखें। साथ ही अपने कार्यकर्ताओं को 'छपाक' फिल्म दिखाने के लिए शुक्रवार को गोमतीनगर के मल्टीप्लेक्स का एक शो बुक किया है।
'छपाक' फिल्म अखिलेश यादव अपने कार्यकर्ताओं को दिखाना चाहते हैं और यही वजह है कि उन्होंने शुक्रवार को लखनऊ में एक पूरा हॉल ही बुक कर लिया। सपा ने ट्वीट करके यह जानकारी दी है। सपा नेताओं का कहना है कि अखिलेश यादव की अगुवाई में एसिड अटैक पीड़िताओं के लिए सर्वाधिक काम किया गया है। गोमतीनगर में एसिड पीड़िताओं के लिए एक कैफे की शुरुआत भी कराई थी। बता दें कि फिल्म छपाक एसिड सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल की सच्ची कहानी पर आधारित है। फिल्म में दीपिका पादुकोण ने एसिड अटैक पीड़िता की भूमिका निभाई है। फिल्म के रिव्यू काफी दमदार रहे हैं और क्रिटिक ने इसे काफी सराहा है।
लखनऊ की बात करें तो पहला शो ज़्यादातर मॉल और सिनेमाघरों में हाउसफुल हो गया है। मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष अनीस राजा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हम अपने सभी साथियों के साथ आज (शुक्रवार) को 'छपाक' फिल्म देखेंगे। ज्वलंत और सामाजिक मुद्दे से जुड़ी हुई इस फिल्म को न सिर्फ समाजवादी पार्टी के लोग देखेंगे, बल्कि इसके खिलाफ सामाजिक जंग भी लड़ेंगे। वहीं, सपा के एक अन्य नेता दीपक रंजन ने बताया कि हालांकि फिल्म काफी संवेदनशील मुद्दे से जुड़ी है, लेकिन पिछले दिनों जेएनयू में जिस तरह के हालात बने, उसके बाद इस फिल्म को लेकर और मन में बहुत कुतूहल है। पार्टी के युवा नेता मो. एबाद भी कहते हैं कि हम तमाम लोग अपने समाजवादी साथियों के साथ फिल्म को देखेंगे। -
नई दिल्ली। पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। मामले की जांच कर रही एसआईटी की टीम ने भगौड़े आरोपी ऋषिकेश देवडीकर को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया है। उसे झारखंड के धनबाद शहर से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ऋषिकेश के घर पर अन्य तथ्यों और सबूतों के लिए तलाशी कर रही है। न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने आज रिषिकेश को पेश किया जाएगा।
जानकारी के अनुसार ऋषिकेश कतरास के एक व्यवसायी प्रदीप खेमका के पेट्रोल पंप में अपनी पहचान को छिपाकर रह रहा था, लेकिन बेंगलुरू की एसआईटी टीम ने उसे छापेमारी में पकड़ लिया। बता दें कि गौरी लंकेश हत्याकांड की बेहतरीन जांच करने वाली टीम को पिछले वर्ष केंद्र सरकार ने मेडल प्रदान किया था। बेंगलुरू की एसआईटी की टीम में आईपीएस एमएन अनुचेथ, डिप्टी एसपी रंगप्पा, इंस्पेक्टर राजा शामिल हैं, जिन्हें केंद्र गृह मंत्री पदक दिया गया था। टीम को 25 लाख रुपए का सम्मान कर्नाटक सरकार ने भी दिया था और केंद्र सरकार से एसआईटी की टीम को सम्मानित करने की सिफारिश की थी। -
मीडिया रिपोर्ट
सूरत। गुजरात के सूरत में गुरुवार की सुबह बड़ा हादसा हो गया। यहां गैस सिलेंडर से भरे एक ट्रक पलट गया, जिससे ट्रक में भीषण आग लग गई। आग की चपेट में वहां से गुजर रही एक स्कूल बस भी आ गई। स्कूल बस में करीब 25 बच्चे सवार थे, जिन्हें बचा लिया गया है। बता दें कि इस हादसे में ट्रक, बस, टेम्पो और ऑटो जलकर राख हो गए। वहीं, हादसे की सूचना पर पहुंची फायर ब्रिगेड की 5 गाड़ियों ने किसी तरह से आग पर काबू पाया। हादसे में किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है।
जानकारी के मुताबिक, यह हादसा ओलपाड इलाके में हुआ है। यहां इंडियन ऑल एलपीजी सिलेंडर से भरा एक ट्रक ओलपाड इलाके से गुजर रहा था। तभी अचानक से ट्रक हादसे का शिकार हो गया। इससे उस पर लदे ट्रकों में आग लग गई और धमाके भी होने लगे। इसी बीच वहां से गुजर रही एक स्कूल बस भी आग की चपेट में आ गई।
बस पर करीब 25 बच्चे सवार थे और कड़ी मशक्कत के बाद उन्हें बस से निकाल लिया गया है। बता दें कि सिलेंडल फटने की वजह से जोरदार धमाके हुए जिसकी आवाज दूर-दूर तक सुनी गई। वहीं, सिलेंडर ब्लास्ट की सूचना पर फायर बिग्रेड की पांच गाड़ियां मौके पर पहुंच गई। काफी देर तक प्रयास करने के बाद किसी तरह से आग पर काबू पाया गया। -
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने बुधवार (8 जनवरी, 2019) को कहा कि भाजपा नेता मनोज तिवारी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव जीतने पर आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार से पांच गुना अधिक सब्सिडी देने का वादा कर जनता का माखौल उड़ाया है। तिवारी ने सोमवार को दिल्ली के निवासियों को आप सरकार से पांच गुना अधिक सब्सिडी देने का वादा किया था। तिवारी के वादे पर प्रतिक्रिया देते हुए केजरीवाल ने कहा कि उन्हें (तिवारी) भाजपा शासित प्रदेशों में सब्सिडी लागू करना चाहिए।
केजरीवाल ने तिवारी द्वारा किए गए वादे की खबर में उनको टैग करते हुए एक ट्वीट में कहा, ‘‘पांच गुना अधिक सब्सिडी। मतलब? दो सौ यूनिट की बजाय आप एक हजार यूनिट (बिजली) मुफ्त देंगे। बीस हजार लीटर की बजाय एक लाख लीटर पानी मुफ्त देंगे? ऐसे वादे कर आप जनता का मखौल उड़ा रहे हैं? दिल्ली में होने वाले चुनाव से पहले इसे भाजपा शासित किसी एक प्रदेश में लागू कीजिए?’’
सोशल मीडिया यूजर्स ने भी भाजपा नेता मजोज तिवारी के ट्वीट पर अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। ट्विटर यूजर कुलदीप कादयान लिखते हैं, ‘तिवारी जी बीजेपी तो फ्री देने के खिलाफ थी ना, अब क्या हुआ??’ डायाराम रेबारी लिखते हैं, ‘तुम लोगों का काम है झूठ बोलना और जनता को गुमराह करना। अरविंद केजरीवाल जी का काम है जनता के लिए काम करना और काम के दम पर वोट मांगना।’ एक यूजर लिखते हैं, ‘कुछ भी बोलते हो तिवारी? पहले इसे यूपी और बिहार में लागू करके दिखाओ। -
एजेंसी
मध्य प्रदेश के शाजापुर कस्बे में नागरिकता संशोधन कानून सीएए के समर्थन में बुधवार को रैली निकाली गई इसमें कुछ अज्ञात लोगों द्वारा पथराव किए जाने के बाद कस्बे में तनाव पैदा हो गया। पथराव के बाद कस्बे में दुकानदारों ने अपनी दुकानें कुछ देर के लिये बंद कर दी। राष्ट्रीय रक्षा मंच नामक संगठन ने संशोधित नागरिकता कानून के समर्थन में रैली का आयोजन किया था।
पुलिस अधीक्षक (एसपी) पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि संशोधित नागरिकता कानून के समर्थन में निकाली जा रही रैली जब कुरैशी मोहल्ला क्षेत्र में पहुंची तो कुछ अज्ञात लोगों ने इस पर पथराव कर दिया। उन्होंने कहा कि रैली के साथ चल रहे पुलिस बल ने तुरंत स्थिति पर नियंत्रण किया। बता दें कि बुधवार (8 जनवरी) दोपहर 1 बजे सीएए के समर्थन में एक रैली का आयोजन किया गया था। इसमें शहर के लगभग 40 संगठन शामिल थे। हजारों लोग बिल के समर्थन में हाथों में तिरंगा लेकर भारत माता के जयकारे लगा रहे थे।
श्रीवास्तव ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है और ऐहतियात के तौर पर क्षेत्र में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। उन्होंने कहा कि फिलहाल कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। -
हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल और गृहमंत्री अनिल विज के बीच चल रहा विवाद और बढ़ गया है। क्योंकि सीआईडी को लेकर मंत्री विज ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। मंत्री विज ने कहा कि सरकार वेबसाइट से नहीं, रूल ऑफ बिजनेस से चलती है। सीआईडी विभाग अभी भी गृह मंत्रालय के पास ही है। कैबिनेट के अनुमोदन के बाद विधानसभा में बिल पास करवाने के बाद ही सीआईडी मुख्यमंत्री के पास जा सकता है।हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने सरकारी वेबसाइट पर सीआईडी मुख्यमंत्री के पास होने की अपडेट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री चाहे तो वो सीआईडी विभाग गृहमंत्री से वापस ले सकते हैं, लेकिन वो कैबिनेट की मीटिंग के बिना नहीं हो सकता। इसलिए सीआईडी अभी तक उनके पास ही है।
विज ने कहा कि सरकारें वेबसाइटों से नहीं रूल आफ लॉ से चलती हैं। मुख्यमंत्री सुप्रीम होते हैं, चाहें तो सीआईडी उनसे वापस ले सकते हैं, लेकिन कानून के मुताबिक बिना कैबिनेट की मीटिंग में पास हुए और विधानसभा में पास किए ऐसा नहीं हो सकता और अभी तक इस मामले में कोई मीटिंग भी नहीं हुई हैं। अनिल विज ने कहा कि अफसरशाही से उनका कोई झगड़ा नहीं है। काम न करने वालों को ठीक करना मेरा धर्म और कर्म हैं और ये मैं आखिरी सांस तक करता रहूंगा ।
ये है पूरा विवाद
गौरतलब है कि हरियाणा सरकार में बीते कई दिनों से सरकार में सीआईडी विभाग को लेकर कशमकश चल रही है है। प्रदेश सरकार के अनुसार, विधानसभा ने सभी मंत्रियों के विभागों की स्थिति स्पष्ट की है। विभागों के आवंटन के मुताबिक सीआईडी मुख्यमंत्री के पास है, जबकि गृह विभाग जिम्मा कैबिनेट मंत्री अनिल विज के पास है। गृह मंत्री की कुर्सी संभालने के बाद विज सीआईडी को भी अपने अधीन ही समझते रहे, जबकि ये विभाग उनके पास था ही नहीं। गलतफहमी उस गजट नोटिफिकेशन से हुई जो मंत्रियों को विभागों के बंटवारे के समय जारी हुआ था। उसमें सीआईडी विभाग का उल्लेख स्पष्ट तौर पर नहीं था।
विज के पास गृह विभाग दिखाया गया था, इसलिए वह समझ बैठे कि सीआईडी भी गृह विभाग का ही हिस्सा है। जबकि, सीआईडी विभाग सीएम के पास था। इसे सीएम के विभागों में विधानसभा की वेबसाइट पर 12वें नंबर पर दिखाया गया है। सरकार में पिछले दिनों सीआईडी को लेकर मुख्यमंत्री और गृह मंत्री अनिल विज के बीच टंग ऑफ वॉर भी चला। विज ने सीआईडी से विधानसभा चुनाव की वह गोपनीय रिपोर्ट देने को कहा, जिसमें विधानसभा अनुसार हार-जीत का विश्लेषण किया गया हो। सीआईडी ने इसके बजाए और रिपोर्ट भेज दी, जिसे विज ने लौटा दिया और पूरी रिपोर्ट देने को कहा। -
नई दिल्ली: मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस में सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में दावा किया है कि वहां पर किसी भी लड़की की हत्या नहीं हुई है. जिनके मर्डर का शक था, वे सब बाद में जिंदा मिली हैं. कोर्ट में सीबीआई की ओर से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल पेश हुए हैं. सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि हत्या का कोई सबूत नहीं मिला है. जिनके मर्डर का शक था, वे सभी सभी 35 लड़कियों को जीवित पाया गया है. वहां से जो हड्डियां मिली हैं, जो कुछ अन्य व्यस्कों की हैं. दावा किया गया है कि सीबीआई जांच में साफ हो गया है कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में किसी भी नाबालिक की हत्या नहीं की गई है.
बता दें, सीबीआई ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय से कहा था कि मुजफ्फरपुर आश्रय गृह यौन उत्पीड़न के 17 मामलों में जांच पूरी हो गई है और जिलाधिकारियों सहित संलिप्त सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए रिपोर्ट दायर कर दी गई है. उच्चतम न्यायालय में दायर अपनी स्थिति रिपोर्ट में जांच एजेंसी ने कहा कि चार प्रारंभिक जांच में किसी आपराधिक कृत्य को साबित करने वाला साक्ष्य नहीं मिला और इसलिए कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है.
सीबीआई ने स्थिति रिपोर्ट में कहा, ‘सभी 17 आश्रय गृह मामलों में जांच पूरी हो गई है. 13 नियमित मामलों में अंतिम रिपोर्ट सक्षम अदालत को भेजी गई है. चार प्रारंभिक मामलों की जांच पूरी हो गई है और आपराधिक कृत्य को साबित करने वाले साक्ष्य नहीं मिले और इसलिए इस मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है.' इसने कहा, ‘सभी मामलों में संलिप्त सरकारी सेवकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए बिहार के मुख्य सचिव को सीबीआई की रिपोर्ट भेज दी गई है. मुजफ्फरपुर आश्रय गृह समेत सभी 17 आश्रय गृह मामलों की जांच पूरी हो गई है और सक्षम अदालत में अंतिम रिपोर्ट दायर कर दी गई है. सीबीआई रिपोर्ट के रूप में नोट को मुख्य सचिव के पास उपयुक्त कार्रवाई के लिए भेजा गया है.'
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस में सीबीआई की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट दायर करने के बाद बिहार में सियासी बयानबाजी तेज हो गई. बयानवाजी तेज हो गई है. राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने सीबीआई जांच पर सवाल खड़ा किया है. राजद की तरफ से ट्वीट कर कहा गया है कि CBI ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस को ही पूरा पलट दिया! CBI के अनुसार- किसी बच्ची की हत्या हुई ही नहीं! हत्या का कोई सबूत नहीं मिला! नरकंकाल अज्ञात वयस्कों के! अब हो गया न्याय! बजाओ ताली! समझ में आया पलटू की पलटी? केस के जांच की कमान अस्थाना के पास थी! वाह मोदीजी वाह! -
झाबुआ: मध्यप्रदेश के झाबुआ में 300 बीजेपी नेताओं के खिलाफ शहर में शांति भंग करने के आरोप में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है. इसमें रतलाम-झाबुआ सीट से सांसद गुमान सिंह डामोर भी शामिल हैं. सांसद गुमान सिंह डामोर के नेतृत्व में बीजेपी नेताओं ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के समर्थन में एक रैली निकाली.
इसी रैली में बीजेपी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भाग लिया. जानकारी के अनुसार रैली से पहले पार्टी के नेता और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में ग्रामीणों के साथ मैदान में जमा हुए. जहां पर सभी ने पहले राष्ट्रगान गाया. इसके बाद बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर के ऑफिस तक मार्च निकाला और कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.
सब डिविजनल मजिस्ट्रेट डॉ अभयसिंह खराड़ी ने कहा कि बीजेपी के नेताओं ने रैली निकालकर प्रशासनिक आदेश का उल्लंघन किया है. इस रैली में सांसद डामोर के अलावा, जिला अध्यक्ष ओमप्रकाश शर्मा, पूर्व जिला अध्यक्ष मनोहर सेठिया, पूर्व विधायक शांतिलाल बिलवाल, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष धनसिंह बारिया और अन्य पर बीजेपी नेताओं पर धारा 188 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
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नयी दिल्लीः 2012 में हुए निर्भया मामले में चारों दोषियों (अक्षय, मुकेश, विनय और पवन) के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट ने डेथ वारंट जारी कर दिया है. चारों दोषियों को 22 जनवरी की सुबह 7 बजे फांसी दी जाएगी. डेथ वारंट की याचिका पर पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था.फैसला सुनाने से पहले जज ने दोषियों से वीडियो कॉन्फेंस के जरिये बात की. जज ने दोषियों से अपनी बात रखने को कहा. दोषी अक्षय ने खुद को बेगुनाह बताया और कहा कि उसके बारे में गलत खबरें दी जा रही हैं. उसने कहा, मुझे फंसाया जा रहा है. दोषियों की दलील सुनने के दौरान जज ने कहा, कोर्ट में केवल केस से जुड़े लोग ही रहें. जज ने मीडिया को भी कोर्ट रूम से बाहर जाने को कहा.