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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
छत्तीसगढ़ में अब तक 18.09 लाख मीट्रिक टन धान की हुई खरीदी
धान खरीदी के एवज में 3.85 लाख किसानों को 3706.69 करोड़ रूपए का भुगतान
2739 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से हो रही है धान की खरीदी
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में प्रदेश के किसानों से सुगमता पूर्वक धान की खरीदी की जा रही है। छत्तीसगढ़ में धान 14 नवम्बर सें शुरू हुए धान खरीदी का सिलसिला अनवरत रूप से जारी है। राज्य में 14 नवम्बर से अब तक 18.09 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है। राज्य में अब तक 3.85 लाख किसानों ने अपना धान बेचा है। धान खरीदी के एवज में इन किसानों को बैंक लिकिंग व्यवस्था के तहत 3706 करोड़ 69 लाख रूपए का भुगतान किया गया है। धान खरीदी का यह अभियान 31 जनवरी 2025 तक चलेगी।
खाद्य विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि इस खरीफ वर्ष के लिए 27.68 लाख किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया है। इसमें 1.45 लाख नए किसान शामिल है। इस वर्ष 2739 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी अनुमानित है।
खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 29 नवम्बर को 46345 किसानों से 2.12 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी की गई है। इसके लिए 54805 टोकन जारी किए गए थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने जारी किया आदेश, ग्रामीण और शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों तथा जिला अस्पतालों को मिले नए चिकित्सा अधिकारी व विशेषज्ञ चिकित्सक
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने व स्वास्थ्य सेवाओं की प्रदायगी हेतु पर्याप्त मानव संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत संविदा पदों पर विशेषज्ञ चिकित्सकों व चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति की गई है।
स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में 09 विशेषज्ञ चिकित्सकों (संविदा) के साथ बस्तर संभाग के शासकीय अस्पतालों में 10 चिकित्सा अधिकारियों (संविदा) की नियुक्ति की गई है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, छत्तीसगढ़ द्वारा आज इन नवीन संविदा चिकित्सा अधिकारियों और संविदा विशेषज्ञ चिकित्सकों की पदस्थापना के आदेश जारी किए गए हैं। इन डॉक्टरों को संबंधित जिले के विभिन्न ग्रामीण और शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों तथा जिला चिकित्सालयों में पदस्थ किया गया है। नवीन संविदा चिकित्सा अधिकारी व विशेषज्ञ चिकित्सकों की पदस्थापना से त्वरित इलाज में तेजी आएगी और चिकित्सा सुविधाओं को बढ़ावा मिलेगा।
विशेषज्ञ चिकित्सकों (संविदा) के जारी आदेश में डॉ. रमन जोगी को जिला अस्पताल बिलासपुर, डॉ. योगेश कुमार शर्मा जिला अस्पताल दुर्ग, डॉ आकांक्षा गुप्ता जिला अस्पताल जांजगीर चांपा, डॉ नवनीत सिंह ठाकुर जिला अस्पताल (एसएनसीयू) कबीरधाम, डॉ. भावना चौरे जिला अस्पताल खैरागढ़-गंडई-छुईखदान, डॉ नीरज कुमार जिला अस्पताल मुंगेली, डॉ अनिल खापर्डे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चिरमिरी, डॉ उमा खापर्डे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चिरमिरी, डॉ राजभान प्रजापति जिला अस्पताल सूरजपुर में पदस्थापना की गई है। इसके साथ ही बस्तर संभाग हेतु चिकित्सा अधिकारी (संविदा) के जारी आदेश में डॉ आरूषि शर्मा, डॉ. अंकित सिंह राजपूत, डॉ, भुनेश्वर नेताम, डॉ शिवानी कोर्राम, डॉ, सुब्रत मल्लिक, डॉ. आकांक्षा दारियो, डॉ. रोहिणी राणा, डॉ. यामिनी कांगे, डॉ. अनिल कुमार पटेल व डॉ कुनाल सिंह साहू को बस्तर संभाग के विभिन्न जिलों में पदस्थ किया गया है। -
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500 मुर्गियों से कमा रही सालाना लाख रूपये से अधिक
कमाई से खरीदी गाड़ी, बच्चों को पढ़ा रहीं, अब हजार मुर्गियों की फार्म बनाने की कर रहीं तैयारी
रायपुर : कभी आम गृहिणी थी नागेश्वरी, लेकिन आज है लखपति दीदी। ग्राम कठिया की रहने वाली श्रीमती नागेश्वरी वर्मा आज से 5 साल पहले सामान्य गृहिणी थी। जो घर के चूल्हा-चौके तक ही सीमित थी, लेकिन आज वह अपने पैरों पर खड़ी और घर गृहस्थी संभालने के साथ ही सालाना डेढ़ से दो लाख रूपये कमा रही है वह भी मुर्गीपालन जैसे व्यवसाय से। नागेश्वरी के बच्चे अच्छी शिक्षा प्राप्त कर रहें है और वह अपने दम पर एक हजार मुर्गियों को पालने की तैयारी भी कर रही है। आज नागेश्वरी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का बार बार धन्यवाद देते हुए कह रही है कि आज जो भी कुछ हूं उन्ही के बदौलत हूं। मुझ जैसी अन्य महिलाएं भी इस योजना से आत्मनिर्भर हुई हैैं।
श्रीमती वर्मा बताती हैं कि कुछ वर्ष पहले बिहान के सहयोग से करीब डेढ़ लाख रूपए लोन प्राप्त की। इसके बाद मुर्गीपालन का व्यवसाय शुरू की। मनरेगा से उन्हें मुर्गी शेड की सहायता मिली। शुरूआत में कम संख्या में मुर्गीपालन किया फिर धीरे-धीरे मुनाफा देखते हुए आज 500 मुर्गियों तक पहुंच गई। इन मुर्गियों को आस-पास के बड़े पोल्ट्री फार्म वालों को बेंचना शुरू किया था, अब वो खुद आकर ले कर जाते है।
श्रीमती वर्मा बताती है कि मुर्गीपालन व्यवसाय में अच्छी सफलता मिलने की विगत पांच वर्षों में अच्छी आय होने पर नया घर बनाया, दुपहिया वाहन खरीदी अब अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे रही हूं, बेटा बीबीए कर रहा है और बेटी की अच्छी करियर का भी प्लान कर रही हूं। इस प्रकार उनके घर में मां लक्ष्मी के साथ-साथ मां सरस्वती की कृपा भी बनी हुई है। -
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तिलहन फसलों को मिलेगा बढ़ावा : तिलहन उत्पादक कृषकों को मिलेगा लाभ
रायपुर : कृषक समग्र विकास योजना के तहत अक्ती बीज संवर्धन योजना के अंतर्गत तिलहन फसलों के बीज उत्पादन एवं वितरण पर अनुदान में वृद्धि के प्रस्ताव को वित्त विभाग ने मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की पहल पर तिलहनी फसलों के लिए बीज उत्पादन और वितरण अनुदान को प्रति क्विंटल 1000 रुपये से बढ़ाकर 1500 रुपये करने की स्वीकृति दी गई है। इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने से विशेष रूप से तिलहन उत्पादक किसानों को लाभ होगा।उल्लेखनीय है कि अक्ती बीज संवर्धन योजना की शुरुआत से अब तक बीज उत्पादन और वितरण अनुदान में कोई वृद्धि नहीं की गई थी। अब तिलहन फसलों के बीज उत्पादन एवं वितरण पर प्रति क्विंटल 500 रुपये का अतिरिक्त अनुदान मिलेगा, जो किसानों को बीज की गुणवत्ता सुधारने और उत्पादन में वृद्धि करने में मदद करेगा।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की इस पहल का उद्देश्य किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के साथ-साथ तिलहन फसलों की खेती को बढ़ावा है। इस वृद्धि से किसान तिलहन फसलों की कृषि के लिए प्रोत्साहित होंगे और तिलहन की अधिक उपज सुनिश्चित करने के लिए बेहतर बीज का भी इस्तेमाल करेंगे। इस पहल से तिलहन फसलों की उत्पादकता बढ़ने के साथ ही किसानों की आय में भी बढ़ोतरी होगी। -
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बैगा, बिरहोर विशेष पिछड़ी जनजाति के लिए बनी वरदान
पहुंचविहीन इलाकों में सरपट पहुंच रही बाईक एम्बुलेंस
अब तक चार हजार से ज्यादा लोगों को मिला फायदा
रायपुर : बिलासपुर जिले के कोटा के सुदूर वनांचलों में बसे गांवों में वो दिन लद गए जब अस्पताल तक न पहुँच पाने की वजह से किसी को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया न हो पाए। अब मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं से ग्रामीणों को त्वरित स्वास्थ्य सेवा मिल पा रही है। सुदूर एवं पहुंचविहीन गांवों में जहां एंबुलेंस तक का पहुंच पाना संभव नहीं है वहां के जंगल से लगे गांवों की सड़कों पर अब बाईक एंबुलेंस सरपट दौड़ रही है। वनांचल के गांवों में रहने वाले बैगा, बिरहोर आदिवासियों के लिए बाईक एंबुलेंस वरदान साबित हो रही है। चार बाईक एम्बुलेंस के जरिए 4089 मरीजों को अब तक अस्पताल ले जाया गया है।
मौसम कोई भी हो चाहे गर्मी, बरसात या सर्दी सभी मौसम में बाईक एम्बुलेंस की सुविधा चौबीसों घंटे आदिवासियों को मिल रही है। कोटा ब्लॉक के एक बड़े हिस्से में विषम भौगोलिक परिस्थिति के चलते सड़क मार्ग से पहुच पाना संभव नहीं होता है। ग्रामीणों को आपातकाल स्थिति में घर से अस्पताल आने-जाने के लिए बाईक एम्बुलेंस निःशुल्क परिवहन का एक अच्छा माध्यम बन गया है। संगवारी एक्सप्रेस बाईक में बनाई गई एक मिनी एम्बुलेंस की तरह है, जिसमें एक मरीज को बिना असुविधा के अस्पताल तक पहुचाँया जा सकता है। यह बिल्कुल निःशुल्क सुविधा है। कोटा ब्लॉक के सुदूर वनांचलों में रहने वाली गर्भवती महिलाओं सहित अन्य लोगों के लिए बाईक एम्बुलेंस संजीवनी साबित हो रही है।विकासखंड कोटा में बाईक एम्बुलेंस की सुविधा मार्च महीने से शुरू होने से अब तक 4089 मरीजों को इसका सीधा लाभ मिला है। इसमें सभी वर्ग के मरीज शामिल है। शिवतराई पीएचसी में 1108 कुरदर में 850, केंदा 1310, आमागोहन 821 मरीजों को बाईक एम्बुलेंस की सुविधा मिली है।
बाईक एम्बुलेंस गर्भवती महिलाओं के नियमित स्वास्थ्य परीक्षण, बच्चों के टीकाकरण एवं मौसमी बीमारियों के उपचार के लिए भी उपयोग में लाया जा रहा है। बाईक एंबुलेंस के जरिये वनांचल क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव के लिए केन्द्र तक लाया जाता है और शिशुवती माताओं को प्रसव के बाद सुरक्षित घर भी पहुचाँया जाता है। ग्रामीण इस सुविधा के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद देते हुए कहते है की जहां वे पहले इलाज के लिए कई मीलों दूर पैदल चल कर अनेक कठिनाईयों का सामना कर अस्पताल पहुंचते थे, वहीं आज बाईक एंबुलेंस की सुविधा मिलने से अब कठिनाईयां उनके आड़े नहीं आ पाती है और मरीजों को बिना देरी के तुरंत अस्पताल पहुंचाया जा रहा है।मंजगवा की श्रीमती मनीषा को बाईक एम्बुलेंस के जरिए प्रसव के लिए केंदा अस्पताल लाया गया था, वे कहती हैं कि इस सुविधा के चलते ही मैं और मेरा बच्चा भी पूरी तरह स्वस्थ है। छतौना की 35 वर्षीय श्रीमती मंदाकनी को भी बाईक एम्बुलेंस के जरिए केंदा अस्पताल लाया गया था, उन्होंने इस सुविधा के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का आभार जताते हुए कहा की यह सुविधा आदिवासियों के लिए जीवनदायिनी साबित हो रही है। -
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विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा आदिवासी बहुल दूरस्थ गांव में अब हर घर में पहुंच रहा नल से पेयजल
रायपुर : कई बरस बाद पचराही गांव एक बार फिर सुर्खियों में है। सालों पहले यहां पुरातात्विक खुदाई में मिले 16वीं शताब्दी के सिक्कों और औजारों की वजह से पूरे देश में यह गांव चर्चा में आया था। पचराही इस बार भी एक अच्छे कारण से चर्चा में है।
पचराही के रहवासियों, खासकर महिलाओं के चेहरे खुशी से दमक रहे हैं। विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा आदिवासियों की बहुलता वाले इस दूरस्थ गांव में अब हर घर में नल से पेयजल पहुंच रहा है। पेयजल और परिवार की अन्य जरूरतों के लिए पानी इकट्ठा करने रोज जूझने वाली महिलाएं अब सुकून से हैं। घर के आंगन तक पहुंचे नल से पूरे परिवार की जरूरतों के लिए भरपूर पानी आ रहा है। इसने गांव की महिलाओं के जीवन में बड़ा बदलाव ला दिया है। हर घर स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल ने गांववालों को गंदे पानी से होने वाली सेहत के खतरों से भी चिंतामुक्त कर दिया है।
कबीरधाम जिला मुख्यालय कवर्धा से 35 किलोमीटर दूर बोड़ला विकासखंड के पचराही में जल जीवन मिशन ने खुशियों की नई इबारत लिखी है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने 68 लाख रुपए की लागत से यहां जल आपूर्ति की व्यवस्था तैयार की है, जिससे गांव के 72 परिवारों को उनके घर पर ही पेयजल मिल रहा है। अब यहां की महिलाओं को पानी के लिए सवेरे से ही नहीं जूझना पड़ता। पहले महिलाओं को रोज दूर-दराज के जल स्रोतों से पानी लाने में कड़ी मेहनत करनी पड़ती थी। पर अब घर पर ही स्वच्छ जल की उपलब्धता ने उनके जीवन को सरल और आरामदायक बना दिया है। घर पर ही पानी मिलने से इसके लिए रोजाना लगने वाले समय और श्रम की बचत हो रही है। इससे उन्हें अपनी आजीविका, बच्चों की परवरिश और घर के दूसरे कामों के लिए ज्यादा समय मिल रहा है।
जल जीवन मिशन से पचराही के सभी लोगों को स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल मिल रहा है। नल जल योजना के पहले यहां के लोग पेयजल के लिए हैंडपंप तथा नदी-नालों पर आश्रित थे। यहां भू-जल में लौह तत्व की अधिकता के कारण पेयजल की समस्या बनी रहती थी। पर अब नल जल योजना ने पेयजल संबंधी सभी समस्याओं का निराकरण कर दिया है। अब हर घर में स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल पहुंच रहा है। जंगलों के बीच बसे करीब 300 की आबादी वाले ग्राम पंचायत बोदा-3 के आश्रित गांव पचराही में सोलर पंप के माध्यम से पेयजल योजना संचालित की जा रही है।
कबीरधाम के 85 गांवों में सभी घरों में मिल रहा नल से जल
जल जीवन मिशन के तहत कबीरधाम जिले के 85 गांवों में सभी घरों में नल से पेयजल की आपूर्ति हो रही है। मिशन के तहत जिले के कुल 958 गांवों में हर घर नल से जल पहुंचाया जाएगा। इनमें से 205 गांवों में काम लगभग पूर्ण कर लिया गया है। शेष गांवों में भी काम तेजी से जारी है जिन्हें मार्च-2025 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। वनांचलों और दूरस्थ क्षेत्रों की छोटी एवं बिरल बसाहटों तक सोलर पंपों के माध्यम से जलापूर्ति के काम प्राथमिकता से पूरे किए जा रहे हैं।
भू-जल स्रोतों में समस्या वाले गांवों के लिए मल्टी-विलेज योजनाएं
भू-जल स्रोतों में समस्या वाले कबीरधाम जिले के दो क्षेत्रों में मल्टी-विलेज योजना के माध्यम से नदी का पानी पहुंचाने का काम भी प्रगति पर है। रेंगाखार मल्टी-विलेज योजना से भू-जल में आयरन की अधिकता वाले 15 गांवों में पेयजल की आपूर्ति की जाएगी। इसके लिए बहेराखार जलाशय का पानी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के जरिए शुद्ध कर आपूर्ति के लिए गांवों में बनी टंकियों में पहुंचाया जाएगा। वहीं धमकी बमनी मल्टी-विलेज योजना से भू-जल स्तर के ज्यादा नीचे चले जाने से प्रभावित 16 गांवों में सरोधा जलाशय का पानी पेयजल के लिए पहुंचाया जाएगा। -
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जनजातीय समुदायों के समग्र विकास के लिए छत्तीसगढ़ में अनेक योजनाएं हैं संचालित
मुख्यमंत्री ने जनजातीय अस्मिता, अस्तित्व और विकास विषय पर आयोजित संगोष्ठी को किया संबोधित
रायपुर : जनजातीय समाज का इतिहास धरती पर मनुष्य के पहले पदचाप के साथ जुड़ा हुआ है। जनजातीय संस्कृति ने भगवान श्रीराम को अपने हृदय में बसा रखा है। भगवान राम ने छत्तीसगढ़ में ही वनवास बिताया, यहीं पर उन्होंने माता शबरी के जूठे बेर खाए। जनजातीय अस्मिता का प्रश्न भारत की सनातन परंपरा की अस्मिता से जुड़ा हुआ प्रश्न है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में जनजातीय अस्मिता, अस्तित्व और विकास विषय पर आयोजित एक दिवसीय संगोष्ठी को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि आज हमें जनजातीय समुदायों की अस्मिता और विरासत के प्रति संवेदनशील यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का नेतृत्व मिला है। आज जनजातीय समुदाय की हमारी बहन श्रीमती द्रौपदी मुर्मु भारत के सर्वाेच्च पद पर आसीन हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि जनजाति समाज सांस्कृतिक रूप से समृद्ध समाज है। यह समाज कुप्रथाओं का मुखर विरोध करता है। भारत की संस्कृति और देश की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए जनजातीय जननायकों के योगदान को याद करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर पूरे देश में 13 से 15 नवम्बर तक जनजातीय गौरव दिवस मनाया गया। मुख्यमंत्री ने जनजातीय समाज की परंपराओं, संस्कृति रीति-रिवाज, तीज-त्यौहार और शासन द्वारा जनजातीय उत्थान के लिए शासन द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि 13 नवंबर को जशपुर जिले में आयोजित पदयात्रा इतनी सफल रही कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इसकी खुलकर तारीफ की और ऐसे आयोजनों को जनजातीय समाज के विकास और उत्थान में महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर हुए राष्ट्रीय आयोजन ने अन्य प्रांतों से आए आदिवासी समुदाय को एक दूसरे की संस्कृति को जानने-समझने का सुंदर अवसर दिया। श्री साय ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल जी ने अपने कार्यकाल के दौरान सबसे पहले पृथक जनजातीय कल्याण मंत्रालय बनाया और आदिवासियों के विकास के लिए एक मजबूत नींव रखी।उन्होंने कहा कि हम मैदानी और जनजातीय क्षेत्रों में अवसरों की समानता स्थापित करने के लिए अपनी योजनाएं और नीतियां बना रहे हैं ताकि छत्तीसगढ़ के प्रत्येक समुदाय के पास विकास के समान अवसर हों और जनजातीय समाज अपनी प्राकृतिक और भौगोलिक जटिलताओं पर जीत हासिल करते हुए समग्र भारत के विकास की मुख्य धारा में शामिल हो सकें। जब हम जनजातीय समुदायों की अस्मिता की रक्षा करेंगे, उनकी संस्कृति का संरक्षण और संवर्धन करेंगे, उनके इतिहास और उनके नायकों का गौरवगान करेंगे तो निश्चित रूप से मां भारती का यश बढ़ेगा, उसका गौरव गान होगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि भारत के जनजातीय समुदायों के समग्र विकास के लिए मोदी जी पीएम जनमन योजना और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान जैसी योजनाएं चला रहे हैं। ये योजनाएं जनजातीय समुदायों के जीवन में परिवर्तन लाने के लिए क्रांतिकारी योजनाएं साबित हो रही है। इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना जैसी अनेक योजनाओं से जनजातीय समुदायों को बड़ा संबल मिला है। पिछले 11 महीने में छत्तीसगढ़ सरकार ने बस्तर अंचल में शांति स्थापित करने के लिए तेजी से अपने कदम बढ़ाए हैं। नियद नेल्ला नार योजना के माध्यम से शासन की योजनाओं को दूरस्थ अंचलों तक पहुंचाने की अनूठी पहल की गई है। बस्तर अंचल में सुरक्षाबलों के 34 नए कैंप खोले गए हैं और लगभग 96 गांवों में शासकीय योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को मिल रहा है।
वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा कि जनजातीय महानायकों के गौरवशाली इतिहास की जानकारी आने वाली पीढ़ी को हो इसलिए ऐसे आयोजन आवश्यक हैं। यह हमारी जिम्मेदारी है कि उनके मूल्यों को अगली पीढ़ी तक ले जाएं। उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज ने सदैव प्रकृति के संरक्षण की दिशा में कार्य किया है।
संगोष्ठी के मुख्य वक्ता श्री अतुल जोग ने कहा कि बिना स्वार्थ के जनजातीय समाज ने मानव सेवा का काम किया है। इसका सुंदर उदाहरण पद्म पुरस्कारों की घोषणाओं में भी देखने को भी मिला, जिसमें बड़ी संख्या में जनजातीय समुदाय के लोग शामिल रहे हैं।
संगोष्ठी को श्री पवन साय और श्री अनुराग जैन ने भी संबोधित किया। उच्च शिक्षा विभाग के सचिव श्री प्रसन्ना आर. ने इस अवसर पर छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जनजातीय समुदाय के विद्यार्थियों के लिए चलाई जा रही योजनाओं के बारे में जानकारी दी। -
मुंबई : मुंबई में एक 77 साल की महिला के साथ साइबर ठगी का चौंकाने वाला मामला सामने आया है. ठगों ने खुद को कानून प्रवर्तन अधिकारी (law enforcement officials) बताकर महिला को डिजिटल अरेस्ट कर लिया था. उसे डर दिखाकर 3.80 करोड़ रुपये ठग लिए. इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ, जब महिला ने विदेश में रह रही अपनी बेटी को कॉल किया. मुंबई पुलिस इस पूरे मामले की जांच में जुटी है.
एजेंसी के अनुसार, बीते महीने महिला के पास एक अज्ञात व्यक्ति ने वॉट्सएप कॉल किया था. कॉल करने वाले ने कहा था कि महिला द्वारा ताइवान भेजे गए एक पार्सल में प्रतिबंधित एमडीएमए ड्रग्स, पांच पासपोर्ट, एक बैंक कार्ड और कपड़े मिले हैं. महिला ने कहा कि उसने कोई पार्सल नहीं भेजा है तो कॉलर ने कहा कि इस काम में तुम्हारे आधार कार्ड का इस्तेमाल हुआ है.
इसी बीच कॉल करने वाला कहता है कि उन्हें एक मुंबई पुलिस के अधिकारी से जोड़ा जा रहा है. इसके बाद कॉल करने वाला किसी से कनेक्ट कर देता है, जो दिखने में पुलिस वाला लगता है. वो पुलिस वाला महिला से कहता है कि आपका आधार कार्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़ा है. इसी के साथ महिला को स्काइप ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा जाता है. इसी के साथ कहा गया कि कॉल को डिस्कनेक्ट न करें और न ही इस मामले को किसी के साथ शेयर करें.
जो ये सब निर्देश महिला को दे रहा था, उसने खुद को आईपीएस अधिकारी बताया था. उसने महिला से बैंक खाते की डिटेल मांगी. इस दौरान एक और ठग जुड़ता है, जिसने खुद को वित्त विभाग का अधिकारी बताता है. वह महिला को कुछ अकाउंट नंबर देता है और उनमें पैसे ट्रांसफर करने को कहता है, साथ ही ये भी कहता है कि पैसे जांच पूरी होने के बाद लौटा दिए जाएंगे.
महिला का भरोसा हासिल करने के लिए ठग रुपये ट्रांसफर कराते हैं, फिर उनमें से 15 लाख रुपये वापस भी कर देते हैं. इसके बाद वे महिला से उनके पति के जॉइंट अकाउंट से सभी पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहते हैं. महिला छह अलग-अलग खातों में कई ट्रांजेक्शन के जरिए 3.80 करोड़ रुपये भेज देती है.
इसके बाद जब काफी समय बीतने के बाद भी पैसे वापस नहीं आते हैं और ठग टैक्स के नाम पर और पैसे मांगते हैं तो महिला को संदेह होने लगता है. इस महिला विदेश में रह रही अपनी बेटी को कॉल करती है. बेटी जैसे ही मां की बात सुनती है तो तुरंत कहती है कि उनके साथ फ्रॉड हुआ है. इसके बाद महिला साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल कर जानकारी देती है. महिला की शिकायत के बाद तुरंत उन छह बैंक खातों को फ्रीज कर दिया जाता है, जिनमें पैसे ट्रांसफर किए गए थे. मुंबई पुलिस की अपराध शाखा अब इस मामले की जांच कर रही है.(एजेंसी) -
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बारनवापारा वनक्षेत्र से रेस्क्यू बाघ को आज वन विभाग ने तमोर पिंगला टायगर रिजर्व में छोड़ा
रायपुर : कसडोल नगर के पारस नगर सेक्टर से रेस्क्यू किए गए नर बाघ की दहाड़ अब गुरू घासीदास-तमोर पिंगला टायगर रिजर्व में गूंजेगी। वन विभाग के अधिकारियों द्वारा रेस्क्यू बाघ किए गए इस बाघ को आज सुरक्षित तरीके से गुरूघासीदास-तमोर पिंगला टायगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में छोड़ दिया गया। गुरू घासीदास तमोर पिंगला छत्तीसगढ़ का नया टायगर रिजर्व है।
उल्लेखनीय है कि बलौदाबाजार वनमंडल के कसडोल तहसील में बीते 8 माह से बारनवापारा वन क्षेत्र में विचरण कर रहे एक नर बाघ के कसडोल तहसील के ग्राम कोट पहुंच जाने की सूचना वन विभाग को मिली थी। वन विभाग का अमला आवश्यक रेस्क्यू सामग्री तथा वन्यप्राणी चिकित्सा अधिकारियों सहित मौके पर तत्काल पहुंचकर कसडोल नगर के पारस नगर सेक्टर से उक्त बाघ को रेस्क्यू किया था। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) के निर्देश पर उक्त नर बाघ को आज प्रातः 8 बजे नवगठित गुरू घासीदास-तमोर पिंगला टायगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में सुरक्षित रूप से छोड़ दिया गया।यहाँ देखें विडियो :-
इस अवसर पर मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) एवं क्षेत्र संचालक उदंती सीतानदी टायगर रिजर्व रायपुर, वन संरक्षक (वन्यप्राणी) क्षेत्र संचालक, एलीफेंट रिजर्व सरगुजा, संचालक गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान बैकुण्ठपुर, उप निदेशक एलीफेंट रिजर्व सरगुजा, कानन पेंडारी-जू के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. पी. के चंदन, गुरु घासीदास तमोर पिंगला टायगर रिजर्व के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अजीत पाण्डेय, सहायक संचालक गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान बैकुण्ठपुर, अधीक्षक तमोर पिंगला अभ्यारण्य, अधीक्षक सेमरसोत अभ्यारण्य, क्षेत्रीय अधिकारी-कर्मचारी एवं छत्तीसगढ़ राज्य वन्यजीव बोर्ड के सदस्य श्री गौरव निहलानी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि यह हर्ष का विषय है कि वन विभाग के अधिकारियों द्वारा रेस्क्यू किए गए बाघ को आज सुरक्षित तरीके से गुरूघासीदास-तमोर पिंगला टायगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में छोड़ दिया गया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में बाघों के संरक्षण और संवर्धन के लिए ही भारत सरकार की ओर से ‘गुरू घासीदास-तमोर पिंगला टायगर रिजर्व‘ के रूप में एक नया टायगर रिजर्व घोषित किया गया है। उन्होंने कहा कि टायगर रिजर्व देश का 56वां टायगर रिजर्व है।छत्तीसगढ़ सरकार ने राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की सलाह पर छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, कोरिया, सूरजपुर और बलरामपुर जिलों में गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व को अधिसूचित किया। कुल 2829.38 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले इस बाघ अभयारण्य में 2049.2 वर्ग किलोमीटर का कोर/ क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट शामिल है, जिसमें गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और तमोर पिंगला वन्यजीव अभयारण्य शामिल हैं। आंध्र प्रदेश के नागार्जुनसागर-श्रीशैलम टाइगर रिजर्व और असम के मानस टाइगर रिजर्व के बाद देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है। -
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उपार्जन केंद्र में मौके पर ही मिल गई राशि: माइक्रोएटीएम से मिली सुविधा
धान खरीदी केन्द्रों में किसानों ने अब तक माइक्रो एटीएम से निकाले 2.21 करोड़ रूपए
रायपुर : कांकेर जिले के दुर्गूकोंदल विकासखंड के ग्राम कोदापाखा में स्थित धान उपार्जन केंद्र में किसानों को धान बेचने के बाद मौके पर ही नकद राशि का भुगतान माइक्रो एटीएम के जरिए किया जा रहा है। इस सुविधा से स्थानीय किसानों को अब 10-12 किलोमीटर ब्लॉक मुख्यालय दुर्गूकोंदल जाना नहीं पड़ रहा है। कोदापाखा केंद्र में धान बेचने के बाद ग्राम बंगाचार से आए किसान श्री मिलाप राम पटेल ने यहां उपलब्ध माइक्रो एटीएम का उपयोग किया और एक हजार रुपए निकाले। उन्होंने बताया कि माइक्रो एटीएम का उपयोग बहुत ही आसान है। आधार नंबर और फिंगर प्रिंट के माध्यम से नगद राशि प्राप्त की जा सकती है। किसान श्री पटेल ने कहा कि शासन द्वारा धान खरीदी केंद्रों में दी जा रही यह सुविधा वरदान साबित हुई है। उन्होंने प्रदेश सरकार की इस नवाचारी पहल के लिए आभार व्यक्त किया।
उल्लेखनीय है कि किसानों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य शासन द्वारा धान उपार्जन केंद्रों में ही अनेक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। उनमें से एक है- धान खरीदी केंद्रों में माइक्रो एटीएम की सुविधा। छत्तीसगढ़ के दूरस्थ अंचलों में स्थित धान खरीदी केंद्रों में भी किसानों को त्वरित नकदी प्रदाय करने के उद्देश्य से माइक्रो एटीएम मशीन उपलब्ध कराई गई है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देश पर किसानों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए सभी 2058 सहकारी समितियों में माइक्रो एटीएम की सुविधा दी जा रही है। धान बेचने केन्द्रों में पहुंचे किसान अब वहां माइक्रो एटीएम से दो हजार रूपए से लेकर दस हजार रूपए तक की राशि निकाल रहे हैं। किसानों ने अब तक माइक्रो एटीएम के जरिए लगभग 2.21 करोड़ रूपए की राशि निकाली है। किसानों के लिए माइक्रो एटीएम के जरिए पैसा जमा करने व पैसा ट्रांसफर करने की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। मुख्यमंत्री श्री साय द्वारा दी गई इस सुविधा से किसानों को बड़ी राहत मिल रही है, इससे किसानों को तत्काल राशि की जरूरत पूरी हो रही है।
अपेक्स बैंक के अधिकारियों ने बताया कि 1 नवम्बर से 30 नवम्बर के मध्य किसानों ने अपेक्स बैंक से जुड़े समितियों से 4.59 लाख, रायपुर जिला सहकारी बैंक से 83.87 लाख, दुर्ग जिला सहकारी बैंक से 44.12 लाख, राजनांदगांव जिला सहकारी बैंक से 15.28 लाख, बस्तर (जगदलपुर) जिला सहकारी बैंक से 3.27 लाख, बिलासपुर जिला सहकारी बैंक से 68.83 लाख, सरगुजा(अंबिकापुर) जिला सहकारी बैंक से 0.80 लाख रूपए निकाली गई है।
उल्लेखनीय है कि राज्य में 14 नवम्बर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की जा रही है। शासन द्वारा किसानों को उनके द्वारा बेचे गए धान के एवज में 72 घंटे के भीतर उनके बैंक खातों में भुगतान की व्यवस्था भी शासन ने सुनिश्चित की है। परन्तु किसानों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ने 10 हजार रूपए तक की राशि माइक्रो एटीएम से तुरन्त प्रदान किए जाने की सुविधा दी है। किसानों को धान बेचने के लिए उपार्जन केन्द्र तक उसके परिवहन के लिए किराए पर लिए गए ट्रैक्टर, मेटाडोर आदि का भाड़ा और हमाली-मजदूरी का भुगतान करने के लिए अब न तो किसी से राशि उधार लेने की जरूरत होगी, न ही बैंक का चक्कर लगाना होगा। -
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उप मुख्यमंत्री संविधान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में हुए शामिल, ‘सीजी लर्न’ का लोगो किया लॉन्च
रायपुर : उप मुख्यमंत्री तथा विधि एवं विधाई कार्य मंत्री श्री अरुण साव संविधान दिवस पर नवा रायपुर स्थित हिदायतुल्ला राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (एचएनएलयू) में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों और विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के संविधान में प्रत्येक नागरिक को बराबर अधिकार दिए गए हैं। हमारा संविधान किसी ग्रन्थ से कम नहीं है। यह हमारा सर्वोच्च ग्रंथ है। उन्होंने कहा कि संविधान की प्रस्तावना संविधान की आत्मा है। इसका मूल तत्व संविधान की प्रस्तावना से स्पष्ट होता है। एचएनएलयू के कुलपति प्रो. (डॉ.) वी.सी. विवेकानंदन, प्रो. योगेंद्र श्रीवास्तव, डॉ. एन.एल. मित्रा, डॉ. रणवीर सिंह और श्री विपिन कुमार भी कार्यक्रम में मौजूद थे।
उप मुख्यमंत्री श्री साव ने कार्यक्रम में कहा कि सामान्यतः लोग संविधान में नागरिकों को दिए गए अधिकारों की ही बात करते हैं। लेकिन मौलिक कर्तव्यों पर चर्चा नहीं होती है। हमें अपने अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों पर भी चर्चा करनी चाहिए। उन्होंने छात्र-छात्राओं को संविधान की प्रस्तावना का पाठ कराया तथा ‘सीजी लर्न’ का लोगो भी लॉन्च किया। श्री साव ने कहा कि छत्तीसगढ़ में ‘सीजी लर्न’ से विधि क्षेत्र में नया आयाम स्थापित होगा। इससे विधि की शिक्षा और शोध कार्यों को मजबूती मिलेगी। उन्होंने छत्तीसगढ़ में विधि के शिक्षण संस्थानों को आपस में चर्चा करने को कहा। यह विद्यार्थियों के लिए लाभकारी होगा। सभी शिक्षण संस्थान मिलकर काम करेंगे, तो राज्य में विधि की शिक्षा नई ऊंचाईयों पर पहुंचेगी और छत्तीसगढ़ का देश में नाम रोशन होगा। -
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रायपुर : राज्यपाल श्री रमेन डेका ने आज राजभवन में पंडित जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर के निश्चेतना विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. प्रतिभा जैन शाह द्वारा लिखित ‘पहलरू बहुमूल्य जीवन बचाने की‘ पुस्तक का विमोचन किया। इस पुस्तक में आपातकालीन स्थिति में जीवन बचाने के लिए उपचारों के संबंध में जानकारी दी गई है। हिन्दी और अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित इस पुस्तक को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए प्रयास करने को कहा। -
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संविधान दिवस के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी में शामिल हुए राज्यपालरायपुर : हमारा संविधान दुनिया का सबसे सुंदर संविधान है। दुनिया के 60 देशों के संविधान का अध्ययन कर हमारे संविधान का निर्माण हुआ है। संविधान को केवल पढ़े नहीं बल्कि इसे समझे और इसका पालन करें। यह उद्गार राज्यपाल श्री रमेन डेका ने आज संविधान दिवस के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी में व्यक्त किया। श्री बालाजी ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल एवं कॉलेज रायपुर के ऑडिटोरियम में आयोजित संगोष्ठी मे राज्यपाल श्री डेका बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे।श्री डेका ने संगोष्ठी में भारत के संविधान के संबंध में अपने प्रासंगिक विचार रखे। उन्होंने संविधान की विभिन्न धाराओं के तहत उल्लेखित नियमों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि बीते 75 वर्षा की यात्रा में बहुत चुनौतियां रही, इसलिए समय-समय पर संविधान में कई संशोधन किए गए जो देश की बदलती जरूरतों के अनुसार आवश्यक थे। किन्तु इन परिवर्तनों के बावजूद संविधान की मूलभावना, समानता, स्वतंत्रता और न्याय अक्षुण्ण रही। यह हमारे संविधान की अद्वितीय विशेषता है कि यह स्थिरता और लचीलापन दोनों का संतुलन बनाए रखता है।
राज्यपाल ने कहा कि भाषण की स्वतंत्रता हमारे संविधान ने हमें दी है। लोकतंत्र में राजनीति का बहुत महत्व है। महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए संविधान में प्रावधान किए गए है। उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को राजनीति में भागीदारी करना चाहिए। महिलाओं में नेतृत्व क्षमता और सही निर्णय लेने की क्षमता तथा ज्ञान होना आवश्यक है जिससे महिलाएं सशक्त होंगी।
संगोष्ठी में उपमुख्यमंत्री श्री अरूण साव ने भी अपना उद्बोधन दिया। उन्होने कहा कि लंबी लड़ाई के बाद देश आजाद हुआ और संविधान निर्माण के लिए संविधान सभा बनाई गई। सभा के 284 सदस्यों ने संविधान के प्रारूप का अनुमोदन किया फिर 26 नवम्बर 1949 को अंगीकृत किया गया। मूल संविधान अंग्रेजी में था, छत्तीसगढ़ के श्री घनश्याम दास गुप्ता के नेतृत्त्व में उसका हिन्दी अनुवाद हुआ। यह हमारे लिए गर्व की बात है। श्री साव ने कहा कि आज भारत दुनिया का नेतृत्व करने के लिए तैयार है इसका मूल कारण हमारा संविधान ही है।
संगोष्ठी के मुख्य वक्ता ‘‘हमारा संविधान भाव एवं रेखांकन‘‘ तथा ‘‘संविधान की जन्म कथा‘‘ पुस्तकों के लेखक श्री लक्ष्मीनारायण भाला ने संविधान निर्माण के इतिहास को रेखांकित किया। उन्होंने प्रतिवर्ष 26 नवम्बर को संविधान दिवस मनाने के सरकार के निर्णय के लिए आभार व्यक्त किया। स्वागत उद्बोधन छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता श्री धनीराम पटेल ने दिया। इस अवसर पर बसना के विधायक श्री संम्पत अग्रवाल, श्री पवन साय, श्री बालाजी ग्रुप के चेयरमैन डॉ. देवेन्द्र नायक, एमडी डॉ. नीता नायक, संचालक डॉ. वीरेन्द्र पटेल, डॉ. नितिन पटेल,एवं अन्य अधिकारी, प्रबुद्धजन तथा छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित थे। -
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खाद्य मंत्री श्री बघेल के नेतृत्व में सतनामी समाज के प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्यमंत्री से की मुलाकातनवागढ़ में 19 से 21 दिसंबर तक होगी भव्य पंथी नृत्य प्रतियोगितादेश के विभिन्न राज्यों के नर्तक दल लेंगे हिस्सारायपुर : राज्य स्तरीय पंथी नृत्य प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ के साथ-साथ देश के विभिन्न राज्यों के पंथी नर्तक दल हिस्सा लेंगे। यह प्रतियोगिता बेमेतरा जिले के विकासखण्ड मुख्यालय नवागढ़ में 19 से 21 दिसंबर तक आयोजित की जाएगी। खाद्य मंत्री श्री दयाल दास बघेल के नेतृत्व में सतनामी समाज प्रमुखों के दल ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से उनके निवास कार्यालय में भेंट कर उन्हें प्रतियोगिता में शामिल होने का न्योता दिया। मुख्यमंत्री ने श्री साय ने निमंत्रण को सहर्ष स्वीकार करते हुए जयंती कार्यक्रम में शिरकत करने का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री श्री साय को प्रतिनिधिमण्डल ने बताया कि परम पूज्य गुरूघासी दास बाबा जी के 268 वीं जयंती के उपलक्ष्य में आगामी माह दिसंबर मेें जयंती मनाने राज्य स्तरीय पंथी नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। सभी समाज के लोगों से आपसी प्रेम और सौहाद्रपूर्ण वातावरण में इस आयोजन को सफल बनाने का अनुरोध किया गया है।देश के विभिन्न राज्यों के पंथी नर्तक दलों को प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए निमंत्रण भेजा रहा है। आयोजन में सहयोग देने वाले सभी समाज के लोगों को सम्मानित करने की भी योजना है। इस मौके पर प्रतियोगिता का स्वरूप, एवं आयोजन समिति, सुरक्षा समिति सहित अन्य व्यवस्था की भी जानकारी दी गई। इस अवसर पर गुरु अगमदास तेलासिपुरी धाम, पूर्व विधायक श्री रामजी भारती, पूर्व विधायक डॉ. सनम जांगड़े, पद्मश्री श्रीमती उषा बारले सहित समाज के अन्य प्रतिनिधि शामिल थे।
देश-विदेश मे मशहूर हैं पंथी नृत्यदेश-विदेश में मशहूर है छत्तीसगढ़ का पंथी नृत्य। यह छत्तीसगढ़ के सतनामी समुदाय का पारंपरिक नृत्य है। इस नृत्य में बाबा गुरूघासीदास जी के संदेशों को गीतों और नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया जाता है। यह वस्तुतः एक धार्मिक और आध्यात्मिक नृत्य है। यह नृत्य सामूहिक अराधना की तरह है। इस नृत्य की विशेषता मांदर की थाप और मंजीरे की झांझ में तेज गति से नर्तक नृत्य प्रस्तुत करते है।तेज गति से र्प्रस्तुत किए जाने वाले इस नृत्य से दर्शक रोमांचित हो उठते हैं। पंथी नृत्य में कई वाद्ययंत्रों का इस्तेमाल होता है, जैसे मांदर, झांझ, झुमका, मंजीरे, चिकारा, हारमोनियम, और बेन्जो आदि शामिल होता है। -
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किस्मत ने करवट बदली, नौकरी ने बदल दी जिंदगी
कोरबा जिले के 119 पीवीटीजी युवा बेरोजगार युवाओं को मिली नौकरी
रायपुर : पहाड़ी कोरवा भोलाराम ने कभी साइकिल भी नहीं चलाई थीं। अपने परिवार में पीढ़ी दर पीढ़ी जंगल जाने की चली आ रही परम्परा के अनुसार वह भी बचपन से जंगल आता जाता रहा। गांव में जब स्कूल खुला तो उन्होंने किसी तरह पहले पांचवीं पास की, फिर 8वीं पास कर जीवनयापन के लिए छोटे से खेत में काम करने लग लग गया। इस बीच शादी हो गई, बच्चे हो गए और पर गरीबी और आर्थिक समस्याओं से घिरे पहाड़ी कोरवा भोला राम परिवार की जिम्मेदारियों को पूरा करने संघर्षों से जूझता रहा।आसपास काम मिल जाने पर मजदूरी करना, तीर-धनुष लेकर जंगल की ओर जाना और घर में छोटी-छोटी जरूरतों को पूरा करने मन मसोस कर रखना जिंदगी की दिनचर्या में शामिल होती चली गई। उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि उसकी किस्मत एक दिन ऐसी करवट बदलेगी कि जिंदगी बदल जायेगी और जंगल जाने वाला, पैदल चलने वाला पहाड़ी कोरवा इतना सक्षम हो जायेगा कि वह घर की जिम्मेदारियां निभा पायेगा, स्कूटी में सफर कर पायेगा।
यह कहानी कोरबा जिले के ग्राम कोरई के पहाड़ी कोरवा भोलाराम की है। बसाहट के कच्चे मकान में जीवन बसर करते आए पहाड़ी कोरवा भोलाराम की तकदीर अब उनके पूर्वजों की तरह नहीं रही। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर जिले के विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों को नौकरी से जोड़कर आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा की गई पहल का परिणाम उनके आर्थिक और पारिवारिक समृद्धि का भी द्वार खोलने लगा है। कलेक्टर श्री अजीत वसंत द्वारा जिले में निवासरत पीवीटीजी के सभी शिक्षित बेरोजगार युवाओं को उनकी शैक्षणिक योग्यता के अनुसार डीएमएफ से जिले के विद्यालयों, अस्पतालों में रिक्त पदों पर नौकरी देने की पहल की गई है।इसी कड़ी में ग्राम कोरई के पहाड़ी कोरवा भोलाराम की नौकरी भी बांगो एरिया के माचाडोली में स्थित शासकीय उच्चतर विद्यालय में लगी है। उन्होंने बताया कि अपने घर से लगभग तीस किलोमीटर की दूरी होने और इस मार्ग में बसें नहीं मिलने से वह कई बार समय पर स्कूल नहीं पहुंच पाता था। हालांकि उन्होंने माचाडोली में अपने कार्यस्थल के पास भी रहने की व्यवस्था की है, लेकिन अवकाश दिनों और अन्य आवश्यक कार्य पड़ने पर घर से स्कूल तक सफर को आसान बनाने तथा समय पर ड्यूटी पहुंच पाने के लिए अपनी तनख्वाह से कुछ राशि बचत की। इस बीच परिचितों के माध्यम से स्कूटी और बाइक चलाना भी सीख गया।लगभग दस हजार रूपये अग्रिम भुगतान (डाउन पेमेंट) कर उन्होंने किश्त में बैटरी वाली एक स्कूटी खरीद ली। अब जबकि स्कूटी घर आ गई है, पहाड़ी कोरवा अवकाश दिनों में और अन्य जरूरी कार्य से अपने कर्तव्य स्थल से घर और घर से स्कूल तक आना जाना करता है। माचाडोली के विद्यालय में चतुर्थ पद भृत्य के पद पर नौकरी कर रहे भोलाराम ने बताया कि उनकी पत्नी और बच्चे को लेकर वह घूमने फिरने भी जाता है। उन्होंने बताया कि नौकरी मिलने के बाद जिंदगी अब पहले जैसी नहीं रही। घर का पूरा सिस्टम बदल गया है। समय पर खाना, समय पर सोना, समय पर स्कूल जाना होता है। घर की जरूरतों और जिम्मेदारियों को भी पूरा करने में नौकरी मददगार बनी है।इसलिए परिवार भी खुश है। भोलाराम का कहना है कि वह बहुत आगे तक नहीं पढ़ाई कर पाया है, क्योंकि वह शिक्षा के महत्व को नहीं जान सका था। आज उनकी नौकरी लगी है तो मालूम हो रहा है कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए शिक्षा का कितना महत्व है, इसलिए वह भी अपने समाज के लोगों को जागरूक करते हुए अपने बच्चे को अच्छे से पढ़ाएगा। उनकी पत्नी प्रमिला बाई ने बताया कि उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि पति के साथ स्कूटी में बैठकर घूमने फिरने जाने का मौका मिलेगा। अब स्कूटी आने पर घर से बाहर कई बार स्कूटी में बैठकर जा चुकी है। गौरतलब है कि कोरबा जिले में पीवीटीजी के 119 युवा बेरोजगार युवाओं को अतिथि शिक्षक,भृत्य,वार्ड बॉय की इस वर्ष जुलाई माह से नौकरी दी गई है। रिक्त पदों पर अभी भी आवेदन लेकर नौकरी देने की प्रक्रिया जारी है। नौकरी के बाद पीवीटीजी के जीवन स्तर में बदलाव आने लगा है। -
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सिकलसेल से जूझ रही आशा को बोन मैरो ट्रांसप्लांट के लिए मिली 20 लाख की आर्थिक सहायता
रायपुर : जब जीवन में हर तरफ अंधेरा दिखाई देने लगे तब उम्मीद के एक छोटी सी रोशनी भी पूरे जीवन को प्रकाशवान कर जाती है। ऐसी ही कहानी है कुनकुरी विकासखण्ड के ग्राम पंचायत रेमते में रहने वाली 15 साल की आशा चक्रेश की। सिकलसेल से पीड़ित आशा के जीवन में कई उतार चढ़ाव आये पर कहीं भी उम्मीद की किरण दिखाई नहीं दे रही थी। यहां पर आशा के लिए मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना एक नई उम्मीद बन कर आई।
आशा को जन्म से ही सिकलीन की बीमारी है। यह जानकारी मजदूर माता पिता के लिए किसी सदमे से कम नहीं थी। चिकित्सकों ने बताया था कि आशा को सिकलसेल की बीमारी का वह प्रकार है जो 10 लाख लोगों में एक व्यक्ति को होने वाली बीमारी है। इस संबंध में आशा की माता बिमला बाई चक्रेश ने बताया कि आशा के पिता स्व. मंगलराम चक्रेश उसके स्वास्थ्य और इलाज के लिए हमेशा चिंतित रहा करते थे। आशा के ईलाज के लिए दंपत्ति ने अपनी छोटी सी बचत और आयुष्मान भारत योजना की सहायता से कई अस्पतालों का चक्कर लगाया। रायपुर से लेकर इंदौर, मुंबई सभी जगह आशा की जांच कराने के बाद भी निराशा ही हाथ लगी थी।
बचपन से हर महीने आशा को खून चढ़ाने अस्पताल का चक्कर लगाना ही पड़ता था और इसका खर्च भी वहन करना पड़ता था। ऐसे में एक दिन एक दुखद दुर्घटना में पिता मंगलराम का भी निधन हो गया। इस हालात में आशा का आगे का इलाज असंभव लगने लगा था। एक दिन जिला प्रशासन द्वारा मेडिकल कैम्प आयोजित किया गया था जहां जांच उपरांत चिकित्सकों ने बोन मैरो ट्रांसप्लांट कराने की सलाह दी। हमारे लिए इसका खर्च उठा पाना संभव नहीं था तब जिला प्रशासन से जांच हेतु 01 लाख रुपये की सहायता उपलब्ध कराई, जिससे रायपुर जाकर जांच संभव हो सका। परन्तु महंगे ईलाज की समस्या अभी भी बनी हुई थी।
चिकित्सकों ने उन्हें मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना की जानकारी दी। जहां से स्वास्थ्य विभाग द्वारा आवेदन को मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के कार्यालय भेजा गया। त्वरित कार्यवाही करते हुए मुख्यमंत्री ने इसे स्वीकृति प्रदान करते हुए ईलाज के लिए 20 लाख रुपये प्रदान किया गया। जिसके बाद रायपुर के एक प्रतिष्ठित अस्पताल में बोन मैरो ट्रांसप्लांट के लिए दाता की पहचान की गई। दाता का सैम्पल मैच होने पर आशा का बोन मैरो ट्रांसप्लांट का ऑपरेशन किया गया। जिसके बाद आशा को नया जीवन प्राप्त हुआ। इस नए जीवन के लिए आशा और उनकी माता ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद दिया और कहा कि यदि मुख्यमंत्री जी से सहायता ना मिलती तो शायद आशा का जीवन बचा पाना उनके लिए संभव नहीं होता। -
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इस वर्ष 19.25 लाख हेक्टेयर रकबे में बोनी का लक्ष्य
प्रदेश के किसानों को रबी फसल के लिए 112.28 करोड़ रूपए अल्पकालिक कृषि ऋण वितरित
रायपुर : छत्तीसगढ़ में इस वर्ष रबी फसलों के लिए 5.57 हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं, चना, मटर, मक्का, अलसी सहित विभिन्न रबी फसलों की बोनी हो चुकी हैं। वहीं रबी फसल के किसानों को 0.73 लाख क्विंटल बीज और 0.67 लाख मीट्रिक टन रासायनिक खाद का वितरण किया गया है। इस वर्ष 19.25 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में विभिन्न रबी फसलों की बोनी का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
कृषि विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर वर्ष 2024-25 में रबी फसलों को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इस वर्ष विभिन्न रबी फसलों की बोनी के लिए 19.25 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में विभिन्न रबी फसलों की बोनी का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके विरूद्ध अब तक 5.57 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं, चना, मटर, मक्का, अलसी सहित विभिन्न रबी फसलों की बोनी हो चुकी हैं, जो लक्ष्य का 29 प्रतिशत है। पिछले वर्ष के लिए 19.19 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में रबी फसलों की बोनी का लक्ष्य निर्धारित किया गया था।
अधिकारियों ने बताया कि रबी वर्ष 2024-25 के लिए 2.89 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज वितरण का लक्ष्य रखा गया है, जिसके विरूद्ध 1.27 लाख क्विंटल बीज का भण्डारण कर 0.73 लाख क्विंटल बीज का वितरण किया गया है जो कुल भंडारण का 57 प्रतिशत है। इसी प्रकार इस वर्ष 4.65 लाख मीट्रिक टन खाद वितरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसके विरूद्ध 3.79 लाख मीट्रिक टन भंडारण कर 0.67 लाख मीट्रिक टन खाद वितरण किया जा चुका है जो कुल भंडारण का 18 प्रतिशत है।
अधिकरियों ने बताया कि खरीफ सीजन की तरह रबी फसल के लिए भी प्रदेश के किसानों को अल्पकालिक कृषि ऋण देने का प्रावधान किया गया है। अब तक राज्य के किसानो को 112 करोड़ 28 लाख का कृषि ऋण वितरण किया गया है। गत वर्ष इसी अवधि किसानों को 76 करोड़ 26 लाख रूपये का कृषि ऋण वितरित किया गया था। -
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उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक
रायपुर : उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कहा है कि प्रदेश में नशीली दवाओं के सेवन एवं विक्रय पर प्रभावी नियंत्रण हो यह सुनिश्चित किया जाए। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने मंत्रालय महानदी भवन में प्रदेश में नशीली दवाओं के विक्रय एवं सेवन पर वैधानिक कार्यवाही करने और नशीली दवाओं की बिक्री रोकने के लिए गृह विभाग और स्वास्थ्य विभाग की उच्च स्तरीय बैठक में इस आशय के निर्देश दिए गए । बैठक में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल भी उपस्थित थे।श्री शर्मा ने पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कहा है कि नशीली दवाओं के नियंत्रण के लिए मेडिकल दुकानों का नियमित रूप से आकस्मिक निरीक्षण करें तथा ऐसे मेडिकल शॉप जो वैधानिक नशीली दवाओं के कारोबार में संलग्न है उन पर त्वरित एवं कठोर कार्यवाही करें। ऐसे दुकानदारों पर एफआईआर करें तथा गिरफ्तारी की भी कार्यवाही करें। उपमुख्यमंत्री ने नशीली दवाओं की रोकथाम के लिए विशेष अभियान चलाकर प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इसके लिए स्थानीय निकायों के पदाधिकारियों का सहयोग लेने की भी बात कही है।
बैठक में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने नियंत्रक खाद्य एवं औषधि को पुलिस अधिकारियों से समन्वय कर ड्रग इंस्पेक्टर की टीम बनाकर लगातार दवाई दुकानों का निरीक्षण कर आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। बैठक में अपर मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार पिंगुवा, प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्रीमती निहारिका बारीक, आयुक्त सह संचालक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ. प्रियंका शुक्ला, विशेष सचिव वित्त एवं सामान्य प्रशासन तथा नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन श्री चंदन कुमार सहित पुलिस एवं स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।