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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने आज परिवहन कार्यालय, कबीरधाम में राज्य का पहला सड़क सुरक्षा अनुभव कक्ष का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि यह कक्ष मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए किए जा रहे प्रयासों की एक कड़ी है। उन्होंने कहा कि कबीरधाम जिला प्रदेश का पहला जिला है जहां इस प्रकार का अनुभव कक्ष स्थापित किया गया है। इस उद्घाटन समारोह में उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कक्ष के सभी पहलुओं का अवलोकन किया और इसकी कार्यप्रणाली पर विस्तार से जानकारी ली। सड़क सुरक्षा अनुभव कक्ष का उद्देश्य नागरिकों में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। इस कक्ष में विभिन्न प्रकार की सड़क सुरक्षा संबंधित जानकारी और सामग्री प्रस्तुत की गई है, जिसमें वाहन चालकों को दुर्घटनाओं से बचने के उपाय, ट्रैफिक नियमों के पालन और सुरक्षित ड्राइविंग के बारे में बताया गया है। कक्ष में विभिन्न वर्चुअल अनुभव, वीडियो और मॉडल्स के जरिए सड़क सुरक्षा को समझने का एक आकर्षक तरीका अपनाया गया है।
उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि बचपन से ही हमें सही और गलत का भेद सिखाया जाता है। माताओं की भूमिका बच्चों को जीवन के उचित और अनुचित कार्यों के प्रति जागरूक करने में महत्वपूर्ण होती है। इसी प्रकार यह सत्र समाज में सुरक्षा और नियमों के प्रति एक सकारात्मक सोच विकसित करेगा। उन्होंने कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस प्रक्रिया को निरंतर जारी रखा जाए, ताकि हर व्यक्ति सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक हो सके। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने सड़क सुरक्षा अनुभव कक्ष के शुभारंभ में कहा कि अब ड्राइविंग लाइसेंस बनाने आने वाले व्यक्तियों को एक विशेष ऑडियो, वीडियो सत्र से गुजरना होगा। यह सत्र आवेदनकर्ताओं को ट्रैफिक नियमों और सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से शुरू किया गया है।
उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने कहा कि इस प्रक्रिया का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक व्यक्ति ट्रैफिक नियमों, चालान प्रक्रिया और सुरक्षित वाहन संचालन के महत्व को गहराई से समझे। ऑडियो, वीडियो सत्र पूरा करने के बाद प्रतिभागियों को एक प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा। यह प्रमाण पत्र यह दर्शाएगा कि उन्होंने सड़क सुरक्षा के नियमों को समझ लिया है। यह सत्र लोगों को सड़क पर सही निर्णय लेने और सुरक्षा उपायों को प्राथमिकता देने के लिए प्रेरित करेगा। इससे न केवल ट्रैफिक नियमों के पालन में सुधार होगा, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं की संख्या भी कम होगी। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि विभागीय प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और जागरूकता बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया गया है। यह सुनिश्चित करेगा कि ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने वाला हर व्यक्ति सड़क पर जिम्मेदारी से वाहन चलाए। उन्होंने कहा कि संपूर्ण छत्तीसगढ़ में इस प्रक्रिया की शुरुआत कवर्धा से की गई है। इसे पूरे राज्य में लागू किया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक लोगों को लाभ मिले।
उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा के समक्ष उस समय कार्यालय में लाईसेंस बनवाने के लिए आए नागरिकों ने भी सड़क सुरक्षा अनुभव कक्ष का अवलोकन किया और वहां उपलब्ध जानकारी का लाभ लिया। उन्होंने कहा कि इस कक्ष की स्थापना से न केवल स्थानीय नागरिकों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता मिलेगी। इस उद्घाटन के साथ ही कबीरधाम जिला एक कदम और आगे बढ़ा है, जहां सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता के साथ-साथ सुरक्षा उपायों को प्राथमिकता दी जा रही है।
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रायपुर : राज्यपाल श्री रमेन डेका से आज राजभवन में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने भेंट कर नववर्ष की शुभकामनाएं दी और राज्य हित से जुड़े विषयों पर चर्चा की। श्री डेका ने भी उन्हें नववर्ष की शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री श्री साय ने राज्यपाल को जशपुर जिले के स्थानीय उत्पाद भेंट किए। राज्यपाल श्री डेका और मुख्यमंत्री श्री साय ने एक दूसरे को राजकीय गमछा पहनाकर स्वागत किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह भी उपस्थित थे।
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मेडिकल कालेज रायपुर एवं चिकित्सालय परिसर में सुरक्षा व्यवस्था हेतु 12 गार्ड एवं 10 बंदूकधारी सुरक्षा कर्मियों की हुई तैनातीरायपुर : छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के उद्देश्य से पं. जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर में गुणवत्ता पूर्ण चिकित्सा शिक्षा के लिए एक साथ 18 चिकित्सा शिक्षकों की संविदा नियुक्ति की गई है। उल्लेखनीय है कि मेडिकल कालेज रायपुर में पहली बार एक साथ इतने संविदा चिकित्सा शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। डॉ. रूमी कुमार, सहायक प्राध्यापक प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग, डॉ. हर्षिता भाटिया सहायक प्राध्यापक रेडिएशन अंकोलॉजी, डॉ. कमलकांत साहू, सहायक प्राध्यापक फॉरेंसिक मेडिसीन, डॉ. स्निग्धा कुमारी सहायक प्राध्यापक (कार्डियक निश्चेतना)सीटीव्हीएस विभाग, डॉ. रचना रिची पांडेय सहायक प्राध्यापक (अंकोनिश्चेतना) रेडियोथेरेपी विभाग, डॉ. अविनाश बंजारे (अंकोनिश्चेतना) रेडियोथेरेपी विभग, डॉ. श्रूती तूरकर सहायक प्राध्यापक (एनेस्थिसिया) क्रिटिकल केयर, डॉ. संध्या वर्मा सीनियर रेसीडेंट पैथोलॉजी, डॉ. रेबिना यादव सीनियर रेसीडेंट पैथोलॉजी विभाग, डॉ. प्रिंशी चौधरी सीनियर रेसीडेंट नेत्र रोग, डॉ. पियूषी साव सीनियर रेसीडेंट नेत्र रोग, डॉ. सुरभि चौबे सीनियर रेसीडेंट ईएनटी, डॉ. पारूल राठी सीनियर रेसीडेंट ईएनटी, डॉ. शुभांगन मिश्रा सीनियर रेसीडेंट प्रसूति एवं स्त्री रोग, डॉ. नील पसरीजा सीनियर रेसीडेंट अस्थि रोग, विनय मिश्रा रजिस्ट्रार मेडिकल फिजिक्स, अनजुम मिश्रा रजिस्ट्रार मेडिकल फिजिक्स, अनुराग संचय कालकुलेवर रजिस्ट्रार मेडिकल फिजिक्स की चिकित्सा शिक्षक के रूप में संविदा नियुक्ति की गई है।
स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश पर कार्डयो वैस्कुलर एवं थोरेसिक सर्जरी विभाग में बाईपास सर्जरी प्रारंभ करने हेतु 3 परफ्युजनिस्ट एवं 3 फिजिशियन असिस्टेंट की संविदा आधार पर नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है। इसके साथ ही डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय रायपुर में 57 वार्ड ब्वाय एवं 17 स्वीपर सहित कुल 74 सफाई कर्मियों की नियुक्ति भी की गयी है।मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय राज्य में गुणवत्तायुक्त चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए लगातार पहल कर रहे हैं। इसके साथ ही मरीज एवं उनके परिजनों की सुरक्षा के लिए भी मुख्यमंत्री श्री साय संवेदनशीलता के साथ निर्णय ले रहे हैं।इन निर्णयों से अस्पताल में सुरक्षा की स्थिति मजबूत होने के साथ ही स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतरी एवं चिकित्सा छात्रों के पठन-पाठन में सुधार भी देखा जा रहा है। इसी कड़ी में स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल के निर्देश पर मेडिकल कालेज एवं चिकित्सालय परिसर में सुरक्षा व्यवस्था के सुदृढीकरण हेतु 12 गार्ड एवं 10 गनमैन की भी तैनाती की गई है। उल्लेखनीय है कि मेडिकल कालेज और अस्पतालों की सुरक्षा को लेकर मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की पहल पर स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने शीघ्र ही बंदूकधारी सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की बात कही थी। -
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रायपुर : उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने आज अपने कबीरधाम प्रवास के दौरान ग्राम तिवारी नवांगांव में बन रहे प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों से मुलाकात की। इस अवसर पर उन्होंने अधिकारियों को निर्माण कार्य में गुणवत्ता और समयबद्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घरों का निर्माण केवल एक बुनियादी आवश्यकता नहीं, बल्कि यह हर व्यक्ति को सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर प्रदान करता है और इसे पूरी तरह से गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूरा किया जाना चाहिए।
उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाए जा रहे घरों का निरीक्षण किया और लाभार्थियों से बातचीत कर अनुभवों के बारे में जानकारी ली। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हर लाभार्थी को समय पर, पूरी गुणवत्ता के साथ अपना आवास मिलना चाहिए, ताकि वे जल्द से जल्द अपना नया घर पा सकें। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने लाभार्थियों से कहा कि वे प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ पूरी तरह से उठाएं और सरकार द्वारा प्रदान की जा रही सुविधाओं का सही तरीके से उपयोग करें। इस अवसर पर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष श्री संतोष पटेल सहित जनप्रतिनिधि, ग्रामीण, प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राही उपस्थित थे। -
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स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल के निर्देश पर रायगढ़ मेडिकल कालेज चिकित्सालय के सुविधाओं में किया गया विस्तारआयुष्मान योजना कक्ष का विस्तार, आईपीडी मरीजों के लिए अलग से पर्ची कटवाने की आवश्यकता नहीं, फीडबैक के लिए लगाई गयी सुझाव पेटीरायपुर : 35मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की पहल पर शासकीय अस्पतालों में आम नागरिकों को मिलने वाली चिकित्सा सुविधाओं में लगातार विस्तार किया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल के निर्देश पर नए वर्ष की शुरूआत में ही चिकित्सा सुविधाओं की सभी लोगों को सुगम एवं सहज उपलब्धता सुनिश्चित हो सके, यह प्रयास किया जा रहा है। स्व.श्री लखीराम अग्रवाल स्मृति शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय संबद्ध संत बाबा गुरु घासीदास जी स्मृति शासकीय चिकित्सालय रायगढ़ में शहीद वीर नारायण सिंह आयुष्मान स्वास्थ्य योजना की सुविधा हेतु सभी तलों (फ़्लोर )में कक्ष का शुभारंभ 1 जनवरी 2025 को किया गया है। वित्त मंत्री और रायगढ़ के स्थानीय विधायक श्री ओ. पी. चौधरी ने स्वास्थ्य सेवाओं की सुगम उपलब्धता हेतु किया जा रहे इस पहल का स्वागत किया है।
मेडिकल कालेज रायगढ़ के अधिष्ठाता डॉ. विनित कुमार जैन एवं अस्पताल अधीक्षक डॉ. एम. के. मिंज के अनुसार इस सुविधा विस्तार से भर्ती मरीजों एवं उनके परिजनों को काफी सुविधा होगी।इससे अनावश्यक भीड़ एवं कतार का सामना नहीं करना पड़ेगा और समय की बचत होगी। पूर्व में यह सुविधा सिर्फ एमआरडी के रजिस्ट्रेशन ओपीडी काऊंटर के समीप ही उपलब्ध थी। अस्पताल अधीक्षक डॉ. एम के मिंज के अनुसार आयुष्मान योजना कक्ष के विस्तार के साथ ही चिकित्सालय में अब ओपीडी , आईपीडी मरीज़ के जाँच के लिये अलग से जाँच पर्ची कटवाने की आवश्यकता नहीं हैं। सभी जांच पूर्णतः निःशुल्क है। ओपीडी की 10 रुपये की पंजीयन पर्ची एवं आईपीडी मरीज के लिये 85 रुपये की पर्ची के अलावा अलग से पर्ची कटवाने की आवश्यकता नहीं हैं। इसके संबंध में आदेश भी जारी कर दिया गया है।
इसके साथ ही एक नई पहल करते हुए चिकित्सालय में सुझाव एवं शिकायत पेटी (बॉक्स) की व्यवस्था की गई है । साथ ही वार्ड में भर्ती मरीज के इलाज के सम्बन्ध में प्रतिदिन चिकित्सा सामाजिक कार्यकर्ता और व्यावसायिक सलाहकार द्वारा फीडबैक लिया जा रहा है। सुझाव एवं शिकायत पेटी में प्राप्त पत्र एवं फीडबैक को अस्पताल प्रबंधन द्वारा समिति में रख कर उसका निराकरण सुनिश्चित किया जाएगा। -
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रायपुर : वन पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं को ग्रीन जीडीपी के साथ जोड़ने की पहल शुरू करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बन गया है। इस पहल के द्वारा पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं के व्यापक मूल्य को मापकर छत्तीसगढ़ के सतत विकास में रेखांकित किया जाएगा।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत 2047 विज़न और सतत विकास लक्ष्यों के अनुरूप विज़न डॉक्यूमेंट तैयार कर रही है, जिसमें वन विभाग द्वारा संचालित पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं के मूल्यांकन की अवधारणा सम्मिलित की गई है।यह समग्र दृष्टिकोण राज्य में पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक प्रगति के बीच संतुलन बनाए रखने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है, जिससे आने वाली पीढ़ियों के लिए सतत और समृद्ध भविष्य सुनिश्चित हो सके। वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा कि पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं का मूल्यांकन न केवल बजटीय योजना को अधिक सुव्यवस्थित बनाएगा, बल्कि भविष्य की रणनीतियों को दिशा प्रदान करेगा, धन आवंटन को अधिक प्रभावी बनाएगा और वानिकी विकास के प्रयासों को सशक्त करेगा। यह प्रक्रिया सतत विकास और संसाधनों के बेहतर प्रबंधन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य मे संयुक्त वन प्रबंधन कार्यक्रम ने स्थानीय समुदायों को और अधिक सशक्त बनाया है। गुरु घासीदास, कांगेर घाटी और इंद्रावती जैसे राष्ट्रीय उद्यानों के साथ, छत्तीसगढ़ में प्रकृति आधारित पर्यटन के लिए असीम संभावनाएं हैं। स्थानीय निवासियों को जंगल सफारी, नेचर ट्रेल्स और इको-कैंपिंग जैसी सुविधाओं के प्रबंधन में सक्रिय रूप से शामिल किया जा रहा है, जिससे न केवल सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिला है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को भी सशक्त किया गया है। छत्तीसगढ़ का 44 प्रतिशत भू-भाग वन क्षेत्र से आच्छादित है।यह राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए एक मजबूत आधार हैं और लाखों लोगों की आजीविका में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये वन विभिन्न प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभ प्रदान करते हैं। वनों से प्राप्त होने वाले अन्य महत्वपूर्ण अमूर्त लाभ अक्सर उपेक्षित रहते हैं और उनका उचित मूल्यांकन नहीं हो पाता। इनमें जलवायु संतुलन बनाए रखने के लिए कार्बन अवशोषण, कृषि के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण परागण, पोषक तत्वों का चक्रण, मृदा उर्वरता में सुधार और जैव विविधता संरक्षण जैसी सेवाएं शामिल हैं। वनों का बाढ़ और रोग नियंत्रण, जल प्रवाह का प्रबंधन और वेक्टर जनित रोगों के जोखिम को कम करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका है।
इसके अतिरिक्त, वनों से जल पुनर्भरण और शुद्धिकरण होता है, शुद्ध ऑक्सीजन प्रदान कर वायु गुणवत्ता में सुधार होता है, और सुंदर प्राकृतिक दृश्य तथा जैव विविधता-समृद्ध क्षेत्रों के माध्यम से मनोरंजन के साथ-साथ भावनात्मक संतुष्टि भी प्रदान होती है। इन वनों का गहरा आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व भी है, क्योंकि पवित्र स्थलों और देवगुड़ी जैसे क्षेत्रों के माध्यम से ये आदिवासी विरासत और परंपराओं को संरक्षित रखते हैं।इसके अलावा छत्तीसगढ़ के वन अनेक नदियों का उद्गम स्थल हैं, जो सतत जल प्रवाह, जलग्रहण क्षेत्र संरक्षण और कृषि तथा आजीविका के लिए आवश्यक जैविक पदार्थ से मृदा को समृद्ध करने में सहायक हैं। इन प्रत्यक्ष लाभों का राज्य की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर व्यापक आर्थिक प्रभाव पड़ता है। ये सभी लाभ ग्रामीण उद्योगों और आजीविका को प्रोत्साहित करते हैं और राज्य के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान करते हैं। -
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कर्नाटक की बालिका तीरंदाजों ने मेडल सहित सभी का दिल भी जीता
रायपुर : 24वीं राष्ट्रीय वनवासी क्रीड़ा प्रतियोगिता में हुए तीरंदाज़ी के मुकाबलों में पूर्वी उत्तर प्रदेश के तीरंदाज़ों का जलवा रहा। कर्नाटक की बालिका तीरंदाजों ने उत्कृष्ट खेल का प्रदर्शन किया। इन खिलाड़ियों ने ट्रॉफी और मेडलों के साथ अपनी खेल भावना और व्यवहार से आयोजकों सहित साथी खिलाड़ियों का दिल भी जीत लिया। पूर्वी उत्तरप्रदेश के तीरंदाज़ों ने कुल बारह में से चार पदक जीते हालांकि पूर्वी उत्तरप्रदेश के तीरंदाज किसी भी वर्ग में स्वर्ण पदक नहीं पा सके परंतु जूनियर बालक और सब जूनियर बालक वर्ग में इन खिलाड़ियों ने सिल्वर और ब्रांज मेडल प्राप्त किया। तीरंदाजी की जूनियर बालक वर्ग की प्रतिस्पर्धा में राजस्थान के हिमेश बरांडा ने 643 अंक प्राप्त कर स्वर्ण पदक जीता। पूर्वी उत्तर प्रदेश के आदित्य सिंह ने 637 अंक लेकर रजत और हीरा सिंह ने 626 अंक प्राप्त कर कांस्य पदक प्राप्त किया।
सब जूनियर बालक वर्ग में उत्तरबंगाल के सकनोन लेपचा ने 664 अंकों के साथ स्वर्ण और पूर्वी उत्तरप्रदेश के दीपक ने 661 अंक लेकर रजत तथा इंद्रदेव कुमार ने 651 अंक प्राप्त कर ब्रांज मेडल जीता। जूनियर बालिका वर्ग में उड़ीसा की मंजुलता ने 563 अंक प्राप्त कर स्वर्ण पदक पर कब्जा किया। छतीसगढ़ की रामशिला नेताम ने 493 अंक लेकर सिल्वर और उड़ीसा की ही मीना तीरिया ने 460 अंक प्राप्त कर कांस्य पदक जीता। सब जूनियर बालिका वर्ग में कर्नाटक की बालिकाओ का वर्चस्व रहा। कर्नाटक की भाग्यश्री ने 599 अंक के साथ स्वर्ण और अन्नपूर्णा ने 563 अंक लेकर रजत पदक पक्का किया । राजस्थान की दर्शी डामोर ने इस वर्ग में 541 अंक प्राप्त कर कांस्य पदक जीता ।
उल्लेखनीय है की 25 वीं राष्ट्रीय वनवासी क्रीड़ा प्रतियोगिता में तीरंदाजी के 40 मीटर, 30 मीटर और 20 मीटर शूटिंग मुकाबले हुए । इन प्रतिस्पर्धाओं में बालक-बालिका जूनियर-सब जूनियर वर्ग में लगभग 400 जनजातीय तीरंदाज़ों ने हिस्सा लिया। तीरंदाज़ी के सभी मुक़ाबले राज्य आर्चरी एकेडमी के मैदान पर हुई। -
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तीरंदाजी में कर्नाटक और पूर्वी उत्तर प्रदेश के खिलाड़ियों का उत्कृष्ट प्रदर्शन
24वीं राष्ट्रीय वनवासी क्रीड़ा प्रतियोगिता का समापन
विजेताओं को ट्रॉफी, मेडल और प्रशस्ति पत्र देकर किया गया सम्मानित
रायपुर : राजधानी रायपुर में चल रहीं 24वीं राष्ट्रीय वनवासी क्रीड़ा प्रतियोगिता का आज समापन हो गया। समापन समारोह के दौरान फुटबॉल के फाइनल मैच में संथाल परगना ने केरल को पेनाल्टी शूट में एक के मुकाबले चार गोलों से हराकर चैंपियन की ट्रॉफी जीती। केरल की टीम उपविजेता रहीं वहीं झारखण्ड की टीम ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। तीरंदाजी की प्रतियोगिता में पूर्वी उत्तर प्रदेश के बालक तीरंदाज और कर्नाटक की बालिकाएं छायी रहीं। इस पूरी प्रतियोगिता में फुटबॉल और तीरंदाजी के खेलों में लगभग 600 जनजातीय बालक-बालिकाओं ने हिस्सा लिया। अण्डमान, निकोबार से लेकर पूरे देश के लगभग 30 प्रांतों से जनजातीय खिलाड़ी इस प्रतिस्पर्धा में शामिल हुए।पड़ोसी देश नेपाल से भी खिलाड़ियों के एक दल ने तीरंदाजी प्रतिस्पर्धा में हिस्सा लिया। छत्तीसगढ़ के वन मंत्री एवं स्वागत समिति के अध्यक्ष श्री केदार कश्यप और खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने कोटा स्टेडियम पहुंचकर खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया उन्होंने सभी खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त किया और बेहतरीन खेल दिखाने के लिए सभी का हौसला बढ़ाया। समापन समारोह में अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सत्येन्द्र सिंह, अखिल भारतीय खेल-कूद प्रमुख श्री फूल सिंह लेप्चा, राष्ट्रीय महामंत्री योगेश बापट, छत्तीसगढ़ प्रांत के अध्यक्ष श्री उमेश कच्छप और संगठन मंत्री श्री रामनाथ कश्यप, सचिव श्री अनुराग जैन और स्वागत समिति के सचिव श्री अमर बंसल भी उपस्थित रहे।
संभवतः जनजातीय खिलाड़ियों की यह विश्व की सबसे बड़ी प्रतियोगिता : अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा आयोजित इस 24वीं राष्ट्रीय वनवासी क्रीड़ा प्रतियोगिता के समापन समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री अतुल जोग ने कहा कि यह प्रतियोगिता 1991 से अनवरत आयोजित होती आ रहीं है और यह प्रतियोगिता विशुद्ध रूप से जनजातीय खिलाड़ियों की सहभागिता वाली विश्व की सबसे बड़ी प्रतियोगिता है।श्री जोग ने यह भी बताया कि इससे पहले भोपाल में आयोजित प्रतियोगिता में केवल तीरंदाजी प्रतिस्पर्धा में ही 316 जनजातीय तीरंदाजों ने हिस्सा लिया था और गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में अपना नाम दर्ज कराया था। उन्होंने कहा कि यह आयोजन केवल मेडल जीतने या खेल खेलने तक सीमित नहीं है बल्कि यह आयोजन खिलाड़ियों में राष्ट्रीय एकता की भावना और हम सबके एक होने के भाव को जगाने वाला है। उन्होंने खिलाड़ियों से आग्रह किया कि हमेशा कड़ी मेहनत करें, खेल से जुड़े रहें और लगातार अभ्यास करें ताकि आने वाले दिनों में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रौशन किया जा सके।
खेल की ना भाषा, ना कोई सीमा, केवल प्रतिभा ही पहचान : समापन समारोह को वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एच के नागु ने भी संबोधित किया। उन्होंने खिलाड़ियों की हौसला अफजाई करते हुए कहा कि खेलों की ना तो कोई भाषा है, ना ही कोई सीमा। खेल प्रतिभा ही खिलाड़ी की पहचान है। श्री नागु ने कहा शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ खेल जीवन संघर्ष के लिए भी हमें तैयार करते हैं। उन्होंने वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा जनजातीय खिलाड़ियों की प्रतिभा को निखारने और उन्हें राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी भी दी। श्री नागु ने सभी विजेताओं को शुभकानाएं दी।
फुटबॉल के 22 मैच, 122 गोल, 9 मैचों का परिणाम टाई ब्रेकर या पेनाल्टी शूट से : 24 वीं राष्ट्रीय वनवासी क्रीड़ा प्रतियोगिता में फुटबॉल के जनजातीय खिलाड़ियों ने अपना खूब जौहर दिखाया। पूरी प्रतियोगिता में फुटबॉल के 22 मैच कोटा स्टेडियम और यूनिवर्सिटी खेल मैदान पर खेले गये। जनजातीय खिलाड़ियों ने इन मैचों में 122 गोल दागकर अपनी खेल प्रतिभा का प्रदर्शन किया। खेल के प्रति खिलाड़ियों का समर्पण और उनकी कुशलता इसी से सिद्ध होती है कि पूरी प्रतियोगिता में 9 मैचों का परिणाम टाई ब्रेकर या पेनाल्टी शूट से हुआ।फुटबॉल के खिलाड़ियों ने एक से बढ़कर एक प्रतिभावों का प्रदर्शन किया। अंत में संथाल परगना ने चैंपियन्स ट्रॉफी जीती और केरल उपविजेता रहा। संथाल परगना के गोलकीपर विनय कुण्डू ने फाइनल मैच में पेनाल्टी शूट के 4 गोल बचाकर सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर का मेडल प्राप्त किया वहीं संथाल परगना के ही खिलाड़ी विमल मराण्डी मेन ऑफ द टूर्नामेंट रहें। फाइनल मैच में केरल के खिलाड़ी अभिनंद को मेन ऑफ द मैच घोषित किया गया। -
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रायपुर : मुंगेली जिले के विकासखंड मुंगेली के ग्राम करही निवासी मोनिका राठौर महिला सशक्तिकरण की मिसाल बन गई है। मोनिका महतारी वंदन योजना का लाभ ले रही है और उस राशि का उपयोग करके अपने व्यवसाय को एक नई दिशा दे रही है और आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ रही है। मोनिका ने बताया कि उनका सुहाग भंडार का दुकान है, यही उनकी आय का एकमात्र जरिया है। शासन द्वारा महतारी वंदन योजना के तहत प्रतिमाह एक हजार रूपए मिलने से उन्हें काफी मदद मिलती है। उनके दो बेटे हैं। उन्होंने महतारी वंदन योजना का लाभ उठाकर बच्चों के लिए बैंक खाता खुलवाया है, जिसमें बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखकर प्रतिमाह रूपए भी जमा करती है। उन्होंने योजना के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय सहित शासन-प्रशासन को धन्यवाद ज्ञापित किया है।
उल्लेखनीय है कि राज्य शासन द्वारा महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने और स्वास्थ्य तथा पोषण स्तर में सुधार लाने के लिए महतारी वंदन योजना की शुरूआत की गई है। इस योजना के तहत प्रतिमाह 01 हजार रूपए महिलाओं के बैंक खाते में अंतरित की जाती है। योजना से महिलाओं में खुशी की लहर है। मुंगेली जिले के लगभग 02 लाख 13 हजार महिलाएं इस योजना से लाभान्वित हो रही हैं। योजनांतर्गत महतारी वंदन योजना की 10 किस्त की राशि जारी हो चुकी है।
गौरतलब है कि उक्त योजना का शुभारंभ 10 मार्च 2024 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने किया था। राज्य की लगभग 70 लाख हितग्राही महिलाओं को हर माह एक हजार रूपए की आर्थिक सहायता दी जा रही है। मार्च से लेकर दिसम्बर तक हितग्राही महिलाओं को 10 मासिक किश्तों में 6530 करोड़ 41 लाख रूपए की आर्थिक सहायता दी जा चुकी है। -
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युवाओं ने उत्साहपूर्वक आयोजन में लिया हिस्सा: सवालों के सही जवाब देने पर मिले आकर्षक उपहार और डिस्काउंट वॉचर्स
रायपुर : देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय श्री अटल बिहारी बाजपेयी की जयंती में उनके कविता संग्रह में से चुनिंदा कविताओं का राजधानी के युवाओं ने वाचन किया, छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना में उनके अतुलनीय योगदान को स्मरण किया और हिंदी में पहली बार संयुक्त राष्ट्र संघ में दिए गए उनके भाषण पर भी अपने विचार प्रकट किए। यह अवसर था राजधानी रायपुर के नालंदा परिसर में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री अटल बिहारी बाजपेयी की जयंती के अवसर पर मनाए जा रहे सुशासन दिवस का।जनसंपर्क विभाग की ओर से नालंदा परिसर में 'खुशहाल एक साल' इवेंट का आयोजन किया गया जिसमें नालंदा परिसर में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवा न केवल देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री अटल बिहारी बाजपेयी की जीवन यात्रा, कविता संग्रह और विचारों से रूबरू हुए, बल्कि छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व मे राज्य सरकार की विगत एक वर्ष की उपलब्धियों और योजनाओं के प्रति भी जागरूक हुए। मनोरंजन और खेल - खेल में युवाओं को अपने प्रदेश के बारे में बहुत कुछ जानने का मौक़ा मिला।
सबके बीच अपने विचार व्यक्त करने से झिझकने वाले युवाओं ने भी हल्के फुलके वातावरण में संकोच करना बंद कर ख़ुशी-ख़ुशी विभिन्न गतिविधियों में भाग लिया। युवाओं ने राज्य में संचालित महतारी वंदन योजना, नियद नेल्ला नार योजना, मुख्यमंत्री खाद्यान्न सहायता योजना, कृषक उन्नति योजना, पर्यटन, छत्तीसगढ़ की बोलियों, आभूषणों आदि के बारे में पूछे गए प्रश्नों का सही उत्तर देने में तत्परता दिखाई । छत्तीसगढ़ में मिलने वाले खनिज, प्रदेश की लोक कला, खान -पान, गौरवशाली इतिहास संबंधी प्रश्नों को भी विभिन्न गतिविधियों के बीच में पूछा गया और इस दौरान सही उत्तर देने वाले युवाओं को विभिन्न डिस्काउंट कूपन, बिहान के उत्पाद उपहार स्वरूप प्रदान किए गए।डिस्काउंट वाउचर में नालंदा परिसर में स्थित लाइब्रेरी के मासिक शुल्क में ५० प्रतिशत की छूट ने भी प्रतियोगी परीक्षाओं के एस्पिरेंट्स को खूब लुभाया । इससे उनका उत्साह और बढ़ गया और उन्होंने इवेंट की समाप्ति तक पूरे उमंग के साथ आयोजन में हिस्सा लिया । उल्लेखनीय है कि खुशहाल एक साल इवेंट का यह छठवाँ आयोजन था। इससे पहले भी रायपुर शहर के विभिन्न स्थलों में इवेंट आयोजित किया गया जिसमें युवाओं ने भरपूर रुचि और उत्साह के साथ आयोजन की सफलता में अपनी सहभागिता प्रदान की थी। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
राज्य के 20 जिलों के किसान कर रहे हैं फोल्डस्कोप का उपयोग
उन्नत तकनीक के जरिए किसान मिट्टी की गुणवत्ता और पौधों की बीमारियों का पता लगाने में हो रहे सक्षम
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की विशेष पहल पर छत्तीसगढ़ में खेती को उन्नत और लाभकारी बनाने के लिए लगातार नित नए नवाचार किए जा रहे हैं। किसानों को उन्नत कृषि उपकरणों के उपयोग और वैज्ञानिक पद्धति को अपनाने के लिए लगातार प्रोत्साहित किए जा रहा है, जिसके सार्थक परिणाम भी सामने आने लगे है। छत्तीसगढ़ राज्य कृषि प्रधान राज्य है। यहां की 70 प्रतिशत से अधिक आबादी खेती किसानी पर निर्भर है। छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था की धुरी भी कृषि है। छत्तीसगढ़ को खुशहाल और समृद्ध बनाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार किसानों को हर संभव मदद दे रही है।
छत्तीसगढ़ में फसलों के कीट प्रकोप प्रबंधन और उन्नत नस्ल के पशुपालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किसानों को फोल्डस्कोप माइक्रोस्कोप के उपयोग के लिए प्रेरित एवं प्रोत्साहित किया जा रहा है। राष्ट्रीय जैविक तनाव प्रबंधन संस्थान के सहयोग से राज्य के 20 जिलों के किसानों को ’’फोल्डस्कोप’’ नामक पोर्टेबल माइक्रोस्कोप वितरित किया गया है, जिसका उद्देश्य किसानों को खेती और पशुपालन में वैज्ञानिक तकनीकों से सशक्त बनाना है।
रायगढ़, जांजगीर-चांपा, बलौदाबाजार-भाटापारा, रायपुर, धमतरी, दुर्ग, राजनांदगांव, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी, कोरिया, सरगुजा, जशपुर, कोरबा, सक्ती, महासमुंद, बिलासपुर, मुंगेली, कबीरधाम, बेमेतरा, कांकेर और बस्तर जिलों के 30 से अधिक गांवों में फैले इस कार्यक्रम को आईसीएआर - राष्ट्रीय जैविक तनाव प्रबंधन संस्थान द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
फोल्डस्कोप एक किफायती और पोर्टेबल माइक्रोस्कोप है, जिसे स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिक प्रोफेसर मनु प्रकाश और उनकी टीम ने विकसित किया है। इसे 2014 में लॉन्च किया गया था और तब से इसका उपयोग शिक्षा, शोध और निदान के लिए किया जा रहा है। यह उपकरण खेती और वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में बेहद उपयोगी और किफायती है। फोल्डस्कोप का उपयोग किसान कीट और रोग का पता लगाने, मिट्टी की गुणवत्ता की जांच और पानी के विश्लेषण के लिए कर रहे हैं। इसकी मदद से फसलों में पाउडरी फफूंदी, पत्ती झुलसा, पत्ती धब्बा और कटाई के बाद होने वाली बीमारियों की पहचान की जा रही है।
अब तक, फोल्डस्कोप की मदद से 16 प्रकार के फफूंद रोगों और उनके कारक जीवों की पहचान हो चुकी है। उदाहरण के लिए, गोलोविनोमाइसेस सिचोर-एसेरम और एरीसिफे पॉलीगोनी जैसे रोगजनकों का पता लगाया गया है। फोल्डस्कोप केवल खेती तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे पशुपालन में भी इस्तेमाल किया जा रहा है। मवेशियों के कृत्रिम गर्भाधान के लिए वीर्य की गुणवत्ता का आकलन करने में इसका प्रयोग किया गया है। इससे गर्भधारण दर में सुधार हुआ है और देशी मवेशियों की नस्लों की ग्रेडिंग बेहतर हो रही है।
फोल्डस्कोप का उपयोग पांच जैविक कीटनाशकों और दो जैव एजेंटों का परीक्षण करने के लिए भी किया गया है। इससे रसायनों पर निर्भरता घटाने और पर्यावरण-अनुकूल खेती को बढ़ावा देने में मदद मिल रही है। फोल्डस्कोप को बनाने का विचार तब आया जब प्रोफेसर मनु प्रकाश ने खेतों का दौरा किया और पाया कि वैज्ञानिक उपकरणों की अनुपलब्धता किसानों के लिए एक बड़ी बाधा है। उन्होंने एक ऐसा उपकरण विकसित किया जो सस्ता, टिकाऊ और ग्रामीण क्षेत्रों में उपयोग के लिए आदर्श हो। फोल्डस्कोप ने छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए कृषि और पशुपालन को सरल और वैज्ञानिक बना दिया है। यह उपकरण न केवल खेती में लागत कम कर रहा है, बल्कि फसल और मवेशियों की गुणवत्ता में सुधार कर उनकी आय बढ़ाने में मदद कर रहा है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
संथाल परगना और केरल के बीच फुटबॉल का फाइनल मुकाबला कल कोटा स्टेडियम में
वन मंत्री केदार कश्यप ने मैदान पहुँचकर जनजाति खिलाड़ियों का बढ़ाया हौसला
तीरंदाजी में पूर्वी उत्तर प्रदेश के बच्चों ने मारी बाजी
रायपुर : राजधानी रायपुर में चल रही 24 वीं राष्ट्रीय वनवासी क्रीडा प्रतियोगिता के आज तीसरे दिन फुटबॉल के कुल 09 मैच खेले गए जिसमें दो सेमीफाइनल के मैच भी शामिल है। छत्तीसगढ़ के वन मंत्री एवं स्वागत समिति के अध्यक्ष श्री केदार कश्यप ने कोटा स्टेडियम और तीरंदाजी खेल परिसर में पहुंचकर खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया उन्होंने सभी खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त किया और बेहतरीन खेल दिखाने के लिए सभी का हौसला बढ़ाया।
फुटबॉल के मैच और परिणाम
पंडित रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी के खेल मैदान में आयोजित फुटबॉल मैच में केरल का दबदबा रहा केरल ने आज के अपने तीनों मैच जीते और फाइनल में जगह बनाई। सेमी फाइनल में केरल का मुकाबला मिजोरम से हुआ जहां केरल ने मिजोरम को मात देकर फाइनल में स्थान बनाया। पहले केरल ने दक्षिण बंगाल के साथ हुए मैच को टाई ब्रेकर तक खींचा और उसके बाद टाई ब्रेकर में दक्षिण बंगाल को एक गोल से हराया।एक दूसरे मैच में मध्य भारत और नागालैंड के बीच बेहद रोमांचक मैच हुआ जिसमें नागालैंड के विनाश ने एकमात्र गोलकर अपनी टीम को विजय दिलाई।जशपुर और मिजोरम के मैच में टोपजी राम ने दो गोल कर जशपुर को 2- 1 से हराया और सेमीफाइनल में अपनी जगह बनाई । केरल और नागालैंड के मैच में भारी गहमा गहमी रही। केरल ने मैच को 2- 1 से जीत कर सेमीफाइनल में प्रवेश किया। कोटा स्टेडियम पर आज 5 मैच खेले गए । झारखंड और उत्तर बंगाल के मैच में झारखंड में एक गोल से जीत हासिल की उत्तर बंगाल की टीम कोई गल नहीं कर सकी।गोवा की टीम ने राजस्थान को 4-0 से शिकायत दी। वही झारखंड और महाकौशल के बीच हुए मैच में झारखंड ने तीन गोल किए महाकौशल केवल एक ही गोल कर पाया । झारखंड ने मैच जीत कर सेमीफाइनल में जगह बनाया। गोवा और संथाल परगना का मैच काफी रोमांचक रहा मैच टाई ब्रेकर तक पहुंचा। टाई ब्रेकर में संथाल परगना ने गोवा को 4 - 2 से शिकस्त दी और सेमीफाइनल में प्रवेश किया।
सेमी फाइनल के परिणाम
पहले सेमीफाइनल में केरल और मिजोरम के बीच हुए मैच में दोनों टीमें छाई रही दोनों टीमों के खिलाड़ी निर्धारित समय तक कोई गोल नहीं कर सके । टाई ब्रेकर में केरल के खिलाड़ियों ने अपना वर्चस्व बनाए रखा और चार गोल किए। मिजोरम की टीम केवल तीन गोली कर सकी इस प्रकार केरल ने 4 - 3 से मैच जीत कर फाइनल में जगह बनाई। दूसरे सेमीफाइनल मैच में संथाल परगना और झारखंड के बीच हाई वोल्टेज मैच हुआ। मैच में कोई भी टीम निर्धारित समय में गोल नहीं कर सकी। सडन डेथ में झारखंड ने चार गोल किए लेकिन संथाल परगना ने बेहतर खेल दिखाया और पांच गोलकर फाइनल में प्रवेश किया।
फुटबॉल का फाइनल मैच
फुटबॉल प्रतियोगिता का फाइनल मैच मंगलवार को सुबह 9:00 बजे से कोटा स्टेडियम में केरल और संथाल परगना के बीच खेला जाएगा।
तीरंदाजी प्रतियोगिता के आज के परिणाम
राज्य तीरंदाजी अकादमी मैदान पर आज 24वीं राष्ट्रीय वनवासी क्रीडा प्रतियोगिता के तहत तीरंदाजी के जूनियर और बालक /बालिका के 40 एवं 30 मीटर के मैच खेले गए। तीरंदाजी के बालिका जूनियर वर्ग में उड़ीसा के तीरंदाजों का दबदबा रहा। उड़ीसा के मंजू लता ने 563 अंक प्राप्त कर पहला स्थान प्राप्त किया ।छत्तीसगढ़ की रामशिला नेताम ने 493 अंकों के साथ दूसरे स्थान पर रही ।वहीं उड़ीसा की मीना त्रिया 460 अंक लेकर तीसरे स्थान पर रही। जूनियर बालक वर्ग में पूर्वी उत्तर प्रदेश के तीरंदाजो ने कमाल दिखाया दूसरे और तीसरे स्थान पर पूर्वी उत्तर प्रदेश के तीरंदाज रहे ।राजस्थान के हिमेश बरांडा ने 643 अंकों के साथ पहला स्थान प्राप्त किया पूर्वी उत्तर प्रदेश के आदित्य सिंह ने 637 अंकों के साथ दूसरा और हीरा सिंह ने 626 अंकों के साथ तीसरा स्थान प्राप्त किया। -
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मन की बात कार्यक्रम पीएम मोदी द्वारा बस्तर ओलंपिक की सराहना छत्तीसगढ़ के लिए गर्व का विषय: विधायक सुनील सोनी
रायपुर : रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल और रायपुर दक्षिण के विधायक सुनील सोनी ने आज गांधी नगर कालीबाड़ी चौक, रायपुर में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मासिक कार्यक्रम "मन की बात" का श्रवण किया। विधायक सुनील सोनी ने कहा- आज के इस प्रसारण में माननीय प्रधानमंत्री जी ने हमारे छत्तीसगढ़ के बस्तर ओलंपिक की भी सराहना की जो हम सभी प्रदेशवासियों के लिए गर्व का विषय है।यह देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के कुशल मार्गदर्शन और माननीय मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय जी के नेतृत्व का ही परिणाम है कि जो बस्तर माओवाद प्रभावित क्षेत्र के रुप में जाना जाता था आज वह "बस्तर ओलंपिक" जैसे आयोजनों और अपने तेज विकास के लिए जाना जा रहा है।यहाँ देखे विडियो :-<iframe width="560" height="315" src="https://www.youtube.com/embed/DDSfcBT6X-0?si=GfusjYIRlBZKwkr5" title="YouTube video player" frameborder="0" allow="accelerometer; autoplay; clipboard-write; encrypted-media; gyroscope; picture-in-picture; web-share" referrerpolicy="strict-origin-when-cross-origin" allowfullscreen></iframe>इसके साथ ही उन्होंने पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से आमजन के जीवन में आने वाले सकारात्मक परिवर्तन पर भी बात की। -
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स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने राज्य के निवासियों को नए वर्ष के आगमन पर दी एक नई सौगात
हार्ट सर्जन डॉ. कृष्णकांत साहू के नेतृत्व में 50 वर्षीय महिला की हुई सफल ओपन हार्ट सर्जरी
मरीज के हार्ट में टाइटेनियम से बना मैटेलिक प्रोस्थेटिक वाल्व लगाया गया एवं ट्राइकस्पिड वाल्व को रिपेयर किया गया
शहीद वीर नारायण सिंह आयुष्मान स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत निशुल्क हुई हार्ट सर्जरी
रायपुर : छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय के हार्ट सर्जरी विभाग के कुशल डॉक्टरों की टीम ने 50 वर्षीय महिला की सफल ओपन हार्ट सर्जरी कर मरीज को नया जीवन दिया है। हार्ट सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. कृष्णकांत साहू के नेतृत्व में यह सफल ऑपरेशन किया गया। सर्जरी के बाद महिला की हालत ठीक है तथा वह अभी डॉक्टरों की देखरेख में है। मरीज का वाल्व रिप्लेसमेंट हुआ है। स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने राज्य के निवासियों को नए वर्ष के आगमन पर ओपन हार्ट सर्जरी सुविधा की शुरुआत के लिए अस्पताल प्रबंधन को अपनी तरफ से शुभकामनाएं दी हैं। श्री जायसवाल ने कहा है कि बहुत जल्द ही यहां बाईपास सर्जरी की शुरुआत भी होगी।महासमुंद निवासी 50 वर्षीय महिला मरीज को लगभग तीन साल से सांस फूलने की शिकायत थी। थोड़ा भी काम करने से हृदय की धड़कन बढ़ जाती थी जिसे हार्ट पल्पिटेशन कहा जाता है। अपनी इन्हीं समस्याओं के साथ महिला अम्बेडकर अस्पताल के एडवांस्ड कार्डियक इंस्टीट्यूट के हार्ट सर्जरी विभाग में डॉ. कृष्णकांत साहू के पास पहुंची। उन्होंने मरीज की पूरी जांच की। जाँच में पता चला कि हार्ट के वाल्व में सिकुड़न है और एक वाल्व में लीकेज है।हार्ट का वाल्व इतना सिकुड़ गया था कि इनको डॉक्टर ने 3 साल पहले ही ऑपरेशन की सलाह दी थी मगर ओपन हार्ट सर्जरी का नाम सुनकर मरीज तथा उसके परिवार के लोग घबरा गए और उस वक्त उन्होंने ओपन हार्ट सर्जरी करवाने से मना कर दिया फिर उसके बाद समस्या बढ़ती गई और मरीज पुन: एक बार फिर डॉ. कृष्णकांत साहू के पास पहुंची, जहां पर उन्होंने ने महिला को ओपन हार्ट सर्जरी से संबंधित सभी जानकारी दी। उनकी काउंसलिंग की। सर्जरी के पश्चात स्वास्थ्य में होने वाले सुधार के बारे में विस्तार से बताया।
डॉ. कृष्णकांत साहू ने मरीज की स्थिति को ध्यान में रखते हुए अम्बेडकर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर को केस की गंभीरता तथा ओपन हार्ट सर्जरी की आवश्यकता के बारे में बताया। स्वास्थ्य मंत्री श्री जायसवाल के निर्देश पर तत्काल कार्डियक एनेस्थेटिस्ट, परफ्यूजनिस्ट तथा अन्य मानव संसाधन की व्यवस्था की गई । अंततः 26 दिसंबर को मरीज की ओपन हार्ट सर्जरी की गई तथा मरीज के हृदय में कृत्रिम वाल्व का प्रत्यारोपण किया और एक वाल्व को रिपेयर किया।इस ऑपरेशन को मेडिकल भाषा में माइट्रल वाल्व रिप्लेसमेंट बाय यूजिंग बाईलीफलेट मैटेलिक प्रोस्थेटिक वाल्व प्लस ट्राईकस्पिड वाल्व रिपेयर अंडर हार्टलंग मशीन कहा जाता है। डॉ. कृष्णकांत साहू ने मरीज की वर्तमान हालत के संबंध में जानकारी देते हुए बताया की मरीज ने आज सुबह का नास्ता, दोपहर का लंच तथा रात का खाना अपने हाथों से खाया। मरीज की हालत में लगातार सुधार है। मरीज का ऑपरेशन करने वाली टीम में हार्ट सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. कृष्णकांत साहू, कार्डियक एनेस्थेटिस्ट डॉ. वरुण, परफ्यूजनिस्ट राहुल और डिगेश्वर तथा नर्सिंग स्टाफ में राजेंद्र, नरेंद्र एवं चोवा राम शामिल रहे। -
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सर्वाधिक 9-0 गोल से जीती मध्य भारत की टीम
रायपुर : राजधानी रायपुर में हो रही 24 वीं राष्ट्रीय वनवासी क्रीड़ा प्रतियोगिता में आज दूसरे दिन फुटबॉल के 13 मैच खेले गए। फुटबॉल के सात मैच कोटा स्टेडियम पर और छह मैच यूनिवर्सिटी खेल मैदान पर खेले गए । आज राज्य तीरंदाजी एकेडमी मैदान पर आर्चरी की 40 मीटर और 30 मीटर की प्रतिस्पर्धा भी हुई। आज के खेलों में जनजातीय खिलाड़ियों ने अपना खेल कौशल दिखाया।
फुटबॉल के मैच और परिणाम
आज के खेलों में मध्य भारत के खिलाड़ी छाए रहे। हिमांचल से हुए मध्यभारत के खिलाड़ियों ने एक के बाद एक नौ गोल दागकर एक तरफा मैच को 9-0 से जीत लिया । मिजोरम और कोंकण के बीच खेले गए मैच में मिजोरम के खिलाड़ियों ने खेल का बेहतरीन प्रदर्शन किया।तोपजी राम के दो गोलों से को मिलकर मिजोरम ने यह मैच शून्य के मुक़ाबले 7 गोलों से जीता। एक अन्य मैच में छतीसगढ़ के जशपुरनगर और त्रिपुरा के खिलाड़ियों के बीच खेला गया। इस मैच में खेल के निर्धारित समय तक दोनों टीमें 3-3 गोल से बराबरी पर रही और शूट आउट में जशपुर ने यह मैच 3-2 गोल से जीत लिया ।दक्षिण असम और नागालैंड के रोमांचक मैच में अंत तक गहमा गहमी रही और नागालैंड ने दो गोल कर खेल को 2-0 जीता। मिजोरम ने बिहार के साथ खेले मैच को एक गोल से जीता। बिहार की टीम एक भी गोल नहीं कर सकीं । उड़ीसा और जशपुर के रोमांचक मैच में जशपुर की टीम उड़ीसा पर हावी रही पर बहुत प्रयासों के बाद भी निर्धारित समय तक खेल में कोई गोल नहीं हो पाया। अंत में खेल का फैसला शूट आउट से करने का निर्णय लिया गया। शूट आउट में जशपुर ने 5-4 गोलों के अंतर से मैच जीत लिया ।
महाकौशल और असम के बीच बहुत रोमांचक मैच हुआ जिसमें महाकौशल की टीम ने पेनल्टी शूटआउट में 4- 3 से जीत हासिल की। झारखंड और अंडमान के बीच हुए मैच में झारखंड की टीम 4- 0 से विजई हुई। उत्तरबंग और दिल्ली के बीच हुई एक तरफा मुकाबले में उत्तर बंग की टीम 5- 0 से विजई हुई। वही उत्तर प्रदेश और राजस्थान के बीच हुए मैच में पेनल्टी शूटआउट में राजस्थान की टीम ने 4- 2 जीत हासिल की।छत्तीसगढ़ और गोवा के बीच हुए मैच में गोवा की टीम ने 3- 0 से जीत हासिल की। मणिपुर और संथाल परगना के बीच बहुत ही रोमांचक मैच हुआ जिसमें संथाल परगना की टीम पेनल्टी शूटआउट में 4- 3 से जीत हासिल की। अंत में संथाल परगना और मेघालय टीम के बीच हुए मैच में संथाल परगना ने एक तरफा मुकाबले में 5 - 0 से जीत हासिल की।तीरंदाज़ी के खेल में आज बालक बालिका के जूनियर और सब जूनियर ग्रुप में 40 तथा 30 मीटर की स्पर्धाएं 40 मी टर जूनियर बालक स्पर्धा में पूर्वी उत्तर प्रदेश के आदित्य सिंह ने 322 अंक प्राप्त कर प्रथम स्थान प्राप्त किया।राजस्थान के हिमेश बरांडा 319 अंक लेकर दूसरे और मणिपुर के गाई हेमलूम हलमई 313 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर रहें। 40 मीटर जूनियर बालिका आर्चरी प्रतियोगिता में उड़ीसा की मंजुला हेब्रम पहले स्थान पर रही । मंजुला ने 281 अंक अर्जित किए। मध्य भारत की दीपिका मूंदड़ा ने 233 अंकों के साथ दूसरा और 230 अंकों के साथ छतीसगढ़ की रामशीला नेताम तीसरे स्थान पर रही ।
तीरंदाज़ी के 30 मीटर सब जूनियर बालिका समूह में कर्नाटक के खिलाड़ियों ने पहले दो स्थान प्राप्त किए। 300 अंक लेकर भाग्यश्री पहले और बजरंग 282 अंकों के साथ अन्नपूर्णा दूसरे स्थान पर रहीं । राजस्थान की दर्शी डामोर ने 257 अंक अर्जित कर तीसरा स्थान प्राप्त किया ।30 मीटर सब जूनियर बालक वर्ग में पूर्वी उत्तर प्रदेश के तीरंदाज़ों का दबदबा रहा। पूर्वी उत्तर प्रदेश के तीरंदाज विशाल कुमार ने 327 अंक अर्जित कर दूसरा और दीपक ने 325 अंक लेकर तीसरा स्थान पाया । पहले स्थान पर उत्तर बंगाल के तीरंदाज सकनोन लेपचा ने 328 अंक प्राप्त किए।
कल तीरंदाज़ी में बालक-बालिका समूह में 30 मीटर जूनियर और 20 मीटर सब जूनियर स्पर्धाएँ होंगी जिसमें दो सौ से अधिक जनजातीय खिलाड़ी शामिल होंगे। प्रतियोगिताएँ राज्य आर्चरी एकेडमी मैदान पर सुबह आठ बजे से शुरू होंगी। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान पर आज 24 वीं राष्ट्रीय वनवासी क्रीड़ा प्रतियोगता का परंपरागत ढंग से सादगीपूर्ण शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों और खिलाड़ियों ने सबसे पहले पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए पुष्पांजलि अर्पित की और उनके आत्मा की शांति की कामना करते हुए श्रद्धांजलि भी दी। इस खेल प्रतियोगिता में वनवासी कल्याण आश्रम के कार्य क्षेत्र अनुसार 33 प्रान्तों के 800 से अधिक जनजातीय बालक बालिकाएं भाग ले रहे है।प्रतियोगिता में अंडमान निकोबार से लेकर पूर्वोत्तर राज्यों, उड़ीसा, गुजरात तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल तमिलनाडु, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड उत्तर प्रदेश आदि राज्यों सहित नेपाल देश के भी जनजातीय खिलाड़ी हिस्सा ले रहे है। प्रतियोगिता में फुटबॉल और तीरंदाजी की स्पर्धाएं हो रही है। फुटबॉल के मैच कोटा स्टेडियम और पंडित रवि शंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी खेल मैदान पर हो रही है वहीं तीरंदाजी की प्रतियोगिता, राज्य तीरंदाजी एकेडमी मैदान पर हो रही है।प्रतियोगिता के लिए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और वनमंत्री तथा स्वागत समिति के अध्यक्ष श्री केदार कश्यप ने भी अपनी शुभकामनाएं दी है। प्रदेश सचिव डॉ अनुराग जैन ने दोनों के शुभकामना संदेशों का वाचन किया। शुभारंभ समारोह में अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री अतुल जोग , राष्ट्रीय महामंत्री योगेश बापट , छत्तीसगढ़ प्रांत के अध्यक्ष श्री उमेश कच्छप और संगठन मंत्री श्री रामनाथ कश्यप भी उपस्थित रहे।
वनवासी क्रीड़ा प्रतियोगिता जनजातीय खिलाड़ियों की प्रतिभा की विश्व स्तर पर स्थापित करने का प्रयास: श्री सत्येंद्र सिंह
प्रतियोगिता में उपस्थित खिलाड़ियों का उत्साह वर्धन करते हुए अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सत्येंद्र सिंह ने कहा कि यह खेल आयोजन जनजातीय खिलाड़ियों की प्रतिभा को विश्व स्तर पर स्थापित करने के उद्देश्य से किया जा रहा है उन्होंने खेल से होने वाले फायदों को बताते हुए कहा कि खेल नियमों से खेले जाते है और खिलाड़ियों को अनुशासित तथा शिष्टाचारी नागरिक तैयार करने में मदद करते है उन्होंने कहा जिसमें खेल की भावना होती हैं उसमें जीवन के संघर्षों से लड़ने का साहस स्वतः ही आ जाता है खेल मानसिक, बौद्धिक और सामाजिक दृष्टि से हमें मजबूत बनाते हैं। खेल के माध्यम से हम देश के आदर्श नागरिक बन कर राष्ट्र विकास में अपना यथोचित योगदान दे सकते है।श्री सिंह ने 24 वीं राष्ट्रीय वनवासी क्रीड़ा स्पर्धा की शुरुआत की घोषणा की और खिलाड़ियों को खेल भावना से खेलने के लिए शपथ भी दिलाई ।
मुख्य वक्ता ने वनवासी खेल महोत्सव की यादें ताजा की, शुभ प्रसंग भी बताए
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता श्री सतेंद्र सिंह ने इस अवसर पर वनवासी खेल महोत्सव की शुरुआत की यादें भी ताजा की और आज की पीढ़ी को इस जनजातीय खेल प्रतियोगता की शुरुआत की भी जानकारी दी उन्होंने बताया कि 1952 में वनवासी कल्याण आश्रम की स्थापना के 33 वर्ष बाद पूना में स्व अशोक साठे के प्रयास से खेल प्रकल्प की शुरुआत हुई थी। उन्होंने बताया कि मुंबई में 20 नवयुवकों के साथ 7 से 9 अगस्त 1987 में खेल केन्द्र शुरू हुआ और 1991 में मुंबई में ही पहली वनवासी क्रीड़ा प्रतियोगता आयोजित हुई जिसमें उड़न सिख श्री मिल्खा सिंह भी शामिल हुए थे। पहले आयोजन में 15 राज्यों के 392 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था तब से अब तक 23 राष्ट्रीय वनवासी खेल स्पर्धाएं हो चुकी है और इस बार 24 वीं प्रतियोगता हो रही है उन्होंने यह भी बताया कि सभी प्रतियोगिताओं में जनजातीय समाज की पहचान कहे जाने वाले तीरंदाजी खेल शामिल रहा है इसके साथ कोई अन्य खेल कबड्डी, खो खो , फुटबॉल आदि को शामिल किया जाता रहा है,।
खेल अब कैरियर चुनने का माध्यम, खेलकर अफसर भी बन सकते है : ओलंपियन श्रीमती कविता राउत
खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए भारतीय ओलंपियन एथलीट श्री मति कविता राउत ने कहा कि आज हम खेलो को करियर बनाने का माध्यम चुन सकते है खेल के साथ साथ रोजगार के अवसर भी मिल सकते है। खेलो से ही आगे बढ़कर हम अफसर भी बन सकते है । उन्होंने बताया कि वनवासी कल्याण आश्रम के सक्रिय सहयोग से ही वे खेल की नई ऊंचाइयों तक पहुंची है श्री मति राउत ने बताया कि रांची में वर्ष 2000 में हुए राष्ट्रीय क्रीड़ा महोत्सव में वे एक धावक खिलाड़ी के रूप में शामिल हुई थी। कल्याण आश्रम के खेल कूद प्रकल्प से ही उनकी खेल यात्रा शुरू हुई जिसने उन्हें भारत के लिए खेलने और ओलम्पिक में मेडल जीतने का अवसर दिलाया। श्री मति राउत ने सभी खिलाड़ी प्रतिभागियों को खेल भावना से खेलने की समझाइश देते हुए अपनी शुभकामनाएं दी।
आज के मैच और परिणाम
राष्ट्रीय वनवासी क्रीड़ा प्रतियोगिता में आज फुटबॉल का उदघाटन मैच उड़ीसा और आंध्रप्रदेश की टीमों के बीच हुआ। इस मैच में उड़ीसा की टीम 4-0 से विजयी हुई । उड़ीसा के खिलाड़ी बादल ने खेल के चौथे मिनट में पहला गोल दागा। उड़ीसा की ओर से बादल ने दो और चंदना तथा भुजू ने एक एक गोल किया। आंध्र प्रदेश की टीम कोई गोल नहीं कर सकी। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : महिला एवं बाल विकास और समाज कल्याण मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने सचिव छत्तीसगढ़ शासन को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र के माध्यम से भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय के प्रसाद योजना में शामिल सूरजपुर जिले के कुदरगढ़ स्थित माँ बागेश्वरी मंदिर के कायाकल्प और सर्वांगीण विकास के लिए भारत सरकार को पुनः स्मरण पत्र जारी की है।
गौरतलब है कि प्रसाद योजना, भारत सरकार की एक योजना है जिसका मकसद धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना है। तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्द्धन अभियान योजना के तहत, तीर्थ स्थलों को विकसित करने और उन्हें पहचान दिलाने पर ध्यान दिया जाता है। प्रसाद योजना के तहत पर्यटन स्थलों के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेशों को वित्तीय सहायता दी जाती है, जिसमें सूरजपुर जिले के धार्मिक स्थल कुदरगढ़ मंदिर के कायाकल्प के लिए इसे ’प्रसाद’ योजना में शामिल किया गया है।
योजना के क्रियान्वयन में विधानसभा भटगावँ में माँ बागेश्वरी धाम में रोप वे, हेलीपेड, यज्ञ शाला, ज्योति कक्ष, सीढ़ी निर्माण, यात्री शेड, हाई मास्क लाइट, सी.सी.टी.वी., पेयजल, सेस्क्युरिटी चेक पॉइन्ट, शौचालय, हर्बल गार्डन, हाट-बाजार, अपशिष्ट प्रबंधन, यात्रियों की सुविधा हेतु बैटरी चलित वाहन, स्टॉप डेम विकास, प्रसाद किचन, प्रतीक्षालय आदि विकास कार्यों को सम्पन्न किये जा सकेंगे। -
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स्वागत समिति के अध्यक्ष और वन मंत्री केदार कश्यप ने दी जानकारी
रायपुर : गुरुवार सायं देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के निधन के बाद अब रायपुर में आयोजित होने वाली 24वीं राष्ट्रीय वनवासी क्रीड़ा प्रतियोगिता-2024 के कार्यक्रम में भी बदलाव हुए हैं। वनवासी विकास समिति द्वारा आयोजित की जा रही इस राष्ट्रीय प्रतियोगिता के विभिन्न कार्यक्रम रद्द किए गए हैं। डॉ मनमोहन सिंह जी के निधन के बाद देश में राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है, जिसके बाद राष्ट्रीय वनवासी क्रीड़ा प्रतियोगिता की स्वागत समिति ने भी तय किया है कि प्रतियोगिता के दौरान होने वाली विशाल खेल ज्योति यात्रा, मार्च पास्ट, सांस्कृतिक कार्यक्रम, मातृहस्त भोजन एवं प्रदर्शनी जैसे सभी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया है।
इस कार्यक्रम के उद्घाटन को भी सादगीपूर्ण एवं औपचारिक तरीके से करने का निर्णय लिया गया है। समय में बदलाव करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह जी को श्रद्धांजलि देने के बाद अब दोपहर 3 बजे प्रतियोगिता का उद्घाटन किया जाएगा। पूर्व प्रधानमंत्री के निधन के चलते प्रतियोगिता के समापन को भी सामान्य एवं औपचारिक रखा गया हैयहाँ देखे विडियो :-गौरतलब है कि राजधानी रायपुर में 24वीं राष्ट्रीय वनवासी क्रीड़ा प्रतियोगिता का आयोजन हो रहा है, जिसमें 25 प्रान्तों के 800 से अधिक जनजातीय खिलाड़ी तीरंदाजी एवं फुटबॉल के खेल में भाग लेने आये हैं। कार्यक्रम की रूपरेखा एवं व्यवस्था भव्य एवं अभूतपूर्व रखी गई थी, किंतु डॉ मनमोहन सिंह के दिवंगत होने की खबर मिलते ही कार्यक्रम की पूरी रचना में परिवर्तन कर अब इसे सामान्य एवं औपचारिक रखने का निर्णय लिया गया है।

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