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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : नक्सलियों से मुठभेड़ में घायल डीआरजी के जवान श्री रामचंद्र यादव से मिलने उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा देर रात राजधानी रायपुर के श्री नारायणा अस्पताल पहुंचे। इस दौरान उपमुख्यमंत्री ने घायल जवान से उनका हालचाल जाना। उप मुख्यमंत्री श्री शर्मा ने घायल जवान से घटना की जानकारी भी ली।
उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने कहा कि मुठभेड़ में 28 नक्सलियों के शव बरामद हुए हैं, सर्चिंग ऑपरेशन अभी भी जारी है। सवेरे सर्चिंग किया जाएगा संभवत दो-तीन नक्सलियों के शव और बरामद हो सकते हैं। आज तक के नक्सल ऑपरेशन में जो कांकेर में हुआ था उससे भी बड़ा नक्सल ऑपरेशन हुआ है। बहुत बड़ी संख्या में एके-47, एसएलआर बरामद हुआ है, बहुत सारे हथियार बरामद हुए हैं।उस क्षेत्र में नक्सलियों की कमर टूट गई है, पूरी कंपनी खत्म हो गई। मैं नक्सलियों से कहना चाहता हूं कि सभी को घर पर वापस आना चाहिए। छत्तीसगढ़ की सरकार अच्छी सरेंडर पालिसी के साथ सामने आ रही है, मुख्य धारा पर सभी लौटे। बस्तर और बस्तर का जल, जंगल और जमीन बस्तरवासियो का है। उन्होंने कहा कि बस्तर के विकास के मार्ग पर बिछे हुए आईईडी को अब समाप्त कर देना चाहिए। -
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मुख्यमंत्री ने बीजापुर जिला अस्पताल को सौ बिस्तर से बढ़ाकर दो सौ बिस्तर करने की घोषणा
तेन्दूपत्ता संग्राहकों को 14 करोड़ 9 लाख रूपए की बोनस राशि वितरित
बीजापुर जिले को 263 करोड़ 66 लाख से अधिक की लागत के विकास कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने बीजापुर के जिला अस्पताल को सौ बिस्तर से बढ़ाकर दो सौ बिस्तर करने की घोषणा के साथ ही अंचल के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की। उन्होंने नक्सल पुनर्वास नीति के अंतर्गत नक्सल पीड़ित परिवार के 70 आश्रितों को शासकीय नियुक्ति आदेश पत्र भी सौंपा और 19 हजार से अधिक तेन्दूपत्ता संग्राहकों को 14 करोड़ 9 लाख रूपए की बोनस राशि भी वितरित की।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज बीजापुर जिला मुख्यालय के मिनी स्टेडियम में आयोजित नक्सल पुनर्वास नीति के अंतर्गत नक्सल पीड़ित परिवार के आश्रितों को शासकीय नियुक्ति आदेश और तेंदूपत्ता बोनस वितरण कार्यक्रम में शामिल हुए। इस मौके पर उन्होंने 263 करोड़ 66 लाख से अधिक की लागत से 209 के विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया। इनमें 228 करोड़ 53 लाख के 145 विकास कार्यों का भूमि पूजन और 35 करोड़ 13 लाख के 64 विकास कार्य का लोकार्पण शामिल है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कार्यक्रम में बीजापुर में नर्सिंग कॉलेज की स्थापना, भोपालपटनम में 132 केव्ही की विद्युत सब स्टेशन की स्थापना, 33 नए स्कूल खोलने, केंद्रीय पुस्तकालय और विशेषज्ञ चिकित्सकों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से जोड़ने की घोषणा की। साथ ही प्रयास आवासीय विद्यालय और प्रतियोगिता परीक्षा के लिए कोचिंग की व्यवस्था करने के लिए कलेक्टर को निर्देशित किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कार्यक्रम में कहा कि बस्तर क्षेत्र में विकास कार्य को गति दी जा रही है। नियद नेल्लानार योजना के माध्यम से माओवाद-आतंक से प्रभावित क्षेत्रों में केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ प्राकृतिक, खनिज, वन संपदा से परिपूर्ण है साथ ही यहाँ के निवासी भी ऊर्जावान है। प्रदेश के विकास में यहां के लोग महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं। कार्यक्रम को विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, वनमंत्री और बीजापुर प्रभारी मंत्री श्री केदार कश्यप, लोकसभा क्षेत्र बस्तर के सांसद श्री महेश कश्यप ने भी संबोधित किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कार्यक्रम में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंर्तगत गृह प्रवेश (चाबी वितरण) और आवास स्वीकृति पत्र, तेंदूपत्ता बोनस, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना अंतर्गत राशि, किसान क्रेडिट कार्ड, सिलाई प्रशिक्षण प्राप्त नियद नेल्लानार हितग्राहियों को प्रमाण पत्र, स्व सहायता समूह चक्रीय निधि, आय, जाति-निवास प्रमाण पत्र और युवाओं को खेल सामग्री का वितरण किया।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर लगाए गए विभागीय स्टालों का निरीक्षण कर वन अधिकार प्रमाण पत्र, विश्वकर्मा योजना का प्रमाण पत्र, ई रिक्शा का वितरण सहित अन्य योजनाओं के लाभार्थियों का सामग्री वितरण किया। कार्यक्रम में बस्तर के कमिश्नर श्री डोमन सिंह, आईजी श्री सुंदरराज पी., कलेक्टर श्री संबित मिश्रा, पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेंद्र यादव, सीईओ जिला पंचायत श्री हेमंत रमेश नंदनवार सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी, गणमान्य जनप्रतिनिधि, नागरिकगण उपस्थित थे। -
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मुख्यमंत्री ने सुरक्षा बलों के जवानों के साथ किया संवाद
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने बीजापुर प्रवास के दौरान विश्रामगृह में आत्मसमर्पित नक्सली एवं नक्सली हिंसा से पीड़ित युवाओं से संवाद किया। ये युवा छत्तीसगढ़ शासन के पुनर्वास नीति के तहत पुलिस विभाग में भर्ती होकर माओवादियों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने नक्सल संगठन को छोड़कर पुनर्वास नीति से लाभान्वित होने वाले युवाओं से मिलकर खुशी जाहिर की और कहा कि बस्तर अब शांति की ओर अग्रसर है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि विगत दिवस नक्सलियों की हिंसा के शिकार 55 से ज्यादा नक्सल पीड़ितों ने दिल्ली जाकर महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु एवं केन्द्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह से मिले और नक्सलवाद के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की। मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सली हिंसा के शिकार लोगों की बातों को सुनकर बहुत ही दुख लगा कि निर्दाेष लोग हिंसा के शिकार हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय से संवाद के दौरान नक्सली पीड़ित नव आरक्षक सुमित्रा ने बताया कि उनके पिता की नक्सलियों द्वारा हत्या कर दी गई थी। छत्तीसगढ़ शासन के पुनर्वास नीति के तहत वे आरक्षक के पद पर नियुक्त हुए है। शासन के पुनर्वास नीति नक्सल पीड़ित परिवार के लिए वरदान साबित हो रही है।
वहीं चेरकंटी निवासी श्री मंगल मोड़ियम पूर्व में 19 वर्षों तक नक्सल संगठन में शामिल था। माओवादियों के खोखली विचारधारा को छोड़कर आत्मसमर्पण किया, जिन्हें पुनर्वास नीति के तहत पुलिस विभाग में नियुक्ति मिली। श्री मंगल मोड़ियम ने बताया कि बस्तर, बीजापुर में शांति स्थापित होना जरूरी है। भोले-भाले आदिवासियों का नक्सलियों द्वारा जल, जंगल, जमीन के नाम पर गुमराह किया जाता है।इस अवसर पर छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, जिले के प्रभारी मंत्री श्री केदार कश्यप, बस्तर सांसद श्री महेश कश्यप, दंतेवाड़ा विधायक श्री चैतराम अटामी, पूर्व मंत्री श्री महेश गागड़ा, बस्तर कमिश्नर श्री डोमन सिंह बस्तर आईजी श्री सुंदरराज पी, कलेक्टर श्री संबित मिश्रा, पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेन्द्र यादव, सीईओ जिला पंचायत श्री हेमंत रमेश नंदनवार उपस्थित थे। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने दंतेवाड़ा जिले के प्रवास के दौरान सर्किट हाऊस में क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों और गणमान्य नागरिकों से भेंटकर उन्हें नवरात्र पर्व की बधाई दी। मुख्यमंत्री ने यहां आम नागरिकों से मिले और उनकी मांगों, समस्याओं से अवगत होकर उनके निराकरण का आश्वासन दिया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बस्तर की आराध्य देवी मां दन्तेश्वरी के दर्शन का आज सौभाग्य मिला, उनका आशीर्वाद सदैव आप सभी पर बना रहे। आज माता की कृपा से जिले को 166 करोड़ रुपए की लागत के विकास कार्यों की सौगात मिली है। मां दन्तेश्वरी मंदिर परिसर में आकर्षक कारीडोर का निर्माण हुआ है, दूरस्थ ईलाके के ग्रामीणों को आवागमन सुविधाएं मुहैया कराने के लिए महिला स्व-सहायता समूह को बस संचालन की जिम्मेदारी दी गई है। जिससे इन सुदूर क्षेत्रों में विकास के द्वार खुलेगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार इस अंचल के समग्र विकास के लिए अनवरत रूप से कटिबद्धता के साथ प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में आमजनों की सहूलियत के हिसाब से प्राथमिकता देकर विकास कार्यों को किया जाएगा। -
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पीपरहीभर्री में 36 कमार परिवार जल संरक्षण हेतु बना रहे डाईक डबरी और तालाब
जंगल और जमीन को हरा-भरा रखने निभा रहे जिम्मेदारी
जल जगार महोत्सव गंगरेल में 5 एवं 6 अक्टूबर को
रायपुर : जल का संरक्षण करने और उसके दुरूपयोग को रोकने के लिए धमतरी जिला प्रशासन द्वारा जिले में जल जगार महोत्सव मनाया जा रहा है। नारी शक्ति से जल शक्ति के तहत आयोजित इस अभियान में जिले के विशेष जनजाति कमार आदिवासी परिवार भी पीछे नहीं रहे। पानी के गिरते हुए स्तर से चिंतित होकर कमार आदिवासी भी स्वयं की जमीन में वर्षा जल को संचित करने के लिए वचनबद्ध हैं। उन्होंने इसके लिए पीपरहीभर्री में तालाब, डबरी और डाइक निर्माण करने अपना कदम बढ़ा रहे हैं। जिले के वनांचल आदिवासी बाहुल्य नगरी विकासखण्ड के ग्राम पीपरहीभर्री के 36 कमार परिवारों ने वन अधिकार अधिनियम के तहत उन्हें मिले जमीन पर जल संरक्षण और संवर्द्धन की दिशा में कार्य करने जुट गए है।
जिले में कलेक्टर सुश्री नम्रता गांधी की पहल पर चल रहे जल जगार उत्सव से प्रेरित होकर अन्य लोगों के साथ-साथ विशेष जनजाति कमार परिवार भी पानी संरक्षित करने आगे आ रहे है। उन्होंने इस ओर कदम बढ़ाते हुए निजी जमीन पर डबरी, तालाब तथा नाला में डाईक बनाने का काम शुरू कर दिया है। ग्राम पीपरहीभर्री के तीन कमार आदिवासी परिवार जहां मछली पालन के लिए तालाब बनाए हैं, वहीं बारिश के पानी को रोकने के लिए डबरियों का भी निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा गांव के समीप से गुजरने वाले नाला में डाईक संरचना बनाई जा रही है, जिससे पानी का स्तर ऊंचा उठे और जमीन पर नमी बनी रहे। साथ ही आसपास के बोर, नलों में वाटर रिचार्ज होती रहे।
गौरतलब है कि नाला में गड्ढानुमा संरचना बनाई जाती है तथा उसमें पानी को रोकने के लिए पॉलीथिन के आकार की संरचना बनाई जाती है, जिसे डाइक कहते हैं। नाला में डाईक बनने से पानी तो भरा रहता है, साथ ही आसपास की जमीन में नमी बनी रहती है। कमार आदिवासी परिवार वनों को हरा-भरा बनाए रखने और वन्य प्राणियों की प्यास बुझाने तथा आने वाले समय में पानी की कमी से निजात पाने के लिए मुस्तैदी से जल संरक्षण की दिशा में कार्य को कर रहे हैं। बता दें कि ग्राम पीपरहीभर्री में 36 कमार आदिवासी परिवार हैं, जिनमें 113 सदस्य हैं। आगामी 5 एवं 6 अक्टूबर को रविशंकर जलाशय गंगरेल बांध में जल जगार महोत्सव का आयोजन वृहद स्तर पर किया जा रहा है। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को राजधानी रायपुर में आगामी 05 और 06 अक्टूबर को आयोजित होने वाले सशस्त्र सैन्य समारोह में शामिल होने का भारतीय सेना के ब्रिगेडियर श्री अमन आनंद और कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह ने आमंत्रण दिया। इस अवसर पर नगर निगम आयुक्त श्री अबिनाश मिश्रा एवं सीईओ जिला पंचायत श्री विश्वदीप भी उपस्थित थे। -
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पीएम आवास ने दुरपति के सपने को किया साकार मिला पक्का आवास
रायपुर : श्रीमती दुरपति राठिया कच्चे मकान में रहकर रोजी-मजदूरी कर अपना जीवन-यापन करती थी। पक्का आवास बनाने के लिए वह पाई-पाई जोड़कर रकम जमा की थी। लेकिन उन्हे पक्के आवास के लिए जोड़े पैसे बेटे की शादी में खर्च करना पड़ा। विधवा महिला के लिए अब पक्का आवास बनाना मानो असंभव सा लगने लगा। तभी पीएम आवास योजना ने उनके पक्के घर के इरादे को बल दिया और आज दुरपति का कच्चा मकान पक्के मकान में तब्दील हो गया है।रायगढ़ जिला अंतर्गत तमनार विकासखण्ड के ग्राम पंचायत महलोई जो कि जनपद मुख्यालय से 07 कि.मी. एवं जिला से लगभग 30 कि.मी. दूरी पर स्थित है। हितग्राही दूरपति राठिया विधवा एकल महिला है, जो कि मजदूरी कर अपना जीवन-यापन करती है। इन्हीं कमाएं हुए पैसों से अपने लड़के का भी विवाह भी किया। जिससे पक्का आवास बनाना उनके लिए अब लगभग असंभव था। कच्चा मकान होने के कारण आशियाने की चिंता बनी रहती है। कच्चे मिट्टी के मकान जिसमें बरसात में पानी टपकता रहता था, विषैले जीव-जंतुओं का भी खतरा बना रहता था। वहीं बरसात के दिनों में घर में पानी घुसने के साथ ही गंदगी फैलने से रहने में काफी असुविधा होती थी।
कच्चा मकान बनाकर अपना जीवन यापन करने वाली दुरपति राठिया का भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण अंतर्गत आवास स्वीकृत होने से उनके चेहरे पर खुशी स्पष्ट दिखने लगी। जब उन्हें शासन द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) अंतर्गत पक्का आवास निर्माण हेतु सहायता राशि प्राप्त होना बताया गया तो वह खुशी से फुले नहीं समाये। इस प्रकार दूरपति राठिया अपने पुराने कच्चे मिट्टी के घर को छोड़कर पक्के प्रधानमंत्री आवास में निवासरत है। पक्का मकान मिलने से अब वह बहुत खुश हैं। उन्होंने अपनी खुशी जाहिर करते हुए शासन-प्रशासन को अपना धन्यवाद दिया।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री आवास योजना भारत सरकार द्वारा शहरी गरीबों एवं निम्न आय वर्ग के लोगों को किफायती आवास उपलब्ध कराने की पहल है। जिसके अंतर्गत मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में योजना का बेहतर संचालन के फलस्वरूप आज छत्तीसगढ़ में बड़ी संख्या में आवास स्वीकृत होने के साथ ही लोगों को आवास उपलब्ध हो रहा है। -
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06 महीनों में लोक निर्माण विभाग के 113.19 करोड़ रुपयों की 43 सड़क निर्माण कार्यों की मिली स्वीकृति
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की सार्थक पहल से लगातार विकास परियोजनाओं का हो रहा आगाज
रायपुर : जशपुर जिले के विकास को नई उड़ान दिलाने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की पहल पर नई विकास परियोजनाओं का आगाज हो रहा है। जिसके द्वारा जिले के विकास को गति मिल रही है। पिछले 06 माह में लोक निर्माण विभाग की 113.19 करोड़ रुपयों की 43 सड़क निर्माण परियोजनाओं को प्रशासनिक स्वीकृति मिल गयी है।
जशपुर जिले के सभी विकासखंडों में आधारभूत संरचना के विकास के लिए मुहिम चलाई जा रही है ताकि जिले के अंतिम व्यक्ति तक शासन की योजनाओं की पहुंच को बढ़ाया जा सके। इसके लिए आवश्यक है कि उन क्षेत्रों में आधारभूत संरचनाओं का विकास किया जाए। इसके लिए आवश्यकता वाले क्षेत्रों की पहचान कर उनके लिए तीव्र गति से तकनीकी विश्लेषण द्वारा डीपीआर निर्माण कर तकनीकी स्वीकृति एवं प्रशासकीय स्वीकृति के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। जिसका परिणाम है कि विगत 06 माह में 43 सड़क निर्माण कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति मिलने के साथ निविदा प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गयी है। कलेक्टर द्वारा मुख्यमंत्री श्री साय की मंशानुरूप सभी सड़क निर्माण कार्यों की निविदा प्रक्रिया जल्द से जल्द पूर्ण कर आगामी 01 वर्ष में सभी को पूर्ण कराने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिया गया हैं।
लोक निर्माण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार के पत्थलगांव के अंतर्गत 73.30 करोड़ रुपयों के 25 सड़क मार्गों का निर्माण किया जाना है। जिसमें 10.94 करोड़ की लागत के एन.एच.43 से बिच्छीकानी ढुढरूपारा से जमरगी तक 8 किमी सड़क मार्ग, 7.98 करोड़ रूपए लागत के बगीया से सूजीबहार तक के 8.70 किमी सड़क मार्ग, 5.57 करोड़ रूपए लागत के लैलूंगा, कोतबा से लवाकेरा तक के 5.18 किमी सड़क मार्ग, 4.28 करोड़ लागत के 3.5 किमी के कांसांबेल मुसकुटी तक सड़क मार्ग, 4.03 करोड़ रूपए लागत के बाबूसाजबहार से गोलीडीह नदी तक सड़क मार्ग, 3 करोड़ रूपए लागत के 1.2 किमी के करजटोली से रजौटी तक सड़क मार्ग सहित 25 सड़क मार्गों का निर्माण कराया जाएगा।
लोक निर्माण विभाग के जशपुर के कार्यपालन अभियंता श्री विरेन्द्र कुमार चौधरी ने बताया कि जशपुर में 39.89 करोड़ रुपयों के 18 सड़क मार्गों का निर्माण किया जाना है। जिसके लिए प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। जिसमें 3.39 करोड़ लागत के चांडीडांड हत्ता हल्काटोली तक के 2.36 किमी सड़क मार्ग, 4.75 करोड़ लागत के एस.एच 17 मुख्य मार्ग से ढोगाअम्बा जामचुआ तक 3.26 किमी सड़क मार्ग, 3.6 करोड़ रूपए लागत के बनकोम्बों से घटमुंडा तक के 3.4 किमी सड़क मार्ग, 2.57 करोड़ रूपए लागत के बालाछापर आरा सकरडेगा से छोटाबनई तक के 2.4 किमी सड़क मार्ग, 2.45 करोड़ रूपए लागत के एन.एच. 43 खड़सा से कोमड़ो तक के 1.94 किमी सड़क मार्ग, 2.38 करोड़ रूपए लागत के भुड़केला से लवानदी पुल तक के 2.10 किमी सड़क मार्ग, 2.33 करोड़ रूपए लागत के खरवाटोली से बांधाटोली तक के 2 किमी सड़क मार्ग, 2.25 करोड़ रूपए लागत के बालाछापर आरा सकरडेगा से कारीताला तक के 2 किमी सड़क मार्ग, 2.29 करोड़ रूपए लागत के बहराखैर से जुड़वाईन तक के 1.63 किमी सड़क मार्ग सहित 18 मार्गों का निर्माण कराया जाएगा। -
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स्वच्छता के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए श्रमवीरों को किया सम्मानित
रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत आज राजनांदगांव के गांधी सभागृह में आयोजित स्वच्छता सम्मान समारोह में शामिल हुए। विधानसभा अध्यक्ष ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्री लालबहादुर शाóी की जयंती के अवसर पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। उन्होंने स्वच्छता के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाले शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के श्रमवीरों को सम्मानित किया।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमें स्वच्छता के सकल्प के साथ परिवर्तन का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वच्छता की शुरूआत और कल्पना राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने की थी। वे स्वयं अपना शौचालय साफ करते थे। जिसका असर पूरे देश में हुआ। उन्होंने न केवल देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी, बल्कि अस्पृश्यता के खिलाफ भी लड़ाई लड़ी। उन्होंने कहा कि ईश्वर ने हम सभी को एक जैसा बनाया है और सभी का रक्त लाल है। मानवता की दृष्टि से ऊंच-नीच, छुआछूत की भावना नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि हम सभी और पूरे देश ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के जन्म दिवस 17 सितम्बर से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्टूबर तक स्वच्छता ही पखवाड़ा मनाया है। जिसके अंतर्गत पौधरोपण, जल संरक्षण, स्वच्छता अभियान एवं विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया। राजनांदगांव में विशेष तौर पर स्वच्छता अभियान से जुड़कर शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जनसामान्य, जनप्रतिनिधियों, अधिकारी, कर्मचारियों एवं स्वयं सेवी संस्थाओं ने जनसहभागिता से श्रमदान कर साफ-सफाई की।विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 में स्वच्छता अभियान की शुरूआत की थी। देश में 12 करोड़ से अधिक शौचालय बनाए गए हैं। हम सभी को स्वच्छता को अपने आदत में शामिल चाहिए और स्वच्छता हेतु हम सभी को आगे आना होगा। गांधी जी कहते हैं कि अपने आस-पास और परिवेश में साफ-सफाई करने के साथ ही अपने मन को साफ रखें।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि राजनांदगांव शहर का कायाकल्प तभी होगा जब हम सभी श्रमदान करते हुए स्वच्छता के लिए अपना योगदान देंगे। हर नागरिक का यह कर्तव्य है कि वे अपने शहर और अपने आस-पास के परिवेश को स्वच्छ रखने के लिए कार्य करें। जिले में पौधरोपण, जलसंरक्षण, गीला एवं सूखा कचरा को अलग करना, रिसायक्ल करना तथा स्वच्छता से जुड़े विभिन्न गतिविधियों को अपनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने स्वच्छता अभियान से जुड़े लोगों का पैर धोकर उनका सम्मान किया। अब बच्चे भी स्वच्छता का महत्व समझने लगे हैं। हमें स्वच्छता को अपने जीवन पद्धति में अपनाने की आवश्यकता है। उन्होंने स्वच्छता के लिए शहरी क्षेत्रों में अच्छा कार्य करने के लिए नगर निगम आयुक्त एवं उनकी टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि हम अपने शहर राजनांदगांव को स्वच्छ और सुंदर बनाकर कायाकल्प कर सकते हैं। राजनांदगांव शहर को प्रदेश में स्वच्छता के क्षेत्र में अग्रणी रखने के लिए मिल कर कार्य कर सकते हैं। हम आज यह संकल्प लेकर इस परिवर्तन के लिए प्रयास करें।डॉ. रमन सिह ने इस अवसर पर एसएलआरएम सेंटर पेण्ड्री से श्रीमती किर्ती मानिकपुरी, नवागांव से श्री गुलाब गोड़, रेवाडीह से श्रीमती पुष्पा नेताम, 18 एकड़ से श्रीमती संगीता यादव एवं इन्द्रानगर से महेश्वरी साहू सम्मानित किया गया। जनपद मुख्यालय में स्वच्छता के लिए अच्छा कार्य करने वाले सरपंच, सचिव, स्वच्छताग्राही दीदी एवं बिहान की दीदी को सम्मानित किया गया। जिसमें उत्कृष्ट कार्य करने वाले ग्राम पंचायत बरगा, सिंघोला, पार्रीखुर्द, खुटेरी, सांकरा, धीरी, मुड़पार, पदुमतरा एवं सुकुलदैहान के सरपंच, सचिव, ग्राम ग्राम ढोढीया के स्वच्छताग्राही दीदी और इको ब्रिक्स बनाने वाली बिहान की दीदी एवं अन्य श्रमवीरों को प्रमाण पत्र एवं शाल प्रदान कर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर श्री रमेश पटेल, श्री अशोक देवांगन, श्री सूर्यकांत भंडारी, श्री कोमल सिंह राजपूत, सुश्री मणिभास्कर गुप्ता सहित अन्य जनप्रतिनिधि, नगर निगम तथा जिला पंचायत के अधिकारी, आम नागरिक उपस्थित थे। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज यहाँ अपने निवास कार्यालय में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर उनके छायाचित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। उन्होंने महात्मा गांधी के अमूल्य योगदान को याद करते हुए कहा कि गांधी जी ने भारत में स्वाधीनता आंदोलन को नई दिशा दी। उन्होंने सत्य, प्रेम और अहिंसा का मार्ग अपनाकर पूरे विश्व के सामने मिसाल कायम की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री लाल बहादुर शास्त्री का स्मरण करते हुए कहा कि भारतीय स्वाधीनता संग्राम में शास्त्री जी का महत्वपूर्ण योगदान था। उन्होंने ‘जय जवान-जय किसान’ का नारा देकर जनता का मनोबल बढ़ाया। शास्त्री जी ने सादगी से जीवन जिया और अपना पूरा जीवन गरीबों की सेवा में अर्पित कर दिया। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि शास्त्री जी के विचार और जीवन मूल्य सदा लोगों को प्रेरित करते रहेंगे। -
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उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव बिलासपुर से नई दिल्ली और भटगांव में आयोजित कार्यक्रमों में वर्चुअली जुड़े
भटगांव नगर पंचायत में 56.78 करोड़ लागत की जल प्रदाय योजना का काम जल्द होगा शुरू, कार्यादेश जारी, दो साल में पूर्ण करने का लक्ष्य
रायपुर : प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज गांधी जयंती पर नई दिल्ली के विज्ञान भवन से वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से सूरजपुर जिले के भटगांव नगर पंचायत के लिए 56 करोड़ 78 लाख रुपए की लागत की जल प्रदाय योजना का शिलान्यास किया। अमृत मिशन 2.0 के तहत स्वीकृत इस जल प्रदाय योजना का काम अगले दो वर्षों में पूर्ण होगा। उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री अरुण साव बिलासपुर से नई दिल्ली और भटगांव में आयोजित कार्यक्रमों में वर्चुअली शामिल हुए। उनके साथ बिलासपुर से विधायक श्री धरमलाल कौशिक, श्री धर्मजीत सिंह, श्री सुशांत शुक्ला और जिला पंचायत के अध्यक्ष श्री अरुण सिंह चौहान भी दोनों जगहों में आयोजित कार्यक्रमों से ऑनलाइन जुड़े।प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के वर्चुअल उद्बोधन के बाद उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने भी भटगांव में मौजूद लोगों को वर्चुअली सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि इस नई जल प्रदाय योजना के प्रारंभ होने के बाद भटगांववासियों की पेयजल की समस्या दूर होगी। महान नदी के पानी को साफ कर घरों तक पहुंचाया जाएगा। योजना के पूर्ण होने के बाद भटगांव के लोगों को राष्ट्रीय मानक के अनुरूप 135 लीटर जल प्रति व्यक्ति प्रतिदिन उपलब्ध हो सकेगा। श्री साव ने कहा कि हमने ही छत्तीसगढ़ राज्य को बनाया है और इसके विकास की जिम्मेदारी भी हमारी है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को उच्च गुणवत्ता के साथ समय-सीमा में योजना से जुड़े सभी निर्माण कार्यों को पूर्ण करने के निर्देश दिए।
दो एमएलडी क्षमता का जल शोधन संयंत्र बनेगा, 64 किलोमीटर वितरण पाइपलाइन से 3586 नल कनेक्शन दिए जाएंगे
मिशन अमृत 2.0 के तहत स्वीकृत 56 करोड़ 78 लाख रुपए लागत की इस जल प्रदाय योजना में महान नदी के गोंडा एनीकट में इंटेकवेल का निर्माण कर पेयजल भटगांव पहुंचाया जाएगा। एनीकट से रॉ-वॉटर पाइपलाइन के माध्यम से सतही जल को योजना के अंतर्गत प्रस्तावित जल शोधन संयंत्र में शुद्ध कर स्वच्छ पेयजल भटगांव शहर को उपलब्ध कराया जाएगा। वर्तमान में भटगांव शहर में प्रति व्यक्ति 49 लीटर जल प्रतिदिन उपलब्ध हो रहा है। भटगांव की इस नई जल प्रदाय योजना के शुरू होने के बाद वहां प्रति व्यक्ति 135 लीटर प्रतिदिन पेयजल उपलब्ध कराया जा सकेगा।
भटगांव जल प्रदाय योजना के अंतर्गत दो एमएलडी क्षमता के जल शोधन संयंत्र, कुल 750 किलो लीटर क्षमता के तीन उच्च स्तरीय जलागार, 64 किलोमीटर की वितरण पाइपलाइन तथा कुल 3586 निजी नल कनेक्शन प्रदान किए जाएंगे। विगत अगस्त माह में इसके लिए कार्यादेश जारी किया जा चुका है। योजना का काम आगामी 24 महीनों में पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। -
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मुख्यमंत्री नौनिहाल छात्रावृत्ति योजना से पूरी हुई पिता की इच्छा
रायपुर : ढीली सूती टी-शर्ट और धुली हुई जींस पहने हुए, दिनेश कुमार सेवक अपने बच्चों के भविष्य के सपने को लेकर उत्साहित दिखते हैं। पेश से इलेक्ट्रिशियन दिनेश ने बताया कि वे चाहते हैं उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले और बड़े होकर शिक्षक या पुलिस अधिकारी बनें। उनकी यह इच्छा अब मुख्यमंत्री नौनिहाल छात्रावृत्ति योजना से पूरी होने जा रही है।
बारहवीं तक शिक्षा प्राप्त करने के बावजूद, दिनेश कुमार के लिए रोज़गार के बेहतर अवसर उपलब्ध नहीं हो सके और वे इलेक्ट्रिशियन के काम से जुड़ गए। एक दिन उन्होंने अपने बच्चों की शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता की जानकारी लेने के लिए मुख्यमंत्री श्रमिक हेल्पलाइन पर संपर्क किया। श्रम विभाग के अधिकारियों ने दिनेश को ‘मुख्यमंत्री नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना’ के बारे में बताया, इससे दिनेश को ऐसा लगा जैसे बंद किस्मत दरवाज़ा खुल गया हो।
अनुसूचित जाति समुदाय से ताल्लुक रखने वाले दिनेश कुमार ने बताया कि वे बिलासपुर जिले के सिंगरी गांव के रहने वाले हैं। उन्हें बचपन में न तो सही मार्गदर्शन मिला और न ही आगे बढ़ने के पर्याप्त अवसर लेकिन बच्चों के सुनहरे भविष्य को लेकर हमेशा चिंतित रहते थे। उन्होंने बताया कि हेल्पलाइन से सारी प्रक्रिया समझने के बाद उन्होने आवेदन किया, इसके बाद उन्हें अपनी 12 और 14 वर्ष की दो बेटियों के लिए 3,000 रुपये की वित्तीय सहायता मिली। यह सहायता उनके तत्कालीन आर्थिक संकट को कम करने में सहायक सिद्ध हुई।
श्री दिनेश कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री नौनिहाल छात्रावृत्ति योजना से उनकी बेटियां अब बिना किसी फीस की चिंता किए पूरी तरह अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। वे आत्मविश्वास से कहते हैं। वे प्रतिदिन अपनी बेटियों को स्कूल छोड़ने जाते हैं, इस योजना के माध्यम से मिली आर्थिक सहायता ने न केवल उनके परिवार की स्थिति को बदला, बल्कि उनके बच्चों की शिक्षा का मार्ग भी प्रशस्त किया है। -
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ओड़िशा के खाद्य मंत्री श्री कृष्ण चंद्र पात्रा के नेतृत्व में आया है अध्ययन दल
छत्तीसगढ़ की धान खरीदी व्यवस्था और पीडीएस सिस्टम को सराहा
छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से हर संभव मिलेगी मदद
रायपुर : छत्तीसगढ़ की तर्ज पर ओड़िशा में भी समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की जाएगी। ओड़िशा के खाद्य मंत्री श्री कृष्ण चंद्र पात्रा के नेतृत्व में आए अध्ययन दल ने आज छत्तीसगढ़ में धान खरीदी व्यवस्था और पीडीएस सिस्टम का अवलोकन किया और इसकी तारीफ की। श्री पात्रा ने बताया कि अब छत्तीसगढ़ की तर्ज पर ओड़िसा में भी किसानों से समर्थन मूल्य के साथ-साथ अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि के साथ धान की खरीदी की जाएगी। ओड़िसा के मुख्यमंत्री श्री मोहन मांझी ने पहले कैबिनेट की बैठक में ही इस संबंध में निर्णय लिया गया है।
ओड़िसा के खाद्य मंत्री श्री कृष्ण चंद्र पात्रा ने कहा कि सरल और सहज मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में सुशासन की सरकार चल रही है। मुख्यमंत्री श्री साय की प्रशंसा करते हुए श्री पात्रा ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति में खरा साबित हो रही है। उन्होंने बताया कि ओड़िशा में भी भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने साय सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति अमल में लाई जाएगी।
ओड़िसा के खाद्य मंत्री श्री कृष्ण चंद्र पात्रा ने कहा कि छत्तीसगढ़ और ओड़िसा दोनों पड़ोसी राज्य है। डबल इंजन के सरकार के साथ दोनों राज्य तेज गति से विकास कर रही है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की ओर मंत्रियों द्वारा हमें हर संभव मदद के लिए आश्वस्त किया गया है। ओड़िसा में धान खरीदी व्यवस्था और पीडीएस सिस्टम में जहां-जहां कमी पाई जाएगी। छत्तीसगढ़ राज्य के सिस्टम का अनुकरण कर योजनाओं का और बेहतर ढंग से क्रियान्वयन किया जाएगा।
श्री पात्रा ने कहा कि ओड़िशा में भी छत्तीसगढ़ की तर्ज पर धान खरीदी व्यवस्था लागू करने के लिए ओड़िशा का अध्ययन दल यहां आया है। उन्होंने छत्तीसगढ़ के खाद्य मंत्री श्री दयाल दास बघेल और सहकारिता मंत्री श्री केदार कश्यप से मुलाकात कर धान खरीदी व्यवस्था के संबंध में विस्तार से चर्चा की। साथ ही छत्तीसगढ़ शासन के संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर पावर पॉइंट प्रेजेनटेशन के माध्यम से एक-एक तथ्यों का बारीकी से अध्ययन किया। अध्ययन दल द्वारा कृषि उपज मंडी, अनाज गोदाम और शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में जीरो पॉइंट पर जाकर सिस्टम का गहन रूप से अध्ययन किया गया। -
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रायपुर : छत्तीसगढ़ वन विभाग ने हाल ही में पारिस्थितिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण वन क्षेत्र की पहचान की है, जो दंतेवाड़ा वन मंडल के बचेली वन परिक्षेत्र में स्थित है और बीजापुर के गंगालूर वन परिक्षेत्र तक फैला हुआ है। इस विशेष वन क्षेत्र में कई प्राचीन वनस्पतियों की प्रजातियां पाई गयीं है, जो छत्तीसगढ़ राज्य की असाधारण जैव विविधता को प्रदर्शित करता है। इस क्षेत्र को वैज्ञानिकों और वन अधिकारियों ने जैव विविधता के लिए अत्यधिक समृद्ध और महत्वपूर्ण माना है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह खोज न केवल इस क्षेत्र के पर्यावरणीय महत्व को दर्शाती है, बल्कि भविष्य में वन अनुसंधान और संरक्षण के प्रयासों को भी नई दिशा देगी।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने इस क्षेत्र की जैव विविधता को संरक्षित करने और वन अनुसंधान को बढ़ावा देने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि इस खोज से राज्य को पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक नई पहचान मिलेगी। सरकार इस क्षेत्र में शोध और अध्ययन के लिए विशेष प्रोत्साहन देगी, ताकि इन दुर्लभ प्रजातियों को संरक्षित रखा जा सके। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह दुर्लभ वन क्षेत्र विशेष रूप से उन पौधों की प्रजातियों का घर है, जो करोड़ों साल पहले के समय में अस्तित्व में थीं। अब यह क्षेत्र न केवल वैज्ञानिक अध्ययन के लिए बल्कि पर्यटन के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन सकता है।
समुद्र तल से 1,240 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर स्थित यह वन क्षेत्र सबट्रॉपिकल ब्रॉड-लीव्ड हिल फॉरेस्ट (फॉरेस्ट टाइप 8) के रूप में वर्गीकृत किया गया है। खास बात ये है की यह छत्तीसगढ़ का सबसे ऊंचाई वाला वन क्षेत्र हो सकता है। जबकि राज्य में मुख्य रूप से मॉइस्ट एंड ड्राय डेसिड्युअस फॉरेस्ट्स (फॉरेस्ट टाइप 3 एंड 5) के लिए जाना जाता है, यह विशेष वन पैच ब्रॉड-लीव्ड हिल फॉरेस्ट एक नया पारिस्थितिक आयाम प्रस्तुत करता है।
यहां की वनस्पति पश्चिमी घाट की वनस्पतियों से काफी हद तक मेल खाती है। कांगेर घाटी के जंगलों की तरह, यह क्षेत्र भी विभिन्न प्रकार की प्रजातियों से समृद्ध है। इसके अलावा, मानवजनित दबाव की कमी होने कारण इन प्रजातियों को बिना किसी बाधा के पनपने में मदद मिली है। इस क्षेत्र को एक ’जीवित संग्रहालय’ माना जा रहा है, क्योंकि यहां कई प्राचीन पौधों की प्रजातियां संरक्षित हैं, जो संभवतः प्रागैतिहासिक काल, यहां तक कि डायनासोर युग से संबंधित हो सकती हैं। यहां पाई गई कुछ वनस्पतियों की प्रजातियों को छत्तीसगढ़ में पहली बार दर्ज किया गया माना जा रहा है।
इस विशेष वन का तीन दिवसीय सर्वे अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (विकास एवं योजना) श्री अरुण कुमार पांडे, आईएफएस के नेतृत्व में किया गया। इस सर्वे दल में पर्यावरणविदों और वन अधिकारियों के साथ-साथ आईएफएस परिवीक्षाधीन अधिकारी श्री एस. नवीन कुमार और श्री वेंकटेशा एम.जी. भी शामिल थे। इसके अलावा, वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया के उप निदेशक डॉ. राजेंद्र प्रसाद मिश्रा और पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर के स्कूल ऑफ लाइफ साइंसेज के पूर्व विभागाध्यक्ष श्री एम.एल. नायक भी सर्वे टीम का हिस्सा थे।
सर्वे के दौरान, टीम ने दुर्लभ और प्राचीन वनस्पतियों की कई प्रजातियों का दस्तावेजीकरण किया है, जिनमें ऐल्सोफिला स्पिनुलोसा (ट्री फर्न), ग्नेटम स्कैंडन्स, ज़िज़िफस रूगोसस, एंटाडा रहीडी, विभिन्न रुबस प्रजातियाँ, कैंथियम डाइकोकूम, ओक्ना ऑब्टुसाटा, विटेक्स ल्यूकोजाइलन, डिलेनिया पेंटागाइना, माचरेन्जा साइनेंसिस, और फिकस कॉर्डिफोलिया शामिल हैं। इनमें से माचरेन्जा साइनेंसिस प्रजाति संभवतः छत्तीसगढ़ के केवल इसी वनीय पहाड़ी क्षेत्र में पाई गई है।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री व्ही. श्रीनिवास राव, आईएफएस ने इस विशेष वन क्षेत्र के बारे में कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय एवं वन मंत्री श्री केदार कश्यप के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ वन विभाग राज्य की समृद्ध जैव विविधता के संरक्षण के लिए लगातार प्रयासरत रहा है। बचेली का ये बेहद विशेष वन क्षेत्र राज्य वन विभाग की जैव विविधता के संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
बचेली का ये विशेष वन भविष्य के अनुसंधान एवं इको-टूरिज्म के विकास के लिए महत्वपूर्ण संभावनाएं प्रस्तुत करता है। वन विभाग इस क्षेत्र की छिपी हुई जैव विविधता को और गहराई से समझने के लिए अधिक विस्तृत सर्वेक्षण करने की योजना बना रहा है। -
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अपने पक्के मकान की चाबी पाकर खिले चेहरे
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर सूरजपुर में आयोजित सियान सम्मान समारोह में जिले के अंतर्गत आने वाले सभी जनपदों से एक-एक हितग्राहियों को आवास की चाभी सौंपकर शुभकामनाएं दी| इस अवसर पर मुख्यमंत्री के हाथों अपने पक्के आवास की चाबी पाकर हितग्राहियों के चेहरे चमक गए|
अपने आवास की चाबी पाकर प्रतापपुर, प्रेमनगर एवं ओडगी के हितग्राही क्रमशः श्री देवशरण, श्री वीरसाय एवं श्री बृजलाल ने ख़ुशी जताते हुए बताया कि प्रधानमंत्री आवास हमारे लिए बहुत सार्थक सिद्ध हो रहा है, अब हमारे पास अपना पक्का मकान है| हमारा निवास क्षेत्र हाथियों के विचरण से प्रभावित होने के कारण मन के एक कोने में हमेशा चिंता बनी ही रहती थी, जो अब पूरी तरह ख़त्म हो गई है|
भैयाथान, रामानुजनगर एवं सुरजपुर के हितग्राही श्री संतोष कुमार, श्रीमती सुखमनिया एवं श्री बरातू ने बताया कि हर वर्ष दीवार में सीलन, छानी ठीक करने, घर में पानी टपकने जैसी समस्याओं से दो चार होना पड़ता था जो अब दूर हो गई है| घर में होने वाली परेशानियां दूर होने से आर्थिक बचत हो रही है, जिसका उपयोग बच्चो की पढ़ाई-लिखाई, घर का राशन व अन्य कार्यों में कर पा रहे हैं|
हितग्राहियों ने बताया कि यह योजना बहुत अच्छी है कि इसका पैसा सीधे हमारे खाते में आता है, किसी बिचौलिए या राशि नहीं मिलने जैसी समस्याएं नहीं होती हैं। राशि पाकर केवल हमें निश्चित स्तर तक का काम कराना होता है। हम माननीय प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री जी का बड़े सम्मानपूर्वक पीएम आवास योजना जैसी सुंदर योजना लागू करने के लिए आभार व्यक्त करते है।
जिले में अब तक 35254 हितग्राहियों के ऐसे सपने पूरे हो चुके हैं| जो इन आवासों को पूर्ण कराकर इसमें रह रहें हैं। इनके खातों में 505 करोड़ रुपय भेजी का चुकी है। साथ ही विगत 10 दिन पहले 20000 से अधिक के आवास के हितग्राहियों को अपने आवास की निर्माण शुरू करने के लिए लगभग 80 करोड़ से अधिक की राशि हितग्राहियों के खातों में हस्तांतरित कर आवास निर्माण शुरू किया जा रहा है| शेष 7000 हितग्राहियों के भी स्वीकृति करने का कार्य जोरों से जारी है। आवास प्राप्त होने का आधार एसईसीसी 2011 एवम् आवास प्लस 2018 की सूची है, इन दोनों सूचियों में यदि जिन पात्र हितग्राहियों के नाम छूट गए हैं उन्हें जल्द ही आवास प्लस 2024 के माध्यम से आवास के लिए जोड़े जाएंगे। -
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छत्तीसगढ़ में चार प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों का होगा विकास
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय नई दिल्ली में समीक्षा बैठक में हुए शामिल
सड़कों के विकास से छत्तीसगढ़ की औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियों को मिलेगी नई दिशा- विष्णुदेव साय
केन्द्रीय सड़क निधि से 908 करोड़ के आठ कार्यों को मिली स्वीकृति
नई दिल्ली : छत्तीसगढ़ की सड़कों का जाल और मजबूत होने जा रहा है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने छत्तीसगढ़ के लिए 11 हजार करोड़ रुपये की मंजूरी देकर राज्य को एक बड़ी सौगात दी है। इस राशि से चार प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों का विकास किया जाएगा, जो छत्तीसगढ़ की कनेक्टिविटी को और सुदृढ़ करेगा। श्री गडकरी ने यह घोषणा नई दिल्ली में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के साथ हुई एक समीक्षा बैठक के दौरान की।
नई दिल्ली के भारत मंडपम में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक का आयोजन हुआ, जिसमें छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय शामिल हुए। बैठक में छत्तीसगढ़ में चल रही राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की प्रगति पर चर्चा की गई। इस दौरान केन्द्रीय सड़क परिवहन राज्यमंत्री अजय टाम्टा और हर्ष मल्होत्रा व छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव भी शामिल रहे।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने छत्तीसगढ़ में चल रही परियोजनाओं की प्रगति पर समीक्षा की ताकि कार्यों का समय पर और कुशलता से निष्पादन हो सके। बैठक में परियोजनाओं के विलम्ब के कारणों व रुकावटों पर चर्चा की गयी। इस संबंध में वन विभाग से क्लीयरेंस, राजस्व और खनन से जुड़े अड़चनों को दूर करने व परियोजनाओं को तेजी से आगे बढ़ाने के निर्देश दिए। समीक्षा बैठक में सभी लंबित मुद्दों पर चर्चा कर अवरोधों को दूर करने का प्रयास किया गया। केन्द्रीय मंत्री श्री गडकरी ने समस्त प्रगतिरत एवं प्रस्तावित परियोजनाओं को समय सीमा में पूर्ण करने का निर्देश दिए।
बैठक में राष्ट्रीय राजमार्गों की प्रगति पर चर्चा की गई, इसके साथ ही चार प्रमुख राजमार्गों के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) बनाने की मंजूरी दी गई। बैठक में जिन चार मुख्य परियोजनाओं पर चर्चा हुई, उनमें उरगा-कटघोरा बाईपास (NH-149B), बसना से सारंगढ़ (माणिकपुर) फीडर रूट, सारंगढ़ से रायगढ़ फीडर रूट, और रायपुर-लखनादोन आर्थिक गलियारा शामिल हैं। इन परियोजनाओं की कुल लंबाई 236.1 किलोमीटर है। जिसके लिए केन्द्रीय मंत्री ने कुल 9208 करोड़ स्वीकृत किया है।
वहीं, केन्द्रीय सड़क निधि के तहत 908 करोड़ के आठ कार्यों को स्वीकृति प्रदान की गई है।
बैठक में केशकाल घाट व धमतरी-जगदलपुर मार्ग के चार लेन चौड़ीकरण कार्य की भी मंजूरी दी गयी। एनएचएआई के अंतर्गत रायपुर-विशाखापट्टनम मार्ग एवं बिलासपुर-उरगा-पत्थलगांव मार्ग को समय सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए। वहीं, पत्थलगांव से कुनकुरी-झारखंड बॉर्डर मार्ग को एक माह के अन्दर एजेंसी निर्धारित करने के लिए निर्देशित किया गया।
बैठक में रायपुर शहर टाटीबंध से तेलीबांधा के बीच ग्रेड सेपरेटर व विधानसभा रोड से बिलासपुर रोड (धनेली) को जोड़ने वाले मार्ग एवं रायपुर एक्सप्रेस वे पर ग्रेड सेपरेटर बनाने की सहमति दी गई। इसके अलावा सड़कों के विकास के लिए 1200 करोड़ की अतिरिक्त राशि की स्वीकृति मिली है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का आभार व्यक्त करते हुए कहा, "यह छत्तीसगढ़ के विकास के लिए एक बड़ी सौगात है। छत्तीसगढ़ की औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियों को नई दिशा मिलेगी।" उन्होंने यह भी कहा कि सड़क नेटवर्क का विस्तार राज्य के ग्रामीण इलाकों की कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाएगा, जिससे स्थानीय लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आएगा।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन सभी परियोजनाओं की नियमित रूप से समीक्षा करें और समय पर कार्य पूरा करने के लिए हर आवश्यक कदम उठाएं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वे स्वयं इन परियोजनाओं की प्रगति पर नजर रखेंगे और हर सप्ताह इसकी रिपोर्ट तलब करेंगे, ताकि काम में कोई देरी न हो। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार पूरी निष्ठा से इन परियोजनाओं को समय सीमा के भीतर पूरा करेगी, जिससे राज्य के नागरिकों को बेहतर बुनियादी सुविधाएं मिल सकेंगी और विकास की गति तेज होगी।
बैठक में मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी दयानंद, लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, वन विभाग के सचिव श्री अमरनाथ प्रसाद सहित राज्य के लोक निर्माण विभाग, राजस्व, खनन और वन विभागों के अन्य अधिकारी भी बैठक में उपस्थित रहे।
परियोजनाओं के प्रमुख बिंदु-
- रुपये 908 करोड़ के 8 कार्यों की स्वीकृति:केंद्रीय सड़क निधि (सीआरएफ) योजना के तहत आठ परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है। इन परियोजनाओं से छत्तीसगढ़ के सड़कों के बुनियादी ढांचे में सुधार होगा, जिससे राज्य की कनेक्टिविटी और व्यापार को प्रोत्साहन मिलेगा।
- केशकाल घाट का फोरलेन चौड़ीकरण: केशकाल घाट के फोरलेन चौड़ीकरण कार्य की स्वीकृति दी गई है, जिसे एक महीने के भीतर मंजूरी मिलने की संभावना है। यह परियोजना क्षेत्र में यातायात सुगमता और सड़क सुरक्षा को बढ़ाने में मदद करेगी।
- . धमतरी-जगदलपुर मार्ग का फोरलेन चौड़ीकरण: इस महत्वपूर्ण मार्ग के चौड़ीकरण की स्वीकृति भी दी गई है, जिससे दक्षिण छत्तीसगढ़ की कनेक्टिविटी बेहतर होगी और यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी।
- समस्त प्रगतिरत और प्रस्तावित परियोजनाओं के लिए समय-सीमा में पूर्णता के निर्देश: सभी परियोजनाओं को निर्धारित समय-सीमा में पूरा करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि छत्तीसगढ़ की सड़कों और राजमार्गों का विकास तेजी से हो सके।
- एनएचएआई के अंतर्गत रायपुर-विशाखापटनम और बिलासपुर-उरगा-पत्थलगांव मार्ग: इन प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण के लिए समयबद्ध पूर्णता के निर्देश दिए गए हैं, जिससे राज्य की कनेक्टिविटी में सुधार होगा।
- पत्थलगांव से कुनकुरी-झारखंड बॉर्डर मार्ग: इस परियोजना के लिए एजेंसी का चयन एक महीने के भीतर किया जाएगा, ताकि सीमा क्षेत्र की कनेक्टिविटी को मजबूत किया जा सके।
- रायपुर शहर में ग्रेड सेपरेटर निर्माण: रायपुर शहर के टाटीबंध से तेलीबांधा के बीच सरोना, उद्योग भवन और तेलीबांधा में ग्रेड सेपरेटर के निर्माण की भी मंजूरी मिली है, जिससे शहर में यातायात की भीड़ कम होगी।
- विधानसभा रोड से बिलासपुर रोड (धनेली) और रायपुर-धमतरी मार्ग पर ग्रेड सेपरेटर: इन दोनों स्थानों पर भी ग्रेड सेपरेटर के निर्माण की सहमति दी गई है, जिससे यातायात का दबाव कम होगा और यात्रियों को सुविधा होगी।
प्रमुख परियोजनाएं
- - उरगा-कोरबा कटघोरा रिंग रोड (42.1 किमी) - 1,593 करोड़ रुपये
- - बसना से सारंगढ़ (33 किमी) - 490 करोड़ रुपये
- - सारंगढ़ से रायगढ़ (56 किमी) - 825 करोड़ रुपये
- - रायपुर-लखनादोन इकोनोमिक कॉरिडोर (105 किमी) - 6,300 करोड़ रुपये
- रुपये 908 करोड़ के 8 कार्यों की स्वीकृति:केंद्रीय सड़क निधि (सीआरएफ) योजना के तहत आठ परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है। इन परियोजनाओं से छत्तीसगढ़ के सड़कों के बुनियादी ढांचे में सुधार होगा, जिससे राज्य की कनेक्टिविटी और व्यापार को प्रोत्साहन मिलेगा।
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अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस: सियान सम्मान कार्यक्रम सूरजपुर जिले में 01 अक्टूबर को आयोजित
रायपुर : राज्य स्तरीय अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस 01 अक्टूबर के अवसर पर समाज कल्याण विभाग द्वारा सियान सम्मान कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। सूरजपुर जिले के अग्रसेन स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। खाद्य मंत्री श्री दयाल दास बघेल कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे।
सियान सम्मान कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, आदिम जाति एवं अनसूचित जाति मंत्री श्री राम विचार नेताम, लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, सरगुजा सांसद श्री चिंतामणि महाराज, प्रेमनगर विधायक श्री भूलन सिंह मरावी, प्रतापपुर विधायक श्रीमती शकुंतला पोर्ते, बैकुंठपुर विधायक श्री भईयालाल राजवाड़े,भरतपुर-सोनहत विधायक श्रीमती रेणुका सिंह, पत्थलगांव विधायक श्रीमती गोमती साय, अम्बिकापुर विधायक श्री राजेश अग्रवाल, सामरी विधायक श्रीमती उद्धेश्वरी पैकरा, लुण्ड्रा विधायक श्री प्रबोध मिंज, सीतापुर विधायक श्री रामकुमार टोप्पो, जशपुर विधायक श्रीमती रायमुनी भगत विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगी। -
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रायपुर : जीएसटी के तहत कंपनसेशन सेस के पुनर्गठन के लिए मंत्रियों के समूह का गठन किया गया है। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी की अध्यक्षता में गठित इस समूह में छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी को सदस्य नामित किया गया है।
उल्लेखनीय है कि जीएसटी काउंसिल की 54 वीं बैठक में कंपनसेशन सेस को समाप्त कर एक नया कर ढांचा तैयार करने पर जोर दिया गया था। इसी तारतम्य में ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स का गठन किया गया है। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री श्री पंकज चौधरी की अगुवाई में गठित इस कमेटी में श्री ओपी चौधरी के अलावा असम की वित्त मंत्री स्मिता नेग, गुजरात के वित्त मंत्री श्री कनुभाई देसाई, कर्नाटक के राजस्व मंत्री श्री कृष्णा बायरे गौड़ा, मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री श्री जगदीश देवड़ा, पंजाब के वित्त मंत्री श्री हरपाल सिंह चीमा और तमिलनाडु के वित्त मंत्री श्री थांगम थिन्नारसु सदस्य बनाए गए हैं।
यह समूह कंपनसेशन सेस को समाप्त करने के बाद प्रभावी और समग्र कर प्रणाली विकसित करने के लिए विभिन्न कर प्रस्तावों पर विचार करेगा। परिषद ने इस बात पर जोर दिया था कि नया कर ढांचा न केवल राज्यों की वित्तीय स्थिरता को सुनिश्चित करेगा, बल्कि आर्थिक वृद्धि को भी बढ़ावा देगा। कंपनसेशन सेस के माध्यम से राज्यों को मिलने वाले वित्तीय संसाधनों का महत्व इस बात से समझा जा सकता है कि इससे कई विकास परियोजनाओं को मदद मिलती है।