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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवामुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मुख्य आतिथ्य में होगा राज्य स्तरीय आयोजन
आयोजन को सफल बनाने बड़े पैमाने पर तैयारियों के लिए विभिन्न विभागों को दिए गए निर्देश
योग को अमृत विरासत के रूप में बढ़ावा देने संगोष्ठियों, नाटकों एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का होगा आयोजन
रायपुर : प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की विशेष पहल पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया। इस साल भी देश-दुनिया के हर कोने के साथ ही छत्तीसगढ़ में भी उत्साह से योग दिवस का आयोजन किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आयोजन की भव्य तैयारियों के संबंध में निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री साय के मुख्य आतिथ्य में योग दिवस का राज्य स्तरीय आयोजन किया जाएगा। इसके अनुपालन में तैयारियों के लिए निर्देश विभिन्न विभागों को जारी किया गया है। इन निर्देशों के अनुपालन में तैयारियां आरंभ की जा चुकी हैं। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के आयोजन का कार्यक्रम राजधानी के साथ ही सभी जिला मुख्यालयों में विशेष रूप से होंगे। इनमें शासकीय के साथ ही अशासकीय संस्थाएं भी सहयोग करेगी। योग के प्रति व्यापक जागरूकता विकसित करने तथा कार्यक्रम में अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।राज्य स्तरीय आयोजन मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मुख्य आतिथ्य में होगा। राज्य स्तरीय आयोजन में समाज के विभिन्न वर्गों की हिस्सेदारी होगी। इसमें वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांगजन, विद्यार्थीगण, सामाजिक कार्यकर्ता, जनप्रतिनिधिगण आदि विभिन्न वर्ग सम्मिलित किए जाएंगे। इसके साथ ही सार्वजनिक उपक्रम एवं निजी उद्योगों से भी अधिकतम लोगों की उपस्थिति होगी। इसके लिए समाज कल्याण विभाग एवं कलेक्टर रायपुर को निर्देशित किया गया है। जिला स्तर पर भी समाज के विविध वर्गों की हिस्सेदारी होगी।
छत्तीसगढ़ योग आयोग द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर निर्धारित योगाभ्यास पर आधारित योग प्रोटोकॉल पुस्तिका का वितरण किया जाएगा। राज्य स्तर पर एवं जिला स्तर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही कार्यक्रम स्थल में मेडिकल स्टाफ भी मौजूद रहेगा। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों से किया जाएगा। कार्यक्रम में गैर सरकारी संगठनों का सहयोग भी लिया जाएगा। इसके लिए इन एनजीओ की मदद से रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन को भी जोड़ा जाएगा। ताकि यहां भी योग विशेषज्ञों की मदद से योग दिवस पर कार्यक्रम कराया जा सके।
नमस्ते योग एप का किया जाएगा प्रचार-प्रसार
नमस्ते योग एप, वाई-ब्रेक एप, योग कैलेण्डर, योग डिक्शनरी आदि का व्यापक रूप में प्रसार किया जाएगा। सार्वजनिक एवं महत्वपूर्ण स्थानों की पहचान कर यहां योग गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। साथ ही इस दिन योग वेब/संगोष्ठियों के आयोजन के साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम, नाटकों आदि का आयोजन किया जाएगा। इस तरह से योग को एक अमृत विरासत के रूप में बढ़ावा दिया जाएगा। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
अखिल भारतीय स्तर के सिकल सेल रिसर्च सेंटर खोलने के लिए केंद्र सरकार को भेजा गया है प्रस्तावःमुख्यमंत्री
मोदी की गारंटी में विकसित भारत के साथ 2047 तक पूरी तरह से खत्म होगी सिकल सेल एनीमिया की बीमारीः श्री साय
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में देश 2047 तक विकसित भारत का रूप ले लेगा और इसी दौरान भारत से सिकल सेल एनीमिया की बीमारी भी पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय आज अटल बिहारी वाजपेयी आडिटोरियम, मेडिकल कालेज, रायपुर में विश्व सिकल सेल एनीमिया दिवस के अवसर पर अपना संबोधन दे रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने विश्व सिकल सेल दिवस पर सिकल सेल की स्क्रीनिंग और जागरूकता कार्यक्रम में शामिल होकर सिकल सेल जागरूकता रथ को रवाना किया और सिकल सेल से संबंधित प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने सिकल सेल पीड़ितों को जेनेटिक कार्ड का वितरण किया और बस्तर के दूरस्थ क्षेत्रों में भी जागरूकता फैलाने के लिए सिकल सेल की जानकारी देने वाली हल्बी और गोंडी भाषा की पुस्तिका का विमोचन किया।इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री राम विचार नेताम ,शिक्षा मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल, वन मंत्री श्री केदार कश्यप भी उपस्थित थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को सिकल सेल की जाँच और परीक्षण आवश्यक रूप से कराना चाहिए और इसकी रोकथाम के लिए सभी को जागरूक होना आवश्यक है l विवाह के पूर्व सभी महिला और पुरुष को सिकलसेल की जाँच करानी चाहिए और दोनों के पीड़ित होने पर शादी नहीं करनी चाहिए ताकि आनुवंशिक रूप से यह बीमारी अगली पीढ़ी मे स्थानांतरित न होने पाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य के आदिवासी समुदाय के लोग सिकलसेल एनीमिया से ज्यादातर पीड़ित हैं। इन पीड़ित मरीजों के लिए स्वास्थ्य विभाग और आदिम जाति विकास विभाग के सहयोग से जागरूकता शिविर का आयोजन किया जा रहा है।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सिकलसेल के लिए राष्ट्रीय स्तर का रिसर्च सेंटर प्रारंभ करने के लिए केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है ताकि प्रदेश में सिकल सेल एनीमिया बीमारी से और बेहतर तरीके से बचाव किया जा सके।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य के 33 जिलों के लक्षित 1 करोड़ 77 लाख 69 हजार 535 सिकल सेल स्क्रीनिंग के विरूद्ध कुल 1 करोड़ 11 लाख 06 हजार 561 स्क्रीनिंग कर लिया गया है l इस परीक्षण में 1 करोड़ 06 लाख 24 हजार 245 स्क्रीनिंग निगेटिव पाए गए है। स्क्रीनिंग में 2 लाख 90 हजार 663 वाहक पाये गये हैं तथा 22 हजार 672 को बीमारी प्राप्त हुई।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री रामविचार नेताम ने कहा कि राज्य सरकार सिकल सेल एनीमिया को छत्तीसगढ़ से पूरी तरह खत्म करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग और आदिम जाति कल्याण विभाग मिलकर इस बीमारी को खत्म करने की दिशा में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का यह संकल्प है कि प्रदेश को स्वस्थ और विकसित प्रदेश बनाना है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने सिकल सेल एनीमिया की रोकथाम में प्रदेश में कार्यरत मितानिन बहनों की अहम भूमिका का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि जागरुकता के माध्यम से ही इस बीमारी पर अंकुश लगाया जा सकता है और जेनेटिक कार्ड के इस्तेमाल से इस पर प्रभावी रोकथाम लगायी जा सकती है।
कार्यक्रम के दौरान विधायक श्री खुशवंत साहेब, विधायक श्री अनुज शर्मा, विधायक श्री मोती लाल साहू, विधायक श्री पुरंदर मिश्रा, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार पिंगुआ, आदिम जाति कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा समेत उच्चाधिकारी, मितानिन बहनें, मेडिकल कालेज के छात्र और स्वास्थ्य कार्यकर्ता उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवारायपुर : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज एक प्रेरणादायक कदम उठाते हुए अपने गृह ग्राम बगिया में किसान की भूमिका निभाई। उन्होंने पारंपरिक रीति-रिवाजों का पालन करते हुए मानसून की शुरुआत के साथ ही अपने पुश्तैनी खेतों में धान की बोनी का शुभारंभ किया। यह दृश्य न केवल ग्रामीणों के लिए उत्साहजनक था, बल्कि पूरे राज्य के किसानों के लिए एक प्रेरणा स्रोत भी बना। मुख्यमंत्री श्री साय ने खुद धान की बीज को अपने हाथों से खेतों में बिखेरा। इस मौके पर पारंपरिक वस्त्र और पगड़ी पहने हुए मुख्यमंत्री ने किसानों के साथ जुड़ाव और उनकी समस्याओं के प्रति अपने संवेदनशीलता का प्रदर्शन किया। उन्होंने अपने खेतों में बीज छिड़काव से पहले पारंपरिक पूजा-अर्चना भी की, जो जशपुर और सरगुजा अंचल के किसानों की पुरानी परंपरा है। इस परंपरा के अनुसार, परिवार का मुखिया पहले बीज छिड़कता है और उसके बाद परिवार के अन्य सदस्य उसका अनुसरण करते हैं।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा, खेती-किसानी हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा है। मैं भी एक किसान परिवार से हूं और खेती-किसानी की परंपराओं को जीवित रखना चाहता हूं। मैं चाहता हूं कि हमारे किसान आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए अपनी उपज को बढ़ाएं, लेकिन साथ ही अपनी पारंपरिक विरासत को भी बनाए रखें। यह पहल न केवल पारंपरिक कृषि पद्धतियों को पुनर्जीवित करने का प्रयास है, बल्कि इससे यह भी संदेश मिलता है कि मुख्यमंत्री किसानों के साथ खड़े हैं और उनकी समस्याओं को समझते हैं। हाल ही में, मुख्यमंत्री श्री साय ने कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर राज्य में बेहतर खरीफ फसल के लिए जरूरी तैयारियों की समीक्षा की थी। उन्होंने अधिकारियों को किसानों के लिए खाद-बीज की पर्याप्त व्यवस्था करने और कृषि में तकनीक के अधिक प्रयोग पर जोर दिया था।
मुख्यमंत्री की इस पहल ने राज्य के किसानों में एक नई उम्मीद जगा दी है। बगिया गांव के किसानों ने कहा, मुख्यमंत्री जी का हमारे साथ खेतों में काम करना हमारे लिए गर्व की बात है। इससे हमें प्रेरणा मिलती है और यह दिखाता है कि वे वास्तव में हमारी समस्याओं को समझते हैं और उनका समाधान करना चाहते हैं। मुख्यमंत्री श्री साय ने स्वयं खेती-किसानी कर नया उदाहरण प्रस्तुत किया है कि कैसे एक नेता अपने पारिवारिक और प्रशासनिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए जमीनी स्तर पर जनता के साथ जुड़ सकता है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने किसानों से अपील की कि वे आधुनिक तकनीक और पारंपरिक ज्ञान का मिश्रण कर अपनी कृषि उत्पादकता को बढ़ाएं। उन्होंने कहा, हमारी सरकार किसानों की हर संभव मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है। हम कृषि क्षेत्र में नवाचार और तकनीकी विकास को बढ़ावा देंगे, ताकि हमारे किसान अधिक उत्पादन कर सकें और अपने जीवन स्तर को सुधार सकें। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कृषि आधारित रोजगार को बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को आधुनिक उपकरण के लिए सब्सिडी और तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाएगी। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवापीएम आवासों को कार्ययोजना बनाकर तेजी से पूर्ण किया जाए : उप मुख्यमंत्री श्री शर्मा
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा बैठक
एक लाख 39 हजार आवास पूर्ण
ग्राम पंचायतों में बनेंगे महतारी सदन
ग्रामीण सचिवालय का होगा आयोजन
बड़े गांवों का होगा योजनाबद्ध विकास
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में गठित नई सरकार विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य की जनता को दी गई गारंटी को पूरा करने के लिए तेजी से काम कर रही है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर सभी विभागों के काम-काज में कसावट लाने का काम शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के काम-काज की गहन समीक्षा की।
उप मुख्यमंत्री श्री शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास निर्माण के काम में तेजी लाई जाए। कार्ययोजना बनाकर इसे समय-सीमा में पूर्ण किया जाए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि बड़े गांवों के व्यवस्थित विकास के लिए भी कार्ययोजना तैयार करें। ग्रामीणों की समस्याओं के निराकरण के लिए प्रत्येक सप्ताह ग्रामीण सचिवालय का आयोजन किया जाए। इसी प्रकार पीएम जनमन योजना के तहत आदिवासी बहुल बसाहटों में मूलभूत सुविधाओं सहित सभी प्रमुख योजनाओं से जनजाति परिवारों को लाभान्वित किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राशि की कमी नहीं होगी। सभी ग्राम पंचायतो में प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किये जा रहे हैं। इन्हें तेजी से पूर्ण करने के लिए कार्ययोजना बनाएं। समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव श्रीमती निहारिका बारिक सिंह, संयुक्त सचिव श्री तारन प्रकाश सिन्हा, संचालक प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण श्री रजत बंसल, संचालक पंचायत सुश्री प्रियंका ऋषि महोबिया, मिशन संचालक राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन सुश्री नम्रता जैन, मिशन संचालक, राज्य स्वच्छ भारत मिशन सुश्री संजय चंदन त्रिपाठी समेत विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
श्री शर्मा ने कहा कि कई पात्र हितग्राही जो आवास बनाने में सक्षम नही हैं उन्हें वालेंटियर्स के माध्यम से सपोर्ट दिया जाएगा। अधिकारी यह भी सुनिश्चित करें कि कार्य करने वाले मेंशन की पर्याप्त संख्या में उपलब्धता हो। जहां मेंशन नही है वहां स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए मेंशन की ट्रेंनिंग की व्यवस्था की जाए। निर्माण सामग्री उपलब्ध कराने वाले विक्रेताओं की सूची भी आवश्यकता पड़ने पर हितग्राहियों को उपलब्ध कराएं।
उहोंने कहा कि एक लॉट में स्वीकृत सभी आवासों का कार्य एक साथ शुरू हो और गृह प्रवेश भी एक साथ हो। आवास निर्माण के लिए हितग्राहियों को बैंकिग सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कहा कि जिन ग्रामो की दूरी बैंकिंग क्षेत्र से दूर है वँहा के हितग्राहियों को बैंक सखी, सीएससी और बैंक के मोबाइल बैंकिंग वैन के माध्यम से राशि आहरण करने की सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
एक लाख 39 हजार आवास पूर्ण
अधिकारियों ने बताया कि 1 दिसम्बर 2023 से अब तक 1 लाख 39 हजार आवास का निर्माण कार्य पूर्ण हुए, 62 हजार 577 का कार्य जारी है। उन्होंने कहा की प्रतिमाह औषत 23 हजार से अधिक घर बनाये जा रहे हैं। बैठक में उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत 47 हजार 90 आवास का लक्ष्य रखा गया है जिनमे से 33 हजार 115 आवास का कार्य प्रारंभ किया जा चुका है। इसी प्रकार नियद नेलानार योजना अंतर्गत 689 आवास स्वीकृत किये गए है जिनमे से 384 आवास का निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री जनमन योजना अंतर्गत 20 हजार 279 आवास स्वीकृत किये गये हैं जिनमे से से 145 आवास को पूर्ण कराया जा चुका है।
ग्राम पंचायतों में बनेंगे महतारी सदन
प्रदेश के ग्राम पंचायतों में महिलाओं के लिए एक सुव्यस्थित महतारी सदन बनाया जाएगा। यह सदन सर्व सुविधायुक्त होगा। इस सदन में महिलाओं की विभिन्न गतिविधियां आयोजित होंगी। उप मुख्यमंत्री ने महतारी सदन की ड्राइंग डिजाइन का अनुमोदन करते हुए इसे तेजी से पूर्ण कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए। महतारी सदन का निर्माण लगभग 25 सौ वर्गफुट होगा, यहां बरामदा, एक बड़ाहाल, किचन और स्टोररूम शौचालय जैसी सुविधाएं रहेगी। पानी के लिए ट्यूबवेल के साथ वाटर हार्वेस्टिंग भी किया जाएगा। महिलाओं की सुरक्षा के लिए इसमे बॉउंड्रीवाल भी बनाये जाएंगे।
ग्रामीण सचिवालय का होगा आयोजन
ग्राम पंचायतो में आने वाली समस्याओं, शिकायतो और प्रकरणों के निराकरण हेतु ग्राम पंचायत में प्रति सप्ताह और विकासखण्ड स्तर में 15 दिवस में 1 दिन ग्रामीण सचिवालय लगाने के निर्देश बैठक में दिए गए। अधिकारियों को इसकी मॉनिटरिंग के लिए पोर्टल बनाने के भी निर्देश दिए।
बड़े गांवों का होगा योजनाबद्ध विकास
बड़े गांवों का योजनाबद्ध ढंग से विकास होगा। इसके लिए प्रथम चरण में 3 हजार से अधिक जनसंख्या वाले गांवों का चयन किया जा रहा है। चयनित गांवों के विकास के लिए भारत सरकार के पंचायती राज मंत्रालय द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार योजना तैयार की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को पंचायत प्रतिनिधियों के शैक्षणिक भ्रमण हमर छत्तीसगढ़ योजना को पुनः प्रारम्भ करने के निर्देश दिये।
अमृत सरोवरों में गांव की सुविधा अनुसार पौधारोपण करने, पचरी बनाने और शौचालय बनाने के साथ ही मनरेगा अंतर्गत मानव दिवस सृजन हेतु रणनीति बनाने के भी निर्देश दिए। बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत राज्य में कार्यरत बीसी सखियों, लखपति दीदी, लखपति दीदियों के प्रशिक्षण, स्व सहायता समूह की महिलाओं को न्यूनतम दर पर ऋण आदि कार्याे की समीक्षा की गई। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवाराज्य स्तरीय आयोजन रायपुर के चिकित्सा महाविद्यालय के ऑडिटोरियम में 19 जून को
प्रदेश के 33 जिले के 33 हजार हितग्राहियों का चिन्हांकन
एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों, विभागीय छात्रावास-आश्रमों, आवासीय विद्यालयों में सिकलसेल स्क्रीनिंग एवं जागरूकता शिविरों का आयोजन
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि विश्व सिकलसेल दिवस पर लोगों को जगाना है और छत्तीसगढ़ से सिकलसेल एनीमिया को भगाना है। प्रदेश के 33 जिलों के 33 हजार हितग्राहियों को सिकलसेल के लिए चिन्हित किया गया है। प्रदेश के एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों, छात्रावास-आश्रमों तथा आवासीय विद्यालयों में भी सिकलसेल स्क्रीनिंग एवं जागरूकता शिविरों का आयोजन 19 जून को किया जाएगा। राज्य स्तरीय मुख्य आयोजन राजधानी रायपुर के अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा महाविद्यालय के ऑडिटोरियम में 19 जून को पूर्वान्ह 11.30 बजे मुख्यमंत्री की गरिमामयी उपस्थिति में किया जाएगा।
विश्व सिकलसेल दिवस के अवसर पर 19 जून को राष्ट्रीय तथा राज्य स्तर पर जागरूकता शिविरों और सिकलसेल परीक्षण का आयोजन स्वास्थ्य केन्द्रों में किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने विभागीय अमले को प्रदेश में सिकलसेल उन्मूलन के लिए व्यापक रूप से स्क्रीनिंग एवं जागरूकता शिविरों का आयोजन करने के निर्देश दिए हैं। आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग एवं अन्य संबंधित विभागों द्वारा कार्ययोजना बनाकर सभी जिलों में सिकलसेल की स्क्रीनिंग एवं जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ और पिछड़े आदिवासी क्षेत्रों में सिकलसेल बीमारी की अधिक से अधिक जागरूकता की आवश्यकता है, ताकि इस बीमारी का उन्मूलन किया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने वर्ष 2024 तक विकसित भारत का संकल्प लिया है। इस कड़ी में सिकलसेल उन्मूलन मिशन का आगाज 2023 में किया गया है और इसके उन्मूलन का कार्य 2047 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की दूरगामी सोच के अनुरूप छत्तीसगढ़ राज्य में शासन-प्रशासन, जनप्रतिनिधि, पंचायत, ग्राम सभा, सभी समुदाय के लोग, स्थानीय निकाय, एनजीओ, चिकित्सक, नर्स, पैरामेडिकल स्टॉफ, शिक्षक सहित सभी के सहयोग से इस लक्ष्य को 2047 से पहले ही प्राप्त करने प्रयास किया जाएगा। इस दिशा में तेजी से स्क्रीनिंग का कार्य और स्क्रीनिंग पश्चात् जिन लोगों को इस रोग के उपचार की आवश्यकता हो, उन्हें दवा, उपचार, परामर्श और सतत सहयोग देने के लिए राज्य शासन दृढ़ संकल्पित है।
विभागीय मंत्री श्री रामविचार नेताम ने कहा कि सिकलसेल जागरूकता और परीक्षण एक प्रमुख कार्यक्रम है जो आदिवासी हितों की रक्षा करने के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के अन्य रहवासियों की भी जीवन रक्षा में कारगर साबित होगा। उन्होंने कहा कि इस घातक रोग की रोकथाम, प्रबंधन एवं जनजागरण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा और इसके लिए सभी सेवाभावी संस्थाओं और स्वैच्छिक संगठनों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने हेतु आव्हान किया गया है। उन्होंने बताया कि विभाग में इसकी तैयारी करने के संबंध में सभी जिला कलेक्टर, सहायक आयुक्त एवं परियोजना प्रशासकों को पूर्व में ही निर्देश जारी किए जा चुके हैं। साथ ही मुख्यालय स्तर पर नोडल अधिकारी अपने प्रभार के जिलों से लगातार संपर्क में हैं, ताकि इस दिवस को आम जनता विशेषकर अनुसूचित जनजातियों एवं अन्य लक्षित वर्गों में सिकलसेल बीमारी के उन्मूलन हेतु प्रचार-प्रसार एवं जागरुकता अभियान चलाया जाकर इस रोग के उन्मूलन हेतु ठोस प्रयास किये जाएंगे। इसी कड़ी में जिलों में बैनर, पोस्टर, नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से सिकलसेल के व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
ज्ञातव्य है कि सिकलसेल एक आनुवांशिक रोग है। इसमें मानव रक्त में उपस्थित गोलाकार लाल रक्त कण (हीमोग्लोबिन) हंसिये के रूप में परिवर्तित होकर नुकीले और कड़े हो जाते हैं जिसके कारण शरीर की सभी कोशिकाओं तक पर्याप्त मात्रा मे ऑक्सीजन पंहुचने का काम बाधित होता है। ये रक्त कण शरीर की छोटी रक्त वाहिनी (शिराओं) में फसकर लिवर, तिल्ली, किडनी, मस्तिष्क आदि अंगों के रक्त प्रवाह को बाधित कर देते हैं। इसलिए समय पर इसका ईलाज बहुत जरूरी है। इस बीमारी की रोकथाम हेतु आम जनता को जागरुक करने एवं उपचार हेतु प्रतिवर्ष 19 जून को विश्व सिकलसेल दिवस मनाया जाता है। आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा भी इसके सफल आयोजन हेतु व्यापक तैयारियां की गई हैं। प्रदेश में इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से व्यापक रूप से स्क्रीनिंग एवं जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जा रहा है।
प्रदेश के 33 जिलों के कुल 33000 हितग्राहियों को चिन्हित किया गया है। इसके अलावा 186 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रो के माध्यम से 3600 हितग्राहियों को 795 प्राथमिक केन्द्रो के माध्यम से 8000 हितग्राहियों को तथा 4000 उप स्वास्थ्य केन्द्रों के माध्यम से 8000 हितग्राहियों को चिन्हित किया गया है। इसके साथ-साथ विभागीय एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों, विभागीय छात्रावास-आश्रमों तथा अन्य आवासीय विद्यालयों में भी सिकलसेल स्क्रीनिंग एवं जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जाएगा। साथ ही विभिन्न जिलों में इस कार्यक्रम का आयोजन स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। कार्यक्रम के संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं स्वास्थ्य अमले आम जनता विशेषकर लक्षित वर्गों/समुदायों में जागरुकता लाने प्रयास करेंगे, जो इस बीमारी की रोकथाम के लिए मील का पत्थर साबित होगा। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : विभागीय अधिकारियों की बैठक लेकर योजनावार कर रहे समीक्षा -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवाइन जिलों में बैंकों की शाखाएं दूर होने की वजह से मुख्यमंत्री ने तेन्दूपत्ता संग्राहकों की सहूलियत की दृष्टि से दिए निर्देश
हाट-बाजारों में कैम्प लगाकर किया जाएगा नगद राशि का भुगतान
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर जिलों में तेन्दूपत्ता संग्राहकों को पारिश्रमिक राशि का नगद भुगतान करने के निर्देश दिए हैं। इन जिलों में बैंकों की शाखाएं दूर-दूर हैं, इसलिए मुख्यमंत्री ने तेन्दूपत्ता संग्राहकों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग को यह निर्देश जारी किए हैं। सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर जिलों के हाट-बाजारों में कैम्प लगाकर तेन्दूपत्ता संग्राहकों को वर्ष 2024 में पारिश्रमिक राशि का नगद भुगतान किया जाएगा।मुख्यमंत्री श्री साय के निर्देशों के परिपालन में वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री केदार कश्यप के मार्गदर्शन में विभाग द्वारा इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश मंत्रालय से जारी कर दिए गए हैं। सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर जिलों के अलावा अन्य जिलों में तेन्दूपत्ता संग्राहकों को उनके खाते में पारिश्रमिक राशि का भुगतान किया जाता है।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री व्ही. श्रीनिवास राव ने बताया कि वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि समस्त नगद भुगतान की कार्यवाही जिला कलेक्टर के पर्यवेक्षण एवं नियंत्रण में सम्पन्न की जाएगी। नगद भुगतान के लिए कौन से संग्राहक पात्र होंगे, इसका निर्धारण कलेक्टर द्वारा किया जाएगा। प्रत्येक प्रकरण का नगद भुगतान कलेक्टर की अनुमति से होगा। प्रत्येक जिले में जिला कलेक्टर तथा वन मंडलाधिकारी एवं प्रबंध संचालक, जिला यूनियन द्वारा आपसी समन्वय से प्रस्तावित क्षेत्र के अंतर्गत हाट बाजार या अन्य उपयुक्त स्थान पर कैम्प का आयोजन कर संबंधित संग्राहकों को तेन्दूपत्ता संग्रहण कार्ड में उचित प्रविष्टि कर नगद भुगतान करते हुये पावती प्राप्त करेंगे।नगद भुगतान के पूर्व पर्याप्त प्रचार-प्रसार किया जाएगा तथा नगद भुगतान से संबंधित समस्त कार्य की संपूर्ण वीडियोग्राफी करते हुए प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जाएगा। संबंधित जिला कलेक्टर के मार्गदर्शन में उपरोक्त कैम्प के दौरान संग्राहकों को आवश्यकतानुसार आधारकार्ड जारी करने, बैंक खाता खुलवाने हेतु आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। इस हेतु सी.एस.सी. स्थानीय बैंक आदि से आवश्यक सहयोग प्राप्त किया जाएगा। संग्राहकों द्वारा प्राप्त बैंक खाता विवरण के अनुरूप संग्राहक सर्वेक्षण साफ्टवेयर तेन्दूपत्ता पेमेंट साफ्टवेयर में आवश्यक पंजीयन आदि जिला यूनियन तथा सी.एस.सी. के माध्यम से कराया जाना सुनिश्चित किया जाएगा। संग्राहकों को पारिश्रमिक राशि के भुगतान की कार्यवाही 15 दिन के भीतर पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवापुष्पांजलि अर्पित कर किया नमन
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय आज अपने गृह जिले जशपुर के ग्राम बन्दरचुंआ पहुंचे। यहां वे अपने चचेरे भाई एवं जशपुर नगर पालिका के अध्यक्ष स्व. श्री नरेश चंद्र साय के दशगात्र कार्यक्रम में शामिल हुए। सपत्नीक उनके घर पहुंचकर मुख्यमंत्री साय ने उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। मुख्यमंत्री ने सभी परिजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना दी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि स्व. श्री नरेश चंद्र साय जी मेरे चचेरे भाई और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. नरहरी साय जी के पुत्र थे। आज वे हमारे बीच नहीं हैं यह हमारे लिए दुःखद क्षण है। इस दुःख की घड़ी में मैं दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता हूं। स्व. श्री नरेश चंद्र जी जशपुर नगर पालिका के अध्यक्ष थे। जनप्रिय नेता स्व. श्री नरेश जी क्षेत्र के विकास के लिये सदैव समर्पित रहते थे। उल्लेखनीय है कि विगत 06 जून को श्री नरेश चंद्र साय जी का निधन हो गया था। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
250 दिव्यांग जोड़े बंधे परिणय सूत्र में, आस्था बहुउद्देशीय कल्याण संस्थान का आयोजन
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज अखिल भारतीय निर्धन दिव्यांग सामुहिक आदर्श विवाह समारोह में मुख्य अतिथि शामिल हुए। दुर्ग के अग्रसेन भवन में समाजसेवी संस्था आस्था बहुउद्देशीय कल्याण संस्थान द्वारा आयोजित इस सामुहि आदर्श विवाह में सभी समाज के 250 दिव्यांग जोड़े परिणय सूत्र में बंधे। समारोह में छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उड़ीसा, झारखंड के अलावा अन्य राज्यांे के दिव्यांगजन शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय एवं अन्य अतिथियों ने परिणय सूत्र में बंधे दिव्यांग नव दंपत्तियों को उनके सुखमय दाम्पत्य जीवन के लिए आशीर्वाद दिए। समारोह में लोकसभा सांसद श्री विजय बघेल, विधायक श्री ललित चंद्राकर और नगर निगम दुर्ग के महापौर श्री धीरज बाकलीवाल भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि आस्था बहुउद्देशीय कल्याण संस्थान का यह आयोजन पुण्य का कार्य है। संस्था लगातार जनकल्याण का कार्य कर रही है। चाहे वह लावारिश लाशों को सद्गति देेने का कार्य हो, रक्तदान कार्य हो या दिव्यांगजनों का वैवाहिक कार्यक्रम हो। संस्था से जुड़े सभी पदाधिकारी पुण्य के कार्य में सहभागी हैं। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि शारीरिक रूप से विकृत लोगों को पहले विकलांग के नाम से जाना जाता था, जिसे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने सम्मान-जनक नाम दिव्यांग दिया है।उन्होंने कहा कि राज्य सरकार दिव्यांगजनों के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित कर हर संभव सहयोग का प्रयास कर रही है। उन्होंने आदर्श विवाह में सम्मिलित होने पहुंचे हुए नवदम्पत्तियों के परिजनों को भी बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने अपने करकमलों से आस्था बहुउद्देशीय कल्याण संस्थान के विकास में उल्लेखनीय योगदान करने वालों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
आस्था बहुउद्देशीय कल्याण संस्थान के संरक्षक सांसद श्री विजय बघेल ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि यह संस्था विगत 19 वर्ष से दिव्यांगजनों आदर्श विवाह करते आ रही हैं। अब तक 1890 दिव्यांग जोड़े का विवाह संपन्न करायी जा चुकी है। आज यहां पर लगभग 250 से अधिक जोड़ों का विवाह कार्यक्रम संपन्न होने जा रहा है। उन्होंने बताया कि यह संस्था अब तक 1789 लावारिश लाशों को सद्गति प्रदान कर चुकी हैं।सांसद श्री बघेल ने संस्था के कार्यों को विस्तारपूर्वक रेखांकित करते हुए संस्था से जुड़े सभी लोगों कोे साधुवाद दिया। कार्यक्रम में आस्था संस्थान के अध्यक्ष श्री प्रकाश गेडाम और संयोजक प्रहलाद गुप्ता तथा विवाह आयोजन समिति के अध्यक्ष श्री रामफल शर्मा और संयोजक श्री सुरेन्द्र शर्मा सहित अन्य पदाधिकारी एवं गणमान्य नागरिक तथा दिव्यांगजनों के परिजन एवं बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
राजनांदगांव, कोरबा, जशपुर, सूरजपुर, सरगुजा जिलों से आए युवक-युवतियों ने संस्था द्वारा कराए जा रहे आदर्श सामुहिक विवाह को सराहा। विवाह करने आए नवदम्पत्तियों ने बताया कि घर की आर्थिक स्थित कमजोर होने के कारण विवाह मंे होने वाले खर्चे को वहन करने में परिवार वाले सक्षम नही थे। निःशुल्क सामूहिक आदर्श विवाह में हम बेटियों की शादी होने से घर वालों की चिंता अब दूर हो गई। उन्होंने इस विवाह के लिए राज्य सरकार और संस्था को धन्यवाद दिया। सामुहिक विवाह में युवतियों को संस्था द्वारा गृहस्थी का सामान थाली, चम्मच, गिलास, पानी टंकी, लोटा, कटोरी उपहार स्वरूप प्रदान किया गया। साथ ही मंगलसूत्र, पायल, बिछिया, साड़ी उपहार के रूप में दिया गया। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने नक्सल हमले में शहीद जवान श्री नीतेश एक्का को पुष्पचक्र अर्पित कर दी श्रद्धांजलि
नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई तेज, जवानों की शहादत नहीं जाएगी बेकार
हमारे जवानों का हौसला बुलंद, शीघ्र शांति स्थापित करने के लिए दृढ़ संकल्पित
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने आज चौथी बटालियन माना पहुंचकर गत दिवस नारायणपुर जिले में नक्सली मुठभेड़ में शहीद हुए जवान श्री नितेश एक्का के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने शहीद जवान के पार्थिव शरीर को कंधा देकर ससम्मान गृह ग्राम जशपुर जिले के चिरईडांड के लिए रवाना किया।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस मौके पर कहा कि नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ क्षेत्र में हुए नक्सली मुठभेड़ में हमारे वीर जवान ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। हमारी सरकार बनते ही हमने नक्सलियों के खिलाफ अपनी लड़ाई तेज कर दी है और हम निर्णायक लड़ाई लड़ रहे है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे जवानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी और हम क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए संकल्पित है। मुख्यमंत्री श्री साय ने इस दौरान शहीद जवान श्री नितेश एक्का के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया।गौरतलब है कि एसटीएफ के शहीद आरक्षक श्री नितेश एक्का जशपुर जिले के रहने वाले थे। पिछले 12 जून को नारायणपुर जिले के फरसबेड़ा-धुरबेड़ा क्षेत्र में डीआरजी, एसटीएफ और बीएसएफ का संयुक्त बल नक्सल विरोधी अभियान के लिए रवाना हुआ था। अभियान के दौरान 15 जून को नक्सलियों ने सुरक्षा बलों पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी और जवाबी कार्यवाही में 08 माओवादियों को मार गिराया गया। इस दौरान सुरक्षाबल के दो जवान घायल हुए और एक जवान शहीद हो गया।
इस मौके पर विधायक श्री मोतीलाल साहू, डीजीपी श्री अशोक जुनेजा, अपर मुख्य सचिव गृह श्री मनोज कुमार पिंगुआ, एडीजी श्री प्रदीप गुप्ता, श्री हिमांशु गुप्ता, संभाग आयुक्त श्री संजय अलंग सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और शहीद जवान के परिजन मौजूद थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
जल जीवन मिशन के तहत 3234 गांवों में पहुंचाया जाएगा नदी का पानी, 10 लाख से अधिक परिवारों को मिलेगा मीठा जल
प्रदेश में कुल 4527 करोड़ रुपए लागत की 71 मल्टी-विलेज योजनाओं का काम शुरू
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए सभी कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण करने के दिए निर्देश
रायपुर : प्रदेश में भू-जल में समस्या वाले गांवों में पेयजल आपूर्ति के लिए जल जीवन मिशन के तहत मल्टी-विलेज योजना (Multi-Village Scheme) शुरू की जा रही है। खारे पानी, भू-जल में भारी तत्वों की मौजूदगी या जल स्तर के ज्यादा नीचे चले जाने की समस्या से जूझ रहे गांवों में इन योजनाओं के माध्यम से नदी का मीठा पानी पहुंचाया जाएगा। कुल 4527 करोड़ रुपए की लागत से राज्य के 18 जिलों में 71 मल्टी-विलेज योजनाओं का काम प्रारंभ हो चुका है। इन योजनाओं के माध्यम से 3234 गांवों में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की जाएगी। इन गांवों के दस लाख से अधिक घरों में पाइपलाइन के जरिए स्वच्छ व सुरक्षित पेयजल पहुंचाया जाएगा। उप मुख्यमंत्री तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री अरुण साव ने सभी मल्टी-विलेज योजनाओं में गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए सभी कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं, जिससे लोगों तक यथाशीघ्र साफ पेयजल पहुंच सके।
राज्य के अनेक जिलों में नलकूपों के गिरते हुए जल स्तर के कारण गर्मी के दिनों में पेयजल की समस्या आती है। ऐसे गांवों में जल जीवन मिशन के अंतर्गत सिंगल-विलेज योजनाओं के लिए सफल पेयजल स्त्रोतों की कमी को देखते हुए सतही स्त्रोत पर आधारित मल्टी-विलेज योजनाएं बनाई गई हैं। राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन के माध्यम से प्रदेश में 71 मल्टी-विलेज योजनाओं की स्वीकृति दी गई है। उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव के निर्देश पर सभी योजनाओं के अवयवों की ड्राइंग एवं डिजाइन की चेकिंग राष्ट्रीय स्तर पर सुविख्यात आई.आई.टी. एवं एन.आई.टी. (Indian Institute of Technology & National Institute of Technology) के माध्यम से कराए जा रहे हैं।
जल जीवन मिशन के तहत इन मल्टी-विलेज योजनाओं में स्थानीय नदी पर निर्मित एनीकट, बांध एवं नहर के पानी का उपयोग किया जाएगा। जल संग्रहण के लिए इन्टेकवेल तथा जल शुद्धिकरण के लिए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण किया जा रहा है। योजना के अंतर्गत उच्च स्तरीय एम.बी.आर. (Master Balance Reservoir) भी बनाए जा रहे हैं। इन्टेकवेल से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तक डी.आई. पाइप रॉ वाटर पम्पिग मेन तथा ट्रीटमेंट प्लांट से एम.बी.आर. तक क्लियर वाटर पम्पिग मेन बिछाए जा रहे हैं। एम.बी.आर. के माध्यम से योजना से लाभान्वित होने वाले गांवों में निर्मित उच्च स्तरीय टंकियों तक पेयजल पहुंचाने के लिए डीआई/ओ-पी.वी.सी. पाइपलाइन भी बिछाए जा रहे हैं। इन योजनाओं का काम पूर्ण करने के लिए ठेकेदारों को 12 महीने का समय दिया गया है।
उप मुख्यमंत्री श्री साव के निर्देश पर कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और योजनाओं को समय-सीमा में पूर्ण कराने के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के मुख्य अभियंता एवं अधीक्षण अभियंता तथा जल जीवन मिशन के वरिष्ठ अभियंताओं द्वारा कार्यस्थलों का लगातार निरीक्षण किया जा रहा है। इस दौरान योजनाओं में प्रयोग की जा रही सामग्रियों, उपकरणों एवं आर.सी.सी. के कार्यों में गुणवत्ता नियंत्रण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। मल्टी-विलेज योजनाओं में प्रयुक्त होने वाली सभी सामग्रियों एवं उपकरणों की गुणवत्ता की जांच (टेस्टिंग) के लिए थर्ड पार्टी इन्सपेक्सन (Third Party Inspection) भी कराए जा रहे हैं।
18 जिलों के 3234 गांवों को मिलेगा साफ पेयजल
जल जीवन मिशन के अंतर्गत मल्टी-विलेज योजनाओं के माध्यम से 18 जिलों के 3234 गांवों में जलापूर्ति की जाएगी। इनमें रायगढ़ जिले के 396, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के 16, कोरबा के 245, जांजगीर-चांपा के 32, राजनांदगांव के 393, महासमुंद के 48, कबीरधाम के 31, गरियाबंद के नौ, बिलासपुर के 93, सूरजपुर के 413, मुंगेली के 240, दुर्ग के 201, बलौदाबाजार-भाटापारा के 192, बेमेतरा के 219, कोरिया के 292, बालोद के 148, सरगुजा के 190 और धमतरी जिले के 76 गांव शामिल हैं।
किस जिले में कितनी योजनाएं ?
जल जीवन मिशन के तहत प्रदेश भर में अभी कुल 71 मल्टी-विलेज योजनाएं मंजूर की गई हैं। इनमें सूरजपुर जिले की 11, कोरिया की दस, दुर्ग की सात, बलौदाबाजार-भाटापारा और रायगढ़ की छह-छह, बालोद, सरगुजा, राजनांदगांव और बिलासपुर की चार-चार, बेमेतरा की तीन, धमतरी, मुंगेली, कबीरधाम और जांजगीर-चांपा की दो-दो तथा गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, कोरबा, महासमुंद और गरियाबंद जिले की एक-एक योजनाएं शामिल हैं। इन योजनाओं से कुल दस लाख 445 परिवार लाभान्वित होंगे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
अप्रैल माह में 2 करोड़ 57 लाख एवं मई माह में 3 करोड़ 15 लाख से अधिक मानव दिवस रोजगार के अवसर सृजन कर रचा नया कीर्तिमान
विगत 6 माह में 10 करोड़ 93 लाख मानव दिवस सृजित, 1 लाख 73 हजार निर्माण कार्य पूर्ण
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ ने फिर से विकास की रफ्तार पकड़ ली है। इसी का परिणाम है कि छत्तीसगढ़ में मनरेगा के अंतर्गत 4 साल का रिकार्ड टूटा है। छत्तीसगढ़ में मनरेगा न सिर्फ मजदूरों को रोजगार के अवसर उपलब्ध करा रहा है बल्कि उनके जीवन में व्यापक बदलाव भी ला रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) के क्रियान्वयन में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में माह अप्रैल में 2 करोड़ 57 लाख तथा माह मई में 3 करोड़ 15 लाख रोजगर सृजित हुआ इसप्रकार मई तक 5 करोड़ 82 लाख से अधिक मानव दिवस का रोजगार सृजन कर विगत चार वित्तीय वर्ष के माह अप्रैल और मई में हुए सृजित मानव दिवस का आंकड़ा प्राप्त कर नई उपलब्धि हासिल की है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में मई माह तक 4 करोड़ 81 लाख, वर्ष 2022-23 में मई माह तक 1 करोड़ 19 लाख, वर्ष 2023-24 में मई माह तक 4 करोड़ 49 लाख तथा 2024-25 में मई माह तक 5 करोड़ 72 लाख रोजगार का सृजन हुआ है। मनरेगा अंतर्गत विगत 6 माह में 10 करोड़ 93 लाख मानव दिवस सृजित हुआ वही 1 लाख 73 हजार निर्माण कार्य पूर्ण हुआ।
प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में ग्रामीण क्षेत्रों में अंतिम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति तक आजीविका संवर्धन एवं रोजगार की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। ग्रामीण श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के साथ ही जल संरक्षण की दिशा में भी कार्य किए जा रहे हैं। अमृत सरोवर के निर्माण में प्रतिदिन लगभग 59 हजार से अधिक श्रमिकों को रोजगार मिल रहा है, जो देशभर में सर्वाधिक है। अमृत सरोवर के क्रियान्वयन में प्रदेश के कार्यों का केंद्र स्तर पर सराहना की गई है। आगामी चार वर्षों में 8966 ग्राम पंचायतों में अमृत सरोवर निर्माण करने का लक्ष्य रखा गया है। इस तरह राज्य के प्रत्येक ग्राम पंचायतों को इस योजना से लाभान्वित किया जा रहा है।प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं मंत्री पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग श्री विजय शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में नियद नेल्लानार योजनान्तर्गत माओवाद प्रभावित ईलाके के 87 ग्रामों को चिन्हित कर मनरेगा योजना से वृहद पैमाने पर कार्यों की स्वीकृति कर नियमित रोजगार के अवसर मुहैया कराए जा रहे हैं,जिससे उक्त अंदरूनी क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर ग्रामीणों को रोजगार सुलभ हो रहा है। मनरेगा अंतर्गत वनाधिकार पट्टाधारी परिवारों को हितग्राहीमूलक कार्यों के माध्यम से जीवन स्तर को ऊंचा उठाने का सकारात्मक प्रयास किया जा रहा है।इसके लिए प्रदेश स्तर से विभागीय अधिकारियों को नियमित समीक्षा करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में मनरेगा को रोजगार सृजन के साथ आजीविका संवर्धन हेतु दूरगामी मंशा के अनुरूप कार्यान्वयन के लिए निरंतर प्रयास किया जा रहा है। इस दिशा में नियमित समीक्षा और राज्य स्तर से बेहतर क्रियान्वयन रणनीति का परिणाम है कि मनरेगा नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री ने कहा कटघोरा-डोंगरगढ़ रेल परियोजना अंतर्गत भू-अर्जन की कार्यवाही जल्द
25 करोड़ की लागत के 19 विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास
मुख्यमंत्री फरहदा में भक्त माता कर्मा मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में हुए शामिल
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि आने वाले समय में मुंगेली जिला रेल नेटवर्क में शामिल हो जाएगा, इससे मुंगेली जिले में रेल की सुविधाएं मिलेंगी। उन्होंने बताया कि कटघोरा-डोंगरगढ़ विशेष रेल परियोजना के लिए राज्य शासन द्वारा 300 करोड़ रूपए की राशि की स्वीकृति दी जा चुकी है। शीघ्र ही भू-अर्जन की कार्यवाही प्रारंभ की जाएगी। इस परियोजना अंतर्गत मुंगेली जिले में 38.02 किलोमीटर रेल लाईन गुजरेगी, जिससे इस क्षेत्र के लोग भी आने वाले समय में रेल सेवा से लाभान्वित होंगे। श्री साय आज मुंगेली जिले के ग्राम फरहदा में भक्त माता कर्मा मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस मौके पर ग्राम फरहदा में साहू समाज के सामुदायिक भवन के लिए 25 लाख रुपए, आदिवासी एवं सतनामी समाज के सामुदायिक भवन के लिए 6-6 लाख रुपए देने की घोषणा की। उन्होंने कार्यक्रम में लगभग 25 करोड़ से अधिक की राशि के 19 विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। साथ ही उन्होंने ग्राम फरहदा में शासकीय हाई स्कूल को हायर सेकेंडरी स्कूल के रूप में उन्नयन और ग्राम भालापुर से अचानकपुर तक और हरियरपुर से टेढ़ाधौंरा तक सड़क नवीनीकरण कार्य के लिए भी घोषणा की।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री साय ने भक्त माता कर्मा प्राण-प्रतिष्ठा के लिए साहू समाज एवं उपस्थित सभी लोगों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा की ग्राम फरहदा में भक्त माता कर्मा मंदिर का निर्माण बिना किसी शासकीय सहयोग के सभी ग्रामवासियों ने मिलकर करवाया है। यह ग्रामवासियों के सामूहिक एकता को दर्शाता है। उन्होंने बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र से श्री तोखन साहू को सांसद के रूप में जिताने के लिए जनता का आभार जताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मंत्रीमंडल में सांसद श्री तोखन साहू को आवास एवं शहरी मामलों के केन्द्रीय राज्यमंत्री बनाया गया है, जो पूरे प्रदेश एवं इस क्षेत्र के लिए गौरव की बात है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा की हमारी सरकार विकास की दिशा में लगातार कार्य कर रही है। प्रदेश के किसानों को हम 3100 रुपए प्रति क्विंटल धान की कीमत दे रहे है। महतारी वंदन योजना के अंतर्गत 70 लाख से अधिक महिलाओं को लाभान्वित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बिलासपुर-मुंगेली रोड से ग्राम फरहदा मार्ग जिसकी कुल लंबाई साढ़े पांच किलोमीटर है, बजट में इसे स्वीकृत किया गया है, जल्द ही इसका कार्य प्रारंभ किया जाएगा। उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने कहा कि हमारी सरकार विकास के लिए समर्पित है। प्रदेश सरकार पानी, बिजली, आवास सहित विकास के सभी आयामों पर बेहतर तरीके से कार्य कर रही है। कार्यक्रम में वाणिज्य, उद्योग, श्रम एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री लखनलाल देवागंन ने धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में मुंगेली विधायक श्री पुन्नूलाल मोहले, बिल्हा विधायक श्री धरमलाल कौशिक, बिलासपुर विधायक श्री अमर अग्रवाल, तखतपुर विधायक श्री धर्मजीत सिंह, बेलतरा विधायक श्री सुशांत शुक्ला, विधायक रायपुर श्री मोतीलाल साहू, पूर्व सांसद श्री लखनलाल साहू, पूर्व विधायक श्री विक्रम मोहले, श्री कृष्णमूर्ति बांधी, जिला पंचायत सदस्य श्रीमती शीलू साहू, श्रीमती अम्बालिका साहू, श्रीमती दुर्गा उमाशंकर साहू अन्य जनप्रतिनिधिगण, प्रदेश, जिला एवं तहसील साहू समाज के पदाधिकारीगण, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और बड़ी संख्या में सामाजिक बन्धु मौजूद रहे।
लोकार्पण और शिलान्यास
मुख्यमंत्री श्री साय ने जिन कार्यों का लोकार्पण किया उनमें ग्राम पा. खम्हरिया में 1.89 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित 33/11 व्ही सब स्टेशन, ग्राम कंतेली में 1.87 करोड़ रूपए की राशि से निर्मित 33/11 के. व्ही सब स्टेशन और आगर व्यपवर्तन योजना के तहत 19 करोड़ 12 लाख 57 हजार रूपए की लागत से निर्मित 15 माईनर नहर में सी.सी. लाईनिंग व स्ट्रक्चरों के जीर्णाेद्वार के कार्य शामिल हैं। इसी तरह 01.37 करोड़ रूपए की लागत से नवागढ़ चौक से खैरवार बायपास रोड में 06 किलोमीटर तक एल.ई.डी. स्ट्रीट लाईट लगाने का कार्य, 34.35 लाख रूपए की लागत से देवरी से खेढ़ा कालोनी में एल.ई.डी. स्ट्रीट लाईट लगाने का कार्य, शासकीय हाईस्कूल फुलवारी एफ., जोता, भटगांव तथा हायर सेकेण्डरी स्कूल खुड़िया, बैगाकापा, सुकली, देवरहट, मनोहरपुर, नगर पालिका मुंगेली, पदमपुर, जरहागांव, सिलतरा, लौदा और बैतलपुर में प्रत्येक में 07 लाख 63 हजार रूपए की राशि से कक्ष निर्माण कार्य का शिलान्यास किया गया। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवानिर्माण कार्य समय सीमा में पूरा करें, प्रगति की सतत् समीक्षा हो: मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय
विधानसभा भवन का निर्माण आने वाली पीढ़ियों को ध्यान में रखकर करें : विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह
छत्तीसगढ़ की इस बड़ी पंचायत की छटा पूरे देश में दिखनी चाहिए : श्री बृजमोहन अग्रवाल
परिसर में लगाए जायेंगे कुसुम, साल और सागौन जैसे वृक्ष
नवा रायपुर में नवीन विधानसभा, विधायक विश्रामगृह एवं विधानसभा के अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए आवास का हो रहा निर्माण
रायपुर : विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज यहाँ अपने निवास कार्यालय में नवा रायपुर में निर्माणाधीन नवीन विधानसभा भवन, विधायक विश्रामगृह एवं विधानसभा के अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए बन रहे आवासों की प्रगति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि निर्माण कार्य अच्छी गुणवत्ता के साथ समय-सीमा में पूर्ण करें। समय-समय पर प्रगति की समीक्षा की जाए। बैठक में उप मुख्यमंत्री श्री अरूण साव, संसदीय कार्य मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल, वित्त मंत्री श्री ओ. पी. चौधरी, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन भी उपस्थित थे।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने बैठक में कहा कि विधानसभा भवन का निर्माण आने वाली पीढ़ियों को ध्यान में रखकर किया जाना है। हमारा प्रयास यह हो कि पूरा विधानसभा सौर ऊर्जा से संचालित हो। यह पूरे देश के लिए एक उदाहरण बने। उन्होंने कहा कि पूरा परिसर हरित वातावरण से सुसज्जित हो इसलिए अधिक से अधिक वृक्षारोपण किया जाना चाहिए। उन्होंने परिसर में बागवानी के पौधों के अलावा छत्तीसगढ़ के मुख्य वृक्षों महुआ, कुसुम, साल और सागौन जैसे वृक्षों का रोपण किया जाए। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सिंह ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग के साथ ही ऐसी व्यवस्था अपनाने की बात कही जिससे पानी का पुनः उपयोग सिंचाई में भी किया जा सके। उन्होंने परिसर में एक प्राकृतिक तालाब भी निर्मित करने की बात कही जिससे पानी की उपलब्धता बनी रहे। निर्माण कार्य में तीव्रता और कसावट लाने के लिए अध्यक्ष डॉ. सिंह ने मुख्य सचिव को प्रति माह बैठक आयोजित कर समीक्षा करने की भी बात कही।
संसदीय कार्य मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि निर्माण में उच्च एवं आधुनिक गुणवत्ता के सामान का उपयोग करें। उन्होंने कहा कि यह विधानसभा देश भर में अनूठा बने इसका ध्यान रखते हुए निर्माण करें क्योंकि देश भर से लोग विधानसभा भ्रमण के लिए आते हैं। यह छत्तीसगढ़ की बड़ी पंचायत है तो इसकी छटा पूरे देश में दिखाई पड़नी चाहिए। छत्तीसगढ़ की संस्कृति की झलक के साथ ही सिरपुर जैसे धरोहरों की रेप्लीका भी दिखाई पड़नी चाहिए।
गौरतलब है कि नवा रायपुर अटल नगर के सेक्टर-19 में लगभग 20.78 हेक्टेयर भूमि पर 217.12 करोड़ की लागत से नवीन विधानसभा भवन का निर्माण किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत नवीन विधानसभा भवन, विधायक विश्रामगृह एवं विधानसभा के अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए आवास का निर्माण हो रहा है।लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि दिसम्बर 2024 तक सिविल कार्य और जून 2025 तक इंटीरियर से संबंधित कार्य पूर्ण कर लिए जायेंगे। नवीन विधानसभा भवन 200 विधायकों की क्षमता के हिसाब से निर्मित किया जा रहा है। यह भवन विधानसभा सचिवालय, 03 मीटिंग हॉल, कैंटीन, सेन्ट्रल हॉल, दर्शक दीर्घा, मीडिया लाऊंज, 1 सभागृह, आर्ट गैलरी, चिकित्सालय, बैंक और पोस्ट ऑफिस जैसी मूलभूत अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा। नवीन भवन में संसद भवन के तर्ज पर कैबिनेट मीटिंग हॉल का भी निर्माण किया जा रहा है। भवन को छत्तीसगढ़ की संस्कृति बस्तर आर्ट, जशपुर आर्ट के साथ ही कंटेम्पररी अर्बन आर्ट से भी सुसज्जित किया जायेगा।
मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानंद, विधानसभा सचिव श्री दिनेश शर्मा, लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, वित्त सचिव श्री रजत बंसल, वन एवं पर्यावरण सचिव श्रीमती संगीता आर. सहित संबंधित अधिकारीगण उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवाखेती किसानी से जुड़े अपनें अनुभव साझा करते हुए उत्पादकता बढ़ाने दिए आवश्यक निर्देश
वर्षा काल में पशुधन को बिमारियों से बचाने के लिए व्यापक स्तर पर टीकाकरण करने कहा
गौवंश के संरक्षण और संवर्धन के लिए सभी संभागों में बनेगा एक एक गौ अभ्यारण्य
देवभोग के दुग्ध उत्पादों की बिक्री बढ़ाने अच्छी ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर जोर: आईआईएम अध्ययन कर देगा सलाह
केज कल्चर, बॉयोफ्लाक जैसे नवाचारों से मछली पालन को मिलेगा बढ़ावा
रायपुर : आचार सहिंता की अवधि समाप्त होने के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राज्य के विकास की गति तेज करने के लिए आज से विभिन्न विभागों की मैराथन समीक्षा बैठकें लेनी शुरू कर दी। आज उन्होंने कृषि से संबंधित विभागों से इसकी शुरूआत करते हुए अधिकरियों से उनकी तैयारियों के संबंध में जानकारी ली और खेती किसानी से जुड़े स्वयं के व्यवहारिक अनुभवों को भी साझा किया। श्री साय स्वयं भी कृषक है और उनका परिवार अपनी आजीविका के लिए मुख्य रूप से खेती किसानी पर ही निर्भर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अच्छे परिणाम के लिए पूरी पारदर्शिता और तत्परता के साथ काम किया जाना अनिवार्य है।मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि हमें इस तरह के कदम उठाए जाने की आवश्यकता है, जो किसानों को उनकी उत्पादकता बढ़ाने के लिए प्रेरित करें। परंपरागत खेती में हर आवश्यक सहायता उन तक तत्परता से पहुंचाने के साथ-साथ आधुनिक खेती और देश भर में हो रहे नवाचारों से भी उन्हें अवगत कराने की आवश्यकता है। राजधानी रायपुर स्थित अपने निवास कार्यालय में आयोजित समीक्षा बैठकों में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना जरूरी है कि किसानों, पशुपालकों और दुग्ध उत्पादकों की आय में बढ़ोत्तरी हो। अधिकारियों को अपने अनुभव बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्षा काल में पशुओं को होने वाली बिमारियों की रोकथाम के लिए मुस्तैदी के साथ काम किया जाना आवश्यक है।श्री साय ने पशुधन विकास विभाग, छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी दुग्ध महासंघ और मछली पालन विभाग के कार्यो की गहन समीक्षा की। उन्होंने कहा कि पशुपालन, मछली पालन एवं दुग्ध उत्पादन जैसे व्यवसाय किसानों और पशुपालकों के आय का बड़ा स्त्रोत हैं, इनसे जुड़ी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन से निश्चित रूप से किसानों की आय में बढ़ोत्तरी होगी। मुख्यमंत्री श्री साय ने पशुधन विकास विभाग की समीक्षा के दौरान के कहा कि प्रदेश में गौवंश की रक्षा और संवर्धन के लिए सभी संभागों के एक-एक जिले में गौ अभ्यारण्य की स्थापना की जाएगी।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने पशुधन विकास विभाग के अधिकारियों से प्रदेश में पशुधनों की संख्या और वार्षिक दुग्ध, अंडा एवं मांस उत्पादन एवं उपलब्धता की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने प्रति वर्ष प्रति व्यक्ति अंडा, दुग्ध और मांस की आवश्यकता को पूरा करने के लिए उत्पादन बढ़ाने जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने वर्षा काल में पशुओं को संक्रामक बिमारियों से बचाने के लिए व्यापक स्तर पर टीकाकरण करने के निर्देश दिए। उन्होंने पशुओं के नस्ल सुधार के लिए चलाई जा रही योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर भी बल दिया। साथ ही पशुधन विभाग की राज्य और केन्द्र के प्रवर्तित योजनाओं का लाभ भी अधिक से अधिक पशुपालकों तक पहुंचाने को कहा। पशुधन विकास विभाग के अधिकारियों ने विभाग की आगामी कार्ययोजना और लक्ष्यों के बारे में मुख्यमंत्री को विस्तृत जानकारी दी।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी दुग्ध महासंघ के कार्यो की समीक्षा करते हुए कहा कि दूध और दुग्ध उत्पादों की बिक्री एवं दूध उत्पादन करने वाले किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए समुचित उपाए किए जाएं। उन्होंने दुग्ध महासंघ के ब्रांड देवभोग की बिक्री और आमदनी बढ़ाने के लिए आउटलेट की संख्या में वृद्धि और अन्य विकल्पों के लिए भारतीय प्रबंध संस्थान से विस्तृत अध्ययन कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए अच्छी मार्केटिंग और ब्रांडिंग जैसी व्यवसायिक पद्धतियों का सहारा भी लिया जाए। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को प्रोसेस फ्लो चार्ट के माध्यम से दुग्ध संकलन से लेकर उपभोक्ता तक पहुंचने तक की पूरी प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दी।इसके बाद मुख्यमंत्री ने मछलीपालन विभाग के अधिकारियों के साथ विभागीय कार्यो एवं योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार करें और ग्रामीण इलाकों में किसानों को जानकारी एवं प्रशिक्षण देें। श्री साय ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि शासन की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से तालाबों का निर्माण कराया जाता है और गर्मियों में तालाब सूखने के कारण अनुपयोगी हो जाते हैं। ऐसे किसानों को चिन्हित कर इन तालाबों में पानी की आपूर्ति के लिए सोलर पंप की व्यवस्था की जाए ताकि सभी मौसमों में मछली पालन किया जा सके। मुख्यमंत्री श्री साय ने मछली उत्पादन के लिए केज कल्चर जैसे बॉयोफ्लाक जैसे नवाचारों का बढ़ावा देने और किसानों को प्रशिक्षित करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए।
समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती शहला निगार, मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद, डॉ. बसव राजु एस और श्री राहुल भगत, संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं डॉ. प्रियंका शुक्ला, सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहें। -
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कल से रोज लगातार विभागों की समीक्षा बैठकें
शुरूआत होगी खेती-किसानी की तैयारियों से
स्वास्थ्य सुविधाओं, दवाइयों की उपलब्धता पर भी होगी बात
राज्य की कानून व्यवस्था का भी जानेंगे हाल
रायपुर : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राज्य में विकास कार्यों की रफ्तार और तेज करने के लिए विभिन्न विभागों में चल रहे कामकाज की गहन समीक्षा शुरू कर दी है। कल 13 जून से वे लगातार एक के बाद एक महत्वपूर्ण विभागों की बैठकें लेंगे और शासन की प्राथमिकताओं वाले कार्यों के संबंध में दिशा-निर्देश देंगे।
मुख्यमंत्री द्वारा समीक्षा बैठकों की शुरूआत 13 जून को कृषि एवं उद्यानिकी तथा पशुधन विकास, मत्स्य पालन, दुग्ध महासंघ जैसे विभागों एवं संगठनों की समीक्षा के साथ की जाएगी। राज्य में शीघ्र ही मानसून के सक्रिय होने की संभावना है, इसे देखते हुए खेती-किसानी के काम में तेजी आ चुकी है। श्री साय किसानों को पहले ही आश्वस्त कर चुके हैं कि राज्य में गुणवत्तापूर्ण खाद एवं बीजों की अबाध आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। राज्य सरकार द्वारा उद्यानिकी को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी तरह पशुधन विकास और दुग्ध उत्पादन में बढ़ोतरी के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ की पहचान देश के प्रमुख मछली उत्पादक राज्य के रूप में होती है। राज्य सरकार मछली उत्पादन को बढ़ाने के लिए भी अपनी प्रतिबद्धता जाहिर कर चुकी है।
14 जून को मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सेवाएं, चिकित्सा शिक्षा एवं औषधि प्रशासन की समीक्षा बैठकें लेंगे। इन बैठकों में वर्षा काल में होने वाली बीमारियों की रोकथाम की तैयारियों एवं दवाइयों की उपलब्धता के संबंध में वे जानकारी देंगे एवं आवश्यक दिशा-निर्देश देंगे।
15 जून को मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, गृह एवं जेल विभाग की समीक्षा बैठक लेंगे। वर्षा काल में दूरदराज के क्षेत्रों में भी पीने के साफ पानी की उपलब्धता के संबंध में वे तैयारियों की समीक्षा करेंगे और आवश्यक दिशा-निर्देश देंगे। इसी तरह गृह एवं जेल विभाग की बैठक में वे राज्य की कानून व्यवस्था की समीक्षा करेंगे और आवश्यक दिशा-निर्देश देंगे। -
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सुशासन के ट्रैक पर विकास ने फिर पकड़ी रफ्तार
किसानों, महिलाओं और युवाओं के लिए हुए हैं ऐतिहासिक फैसले
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सुशासन के ट्रैक पर छत्तीसगढ़ ने फिर से विकास की रफ्तार पकड़ ली है। बीते छह माह पर नजर डाले तो साय सरकार ने किसानों, महिलाओं और युवाओं के लिए बहुत कम समय में ऐतिहासिक फैसले लिए हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए वर्ष 2047 तक विकसित-छत्तीसगढ़ का निर्माण के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए विजन डाक्यूमेंट तैयार करने का काम भी शुरू कर दिया गया है।
विधानसभा चुनाव के दौरान छत्तीसगढ़ के लोगों को गारंटी दी थी कि छत्तीसगढ़ में लोगों के जीवन में खुशहाली और समृद्धि के लिए सुशासन की स्थापना की जाएगी। इसे ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने एक अलग सुशासन और अभिसरण विभाग का गठन किया है। यह विभाग कल्याणकारी नीतियों के सफल क्रियान्वयन, उपलब्ध संसाधनों के सर्वोत्तम उपयोग और जन समस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए काम कर रहा है। सभी विभागों को सुशासन के लिए अधिक से अधिक आईटी का इस्तेमाल करने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं की निगरानी और समीक्षा के लिए पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन 25 दिसंबर 2023, सुशासन दिवस पर अटल मॉनिटरिंग पोर्टल का शुभारंभ किया गया है।
साय सरकार ने आवासहीन और जरूरतमंद 18 लाख परिवारों के लिए प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति, 13 लाख से अधिक किसानों को धान की बोनस राशि, 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से और 21 क्विंटल प्रति एकड़ के मान से धान खरीदी, महतारी वंदन योजना में 70 लाख से अधिक गरीब परिवारों की महिलाओं को हर माह एक-एक हजार रूपए देने जैसे अनेक निर्णयों पर क्रियान्वयन किया है। राज्य के माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में माओवाद उन्मूलन के लिए तेजी से काम किया जा रहा है। इन क्षेत्रों में लोगों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए नियद नेल्लानार योजना शुरू की गई है। महतारी वंदन योजना, कृषक उन्नति योजना, रामलला दर्शन योजना, उद्यम क्रांति योजना जैसी कई अभिनव योजनाओं की शुरूआत हुई है। लोकतंत्र सेनानियों (मीसा बंदियों) की सम्मान निधि फिर से शुरू कर दी गई है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय 13 जून से सभी विभागों में प्रशासनिक कसावट लाने के लिए समीक्षा बैठक लेने का सिलसिला शुरू कर रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा है कि जन कल्याणकारी कार्यक्रम का क्रियान्वयन, पारदर्शिता और जवाबदेही को सर्वोच्च प्राथमिकता रखें। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों से कहा है कि आम नागरिकों की दिक्कतें दूर करने के लिए संवेदनशील होकर कार्य करें। लोकसभा निर्वाचन के बाद अब शासन की योजनाओं को आम नागरिकों तक पहुंचाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार लगातार तेजी से काम कर रही है। दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर योजना जैसी अनेक योजनाओं के क्रियान्वयन पर तैयारी शुरू कर दी गई है। राजस्व प्रशासन को भी मजबूत किया जा रहा है। भूमि संबंधी विवादों और दिक्कतों को दूर करने के लिए भू-नक्शों की जियो रिफरेसिंग पर भी रणनीति तैयार कर ली गई है।
18 लाख आवास स्वीकृत-
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने सरकार बनने के दूसरे ही दिन कैबिनेट की बैठक आयोजित कर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की गारंटी के अनुरूप 18 लाख 12 हजार 743 जरूरतमंद परिवारों को प्रधानमंत्री आवास उपलब्ध कराने स्वीकृति दे दी। इसके लिए 12 हजार 168 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया गया है।
13 लाख किसानों को धान का बोनस-
मोदी जी ने प्रदेश के किसानों को गारंटी दी थी कि सरकार बनने पर राज्य के किसानों को 2 साल का बकाया धान बोनस देंगे। पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस, सुशासन दिवस पर छत्तीसगढ़ सरकार ने 13 लाख किसानों के बैंक खातों में 3716 करोड़ रुपए का बकाया धान बोनस अंतरित कर इस गारंटी को भी पूरा किया है।
3100 रूपए में धान की खरीदी-
साय सरकार ने 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से और 21 क्विंटल प्रति एकड़ के मान से धान खरीदने की गारंटी को पूरा करते हुए 32 हजार करोड़ रुपए के समर्थन मूल्य की राशि का तत्काल भुगतान किसानों को किया और फिर 12 जनवरी को 24 लाख 75 हजार किसानों को कृषक उन्नति योजना के अंतर्गत अंतर की राशि 13 हजार 320 करोड़ रुपए की राशि अंतरित की है। इस साल खरीफ सीजन में राज्य में 145 लाख मीटिरक टन धान की रिकॉर्ड खरीदी हुई है।
70 लाख महिलाओं का वंदन -
महतारी वंदन योजना के अंतर्गत महिलाओं के बैंक खातों में राशि अंतरण का शुभारंभ प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की वर्चुअल उपस्थिति में 10 मार्च 2024 को हुआ। इस योजना के अंतर्गत राज्य की पात्र महिलाओं को प्रति माह एक-एक हजार रुपए की सहायता राशि दी जा रही है। योजना का लाभ 70 लाख से अधिक महिलाओं को मिल रहा है। अब तक इस योजना की चार माह की राशि जारी की जा चुकी है। पिछली सरकार ने महिला स्व सहायता समूहों से रेडी टू ईट का काम छीन लिया था। छत्तीसगढ़ सरकार ने अब फिर से उन्हें यह काम सौंप दिया है।
श्री रामलला दर्शन योजना-
छत्तीसगढ़ के श्रद्धालुओं को अयोध्या में विराजमान श्री रामलला के दर्शन हेतु निःशुल्क आवागमन की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए राज्य में श्री रामलला अयोध्या धाम दर्शन योजना संचालित की जा रही है। शासकीय व्यय में अब तक हजारों दर्शनार्थी श्री रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या भेजे जा चुके हैं।
तेन्दूपत्ता संग्रहण दर अब 5500 रूपए-
राज्य में तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक दर 4000 रुपए प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर अब 5500 रुपए प्रति मानक बोरा कर दी गई है। चालू तेंदूपत्ता सीजन से ही 12 लाख 50 हजार तेंदूपत्ता संग्राहकों को योजना का लाभ मिल रहा है। संग्राहकों के लिए राज्य सरकार द्वारा चरण पादुका योजना भी शुरू की जाएगी, साथ ही उन्हें बोनस का लाभ भी दिया जाएगा।
भर्ती में युवाओं को पांच वर्ष की छूट-
युवाओं की बेहतरी के लिए राज्य सरकार ने अहम निर्णय लेते हुए पुलिस विभाग सहित विभिन्न शासकीय भर्तियों में युवाओं को निर्धारित अधिकतम आयु सीमा में 05 वर्ष की छूट का निर्णय लिया है। अभ्यर्थियों को 31 दिसंबर 2028 तक आयु सीमा में 05 वर्ष छूट का लाभ मिलेगा।
यूपीएससी की तर्ज पर होगी पीएससी-
यूपीएससी की तर्ज पर छत्तीसगढ़ पीएससी परीक्षा को पारदर्शी बनाने के लिए यूपीएससी के पूर्व चेयरमेन श्री प्रदीप कुमार जोशी की अध्यक्षता में आयोग का गठन कर दिया गया है। पीएससी की घोटाले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है।
पांच शक्तिपीठों का होगा विकास-
राज्य की 5 शक्तिपीठों के विकास के लिए बजट में 5 करोड़ रुपए का प्रावधान कर दिया गया है। शक्तिपीठों के विकास के लिए चारधाम की तर्ज पर 1000 किलोमीटर की परियोजना शुरू की जाएगी। ग्रामीण घरों को नल से जल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जल जीवन मिशन के अंतर्गत 4500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
युवाओं के लिए उद्यम क्रांति योजना-
राज्य में युवा स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए उद्यम क्रांति योजना शुरू करते हुए बजट प्रावधान भी कर दिया है। इस योजना के तहत युवाओं को स्वरोजगार स्थापित करने के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी पर ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था की गई है।
अधोसंरचना और कनेक्टीविटी पर जोर-
राज्य में सड़क, रेल और हवाई यातायात की सुविधाओं के विस्तार का काम भी शुरू हो चुका है। बिलासपुर और जगदलपुर से नयी उड़ानें शुरू हो चुकी हैं। जशपुर और बलरामपुर हवाई पट्टी के विस्तार के लिए बजट में प्रावधान कर दिया गया है। अंबिकापुर और जगदलपुर हवाई अड्डों में भी सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है।
गरीबों के लिए मुफ्त राशन-
छत्तीसगढ़ सरकार ने 68 लाख गरीब परिवारों को 05 साल तक मुफ्त राशन देने का निर्णय लिया है। इसके लिए बजट में 34 सौ करोड़ रुपए का प्रावधान है। दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर योजना के अंतर्गत प्रति वर्ष 10 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके लिए भी बजट में 500 करोड़ रुपए का प्रावधान कर दिया गया है।
राजिम कुम्भ कल्प की पुनः शुरूआत-
राज्य की संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए राजिम मेले का आयोजन पुनः उसके व्यापक स्वरूप में राजिम कुंभ कल्प के रूप में शुरू कर दिया गया है। बस्तर में प्राचीन काल से चले आ रहे अनेक ऐतिहासिक मेलों को भी शासकीय संरक्षण और सहायता दी जा रही है।
रायपुर में आईटी हब बनाने का काम शुरू-
रायपुर को आईटी हब बनाने का काम शुरू हो गया है। हाल ही में 2 आईटी कंपनियों के साथ एमओयू हुआ है, उन्हें फर्नीस्ड बिल्डअप एरिया भी उपलब्ध करा दिया गया है। छत्तीसगढ़ सरकार नवा रायपुर को बेंगलुरू की तर्ज पर आईटी हब के रूप में विकसित करने की दिशा में कार्य कर रही है।
शहीद वीर नारायण सिंह स्वास्थ्य योजना-
राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के साथ ही शहीद वीरनारायण सिंह स्वास्थ्य योजना शुरू करने का निर्णय लिया गया है। राज्य के दो बड़े मेडिकल कॉलेज अस्पतालों, मेडिकल कॉलेज अस्पताल रायपुर और छत्तीसगढ़ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस बिलासपुर (सिम्स) में भवन के विस्तार और सुविधाओं के विकास का काम शुरू कर दिया गया है।
आईआईटी की तर्ज पर प्रौद्योगिकी संस्थान-
राज्य में उच्च शिक्षा विभाग राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने का निर्णय लिया है। आईआईटी की तर्ज पर राज्य के जशपुर, बस्तर, कबीरधाम, रायपुर और रायगढ़ में प्रौद्योगिकी संस्थानों का निर्माण किया जाएगा। राज्य में छत्तीसगढ़ उच्च शिक्षा मिशन की स्थापना की जाएगी।
राज्य-राजधानी क्षेत्र का विकास (एससीआर)-
ऱाष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र विकास योजना की तर्ज पर राज्य राजधानी क्षेत्र (एससीआर) के विकास के लिए विस्तृत योजना बनाने का प्रावधान किया गया है। इससे राज्य में शहरी विकास को बढ़ावा मिलेगा।
इंडस्ट्रियल कॉरिडोर-
राष्ट्रीय राजमार्गों के आसपास औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कोरबा-बिलासपुर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का निर्माण करने का निर्णय लिया गया है। इन्वेस्ट इंडिया की तर्ज पर इन्वेस्ट छत्तीसगढ़ आयोजित करने के लिए बजट में पांच करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। खनिजों के परिवहन में पारदर्शिता के लिए खनिज परिवहन हेतु ऑनलाइन ई-ट्रांजिट पास जारी करने की व्यवस्था पुनः प्रारंभ की गई है। इससे राज्य को मिलने वाले राजस्व में वृद्धि होगी।
आर्थिक सलाहकार परिषद -
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य में आर्थिक विकास की गति को बढ़ाने के लिए विशेषज्ञ संस्थाओं से परामर्श करने तथा देश और दुनिया में चल रहे बेस्ट प्रैक्टिस को राज्य की परिस्थिति के अनुरूप लागू करने के लिए छत्तीसगढ़ आर्थिक सलाहकार परिषद का गठन करने का निर्णय लिया गया है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री के निर्देश पर मात्र 2 दिनों के भीतर ही श्री कायता के कानों में फिट किया गया डिजिटल श्रवण यंत्र
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की संवेदनशील पहल की वजह से आज एक 72 वर्षीय व्यक्ति फिर से लोगों की आवाज सुन सकेगा। जशपुर जिले के कुनकुरी ब्लॉक के रहने वाले श्री रामदेव राम कायता को कानों में कुछ समस्या होने की वजह से उन्हें सुनाई नहीं दे रहा था। आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने की वजह से उनके पास इलाज के लिए पर्याप्त पैसे नहीं थे। श्री कायता ने 2 दिन पहले मुख्यमंत्री निवास कार्यालय आकर मुख्यमंत्री श्री साय के समक्ष अपनी समस्या के बारे में बताया। मुख्यमंत्री ने तत्काल संबंधित अधिकारियों को इसके निराकरण के निर्देश दिए।
आज मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के समक्ष ही समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों के द्वारा श्री रामदेव राम कायता के दोनों कानों में डिजिटल श्रवण यंत्र फिट किया गया। इस श्रवण यंत्र के माध्यम से वे आसानी से आवाज को सुन सकेंगे। श्री कायता ने मुख्यमंत्री श्री साय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा की मुख्यमंत्री गरीबों के मसीहा हैं। मुख्यमंत्री श्री साय की वजह से आज वह फिर से सुन सकेंगे। उनकी समस्या का इतनी जल्दी निराकरण हो जायगा उसकी उन्हें उम्मीद नहीं थी। मुख्यमंत्री के बारे में जैसा सुना था वैसा ही पाया।
इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जयसवाल, राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानंद, समाज कल्याण विभाग के अपर संचालक श्री पंकज वर्मा मौजूद थे। श्री रामदेव राम कायता के कानों में जो डिजिटल श्रवण यंत्र फिट किया गया है। यह आधुनिक डिजिटल यंत्र लगभग 50 हजार मूल्य का है। यह बैटरी से संचालित है। इसमें आवाज साफ सुनाई देती है।