महासमुन्द : दिव्यांगजनों का हौसला औरों को दे रहा प्रेरणा
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
समूह बनाकर दिव्यांगजन कर रहें मछली पालन
महासमुन्द : यदि कोई व्यक्ति अपनी दिव्यांगता को कमजोरी मानते हुए इसे किस्मत का खेेल समझतेे हैं तो उन्हें विकासखण्ड पिथौरा के ग्राम पंचायत गड़बेड़ा के 10 दिव्यांगों के प्रगति दिव्यांग स्व-सहायता समूह के बारे में जानकर अपने पंख को उड़ान दे सकते है।

सुना है कि सपने उनके ही पूरे होते है जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता हौसलो से उड़ान होती है। ये सभी दिव्यांग अपनी परेशानियों के लिए किस्मत और हालात को दोष नहीं दिया और कुछ कर दिखानंे की ठानी। यही कारण है गांव के दिव्यांग लोगों को अपने पैरों पर खड़े होने की राह बता रहे हैं।

दिव्यांगजनों ने गांव के तालाब को लीज पर लेकर मछली पालन का व्यवसाय शुरू किया और इस व्यवसाय से 70 हजार रूपए की आमदनी की। अब इनका परिवार प्रसन्न है। इन लोगों ने बचपन से ही गरीबी देखी।
यही कारण है कि उन्होंने कुछ करने का मन बना लिया। इस दौरान उनकी पढ़ाई छोड़ने की स्थिति बनी तो उन्होंने आत्मविश्वास डगमगाने नहीं दिया और कुछ ने अपनी शिक्षा पूरी की।
ग्राम गड़बेड़ा की कुल आबादी तकरीबन 2100 है जिसमें से लगभग 10-12 दिव्यांगजनो का परिवार है। उन्हें राज्य शासन से प्राप्त दिव्यांग पेंशन राशि मिलती है उसी राशि और कुछ स्थानीय कामकाज से जैसे-तैसे परिवार का गुजर बसर हो रही है।
समूह के अध्यक्ष दिव्यांग श्री देवेन्द्र कोसरिया एवं सचिव श्री पुष्कर मानिकपुरी ने एक समूह बनाया, जिसका नाम प्रगति दिव्यांग स्व-सहायता समूह रखा। समूह के सभी दिव्यांग समूह केे सदस्यों द्वारा बैंक पिथौरा में संयुक्त बचत खाता खोला, जिसमें प्रत्येक माह निर्धारित रकम 50 रूपए प्रति सदस्य जमा किया जाने लगा।
ग्राम पंचायत की बैठक में ग्राम में इस समूह के जीविकोपार्जन के लिए गाँव का टप्पा तालाब 03 हजार रूपए पर वार्षिक लीज पर दिया गया। इन दिव्यांग समूह ने इस तालाब में 40 किलोग्राम मछली बीज 20 हजार रूपए का खरीदकर तालाब में डाला गया। जिसमें वर्ष के अंत में उससे 70 हजार रूपए की आमदनी हुई। इसी तरह प्रति वर्ष की आमदनी से दिव्यांग समूह के सभी परिवार अत्यंत प्रसन्न है ।
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