महासमुन्द : विश्व क्षय दिवस आज
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
महासमुन्द : विश्व क्षय दिवस 24 मार्च को पूरे देश में मनाया जाएगा। आज ही के दिन सन् 1882 को वैज्ञानिक राॅबर्ट कोच ने टी.बी. के जीवाणु की खोज की थी। इस परिपे्रक्ष्य में आज महासमुन्द जिले में विश्व क्षय दिवस मनाया जा रहा है। जिला क्षय उन्मूलन अधिकारी डॉ आई. नागेश्वर राव द्वारा बताया गया कि टी.बी. एक संक्रामक बीमारी है।
जो माईक्रोबैक्टीरियम ट्यूबर कुलोसिस नामक जीवाणु से होता है। टी.बी. मरीजों के खांसने, छींकने से यह बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। अगर समय से टी.बी. की चिकित्सा नहीं की गई तो एक टी.बी. मरीज साल में 10 से 15 व्यक्ति को प्रभावित करता है।
देश में प्रत्येक 3 मिनट में 2 व्यक्ति की मौत इस बीमारी से होती है। इस बीमारी को रोकने के लिए कलेक्टर श्री डोमन सिंह के निर्देशन एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एन.के. मंडपे के मार्गदर्शन में जिले में क्षय उन्मूलन कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है।
इसके लिए जिले में 5 ट्रीटमेंट यूनिट इनमें महासमुन्द, बागबाहरा, पिथौरा, बसना एवं सरायपाली तथा 21 माइक्रोस्कोपिक सेंटर है। जहाँ पर संभावित टी.बी. मरीजों का निःशुल्क जाँच एवं उपचार किया जाता है। ऐसे व्यक्ति जिन्हें दो सप्ताह से अधिक की खांसी, शाम के समय बुखार, भूख न लगना, वजन का घटना, सांस फूलना, रात के समय पसीना आना, छाती में दर्द होना, बलगम में खून आता है तो उन्हें पास के माइक्रोस्कोपिक सेंटर में बलगम की जाँच करवाना चाहिए ताकि सही समय पर उनका ईलाज किया जा सके।
6 माह के नियमित दवा सेवन से मरीज रोग मुक्त हो जाता है। यदि मरीज दवा खाने में लापरवाही करता है तो यह बीमारी गंभीर रूप धारण कर लेता है। जिसे डी.आर. टी.बी. कहते है, ऐसे मरीजों का बलगम जाँच के लिए आई.आर.एल. सेंटर रायपुर भेजा जाता है।
इसमें मरीज को 2 वर्ष तक नियमित रूप से दवा का सेवन करना पड़ता है, डी.आर. टी.बी. मरीजों का जाँच एवं ईलाज का खर्च 5 लाख रूपए तक आता है जिसे शासन निःशुल्क प्रदाय करती है। वर्तमान में जिला क्षय केंद्र महासमुंद में सीबीनाट की स्थापना की गई है। जिससे टी.बी. की जाँच एवं पहचान आसान हो गई है।
साथ ही टी.बी. मरीजों को उपचार अवधि में फूड बास्केट या 50 रूपए प्रति माह पोषण आहार प्रदाय जाती है। वर्ष 2020 में जिले में अब तक 5378 संभावित टी.बी. मरीजों का बलगम जाँच किया गया। जिसमे से 1354 मरीज इस बीमारी से रोगमुक्त हो चुके है। 1114 मरीजों का ईलाज डॉट्स पद्धति से किया जा रहा हैै। कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को जन जागृति लाने के लिए सभी विकासखंड, माइक्रोस्कोपिक सेंटर में मास्क वितरण, पोस्टर, पाम्पलेट, बैनर के माध्यम से प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए हैं।
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