महामसुन्द : स्वावलंबी गौठान के संचालन के लिए सीईओ एवं सीएमओ शीघ्र ही गौठानों का चिन्हांकन करें
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
स्वावलंबी गौठानांे में रोजगार एवं स्व-रोजगार से संबंधित
आजीविका गतिविधियों का संचालन किया जाएगा- कलेक्टर श्री सिंह
महामसुन्द : कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने आज जिला कार्यालय के सभाकक्ष में वीडियों कांफ्रेन्सिंग के माध्यम से जिले के समस्त जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, नगरीय निकाय के नगर पालिका अधिकारी, वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारियों से राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना में से एक गोधन न्याय योजना के संबंध में उनके द्वारा किए जा रहें कार्यों की समीक्षा की। इस अवसर पर नवपदस्थ जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री आकाश छिकारा विशेष रूप से उपस्थित थे।
कलेक्टर श्री सिंह ने राज्य शासन के महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना की प्रगति की विस्तार पूर्वक समीक्षा की। उन्हांेने गोधन न्याय योजना के तहत गौ-पालकों से गौठानों में गोबर खरीदी, वर्मी टाॅका का निर्माण, वर्मी टाॅका में गोबर भराई, महिला स्व-सहायता समूह द्वारा वर्मी कम्पोस्ट खाद का निर्माण, भण्डारण और विक्रय आदि कार्यों की जानकारी ली।
बैठक में उन्होने कहा कि शासन द्वारा गौ-पालकों, स्व सहायता समूह की महिलाओं के साथ-साथ किसानों को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने के लिए गोधन न्याय योजना का संचालन किया जा रहा है। गोधन न्याय योजना शासन की सबसे महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक है।
इस योजना के क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की उदासीनता और लापरवाही बर्दास्त नहीं की जाएगी। उन्होने इस योजना के क्रियान्वयन में लापरवाही और उदासीनता बरतने वालों के विरूद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। बैठक में उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना के प्रत्येक गतिविधियों की जानकारी प्राप्त करने के लिए मोबाईल एप्प लागू किया गया है।
उनके द्वारा अपलोड़ किए गए प्रत्येक गतिविधियों की जानकारी को उच्च अधिकारियों द्वारा भी समीक्षा की जाती है। इसलिए गोधन न्याय योजना के प्रत्येक गतिविधियों को गुणात्मक रूप से एप्प में अपलोड करें।
उन्होंने कहा कि आगामी समय में जिले के सभी 551 ग्राम पंचायतों में शत्-प्रतिशत् गोधन खरीदी का कार्य किया जाएगा।
इसके लिए तैयारियां प्रारम्भ कर समितियों का गठन करें। जिन स्थानों पर गोधन खरीदी का कार्य किया जा रहा है। उसे निष्क्रिय न होने दें। गोधन खरीदी केन्द्रों में स्व-सहायता समूह के महिलाओं द्वारा वर्मी कम्पोस्ट बनाया गया है।
उसे शत्-प्रतिशत् बिक्री एवं उनका भुगतान कराना सुनिश्चित करें। इसके अलावा सहकारी समितियों एवं ग्राम पंचायतों के माध्यम से भी वर्मी कम्पोस्ट खाद का विक्रय कराएं और वर्मी कम्पोस्ट के महत्व के बारें में किसानों को जागरूक करें।
कलेक्टर ने जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों एवं नगरीय निकाय के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को कहा कि राज्य शासन के निर्देशानुसार प्रत्येक विकासखण्ड में 12-12 तथा नगरीय क्षेत्र में एक-एक स्वावलंबी गौठान बनाया जाएगा। इसके लिए शीघ्र ही गौठानों का चयन सीईओ एवं सीएमओ स्वयं जाकर करें।
जिन गौठानों में गोबर क्रय तथा वर्मी कम्पोस्टिंग एवं अन्य आर्थिक गतिविधियों का समुचित अभिलेख संधारित किया जा रहा हो। गौठान में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो जैसे वर्किंग शेड, ट्यूबवेल, जानवरों के लिए चारा एवं पानी की व्यवस्था, वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने के लिए आवश्यक उपकरण, वर्मी कम्पोस्ट के सुरक्षित भंडारण की व्यवस्था, रोड आदि की सुविधा हो। पशुओं की उपस्थिति रहें।
ऐसे स्थलों का चयन स्वावलंबी गौठान के लिए करें। गौठानों के स्वावलंबी बनने से गौठान समितियां स्वयं ही वर्मी कम्पोस्ट तथा गोबर से बने उत्पाद की बिक्री से मिले आय से ही अपनी आजीविका अर्जित करते हुए गोधन न्याय योजना के संचालन में सक्षम होंगी और वहां रोजगार तथा स्व-रोजगार के लिए विभिन्न विभागों के समन्वय से अन्य प्रकार की गतिविधियां भी संचालित किया जाएगा। इसके लिए स्वावलंबी गौठान का चिन्हांकन कर वहां के सदस्यों का बैठक करें।
कलेक्टर ने कहा कि जिले के अधिकांश गौठानों में पशुधन के लिए पर्याप्त मात्रा में चारे और पानी की व्यवस्था के लिए सौर सुजला योजना के तहत सोलर पंप की स्थापना तथा चारे के लिए चारागाह का विकास किया गया है।
उन्होने सोलर पंप और चारागाह से परिपूर्ण प्रत्येक गौठान के समीप बाड़ी विकास का कार्य युद्ध स्तर पर प्रारंभ करने के निर्देश दिए। ताकि गौठान में कार्य करने वाले स्व सहायता समूह की महिलाएं आत्मनिर्भर व स्वावलंबी बन सके।
इसके अलावा उन्होंने गौठानों में स्वीकृत कार्यो को शीघ्र प्रारंभ करने तथा अपूर्ण कार्यो को निर्धारित अवधि में पूरा करने के भी निर्देश दिए। उन्होने कहा कि स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा गौठानों में बड़ी मात्रा में वर्मी कम्पोस्ट खाद का निर्माण किया जा रहा है।
उन्होंने समूह की महिलाओं द्वारा निर्मित वर्मी कम्पोस्ट खाद का शत्-प्रतिशत विक्रय किसानों और शासकीय विभागों में करने के निर्देश दिए। बैठक में उन्होंने सहकारी केंद्रीय बैंक के माध्यम से गोधन न्याय योजना के तहत पशु पालकांे और स्व सहायता समूह के महिलाओं को उनके खाते में की गई अंतरित राशि के संबंध में जानकारी प्राप्त की।
जिला पंचायत के नवपदस्थ मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री आकाश छिकारा ने कहा कि जिन गौठानों में गोधन खरीदी का कार्य किया जा रहा है। ऐसे गौठानों में गोबर का उपयोग किन-किन उत्पादों को बनाने के लिए उपयोग किया जा रहा है।
उसका भी पंजी संधारित करें। ताकि गोबर खरीदी से लेकर वर्मी कम्पोस्ट निर्माण का सोशल आॅडिट के दौरान सही-सही जानकारी मिल सकें। उन्होंने कहा कि स्वावलंबी गौठान बनने के उपरांत समिति के सदस्यों को विभिन्न गतिविधियों के बारें में अधिकारियों के द्वारा प्रशिक्षण देकर उन्हें प्रशिक्षित कराया जाएगा।
जिससे समिति के सदस्यों को रोजगार, स्व-रोजगार प्राप्त होने के साथ-साथ उनके आर्थिक स्तर में सुधार आ सकें। इस अवसर पर पशु चिकित्सा सेवाएं के उप संचालक डाॅ. डी.डी. झारिया, कृषि विभाग के उप संचालक श्री एस.आर. डोंगरे, कृषि विज्ञान केन्द्र के समन्वयक डाॅ. एस.के. वर्मा, उद्यानिकी विभाग के उप संचालक श्री एन.एस. कुशवाह सहित क्रेडा, मत्स्य पालन, रेशम विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।
कलेक्टर ने गोकाष्ठ से बनाए गए उत्पाद से होलिका दहन करने की कि अपील
कलेक्टर श्री डोमन सिंह द्वारा जिले में कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या में वृद्धि के मद्देनजर ऐहतियात के तौर पर सावधानी बरतने, आमजन को सुरक्षित रखने की दृष्टि से होली त्यौहार के आयोजन के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
कलेक्टर ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे स्वास्थ्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अपने निवास पर ही परिवार के साथ त्यौहार मनाएं। होली में पानी व लकड़ी का कम से कम उपयोग कर पर्यावरण के सुरक्षा में सहयोग दे।
होलिका दहन पर जिले के स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा विभिन्न गौठानों में बनाए गए गोकाष्ठ का उपयोग कर होलिका दहन करें। त्यौहार में फिजिकल डिस्टेंसिंग, मास्क का उपयोग अवश्य करें। उन्होंने होली त्यौहार में हर्बल रंग का उपयोग करने की अपील की है।
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