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महासमुंद : ‘‘बिहान कैफेटेरिया’’ में मिलेगा छत्तीसगढ़ व्यंजन

 द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा


जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती उषा पटेल ने किया शुभारम्भ

कलेक्टर श्री सिंह ने समूह की महिलाओं को दी बधाई और शुभकामनाएं

महासमुंद : जिला पंचायत परिसर महासमुन्द में आज बिहान कैफेटेरिया का शुभारम्भ जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती उषा पटेल ने फीता काटकर किया। इस मौकें पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री लक्ष्मण पटेल, कलेक्टर श्री डोमन सिंह, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री आकाश छिकारा मौजूद थे।
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श्रीमती पटेल ने कहा कि ये खुशी की बात है कि बिहान स्व-सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा इस कार्य को अपने हाथ में लिया है। अब यहां सरकारी काम से आने वाले लोगों, आम नागरिकों, अधिकारी-कर्मचारियों को वाजिब दर पर छत्तीसगढ़ व्यंजन ठेठरी, फरा, चीला, खुर्मी के अलावा अन्य प्रकार के स्वादिष्ट खान-पान, नाश्ता मिलेगा। इनमें समोसा, कचैड़ी, बड़ा, चीला, मिर्ची भजिया, डोसा, इडली, मुंगौड़ी, गुलगुला भजिया, चाय आदि शामिल है।  
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कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने कहा कि रोजगार के सीमित संसाधनांे में आजीविका चलाने का एक मात्र विकल्प स्वरोजगार ही है। आज भी समाज में महिलाएं घरों की चार दीवारी तक ही सीमित रहती है और उनको सिर्फ पारिवारिक जिम्मेदारियों के लिए समझा जाता है।
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उन्होंने जय माॅ चण्डी की अध्यक्ष श्रीमती राधा साहू एवं सचिव श्रीमती लक्ष्मी पांड़े को बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि मगर ऐसी बहुत सी महिलाएं है जो अपनी कार्यकुशलता एवं क्षमता के आधार पर अपना और अपने परिवार का नाम रोशन करने के साथ-साथ समाज के लिए भी एक प्रेरणा स्त्रोत हैं।
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मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री आकाश छिकारा ने समूह की महिलाओं द्वारा बनाया गया केक काटा और सभी अतिथियों ने छत्तीसगढ़ व्यंजन का स्वाद लिया।
 
इस मौकें पर संयुक्त कलेक्टर श्री सुनील कुमार चंद्रवंशी, डिप्टी कलेक्टर श्रीमती सीमा ठाकुर, सुश्री पूजा बंसल, श्रीमती ऋतु हेमनानी, उप संचालक समाज कल्याण श्रीमती संगीता सिंह सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
 
जय माॅ चण्डी समूह की अध्यक्ष ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत समूह का गठन किया गया है और समूह की महिलाएं घर की रसोई से निकलकर यहां आने वाले लोगों के लिए अपने घर के पीसे मसालें, चावल, बेसन आदि का उपयोग कर छत्तीसगढ़ व्यंजन के साथ अन्य तरह के नाश्ता बनायंेगी।

उन्होंने कहा कि महासमुन्द में यह पहला महिला कैफेटेरिया है। उन्होंने कहा कि इस समूह में 10 महिलाएं जुड़ी है। इससे पहले समूह की महिलाएं आॅगनबाड़ी में बच्चों के लिए भोजन आदि का काम करती है।
 
कैफेटेरिया हाॅल की दीवालों पर छत्तीसगढ़ की संस्कृति, लोकनृत्य आदि को विभिन्न रंगों के साथ उकेरा गया है। अब लोगों को छत्तीसगढ़ी व्यंजन के साथ छत्तीसगढ़ की संस्कृति की भी छटा दिखेगी।
 

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