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महासमुन्द : कलेक्टर श्री सिंह कोचिंग पढ़ाई तुंहर दुआर के बच्चों से मिलें

 द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा


पढ़ाई-लिखाई के बारें में की बातचीत, मन लगाकर पढ़ने की समझाईश दी

महासमुन्द : शहरी स्कूल से लेकर दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले गरीब बच्चें हर तरीके से स्कूलों में पढ़ाई-लिखाई के अलावा अन्य ज्ञान भी कुछ न कुछ सीखतें हैं। लेकिन कोविड-19 ने उनकी स्थितियां पूरी तरह से बदल दी है।
 
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कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम, नियंत्रण और फैलने के कारण डिजिटल संसाधनों तक पहुंच में बड़ी असमानता छत्तीसगढ़ में भी बड़ी चुनौती बन गई। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर राज्य शासन के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा पढ़ई तुंहर दुआर शुरू की गई।

इसी के तहत जिले में कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने कोचिंग तुंहर दुआर की शुरुआत की। शुरुआत में जिले के 40 शिक्षा केंद्रों और कार्यालयों के सभाकक्षों में 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों की बेहतर पढ़ाई के लिए विषय विशेषज्ञों द्वारा कोचिंग स्थापित कर पढ़ाने की व्यवस्था की गई है।

कलेक्टर आज जिला मुख्यालय स्थित आशीबाई गोलछा आदर्श कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय एवं शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला बेलसोंडा में चल रही कोचिंग पढ़ाई तुंहर दुआर में पढ़ रहें 10वीं और 12वीं के बच्चों से मिलें। उन्होंने बच्चों से पढ़ाई-लिखाई के संबंध में बात की और शिक्षकों द्वारा पढ़ाए जा रहें विषय के संबंध में जानकारी ली।

बच्चों ने बताया कि स्कूल क्लास के अतिरिक्त कोचिंग पढ़ाई तंुहर दुआर में आकर बहुत कुछ अच्छे तरीके से पढ़ाए जाने से लाभ हो रहा है। कलेक्टर ने बच्चों को मन लगाकर पढ़ने और कोविड के गाईड लाईन का पालन करने की समझाईश दी।

वर्तमान में कोरोना की रफ्तार कम होने से अब इसकी संख्या 70 हो गई है। यह कोचिंग तंुहर दुआर में 10वीं और 12वीं के लगभग 10 हजार से ज्यादा बच्चें अलग-अलग समय दो शिफ्ट में पढ़ाई कर रहे है। इस पर व्यय राशि जिला खनिज न्यास मद से दी गई है। यह कोचिंग विद्यालय संचालन समय के अतिरिक्त समय पर दी जा रही है।

कोरोना के चलते पढ़ई तुंहर दुआर अंतर्गत पिछले शिक्षा सत्र में केवल आॅनलाईन के माध्यम से अध्यापन कराया गया। आॅफलाईन क्लासेस के लिये बच्चों को बहुत कम समय पढ़ाने के लिए मिल रहा है। इसलिये उस समय बच्चों व शिक्षकों की मांग के आधार पर जिले में परीक्षा पूर्व कोचिंग के लिए जिले में 40 कोचिंग केंद्र स्थापित कर विषय विशेषज्ञ शिक्षकों से गुणवत्तायुक्त शिक्षा चार हजार बच्चों को दी गई थी।

किंतु अब कोरोना की धीमी गति और बच्चों को अतिरिक्त पढ़ाई के लिए जिले के 70 विभिन्न जगहों पर कोविड गाइड लाइन का पालन करते हुए इसे फिर से शुरू किया गया है। यह कोचिंग स्वैच्छिक है। पालकों की अनुमति प्राप्त होने पर ही यह कोचिंग बच्चे प्राप्त कर रहें हैं। कोचिंग में माॅस्क अनिवार्य किया गया है।

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