महासमुंद : मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजनाः जिले में पौने आठ माह में 9500 से ज्यादा लोगों के स्वास्थ्य परीक्षण और उपचार कर निःशुल्क दवाईयॉ दी
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
महासमुंद : राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक योजना के तहत महासमुंद सहित विकासखण्ड बागबाहरा, बसना, सरायपाली और पिथौरा में हर हफ्ते लगने वाले हाट बाजार में स्वास्थ्य शिविर में जांच और इलाज की सुविधा मरीजों को त्वरित रूप से आधारभूत स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही है। मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना में माह जनवरी से अगस्त 2021 के द्वितीय सप्ताह (पौने आठ माह) तक जिले की 15 हाट बाजारों में अब तक 216 हाट में 9572 मरीजों के स्वास्थ्य परीक्षण एवं जरूरतमंद बीमारों का ईलाज कर निःशुल्क दवाईयॉ दी गई।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि इस दौरान माह अप्रैल-मई में कोरोना के चलते लगे लॉकडाउन एवं लोगों के स्वास्थ्य सुरक्षा कारणों से हाट बाजार भी बंद होने के कारण मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक पर भी असर पड़ा। लेकिन फिर भी शुरू हुए हाट बाजारों में अब तक 610 एनीमिया, 564 मलेरिया का चेकअप इसके साथ ही 460 लोगों का नियमित टीकाकरण किया गया। इसके अलावा मानसून के चलते 202 डायरिया पीड़ितों को लाभ पहुंचाया। उन्हांेने बताया कि इसके साथ अब तक 5329 अन्य लोगों की विभिन्न प्रकार की जॉच किए। 8807 पीड़ित मरीजों को बीमारी से संबंधित निःशुल्क दवाईयॉ दी गयी। इस दौरान 83 लोगांे ने एचआईवी की जॉच कराई। वहीं 384 व्यक्तियों की क्षय रोग की जॉच की गई।
इसी प्रकार 54 लोगों को लेप्रोसी, वहीं 2521 पुरूष-महिलाओं की ब्लड प्रेसर की जॉच की गई इसमें से 212 लोग हाई ब्लड प्रेसर से पीड़ित पाए गए। वहीं 2351 मधुमेह (डायबिटीज) से ग्रस्त थे। इसमें से 85 डायबिटीजों को जिला अस्पताल के लिए रिफर किया गया। 284 गर्भवती महिलाओं की भी जॉच की गई। इसके अलावा 445 लोगों की ऑखों की जॉच की गई।
कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने हाल ही में बागबाहरा विकासखंड के ग्राम चुरकी साप्ताहिक हाट बाजार में लगाए गए मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक शिविर पहुंचकर मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक का निरीक्षण किया था। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक नाम, गरिमा के अनुरूप होनी चाहिए। ताकि उपचार या स्वास्थ्य परीक्षण कराने आने वाले मरीजों को अच्छा वातावरण मिलंे। स्वास्थ्य जाँच हेतु अलग व्यवस्था हो, मरीजों और उनके साथ आने वाले लोगों के लिए पेयजल की व्यवस्था होनी चाहिए। इसके अलावा मौसमी बीमारी की सभी जरूरी दवाईयाँ उपलब्ध होनी चाहिए।
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