महासमुंद : 9 स्टॉप डेम के निर्माण से बसना क्षेत्र के इन गांवों के हजारों किसानों को मिलेगा लाभ, रुर्बन मिशन के तहत हो रहा हैं निर्माण
महासमुंद 22 मई : जिले में रुर्बन मिशन के अंतर्गत 09 स्टॉप डेम निर्माण किया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत बसना विकासखंड के उमरिया एवं बरतियाभाठा में 02-02, भँवरपुर एवं उड़ेला में 01-01, पलसापाली में 03 स्टाॅप डेम का निर्माण कृषि विभाग के देख-रेख में तैयार किया जा रहा है। इसके बन जाने से क्षेत्र के हजारांे किसानों को इसका लाभ मिलेगा। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. रवि मित्तल, जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री श्री ज.ेक.े चंद्रकार, कृषि विभाग के उप संचालक श्री एस. आर. डोंगरे एवं जनपद पंचायत बसना के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सोनवानी ने बसना क्षेत्र के भँवरपुर, बरतियाभाठा, उमरिया और पलसापाली में बन रहे स्टॉप डेम का निरीक्षण किया।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. मित्तल और जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने कृषि विभाग द्वारा बनाए जा रहे स्टॉप डेम के निर्माण कार्यों की सराहना करते हुए गुणवत्तापूर्ण स्टॉप डेम निर्माण कार्य कराने को कहा। कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह कार्य रूर्बन मिशन के तहत कराया जा रहा है। प्रत्येक स्टॉप डेम के निर्माण के लिए लगभग 20-20 लाख रूपए की राशि जारी किया गया है। स्टॉप डेम निर्माण कार्य में आस-पास के मजदूरों को बड़ी संख्या में रूर्बन योजना के माध्यम से रोजगार मिल रहा है, जिसमें श्रमिकों को प्रतिदिन 190 रुपए की मजदूरी के अनुसार भुगतान किया जा रहा है, इसमें आस-पास के सैकड़ांे मजदूर प्रतिदिन कार्य कर रहे है। वर्तमान समय में 60 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है और बरसात के पहले निर्माण कार्यों को पूरा करने के लिए विभाग लगातार प्रयास कर रहा हंै।
उल्लेखनीय है कि इन गांवों में बहने वाली छोटी नदियांे का पानी बेवजह बह जाता है, स्टाॅप डेम के निर्माण होने के बाद पानी जमा होगा और गर्मियों में भी पानी का लाभ मिलेगा। किसान अपनी फसलों के उपज के लिए स्टाॅप डेम से पानी ले सकते हैं। किसानों ने बताया कि स्टॉप डेम निर्माण होने से खेतों में पानी के सिंचाई के लिए आसानी होगी, वही कृषि विभाग के अधिकारी ने बताया कि स्टॉप डेम के निर्माण से पानी के कमी के समय पम्प के सहारे सिचाई के लिए उपयोग ककिया जा सकेगा और आस-पास के वाटर लेबल में भी बढ़ोत्तरी होगी और इसके फलस्वरूप आस पास के ट्यूबवेल में ज्यादा मात्रा में पानी की सिचाईं खेतांे में होगा जिससे किसानों को लाभ मिलेगा।
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