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स्वनिधि योजना से पति के सपनों को उर्मिला साकार कर रही है

द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा

अपने परिवार को दे रही है खुशियां
 
महासमुंद : कोरोना महामारी ने न जाने कितने छोटे व्यापारियों की आजीविका छीन ली। कई लोग इस महामारी की चपेट में काल कवलित भी हो गए। ऐसी ही एक कहानी है महासमुंद के स्व. मिट्टू बेहरा और उनकी पत्नी श्रीमती उर्मिला बेहरा की, दोनों ने अपने परिवार की खुशियों का सपना साथ देखते हुए एक छोटी जूता-चप्पल की दुकान खोली। यह कहानी न केवल एक व्यक्ति की दृढ़ इच्छाशक्ति की मिसाल है, बल्कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के दूरगामी प्रभाव का प्रमाण भी है। महासमुंद हाईस्कूल के सामने जूते-चप्पल बेचकर मिट्टू बेहरा अपने छह सदस्यों के परिवार का पालन-पोषण करता था।
 
सीमित आय के बावजूद, वह अपने परिवार की हर जरूरत पूरी करने के लिए मेहनत करता रहा। लेकिन महामारी और लॉकडाउन के दौरान दुकानें बंद हो गईं। आय का स्रोत खत्म हो गया और नई सामग्री खरीदने के लिए धन की कमी ने उसकी मुश्किलें और बढ़ा दी। तभी मिट्टू को प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना का पता चला। उसने नगर पालिका कार्यालय में आवेदन किया और जल्द ही उसे एसबीआई बैंक से 10,000 रुपए का ऋण मिला। इस छोटी सी रकम ने मिट्टू के व्यापार को पुनर्जीवित कर दिया। उसने अपनी दुकान में नई वैरायटी और सामग्री जोड़ी। बिक्री धीरे-धीरे बढ़ी, और उसकी प्रतिदिन की आय 300 से 500 रुपए तक पहुंच गई। इन सब कार्यां में उर्मिला बेहरा साएं की तरह साथ रही और उनके सपनों को पूरा करने में मेहनत में कोई कसर नहीं छोड़ी।

ऋण मिलने के बाद, मिट्टू ने सबसे पहले अपने परिवार की आवश्यक जरूरतों को पूरा किया और पुराने कर्ज चुकाए। उसने अपनी दुकान को नए सिरे से खड़ा किया। मिट्टू की मेहनत रंग लाई, और उसका आत्मविश्वास बढ़ने लगा। लेकिन 2022 में, किस्मत ने करवट ली, और उनकी असामयिक निधन हो गया। मिट्टू के गुजर जाने के बाद उसकी पत्नी उर्मिला बेहरा ने हिम्मत नहीं हारी। उसने अपने पति के सपने को जिंदा रखते हुए दुकान की जिम्मेदारी संभाली। उर्मिला की मेहनत और दूरदर्शिता ने दुकान को और सफल बना दिया। आज वह अपने परिवार की आर्थिक जरूरतें पूरी करने के साथ-साथ अपने माता-पिता के इलाज और बच्चों की पढ़ाई के लिए धनराशि जोड़ रही है।
 
उर्मिला न केवल अपने परिवार की ताकत बनी, बल्कि अन्य पथ विक्रेताओं के लिए प्रेरणा भी। उसने स्वनिधि योजना का महत्व समझाते हुए कई अन्य विक्रेताओं को इसका लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया। उर्मिला ने इस योजना और प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए इसे अपने जीवन की पुनरुद्धार यात्रा का अहम हिस्सा बताया। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना ने न केवल एक परिवार की आर्थिक स्थिति बदली, बल्कि समाज के अन्य वंचित वर्गों के लिए भी उम्मीद की किरण साबित हुई।

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