सूरजपुर : कलेक्टर के निर्देष पर बाल श्रम को लेकर जिला प्रशासन सख्त
शहर के दुकानों व प्रतिष्ठानों में औचक निरीक्षण कर संयुक्त दल ने बाल श्रम न कराने दिया समझाईष
सूरजपुर 12 जून : आज विष्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर बाल श्रम उन्मूलन के लिए कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा के निर्देष एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री मुक्तानंद खुटे के मार्गदर्षन में संयुक्त टीम द्वारा सूरजपुर शहर के 23 प्रतिष्ठानों में जाकर औचक निरीक्षण किया गया एवं बाल श्रमिक न रखने तथा बाल श्रम उन्मूलन हेतु सभी को समझाईष दिया गया। औचक निरीक्षण के दौरान दल को 04 प्रतिष्ठानों में 18 वर्ष से कम उम्र के 03 नाबालिक बालिकाओं एवं 01 बालक श्रमिक को रेस्क्यू कर बाल कल्याण समिति में प्रस्तुत किया गया। उक्त कार्यवाही शहर के गैरेज, शोरूम, कपडे के दूकान, होटल इत्यादि दुकानों में की गई। इस दौरान सभी दुकानदारों को अपने दुकान/प्रतिष्ठानों के गेट में बाल श्रमिक नहीं रखने के संबंध में स्वघोषणा पत्र चस्पा करने निर्देषित किया गया है। ऐसे में किसी भी दुकान अथवा प्रतिष्ठान में बाल श्रमिक कार्य करते हुए मिलने पर संचालक के विरूद्ध दाण्डीक कार्यवाही किया जायेगा बताया गया है।


साथ ही यह भी बताया गया कि बालक एवं किषोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनिमय 1986 संषोधन अधिनिमय 2016 के प्रावधान अंतर्गत 14 वर्ष से कम आयु के बालकों का नियोजन पूर्णतः प्रतिबंधित है। इनसे मात्र गैरखतरनाक घरेलू व्यवसाय में षिक्षा अवधि उपरांत सहयोग लिया जा सकता है, एवं 14 वर्ष से 18 वर्ष आयु के किषोरों का अधिसूचित खतरनाक व्यवसाय/प्रक्रियाओं में नियोजन पूर्णतः प्रतिबंधित है। प्रदेष के मुख्यमंत्री जी द्वारा भी बाल श्रम निषेध दिवस 12 जून की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेष में लोगों से अपील की है कि छोटे बच्चों को काम में ना लगाएं, ना ही किसी को लगाने दें। बच्चों के प्रति दुव्र्यवहार, हिंसा या मजदूरी करते पाए जाने पर तुरंत पुलिस और प्रषासन को सूचना देकर बच्चे का भविष्य बचाने में सहयोग करे। आज की कार्यवाही में श्रम विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, बाल संरक्षण इकाई, पुलिस व चाईल्ड लाईन के अधिकारी सक्रिय थे।
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