जिले के परामर्शदाताओं और हेल्थ वाॅरियर्स ने लिया कोरोना पर विशेष प्रशिक्षण
महासमुंद: जिले में कोरोना (कोविड-19) संक्रमण को हराने की तैयारी जोरों पर है। इसके लिए नए अनुसंधान और प्रशिक्षणों का दौर भी लगातार जारी है। इस कड़ी में आज मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के पहले माले में स्थित सभा भवन में एक-एक कुर्सी छोड़ कर निर्धारित दूरी में बैठे परामर्शदाताओं को राज्य स्तरीय विशेषज्ञों ने संबोधित करते हुए कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान स्वयं को सुरक्षित रखते हुए आइसोलेशन के मरीजों सहित क्वारंटीन एवं होम क्वारंटीन में रह कर 14 दिनों की अवधि काट रहे संदिग्ध मरीजों को वांछित सलाह देने के लिए प्रशिक्षित किया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार यह प्रशिक्षण ऑन-लाइन एप्लीकेशन के माध्यम से दिया गया। जिसमें महासमुंद सहित प्रदेश के अधिकांश जिले के लगभग पचास प्रशिक्षणार्थियों ने वर्तमान परिस्थितियों में प्रदान किए जाने वाले परामर्श संबंधी आवश्यक गुण-धर्म सीखे। इस प्रशिक्षण में कचरा प्रबंधन यानी बायो मेडिकल वेस्ट से शुरूआत की गई। इसके उपरांत हाथ धुलाई के तरीके सहित आइसोलेशन और क्वारंटीन में रह रहे मरीजों एवं सदिग्धों की मानसिकता को समझने के तरीके सुझाए गए तथा इस दौर में होने वाली घबराहट, चिड़चिड़ाहट, नशे की तलब और अन्य समस्याओं का निराकरण करने के लिए परामर्श प्रदान करने के लिए कहा गया। नई सीख यह सामने आई की संक्रमण बचाव को लेकर नई तकनीकों का इस्तेमाल करने की छूट दी गई है। बताया गया कि परामर्शदाता अधिकाधिक प्रचार-प्रसार करने में रेडियो जिंगल्स, ऑडियो-वीडियो जानकारी, भजन-कीर्तन, योग ध्यान इत्यादि की परंपरा अपना कर तनाव प्रबंधन कर और करवा सकते हैं। शुक्रवार को दिए गए ऑन-लाइन प्रशिक्षण की तरह ऑन-लाइन परामर्श प्रदान करने की भी सलाह दी गई।
डाॅ राव ने लागाई कोविड केयर सेंटर की पहली कक्षा
शुक्रवार 12 जून 2020 से जिला मुख्यालय में बनाए गए कोविड केयर सेंटर में चिकित्सकों, स्टाफ नर्स, पैरा-मैडिकल स्टाफ, वार्ड ब्वाय और स्वीपर्स आदि स्वास्थ्यकर्मियों की तैनाती होना शुरू हो गई है। पहले फेज में जिला चिकित्सालय के कोविड सेक्शन और कोविड केयर सेंटर के प्रभारी अधिकारी डाॅ. आई नागेश्वर राव ने इन्हें प्रशिक्षित किया। प्रशिक्षण में बताया गया कि कोविड-19 का धनात्मक प्रकरण आने पर किस तरह से सेवाएं प्रदाय की जानी हैं। इसके लिए पीपीई किट और सैनिटाइजेशन की महत्ता सहित मरीज के साथ किए जाने वाले व्यवहार और उपचार दोनों को सुरक्षित तरीके से प्रदान किए जाने संबंध अनिवार्य दिशा-निर्देश दिए गए।
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