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जशपुरनगर : बाल गृह में लगा विधिक सहायता शिविर

जशपुरनगर : जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जशपुर के सचिव श्री अमित जिन्दल ने बीते दिनों बाल गृह जशपुर में मुआयाना किया। इस मौके पर आयोजित विधिक सहायता शिविर को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम 2015 की धारा 32 के अनुसार यदि किसी व्यक्ति या पुलिस अधिकारी या किसी संगठन या परिचर्या गृह या अस्पताल या प्रसूति गृह के अधिकारी को किसी ऐसे बच्चे का पता चलता है या उसका भारसाधन लेता है या वह बच्चा परित्यक्त या बिना परिवार का या अनाथ प्रतीत होता है तो उसका यह कर्तव्य है  कि 24 घण्टे के भीतर बालक कल्याण समिति या निकटतम थाने या बालबद्व सेवाओ या बालक संरक्षण एकक को उक्त संबंध में इत्तिला देगा। 

 बच्चे को रजिस्ट्रकृत बाल देखभाल संस्था को सौपेगा। ऐसी सूचना न देने पर धारा 34 के तहत छहः माह की अवधि के कारावास से या दस हजार रूपये के कारावास से दण्ड का प्रावधान है तथा अधिनियम की धारा 50 के तहत बाल गृह की स्थापना का प्रावधान है तथा उक्त बाल गृह में बालको की देखरेख , उपचार , शिक्षा, प्रशिक्षण, विकास और पुर्नवास के लिए व्यवस्था की जाती है जिससे किशोर विकास से वंचित न रहे। श्री जिन्दल ने आगे बताया कि अधिनियम की धारा 46 में यह भी व्यवस्था है कि बालक के अठारह वर्ष की आयु पूर्ण करने पर बालक को समाज की मुख्य धारा में पुनः लाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जा सके।  श्री जिन्दल ने आगे बताया राज्य स्तरीय बाल संरक्षण समितियो के अलावा जिला स्तरीय बाल संरक्षण समितियो का बालको के कल्याण जिसमें उनका पोषण,  शिक्षा, चिकित्सीय लाभ, जीवन स्तर भी है को सुनिश्चित करने का उत्तरदायित्व होगा।
 

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