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 नजूल पट्टाधारियों को मिला मालिकाना हक

जशपुरनगर : छत्तीसगढ़ शासन द्वारा नगरीय क्षेत्रों में प्रदत्त शासकीय स्थायी पट्टों को भूमि स्वामी हक में परिवर्तित करने के संबंध में जारी दिशा निर्देश पर जशपुर जिले के नजूल पट्टा धारियों को गुरूवार को एसडीएम जशपुर के द्वारा पट्टे का वितरण किया गया। इस अवसर पर जशपुर के पटवारी एवं अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे। इस दौरान एसडीएम जशपुर श्री दशरथ सिंह राजपूत द्वारा जशपुर नगर स्थित पुरानीटोली की रहने वाली श्रीमती नैहरी बाई पति स्व. रमेश को उसके काबिज 538 वर्गफीट जमीन के पट्टे का नवीनीकरण कर उसे नवीनकृत पट्टा प्रदान किया गया। इसी तरह सरनाटोली के निवासी संजीय राम पिता बुधवा, चीरबगीचा निवासी वासील पिता सादीक को उनके द्वारा काबिज 538 वर्गफीट जमीन  का स्थाई पट्टे का नवीनीकरण कर पट्टा प्रदान किया गया।

उन्होंने नगर के समस्त नजूल पट्टाधारियों से पट्टा प्राप्त करने हेतु आवेदन करने की अपील की है। उन्होंने बताया कि यदि गैर रियायती स्थाई पट्टो के पट्टेदार अपनी पट्टे पर प्राप्त भूमि के संबंध में भू-स्वामी अधिकार प्राप्त करना चाहते हैं, तो उन्हें प्रचलित गाईड लाईन दर के आधार पर भूमि के बाजार मूल्य के दो प्रतिशत् के बराबर राशि जमा करनी होगी। रियायती स्थाई पट्टो के पट्टेदारों को 102 प्रतिशत् के बराबर राशि जमा करनी होगी। यदि कोई व्यक्ति नगरीय क्षेत्र में स्थित शासकीय भूमि के आबंटन के समय राज्य शासन से भूमि स्वामी हक में भूमि प्राप्त करना चाहता है, तो उसे बाजार मूल्य के बराबर प्रब्याजी के अतिरिक्त बाजार मूल्य का दो प्रतिशत् राशि देनी होगी। इस प्रकार 102 प्रतिशत् राशि जमा कर भूमि आबंटन का मालिकाना हक प्राप्त किया जा सकेगा।

कोई व्यक्ति नगरीय क्षेत्र में स्थित अतिक्रमित शासकीय भूमि के व्यवस्थापन के समय राज्य शासन से भूमि स्वामी हक में भूमि प्राप्त करना चाहता है तो, उसे बाजार मूल्य के 150 प्रतिशत् के बराबर प्रब्याजी तथा दो प्रतिशत् अतिरिक्त इस प्रकार उसे कुल 152 प्रतिशत् राशि देनी होगी। उक्त प्रकार से भूमि प्राप्त करने पर संबंधित व्यक्ति पूर्ण रूपेण भूमि स्वामी माना जाएगा और उन्हें ऐसा भूमि स्वामी अधिकार प्राप्त होगा। जिस प्रकार के भूमि स्वामी अधिकार निजी परिवर्तित भूमि के भूमि स्वामी को प्राप्त होते हैं।  श्री राजपुत ने बताया कि उक्त अधिकार प्राप्त होने से पट्टाधारकों को जब पट्टों के नवीनीकरण करवाने की आवश्यकता नहीं होगी। जिसके लिये बार-बार कार्यालय आने में लगने वाले समय, परिश्रम व धन की बचत होगी। भूमि स्वामी  हक प्राप्त यह जमीन डायवर्टेड भी होगी। जिसका उपयोग व्यक्ति भूमि स्वामी के हक से कर सकेगा। इस अवसर पर राजस्व निरीक्षक श्री गोविन्द सोनी, पटवारी  मो. फारूख जावेद, दिनेश बघेल, बलराम डनसेना, निशांत बाघव उपस्थित थे।

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