महासमुंद : कलेक्टर ने महिला स्व-सहायता समूह द्वारा बनाए गए राखियों की कि सराहना
महासमुंद : राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का उद्देश्य ग्रामीण गरीब परिवारों को मुख्यधारा से जोड़ना और विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए उनकी गरीबी दूर करना है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए आजीविका-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) की शुरूआत की गई हैं। इसका मुख्य उद्देश्य गरीब ग्रामीणों को सक्षम और प्रभावशाली संस्थागत मंच प्रदान कर उनकी आजीविका में निरंतर वद्धि करना, वित्तीय सेवाओं तक उनकी बेहतर और सरल तरीके से पहुंच बनाना और उनकी पारिवारिक आय को बढ़ाना है। इसके लिए उन्हें बैंक से आर्थिक सहायता दिलाई जाती है। जिले में पाॅच हजार से अधिक महिला स्व-सहायता समूह कार्यरत हैं। ये समूह विभिन्न प्रकार की सामग्री का निर्माण करती हैं। जिला प्रशासन द्वारा इन महिला स्व-सहायता समूह को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित कर उन्हें प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराती हैं।

महासमुंद विकासखण्ड के ग्राम कछारडीह की जय श्री कृष्णा महिला स्व-सहायता समूह, तुमगाॅव के मीत स्व-सहायता समूह, मनबाय के अन्नपूर्णा स्व-सहायता समूह, बागबाहरा विकाखण्ड के ग्राम एक.के. बाहरा की सखी महिला स्व-सहायता समूह, कोमाखान की गायत्री स्व-सहायता समूह के सदस्यों ने आज कलेक्टेªट कार्यालय के सभाकक्ष में कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. रवि मित्तल से सौजन्य भेंट कर उनके द्वारा बनाए गए राखी को प्रदर्शित किया। इस पर कलेक्टर ने उनके द्वारा बनाए गए राखियों का अवलोकन कर उनकी सराहना की। इस दौरान बैठक में उपस्थित कलेक्ट्रेट, जिला पंचायत एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों ने भी राखियाॅ खरीदी। स्थानीय बाजार में समूह के महिलाओं द्वारा बनाई गई राखीं की अच्छी खासी मांग हैं।
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