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 प्रवासी मजदूरों को मनरेगा मे मिला काम
ग्राम पंचायत बारगांव में बहुत संख्या में प्रवासी मजदूर के रूप में बाहर से गांव आने के उपरांत क्वारंटाईन पश्चात् उनके सामने रोजगार की समस्या उत्पन्न हो गई थी । जिससे उन्हे आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा था । ऐसे में उनके द्वारा ग्राम पंचायत में कार्य के लिए आवेदन प्रस्तुत किया गया । तत्पश्चात् ग्राम पंचायत बारगांव द्वारा नरवा योजना, हितग्राहीयों हेतु निजी कार्य को अधिक मात्रा में स्वीकृत कराकर उनको मनरेगा अंतर्गत त्वरित रूप से रोजगार उपलब्ध कराया गया । वित्तीय वर्ष 2020-21 में 25032 मानव दिवस का रोजगार उपलब्ध कराया गया है। कार्य के दौरान ग्रामीण मजदूरो द्वारा उत्तम समझ का उधारण पेश करते हुए लाॅकडाउन के दौरान कार्य सम्पादन में कोरोना वायरस से बचाव के सभी सावधानियों का पालन किया गया था । जिसमें मुख्य रूप से दूरी बनाकर कार्य करना, मास्क लगाना एवं समय-समय पर साबुन से हाथ धोना शामिल है ।
 
ग्राम बारगांव में नरवा कार्य
 कोरोना काल में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के ग्राम पंचायत स्तर, जनपद पंचायत स्तर एवं जिला स्तर पर लगातार अग्रणी भूमिका निभाते हुए लोगो को रोजगार उपलब्ध कराने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते रहे । लाॅकडाअन के दौरान न केवल अनाज वरन् घर-घर मास्क एवं सैनेटाईजर का वितरण भी किया गया । इस दौरान ग्रामीणों को कोरोना से बचाव के सभी सार्थक सावधानियों का पालन करने के लिए क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ अधिकारी/कर्मचारी लगे रहे । उनके द्वारा फील्ड में जाकर अथवा ग्राम में घर-घर जाकर बचाव के साधनो का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया गया एवं स्वतः भी सभी सावधानियों का पालन किया गया । यही कारण है कि वर्तमान में मनरेगा अंतर्गत लगभग 50 हजार से भी अधिक श्रमिक एक साथ कार्य करने के उपरांत भी कोरोना संक्रमितो की संख्या विकासखण्ड क्षेत्र में न्यून है। इस महामारी में महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बनाये रखने में मदद मिली है वरन् जनित परिसम्पत्ति, वर्तमान में जल संरक्षण एवं संवर्धन में कारगर साबित हुई है ।
 
कलेक्टर एवं मनरेगा के जिला समन्वयक श्री शिव अनंत तायल के मार्गदर्शन मे एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत बेमेतरा के सतत् निरीक्षण में लाॅकडाअन के दौरान ऐसे कार्यों का संपादन प्रमुखता के साथ किया गया जिससे न केवल रोजगार का सृजन हो बल्कि जल संरक्षण, संवर्धन, सिंचाई आदि की सभावनाओं में वृद्धि हो सके । जैसे तालाब निर्माण, निजी तालाब निर्माण, तालाब गहरीकरण, सिंचाई नाली का निर्माण, नदी डिसिल्टिंग कार्य, भूमि सुधार कार्य,पौधरोपण आदि शामिल है।

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