बेमेतरा : बेमेतरा जिला को इफ्को जिला घोषित किये जाने पर कृषकों को मिलेगा अनेक प्रकार की सुविधाएं एवं लाभ
बेमेतरा : छ.ग.शासन कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग रायपुर द्वारा बेमेतरा-जिला को इफ्को जिला घोषित किया गया है। बेमेतरा जिला कृषि एवं उद्यानिकी के क्षेत्र में अग्रणी है, यहां दलहन-तिलहन की विशेष पहचान है। यहां के कृषक प्रगतिशील है जो उन्नत खेती करते है, यहां सब्जियों, फल-फ्रूट की भी खेती किया जाता है,
इसलिए छ.ग. शासन कृषि मंत्रालय द्वारा जिले को इफ्को जिला घोषित किया गया है। कृषि विभाग के उपसंचालक एम.डी. मानकर ने बताया कि जिले में उर्वरक की खपत वर्तमान खरीफ में अब तक 62394 मी.टन हो गया है। यहां उर्वरको का भण्डारण रेलवे रेक पाइंट भाटापारा, तिल्दा, सिलयारी, रायपुर से छ.ग.राज्य सहकारी विपणन संघ एवं निजी डिलरों को किया जाता है।
तत्पश्चात् सेवा सहकारी समितियों में भण्डारित होता है, इसमें परिवहन व्यय अधिक होता है, इसको दूर कर रेक पाइंट से सीधे समितियो में उर्वरको का भण्डारण किया जायेगा, साथ-साथ इफ्को कंपनी द्वारा उन्नत तकनीक प्रदर्शन आयोजन एवं कृषक प्रशिक्षण आयोजन किया जावेगा साथ ही उक्त कंपनी द्वारा उर्वरक प्रदाय के साथ-साथ कृषकों का अधिकतम रूपये 100000 (एक लाख रूपये) तक का दुर्घटना बीमा कवर करती है।
इसका उद्देश्य उच्च गुणवत्ता युक्त उर्वरक प्रदाय करना परिवहन व्यय भार में कमी प्रर्दशन एवं प्रशिक्षण के माध्यम से नवीन एवं उन्नत तकनीति से प्रेरित करना, मृदा स्वास्थ्य के आधार पर संतुलित उपयोग को बढ़ावा देना, कृषि लागत कम करना, फसलों के उत्पादन/उत्पादकता में वृद्धि करना। कार्यक्रम क्रियान्वयन की अवधि वर्ष 2020-21 से 2022-23 तीन वर्षो का होगा जिला स्तर पर क्रियान्वयन समिति का गठन किया गया है जिसका उप संचालक कृषि अध्यक्ष, सहायक संचालक उद्याान, कृषि विज्ञान केन्द्र समन्वयक, उप पंजीयक सहकारी संस्था प्रबंधक जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक, जिला प्रबंधक सहकारी विपणन संघ सदस्य एवं इफ्को जिला प्रतिनिधि सचिव होंगे।
इफ्को द्वारा स्वयं उत्पादित एवं आयातित उर्वरकों की आपूर्तित सहकारी समितियो मंे सीधे करेगी। उर्वरक (नियंत्रण) आदेश 1985 के अनुसूची के आधार पर उर्वरकों की आपूर्ति करेगी इफ्को कंपनी द्वारा नियमानुसार उर्वरक उठाव करने वाले कृषकों काक 4000 एवं अधिकत 100000 रूपये का स्वमेव दुर्घटना बीमा करने का प्रावधान है। इस तरह जिला के कृषकों कोउर्वरक का सीधा भण्डारण प्रदर्शन प्रशिक्षण एवं दुर्घटना बीमा, उन्नत तकनीक की जानकारी मिलने से लाभ होगा।
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