महासमुन्द : ग्राम स्तर पर आयोजित किया जा रहा आजीविका मेला, स्वरोजगार के लिए दी जा रही योजनाओं की जानकारी सभी विकासखण्डों में चलेगा 05 मार्च तक आजीविका मेला
महासमुन्द 27 फरवरी 2020/ : शासन की विभिन्न योजनाओं का अधिक से अधिक हितग्राहियों तक लाभ पहुचाने के उददेश्य से जिला प्रशासन की पहल पर राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ’’बिहान’’ के माध्यम से सभी विकासखंडों में क्रेडिट एवं आजीविका मेला का आयोजन 19 फरवरी से 05 मार्च 2020 तक अलग-अलग तिथियों में आयोजित किया जा रहा है। आजीविका मेले के लिए विकासखंड महासमुन्द में 20, बागबाहरा में 10, पिथौरा में 10, बसना 20 एवं सरायपाली में 20 कैम्प का आयोजन किया जा रहा है। आजीविका मेले में स्व-सहायता समूह तथा गांव के बेरोजगार युवाओं को विभिन्न शासकीय योजनाओं से जोडने का प्रयास किया जा रहा है जिससे उन्हें स्व-रोजगार के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। क्रेडिट एवं आजीविका मेला में बैंक लिकेंज के नए प्रकरण तथा लंबित प्रकरणों को स्वीकृत कर वितरित करने, समूह के खाता खोलने से संबंधित कार्य किया जा रहा है।
राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरूवा, घुरवा एवं बाड़ी योजना के तहत गौठान ग्राम को प्राथमिकता के साथ कैम्प आयोजन के लिए चिन्हांकित किया गया है। जिससे गांव में ही स्व-सहायता समूह को विभिन्न विभागों जैसे उद्यानिकी विभाग से नर्सरी तथा सब्जी-भाजी का कार्य, कृषि विभाग द्वारा जैविक खेती को आगे बढ़ाने के लिए जैविक खाद एवं कीट नाशक का निर्माण के लिए प्रेरित किया जा रहा है। मतस्य विभाग द्वारा मछली पालन एवं पशु चिकित्सा विभाग द्वारा स्व-सहायता समूहों के आय के साधन में वृद्धि करने के लिए गाय, भैंस, बकरी एवं मुर्गी पालन के लिए योजना बद्व तरीके से प्रोत्साहित किया जा रहा है। देना आर-सेटी एवं निदान के प्रतिनिधियों के माध्यम से स्व-सहायता समूहों को विभिन्न प्रकार के घरेलू उत्पाद वाशिंग पाउडर, साबुन, जुट बैग, बेकरी, लड्डू, आचार, पापड़, बड़ी, हेण्डवास, फिनाइल, एल.ई.डी. बल्ब एवं गोबर के उत्पाद पर निर्माण के लिए प्रशिक्षण देकर नानफार्म गतिविधियों से जोड़कर इनके दैनिक आय में बढ़ोत्तरी किए जाने के लिए विशेष प्रयास किया जा रहा है।
आजीविका मेले में समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों का प्रदर्शनी के माध्यम से विक्रय के लिए स्टॉल बिहान बाजार लगाया जा रहा है। इससे महिलाओं को आजीविका एवं स्वरोजगार के अवसर प्राप्त होने के साथ-साथ आत्मनिर्भर बनाने का सतत् प्रयास किए जा रहे हैं। स्व-सहायता समूह के महिलाएॅं एवं ग्रामीण इलाकां के बेरोजगार युवक-युवतियों को स्वरोजगार स्थापित करने के लिए डी.डी.यू.जी.के.वाय. आरसेटी काउसलिंग उपरांत चयन कर विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार स्थापित करने के लिए प्रेरित किए जाने का प्रयास जिला प्रशासन द्वारा सतत् रूप से किया रहा है।
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