ब्रेकिंग न्यूज़

 “स्वस्थ शरीर और तेज दिमाग के लिए एनिमिया को दूर करने के लिए शासकीय विभागों के साथ आयरन और फोलिक एसिड खुराक का अभ्यास कराने में जुटी है न्यूट्रीशियन इन्टरनेशनल संस्था“

महासमुन्द 27 फरवरी 2020/ : भाग-दौड़ की जिन्दगी के चलते अधिकांश के पास वक्त की कमी,ऊपर से बदलते मौसमी परिवेश में अनियमित खान-पान, ऐसे में देखा जाता है कि नई पीढ़ी में आयरन और फोलिक एसिड की कमी हो जाती है। जागरूकता के अभाव में कमियों किशोर-किशोरियों का शारीरिक और मानसिक विकास प्रभावित हो जाता है। इन्हीं समस्याओं से निपटने अब स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग के साथ मिलकर काम कर रहा है। इसके लिए जिले में ‘न्यूट्रीशियन इन्टरनेशनल संस्था‘ के समन्वय से तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की जा रही है। जिसमें ‘राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम‘ अंतर्गत ‘साप्ताहिक आयरन और फोलिक एसिड कार्यक्रम‘ के संचालन के लिए सभी विकासखंड शिक्षा अधिकारियों सहित संबंधित संकुल समन्वयक एवं कम्प्यूटर ऑपरेटर्स को प्रशिक्षित किया जा रहा है।

‘न्यूट्रीशियन इन्टरनेशनल संस्था‘ की संभागीय समन्वयक सुश्री अल्का द्विवेदी से मिली जानकारी के मुताबिक बेलसोंडा क्षेत्र में आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम 25 फरवरी से शुरू किया गया। पहले दिन सरायपाली और बसना एवं 26 फरवरी को पिथौरा और महासमुंद विकासखंड के प्रशिक्षणार्थियों को आयरन एवं फोलिक एसिड के संबंध में आवश्यक जानकारी दी गई। इसी तरह 27 फरवरी को आयोजित होने वाले कार्यशाला में बागबाहरा के प्रशिक्षणार्थी शामिल होंगे।
जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री संदीप ताम्रकार ने बताया कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एसपी वारे के मार्गदर्शन में जिले में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत संचालित कार्यक्रमों में समय-समय पर अद्यतन जानकारी और प्रशिक्षण दिया जाता है। ”साप्ताहिक आयरन और फोलिक एसिड अनुपूरण कार्यक्रम” स्कूल जाने वाले किशोर लड़कियों-लड़कों और सामान्य किशोरों में एनीमिया की समस्या पर अंकुश लगाने के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के द्वारा शुरू किया गया है। 

जिसमें विषय संबंधी सहायता, प्रशिक्षण सामग्री, आईईसी सामग्री के बारे में भी जानकारी प्रदान की जा रही है। उपयोगकर्ता मार्गदर्शिका, प्रारूपों और कार्यक्रम परिचालन की रूपरेखा के अनुरूप अपने दायित्व का निर्वहन करेंगे। विशेषकर गरीबी रेखा के नीचे एवं वंचित वर्ग के लोगों में जागरूकता के साथ ध्यानाकर्षण की आवश्यकता महसूस की जा रही है। स्वास्थ्य एवं शिक्षा दोनों विभागों के आपसी समन्वय व प्रशिक्षक संस्था द्वारा दिए गए प्रशिक्षण से इन क्षेत्रों में भी जागरूकता लाई जा सकेगी और यह अभ्यास किशोर-किशोरियों में पाई जाने वाली आयरन और फोलिक एसिड की कमी को दूर करने में कारगर साबित होगा। विशेषज्ञों की राय में इन तत्वों की कमी होने से कार्य संपादन क्षमता घटती है, पढ़ाई में ध्यान की कमी, भूख कम लगना, शारीरिक एवं मानसिक विकास में बाधा, प्रतिरक्षण शक्ति में कमी के साथ किशोरियां जब वयस्क होती हैं तो प्रसव के दौरान कई जटिलताएं भी सामने आती हैं।

Related Post

Leave A Comment

छत्तीसगढ़

Facebook