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महासमुन्द : कम सुनने वालों के लिए निःशुल्क शिविर 03 मार्च को

श्रवण बधिरता को दूर करने के लिए तीन मार्च को जिला चिकित्सालय में लगेगा शिविर

 निःशुल्क जांच, परामर्श एवं दवा वितरण सहित आवश्यकता होने पर सुनने की मशीन भी प्रदाय की जाएगी

 शिविर उपरांत सत्रह मार्च तक जारी रहेगा श्रवण जागरूकता पखवाड़ा

महासमुन्द 02 मार्च : सुनने की दक्षता में कमी या बहरेपन की परेशानी से जूझ रहे पीड़ितों के लिए एक अच्छी खबर है। दरअसल, जिले में श्रवण-बधिक मरीजों को राहत देने के लिए प्रदाय की जा रही सुविधाओं में एक और इजाफा किया गया है। एक ओर जहां, ‘राष्ट्रीय बधिरता बचाव व नियंत्रण कार्यक्रम‘ अंतर्गत जिले में तीन से सत्रह मार्च 2020 तक ‘श्रवण जागरूकता पखवाड़ा‘ मनाया जाएगा। वहीं दूसरी ओर पखवाड़े के पहले दिन यानी ‘‘तीन मार्च को जिला चिकित्सालय में एक विशाल स्वास्थ्य शिविर‘‘ आयोजित कर पखवाड़े की शुरूआत की जाएगी। जिसमें विशेषज्ञ चिकित्सकों की देख-रेख में श्रवण-बाधित मरीजों को निःशुल्क जांच, परामर्श एवं दवा वितरण सेवाएं सहित आवश्यकता होने पर सुनने की मशीन भी प्रदाय की जाएगी।

सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डॉ आरके परदल से मिली जानकारी के मुताबिक शिविर में मरीजों को स्वास्थ्य लाभ देने के लिए राष्ट्रीय बधिरता बचाव व नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ के गजभिए एवं नाक-कान व गला रोग विशेषज्ञ डॉ ओंकेश्वरी साहू को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इन विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ ऑडियोलॉजिस्ट सुश्री अर्चना तोमर, ऑडियेमेट्री असिस्टेंट श्री डोमार सिंह निषाद एवं अन्य अनुभवी स्वास्थ्यकर्मी भी अपनी सेवाएं प्रदान करेंगे। डॉ गजभिए ने बताया कि मंगलवार के श्रवण बधिरता निवारण स्वास्थ्य शिविर में सुनने में परेशानी महसूस करने वाले संभावित व पीड़ित मरीजों की ऑडियोमेट्री मशीन से निःशुल्क जांच एवं परामर्श प्रदान कर आवश्यक दवा वितरण किया जाएगा। इसके साथ ही आवश्यकता होने पर समाज कल्याण विभाग द्वारा श्रवण यंत्र भी प्रदाय किए जाएंगे। अस्पताल सलाहकार डॉ निखिल गोस्वामी ने बताया कि शिविर के लिए जिला अस्पताल में व्यवस्थागत तैयारी पूरी कर ली गई है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एसपी वारे ने बच्चे, जवान एवं बुजुर्गो से अधिकाधिक संख्या में उपस्थित होकर निःशुल्क सेवाओं का लाभ लेने की अपील की है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री संदीप ताम्रकार ने बताया कि राज्य स्तर से मिले निर्देशानुसार जिले के सभी विकासखंडों में मंगलवार तीन मार्च से सत्रह मार्च 2020 तक विशेष रूप से ‘श्रवण जागरूकता पखवाड़ा‘ मनाया जाएगा। जिले में श्रवण बाधा से पीड़ित मरीजों लिए परामर्शदायी सुविधाएं आगामी समय में भी निरंतर जारी रहेंगी।

उल्लेखनीय है कि व्यक्ति को सामान्य सुनने वाले व्यक्ति की तुलना में 25 डेसिबल सुनने की सामान्य सीमा रेखा से अधिक में ही सुन पाने की असमर्थता या दोनों कानों में होने वाली क्षति को बधिकता कहा जाता है। व्यक्ति में सुनने की क्षमता में कमी से कान की बीमारियों और बहरेपन का प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। संवादहीनता की स्थिति अकेलापन, तन्हाई और असंतोष की भावनाएं सहित दैनिक जीवन की गतिविधियों की दक्षता में भी गिरावट आती है। वहीं कई मर्तबा यह बच्चों के कमजोर शैक्षणिक स्तर और वयस्कों में रोजगार अनुपलब्धताओं जैसी संकटापन्न स्थिति उत्पन्न करने का कारण भी बन जाता है। देखा जाता है कि आमतौर पर लोग जागरूकता के अभाव में या लापरवाही के कारण ध्यान नहीं देते और शासन द्वारा प्रदत्त निःशुल्क सुविधाओं से वंचित हो रह जाते है।

वयस्कों में दूसरे व्यक्तियों को स्पष्ट सुनने में परेशानी, लोगों का दोबारा बोलने के लिए आग्रह करना, ऊँची आवाज़ के साथ संगीत सुनना या टीवी देखना, दरवाजे की घंटी या टेलीफोन की आवाज़ सुनने में असमर्थ होना। बच्चों में बच्चा धीरे सीखता है, अस्पष्ट उच्चारण करता है, बच्चा बहुत ज़ोर से बोलता है,बच्चा दोबारा कहने के लिए बोलता है, बच्चा ऊँची आवाज़ के साथ टीवी देखता है।

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