बेमेतरा : सजग आॅडियो कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों को दी जा रही है शिक्षा
गुणवत्ता उन्नयन हेतु जिला स्तरीय आॅनलाइन चर्चा
बेमेतरा : मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान अंतर्गत सजग आॅडियों कार्यक्रम गुणवत्ता उन्नयन हेतु जिला स्तरीय आॅनलाइन संचालन श्रीमती अनिता अग्रवाल जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं श्री रमाकांत चन्द्राकर जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी बेमेतरा द्वारा किया गया।
जिला स्तरीय आॅनलाइन चर्चा में सभी 6 परियोजनाओं के परियोजना अधिकारी एवं सभी सेक्टर पर्यवेक्षक उपस्थित हुए। जिला स्तरीय आॅनलाइन सजग आॅडियो कार्यक्रम 23 वी., 24 वी. एवं 25 वी. कड़ी के बारे में चर्चा किया गया। जिसमें 23 वीं कड़ी में जुगाड़ तथा 24 वीं कड़ी में जानने की जिग्यासा और 25 वी. कड़ी में सुख दुख के साथी के बारे में सभी से चर्चा किया गया।
जिला स्तरीय आॅनलाइन सजग आॅडियो कार्यक्रम में 23 वी. कड़ी और 24 वी. कड़ी में सबसे ज्यादा चर्चा हुई। सजग आॅडियों कार्यक्रम अंतर्गत जिला स्तरीय आॅनलाइन चर्चा में परियोजना अधिकारीयों एवं पर्यवेक्षकों द्वारा रूचि लिया गया एवं सजग आॅडियो कार्यक्रम के तहत् आंगनबाड़ी केन्द्रो में 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों को शाला पूर्व शिक्षा की गतिविधियों को निर्बाध रूप से चलाने के लिए बच्चों के समग्र विकास के लिए विभाग द्वारा सजग कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों को अनौपचारिक शिक्षा दिया जा रहा है। सजग कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों का शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक, रचनात्मक, सृजनात्मक विकास तथा परिवार में हर्षाल्लास का वातावरण निर्मित हेतु यह कार्यक्रम क्रियान्वित किया जा रहा है।
इस संबध में विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया, सजग नाम का यह आडियों क्लिप डायरेक्ट्रेट से प्रत्येक सोमवार की सुबह वाट्सप के जरिए जिला अधिकारियों को भेजा जाता है। जिला अधिकारियों से परियोजना अधिकारी, परियोजना अधिकारी से सुपरवाइजर और सुपरवाइजर से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तक पहुचता है।
अभिभावकों के लिए विभाग से प्राप्त आॅडियों संदेश भी पर्यवेक्षक और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा स्मार्ट फोन में भेजा जा रहा है। इसके बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ता इन संदेशों आॅडियों को पालकों को सुनाती है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं पर्यवेक्षक के गृहभ्रमण के द्वारा यह वीडीयों सहपरिवार सहित वीडीयों दिखाया जा रहा है।
इन आॅडियो मैसेज में बच्चों के सही परवरिश के सुझाव के साथ बच्चों को अपनी कहानी सुनाने, ढेर सारी बात करने, गीत के साथ प्यार दुलार और खेल एवं परिवार में हर्ष का वातावरण निर्मित हुआ है। इस कार्यक्रम की मूल अवधारणा ‘‘सीखे, करके देखे, सिखाएं’’ इस सिद्धांत पर आधारित है।
लाॅकडाडन के अवधि के दैरान अभिभावक और बच्चों को एक साथ गुणवत्तापूर्वक समय बिताने का अवसर तो मिला ही है, बच्चों की एकान्तता भी दूर हो रही है और वे गीत, कविता, कहानी इत्यादि के जरिए नैतिक मूल्यों को समझ रहें है। उक्त कार्यक्रम से बच्चों एवं पालको में हर्षाल्लास का वातावरण निर्मित हुआ है।
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