बेमेतरा : बाल श्रमिक, अपशिष्ट संग्राहक, भिक्षावृत्ती में लिप्त बच्चों की पहचान हेतु सर्वेक्षण एवं रेस्क्यू
बेमेतरा : बाल श्रमिक/अपशिष्ट संग्राहक/भिक्षावृत्ती में लिप्त बच्चों की दुर्दशा गंभीर चिंता का विषय है। ऐसे बच्चे अपनी उत्तरजीविता, भोजन, पानी, वस्त्र, आश्रय एवं संरक्षण हेतु प्रतिदिन विभिन्न प्रकार के संघर्षो एवं चुनौतियों का सामना करते है। इन बच्चों के आर्थिक, लैंगिक एवं अन्य प्रकार के शोषण के षिकार होने का गंभीर खतरा होता है।
किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 की धारा 2(14)(पप) के अनुसार ऐसे बालक जिसके बारे में पाया जाता है कि उसने तत्समय प्रवृत्त श्रम विधियों का उल्लंघन किया है या पथ पर भीख मांगते या वहां रहते पाया जाता है का देखरेख एवं संरक्षण का जरूरतमंद बालक माना गया है तथा बालक कल्याण समिति के माध्यम से उनके पुनर्वास एवं समाज में एकीकरण का प्रावधान किया गया है।
बाल श्रमिक/अपशिष्ट संग्राहक/भिक्षावृŸिा में लिप्त बच्चों की पहचान हेतु सर्वेक्षण एवं रेस्क्यू हेतु 15 दिसम्बर 2020 से 15 जनवरी 2021 तक चलाये जाने वाले सघन अभियान का शुभारंभ जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग के मार्गदर्शन में किया गया।
जिसके तहत् गठित रेस्क्यू टीम द्वारा बेमेतरा शहर के विभिन्न प्रमुख स्थलों मे भ्रमण किया जाकर उपरोक्त तरह के बालकों के तलाश, चिन्हांकन किया गया। इस दल में जिला बाल संरक्षण अधिकारी, संरक्षण अधिकारी (संस्थागत देखरेख), सामाजिक कार्यकर्ता, आऊटरीच वर्कर, श्रम निरीक्षक, चाईल्ड लाईन बेमेतरा केन्द्र समन्वयक एवं टीम मेबर उपस्थित रहें।
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