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एजीआर बकाया केस में सुप्रीम कोर्ट ने वोडा आइडिया से कहा- सरकार को है पैसे कि जरूरत, तुरंत जमा करें

 नई दिल्ली। दूरसंचार कंपनियों के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) की बकाया राशि के भुगतान को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। टेलीकॉन कंपनियों के पैसा देने में असमर्थता पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार को पैसा की जरूरत है, खासतौर से कोरोना और लॉकडाउन के बाद सरकार को ज्यादा पैसा चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को वोडाफोन आइडिया से कहा कि वह अपने एजीआर बकाये से कुछ राशि सरकार को तुरंत जमा करें।


जस्टिस एमआर शाह ने वोडाफोन और आइडिया की ओर से पेश हुए मुकुल रोहतगी को कहा, आपको कुछ अमाउंट जमा करना होगा। सरकार इस पैसे का इस्तेमाल पब्लिक के काम के लिए करेगी। खासतौर से इस समय जब कोरोना का संकट है तो सरकार आर्थिक चुनौती से भी जूझ रही है। सुनवाई के दौरान कंपनी की ओर से रोहतगी ने जस्टिस एमआर शाह, जस्टिस अब्दुल नजीर और जस्टिस अरुण मिश्रा की बेंच से कहा कि कंपनी ने एजीआर बकाये के 58,254 करोड़ से 7000 करोड़ का भुगतान कर दिया है। बाकी बकये को किश्तों में दिए जाने की इजाजत दी जाए। अगर और पैसा दिया तो कंपनी के पास 11 हजार कर्मचारियों को देने के लिए भी पैसा नहीं होगा।

भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया लिमिटेड ने एजीआर से संबंधित बकाया राशि के भुगतान को लेकर दाखिल हलफनामों का जवाब देने के लिए दूरसंचार विभाग ने पीठ से कुछ समय देने का अनुरोध किया है। इस मामले की सुनवाई के दौरान पीठ ने बैंक गारंटी और प्रतिभूति के बारे मे जानना चाहा जो एजीआर से संबंधित बकाया राशि का भुगतान सुनिश्चित करने के लिये इन निजी कंपनियों से लिया जा सकता है।

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