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देश में कहीं भी पुलिस/सेना/सशस्त्र बलों में कर्तव्य पथ पर शहीद होने वाले छत्तीसगढ़ के वीरों और छत्तीसगढ़ में शहादत देने वाले देश भर के रणबांकुरों के सम्मान में जलती रहेगी छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योतिद न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने शहीदों के सम्मान में राजधानी रायपुर में छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति का निर्माण कराने की घोषणा की है।
छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति का निर्माण चैथी वाहिनी छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल माना रायपुर के परिसर में किया जायेगा। शहीदों के सम्मान में छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति अनवरत जलती रहेगी। छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति का भूमि पूजन सांसद श्री राहुल गांधी के हाथों आगामी 03 फरवरी को किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि कांग्रेस बलिदानियों की पार्टी रही है और बलिदान का सम्मान करना जानती है। इतिहास गवाह रहा है कि जो भी समाज अपने शहीदों का सम्मान नहीं बनाये रखता, उनकी कुर्बानियों की यादों को संजोकर नहीं रखता, उनकी निशानियों का अपमान करता है, वो समाज मिट जाता है।
सन 1972 में हमारी प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी जी ने देश के शहीद वीर सैनिकों के सम्मान में नई दिल्ली में अमर जवान ज्योति प्रज्ज्वलित की थी जो 1972 से लगातार जलती आ रही थी लेकिन केंद्र सरकार ने अमर जवान ज्योति को इंडिया गेट से हटाकर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में शिफ्ट कर दिया। इंडिया गेट पर जलती हुई अमर जवान ज्योति आने जाने वालों को दिखती रहती थी उनमें देश के शहीदों के प्रति गर्व और कृतज्ञता का भाव पैदा करती थी। उन्होंने कहा कि दिल्ली में इंडिया गेट स्थित अमर ज्योति बुझाए जाने से वे आहत हुए हैं लेकिन अब राजधानी रायपुर में भी शहीदों के सम्मान में छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति प्रज्ज्वलित होगी। छत्तीसगढ़ के जिन सपूतों ने वर्दीधारी सेवाओं में जाकर देश के लिये प्राण न्यौच्छावर किये, साथ ही छत्तीसगढ़ में देश भर के जिन वीरों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी उनकी शहादत का सम्मान हम ’छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति’ के माध्यम से करेंगे।
छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति में शहीदों की नामावली सूची की दीवार, मेमोरियल टावर एवं वीवीआइपी मंच भी तैयार किया जाएगा । शहीदों की नामावली सूची की दीवार का निर्माण ब्राउन मार्बल से एवं शहीदों के नाम को उसी मार्बल में खुदाई कराकर लिखा जाएगा। यह दीवार लगभग 25 फीट ऊंची एवं लगभग 100 फीट की लंबाई के अर्धचंद्राकार रूप में रहेगी इस दीवार की मोटाई 3 फीट होगी। मेमोरियल टावर की स्थापना अर्धचंद्राकार दीवार के सामने बलुआ पत्थर ब्राउन व्हाइट मार्बल ग्रेनाइट से की जाएगी। इसके शीर्ष में स्मृति चिन्ह का निर्माण कराया जाएगा । मेमोरियल टावर के सामने आधार पर राइफल एवं हेलमेट प्रतीक चिन्ह के रूप में रहेगा। इसी प्रतीक चिन्ह के सामने छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति प्रज्वलित होगी जो भूमिगत पाइप लाइन के माध्यम से ईंधन सप्लाई द्वारा 24 घंटे प्रज्वलित होगी।
मेमोरियल टावर के ठीक सामने किलानुमा दो मंजिला भवन का निर्माण कराया जाएगा जिस भवन के आधार की लंबाई 150 फीट एवं चैड़ाई 90 फीट होगी इस भवन की ऊंचाई 40 फीट होगी उक्त भवन के सामने 16 बिगुलरों के खड़े होने के लिए 16 गुंबदों का निर्माण कराया जाएगा। इस भवन के प्रथम तल पर शहीदों की चित्र प्रदर्शनी एवं द्वितीय तल पर शस्त्र प्रदर्शनी रखी जाएगी। इस इकाई में प्रतिवर्ष 21 अक्टूबर को आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय पुलिस स्मृति दिवस के दौरान सम्मिलित शहीदों के परिजनों के ठहरने हेतु सर्व सुविधा युक्त मेस एवं आवासीय कमरों का निर्माण कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने आशा व्यक्त की है कि शीघ्र ही छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति देश प्रदेश के एक गौरव स्थल के रूप में स्थापित हो जायेगी। -
मीडिया रिपोर्टनई दिल्ली : इजराइली स्पाइवेयर पेगासस डील पर न्यूयॉर्क टाइम्स की नई रिपोर्ट ने देश की सियासत को फिर से गरमा दिया है। इसे लेकर विपक्ष देश की मोदी सरकार पर हमलावर हो गई है। राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे से लेकर कई दिग्गज कांग्रेसी नेताओं ने मोदी सरकार से सवाल पूछे हैं।
दरअसल, अमेरिका के दैनिक समाचार पत्र 'द न्यूयॉर्क टाइम्स' ने अपनी एक खबर में यह दवा कि कि इजराइली स्पाइवेयर पेगासस और एक मिसाइल प्रणाली भारत-इजराइल के बीच 2017 में हुए लगभग दो अरब डॉलर के हथियार एवं खुफिया उपकरण सौदे के "केंद्रबिंदु" थे।
पेगासस मुद्दे पर किसने क्या कहा?सरकार पर हमला करते हुए राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्विटर पर कहा, "मोदी सरकार ने भारत के दुश्मनों की तरह काम क्यों किया और भारतीय नागरिकों के खिलाफ युद्ध के हथियार का इस्तेमाल क्यों किया?" उन्होंने आगे कहा कि पेगासस का उपयोग करके अवैध जासूसी करना देशद्रोह की श्रेणी में आता है। कोई भी कानून से ऊपर नहीं है और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि न्याय मिले।
पेगासस मुद्दे पर कई बार मोदी सरकार को घेर चुके राहुल ने आज फिर मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा है कि मोदी सरकार ने देशद्रोह किया है। राहुल ने ट्वीट किया कि मोदी सरकार ने हमारे लोकतंत्र की प्राथमिक संस्थाओं, राज नेताओं व जनता की जासूसी करने के लिए पेगासस खरीदा था। फोन टैप करके सत्ता पक्ष, विपक्ष, सेना, न्यायपालिका सब को निशाना बनाया है, ये देशद्रोह है। मोदी सरकार ने देशद्रोह किया है।
वहीं, राज्यसभा सांसद और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शक्तिसिंह गोहिल ने आरोप लगाया कि रिपोर्ट में "खुलासे" का मतलब है कि सरकार ने इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट और संसद को "गुमराह" किया।
वहीं, यूथ कांग्रेस प्रमुख श्रीनिवास बीवी ने भी मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए ट्वीट किया कि ऐसे में साबित हुआ! चौकीदार ही जासूस है..'
शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने एक ट्वीट में आरोप लगाया कि स्पाइवेयर का इस्तेमाल रक्षा उद्देश्यों के लिए नहीं बल्कि विपक्ष और पत्रकारों की जासूसी करने के लिए किया गया था। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, "अगर बीजेपी है तो संभव है। उन्होंने देश को बिग बॉस शो बना दिया है।"
बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, "मोदी सरकार को आज न्यूयॉर्क टाइम्स के खुलासे का खंडन करना चाहिए कि उसने वास्तव में इजरायली एनएसओ कंपनी द्वारा बेचे गए स्पाइवेयर पेगासस को करदाताओं के पैसे से र 300 करोड़ का भुगतान किया था।
बता दें कि पिछले साल उस समय विवाद खड़ा हो गया था, जब भारत सहित कई देशों में पत्रकारों, मानवाधिकार रक्षकों, नेताओं और अन्य लोगों की जासूसी करने के लिए कुछ सरकारों द्वारा कथित तौर पर एनएसओ समूह के पेगासस सॉफ्टवेयर के उपयोग की बात सामने आई थी। इसके चलते गोपनीयता संबंधी मुद्दों के लेकर चिंताएं पैदा हो गई थीं।
'द न्यूयॉर्क टाइम्स' ने " द बैटल फॉर द वर्ल्ड्स मोस्ट पावरफुल साइबरवेपन" शीर्षक वाली एक खबर में कहा कि इजराइली कंपनी एनएसओ ग्रुप लगभग एक दशक से इस दावे के साथ "अपने निगरानी सॉफ्टवेयर को दुनिया भर में कानून-प्रवर्तन और खुफिया एजेंसियों को बेच'' रहा था कि वह जैसा काम कर सकता है, वैसा कोई और नहीं कर सकता।
खबर में पीएम मोदी का उल्लेखखबर में जुलाई 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इजराइल यात्रा का भी उल्लेख किया गया। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली इजराइल यात्रा थी खबर में कहा गया है कि भारत-इजराइल के बीच हुए लगभग दो अरब डॉलर के हथियार एवं खुफिया उपकरण सौदे में स्पाइवेयर पेगासस और एक मिसाइल प्रणाली -
एजेंसी
नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश में चुनावी माहौल गरम है। दिल्ली में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हेलिकाप्टर रोके जाने का आरोप लगाया है। अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, 'मेरे हेलिकाप्टर को अभी भी बिना किसी कारण बताए दिल्ली में रोककर रखा गया है और मुजफ्फरनगर नहीं जाने दिया जा रहा है। जबकि भाजपा के एक शीर्ष नेता अभी यहां से उड़े हैं। हारती हुई भाजपा की ये हताशा भरी साजिश है। जनता सब समझ रही है।' साथ ही उन्होंने एक दूसरे ट्वीट में कहा कि सत्ता का दुरूपयोग हारते हुए लोगों की निशानी है। समाजवादी संघर्ष के इतिहास में ये दिन भी दर्ज होगा ! हम जीत की ऐतिहासिक उड़ान भरने जा रहे हैं।
आज पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आरएलडी चीफ जयंत चौधरी के साथ अखिलेश यादव एक प्रेस कांन्फ्रेंस करने वाले हैं। लेकिन इससे पहले उन्होंने आरोप लगाया कि मेरे हेलीकाप्टर को दिल्ली में जानबूझ कर रोका गया और इसे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के लिए नहीं उड़ने दिया जा रहा है। हालांकि तस्वीरें वायरल होने के कुछ देर बाद उन्हें इजाजत मिल गई। मिली जानकारी के अनुसार अखिलेश यादव का हेलिकाप्टर मुजफ्फरनगर के लिए उड़ान भर चुका है।
बता दें कि मुजफ्फरनगर में प्रेस कान्फ्रेंस से पहले जयंत चौधरी ने भी भाजपा पर निशाना साधा था। भाजपा के आफर पर उन्होंने कहा कि अमित शाह के आफर में साजिश की बू आ रही थी। उन्होंने कहा कि यह चुनाव देश के अस्तित्व के लिए जरूरी है। जयंत ने एक दिन पहले कहा था कि वह चवन्नी नहीं है जो पलट जाएं।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल का गठबंधन है। पहले चरण के चुनाव में ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मतदान होने हैं। इसी को लेकर आज अखिलेश यादव मुजफ्फरनगर पहुंचे हुए हैं।
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एजेंसीनई दिल्ली: सरकारी नौकरियों में SC और ST को पदोन्नति में आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट (Surpeme Court) ने आज फैसला सुनाते हुए कहा कि पिछले फैसलों में तय किए गए आरक्षण के पैमाने हल्के नहीं होंगे. केंद्र और राज्य अपनी-अपनी सेवाओं में एससी-एसटी के लिए आरक्षण के अनुपात में समुचित प्रतिनिधित्व को लेकर तय समय अवधि पर रिव्यू जरूर करेंगे. प्रतिनिधित्व की अपर्याप्तता के आकलन के अलावा मात्रात्मक डेटा का संग्रह अनिवार्य है. इस मामले में अगली सुनवाई 24 फरवरी को होगी.
जस्टिस एल नागेश्वर राव, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बीआर गवई की बेंच ये फैसला सुनाया. कोर्ट ने कहा कि हमने माना है कि हम प्रतिनिधित्व की अपर्याप्तता को निर्धारित करने के लिए कोई मानदंड निर्धारित नहीं कर सकते. राज्य SC- ST प्रतिनिधित्व के संबंध में मात्रात्मक डेटा एकत्र करने के लिए बाध्य हैं. कोर्ट ने कहा कि एक निश्चित अवधि के बाद प्रतिनिधित्व की अपर्याप्तता के आकलन के अलावा मात्रात्मक डेटा का संग्रह अनिवार्य है. ये समीक्षा अवधि केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित की जानी चाहिए . प्रतिनिधित्व की अपर्याप्तता को निर्धारित करने के लिए अदालत कोई मानदंड निर्धारित नहीं कर सकती. राज्य अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति के प्रतिनिधित्व के संबंध में मात्रात्मक डेटा एकत्र करने के लिए बाध्य है. कैडर आधारित रिक्तियों के आधार पर आरक्षण पर डेटा एकत्र किया जाना चाहिए. राज्यों को आरक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से समीक्षा करनी चाहिए. केंद्र सरकार समीक्षा की अवधि निर्धारित करेगी. नागराज मामले में फैसले का संभावित प्रभाव होगा.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक निश्चित अवधि के बाद प्रतिनिधित्व की अपर्याप्तता के आकलन के अलावा मात्रात्मक डेटा का संग्रह अनिवार्य है. ये समीक्षा अवधि केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित की जानी चाहिए . प्रतिनिधित्व की अपर्याप्तता को निर्धारित करने के लिए अदालत कोई मानदंड निर्धारित नहीं कर सकती. राज्य अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के प्रतिनिधित्व के संबंध में मात्रात्मक डेटा एकत्र करने के लिए बाध्य है. कैडर आधारित रिक्तियों के आधार पर आरक्षण पर डेटा एकत्र किया जाना चाहिए. राज्यों को आरक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से समीक्षा करनी चाहिए. केंद्र सरकार समीक्षा की अवधि निर्धारित करेगी. नागराज मामले में फैसले का संभावित प्रभाव होगा. कैडर की बजाए समूहों के आधार पर डेटा इकट्ठा करना फैसले का उल्लंघन होता है. सरकारी आरक्षण नीतियों की वैधता के मुख्य मुद्दे पर 24 फरवरी से सुनवाई होगी. कोर्ट ने कहा कि हमने 6 प्वाइंट पर इस मुद्दे को बांटा है और उत्तर दिया है. एक जरनैल सिंह और नागराज के प्रकाश में मानदंड है. हमने माना है कि हम प्रतिनिधित्व की अपर्याप्तता को निर्धारित करने के लिए कोई मानदंड निर्धारित नहीं कर सकते हैं. राज्य SC- ST प्रतिनिधित्व के संबंध में मात्रात्मक डेटा एकत्र करने के लिए बाध्य हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पदों में आरक्षण के लिए मात्रात्मक आंकड़ों के संग्रह के लिए कैडर आधार होना चाहिए. हमने अनुसूचित जाति और जनजाति के प्रतिनिधित्व की अपर्याप्तता का निर्धारण करने के लिए मानदंड का आकलन करने के लिए इसे राज्य पर छोड़ दिया है. 26 अक्तूबर 2021 को जस्टिस एल नागेश्वर राव, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने मामले में अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) बलबीर सिंह और विभिन्न राज्यों के लिए उपस्थित अन्य वरिष्ठ वकीलों सहित सभी पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. केंद्र ने पहले पीठ से कहा था कि यह जीवन का एक तथ्य है कि लगभग 75 वर्षों के बाद भी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को अगड़ी जातियों के समान योग्यता के स्तर पर नहीं लाया गया है. वेणुगोपाल ने प्रस्तुत किया था कि एससी और एसटी से संबंधित लोगों के लिए समूह ए श्रेणी की नौकरियों में उच्च पद प्राप्त करना अधिक कठिन है. समय आ गया है जब शीर्ष अदालत को रिक्तियों को भरने के लिए एससी, एसटी और अन्य पिछड़ा वर्ग ( OBC) के लिए कुछ ठोस आधार देना चाहिए .
पीठ ने पहले कहा था कि वह अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) को पदोन्नति में आरक्षण देने के मुद्दे पर अपने फैसले को फिर से नहीं खोलेगी और कहा कि यह राज्यों को तय करना है कि वे इसे कैसे लागू करने जा रहे हैं. सुनवाई के दौरान पदोन्नति में आरक्षण के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से डेटा मांगा था कि जिसमें दिखाया गया हो कि पदोन्नति में आरक्षण जारी रखने का निर्णय प्रतिनिधित्व की पर्याप्तता को लेकर मात्रात्मक डेटा पर आधारित था. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा था कि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के कर्मचारियों के लिए पदोन्नति में आरक्षण देने के लिए 2006 में नागराज मामले में संविधान पीठ के फैसले के अनुसार प्रतिनिधित्व की पर्याप्तता का पता लगाने के लिए उसने क्या अभ्यास किया ? सार्वजनिक रोजगार में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए पदोन्नति में आरक्षण से संबंधित याचिकाओं के एक बैच पर सुनवाई करते हुए पीठ ने कहा कि वह एक विवादास्पद मुद्दे पर फैसला करेगा कि आरक्षण अनुपात पर्याप्त प्रतिनिधित्व के आधार पर होना चाहिए या नहीं. अदालत ने कहा था कि हम जो सवाल पूछ रहे हैं वह यह है कि प्रतिनिधित्व की अपर्याप्तता का पता लगाने के लिए नागराज के बाद क्या अभ्यास किया गया है. यदि हम आरक्षण की पर्याप्तता का निर्धारण करने के लिए जनसंख्या से जाते हैं, तो इसकी बड़ी खामियां हो सकती हैं. केंद्र को इस पर विवेक लगाना चाहिए था. पर्याप्तता का क्या मतलब है. अदालत ने पूछा कि आखिर इतने दिनों तक सरकारी नौकरियों में ये व्यवस्था क्यों लंबित रखी गई? कोर्ट ने पूछा था कि आपके पास इस बाबत क्या आंकड़े हैं?
याचिकाकर्ता ने कोर्ट के सामने इंदिरा साहनी मामले का हवाला दिया कि उनकी दलील थी कि उस फैसले के बाद भी अब तक अनुसूचित जाति और जनजातियों के लिए प्रमोशन में आरक्षण की व्यवस्था सुचारू तौर पर नहीं हो पाई है. जस्टिस एलएन राव ने कहा था कि आरक्षण व्यवस्था को लेकर नागराज मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला 2006 में आया था. अब तक उस पर अमल के लिए सरकार ने क्या किया? अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने उस फैसले के मुताबिक- बदलाव की बात कही तो कोर्ट ने फिर टोका कि ये बदलाव तो 2017 में किए गए! 2006 से 2017 तक क्यों कुछ नहीं किया गया?अटार्नी जनरल ने कहा था कि दरअसल दिल्ली हाईकोर्ट के एक जजमेंट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने ही स्टेटस को यानी यथास्थिति बहाल कर रखी थी. कोर्ट ने फिर पूछा हमने आरक्षण पर रोक लगाई तो आपने प्रमोशन पर कब रोक लगाई!
AG ने कहा कि प्रमोशन तो रोस्टर आधारित था, जिसमें DoPT के नियमों के तहत 15 फीसदी से ज्यादा को तरक्की नहीं दी जा सकती. इस वजह से हजार से ज्यादा पदों पर नियमित और तरक्की से भर्ती नहीं हो पाई. जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि डाटा के आधार पर हम टेस्ट केस के तौर पर परीक्षण करेंगे कि कैडर वार समुचित तौर पर इसे अमली जामा कैसे पहनाया जा सकता है. ASG बलबीर सिंह ने कहा कि 1997 में DoPT ने एक ऑफिशियल मेमोरेंडम जारी कर वेकेंसी आधारित आरक्षण को पोस्ट आधारित आरक्षण में तब्दील कर दिया था. उस तरीके से पता चलता था कि खाली पदों पर भर्ती कैसे होगी. इस तरह गणितीय आधार पर 15 और साढ़े सात फीसदी के तर्ज पर पद भरे जा रहे थे. पीठ ने कहा कि रोस्टर पदों की संख्या के आधार पर हों ये एक मानदंड हो सकता है, लेकिन दुर्भाग्य से इसके भी आंकड़े नहीं हैं. हम तो ये जानना चाहते हैं कि आपने किस आधार पर रिजर्वेशन की व्यवस्था रखी है. उसे तथ्यपरक और तार्किक तौर पर हमें समझाएं.AG ने कहा कि कई तरह के अदालती फैसलों में भी अंतर्विरोध है. सबसे पहले 1995 में आया फैसला, जिसके बाद से हर साल ऊंचे पदों पर अनुसूचित जाति और जनजातियों के उम्मीदवार और दावेदारों की संख्या लगातार काम होती गई, जबकि निचले पदों पर श्रमिकों और कर्मचारियों के लिए संख्या बहुत रहती थी. इस पर कोर्ट ने कहा कि यही तो तय करना है कि प्रमोशन में आरक्षण अनुपातिक आधार पर हो या एकबार समुचित आधार पर और फिर सबके लिए बराबर. कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल से कहा कि इस बाबत उपलब्ध आंकड़ों के चार्ट तैयार करा कर कोर्ट को दें ताकि स्थिति साफ हो सके. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वो देश भर में नौकरियों में पदोन्नति में आरक्षण को लेकर मामलों की 5 अक्तूबर से अंतिम सुनवाई करेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर राज्य के अपने अनूठे मुद्दे हैं इसलिए राज्यवार मामलों की सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को निर्देश दिया कि वे राज्यों के लिए अनूठे मुद्दों की पहचान करें और दो हफ्ते के भीतर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करें. दरअसल, केंद्र और राज्यों ने पदोन्नति नीति में आरक्षण से संबंधित मामलों पर तत्काल सुनवाई की मांग की है. उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामले की वजह ये लाखों पदों पर नियुक्तियां रुकी पड़ी हैं. हाईकोर्ट के परस्पर विरोधी आदेशों के कारण कई पद रिक्त पड़े हैं इसलिए पर्याप्त प्रतिनिधित्व और पिछड़ेपन को मापने के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की आवश्यकता है. राज्यों ने कहा है कि केंद्र सरकार के स्तर पर नियमित पदों के लिए पदोन्नति हुई थी, लेकिन देश भर में आरक्षित पदों पर पदोन्नति 2017 से अटकी हुई है.
दरअसल, जस्टिस एल नागेश्वर राव, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बीआर गवई की बेंच पदोन्नति में आरक्षण नीति को लेकर लगभग 133 याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है. पीठ ने साफ कर दिया है कि वो पिछले फैसले में पहले से तय किए गए मुद्दों को फिर से नहीं खोलेगी. कोर्ट ने कहा कि आरक्षण नीति कैसे लागू हो ये बताने की जरूरत नहीं है. नागराज फैसले में निर्देश पारित किया गया है कि प्रत्येक राज्य को अंतिम रूप देना है कि वे इसे कैसे लागू करेंगे. वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने SC को बताया था कि महाराष्ट्र सरकार ने अब "प्रतिनिधित्व की पर्याप्तता" पर निर्णय लेने के लिए एक समिति का गठन किया है. सवाल यह है कि यह पहले क्यों नहीं किया गया. वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने कहा था. इस मामले में होईकोर्ट भी हस्तक्षेप कर रहे हैं इसलिए सुप्रीम कोर्ट को जल्द इस मामले का निपटारा करना चाहिए. प्रोन्नति में आरक्षण का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है जिसमें बहुत सी याचिकाएं एक साथ सुनवाई के लिए संलग्न हैं. एम नागराज मामले में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने कहा था कि सरकार को प्रोन्नति में आरक्षण देने से पहले अपर्याप्त प्रतिनिधित्व के आंकड़ें जुटाने होंगे . -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवाजगदलपुर, लाल बाग परेड मैदानहमर सियान, दाई-दीदी, भाई, बहिनी, संगवारी अऊ मयारू, नोनी-बाबू मन ल जय जोहार !!आज भारत के तिहत्तरवां गणतंत्र दिवस हवय। ‘हम भारत के लोग’ के बनाए अपन संविधान ल लागू करे के पावन दिन हे। ये बेरा म मे ह आप मन के हार्दिक अभिनंदन करथंव।जब हम अपने गौरवशाली संविधान की बात करते हैं तो हमारी आंखों के सामने उन अमर शहीदों के चेहरे नजर आते हैं, जिनकी बदौलत भारत आजाद हुआ था। अमर शहीद गैंदसिंह, शहीद वीर नारायण सिंह, वीर गुण्डाधूर जैसी विभूतियों की बदौलत 1857 की क्रांति के पहले से हमारा छत्तीसगढ़, भारत की राष्ट्रीय चेतना से जुड़ा था। आजादी के आंदोलन से लेकर गणतंत्र का वरदान दिलाने तक जिन महान विभूतियों ने अपना योगदान दिया, उन सबको मैं सादर नमन करता हूं।हमारे दूरदर्शी पुरखों ने आजादी की लड़ाई के साथ-साथ आजाद भारत के संविधान का सपना ही नहीं देखा था, बल्कि इसकी ठोस तैयारी भी शुरू कर दी थी। यही वजह है कि हमारे संविधान में देश की विरासत, लोकतांत्रिक मूल्य, पंचायत की अवधारणा को अहम स्थान मिला।राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू, प्रथम विधि मंत्री बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर, प्रथम उप प्रधानमंत्री तथा गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल, प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद सहित, संविधान निर्माण की प्रक्रिया में शामिल महानुभावों और उस दौर की विभूतियों ने भारत के नवनिर्माण की नींव रखी थी, उसी पर देश बुलंदियों के नए-नए शिखरों पर पहुंचा है। मैं उन सभी के योगदान को याद करते हुए सादर नमन करता हूं।आज जब हम अपने देश की पावन पहचान, तिरंगे झण्डे की छांव में खड़े होते हैं तो आन-बान और शान से लहराते हुए तिरंगे में हमें अपनी महान विरासत के अनेक रंग दिखाई पड़ते हैं, जो हमें भाव-विभोर करते हैं और गौरव का अहसास दिलाते हैं। हमें अपनी आजादी को बचाने, गणतंत्र को मजबूत करने, संविधान के प्रति आस्था और निष्ठा दोहराने के लिए प्रेरित करते हैं। हमें इस बात का पुरजोर अहसास होता है कि हमारा संविधान ही हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों, मौलिक अधिकारों का प्रणेता है, इसे सहेजकर रखना हम सबका परम कर्त्तव्य है।भाइयों और बहनों, इस वर्ष हम देश की आजादी की पचहत्तरवीं सालगिरह मनाएंगे। यह अवसर मनन करने का है कि क्या देश आजादी तथा गणतंत्र के लक्ष्यों को पूरी तरह हासिल कर सका है? आजादी के समय जिस तरह साम्प्रदायिक उन्माद का वातावरण बनाया गया था, क्या आज हम उन चुनौतियों से निश्चिंत हो पाए हैं? क्या जनता के स्वाभिमान, स्वावलंबन और सशक्तीकरण के लक्ष्य पूरे हो पाए हैं? यदि नहीं, तो आज की सबसे बड़ी प्राथमिकता क्या होनी चाहिए? क्या साम्प्रदायिक उन्माद देश की प्रगति में रुकावट नहीं है?मेरा मानना है कि आज भी हमारी सबसे बड़ी जरूरत आपसी एकता की है, समन्वय की है, आपसी प्यार और सहभागिता से आगे बढ़ने की है, ताकि नकारात्मक विचारों को किसी भी क्षेत्र में स्थान न मिल पाए। हमारी जरूरत सद्भावना के साथ विकास की है। हर हाथ को काम देने की है। छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद एक नया अवसर मिला था कि सही प्राथमिकताओं से विकास की सही दिशा तय की जाए लेकिन विडम्बना है कि डेढ़ दशक का लंबा समय गलत प्राथमिकताओं के कारण खराब हो गया। हमें तीन वर्ष पहले जब जनादेश मिला तो हमने छत्तीसगढ़ में न्याय, नागरिक अधिकारों और जन-सशक्तीकरण का काम मिशन मोड में किया है। यही वजह है कि आज प्रदेश में चारों ओर न्याय, विश्वास, विकास और उसमें जन-जन की भागीदारी की छटा दिखाई पड़ रही है।तीन साल पहले प्रदेश में बेचैनी और बदहाली का सबसे बड़ा कारण था कि जनता के सपनों, जनता की जरूरतों और सत्ता की सोच में एकरूपता नहीं थी। मैंने गांव-गांव दौरे किए और हर समाज, हर वर्ग के लोगों से मिलकर वास्तव में जनता के सपने पूरे करने की रणनीति अपनाई। अलग-अलग जरूरतों के लिए योजनाएं बनाईं।मैंने और हमारे साथियों ने देखा था कि उस वक्त किसान भाई धान का सही दाम नहीं मिलने के कारण निराश थे। हमने वादा निभाया और सरकार बनते ही 2500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से भुगतान किया। इस काम में बाधाएं आईं तो उसका भी समाधान किया। ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ के तहत राज्य के बजट से हमने 11 हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि किसानों को देने की व्यवस्था की है। अब इस योजना में धान सहित खरीफ की सभी फसलों, लघु धान्य फसलों जैसे कोदो, कुटकी, रागी, दलहन, तिलहन तथा उद्यानिकी फसलों को भी शामिल किया गया है।मैं किसान का बेटा हूं, इसलिए किसानों के सुख-दुख को भली-भांति समझता हूं। हमने किसानों के हित में जो क्रांतिकारी कदम उठाए, उससे किसानों का हौसला बढ़ा, जिसके कारण प्रदेश में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का नया कीर्तिमान बना। विगत वर्ष हमने 92 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीदी की थी और इस साल 105 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा है। मात्र तीन वर्षों में धान बेचने हेतु पंजीयन कराने वाले किसानों की संख्या 15 लाख से बढ़कर 24 लाख तक पहुंच गई है अर्थात 60 प्रतिशत अधिक किसानों का पंजीयन सुखद संकेत है कि सरकार और खेती पर किसानों का भरोसा लौटा है।मुझे यह कहते हुए खुशी है कि नई फसलों और इससे संबंधित किसानों को बेहतर दाम दिलाने की दिशा में हम एक और बड़ा कदम उठाने जा रहे हैं। आज मैं यह घोषणा करता हूं कि आगामी खरीफ वर्ष 2022-23 से प्रदेश में दलहन फसलों जैसे मूंग, उड़द, अरहर की खरीदी भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जाएगी।उद्यानिकी फसलों के विकास के लिए ‘छत्तीसगढ़ शाकम्भरी बोर्ड,’ चाय और कॉफी के उत्पादन व प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए ‘टी-कॉफी बोर्ड’ का गठन किया गया है। मछली पालन और लाख उत्पादन को कृषि का दर्जा दिया गया है। ‘मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना’ शुरू की गई है, जिसके तहत धान उत्पादक किसान यदि अपने पंजीकृत रकबे में धान के बदले वृक्ष लगाते हैं तो उन्हें भी तीन वर्ष तक 10 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसके अलावा निजी व्यक्ति, ग्राम पंचायतों, संयुक्त वन प्रबंधन समितियों को भी इस योजना और प्रोत्साहन राशि के दायरे में रखा गया है। मेरा मानना है कि हरियाली और आर्थिक सशक्तीकरण के साझा प्रयासों में वृक्ष किसानों की भी बड़ी भूमिका रहेगी। ये सारे प्रयास से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देंगे।प्रदेश में पहली बार प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों का पुनर्गठन कर 725 नई समितियों का पंजीयन किया गया है। इस तरह अब प्रदेश में इन समितियों की संख्या 1 हजार 333 से बढ़कर 2 हजार 58 हो गई है, जिससे किसानों को ऋण वितरण व अन्य योजनाओं का लाभ अधिक सुविधाओं के साथ दिया जा सकेगा।छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र 2021 में मैंने किसानों के सिंचाई पम्प ऊर्जीकरण के 35 हजार से अधिक लंबित आवेदनों का समाधान एक साल में करने की घोषणा की थी। मुझे खुशी है कि 26 हजार से अधिक पम्प ऊर्जीकृत हो गए हैं। शेष पर तेजी से कार्यवाही की जा रही है ताकि मार्च 2022 तक ऐसा कोई भी प्रकरण लंबित नहीं रहे।पहले हमने 1 नवम्बर 2018 तक किसानों का लंबित 244 करोड़ रुपए का सिंचाई जल कर माफ किया था। दूसरी बार 30 जून 2021 तक पुनः 80 करोड़ रुपए का सिंचाई कर माफ कर दिया है। इस तरह कृषि ऋण माफी, सिंचाई हेतु निःशुल्क विद्युत प्रदाय, अनुदान जैसी आर्थिक राहत में विस्तार किया गया है। जाहिर है कि किसानों को सुविधा देने के हर मामले में हमने संवेदनशीलता के साथ तत्परता से कार्यवाही की है।छत्तीसगढ़ की ग्रामीण आबादी का एक बड़ा हिस्सा कृषि मजदूरी पर निर्भर है, जिन्हें खरीफ सीजन के बाद रोजगार का संकट हो जाता है। ऐसे भूमिहीन कृषि मजदूरों के लिए हमने ‘राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना’ के तहत इसी वित्तीय वर्ष से लाभ देने की भी घोषणा की थी। जिसके तहत प्रतिवर्ष 6 हजार रुपए प्रदान करने का प्रावधान है। दिसम्बर 2021 में विशेष ग्राम सभाओं से पात्र हितग्राहियों का अंतिम चयन हो चुका है। गणतंत्र दिवस के तत्काल पश्चात 1 फरवरी को पहली किस्त की राशि पात्र हितग्राहियों को अंतरित की जाएगी।‘महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना’ में 60 प्रतिशत राशि कृषि कार्यों को बढ़ावा देने के लिए खर्च करने का प्रावधान भारत सरकार द्वारा किया गया है, लेकिन छत्तीसगढ़ में हमने कृषि व संबंधित कार्यों के लिए 76 प्रतिशत राशि खर्च की है। इसी प्रकार जल-जंगल-जमीन से संबंधित कार्यों के लिए प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन के लिए 65 प्रतिशत के प्रावधान के विरुद्ध हमने छत्तीसगढ़ में 82 प्रतिशत राशि खर्च की है। कोरोना के दौर में मनरेगा से गांवों में बड़े पैमाने पर रोजगार देने का कीर्तिमान बनाया गया था, वहीं अन्य विभागों की योजनाओं के साथ अभिसरण से हमने मनरेगा की व्यापक सार्थकता साबित की है।हमारी ‘सुराजी गांव योजना’ गांवों में नई अर्थव्यवस्था की बुनियाद बनाने में सफल हो रही है। इसके अंतर्गत नरवा, गरुवा, घुरुवा, बारी के विकास के काम अब बड़े पैमाने पर हो रहे हैं।‘गोधन न्याय योजना’ ने ग्रामीण तथा शहरी गौ-पालकों को आजीविका का नया जरिया उपलब्ध कराया है। इस योजना से अभी तक 122 करोड़ रुपए से अधिक का गोबर खरीदा जा चुका है। इससे वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन और उपयोग की एक नई क्रांति ने जन्म लिया है, जिससे देश में आसन्न रासायनिक खाद संकट को हल करने में मदद मिलेगी। गौठान अब रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित हो रहे हैं। गोबर से बिजली, प्राकृतिक पेंट तथा अन्य उत्पादों का निर्माण करने की पहल की गई है। अब गोबर की आर्थिक-सामाजिक-सांस्कृतिक उपयोगिता के सभी पहलुओं पर व्यापक और सुसंगत ढंग से काम करने के लिए ‘गोधन न्याय मिशन’ का गठन मील का पत्थर साबित होगा।कोरोना महामारी के समय जब बड़ी संख्या में हमारे प्रवासी श्रमिक छत्तीसगढ़ लौटे तब हमने उनके हित के लिए विशेष प्रयास करने का संकल्प लिया था, जिसे अमल में लाते हुए ‘छत्तीसगढ़ राज्य प्रवासी श्रमिक नीति 2020’ को बनाकर लागू किया गया है। असंगठित श्रमिकों के पंजीयन, पलायन पंजी का ऑनलाइनसंधारण, विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के संचालन के लिए किए गए उत्कृष्ट कार्यों हेतु भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय ‘ई-श्रमिक सेवा’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।श्रम कल्याण के प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए आज मैं यह घोषणा करता हूं कि प्रत्येक जिला मुख्यालय तथा विकासखण्ड स्तर पर ‘मुख्यमंत्री श्रमिक संसाधन केन्द्र’ की स्थापना की जाएगी।श्रमिक परिवारों की बेटियों की शिक्षा, रोजगार, स्वरोजगार तथा विवाह में सहायता के लिए भी आज मैं एक नई योजना की घोषणा करता हूं, जो ‘मुख्यमंत्री नोनी सशक्तीकरण सहायता योजना’ के नाम से जानी जाएगी। इस योजना के तहत ‘छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल’ में पंजीकृत हितग्राहियों की प्रथम दो पुत्रियों के बैंक खाते में 20-20 हजार रुपए की राशि का भुगतान एकमुश्त किया जाएगा।जरूरतमंद तबकों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली का अतुलनीय योगदान रहा है, लेकिन छत्तीसगढ़ में डेढ़ दशक में यह व्यवस्था भी बदहाली की भेंट चढ़ गई थी। हमने ‘सार्वभौम पीडीएस’ का वादा निभाया, जिसका लाभ 2 करोड़ 55 लाख लोगों को मिलने लगा है। यह वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार शत्-प्रतिशत कवरेज है। विगत एक वर्ष में 778 नई उचित मूल्य दुकानें शुरू की गई हैं। आयरन फोलिक एसिड युक्त फोर्टिफाइड चावल वितरण की शुरुआत हमने कोण्डागांव जिले से की थी, जिसे अब पूरे प्रदेश में मध्याह्न भोजन योजना तथा पूरक पोषण आहार योजना में लागू कर दिया गया है। इस तरह खाद्यान्न सुरक्षा के साथ पोषण सुरक्षा के लिए भी नए उपाय किए जा रहे हैं।बस्तर में मुझे कुपोषण की विभीषिका का पता चला था और हमने तत्काल कदम उठाया था, जिसे बढ़ाते हुए पूरे प्रदेश में कुपोषण मुक्ति के लिए ‘मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान’ की शुरुआत की गई थी। हमारी इस पहल से लगभग 1 लाख 60 हजार बच्चे कुपोषण मुक्त हुए हैं तथा 1 लाख से अधिक महिलाएं एनीमिया से मुक्त हुई हैं। पूरक पोषण आहार कार्यक्रम के अंतर्गत 25 लाख से अधिक बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं को लाभान्वित किया जा रहा है। इस तरह स्वस्थ-सुपोषित नई पीढ़ी छत्तीसगढ़ की शक्ति बनेगी।हम चाहते हैं कि महिला स्व-सहायता समूहों ने प्रदेश के सामाजिक, आर्थिक विकास में जो योगदान दिया है, उसे और गति मिले, इसलिए महिलाओं को स्वयं का व्यवसाय प्रारंभ करने के लिए 2 लाख रुपए का ऋण प्रदान करने की व्यवस्था ‘सक्षम योजना ’के तहत की गई है। छत्तीसगढ़ महिला कोष के माध्यम से ऋण लेने वाले महिला स्व-सहायता समूहों पर लगभग 13 करोड़ रुपए का ऋण लंबित होने के कारण इनके कामकाज ठप हो गए थे। हमने 6 हजार से अधिक समूहों के ऐसे ऋणों को न सिर्फ माफ कर दिया है बल्कि सभी समूहों की ऋण लेने की पात्रता भी दोगुनी कर दी है। ‘छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन’ (बिहान) के अंतर्गत 22 लाख से अधिक महिलाओं को स्व-सहायता समूहों से जोड़ा गया है और उन्हें रोजगार दिलाया गया है।आदिवासी संस्कृति, कलाएं, रहन-सहन हमारे लिए गर्व का विषय हैं लेकिन डेढ़ दशकों तक इस समाज की आशाओं के विपरीत कार्य करने का बहुत बड़ा नुकसान आदिवासी अंचलों में होता रहा है। वहीं दूसरी ओर भौगोलिक परिस्थितियों और समाज की सरलता का लाभ उठाते हुए नक्सलवादियों ने भी इन्हें हिंसक गतिविधियों का केन्द्र बना लिया था। इस पृष्ठभूमि में हमने आदिवासी बसाहटों में समुचित और सुसंगत विकास की रणनीति अपनाई, जिससे परस्पर विश्वास के वातावरण में एक नई शुरुआत हो। आज मुझे यह कहते हुए बहुत खुशी का अनुभव हो रहा है कि हम अपनी रणनीति में सफल हो रहे हैं, जिसका लाभ आदिवासी अंचलों में दिखाई पड़ रहा है।तेन्दूपत्ता संग्रहण की पारिश्रमिक दर 4 हजार रुपए प्रतिमानक बोरा करते हुए हमने एक नई शुरुआत की थी। पहले मात्र 7 लघु वनोपजों को समर्थन मूल्य पर खरीदने की व्यवस्था थी, जिससे बढ़ाकर अब 61 कर दिया जाएगा। ‘रैली कोसा’ को भी समर्थन मूल्य पर खरीदने की घोषणा कर दी गई है।लोहंडीगुड़ा में जमीन वापसी से न्याय की जो शुरुआत की गई थी, वह पहल आर्थिक, सामाजिक हर क्षेत्र में फैली। नक्सली हिंसा के कारण बंद स्कूलों को चालू कराना, अदालती मामलों से मुक्ति, निरस्त वन अधिकार दावों की समीक्षा, व्यक्तिगत तथा सामुदायिक वन अधिकार अधिमान्यता पत्रों का वितरण, कुपोषण मुक्त बस्तर, मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान, डीएमएफ व अन्य निधियों की मदद से काजू, कॉफी, पपीता जैसी नए ढंग की खेती को बढ़ावा, कनिष्ठ सेवा चयन आयोग का गठन, मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना, आमचो बस्तर, विश्व आदिवासी दिवस पर अवकाश, सड़क, बिजली तथा मोबाइल नेटवर्क, हवाई सेवा, देवगुड़ी क्षेत्र विकास, विकास प्राधिकरण में स्थानीय नेतृत्व, मधुर गुड़ योजना, बस्तर दशहरा के लिए मांझी, चालकी, आदि की मानदेय राशि में वृद्धि, नारायणपुर जिले में मसाहती सर्वेक्षण जैसे अनेक प्रयासों से स्थानीय जनता और सरकार के बीच आपसी विश्वास का मजबूत रिश्ता बना है। यह हमारी सबसे बड़ी पूंजी है जो आदिवासी अंचलों में विकास के नए-नए द्वार खोलती जाएगी।हमने ‘छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन’ का शुभारंभ भी कर दिया है जो कोदो, कुटकी, रागी, आदि लघु धान्य फसलों की उत्पादकता, विपणन, वेल्यू एडीशन, आदि के लिए देश की सर्वोच्च संस्थाओं के साथ मिलकर काम करेगा। इसका लाभ भी मुख्य रूप से आदिवासी अंचलों के किसानों को मिलेगा। प्रदेश के 14 आदिवासी बहुल जिलों के 25 विकासखण्डों में 1 हजार 735 करोड़ रुपए की लागत से ‘चिराग परियोजना’ की शुरुआत कर दी गई है, जो इन स्थानों में आजीविका के नए साधन जुटाने में मददगार होगी। मुझे यह बताते हुए खुशी होती है कि वर्ष 2018 की तुलना में वर्ष 2021-22 में 455 प्रतिशत अधिक हर्बल उत्पादों का विक्रय हुआ और इसे आगामी एक वर्ष में 1100 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य है।‘थिंक बी’ और ‘बादल’ अकादमी से आदिवासी अंचलों के युवाओं को अपनी संस्कृति, प्रतिभा, शैक्षणिक और नवाचार की क्षमताओं को निखारने में मदद मिलेगी। इस तरह शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और अधोसंरचना विकास की बयार से बस्तर में सकारात्मक बदलाव आ रहा है। जनजातीय समूहों से सुझाव लेकर पेसा नियम का प्रारूप तैयार किया गया है। मुझे विश्वास है कि छत्तीसगढ़ आदिवासी कल्याण तथा विकास की दिशा में नए प्रतिमान स्थापित करेगा, जिससे राज्य के विकास में आदिवासी समाज की बहुत महत्वपूर्ण भागीदारी दर्ज होगी।मुझे खुशी है कि आजीविका और भागीदारी के संगम से हमने स्वच्छता अभियान को भी सशक्त किया है। कचरा प्रसंस्करण को स्वच्छता दीदियों के रोजगार से जोड़ा और व्यापक जन-चेतना से शासन की विभिन्न योजनाओं को जोड़कर छत्तीसगढ़ के स्वच्छता मॉडल को राष्ट्रीय पहचान दिलाई है। यही वजह है कि छत्तीसगढ़ को भारत सरकार ने लगातार तीसरी बार देश के सबसे स्वच्छ राज्य के रूप में राष्ट्रीय पुरस्कार दिया है। मैं चाहूंगा कि सुधार, जन-भागीदारी और विकास से गणतंत्र की मजबूती में हमारे ऐसे कई योगदान दर्ज हों।हमने सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी जन- सुविधाओं से जुड़ी समस्त अधोसंरचना के विकास के साथ राहत और रोजगार का ध्यान रखा है। बिजली की ट्रांसमिशन प्रणाली में सुधार और विस्तार के माध्यम से पारेषण हानि को कम किया, वहीं बेहतर प्रबंधन से प्रणाली की उपलब्धता को 99.79 प्रतिशत पहुंचाया, जो एक कीर्तिमान है। विद्युत आपूर्ति की विश्वसनीयता बढ़ाने के साथ बिजली बिल हाफ योजना का लाभ 40 लाख 45 हजार उपभोक्ताओं तक पहुंचा दिया गया है, जिससे उन्हें 2 हजार 200 करोड़ रुपए की बचत हुई। विभिन्न योजनाओं से प्रदेश में 24 हजार करोड़ रुपए से अधिक लागत से सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। निर्माण कार्यों में शिक्षित बेरोजगारों को भागीदार बनाने के लिए ‘ई-श्रेणी पंजीयन’ के तहत 5 हजार से अधिक युवाओं का पंजीयन किया गया है और उन्हें विकासखण्ड स्तर पर सरलीकृत प्रक्रिया से लगभग 200 करोड़ रुपए के निर्माण कार्य आबंटित किए गए हैं। प्रदेश में सिंचाई क्षमता बढ़ाने के लिए केलो परियोजना, खारंग परियोजना, मनियारी परियोजना, अरपा भैंसा-झार परियोजना को इस वर्ष पूर्ण करने के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है।ग्रामीण अंचल में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए जल-जीवन मिशन के अंतर्गत सितम्बर 2023 तक 48 लाख से अधिक घरों में नल कनेक्शन देने की योजना है, जिसमें से लगभग 8 लाख कनेक्शन दिए जा चुके हैं। इसी प्रकार 124 नगरीय निकायों में नल-जल योजनाएं पूर्ण की गई हैं तथा 44 नगरीय निकायों में कार्य प्रगति पर है।स्वास्थ्य अधोसंरचना के विस्तार हेतु डॉक्टरों, मेडिकल स्टाफ और उपकरणों की संख्या में कई गुना वृद्धि की गई है। वहीं जिन स्थानों में जनता अस्पतालों तक नहीं पहुंच पाती, वहां अस्पतालों की सुविधाएं पहुंचाने के लिए ‘मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना,’ ‘मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना,’ ‘दाई-दीदी क्लीनिक योजना’ से 18 लाख से अधिक लोगों की जांच और उपचार किया गया। ‘डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना,’ ‘मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना’ के माध्यम से उपचार में लगने वाले 50 हजार से लेकर 20 लाख रुपए तक खर्च की चिंता से लोगों को मुक्त किया गया है।जन-सुविधा के विस्तार और जनता को महंगी दवाई के बोझ से राहत दिलाने के लिए ‘श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर योजना’ प्रारंभ की गई थी, जिसका विस्तार अब सभी शहरों में किया जा रहा है।हमने नई पीढ़ी के सुरक्षित भविष्य के लिए स्कूल शिक्षा से उच्च शिक्षा तक और रोजगार से लेकर संस्कार विकसित करने तक अनेक कदम उठाए हैं। स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम उत्कृष्ट शालाओं की तर्ज पर अब ऐसी हिन्दी शालाओं की स्थापना भी प्रत्येक जिलों में की जाएगी। 5-6 वर्ष के बच्चों के लिए ऐसे स्थानों पर प्ले स्कूल ‘बालवाड़ी’ की स्थापना की जाएगी, जहां आंगनवाड़ी और प्राथमिक शाला एक ही प्रांगण में हों। प्रथम चरण में ऐसी 6 हजार से अधिक बालवाड़ी प्रारंभ की जाएगी। नवा रायपुर में अंतरराष्ट्रीय स्तर का उत्कृष्ट आवासीय विद्यालय स्थापित किया जाएगा। हमने बच्चों की जरूरतों को पूरी संवेदनशीलता के साथ समझा है, इसलिए कोरोना के कारण अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों के लिए ‘महतारी दुलार योजना’ शुरू की थी, जिसके तहत 2 हजार 500 से अधिक बच्चों को 2 करोड़ रुपए की छात्रवृत्ति दी गई है। इसके अतिरिक्त स्कूल फीस भी माफ की गई है। कोरोना के कारण विश्व स्तर पर शिक्षा के स्तर में गिरावट महसूस की गई थी, जिसके लिए हमने उपचारात्मक शिक्षा ‘नवा जतन 2.0 अभियान’ चलाने का निर्णय लिया है।हमने शिक्षा को सिर्फ किताबी ज्ञान का माध्यम नहीं बनाया बल्कि लक्ष्य साफ रखा है कि शिक्षा युवाओं को सक्षम और रोजगार के योग्य बनाए। रोजगारपरक शिक्षण-प्रशिक्षण देने के लिए प्रदेश में अभी तक 125 स्थानों पर आईटीआई संस्थाएं प्रारंभ की जा चुकी हैं। अब प्रत्येक विकासखण्ड में आईटीआई खोली जाएंगी। सबसे बड़े रोजगार के साधन कृषि को भी उच्च शिक्षण संस्थाओं का सहारा देने के लिए तीन वर्षों में 10 नए कृषि महाविद्यालय, कृषि विज्ञान केन्द्र तथा महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय स्थापित किया गया है।हमने सरकारी विभागों तथा अर्द्धसरकारी संस्थाओं में सीधी भर्ती तथा अन्य माध्यमों से बहुत पैमाने पर नौकरी के दरवाजे खोले हैं। गांवों, वन क्षेत्रों, परम्परागत कौशल के काम और स्थानीय संसाधनों के वेल्यू एडीशन से भी राज्य में बहुत बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर बने हैं। हमारी औद्योगिक नीति की सफलता से 32 हजार लोगों को रोजगार मिला है और 90 हजार लोगों को रोजगार मिलना प्रस्तावित है। विगत तीन वर्षों में युवाओं की आंखों में स्वावलंबन की चमक बढ़ते देखकर हमारा उत्साह बढ़ा है। यही वजह है कि हमने ‘छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन’ का गठन किया है, जिसके तहत आगामी पांच वर्षों में 15 लाख नए रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए हम अपनी पूरी ताकत लगाएंगे।प्रदेश के आस्था स्थलों को पर्यटन विकास की सुविधाओं से जोड़ते हुए हमने चंदखुरी में माता कौशल्या के प्राचीन मंदिर परिसर का जीर्णोद्धार किया है, वहीं राम वन गमन पथ पर 75 स्थानों को चिन्हांकित कर इनके विकास की कार्ययोजना बनाई है। प्रथम चरण में इनमें से 9 स्थानों का विकास कार्य प्रगति पर है। ये स्थान भी बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन के माध्यम बनेंगे।भाइयों और बहनों, न्याय के लिए संघर्ष और कानून का राज चलाने की प्रतिबद्धता हमारी विरासत है। आजादी का आंदोलन न्याय के लिए था। संविधान का निर्माण और संविधान में संशोधनों के जरिए नागरिक अधिकारों के दायरे में लगातार विस्तार करते जाने को हमारे राष्ट्रीय नेतृत्व ने सदा अपना कर्त्तव्य समझा। हम इसी विरासत को आगे बढ़ाने पर विश्वास करते हैं। तृतीय लिंग युवाओं को पुलिस बल में भर्ती करना, बस्तर के जवानों को बस्तर फाइटर्स बल में भर्ती करना, सुरक्षा बलों की देख-रेख में बस्तर के दुर्गम और नक्सल प्रभावित अंचलों में 5 वृहद पुलों का निर्माण, मोबाइल टॉवरों की स्थापना, सामुदायिक पुलिसिंग के माध्यम से जनता का आत्मविश्वास बढ़ाना और इन सबके माध्यम से नागरिक सुविधाओं में वृद्धि को भी हम न्याय की दिशा में बढ़ते कदम ही मानते हैं। चिटफंड कंपनियों द्वारा प्रदेश की मासूम जनता से ठगी गई राशि वापस दिलाने के लिए हमारी प्रतिबद्धता का नतीजा है कि अब तक चिटफंड कंपनियों के 840 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, 11 करोड़ रुपए से अधिक की राशि वसूल कर जनता को लौटाई गई है और अब बड़े पैमाने पर कुर्की और संपत्ति नीलामी के माध्यम से और अधिक राशि लौटाने का प्रयास किया जाएगा।प्रशासनिक सुविधाएं भी न्याय का अंग हैं। विगत तीन वर्षों में हमने 5 नए जिलों के गठन की घोषणा की, जिसमें एक जिला गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही विकास की नई गाथा लिख रहा है। वहीं अन्य चार जिलों का औपचारिक उद्घाटन भी शीघ्र किया जाएगा। हमने लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से 132 सेवाएं ऑनलाइन की थीं, जिनमें एक वर्ष में 25 लाख से अधिक लोग लाभान्वित हुए।आज गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर मैं अपने छत्तीसगढ़िया भाई-बहनों के हित में कुछ और महत्वपूर्ण घोषणाएं करता हूं-1. हमारी सरकार, इसी वर्ष, समस्त अनियमित भवन निर्माण के नियमितीकरण हेतु एक व्यवहारिक, सरल एवं पारदर्शी कानून लाएगी, जिससे अनेक नागरिक प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होंगे। इस क़ानून के प्रावधानों का लाभ लेकर हमारे नागरिक अपनी मेहनत से किए गए निर्माण को नियमित कराकर स्वाभिमान से जीवन-यापन एवं रोज़गार कर सकेंगे।2. इसके साथ ही रिहायशी क्षेत्रों में संचालित व्यवसायिक गतिविधियों के नियमितीकरण हेतु आवश्यक प्रावधान किए जाएंगे ताकि हमारे हज़ारों भाई-बहन आत्मविश्वास के साथ अपना व्यवसाय संचालित कर सकें।3. आप सभी को बताते हुए हर्ष हो रहा है कि मेरी घोषणा के 15 दिन के भीतर प्रदेश के नगर निगमों में 500 वर्ग मीटर तक के भवनों में मानवीय हस्तक्षेप के बिना ‘डायरेक्ट भवन अनुज्ञा प्रणाली’ प्रारम्भ कर दी गई है। उसी तर्ज पर मैं घोषणा करता हूं कि प्रदेश में अब नगर निगम से बाहर के क्षेत्रों, जो कि निवेश क्षेत्र में शामिल हैं, में भी 500 वर्ग मीटर तक भवन विन्यास बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के तय समय-सीमा में जारी किए जाएंगे।4. प्रदेश के नगरीय-निकायों में नल कनेक्शन प्राप्त करने की प्रक्रिया को ‘डायरेक्ट भवन अनुज्ञा’ की तर्ज पर मानवीय हस्तक्षेप मुक्त बना कर समय-सीमा में नल कनेक्शन दिए जाने का निर्णय लिया गया है।5. हमारी सरकार ने शहरी क्षेत्रों में आबादी, नजूल एवं स्लम पर स्थित पट्टों को भी फ्री होल्ड करने का निर्णय लिया था, जिससे नागरिकों को भूमि-स्वामी हक प्राप्त हुआ। आज मैं इस मंच से घोषणा करता हूं कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी शासकीय पट्टे की भूमियों को फ्री होल्ड किया जाएगा।6. अन्य पिछड़ा वर्ग के नागरिकों में उद्यमिता को बढ़ावा देने हेतु औद्योगिक नीति में संशोधन कर इस प्रवर्ग हेतु 10 प्रतिशत भू-खण्ड आरक्षित किए जाएंगे, जो कि भू-प्रीमियम दर के 10 प्रतिशत दर तथा 1 प्रतिशत भू-भाटक पर उपलब्ध कराए जाएंगे।7. मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत प्रदेश के नगर निगमों में 18 लाख से अधिक नागरिकों का इलाज निःशुल्क किया जा चुका है। इस योजना की सफलता को देखते हुए मैं यह घोषणा करता हूं कि शीघ्र ही इस योजना को प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में लागू किया जाएगा।8. नव-युवाओं को नई सुविधाएं देने के लिए मैं यह घोषणा करता हूं कि प्रदेश में लर्निंग लाइसेंस बनाने की प्रकिया का सरलीकरण किया जाएगा और इस हेतु वृहद स्तर पर ‘परिवहन सुविधा केंद्र’ प्रारम्भ किए जाएंगे। इन केन्द्रों को न केवल लर्निंग लाइसेंस बनाने हेतु अधिकृत किया जाएगा अपितु इन केन्द्रों में परिवहन विभाग से संबंधित समस्त सेवाएं नागरिकों को अपने निवास के पास मिल सकेंगी एवं प्रदेश के युवाओं को रोजगार का अवसर मिलेगा।9. कर्मचारी कल्याण की दिशा में कुछ नए कदमों को साझा करना चाहूंगा कि शीघ्र ही हम प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों के हित में अंशदायी पेंशन योजना के अंतर्गत राज्य सरकार के अंशदान को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करेंगे।10. आज इस मंच से घोषणा करता हूं कि शासकीय कर्मचारियों की कार्य क्षमता और उत्पादकता बढ़ाने के लिए राज्य सरकार अब 5 कार्य दिवस प्रति सप्ताह प्रणाली पर कार्य करेगी।11. हमारी बहनों की सुरक्षा हेतु हम प्रतिबद्ध हैं, इसी कारण आज मैं आप सभी के समक्ष घोषणा करना चाहूंगा कि इस हेतु हम प्रत्येक जिले में ‘महिला सुरक्षा प्रकोष्ठ’ का गठन कर उसे प्रभावी रूप से महिला सुरक्षा हेतु उपयोग करेंगे।12. मैं घोषणा करता हूं कि प्रदेश में तीरंदाजी को प्रोत्साहित करने हेतु जगदलपुर में ‘शहीद गुंडाधूर’ के नाम पर राज्य स्तरीय तीरंदाजी अकादमी प्रारम्भ की जाएगी।13. वृक्ष कटाई के नियमों की जटिलता एवं उसके कारण वृक्षारोपण हेतु नागरिकों की अरूचि को देखते हुए राज्य सरकार शीघ्र ही इन नियमों का नागरिकों के हित में सरलीकरण करने जा रही है। इस हेतु हम समस्त प्रासंगिक अधिनियमों एवं नियमों में आवश्यक संशोधन लाने जा रहे हैं।भाइयों और बहनों, हम धरती को माता कहते हैं, इसकी पहचान हम भारत माता और छत्तीसगढ़ महतारी के रूप में करते हैं तो मेरा मानना है कि हमारा संविधान मां के आंचल के समान है, जिसकी छांव में सबसे ज्यादा सुरक्षा महसूस की जाती है। जब हमने ‘नवा छत्तीसगढ़’ गढ़ने का संकल्प लिया था, तब हमारे मन में छत्तीसगढ़ महतारी और प्रदेशवासी सभी भाई-बहनों और इस तरह हमारे विस्तृत कुटुंबरूपी प्रदेश के मान-सम्मान और कल्याण की कामना ही थी। संसाधनों से भरी हमारी धरती समस्त छत्तीसगढ़वासियों को रोजगार और खुशहाल भविष्य की सुरक्षा दे सकती है।इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए हमने समावेशी और टिकाऊ विकास का जो मॉडल अपनाया, वह ‘छत्तीसगढ़ मॉडल’ के रूप में आज हम सबके लिए गौरव का प्रतीक बन गया है। कोरोना महामारी के दौरान उत्पन्न विभिन्न समस्याओं से सक्षमता के साथ निपटने में भी हमारे छत्तीसगढ़ मॉडल की बड़ी भूमिका रही है। हमारी सरकार ने सारी व्यवस्थाएं कर रखी हैं, मुझे विश्वास है कि परस्पर सद्विश्वास, एकजुटता तथा कोरोना प्रोटोकॉल के पालन से तीसरी लहर पर भी हम जल्दी ही काबू पा लेंगे। मैं आप सबसे अनुरोध करता हूं कि आप सतर्क रहें। आपका बेहतर स्वास्थ्य और सक्रिय योगदान ही हमारी सबसे बड़ी शक्ति है।मेरा एक ही सपना और एक ही लक्ष्य है कि नवा छत्तीसगढ़ 2 करोड़ 80 लाख लोगों के हाथों से गढ़ा जाए, जिसमें सबकी भागीदारी हो, जिसमें सबको न्याय मिले, जिसमें सबकी खुशहाली सुरक्षित रहे। आगे भी हमारे प्रयास इसी दिशा में रहेंगे। आपका प्यार और समर्थन मेरी सबसे बड़ी पूंजी है और इस पूंजी के निवेश से हम दुनिया की सबसे अधिक पूंजी छत्तीसगढ़ में निवेश के लिए आमंत्रित भी करेंगे।मैं चाहूंगा कि आप लोग मेरे साथ कहें-जय हो, जय हो, छत्तीसगढ़ मइया।
जय हिन्द -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
गौठानों को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में किया जा रहा विकसित
गौठानों में 148 तेलमिल और 188 दाल मिल की स्थापना की प्रक्रिया शुरू
गौपालकों को जारी की गई 4.21 करोड़ रूपए की राशि
गोधन न्याय योजना के तहत अब तक गोबर विक्रेताओं को हो चुका 122.17 करोड़ रूपए का भुगतान
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार की गोधन न्याय योजना को पूरे देश में एक आदर्श योजना के रूप में स्वीकार किया है। इस बार गणतंत्र दिवस के अवसर पर नई दिल्ली के राजपथ पर गोधन न्याय योजना की झांकी देश-दुनिया के लोग देखेगें। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना को छत्तीसगढ़ राज्य में मिशन के रूप में संचालित किया जा रहा है। गांवों में स्थापित गौठानों में आजीविका के साधनों को बढ़ाने के उद्देश्य से यहां रूरल इंडस्ट्रियल पार्क तेजी से विकसित किए जा रहे है। गौठानों में अब तेल मिल एवं दाल मिल स्थापित किए जाने का काम शुरू कर दिया गया है। प्रथम चरण में राज्य के 148 गौठानों में तेल मिल और 188 गौठानों में दाल मिल की स्थापना की जा रही है। इससे गौठानों में आय मूलक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री श्री बघेल आज अपने निवास कार्यालय में आयोजित गोधन न्याय योजना के रााशि अंतरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर पशुपालक ग्रामीणों, गौठान समितियों और गौठाानों से जुड़ी महिला स्व-सहायता समूहों को 4 करोड़ 21 लाख रूपए की राशि का ऑनलाइन भुगतान किया, जिसमें बीते एक पखवाड़े में क्रय गोबर के एवज में 2 करोड़ 76 लाख रूपए गौठान समितियों को 87 लाख रूपए और महिला स्व-सहायता समूहों को 58 लाख रूपए की लाभांश राशि शामिल है। गोबर खरीदी की एवज में अब तक गौपालकों को 122 करोड़ 17 लाख रूपए तथा गौठान समितियों को 45.31 लाख रूपए एवं महिला स्व-सहायता समूहों को 29.46 करोड़ रूपए की राशि का भुगतान की जा चुकी है।मुख्यमंत्री ने कहा कि गोधन न्याय योजना के माध्यम से जैविक खाद के उपयोग को बढ़ावा देकर राज्य में कृषि लागत को कम करने में मदद मिली है। फसल विविधीकरण को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है और कृषि उत्पाद के प्रोसेसिंग की व्यवस्था गौठानों में कर रहे है। इससे किसानों की आय बढ़ेगी। उन्होंने गौठानों में गोबर से वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट एवं अन्य उत्पाद तैयार करने में जुटी महिला स्व-सहायता समूह की सराहना की और कहा कि हमारी महिला बहनों ने अब तक 10.38 लाख क्विंटल से अधिक वर्मी कम्पोस्ट तथा 4.36 लाख क्विंटल से अधिक सुपर कम्पोस्ट खाद तैयार किया है, जिससे राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा मिला है और रासायनिक उर्वरकों की कमी को भी पूरा करने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि गौठानों में आय की विविधगतिविधियों को अपनाकर हमारी महिला बहनों ने अबतक 50 करोड़ 57 लाख रूपए की आय अर्जित की है। इससे महिला समूहों में स्वावलंबन के प्रति एक नया आत्मविश्वास जगा है।
कार्यक्रम के प्रारंभ में कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह ने गोधन न्याय योजना की प्रगति के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य में अब तक 10591 गौठान स्वीकृत किए गए है, जिसमें से 7,933 पूर्ण रूप से संचालित है। गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में अब तक 61.07 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की जा चुकी है। उन्होंने गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट के उत्पादन, विक्रय एवं अन्य आय मूलक गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी, गोधन न्याय योजना के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. एस. भारतीदासन, संचालक उद्यानिकी श्री माथेश्वरन वी., संयुक्त सचिव कृषि श्री के.सी. पैकरा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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एजेंसीनई दिल्ली : कांग्रेस नेता राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए शुक्रवार को यूथ मेनिफेस्टो जारी किया. दोनों नेताओं ने इसे भर्ती विधान नाम दिया है. उनका कहना है कि इसे राज्य के युवाओं से बातचीत करके तैयार किया है.यूथ मेनिफेस्टो की घोषणाएं...
प्रियंका गांधी ने कहा है कि प्राथमिक विद्यालयों में डेढ़ लाख शिक्षकों की भर्ती की जाएगी. डॉक्टरों के 6000 खाली पदों को भरा जाएगा.
20000 आंगनाबाड़ी कार्यकर्ताओं के खाली पड़े पदों को भरा जाएगा. संस्कृत के शिक्षक, उर्दू के शिक्षक, आशा आदि जितने भी पद अभी तक रिक्त हैं, उन्हें भरा जाएगा.
परीक्षार्थियों के लिए बस और रेल यात्रा मुफ्त होगी. जॉब कैलेंडर बनाया जाएगा. पेपर, ज्वाइनिंग की तारीख तय होगी.
30 साल से कम उम्र के उद्यमियों को प्राथमिकता दी जाएगी. सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के शुल्क माफ करेंगे.
प्रियंका गांधी ने कहा कि अच्छी शिक्षा जरूरी होती है. शिक्षा का बजट कम हुआ है, उसे बढ़ाएंगे. विश्वविद्यालय में फ्री wifi upgradation होगा. प्लेसमेंट सेल होगा. साथ ही कॉलेजों में चुनाव होंगे.
छात्रावासों को बेहतर किया जाएगा. रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे. युवाओं के कौशल को निखारने पर फोकस रहेगा,
नशा छोड़वाने के लिए परामर्श कैंप लगेंगे. साथ ही हर साल यूथ फेस्टिवल लगेगा. इसमें युवाओं की भागेदारी बढ़ाने को लेकर जागरूक किया जाएगा
लोकल संस्कृति को प्रोत्साहन दिया जाएगा. खेलों के लिए अकादमी खोला जाएगा. जोन में कुशलता के आधार पर अकादमी बनेंगे. प्रयास ये है कि प्रचार में भी और भविष्य में नकारात्मक नहीं, बल्कि सकारात्मक बातें करें.
स्टार्टअप के लिए 5,000 करोड़ रुपए का ‘सीड स्टार्ट उप फंड', जिसमें 30 साल से कम उम्र के उद्यमियों को प्राथमिकता दी जाएगी. -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवामुख्य सचिव एवं स्वास्थ्य सचिव को प्रत्येक डेथ का आडिट के निर्देश
कलेक्टरों को संक्रमण की रोकथाम एवं संक्रमितों के ईलाज को लेकर सतर्कता बरतने के निर्देश
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राज्य में कोरोना पीड़ितों की मौत की संख्या में वृद्धि पर चिंता जताई है। कोरोना से आज राज्य में 15 लोगों की मृत्यु होने की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव एवं स्वास्थ्य सचिव को प्रत्येक डेथ का आडिट कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को कोरोना संक्रमण की रोकथाम और संक्रमितों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराये जाने को कहा है। संक्रमित मरीजों की स्वास्थ्यगत स्थिति को देखते हुए हॉस्पिटलाइज करने के भी निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने होम आईसोलेशन में रह रहे मरीजों के स्वास्थ्य की सतत जानकारी लेने की पुख्ता व्यवस्था करने को कहा है।
मुख्यमंत्री ने कोरोना से मौत के मामले में अचानक वृद्धि को देखते हुए सभी कलेक्टरों को इस मामले में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टरों को कोरोना गाइडलाईन का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने तथा होम आईसोलेशन वाले मरीजों की स्वास्थ्य की स्थिति पर निगरानी के लिए विशेष टीम लगाए जाने निर्देश दिए गए हैं। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
दुर्ग में बार एसोसिएशन का कक्ष होगा रिनोवेट, लाइब्रेरी भी अपग्रेडेड होगी
मुख्यमंत्री ने जिला अधिवक्ता संघ दुर्ग के शपथ ग्रहण समारोह में की घोषणा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि जूनियर अधिवक्ताओं को न्यायालयीन काम-काज की ट्रेनिंग देने के लिए कार्ययोजना तैयार की जाएगी। ट्रेनिंग से जूनियर अधिवक्ताओं को फील्ड में काम करने में जहां ज्यादा सुविधा होगी, वहीं न्याय की मांग करने वाले नागरिकों को भी इसका लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय से जिला अधिवक्ता संघ दुर्ग के शपथ ग्रहण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए यह घोषणा की। श्री बघेल ने कार्यक्रम के दौरान दुर्ग बार एसोसिएशन के कक्ष में आदर्श बैठक व्यवस्था और लाइब्रेरी के आधुनिकीकरण के लिए मंजूरी दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून की पढ़ाई करने के बाद जब जूनियर वकील न्यायालय आते हैं तो न्यायालय की कार्रवाई की पद्धति आदि का ज्ञान कम होने के कारण उन्हें आरंभिक रूप से काफी कठिनाई होती है, इसके निराकरण के लिए विधि विभाग द्वारा प्रशिक्षण की कार्ययोजना बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि वकील का कार्यक्षेत्र व्यापक होता है। उन्हें तहसीलदार, एसडीएम, कलेक्टर आदि के न्यायालयों में भी जाना होता है। निर्वाचन के दौरान भी अभ्यर्थी उनके संपर्क में आते हैं तथा अनेक तरह के डाक्यूमेंट लगते हैं जिसके लिए प्रत्याशी वकीलों के पास जाते हैं। यदि अधिवक्ता प्रशिक्षित होंगे, तो वे ज्यादा बेहतर तरीके से अपना कार्य कर पाएंगे।
कार्यक्रम के दौरान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री राजेश श्रीवास्तव ने जूनियर अधिवक्ताओं के प्रशिक्षण के संबंध में यह सुझाव मुख्यमंत्री के समक्ष रखा। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने उनके सुझाव की सराहना करते हुए इसे उपयोगी बताया और जूनियर अधिवक्ताओं के प्रशिक्षण के स्वरूप तथा विभिन्न पहलुओं पर ड्राफ्ट तैयार करने की जिम्मेदारी जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री राजेश श्रीवास्तव को साैंपी। उन्होंने कहा कि ड्राफ्ट तैयार कर वे इसे राज्य शासन के विधि विभाग को भेजे। जिस पर आवश्यक निर्णय लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर अपने संबोधन में देश और प्रदेश में वकालत की उज्ज्वल परंपरा पर भी प्रकाश डाला। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों गांधी, नेहरू, पटेल, अंबेडकर, डा. राजेंद्र प्रसाद जैसी विभूतियों ने स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई न्यायालय के भीतर भी लड़ी और बाहर भी लड़ी। देश की आजादी में वकीलों का बड़ा योगदान है। प्रदेश में भी बैरिस्टर छेदीलाल, घनश्याम गुप्त, ठाकुर प्यारेलाल जैसी विभूतियों ने अपने कानूनी ज्ञान से बड़ा योगदान दिया। दुर्ग से घनश्याम गुप्त तो संविधान की हिंदी ड्राफ्ट कमेटी के अध्यक्ष भी रहे। उन्होंने कहा कि हिदायतुल्लाह जैसी विभूति के नाम पर छत्तीसगढ़ में विधि विश्वविद्यालय है। उन्होंने कहा कि यह उज्ज्वल परंपरा आगे बढ़ानी है और आप लोग इसके प्रति बेहद सजग होकर कार्य कर रहे हैं।
इस मौके पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री राजेश श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में कहा कि दुर्ग जिले में 13 महीनों में 16 हजार 322 प्रकरण निराकृत किये गये, जबकि इस अवधि में कोविड की वजह से कुछ समय न्यायालय बंद भी रहे। इस मौके पर उन्होंने संघ के 9 पदाधिकारियों और छह कार्यसमिति के सदस्यों को शपथ दिलाई। अधिवक्ता संघ की अध्यक्ष सुश्री नीता जैन ने इस मौके पर कहा कि शपथ ग्रहण का मौका बेहद अहम होता है। यह हमारी परंपरा रही है ताकि हम अपने कर्तव्यों का निष्ठा से पालन करें। वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री प्रशांत जोशी ने आभार व्यक्त किया। अधिवक्ता संघ की ओर से श्री आशीष तिवारी मुख्यमंत्री कार्यालय से कार्यक्रम में जुड़े। जिला न्यायालय दुर्ग में आयोजित समारोह में सचिव श्री रविशंकर सिंह, महिला उपाध्यक्ष सुश्री सुनीता कसार, कोषाध्यक्ष श्री अनिल जायसवाल, सह सचिव श्री कृष्ण राज चंदेल, सांस्कृतिक एवं क्रीड़ा सचिव सुश्री मोनिका सिंह, ग्रंथालय सचिव श्री द्रोण ताम्रकर और श्री कुलेश्वर साहू सहित अधिवक्ता संघ के कार्यकारिणी सदस्य और बड़ी संख्या में अधिवक्ता गण उपस्थित थे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
एक जनवरी को रायपुर के एक लाख से अधिक नागरिकों ने सड़क सुरक्षा का संकल्प लेकर बनाया रिकार्ड
नागरिकों ने सड़क सुरक्षा संकल्प पत्र पर किए हस्ताक्षर
’सुनो रायपुर’ थीम पर 26 दिसंबर 2021 से 1 जनवरी 2022 तक सप्ताह भर आयोजित किया गया सघन अभियान
एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने सड़क सुरक्षा प्रतिज्ञा पर हस्ताक्षर करने वालों की अधिकतम संख्या के रिकॉर्ड को दी मान्यता
रायपुर : एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने रायपुर पुलिस द्वारा सड़क सुरक्षा और यातायात जागरूकता पर चलाए गए सप्ताहव्यापी अभियान में एक ही दिन में 1,02,468 नागरिकों द्वारा सड़क सुरक्षा के लिए संकल्प लेने को एक रिकार्ड के रूप में दर्ज कर लिया है। रायपुर के इन नागरिकों ने रायपुर पुलिस द्वारा ’सुनो रायपुर’ थीम पर 26 दिसंबर 2021 से 1 जनवरी 2022 तक सप्ताह भर आयोजित किए गए इस अभिनव अभियान के दौरान एक जनवरी को सड़क सुरक्षा संकल्प पत्र पर हस्ताक्षर कर नए साल में सड़क सुरक्षा का संकल्प लिया है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने रायपुर पुलिस द्वारा सड़क सुरक्षा जागरूकता को लेकर चलाए गए इस अभिनव अभियान की सराहना की है।
सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए रायपुर पुलिस ने सक्रिय स्वयंसेवकों की मदद से ’सुनो रायपुर’ नाम से चलाए गए इस अभियान में कई बच्चे अपने बड़ों को सुरक्षा नियमों का पालन करने का संदेश देकर रायपुर पुलिस का समर्थन करने के लिए आगे आए थे। दिव्यांग महाविद्यालय मन के विकलांग बच्चों ने भी अभियान का समर्थन करने के लिए एक बहुत ही समझदार और भावनात्मक वीडियो संदेश दिया था। ’सुनो रायपुर’ का शुभारंभ एसएसपी रायपुर प्रशांत अग्रवाल द्वारा 26 दिसंबर की शाम को मैग्नेटो मॉल रायपुर में जागरूकता कार्यक्रम के रूप में किया गया।
रायपुर एसएसपी ने रायपुर के नागरिकों से अपील की थी कि वाहन चलाते समय सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करें और लापरवाही से वाहन चलाकर या बुनियादी सुरक्षा नियमों को दर किनार कर अपनी और दूसरों की जान जोखिम में न डालें। उन्होंनेे लोगों से किसी भी तरह के बाइक स्टंट या स्पीड ड्राइविंग का प्रयास करते समय अपने परिवार और दोस्तों के बारे में सोचने का अनुरोध किया। वाहन चलाते समय दूसरों की सुविधा का भी ध्यान रखना चाहिए। लोगों को ट्रैफिक सिग्नल का पालन करने के लिए सुनिश्चित करने के लिए चौराहे पर ट्रैफिक पुलिसकर्मी रखने की कोई आवश्यकता नहीं होनी चाहिए।
सुनो रायपुर के सप्ताह भर चलने वाले अभियान के दौरान रायपुर पुलिस की टीमों और 300 सक्रिय स्वयंसेवकों ने विभिन्न सार्वजनिक स्थानों, बाजार क्षेत्रों, मुख्य चौकों, स्कूलों, शैक्षणिक संस्थानों और वाणिज्यिक क्षेत्रों में यातायात नियमों के बारे में लोगों को जागरूक किया। दिलचस्प और शैक्षिक संदेशों वाले पैम्फलेट, तख्तियां, हैंडआउट्स, वीडियो स्क्रीन का भी इस्तेमाल किया गया। इस जागरूकता अभियान के दौरान लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए रायपुर पुलिस के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का भी व्यापक रूप से उपयोग किया गया।
गौरतलब है कि भारत में हर साल लगभग 1.5 लाख लोग सड़क हादसों में मारे जाते हैं। अकेले रायपुर जिले में ही हर साल करीब 450 लोगों की मौत हो जाती है। इन मौतों के पीछे मुख्य कारण तेज गति से वाहन चलाना, सीट बेल्ट न लगाना और हेलमेट न पहनना है। कुछ लोग शराब पीकर भी गाड़ी चलाते हैं और अपनी और दूसरों की जान जोखिम में डालते हैं। कई लोगों को सेलफोन का इस्तेमाल करते हुए गाड़ी चलाते हुए देखा जा सकता है। कुछ लोगों को गलत साइड से गाड़ी चलाते हुए, ब्लॉक फ्री लेफ्ट टर्न या सड़कों पर अपने वाहन पार्क करते हुए देखा जा सकता है, जिससे अन्य सड़क उपयोगकर्ताओं को असुविधा होती है। बुनियादी सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करने से दुर्घटना में होने वाली मौतों को कम किया जा सकता है।
इस अभियान का नेतृत्व एसएसपी रायपुर प्रशांत अग्रवाल, एडीएसपी ट्रैफिक एम आर मंडावी और डीएसपी ट्रैफिक सतीश ठाकुर ने किया। अभियान को रायपुर ऑटो डीलर्स एसोसिएशन, यंग इंडियंस, सुरक्षित भव फाउंडेशन, सिख केयर इंडिया, आभा फाउंडेशन, आवाज फाउंडेशन, स्पर्श एक कोशिश, हेल्पिंग हैंड फाउंडेशन, कोपल वाणी, मिशन संभव, वक्ता मंच और सौभाग्य फाउंडेशन, मारुति सुजुकी ड्राइविंग स्कूल, प्रांजल सेवा समिति जैसे कई गैर सरकारी संगठनों और संघों के स्वयंसेवकों द्वारा समर्थन और सहयोग दिया गया।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : छत्तीसगढ़ में आज 54 हजार 600 सैम्पलों की हुई जांच प्रदेश की औसत पॉजिटिविटी दर 10.30 प्रतिशत
आज 19 जनवरी की स्थिति में प्रदेश की पॉजिटिविटी दर 10.30 प्रतिशत है। आज प्रदेश भर में हुए 54 हजार 600 सैंपलों की जांच में से 5625 व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाए गए हैं।
प्रदेश के इन जिलों में 100 से कम कोरोना संक्रमित पाए गए
आज 19 जनवरी को जिला कोण्डागांव में 98 बालोद एवं सूरजपुर में 89-89, बलौदाबाजार में 87, मुंगेली में 83, बस्तर 74, महासमुन्द 55, सुकमा में 46, बीजापुर में 41, जीपीएम में 37, कबीरधाम में 30, दंतेवाडा में 25, गरियाबंद में 24, बेमेतरा में 18 एवं बलरामपुर में 18 कोरोना संक्रमित पाए गए।
प्रदेश के 07 जिलों में पॉजिटीविटी दर 05 प्रतिशत से कम है आज 19 जनवरी को जिला बीजापुर, बस्तर, दंतेवाडा, बलौदाबाजार, बेमेतरा, एवं कबीरधाम में पॉजिटीविटी दर 5 प्रतिशत कम रही।
छ.ग. राज्य में कोरोना के इलाज हेतु उपलब्ध बिस्तरों की जानकारी लिंक https://govthealth.cg.gov.in/ के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है। 05 सितम्बर 2020 के बाद हुए कोविड जांच की रिपोर्ट website: www.cghealth.nic.in पर आप देख सकते है।
यहां देंखे पूरी जानकारी-
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एजेंसीनई दिल्ली : भारत की स्टार टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा ने संन्यास का ऐलान कर दिया है. ऑस्ट्रेलियन ओपन खेलने पहुंचीं सानिया ने कहा है कि 2022 उनका आखिरी सीजन होगा. यानी इस साल वह आखिरी बार कोर्ट पर दिखेंगी. सानिया मिर्जा ने बुधवार को ऑस्ट्रेलियन ओपन 2022 में महिला युगल के पहले दौर में हार के बाद संन्यास की घोषणा की. सानिया मिर्जा ने कहा कि मैंने तय किया है कि यह मेरा आखिरी सीजन होगा. मुझे नहीं पता कि मैं इस सीजन भी पूरा खेल पाऊंगी. स्लोवेनिया की काजा जुवान और तमारा जिदानसेक ने पहले दौर में मिर्जा और किचेनोक को 6-4, 7-6 से हराया.
सानिया मिर्जा ने महिला डबल्स में 2016 में ऑस्ट्रेलियन ओपन, 2015 में विम्बलडन और यूएस ओपन का खिताब जीता था. वहीं, मिक्स्ड डबल्स में वह 2009 में ऑस्ट्रेलियन ओपन, 2012 में फ्रेंच ओपन और 2014 में यूएस ओपन का खिताब जीत चुकी हैं.
मैच के बाद सानिया ने क्या कहा
ऑस्ट्रेलिया ओपन में अपने मुकाबले के बाद सानिया मिर्जा ने कहा, 'संन्यास लेने के कुछ कारण हैं. मुझे लगता है कि मेरे ठीक होने में अधिक समय लग रहा है, मैं अपने 3 साल के बेटे को उसके साथ इतनी यात्रा करके जोखिम में डाल रही हूं, यह कुछ ऐसा है जिसे मुझे ध्यान में रखना है. मुझे लगता है कि मेरा शरीर खराब हो रहा है. आज मेरा घुटना बहुत दर्द कर रहा था और मैं यह नहीं कह रही कि यही कारण है कि हम हार गए लेकिन मुझे लगता है कि मुझे ठीक होने में समय लग रहा है.' -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा -जय प्रकाश ठाकुर
दंतेवाड़ा : श्री विनय कुमार सिंह पुलिस उप महानिरीक्षक (ऑप्स) सी.आर.पी.एफ. दंतेवाड़ा, श्री सुरेन्द्र सिंह कमाण्डेंट 231 बटालियन सी.आर.पी.एफ के मार्गदर्शन में चलाये जा रहे हैं "बस्तर के वास्ते अमन के रास्ते " नक्सल विरोधी अभियान के तहत शासन की पुनर्वास नीति और नक्सलियों पर बढ़ते दबाव के चलते कुल 04 नक्सल सदस्यों ने दिनांक 18/01/2022 को पुलिस उप महानिरीक्षक (परिचालन) केरिपुबल रेंज दन्तेवाडा मुख्यालय में आत्मसमर्पण किया।
आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी कमाण्डर / सदस्य 1 फुलपाड मिलिशिया सदस्य हरुमा उर्फ गुकेश पिता राजा, उम्र 32 वर्ष, गाम फुलपाड धाना कुआकोण्डा, जिला दन्तेवाडा 2 फुलपाड मिलिशिया सदस्य मुक्का बट्टी पिता जोगा बट्टी उम्र 35 वर्ष, ग्राम फुलपाड थाना कुआकोण्डा, जिला दन्तेवाडा.3. फुलपाङ डीएकेएमएस सदस्य हडमा राम महावी पिता भीमा मडानी उम्र 10 वर्ष, गम फुलपाड थाना कुआकोण्डा, जिला दन्तेवाडा 4. फलपाड डीएकेएमएस सदस्य सुक्का मडावी पिता कोशा मडावी, उम्र 38 वर्ष गाम फुलपाद थाना कुआकोण्डा, जिला दन्तेवाड़ा के रहने वाले है उक्त सभी माओवादी विचारधारा से तंग आकर 231 वी वाहिनी सी०आर०पी०एफ० के प्रयासों से समाज की मुख्यधारा से जुड़ने के लिए आज श्री विनय कुमार सिंह उप महानिरीक्षक (परि) केरिपुबल दन्तेवाडा, श्री सुरेन्द्र सिंह कमाण्डेट 231बटालियन केरिपुनल, श्री सिद्धाथ तिवारी (मा.मु.से.) पुलिस अधीक्षक दन्तेनाडा, श्री मुनीश कुमार, द्वितीय कमान अधिकारों (ऑप्स) - 231 बटालियन, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री राजेन्द्र जायसवाल (रा.पु. से.), उप पुलिस अधीक्षक श्री कमलजीत पाटले (रा.पु.से.) के समक्ष आत्मसमर्पण किया।
उका नक्सली सदस्य नक्सली कमाण्डर आयतु सन्ना सोढी, लखमा, मडकामी हिडमा किरन के कहने पर नक्सली संगठन से जुड़कर मिलिशिया सदस्य का कार्य कर रहे थे जिसमें संतरी ड्यूटी, नक्सलीयों के लिए खाने की सामग्रीयों की आपूर्ति करना मीटिंग के लिए गांव वालों को डरा धमका कर इकट्ठा करना, जगह जगह पर माओवादी विचारधारा का बैनर / पोस्टर लगाना तथा पुलिस फोर्स को नुकसान पहुंचाने के लिए आई०ई०डी० लगाना तथा फोर्स के आने की सूचना देने का कार्य करते थे । -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा -जय प्रकाश ठाकुर
तेलंगाना एवं छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती क्षेत्र के थाना पेरूर, ईलमिड़ी एवं उसूर अंतर्गत पहाड़ी क्षेत्र में तेलंगाना स्टेट कमेटी के सीनियर माओवादी लीडर सुधाकर डीव्हीसीएम, वेंकटापुरम एसीएम सहित लगभग 40-50 सशस्त्र नक्सलियों के जमावड़े की सूचना मिली थी। 17 जनवरी को को तेलंगाना की ग्रेहाउंड्स बल एवं बीजापुर जिले से DRG, CRPF का बल रवाना किया गया था। मंगलवार की सुबह सात बजे बीजापुर के थाना ईलमिड़ी के ग्राम सेमलडोडी एवं तेलंगाना राज्य के थाना पेरूर के ग्राम पेनुगोलू के सीमावर्ती क्षेत्र में सुरक्षा बलों एवं माओवादियों के बीच मुठभेड़ हो गई। कई घंटों की मुठभेड़ के बाद जवानों को भारी पड़ता देख माओवादी जंगल का फायदा उठाकर भाग खड़े हुए। घटना स्थल की सर्चिंग करने पर एक महिला माओवादी सहित 4 नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं। मुठभेड़ में ग्रेहाउंड का एक जवान घायल हो गया, जिसको उपचार के लिए हेलीकाप्टर से एयर लिफ्ट कर वारंगल अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पहली घटना-
तेलंगाना एवं छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती क्षेत्र के थाना पेरूर, ईलमिड़ी एवं उसूर अंतर्गत पहाड़ी क्षेत्र में तेलंगाना स्टेट कमेटी के सीनियर माओवादी लीडर सुधाकर डीव्हीसीएम, वेंकटापुरम एसीएम सहित लगभग 40-50 सशस्त्र माओवादियों के उपस्थिति की सूचना के आधार पर दिनांक 17.01.2022 को तेलंगाना की ग्रेहाउंड्स बल एवं बीजापुर जिले से DRG/CRPF का बल रवाना किया गया।
अभियान के दौरान दिनांक 18.01.2022 को प्रातः लगभग 07ः00 बजे जिला बीजापुर के थाना ईलमिड़ी के ग्राम सेमलडोडी एवं तेलंगाना राज्य के थाना पेरूर के ग्राम पेनुगोलू के सीमावर्ती क्षेत्र में सुरक्षा बलों एवं माओवादियों के बीच मुठभेड़ हुई।
मुठभेड़ पश्चात् घटना स्थल की सर्चिंग के दौरान 01 महिला माओवादी सहित 04 माओवादियों के शव बरामद किये गये।
उक्त मुठभेड़ में Greyhounds का 01 जवान घायल हो गया, जिसको उपचार हेतु हेलीकाप्टर से Airlift कर वारंगल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां ईलाज जारी है। वर्तमान में घटना स्थल के आसपास के क्षेत्र में पुलिस द्वारा सर्चिंग जारी है।
दूसरी घटना-
जिला दन्तेवाड़ा/सुकमा/बस्तर के सीमावर्ती क्षेत्र दिनांक 17.01.2022 को जिला दक्षिण बस्तर दन्तेवाड़ा के थाना कटेकल्याण से लगे सरहदी जिला सुकमा/बस्तर के थाना तोंगपाल, टहकवाड़ा क्षेत्र के ग्राम मोरेंगा, जुनापानी, जैमेर पहाड़ी, नंदेल डोंगरी, मार्जुम, धु्रवापारा क्षेत्र में दरभा डीव्हीसीएम मंगतू, कटेकल्याण एरिया कमेटी सदस्य मंहगू, मुन्नी, प्रदीप, सोमडू के साथ लगभग 20-25 की संख्या में सशस्त्र माओवादियों की उपस्थित होने की आसूचना मिलने पर उक्त माओवादियों के विरूद्ध नक्सल विरोधी अभियान संचालित किया गया।
अभियान के दौरान दिनांक 18.01.2022 को प्रातः जिला दन्तेवाड़ा व सुकमा के सीमावर्ती क्षेत्र मार्जुम (थाना कटेकल्याण) एवं प्रतापगिरी (थाना तोंगपाल) के जंगल, पहाड़ी में डीआरजी टीम एवं माओवादियों के बीच मुठभेड़ हुई।
मुठभेड़ के पश्चात् घटना स्थल की सर्चिंग के दौरान 01 महिला माओवादी का शव बरामद किया गया।
प्राथमिक तौर पर उक्त महिला माओवादी को एरिया कमेटी सदस्य मुन्नी के रूप में शिनाख्त किया गया।
वर्तमान में घटनास्थल के आसपास के क्षेत्र में पुलिस द्वारा सर्चिंग जारी है।
कार्यालय पुलिस महानिरीक्षक
बस्तर रेंज
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवादिनों-दिन बढ़ रहा ‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’ की बिक्री का आंकड़ा: वर्ष 2021-22 के प्रथम9 माह में ही 4.34 करोड़ के उत्पादों की बिक्री
30 संजीवनी केंद्रों सहित धन्वन्तरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर्स में भी हर्बल उत्पादों की उपलब्धता
राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ 150 से अधिक मूल्य वर्धित उत्पादों का कर रहा है उत्पादन
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में प्रदेश के वनवासियों को लघु वनोपजों और वन औषधियों के संग्रहण, प्रसंस्करण और मार्केटिंग के जरिए रोजगार और आय के साधन उपलब्ध कराने के काम में अच्छी सफलता मिल रही है। छत्तीसगढ़ हर्बल्स ब्रांड नेम से बेचे जाने वाले उत्पादों के व्यापार में हर साल दिन दूनी रात चौगुनी वृद्धि दर्ज की जा रही है। राज्य में वर्ष 2019-20 के बीच में जहां सवा करोड़ रुपए मूल्य के छत्तीसगढ़ हर्बल उत्पादों का व्यापार हुआ था, वहीं वर्ष 2020-21 में दो करोड़ 15 लाख रुपए का और चालू वित्त वर्ष 2021-22 के प्रथम 9 माह में 4 करोड़ 34 लाख रुपए मूल्य के हर्बल उत्पादों की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मार्केट में बिक्री हो चुकी है। इस तरह छत्तीसगढ़ हर्बल्स का व्यापार अन्तर्राष्ट्रीय स्तर तक पहुंच चुका है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व और वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में राज्य में लघु वनोपजों के संग्रहण और छत्तीसगढ़ हर्बल के उत्पाद की बिक्री का आंकड़ा दिनों-दिन बढ़ रहा है। छत्तीसगढ़ के आदिवासियों महिला स्व सहायता समूह और वनवासियों द्वारा तैयार किए जाने वाले हर्बल उत्पादों को अच्छा बाजार उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार द्वारा सुनियोजित प्रयास किए गए प्रदेश के सभी जिलों में 30 संजीवनी केंद्र प्रारंभ किए गए है।
छत्तीसगढ़ हर्बल्स, छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज (व्यापार और विकास) सहकारी संघ की एक इकाई हैंस राज्य के प्रचुर मात्रा में प्राकृतिक संसाधन जंगलो में और उसके आसपास रहने वाले व्यक्तियों, विशेषकर आदिवासियों की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ 52 लघु वनोपज खरीदता है और 150 से अधिक मूल्य वर्धित उत्पादों का उत्पादन कर रहा है। संघ ने उत्पादों की खुदरा बिक्री के लिए राज्य के सभी प्रमुख जिलों में 30 संजीवनी केंद्र स्थापित किए हैं। वर्ष 2021-2022 के दौरान, छत्तीसगढ़ हर्बल्स के उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए नई रणनीतियों को अपनाया और नई बिक्री तकनीकों को लागू किया गया। हर्बल उत्पादों के वितरण नेटवर्क के प्रबंधन के लिए एक निजी फर्म को काम पर रखने से नए क्षेत्र खुले हैं। अवनि आयुर्वेद प्राइवेट लिमिटेड को मार्च 2021 में छत्तीसगढ़ हर्बल्स के अधिकृत वितरक के रूप में नियुक्त किया गया था। संजीवनी आउटलेट के प्रभावी प्रबंधन और उत्पादों की मजबूत आपूर्ति श्रृंखला ने उत्पाद की उपलब्धता सुनिश्चित की। उत्पादों के संरचित विज्ञापन और प्रचार से संजीवनी केन्द्रो और उत्पादों की दृश्यता बढ़ी स प्रचार के लिए विभिन्न विपणन सामग्रियों का उपयोग किया गया। समाचार पत्र, होर्डिंग्स, सूचना पत्रक वितरण आदि समय-समय पर किए गए डीलर, सब-डीलर और रिटेलर्स के माध्यम से ओपन रिटेल मार्केट नेटवर्क में छत्तीसगढ़ हर्बल्स के प्रवेश से उत्पादों को बाजार और ग्राहकों तक पहुंचना आसान हो गया। धीरे-धीरे छत्तीसगढ़ के सभी प्रमुख जिलों में डीलरों की नियुक्ति की गई है। वितरक द्वारा 9 माह में 15 डीलर नियुक्त किए गए।
विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय और अंतर्राज्यीय स्तर की प्रदर्शनियों में छत्तीसगढ़ हर्बल्स की उपस्थिति ने विश्व स्तर पर उत्पादों की पहुंच का विस्तार किया। छत्तीसगढ़ हर्बल्स ने दुबई में अंतर्राष्ट्रीय गल्फ फूड फेस्टिवल, दिल्ली में इंटरनेशनल इंडसफूड इवेंट, दिल्ली में ट्राइबल फेस्टिवल, भोपाल में इंटरनेशनल हर्बल फेयर, छत्तीसगढ़ दिवाली हाट मेला, राज्योत्सव और मॉल में प्रदर्शनियों में भाग लिया। सरकारी और निजी संगठनों द्वारा आयोजित विभिन्न महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में समय पर प्रदर्शनियां लगाई जाती हैं।
अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसे ऑनलाइन सेल प्लेटफॉर्म में छत्तीसगढ़ हर्बल्स के प्रवेश ने देश भर में उत्पादों की उपलब्धता सुनिश्चित की। देश के लगभग हर राज्य से ऑर्डर मिल रहे हैं। इस कदम से छत्तीसगढ़ हर्बल्स के सेल्स को बढ़ावा मिला। ग्रामीण ई-स्टोर के सीएससी नेटवर्क के साथ समझौते ने ग्रामीण बाजार में भी छत्तीसगढ़ हर्बल ने प्रवेश की शुरुआत की। छत्तीसगढ़ के अपने जेनेरिक मेडिकल स्टोर्स -धन्वन्तरि में भी छत्तीसगढ़ हर्बल्स की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। उत्पादों की बेहतर पैकेजिंग ने इसे ग्राहकों के लिए आकर्षक बना दिया है। संजीवनी आउटलेट के नवीनीकरण ने ग्राहकों को आकर्षित किया और ग्राहकों की संख्या में वृद्धि की। छत्तीसगढ़ हर्बल्स में अनाज, मसाले, कुकीज, पर्सनल केयर आइटम आदि जैसी नई उत्पाद श्रृंखला के जुड़ने से ग्राहकों को खरीदारी करने के लिए व्यापक रेंज मिली। ग्राहकों की सुविधा के लिए गिफ्ट हैंपर्स की प्रीमियम श्रृंखला बनायीं गयी और स्टोर्स में इनकी उपलब्धता सुनिश्चित कराई गयी। ग्राहकों ने इन गिफ्ट हैंपर्स को हाथों-हाथ अपनाया।
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एजेंसीनई दिल्ली : चुनाव आयोग ने पंजाब में अब 20 फरवरी को मतदान कराने का फैसला किया है. पंजाब में विधानसभा चुनाव के लिए पहले 14 फरवरी को वोटिंग होनी थी लेकिन राज्य सरकार और विभिन्न सियासी पार्टियों ने चुनाव की तारीख आगे बढ़ाने का आग्रह किया था. गौरतलब है कि पंजाब की सभी 117 सीटों पर एक ही चरण में 14 फरवरी को वोट डाले जाने थे लेकिन अब वोटिंग की तारीख आगे बढ़ाकर 20 फरवरी कर दी गई है.
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने चुनाव आयोग को चिट्टी लिखकर सुझाव दिया था कि 14 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव को गुरु रविदास जयंती को ध्यान में रखते हुए कम से कम छह दिनों के लिए टाल दिया जाना चाहिए. मतदान की तारीख़ के दो दिन बाद 16 फ़रवरी को रविदास जयंती है. पंजाब के सीएम ने पत्र में लिखा था कि अनुसूचित जाति समुदाय के प्रतिनिधियों, जिसमें पंजाब की आबादी का 32 प्रतिशत शामिल है, ने उन्हें बताया है कि रविदास जयंती की वजह से बड़ी संख्या में समुदाय के लोग 10 से 16 फरवरी को वाराणसी जाते हैं. ऐसी स्थिति में कई लोग विधानसभा चुनाव के लिए अपना वोट नहीं डाल पाएंगे, जो संवैधानिक अधिकार है.
बीजेपी और उसकी सहयोगी कैप्टन अमरिंदर सिंह की पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस ने भी चुनाव आयोग को ख़त लिखकर पंजाब में 14 फरवरी को होने वाले मतदान को आगे बढ़ाने का आग्रह किया था. पंजाब बीजेपी के महासचिव सुभाष शर्मा ने रविवार को मुख्य चुनाव आयुक्त को लिखे लेटर में कहा था, "राज्य में अनुसूचित जाति समुदाय सहित गुरु रविदास जी के अनुयायियों की अच्छी खासी संख्या है, जो यहां की आबादी का करीब 32 प्रतिशत है. इस पवित्र अवसर पर, लाखों लोग गुरपर्व मनाने के लिए उत्तर प्रदेश के बनारस जाएंगे. इसलिए उनके लिए मतदान प्रक्रिया में भाग लेना संभव नहीं होगा."आप की पंजाब इकाई के प्रमुख भगवंत मान ने भी चुनाव आयोग से इसी तरह की गुहार लगाई थी. -
मीडिया रिपोर्टनई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय की ओर से समाजवादी पार्टी की मान्यता खत्म करने की मांग करते हुए अर्जी दाखिल की गई है। इस अर्जी में कहा गया है कि चुनाव में उम्मीदवार तय करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सपा ने उल्लंघन किया है और इसके लिए उसकी मान्यता खत्म की जाए। अश्विनी उपाध्याय ने एक टीवी चैनल से बातचीत करते हुए कहा कि यूपी के कैराना से नाहिद हसन को उतारकर सपा ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन किया है। उपाध्याय ने कहा, 'समाजवादी पार्टी ने कैराना से एक गैंगस्टर को चुनाव मैदान में उतार दिया। उसका क्रिमिनल रिकॉर्ड अपने ट्विटर अकाउंट और वेबसाइट पर सपा ने जारी नहीं किया। इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट मीडिया और सोशल मीडिया में भी कोई जानकारी नहीं दी गई।'
अधिवक्ता ने कहा कि मैंने सुप्रीम कोर्ट में दायर अर्जी में मांग की है कि सपा अध्यक्ष की ओर से उच्चतम न्यायालय के आदेश की अवहेलना की गई है। ऐसे में चुनाव आयोग को आदेश दिया जाए कि वह उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करे। हालांकि नाहिद हसन को यूपी पुलिस की ओर से गिरफ्तार किए जाने के बाद समाजवादी पार्टी उनका टिकट भी काट चुकी है। विरोध के बाद सपा ने नाहिद हसन की बहन को टिकट दिया है।
हालांकि भाजपा अब भी इस मामले पर सपा पर आक्रामक है। खुद सीएम योगी आदित्यनाथ हमला बोलते हुए कह चुके हैं कि सपा की पहली ही लिस्ट से उसके इरादे साफ हैं कि वह कैसे पश्चिम यूपी को गुंडाराज में झोंकने की तैयारी में है। अश्विनी उपाध्याय ने अपनी अर्जी में सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि चुनाव आयोग को आदेश दिया जाए कि वह यह सुनिश्चित करे कि हर पार्टी अपने प्रत्याशियों पर दर्ज मुकदमों के बारे में जानकारी प्रकाशित करे। इसके अलावा अपनी वेबसाइट पर यह जानकारी भी दे कि आखिर आपराधिक मुकदमे दर्ज होने के बाद भी उसे प्रत्याशी क्यों बनाया गया है।
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मीडिया रिपोर्टनई दिल्ली : कोरोना के नए वैरिंएट ओमिक्रॉन के खतरे के बीच होने जा रही गणतंत्र दिवस परेड में इस बार 24 हजार लोग ही शामिल हो सकेंगे। न्यूज एजेंसी पीटीआई ने रक्षा सूत्रों के हवाले से यह दावा किया है। वहीं पिछले साल गणतंत्र दिवस की परेड में 25 हजार लोगों को शामिल होने की अनुमति दी गई थी। जबकि, 2020 में कोरोना महामारी से पहले हुई परेड में 1.25 लोगों को शामिल होने की अनुमति थी।
नहीं होगा कोई विदेशी मेहमानगणतंत्र दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में विदेशी मेहमानों को निमंत्रण देने की परंपरा है। हालांकि, इस बार कोरोना महामारी को देखते हुए कोई विदेशी मेहमान इसमें शामिल नहीं होगा। पिछले साल हुई परेड में भी कोई विदेशी नेता शामिल नहीं हुआ था। सूत्रों ने बताया कि इस बार उज्बेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिज़ गणराज्य और ताजिकिस्तान के नेताओं को आमंत्रित करने की योजना थी।
19 हजार लोगों को भेजा जाएगा निमंत्रणरक्षा सूत्रों का कहना है कि परेड में इस बार 24 हजार लोगों को शामिल होने की अनुमति है, जिसमें 19 हजार लोगों को निमंत्रण भेजा जाएगा। वहीं बाकी पांच हजार आम जनता होगी, जो टिकट खरीदकर परेड शामिल हो सकते हैं।