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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवामुख्यमंत्री शामिल हुए ग्राम देवपुर में आयोजित संत कबीर सत्संग मेला में
मेला क्षेत्र सौंदर्यीकरण, कबीर आश्रम विकास के लिए 20 लाख रूपए व जैतखाम निर्माण के लिए 10 लाख रूपए देने की घोषणा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि संत कबीर के उत्कृष्ट विचारों का छत्तीसगढ़ में गहरा प्रभाव पड़ा है, जिसके सैकड़ों उदाहरण समाज में विद्यमान हैं। संत कबीर के ज्ञान का प्रकाश आज भी मानव समाज को आलोकित कर रहा है। वे न सिर्फ एक संत, कवि और प्रखर समाज सुधारक थे, बल्कि उससे भी आगे बढ़कर उन्होंने लोगों को जीवन जीने की शैली बताई। श्री बघेल आज धमतरी विकासखण्ड के डोंगेश्वर धाम (डोंगापथरा) देवपुर में आयोजित परख कबीर सत्संग मेला एवं युवोदय कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने यहां सत्संग भवन सह-ध्यान कक्ष और मनन वाटिका का भूमिपूजन करने के साथ ही सद्गुरू अभिलाष साहेब वाचनालय का लोकार्पण भी किया। उन्होंने मेला क्षेत्र के सौंदर्यीकरण की घोषणा के साथ ही संत कबीर आश्रम के विकास के लिए 20 लाख रुपए मंजूर करने और जिला पंचायत अध्यक्ष के आग्रह पर जैतखाम निर्माण के लिए सतनामी समाज को 10 लाख रुपए स्वीकृत करने का भी ऐलान किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संत कबीर ने सामाजिक कुरीतियों, अंधविश्वास पर कड़े कटाक्ष कर हमें बताया कि ईश्वर के बाद केवल सत्य है। साढ़े छह सौ साल बीतने के बाद भी महान समाज सुधारक और संत कबीर पर शोध किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनने के लिए अनेक कदम उठाए गए है। किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी की जा रही है। गौठानों में महिला स्व-सहायता समूहों को वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने में बड़ी संख्या में रोजगार दिलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अभी गोबर से घर के आंगन लीपे जाते हैं, अब आगे इससे दीवारों की पेंटिंग भी की जाएगी। नशाबंदी के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक सामाजिक बुराई है और इसे दूर करने के लिए सर्वसमाज को दृढ़संकल्प के साथ आगे आना होगा। कार्यक्रम में बाराबंकी उत्तरप्रदेश के पधारे संत निष्ठा साहेब और देवपुर कबीर सत्संग सेवा संस्थान के प्रमुख रविकर साहेब ने कबीरपंथ के उद्देश्य पर संक्षिप्त में प्रकाश डाला। इसके पहले मुख्यमंत्री ने डोंगेश्वर धाम के दर्शन कर प्रदेशवासियों की खुशहाली और प्रगति की कामना की।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष श्री रामगोपाल अग्रवाल, छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन, प्रदेश दुग्ध महासंघ के अध्यक्ष श्री विपिन साहू, सिहावा विधायक डॉ. लक्ष्मी ध्रुव, नगर निगम के महापौर श्री विजय देवांगन, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती कांति सोनवानी, उपाध्यक्ष श्री नीशु चंद्राकर, पूर्व विधायक धमतरी श्री गुरुमुख सिंह होरा, कुरूद के पूर्व विधायक श्री लेखराम साहू सहित जिला एवं पुलिस प्रशासन के अधिकारी, स्थानीय जनप्रतिनिधिगण एवं कबीरपंथ से जुड़े अनुयायी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवासेन्ट पॉल केथेड्रल पहुंचकर प्रार्थना में शामिल हुए मुख्यमंत्री
मसीही समाज तथा प्रदेशवासियों को क्रिसमस की दी बधाई
प्रदेश के सुख-समृद्धि की कामना की
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज क्रिसमस पर्व पर राजधानी रायपुर के सेन्ट पॉल केथेड्रल पहुंचकर प्रार्थना में शामिल हुए और प्रदेश के सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना की। उन्होंने मसीही समाज सहित समस्त प्रदेशवासियों को क्रिसमस की बधाई और शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर श्री बघेल ने कहा कि प्रेम, दया, करुणा और ईश्वर पर विश्वास ही मुक्ति का रास्ता है। यही रास्ता प्रभु यीशु मसीह ने हमें दिखाया है। जहां प्रेम और सद्भाव होगा वहां विकास भी होगा। छत्तीसगढ़ की संस्कृति के मूल्य भी यही हैं और छत्तीसगढ़ शासन का मूलमंत्र भी यही है।
श्री बघेल ने कहा कि प्रभु यीशु मसीह ने स्वयं कष्ट सहकर भी पीड़ितों की सेवा करते रहने का मार्ग हमें दिखाया है। पिछले दो-तीन दशकों में पूरी दुनिया में मानव-मूल्यों में तेजी से गिरावट आई है। हिंसा और घृणा का वातावरण घना हुआ है। ऐसे में प्रभु यीशु मसीह के संदेशों की प्रासंगिकता और बढ़ जाती है। हम सभी को उनकी शिक्षाओं को याद रखने और उनका अनुसरण करने की जरूरत है। नफरत का रास्ता जंग और अशांति का रास्ता है, जबकि प्रेम का रास्ता शांति और सद्भाव का रास्ता है। प्रभु यीशु मसीह ने जिन गुणों को धारण करने का आदेश दिया है, वे सभी गुण हमारी छत्तीसगढ़िया संस्कृति में हमेशा से विद्यमान है। सभी तरह के विश्वासों और परंपराओं का आदर ही हमारी सांस्कृतिक विशेषता है।
श्री बघेल ने कहा कि पिछले तीन वर्षों के दौरान हमने अधोसंरचना के निर्माण के साथ-साथ अपने सामाजिक ताने-बाने को मजबूत बनाने के लिए भी काम किया है। तीन वर्ष पहले हम लोगों ने नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने का संकल्प लिया था। हमारे सपनों का वह छत्तीसगढ़ आज साकार होकर सबके सामने हैं। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर केथेड्रल में उपस्थित लोगों के साथ केक काटकर क्रिसमस सेलिब्रेट किया। चर्च में उपस्थित सभी लोगों ने प्रभु की प्रार्थना की। चर्च के गायन दल ने कैरोल गीत प्रस्तुत किए। नवनिर्वाचित बिशप श्री अजय जेम्स द्वारा मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत किया गया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मण्डल के अध्यक्ष श्री कुलदीप जुनेजा, अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष श्री महेन्द्र छाबड़ा, विधायक श्रीमती रेणु जोगी, महापौर श्री ऐजाज ढेबर, पूर्व विधायक श्री अमित जोगी सहित मसीही समाज के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री ‘स्पीकआउट छत्तीसगढ़-2021’ कार्यक्रम में शामिल हुए
उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिला स्वसहायता समूहों को किया सम्मानित
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि किसानों को उनकी उपज का अच्छा दाम, युवाओं को रोजगार, महिलाओं को पूर्ण सम्मान और स्थानीय संस्कृति को नई पहचान देकर तथा आदिवासियों का उत्थान कर हम नवा छत्तीसगढ़ गढ़ रहे हैं। ‘ग्राम स्वराज’ के स्वप्नद्रष्टा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं वर्षगांठ पर ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए छत्तीसगढ़ में सुराजी गांव योजना की शुरूआत की गई है। लोगों को आर्थिक रूप से संपन्न बनाने के लिए किसानों की कर्जमाफी, अच्छी कीमत पर फसलों की खरीदी, वनोपजों की खरीदी और उनके मूल्य संवर्धन (Value Addition) के लिए प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना जैसे कई काम किए गए हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज रायपुर में ‘आउटलुक ग्रुप’ द्वारा आयोजित ‘स्पीकआउट छत्तीसगढ़-2021’ को संबोधित करते हुए इस आशय के विचार व्यक्त किए। उन्होंने कार्यक्रम में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिला स्वसहायता समूहों को सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कार्यक्रम में कहा कि जिन समाजों ने महिलाओं की अनदेखी, उपेक्षा और उन्हें घर की चहारदीवारी में बंद करने का प्रयास किया है, उन्हें पराभव का मुख देखना पड़ा है। पुराने समय में महिलाओं को शिक्षा और रोजगार से दूर रखा गया। उन्हें चहारदीवारी में बंद कर उपभोग की वस्तु बना दी गई। देश की आजादी के समय महिलाओं को संपत्ति रखने तक का अधिकार नहीं था। देश का संविधान बनने के बाद राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और संवैधानिक तौर पर महिलाओं के उत्थान के काम हुए, पर अनेक कोशिशों के बाद भी ‘आधी आबादी’ को पूरा हक नहीं मिल पाया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गतिमान बनाए रखने के लिए स्वसहायता समूहों की महिलाएं अच्छा काम कर रही हैं। वे घर के काम-काज निपटाने के साथ ही स्वरोजगार कर परिवार की आय बढ़ा रही हैं। महिला समूहों द्वारा निर्मित अनेक उत्पादों की अच्छी मांग है। गौठानों में विभिन्न आजीविकामूलक गतिविधियों के संचालन के साथ ही महिलाएं बड़े पैमाने पर वर्मी कंपोस्ट बनाने का काम कर रही हैं। प्रदेश की 70 हजार महिलाएं इस काम में लगी हुई हैं। डीएपी खाद की कमी होने पर गौठानों में निर्मित वर्मी कंपोस्ट और सुपर कंपोस्ट ने इसका अच्छा विकल्प दिया है। बहुत से किसानों ने अपने खेतों में इसका उपयोग किया है। इसने छत्तीसगढ़ को जैविक राज्य (Organic State) बनने की दिशा में अग्रसर किया है।
श्री बघेल ने कहा कि प्रदेश में गौपालन को अर्थ से जोड़ा जा रहा है। गौठान के रूप में प्रदेश भर में एक लाख एकड़ से अधिक जमीन संरक्षित की गई है। पशुपालकों से गोबर की खरीदी की जा रही है। उन्होंने कहा कि गोबर अब केवल लिपने के काम नहीं आ रहा है। इससे अब दीवारों की पुताई भी होगी। गोबर से पेंट बनाने के लिए एमओयू किया गया है। गौठानों में इससे बिजली बनाने का भी काम चल रहा है। स्वसहायता समूहों की महिलाएं गोबर के अनेक उत्पाद बनाकर कमाई कर रही हैं
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि किसी भी काम में महिलाओं का साथ सफलता की गारंटी होती है। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान प्रदेश की 70 हजार मितानिनों ने इस पर नियंत्रण पाने में बड़ी भूमिका निभाई। कोरोना के लक्षण दिखने पर मितानिनों ने तत्काल लोगों को दवाईयां उपलब्ध कराईं। उन्होंने कहा कि स्वच्छता दीदियों के योगदान से छत्तीसगढ़ पिछले तीन वर्षों से देश के स्वच्छतम राज्यों में शुमार है। श्री बघेल ने कहा कि मैं प्रदेश की महिलाओं को सलाम करता हूं जो हमारा मान-सम्मान बढ़ा रही हैं। वे अपनी उपलब्धियों से प्रदेश को गौरवान्वित कर रही हैं।
नगरीय प्रशासन एवं विकास तथा श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर स्वसहायता समूहों के काम को आगे बढ़ाने के लिए हर जिले में काम हो रहा है। प्रदेश की सभी 169 नगरीय निकायों में साफ-सफाई के लिए स्वच्छता दीदी अच्छा काम कर रही हैं। यहां के स्वच्छता दीदियों को सर्वाधिक मानदेय मिल रहा है। महिला सशक्तिकरण के लिए छत्तीसगढ़ में अनुकरणीय काम हो रहा है। मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री राकेश चतुर्वेदी, जनसंपर्क विभाग के आयुक्त श्री दीपांशु काबरा और आउटलुक ग्रुप के सीईओ श्री इंद्रनील राय भी कार्यक्रम में मौजूद थे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
महिलाओं की सुरक्षा के लिए इंटीग्रेटेड प्लान सराहनीय कदम
रायपुर : विकसित देशों पर नजर डालने पर यह बात पता चलती है कि वहां के विकास की भागीदारी में जितना योगदान पुरूषों का है, उतना ही योगदान वहां की महिलाओं का है। इन देशों की महिलाएं वहां की अर्थव्यवस्था में बराबरी से भूमिका निभा रही हैं। देश और प्रदेश की तरक्की के लिए महिलाओं को हर क्षेत्र में आगे बढ़ाना जरूरी है इसलिए महिलाओं को उनके विकास के लिए जरूरी वातावरण और सुविधाएं देने के साथ ही उन्हें उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करना आवश्यक है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में नई सरकार ने प्रदेश में महिलाओं के हर क्षेत्र में उनकी प्रभावी भूमिका के निर्वहन के लिए उन्हें सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने और महिला सुरक्षा के लिए इंटीग्रेटेड प्लान तैयार करने की पहल की है। इस प्लान में महिलाओं के हितों और उनकी सुरक्षा से जुडे़ सभी मामलों पर विभिन्न विभागों से समन्वय कर जरूरी सहायता उपलब्ध कराने की पहल की जा रही है।
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा महिला सुरक्षा से जुड़े इंटीग्रेटेड प्लान में आधुनिक सूचना प्रौद्योगिकी और सोशल मीडिया का भी उपयोग किया जाएगा ताकि महिलाओं की सुरक्षा से जुडे विभिन्न मुद्दों पर त्वरित रूप से सहायता पहुंचायी जा सकेगी। इस प्लान में ट्विटर, वाट्सएप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म की भी मदद लेने की व्यवस्था होगी। संकटकालीन परिस्थितियों में महिलाओं को सहायता उपलब्ध कराने के लिए मोबाईल आधारित मल्टीपल एप की व्यवस्था भी शुरू करने की योजना है। पुलिस प्रशासन को भी महिला अपराधों की रोकथाम के लिए संवेदनशील बनाया जा रहा है। महिला अपराधों पर नियंत्रण के लिए पुलिस को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पुलिस प्रशासन और महिलाओं के कल्याण और विकास से जुड़े विभागों में तालमेल के साथ ही अपराधिक प्रकरणों पर जल्द कार्यवाही के लिए रणनीति बनायी जाएगी।
छत्तीसगढ़ में महिला अपराधों की रोकथाम के लिए महिला थानों की स्थापना के साथ ही साइबर अपराधों पर अंकुश के लिए विशेष साइबर थानों की स्थापना भी की गई है। महिला अपराधों पर नियंत्रण के लिए सब्बो बर एक्के नंबर 112 पर डायल करने की सुविधा दी गई है। सामाजिक अपराधों से पीड़ित महिलाओं को विभिन्न प्रकार की सहायता उपलब्ध कराने के लिए वर्तमान में सभी जिलों में सखी वन स्टाफ सेंटर प्रारंभ किए गए हैं। देश का पहला सखी वन स्टाफ सेंटर राजधानी रायपुर में प्रारंभ किया गया था। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संकट में महिलाओं की मदद के लिए टोल फ्री नंबर 181 संचालित की जा रही है। घर के भीतर या बाहर किसी भी प्रकार की घटना, प्रताड़ना या संकट होने पर महिलाएं हेल्पलाइन नंबर 181 की मदद ले सकती हैं। किसी महिला की तरफ से कोई दूसरा व्यक्ति भी मदद के लिए 181 नंबर पर कॉल कर सकता है। घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाएं भी मदद के लिए फोन कर सकती हैं। यहां मामले की गंभीरता को देखते हुए कानूनी सलाह,स्वास्थ्य और आवास संबंधी सहायता पहुंचाई जाती है। वाट्सअप, फेसबुक, ट्विटर, ईमेल और वेबसाइट के माध्यम से भी महिला हेल्पलाइन-181 से मदद ली जा सकती है। इसके अलावा राज्य सरकार प्रदेश के शहरों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए शहर में पिंक गश्त टीमें गठित की गई है, जिसमें रायपुर पुलिस की कुल 152 महिला पुलिस शामिल है, जो अलग-अलग थाना क्षेत्रों में जाकर उक्त अभियान के तहत् महिलाओं को जागरूक करने का कार्य करेगी।राज्य सरकार द्वारा महिलाओें को न केवल भयमुक्त वातावरण उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं बल्कि उनके सर्वांगीण विकास के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। सुराजी गांव योजना में बनाए जा रहे गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने महिला स्व सहायता समूह को जोड़ा गया है। इसके साथ ही राष्ट्रीय आजीविका मिशन के माध्यम से विभिन्न प्रकार के उत्पाद तैयार कर रही हैं, इससे उनमें आत्मनिर्भरता आ रही है। महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण के स्थिति को बेहतर बनाने के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण योजना जैसी अनेक शुरू की गई है। छत्तीसगढ़ खाद्य सुरक्षा कानून के तहत राशन कार्ड परिवार की महिला मुखिया के नाम पर बनाए जा रहे हैं। 18 से 50 वर्ष की विधवाओं के लिए पेंशन की व्यवस्था के साथ ही राज्य सरकार के आवास योजना में महिला मुखिया के नाम पर आवास दिए जा रहे हैं। महिलाओं के नाम पर भूमि आवास की रजिस्ट्री में एक प्रतिशत की छूट दी जा रही है। महिलाओं को कॉलेज स्तर तक निःशुल्क शिक्षा, स्वरोजगार के लिए कम व्याज दरों पर ऋण एवं अनुदान प्रदान जैसे कदम उठाए गए हैं। विकास प्रशासन में भागीदारी के लिए महिलाओं को पंचायत और नगरीय निकायों में 50 प्रतिशत और शासकीय सेवाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। इसी प्रकार उन्हें उद्योग और व्यापार के क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की सुविधाएं दी जा रही है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज बिलासपुर जिले के कोटा तहसील अंतर्गत केंदाघाट में हुई बस दुर्घटना पर दुख जताया है। उन्होंने जिला प्रशासन बिलासपुर को बस दुर्घटना के घायलों को तत्काल राहत पहुंचाने और बेहतर उपचार के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की।
गौरतलब है कि अमरकंटक से राजनांदगांव जिले के खैरागढ़ ठेलकाडीह आ रही बाल्वो की बस केंदाघाट में दुर्घटनाग्रस्त हो गई है। इस बस में 40 से ज्यादा यात्री सवार थे। 10 यात्रियों को गंभीर चोटे आई हैं।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवाचिटफंड कंपनियों के निवेशकों को जल्द 01 करोड़ और वापस मिलेंगे
राजनांदगांव जिले में अब तक 11 करोड़ 22 लाख लौटाए जा चुके हैं
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार राजनांदगांव जिले में चिटफंड कंपनियों के खिलाफ जिला प्रशासन द्वारा लगातार कार्रवाई करते हुए निवेशकों को निवेश की राशि लौटाई जा रही है। इसी क्रम में कुछ और कंपनियों पर हुई कार्यवाही से प्राप्त 01 करोड़ रुपये निवेशकों को शीघ्र लौटाए जाएंगे। अब तक कुल 11 करोड़ 22 लाख रुपये की राशि जिले को निवेशकों को वापस दिलाई जा चुकी है।
राजनांदगांव कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा द्वारा चिटफंड कंपनियों पर की जा रही कार्रवाईयों के परिणामस्वरूप अब तक 16 हजार 942 निवेशकों को रकम वापसी के माध्यम से राहत दिलाई जा चुकी है। डोंगरगांव विकासखंड में याल्स्को रियल स्टेट एण्ड एग्रो फार्मिंग लिमिटेड की ग्राम मटिया स्थित सम्पत्ति की नीलामी से प्राप्त राशि तथा अनमोल इंडिया एग्रो हर्बल फार्मिंग एवं डेयरी केयर लिमिटेड द्वारा जमा कराई गई राशि में से कुल 1 करोड़ रूपये का भुगतान जल्द ही निवेशकों को किया जाएगा। चिटफंड कंपनी शुभ साई इंडिया लिमिटेड की डोंगरगढ़ तहसील के ग्राम घोटिया में भी 10 एकड़ जमीन कुर्क की गई है। जिले में अभियान चलाकर लगातार चिटफण्ड कंपनियों के सम्पत्तियों की कुर्क़ी,नीलामी तथा रक़म वापसी की कार्यवाही की जा रही है ।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
अर्थव्यवस्था बचाने के लिए जनता की जेब में पैसा डालना होगा : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल
“समस्या के समाधान के लिए साथ बैठकर चर्चा करना जरूरी”
“हमने उद्योगपतियों से चर्चा के बाद औद्योगिक नीति 2019-24 बनाई”
“किसानों की बात, उद्यमियों के साथ” कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री श्री बघेल
किसान नेता श्री शिवकुमार शर्मा और श्री राकेश टिकैत ने किसान हितैषी फैसलों के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की सराहना की
रायपुर : हमारा देश और प्रदेश कृषि प्रधान है। ऐसे में देश की अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा कृषि पर निर्भर है। व्यापार और उद्योग की अर्थव्यवस्था भी कहीं-न-कहीं किसानों से जुड़ी होती है। उद्योग का पहिया तब घूमेगा जब व्यापारी उनसे सामान खरीदेंगे और व्यापारी का सामान तब बिकेगा जब जनता की जेब में पैसा होगा। अर्थव्यवस्था बचाने के लिए जनता की जेब में पैसा डालना होगा। यह बातें मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने ‘हरिभूमि’ मीडिया समूह के आयोजन “किसानों की बात, उद्यमियों के साथ” के मंच से कहीं। किसानों और उद्योगपतियों की ओर से कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का सम्मान किया गया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री बघेल के साथ कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, किसान नेता श्री शिवकुमार शर्मा ‘कक्का जी’ व श्री राकेश टिकैत एवं ‘हरिभूमि’ मीडिया समूह के प्रधान संपादक श्री हिमांशु द्विवेदी ने मंच साझा किया। कार्यक्रम में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री अमरजीत भगत भी मौजूद थे।
कार्यक्रम में उद्बोधन के दौरान मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सबसे पहले किसान आंदोलन के दरम्यान शहीद हुए 703 किसानों की आत्मा की शांति के लिए मौन धारण कराया और उन्हें श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने अपने उद्बोधन में कहा कि देश में अनाज की कमी को तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी जी ने चुनौती के तौर पर लिया और देश के किसानों से आह्वान किया कि हमें अनाज उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बनना होगा। इसके बाद ही देश में हरित क्रांति आयी। ये वही दौर था जब 1967 में एमएसपी घोषित हुआ। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि हमने सरकार बनने के बाद छत्तीसगढ़ में धान, कोदो, कुटकी, गन्ना, मक्का सबके लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी के साथ उचित कीमत देना शुरू किया। छत्तीसगढ़ कोदो, कुटकी को समर्थन मूल्य में खरीदने वाला देश का पहला राज्य है। यहां तीन हजार रुपए प्रति क्विंटल की दर से इसकी खरीदी की जा रही है। वहीं हमने छत्तीसगढ़ में धान, कोदो, कुटकी, गन्ना, मक्का के साथ ही वनोपजों की खरीदी भी शुरू की, जिसमें 7 से बढ़ाकर 52 प्रकार के लघु वनोपजों को शामिल किया। इसके अलावा हमने वनोपजों का वैल्यू एडिशन भी किया। आज महुआ लड्डू, एनर्जी बार, बस्तर काजू पूरे देश में लोकप्रिय हो रहा है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि केन्द्र सरकार से एक फरमान जारी हुआ, जिसमें कहा गया कि कोई भी राज्य सरकार फसल की खरीदी पर किसानों को बोनस देगी तो उसे केन्द्रीय पुल में नहीं लिया जाएगा, लेकिन फिर दो साल की छूट मिली। उसी छूट में हमने किसानों को बोनस मिलाकर धान खरीदी में प्रति क्विंटल 2500 रुपए दे दिया। केन्द्र सरकार ने बोनस देने पर आपत्ति की और राज्य का चावल लेने से मना कर दिया। केंद्र सरकार की आपत्ति के बाद अब हम किसानों को 10 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से इनपुट सब्सिडी दे रहे हैं। मुख्यमंत्री केन्द्र द्वारा उसना क्वॉलिटी का धान लेने से इंकार करने पर राज्य के किसानों से अरवा क्वॉलिटी के धान उत्पादन की अपील की।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि कृषि उत्पादन का बढ़ना किसी देश और प्रदेश के लिए ताकत होनी चाहिए, समस्या नहीं। हम प्रदेश के अतिरिक्त धान से एथेनॉल ईंधन बनाना चाहते हैं, लेकिन केन्द्र से इसकी अनुमति ही नहीं मिल रही है। गन्ना और मक्का से एथेनॉल बनाने के लिए 12 औद्योगिक घरानों से एमओयू भी हो चुका है और उन्हें जमीन भी दे दी गई है। राज्य में कृषि के साथ उद्योग को भी बढ़ावा देने पर मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि हमने उद्योगपतियों से चर्चा के बाद 2019-24 की औद्योगिक नीति बनाई। अब तक 150 एमओयू हो चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के बाद सबसे पहले उद्योगों का पहिया घूमा है तो वो छत्तीसगढ़ में घूमा है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान व्यापारिक गतिविधियों के संचालन के लिए समय-समय पर व्यापारियों से भी चर्चा की गई और उन्हें आवश्यक राहत पहुंचाई गई।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि हम किसानों का हित करना चाहते हैं लेकिन किसानों के नाम से किसी को बेजा फायदा उठाने नहीं दिया जाएगा। साथ ही डीएपी की कमी पर मुख्यमंत्री ने किसानों, पशुपालकों व ग्रामीणों से गोबर से वर्मी कम्पोस्ट अधिक-से-अधिक बनाने की अपील की। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए सभी प्रकार की चर्चा में शामिल होना चाहिए। लोगों को सुनना चाहिए। असहमति के बावजूद भी उनका सम्मान करना चाहिए। जब सब साथ बैठेंगे तभी किसी समस्या का समाधान निकलेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर आज यहां शुरू हुई चर्चा सही दिशा में आगे बढ़ेगी और निष्कर्ष तक पहुंचेगी।
कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि देश में सबसे ज्यादा कीमत पर धान खरीदी हम कर रहे हैं। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से किसानों और गोधन न्याय योजना के माध्यम से पशुपालकों को आर्थिक लाभ पहुंचाया जा रहा है। भूमिहीन कृषि मजदूरों को भी राहत देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार नई योजना लेकर आ रही है। कृषि मंत्री श्री चौबे ने कहा कि कोरोना काल में जहां देश और दुनियाभर में मंदी की स्थिति थी, हमारी सरकार ने राज्य में राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ किसानों को दिया। किसानों को हमने समृद्ध किया तो व्यापारी वर्ग पर भी मंदी का असर नहीं हुआ। श्री चौबे ने कहा कि कृषि मंत्री होने के नाते मैं आज अपना सौभाग्य समझता हूं कि आज पूरे देश में छत्तीसगढ़ मॉडल की चर्चा हो रही है।
कार्यक्रम को पूर्व कृषि मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल, किसान नेता श्री शिवकुमार शर्मा ‘कक्का जी’, श्री राकेश टिकैत और उद्योगपति श्री कमल सारडा ने भी संबोधित किया। श्री शिवकुमार शर्मा ‘कक्का जी’ एवं श्री राकेश टिकैत ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की सराहना करते हुए कहा कि किसानों से जुड़े इस तरह के आयोजन में मुख्यमंत्री का आना यह बताता है कि उनके मन में किसानों के लिए कितनी पीड़ा और आत्मीय भाव है। श्री शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में किसानों के उपज की पूरे देश में सर्वाधिक कीमत पर खरीदी की जा रही है। एमएसपी पर चर्चा करने वाला छत्तीसगढ़ पहला राज्य है। श्री टिकैत ने कहा कि श्री भूपेश बघेल पहले मुख्यमंत्री हैं जो किसानों की समस्या पर उनके साथ बैठकर बात कर रहे हैं। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में ख़रीफ़ फसलों पर इनपुट सब्सिडी देकर किसानों को समृद्ध करने का काम किया जा रहा है।
कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ राज्य कृषक कल्याण परिषद के अध्यक्ष श्री सुरेन्द्र शर्मा, छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन, रायपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री सुभाष धुप्पड़, खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष श्री राजेन्द्र तिवारी, पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष श्री शैलेष नितिन त्रिवेदी, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा, नगर निगम रायपुर के महापौर श्री एजाज ढेबर, सभापति श्री प्रमोद दुबे, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह, कृषि विभाग के विशेष सचिव डॉ. एस. भारतीदासन, आयुक्त जनसंपर्क श्री दीपांशु काबरा समेत अनेक किसान, उद्योगपति, व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
राजनांदगांव के जालबांधा और दुर्ग के बिरेझर धान खरीदी केन्द्र का किया औचक निरीक्षण
अचानक अपने बीच मुख्यमंत्री को पाकर खुशी से भर गए किसान
किसानों से व्यवस्था का लिया फीडबैक
धान खरीदी केन्द्रों की संख्या बढ़ने से धान बेचना हुआ आसान, अपने बारदाने में किसान बेच रहे हैं धान, पैसों के लिए नहीं करना पड़ रहा है इंतजार
किसानों का रखा जा रहा है विशेष ध्यान
वर्मी कंपोस्ट से बढ़ी फसल की उत्पादकता
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज राजनांदगांव प्रवास के दौरान खैरागढ़ विकासखंड के जालबांधा और वहां से लौटते हुए दुर्ग जिले के ग्राम बिरेझर के धान खरीदी केंद्र का आकस्मिक निरीक्षण किया । जालबांधा धान खरीदी केंद्र में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने किसानों से मिलकर धान खरीदी की व्यवस्थाओं का जायजा लिए और धान खरीदी व्यवस्था के सम्बंध में चर्चा की। मुख्यमंत्री द्वारा धान की तौलाई करवा रहे किसानों से धान के किस्म और बारदाने की उपलब्धता की जानकारी पूछे जाने पर किसानों ने बताया कि वे केन्द्र में अच्छी व्यवस्था के चलते अपना धान सुगमता से बेच रहे हैं। किसानों द्वारा समिति से उपलब्ध कराए गए बारदाने तथा स्वयं के बारदाने में भी धान का विक्रय किया जा रहा है। इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत, लोकस्वास्थ्य एवँ यांत्रिकी मंत्री गुरु रूद्र कुमार और छत्तीसगढ़ राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष श्री रामगोपाल अग्रवाल भी उनके साथ थे ।चर्चा के दौरान केंद्र में उपस्थित ग्राम पेटी के किसान श्री बिसौहा लोधी ने बताया कि वे लगभग डेढ़ एकड़ भूमि में खेती करते हैं और आज 51 कट्टा धान बेचने आये हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि उनके द्वारा धान की 6444 किस्म की फसल ली गयी थी । ग्राम पवनतरा की महिला किसान श्रीमती त्रिवेणी वर्मा ने आज 55 कट्टा धान, पवनतरा के किसान श्री महेन्द्र वर्मा ने 170 कट्टा धान बेचने आए हैं। ग्राम पेटी के किसान श्री दिलीप वर्मा ने बताया कि वे भी दूसरी बार धान विक्रय का रहे हैं। पहली बार उन्होंने 300 कट्टा धान और आज 258 कट्टा धान बेचा है।
राजनांदगांव दौरे से वापसी के दौरान मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का काफिला धान खरीदी केंद्र बिरेझर में रूका और मुख्यमंत्री सीधे धान बेचने आये किसानों से मिलने पहुंच गये। मुख्यमंत्री ने किसानों से बातचीत की। मुख्यमंत्री ने धान खरीदी की व्यवस्था का जायजा लिया और किसानांे से इस साल की धान की फसल के बारे में पूछा। किसानों ने बताया कि इस साल वर्मी कंपोस्ट खेतों में डाला, इसका परिणाम बहुत अच्छा रहा। बिरेझर के किसान श्री ईश्वर लाल धनगर ने बताया कि वर्मी कंपोस्ट डालने से मुझे बहुत लाभ हुआ। जमीन की उर्वरा शक्ति में इजाफा हुआ। जिससे फसल की चमक भी बनी रही और पिछले साल की तुलना में धान का ज्यादा उत्पादन हुआ। खर्रा के किसान श्री बंटी वैष्णव ने बताया कि धान खरीदी की व्यवस्था बहुत अच्छी है। खरीदी के पश्चात पैसा खाते में आ जा रहा है। सिस्टम बहुत अच्छा हो गया है। इंतजार नहीं करना पड़ रहा है। श्री छोटे लाल साहू ने बताया कि पहले खरीदी केंद्रों की संख्या कम थी, अब खरीदी केंद्रों की संख्या ज्यादा हो गई है। सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए नये खरीदी केंद्र बनाये हैं। इससे किसानों को लाभ पहुंचा है और असुविधा दूर हुई है।
किसानों ने बताया कि धान खरीदी केंद्र में व्यवस्था बहुत अच्छी है। पहले देर तक इंतजार करना पड़ता था। शासन द्वारा छोटे किसानों का भी विशेष रूप से ध्यान रखा जा रहा है इससे उन्हें काफी सुविधा हुई है। मुख्यमंत्री के आने से किसान बहुत उत्साहित हुए। किसानों ने बताया कि सुखद संयोग था कि आज हम लोग धान बेचने आये और आज ही मुख्यमंत्री यहां आ गये। उन्होंने हम सबसे बातचीत की। बातचीत में हमने बताया कि किस प्रकार गोबर खाद हमारे लिए उपयोगी साबित हुआ है। इस दौरान कृषि मंत्री श्री रविंद्र चौबे भी उपस्थित रहे। उल्लेखनीय है कि बिरेझर धान खरीदी केंद्र में खर्रा, हसदा, चिखला और बिरेझर से धान बेचने लोग आते हैं। अभी तक यहां 10716 क्विंटल धान की खरीदी हो चुकी है। खरीदी के साथ उठाव भी तेजी से किया जा रहा है। लगभग तीन हजार क्विंटल धान का उठाव हो चुका है।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
छत्तीसगढ़ सरकार का 2108.62 करोड़ रूपए का द्वितीय अनुपूरक बजट पारित
माल और सेवा कर संशोधन विधेयक, इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक, छत्तीसगढ़ राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग संशोधन विधेयक, सिगरेट और अन्य तंबाखू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन) संशोधन विधेयक भी ध्वनिमत से पारित
रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रस्तुत 2108 करोड़ 62 लाख 84 हजार 389 रूपए का द्वितीय अनुपूरक बजट ध्वनिमत से पारित हो गया। विधानसभा में आज माल और सेवा कर संशोधन विधेयक, इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक, छत्तीसगढ़ राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग संशोधन विधेयक, सिगरेट और अन्य तंबाखू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन) संशोधन विधेयक भी ध्वनिमत से पारित किया गया।
अनुपूरक बजट पर हुई चर्चा का उत्तर देते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि केन्द्र सरकार एक तरफ राज्यों को राष्ट्रीय कार्यक्रमों के संचालन के लिए केन्द्रीय मद की राशि में कटौती कर रही है, वहीं दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ के हक की लगभग 20 हजार करोड़ की राशि नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा सेन्ट्रल एक्साइज की कटौती 32 प्रतिशत से बढ़ाकर 42 प्रतिशत कर दिया गया है, लेकिन इसकी राशि छत्तीसगढ़ को नहीं मिल रही है। लगभग 4 हजार करोड़ रूपए कोल कम्पनशेसन की राशि भी नहीं मिली है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा एक तरफ छत्तीसगढ़ के हक की राशि नहीं दी जाती और दूसरी तरफ कहा जाता है कि राज्य सरकार केन्द्र की योजनाओं को पूरा नहीं कर पा रही है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय बागवानी मिशन मेें वर्ष 2014 तक केन्द्र और राज्य का अंशदान क्रमशः 85ः15 का रहता था, जिसे बदलकर अब 60:40 का अनुपात कर दिया गया है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में शत्-प्रतिशत राशि केन्द्र सरकार से मिलती थी, अब इसमें 60:40 का अनुपात कर दिया गया है। मनरेगा में केन्द्र सरकार से पहले 90: 10 के अनुपात में राशि मिलती थी, अब इसमें 75: 25 का अनुपात कर दिया गया है। इंदिरा आवास में 75:25 का अनुपात रहता था अब इसे 60: 40 कर दिया गया है। राजीव आवास योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना तथा मध्यान्ह भोजन में 70:30 का अनुपात को बदलकर 60:40, इसी प्रकार राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान में 75:25 को 60:40, आईसीडीएस में 85:15 को अब 60: 40 कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय कार्यक्रमों में केन्द्रांश घटाकर राज्यों पर बोझ बढ़ा दिया गया है। अब राज्यों पर काम नहीं करने का आरोप मढ़ा जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय योजनाओं के संचालन के लिए केन्द्रांश प्राप्त होने की प्रक्रिया में जब हम बात करना चाहते हैं तब हमसे कहा जाता है कि कोरोना काल के बाद स्थितियों में परिवर्तन आया है। उन्होंने कहा कि कोरोना की परिस्थितियां केन्द्र और राज्य दोनों सरकारों के लिए थी। केन्द्र सरकार पहले केन्द्रांश दे उसके बाद राज्य राज्यांश देंगे। केन्द्र सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए कई तरह के अड़ंगे लगाए जा रहे हैं। कहा गया कि यदि छत्तीसगढ़ ने धान पर एक रूपया भी बोनस दिया तो केन्द्रीय पूल में चावल नहीं खरीदा जाएगा। अब नया अड़ंगा लगाया गया है कि छत्तीसगढ़ से उसना चावल केन्द्रीय पूल में नहीं लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा पेट्रोल-डीजल पर सेस कम करने के बदले एक्साइज ड्यूटी में कमी करने से राज्य सरकार को कम से कम 800 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। इसके बावजूद हमने अपने कहे मुताबिक छत्तीसगढ़ में पेट्रोल और डीजल की कीमतों को नियंत्रित रखा है। यहां पड़ोसी राज्यों से भी कम दर पर पेट्रोल-डीजल उपलब्ध है।
मुख्यमंत्री ने 'रेडी टू ईट' व्यवस्था के संबंध में कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने वर्ष 2009 में 1627 स्वहायता समूहों को 'रेडी टू ईट' के निर्माण एवं प्रदाय की जिम्मेदारी सौंपी थी। वर्तमान में 'रेडी टू ईट' व्यवस्था से जुड़े 943 समूहों का अनुबंध 5 वर्ष के बाद समाप्त हो चुका था। 678 समूह शेष बचे थे। समूहों द्वारा संचालित किए जा रहे 'रेडी टू ईट' के 1900 नमूनों में 1400 नमूने मापदण्ड के अनुसार सही नहीं पाए गए। यूनीसेफ द्वारा अपनी रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन समूहों से अनुबंध किया गया था, उसमें समूह के लोग मजदूरी कर रहे थे, निर्माण इकाई का संचालन अन्य व्यक्ति द्वारा किया जा रहा था। पूर्ववर्ती सरकार के समय कुपोषण की दर 26 प्रतिशत थी क्योंकि पोषण आहार की गुणवत्ता ठीक नहीं थी। हमारी सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री सुपोषण योजना संचालित करने के बाद कुपोषण की दर गिरकर 19 प्रतिशत रह गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने 'रेडी टू ईट' के निर्माण में गुणवत्ता एवं हाईजीन का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखा गया, जबकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा इसके निर्माण में गुणवत्ता व हाईजीन के साथ स्वचलित मशीनों से निर्माण के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का पालन क्यों नहीं किया? मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश, गुजरात, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, उत्तरप्रदेश में मशीनों से तैयार 'रेडी टू ईट' फूड का वितरण किया जा रहा है, उसी प्रकार हम छत्तीसगढ़ में भी व्यवस्था करने जा रहे हैं तब इसका विरोध विपक्ष द्वारा यहां क्यों किया जा रहा
अनुपूरक बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बताया कि दूसरे अनुपूरक बजट में कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने की तैयारियों के लिए 599 करोड़ रुपए, 42 नगरीय निकायों में जल आवर्धन योजनाओं के लिए 150 करोड़ रुपए, प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के लिए 304 करोड़ रुपए, नई समितियों के निर्माण के लिए पांच करोड़ रुपए, नवा रायपुर में गुरु घासीदास शोधपीठ और संग्रहालय के लिए पांच करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इसमें चार नए जिलों और 16 नई तहसीलों के निर्माण के लिए भी बजट का प्रावधान किया गया है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवारायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहाँ अपने निवास कार्यालय में देश के प्रथम उप प्रधानमंत्री भारतरत्न सरदार वल्लभ भाई पटेल की पुण्यतिथि पर उनके चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर उन्हें नमन किया।
श्री बघेल ने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सरदार पटेल ने अग्रणी भूमिका निभाई। स्वतंत्रता के लिए किये संघर्ष के दौरान उन्होंने कई आंदोलनों को कुशल नेतृत्व प्रदान किया। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद उन्होंने देशी रियासतों का भारतीय संघ में विलय कर देश के एकीकरण में अविस्मरणीय योगदान दिया। अपने फ़ौलादी इरादों के कारण वे लौह पुरुष के नाम से जाने जाते हैं। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवारायपुर में ’रन फॉर सीजी प्राइड’ का आयोजन
हजारों की संख्या में शामिल हुए हर आयु वर्ग के धावक
मुख्यमंत्री ने रन फॉर सीजी प्राइड को झंडी दिखाई
नवा छत्तीसगढ़ समता और आर्थिक समानता का मॉडल : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल
रायपुर : राजधानी रायपुर में आज सुबह आयोजित रन फॉर सीजी प्राइड को लेकर लोगों में अभूतपूर्व उत्साह दिखाई दिया। छत्तीसगढ़ के स्वाभिमान और गर्व के लिए आयोजित इस दौड़ में हर आयु वर्ग के 20 हजार से अधिक धावक शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सुबह 7 बजे गांधी उद्यान चौक से झंडी दिखाकर रन फॉर सीजी प्राइड का शुभारंभ किया। इस अवसर पर गांधी उद्यान का पूरा क्षेत्र लोगों के हुजूम से खचाखच भरा हुआ था। दौड़ में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे स्कूली बच्चों से लेकर प्रदेशभर से आए युवा धावकों का समूह इस दौरान भारत माता की जय, छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया का उद्घोष करने के साथ ही मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे। रन फॉर सीजी प्राइड के शुभारंभ के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जैसे ही मंच पर पहुंचे वहां मौजूद जनसमूह ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जिंदाबाद के नारे लगाने लगे। इसके प्रति उत्तर में मुख्यमंत्री ने युवाओं में जोश भरते हुए कहा ‘कका अभी जिंदा हे‘। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के इस प्रति उत्तर पर जनसमूह ने तालियां बजाकर उनका जोरदार स्वागत किया।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस मौके पर उपस्थित जनसमूह को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमने जो नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने का संकल्प लिया था, उसे हम पूरा करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। तीन सालों में ही छत्तीसगढ़ राज्य ने देश-दुनिया में अपनी विशिष्ट पहचान कायम की है। छत्तीसगढ़ मॉडल की चर्चा आज पूरे देश में है। हमने विकास के छत्तीसगढ़ मॉडल से गुजरात मॉडल को काफी पीछे छोड़ दिया है। छत्तीसगढ़ मॉडल समता और आर्थिक समानता लाने वाला मॉडल है। समाज के गरीब, किसान, आदिवासी, महिला, युवा एवं सभी वर्ग और समुदाय के लोगों की बेहतरी के लिए काम किया जा रहा है। इसमें सभी समाज एवं वर्ग के लोग शामिल है। कोरोना संकट काल के दौरान भी छत्तीसगढ़ में विकास के काम अनवरत रूप से जारी रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता के मामले में छत्तीसगढ़ ने पूरे देश में अपनी एक अलग पहचान कायम की है। छत्तीसगढ़ राज्य को बीते तीन सालों से देश में स्वच्छतम राज्य का पुरस्कार मिल रहा है। इस साल छत्तीसगढ़ ने स्वच्छता के क्षेत्र में 67 पुरस्कार हासिल किए हैं। इसके साथ ही राज्य की योजनाओं को राष्ट्रीय स्तर पर सराहा जा रहा है। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर दौड़ में हिस्सा लेने आए सभी लोगों को बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने छत्तीसगढ़ के दिव्यांग पर्वतारोही श्री चित्रसेन साहू का विशेष रूप से उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने अपने अदम्य साहस, दृ़ढ़ संकल्प की बदौलत विश्व के तीन महाद्वीपों के उच्च शिखरों को फतह किया है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने चित्रसेन साहू के चौथे पर्वतारोहण अभियान माउंट अकांेकागुआ के लिए अग्रिम शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हम सब मिलकर इसके लिए 12 लाख 60 हजार रूपए की आर्थिक सहायता उन्हें देंगे।
मुख्यमंत्री ने धावकों का उत्साहवर्धन करते हुए स्वयं भी इस दौड़ में शामिल हुए। जनसम्पर्क विभाग और खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा आयोजित 5 किलोमीटर की यह दौड़ तीन वर्गाें में हुई। प्रथम वर्ग में 14 वर्ष से कम उम्र के बालक एवं बालिकाओं ने, दूसरे वर्ग में 14 वर्ष से 60 वर्ष तक की उम्र के महिला एवं पुरूषों ने तथा तृतीय वर्ग में 60 वर्ष से अधिक के उम्र्र के धावकों ने हिस्सा लिया। प्रथम वर्ग में बालक-बालिका श्रेणी में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले धावकों को पुरस्कृत एवं सम्मानित किया जाएगा। इसी तरह द्वितीय वर्ग में प्रथम स्थान से लेकर दशम स्थान तक के पुरूष एवं महिला धावकों को तथा तृतीय वर्ग में प्रथम से लेकर तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले वरिष्ठ धावकों को पुरस्कृत एवं सम्मानित किया जाएगा।
रन फॉर सीजी प्राइड के शुभारंभ अवसर पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसायसिंह टेकाम, संसदीय सचिव श्री यू.डी. मिंज एवं सुश्री शुकंतला साहू, महापौर श्री एजाज ढेबर, गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष एवं विधायक श्री कुलदीप जुनेजा, विधायक श्री मोहन मरकाम और अन्य जनप्रतिनिधि, जनसम्पर्क आयुक्त श्री दीपांशु काबरा, मुख्यमंत्री के विशेष सचिव डॉ. एस. भारतीदासन, उप पुलिस महानिरीक्षक श्री आरिफ शेख, संचालक खेल एवं युवा कल्याण श्रीमती श्वेता श्रीवास्तव सिन्हा, कलेक्टर रायपुर श्री सौरभ कुमार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री प्रशांत अग्रवाल, जनसम्पर्क संचालक श्री सौमिल रंजन चौबे सहित अन्य अधिकारी, नागरिकगण उपस्थित थे।
रन फॉर सीजी प्राइड के दौरान प्रतिभागियों में काफी उत्साह नजर आ रहा था। दौड़ के लिए निर्धारित रूट जगह-जगह पर सेल्फी जोन बनाए गए थे, जहां लोग सेल्फी लेते हुए दिखे। निर्धारित मार्ग के किनारे-किनारे बड़ी संख्या में खड़ेे नागरिकगण तालियां बजाकर धावकों का उत्साहवर्धन करते दिखे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के प्रथम दिन आज सदन में दिवंगतों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। सदन में वर्तमान छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्य दिवंगत श्री देवव्रत सिंह, पूर्व लोकसभा सांसद श्री गोंदिल प्रसाद अनुरागी, पूर्व राज्य मंत्री छत्तीसगढ़ श्री रजिंदर पाल सिंह भाटिया, पूर्व संसदीय सचिव श्री युद्धवीर सिंह जूदेव, अविभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व राज्य मंत्री श्री मूलचंद खंडेलवाल, अविभाजित मध्यप्रदेश विधानसभा के पूर्व सदस्य श्री मनुराम कच्छ और 8 दिसम्बर को वायुसेना की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में दिवंगत देश के प्रथम सीडीएस जनरल श्री बिपिन रावत, उनकी धर्मपत्नी श्रीमती मधुलिका रावत और शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी गई। सदन की कार्यवाही प्रारंभ होते ही विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने निधन उल्लेख करते हुए दिवंगतों का जीवन परिचय दिया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि पंचम विधानसभा के सदस्य दिवंगत श्री देवव्रत सिंह सदन में पूरी प्रखरता और बेबाकी के साथ अपनी बात रखते थे। वे 1995 में अविभाजित मध्यप्रदेश विधानसभा के विधायक चुने गए। उन्होंने सांसद और विधानसभा सदस्य के रूप में अपने दायित्वों का बखूबी निर्वहन किया। श्री देवव्रत सिंह हंसमुख और हमेशा सक्रिय रहने वाले जनप्रतिनिधि थे, जो अपने क्षेत्र के विकास के लिए हमेशा सक्रिय रहते थे। संगठन के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किया। अल्पायु में उनका निधन देश और प्रदेश के लिए अपूरणीय क्षति है। मुख्यमंत्री ने पूर्व लोकसभा सदस्य श्री गोंदिल प्रसाद अनुरागी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वे समाज के उत्थान के लिए हमेशा प्रयासरत रहे। वे रहस के भी अच्छे कलाकार थे। उनका सादगीपूर्ण जीवन हमारे लिए प्रेरणादायक रहेगा। पूर्व राज्यमंत्री श्री रजिंदर पाल सिंह भाटिया को श्रद्धांजलि देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सदन में प्रश्नकाल में वे अपने क्षेत्र के विकास की समस्याओं को प्रभावी रूप से रखते थे और अपने क्षेत्र के कार्यों को स्वीकृत करा लेते थे।देखें विडियो-
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने पूर्व संसदीय सचिव श्री युद्धवीर सिंह जूदेव को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि अल्पायु में उनका निधन अत्यंत दुःखद है। वे एक उभरते हुए राजनेता थे। उनके व्यवहार में विनम्रता थी। प्रदेश और अपने क्षेत्र के विकास के लिए वे हमेशा सक्रिय रहे। मुख्यमंत्री ने अविभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व राज्यमंत्री श्री मूलचंद खण्डेलवाल को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वे ऐसे वरिष्ठ राजनेता थे, जो सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में हमेशा सक्रिय रहे। अविभाजित मध्यप्रदेश विधानसभा के पूर्व सदस्य श्री मनुराम कच्छ को श्रद्धांजलि देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वे बस्तर क्षेत्र से विधायक रहे। वे मिलनसार व्यक्तित्व के धनी थे। अपने क्षेत्र के विकास के लिए वे हमेशा सक्रिय रहे।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने वायुसेना की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में दिवंगत देश के प्रथम सीडीएस जनरल श्री बिपिन रावत, उनकी धर्मपत्नी श्रीमती मधुलिका रावत और शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि 8 दिसम्बर की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया। उनका निधन देश के लिए अपूरणीय क्षति है। श्री बिपिन रावत एक अच्छे रणनीतिकार और सेना में लोकप्रिय अधिकारी थे। मुख्यमंत्री ने सभी दिवंगतों के परिवारजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की। सदन में नेता प्रतिपक्ष श्री धरमलाल कौशिक, विधायक श्री मोहन मरकाम, डॉ श्रीमती रेणु जोगी, श्री केशव चन्द्रा, श्री शैलेश पांडे, श्री अजय चंद्राकर, श्री प्रमोद शर्मा, श्री अरुण वोरा, डॉ. रमन सिंह, वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव, विधायक श्री पुन्नूलाल मोहले ने भी दिवंगतों को श्रद्धांजलि दी। सदन में सभी दिवंगतों के सम्मान में 2 मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। -
लोकवाणी (आपकी बात-मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के साथ) की 24वीं कड़ी प्रसारित
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि मेरी तीन साल की सबसे बड़ी सफलता तो यही है कि आप लोग अपने अधिकारों, अवसरों और वास्तविक तरक्की को स्वयं महसूस कर रहे हैं, सच होते देख रहे हैं। खुशी है कि मैं कुछ सार्थक बदलाव करने में सफल हुआ हूं। आज विकास के छत्तीसगढ़ मॉडल की चर्चा पूरे देश और दुनिया में है। मुझे विश्वास है कि जब हम अपने पुरखों के रास्ते पर चलते हैं और पुराने मूल्यों से छेड़खानी किए बगैर सुधार के साथ आगे बढ़ते हैं तो हम सफलता के शिखर पर पहुंचते हैं। हमने तीन वर्षों में गरीबों तथा कमजोर तबकों के लिए ऐसे प्रयास किए हैं, जिनके बारे में पहले कभी सोचा नहीं गया था। हाल में ही हमने 6 दिसम्बर को बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर का महापरिनिर्वाण दिवस मनाया। 10 दिसम्बर को अमर शहीद वीर नारायण सिंह जी का बलिदान दिवस था और 18 दिसम्बर को गुरूबाबा घासीदास जी की जयंती है। मैं इन विभूतियों को नमन करते हुए बताना चाहूंगा कि हमारी नीतियों में सभी के आदर्श हैं। विगत तीन वर्षों में हमने कमजोर तबकों को बराबरी के अवसर देकर उनके बताए रास्ते पर चलने में सफल रहे हैं।
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छत्तीसगढ़ में लोगों ने तीन साल में हुए बदलावों को न सिर्फ करीब से देखा है, बल्कि उसे अपने जीवन में बेहतरी को महसूस कर रहे हैं। इस तरह हमने ऐसी योजनाएं बनाई, जो वास्तव में आदिवासी अंचल हो व मैदानी क्षेत्र सभी का भला कर सके। लोहंडीगुड़ा में जमीन वापसी के साथ आदिवासियों और किसानों के लिए न्याय का आगाज हुआ। निरस्त वन अधिकार दावों की समीक्षा से हजारों निरस्त व्यक्तिगत दावों को वापस प्रक्रिया में लाया गया। हमें खुशी है कि अब तक 22 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि आदिवासी तथा परंपरागत निवासियों को दी जा चुकी है, जो 5 लाख से अधिक परिवारों के लिए आजीविका का जरिया बन गई है।
छत्तीसगढ़ में तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक 2500 से बढ़ाकर 4000 रूपए प्रतिमानक बोरा करना ‘शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना’ लागू करने से वन आश्रित परिवारों की जिंदगी में नई रोशनी आई है। तीन साल पहले सिर्फ 7 वनोपज की खरीदी समर्थन मूल्य पर की जा रही थी। लेकिन हमने 52 वनोपजों को समर्थन मूल्य पर खरीदने की व्यवस्था की। इतना ही नहीं, 17 लघु वनोपजों के लिए संग्रहण पारिश्रमिक दर अथवा समर्थन मूल्य में अच्छी बढ़ोतरी भी की गई है। इस तरह लघु वनोपजों के समर्थन मूल्य पर खरीदी करने, प्रसंस्करण करने, इनमें महिला स्व-सहायता समूहों को जोड़ने और आदिवासी समाज के सशक्तीकरण में बड़ी भूमिका निभाने के लिए छत्तीसगढ़ को भारत सरकार ने 25 पुरस्कार प्रदान किए है। इतना ही नहीं बल्कि स्वच्छता के लिए भी तीन साल में छत्तीसगढ़ को लगातार तीन बार राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया है। इस बार छत्तीसगढ़ के सर्वाधिक 67 नगरीय निकायों को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार मिला है और एक बार फिर छत्तीसगढ़ को देश के सबसे स्वच्छ राज्य के रूप में मान्यता मिली है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के किसान भाई उन परिस्थितियों को समझ रहे हैं, जिसमें हमें काम करना पड़ रहा है, और आप लोगों को इस बात का पूरा भरोसा हुआ है कि हम किसानों से संबंधित जो काम कर रहे हैं, उसकी दिशा सही है। मैं यह जरूर कहना चाहूंगा कि किसान मेरी जान है, मेरे प्राण है और किसानी मेरी धड़कन है। जिस दिन मैं किसानी नही करूँगा या किसानी की बेहतरी के लिए नहीं सोचूंगा, समझ लीजिए कि उसी क्षण वह व्यक्ति नहीं रहूंगा, जिसको आप लोग प्यार करते हैं। मैंने बचपन से जवान होते तक खेतों में काम किया है, इसलिए मुझे खेती किसानी की पूरी जानकारी है। हर फसल किसान के लिए एक सीढ़ी होती है। इनपुट कास्ट कम होना और आउटपुट का दाम अच्छा मिलना ही खेती को लाभदायक बना सकता है। इसलिए हमने सबसे पहले किसानों पर जो कर्ज का बोझ था, डिफाल्टरी का कलंक था, बकायादारी की जो बाधा था, उसे कर्ज माफी से ठीक किया। सिंचाई पंप कनेक्शन लगाने का काम सुगम किया, सिंचाई के लिए निःशुल्क या रियायती दर पर बिजली प्रदाय का इंतजाम किया। धान ही नहीं बल्कि सारी खरीफ फसलों, उद्यानिकी फसलों, मिलेट्स यानी लघु धान्य फसलों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत इनपुट सब्सिडी के दायरे में लाया। पहले साल जब हमने आपको 2500 रू. प्रति क्विंटल की दर से धान का दाम दिया तो इसमें कुछ लोगों ने रोड़ा अटकाया और हम उस बाधा को चीर कर कैसे बाहर निकले, यह कोई छिपी बात नहीं है। आगे भी ये सब सुविधाएं जारी रहेगी। हमारी सरकार चट्टान की तरह किसानों के साथ खड़ी रहेगी। कोई ताकत हमें अपने रास्ते से डिगा नहीं सकती। हमने तो धान की बंपर फसल का भी स्वागत किया है। इस साल 105 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान खरीदी का अनुमान है। हम केन्द्र सरकार से लगातार यह मांग कर रहे हैं कि धान से एथेनॉल बनाने की अनुमति हो। यदि यह मिल गई तो समझिए कि फिर हमें किसी के सामने हाथ भी नहीं फैलाना पड़ेगा। हम ऐसी अर्थव्यवस्था बना देंगे कि किसान को अपनी उपज का मनचाहा दाम मिलेगा।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ मॉडल वास्तव में सहभागिता, समन्वय, सर्वहित, अपनी विरासत का सम्मान करते हुए, सद्भाव के साथ मिलजुलकर आगे बढ़ने के विचार से प्रेरित है ।छत्तीसगढ़ के विकास मॉडल में सबसे बड़ी बात है, एक दूसरे का साथ, चाहे वह योजनाओं के रूप में हो या परस्पर सहयोग के रूप में। उदाहरण के लिए जब हम गांव की बात करते हैं तो किसी एक विभाग या एक योजना की बात नहीं करते। नरवा, गरुवा, घुरुवा, बारी, गोधन न्याय योजना से शुरूआत करते हुए मल्टीयूटीलिटी सेंटर, रूरल इंडस्ट्रियल पार्क और फूडपार्क तक पहुंच जाते है। इन सबका संबंध गांवों और जंगलों के संसाधनों से है। इनका संबंध खेती से भी, वनोपज से भी, परंपरागत कौशल और प्रसंस्करण की नई विधाओं से भी है। कमजोर तबकों को सशक्त करने की बात महात्मा गांधी, नेहरू, शास्त्री, डॉ. बाबा साहब अम्बेडकर, सरदार वल्लभ भाई पटेल, इंदिरा जी, राजीव जी जैसे हमारे सभी महान नेता कहते थे। हमने इसका मर्म पकड़ा और तीन सालों में 80 हजार करोड़ रूपये से अधिक की राशि इन कमजोर तबकों की जेब में डाली। इस तरह स्वावलंबन के भाव से छत्तीसगढ़ के जनजीवन में एक नई ताजगी का संचार हुआ।
मुख्यमंत्री ने बताया हमने अपने राज्य के संसाधनों के राज्य में ही वेल्यूएडीशन को लेकर जब ठोस ढंग से काम शुरू किया तो औद्योगिक विकास में भी रफ्तार पकड़ी। इसके वजह से तीन साल में 1 हजार 751 उद्योग लगे और 32 हजार 192 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिला। सरकारी तथा अर्द्धशासकीय कार्यालयों में बहुत से पदों पर तो 20 साल बाद स्थायी भर्ती की गई। जहां स्थायी भर्ती का प्रावधान नहीं था, वहा भी किसी न किसी तरह नौकरी दी गई, जिसे मिलाकर 4 लाख 67 हजार से अधिक नौकरियां दी गई। मनेरगा, स्व-सहायता समूहों, वन प्रबंधन जैसे अनेक क्षेत्रों को कन्वर्जेशन के माध्यम से रोजगार के अवसरों से जोड़ा गया, जिसके कारण 50 लाख से अधिक लोगों की रोजी-रोटी का इंतजाम हुआ। इस तरह हमने अपने महान संविधान द्वारा निरूपित, लोकतांत्रिक मूल्यों और कल्याणकारी राज्य की अवधारणा को साकार किया। शिक्षा के क्षेत्र में स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी माध्यम स्कूल योजना हो या प्रशासन के क्षेत्र में 72 तहसीलों, 7 अनुभागों तथा 5 जिलों के गठन की पहल, इन सबका उद्देश्य समाज के कमजोर तबकों को न्याय दिलाना ही है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि हमारा छत्तीसगढ़ मॉडल, समावेशी विकास का ऐसा मॉडल है, जिसके मूल में सद्भाव, करुणा तथा सबकी भागीदारी है।छत्तीसगढ़ ने तीन वर्षों में यह साबित कर दिखाया है कि छत्तीसगढ़ के लोगों को सिर्फ अपने राज्य में ही नहीं बल्कि पूरे देश में नई और सही सोच के साथ काम करने वाले लोगों के रूप में पहचाना जाएगा।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मासिक रेडियो वार्ता लोकवाणी का प्रसारण 12 दिसंबर को
नवा छत्तीसगढ़ और न्याय के तीन वर्ष पर होगी केंद्रित
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मासिक रेडियोवार्ता लोकवाणी की 24 वीं कड़ी का प्रसारण 12 दिसंबर रविवार को होगा। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल लोकवाणी में इस बार नवा छत्तीसगढ़ और न्याय के तीन वर्ष विषय पर प्रदेशवासियों से बातचीत करेंगे। लोकवाणी का प्रसारण छत्तीसगढ़ स्थित आकाशवाणी के सभी केन्द्रों, एफ.एम. रेडियो और क्षेत्रीय समाचार चैनलों से सुबह 10.30 से 11 बजे तक होगा। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवामुख्यमंत्री शामिल हुए वीर मेला में
राजाराव पठार में देवगुड़ी विकास, शहीद वीर नारायण सिंह की आदम कद प्रतिमा एवं स्मारक निर्माण, बूढ़ादेव स्थल के विकास के लिए 56 लाख की घोषणा
रायपुर : प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि हमारी सरकार आदिवासियों के हित में लगातार कार्य कर रही है और आगे भी करती रहेगी। श्री बघेल आज छत्तीसगढ़ के महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अमर शहीद वीर नारायण सिंह के बलिदान दिवस पर जिले के गुरूर विकासखण्ड के राजाराव पठार में आयोजित वीर मेला को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर राजाराव पठार में देवगुड़ी के विकास के लिए 11 लाख रूपए, शहीद वीर नारायण सिंह की आदम कद प्रतिमा स्थापना और स्मारक निर्माण के लिए 30 लाख रूपए, बूढ़ादेव स्थल विकास और मूर्ति स्थापना के लिए 15 लाख रूपए की घोषणा की।
इससे पहले मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बाबा राजाराव, कंकालिन माता, बूढ़ादेव का पूजा कर प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की। उन्होंने शहीद वीर नारायण सिंह के छायाचित्र पर माल्यार्पण कर उनकी शहादत को नमन किया। आदिवासी समाज के पदाधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री का फूलमाला से आत्मीय स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आदिवासियों के सामाजिक, आर्थिक व शैक्षणिक विकास हमारी सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम प्रदेश के किसानों, आदिवासियों का आर्थिक विकास के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। कोदो, कुटकी व रागी को समर्थन मूल्य पर खरीदने की व्यवस्था की गई। पहले सात प्रकार के लघु वनोपज की खरीदी की जाती थी, अब 52 प्रकार के लघु वनोपजों को खरीदने की व्यवस्था की गई है। धान उपार्जन केन्द्रों में किसान बारदाना 25 रूपए प्रति नग की दर से खरीदने का फैसला किया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के धान उपार्जन केन्द्रों में मात्र नौ दिनों में ही 13 लाख 86 हजार मीट्रिक टन धान की रिकार्ड खरीदी की गई। इस वर्ष एक करोड़ पॉच लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चार लाख पचास हजार हेक्टेयर व्यक्तिगत वन अधिकार पट्टा व 19 लाख हेक्टेयर सामुदायिक वन अधिकार पट्टा वितरण किया गया साथ ही उसके उपभोग का अधिकार दिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक व्यक्ति तक स्वास्थ्य सुविधा पहुॅचे, इसके लिए हाट बाजार क्लीनिक योजना शुरू की गई है। मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के बेहतर क्रियान्वयन से प्रदेश में 32 प्रतिशत कुपोषण में कमी आई है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री बघेल को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।इस अवसर पर उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंडिया, विधानसभा उपाध्यक्ष श्री मनोज मंडावी, संसदीय सचिव श्री शिशुपाल सोरी और श्री कुंवर सिंह निषाद, संजारी-बालोद विधायक श्रीमती संगीता सिन्हा, पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री अरविंद नेताम, पूर्व सांसद श्री सोहन पोटाई, वीर मेला आयोजन समिति के अध्यक्ष श्री मानक दरपट्टी, आदिवासी समाज के पदाधिकारीगण सहित बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग उपस्थित थे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवामुख्यमंत्री ने नवा रायपुर में इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राईविंग एण्ड ट्रैफिक रिसर्च छत्तीसगढ का किया लोकार्पण
ग्राम तेंदुआ में 17 करोड़ रूपए की लागत से 20 एकड़ में बनाया गया है संस्थान
महिलाओं और थर्ड जेंडर के अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण शुल्क में मिलेगी 50 प्रतिशत की छूट
दिव्यांग अभ्यर्थियों को मुफ्त में प्रशिक्षण देने की घोषणा
चेरिया-पौंता सड़क निर्माण की स्वीकृति
ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में इस वर्ष 2 हजार लोगों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने नवा रायपुर अटल नगर के ग्राम तेंदुआ में 17 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राईविंग एण्ड ट्रैफिक रिसर्च छत्तीसगढ़ का लोकार्पण किया। प्रशिक्षण की सभी आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित इस इंस्टीट्यूट का निर्माण ग्राम तेंदुआ में 20 एकड़ के विशाल भू-भाग पर किया गया है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि सुरक्षित ड्राइविंग स्किल सिखाने में इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राईविंग एण्ड ट्रैफिक रिसर्च की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। सुरक्षित परिवहन के लिए यह आवश्यक है कि हम स्वयं यातायात नियमों का पालन करते हुए वाहन चलाएं, इसके साथ यह भी जरूरी है कि सामने वाला भी सही ढंग से वाहन चलाएं। आज छत्तीसगढ़ में बस, कार, मोटरसाइकिल, ट्रक, स्कूल बस मिलाकर लगभग 66 लाख वाहन हैं, इसलिए वाहनों की सुरक्षित ड्राइविंग के लिए प्रशिक्षण और भी अधिक जरूरी हो जाता है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आईडीटीआर में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली महिलाओं और थर्ड जेंडर के अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण शुल्क में 50 प्रतिशत की छूट देने तथा दिव्यांग अभ्यर्थियों को मुफ्त में प्रशिक्षण प्रदान करने की घोषणा की। श्री बघेल ने विधायक श्री धनेंद्र साहू के आग्रह पर नवा रायपुर की चेरिया-पौंता सड़क के निर्माण कार्य को राज्य सरकार के अगले मुख्य बजट में शामिल करने की घोषणा भी की।
परिवहन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। संसदीय सचिव श्री शिशुपाल सोरी और श्री चन्द्रदेव राय तथा विधायक श्री धनेन्द्र साहू, छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम के अध्यक्ष श्री शैलेष नितिन त्रिवेदी और मारुति सुजुकी इंडिया के सीईओ एवं एमडी श्री केनिची आयुकावा कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थेे। इस अवसर पर परिवहन विभाग के सचिव श्री टोपेश्वर वर्मा, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री प्रदीप गुप्ता और अपर परिवहन आयुक्त श्री दीपांशु काबरा सहित अनेक जनप्र्रतिनिधि तथा ग्रामीण भी उपस्थित थे।मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि आज नवा रायपुर में प्रारंभ हुए इस इंस्टीट्यूट में विशेषज्ञों द्वारा अत्याधुनिक उपकरणों के माध्यम से प्रशिक्षणार्थियों को ड्राइविंग की ट्रेनिंग दी जाएगी, जिसमें उन्हें गाड़ी चलाने, पार्किंग, बैक करने, चढ़ाव और टर्निंग पर गाड़ी कैसे चलाना है, यह सिखाया जाएगा। साथ ही वाहनों में लगे हुए यंत्रों की कार्यप्रणाली से अवगत कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि तेज गति से वाहन चलाना नहीं बल्कि यह महत्वपूर्ण है कि हमारा नियंत्रण अपने वाहन पर हो। उन्होंने कहा कि यहां प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ जाएंगे। मुख्यमंत्री ने इस दौरान अपनी युवा अवस्था में मोटरसाइकिल, ट्रैक्टर और कार चलाने के अनुभवों को भी आम जनता के साथ साझा किया। उन्होंने कहा कि पहले की गाड़ियों में कम फंक्शन होते थे, लेकिन आज गाड़ियों में बहुत से फंक्शन हैं, सुरक्षित यातायात के लिए यह गाड़ी के फंक्शन की जानकारी होना जरूरी है। इंस्टीट्यूट में गाड़ी के इंजन, पिस्टन सहित विभिन्न यंत्रों की कार्य प्रणाली की जानकारी टेक्नीकल लैब में मॉडलों और वीडियो के माध्यम से दी जाएगी। जिससे गाड़ी में आने वाली छोटी मोटी खामियों को दुरूस्त किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में पूरे देश में ट्रांसपोर्ट व्यवसाय प्रभावित था, तब छत्तीसगढ़ सरकार ने पूरी संवेदनशीलता के साथ ट्रांसपोर्टरों की समस्या को समझा और उन्हें टैक्स में छूट प्रदान की। उन्होंने कहा कि देश में ट्रांसपोर्टरों को टैक्स में इतनी छूट कहीं भी नहीं दी गई। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इंस्टीट्यूट में प्रशिक्षण के लिए उपलब्ध सुविधाओं का अवलोकन किया और आईटीडीआर के प्रशिक्षण वाहनों को हरी झण्डी दिखाई। श्री बघेल ने सिम्युलेटर में बैठकर वाहन चलाने का अनुभव भी लिया। मुख्यमंत्री ने परिसर में चंदन का पौधा भी रोपा।
परिवहन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि इस ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों को रोजगार उपलब्ध कराने में सहयोग दिया जाएगा। यहां प्रशिक्षण प्राप्त करने वालों को शासकीय विभाग में वाहन चालक पद पर भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी। प्रशिक्षण पूरा करने वालों को लाइसेंस दिए जाएंगे। उन्होंने परिवहन विभाग की ‘‘तुंहर सरकार-तुंहर द्वार‘‘ योजना के संबंध मंे बताया कि इस योजना में 4 लाख 65 हजार 918 लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस घर पहुंचाकर दिए गए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पहली बार ट्रांसपोर्टरों की समस्याओं को समझा और उनके समाधान के लिए उदारता के साथ फैसले लिये, जिससे उन्हें राहत मिली।
इस अवसर पर अभनपुर विधायक श्री धनेन्द्र साहू ने अपने विधानसभा क्षेत्र में विश्वस्तर के ड्राइविंग ट्रेनिंग एवं रिसर्च सेंटर की स्थापना के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का आभार जताया। उन्होंने चेरिया-पौंता सड़क का निर्माण कराने का आग्रह मुख्यमंत्री से किया। श्री साहू ने धान खरीदी के लिए प्रदेशभर में की गई व्यवस्थाओं की सराहना की। मारुति सुजुकी इंडिया के सीईओ एवं एमडी श्री केनिची आयुकावा ने कहा कि उनके संस्थान द्वारा पिछले 20 वर्ष में पूरे देश में 39 लाख लोगों को ड्राइविंग का प्रशिक्षण दिया गया है। नवा रायपुर में स्थित यह आईडीटीआर मारूति सुजुकी का देश में 8वां संस्थान है। उन्होंने नमस्ते कहकर अतिथियों का अभिवादन किया। परिवहन विभाग के सचिव श्री टोपेश्वर वर्मा ने स्वागत भाषण देते हुए बताया कि इस इंस्टीट्यूट में एक साथ 250 लोगों को प्रशिक्षण दिया जा सकता है। यहां 80 सीटर हॉस्टल की सुविधा भी है। यहां प्रशिक्षणार्थियों के लिए योगा, टी.व्ही रूम, प्ले ग्राउंड की व्यवस्था भी है। इस वर्ष 2 हजार लोगों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य हैं। अपर परिवहन आयुक्त श्री दीपांशु काबरा ने अतिथियों के प्रति आभार प्रकट किया। कार्यक्रम में बस एसोसिएशन, स्कूल एसोसिएशन, मारूति डीलर्स, रायपुर ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कैम्पा के शासी निकाय की द्वितीय बैठक सम्पन्न
दूरस्थ वनांचल के लिए परियोजनाएं तैयार करने ‘‘लिडार’’ तकनीक के उपयोग के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ने दी सहमति
जंगली हाथियों द्वारा की गई क्षति पर शीघ्र मुआवजा वितरण के निर्देश
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि गैर वन क्षेत्रों के साथ-साथ वन क्षेत्रों में भी राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना ‘‘नरवा विकास’’ के अंतर्गत भू-जल संरक्षण के कार्यों का प्राथमिकता से क्रियान्वयन हो। इसके तहत कैम्पा मद से वन क्षेत्रों में किये जाने वाले कार्यों से वनवासियों, आदिवासियों तथा वन क्षेत्रों के आस-पास के ग्रामीणों को रोजगार सृजन के लिए महत्वपूर्ण अवसर उपलब्ध होता है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल की अध्यक्षता में आज मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ प्रतिकरात्मक वनरोपण निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (कैम्पा) के शासी निकाय की द्वितीय बैठक में उक्त आशय के निर्देश दिए गए। इस अवसर पर वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव डॉ. रेणु जी. पिल्ले, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, वन विभाग के प्रमुख सचिव श्री मनोज कुमार पिंगुआ, वाणिज्यिक कर विभाग के प्रमुख सचिव श्री गौरव द्विवेदी, ग्रामोद्योग विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती मनिन्दर कौर, सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव श्री डी.डी. सिंह, वित्त विभाग की सचिव श्रीमती अलरमेलमंगई डी., कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह, कृषि विभाग के विशेष सचिव डॉ. एस. भारतीदासन, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री राकेश चतुर्वेदी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) श्री पी. व्ही. नरसिंह राव, मुख्य कार्यपालन अधिकारी कैम्पा श्री व्ही. श्रीनिवास राव सहित अधिकारीगण उपस्थित थे।मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बैठक में राज्य में कैम्पा मद की राशि का बेहतर उपयोग कर स्वीकृत सभी कार्यों को तेजी के साथ पूरा करने के निर्देश दिए। इसके तहत वनों की सुरक्षा के साथ-साथ वन्यप्राणी सुरक्षा और लघु वनोपजों के विकास तथा इनके संरक्षण व संवर्धन के कार्यों पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि इससे वनांचल में स्थानीय लोगों को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध होगा और उनकी आमदनी में भी वृद्धि होगी। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने राज्य में जंगली हाथियों द्वारा की गई जनहानि, फसल हानि एवं संपत्ति हानि में तत्परता से कार्यवाही कर मुआवजा का वितरण सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।
बैठक में चर्चा करते हुए राज्य में दूरस्थ वनांचल के लिए परियोजनाएं तैयार करने ‘‘लिडार’’ तकनीक के उपयोग के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ने सहमति देते हुए यह प्रस्ताव केन्द्र को भेजने के निर्देश दिए। सामान्यतः वाटर शेड क्षेत्रों के विकास हेतु क्षेत्रीय स्तरों में परम्परागत मैनुअल पद्धति से मानचित्रण कर परियोजनाएं तैयार की जाती हैं जिसमें बहुत सीमित पद्धति से कार्य किया जा सकता है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ के जंगलों के सर्वे के लिए अत्याधुनिक रिर्मोट सेंसिंग लिडार तकनीकी का उपयोग बेहतर होगा। इससे वैज्ञानिक पद्धति से मैपिंग का उपयोग कर दूरस्थ तथा सुदूर अंचलों के लिए भी परियोजनाएं तैयार की जा सकती है। लिडार तकनीक से वन क्षेत्रों में वृद्धि, वृक्षों की ऊंचाई और उनका वॉल्यूम, मिट्टी में नमी के संरक्षण की स्थिति, वाटर शेड एनालिसिस, वन क्षेत्रों में अतिक्रमण, खनन गतिविधियों, वन क्षेत्र में अग्नि नियंत्रण, वन्य जीवों की संख्या और उनके मूवमेंट का सटीक आंकलन किया जा सकता है। इससे वन क्षेत्रों के विकास की योजना बेहतर ढंग से तैयार करने में मदद मिलेगी।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवानवा रायपुर के ग्राम तेंदुआ में 17 करोड़ रूपए की लागत से स्थापित किया गया है इंस्टीट्यूट
लगभग 20 एकड़ में बने इंस्टीट्यूट में अत्याधुनिक तकनीक से दी जाएगी हैवी और लाईट व्हीकल की ड्राईविंग ट्रेनिंग
ट्रेनिंग पूरी करने के बाद छात्रों को लायसेंस तुरंत बनाकर दिए जाएंगे
हैवी वाहन चलाने का प्रशिक्षण पूरा करने वाले छात्रों को फैक्ट्रियों में नौकरी दिलाने में भी की जाएगी मदद
रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 9 दिसम्बर को सबेरे 10.30 बजे ग्राम तेंदुआ नवा रायपुर अटल नगर में इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राईविंग एण्ड ट्रैफिक रिसर्च छत्तीसगढ़ का लोकार्पण करेंगे। परिवहन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे। लोकसभा सांसद श्री सुनील सोनी, कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, संसदीय सचिव श्री शिशुपाल सोरी और श्री चन्द्रदेव राय तथा विधायक श्री धनेन्द्र साहू कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।
इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राईविंग एण्ड ट्रैफिक रिसर्च की स्थापना 17 करोड़ रूपए की लागत से ग्राम तेंदुआ में 20 एकड़ के विशाल भू-भाग पर की गई है। इस इंस्टीट्यूट में मारूति सुजुकी कंपनी के विशेषज्ञ प्रशिक्षकों द्वारा ड्राईविंग का प्रशिक्षण दिया जाएगा। सड़कों में परिवहन व्यवस्था सुरक्षित और सुचारु हो, हादसे कम से कम हो इस उद्देश्य से युवाओं को भारी वाहन और नॉन कमर्शियल वाहनों को चलाने की गुणवत्ता पूर्ण ट्रेनिंग न्यूनतम दरों पर दी जाएगी तथा ट्रैफिक नियमों से उन्हें अवगत कराया जाएगा। नवा रायपुर के प्राकृतिक सौन्दर्य के बीच स्थित इस इंस्टीट्यूट प्रशिक्षण की सभी मॉडर्न सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है।
इंस्टीट्यूट में ट्रक, बस जैसे बड़े वाहनों को चलाने के लिए 30 दिन की ट्रेनिंग तथा नॉन कमर्शियल वाहनों को चलाने के लिए 21 दिन की ट्रेनिंग दी जाएगी। इस इंस्टीट्यूट में ट्रेनिंग के लिए 5 स्मार्ट क्लास रूम बनाए गए है , जहां एक साथ लगभग 250 लोगों को ट्रेनिंग दी जा सकती है। प्रशिक्षणार्थियों को ट्रैफिक नियमों तथा अन्य रोड सेफ्टी मैनुअल्स से अवगत कराया जाएगा। ट्रेनिंग पूरी करने के बाद छात्रों को लायसेंस तुरंत बनाकर दिया जाएगा। इसके साथ ही हैवी वाहन चलाने वालों को प्रदेश भर के फैक्ट्रियों में नौकरी दिलाने में सहायता की जाएगी।
प्रशिक्षणार्थियों को इंस्टीट्यूट में अत्याधुनिक तकनीकों से युक्त सिम्युलेटर के माध्यम से ट्रेनिंग दी जाएगी। लाईट मोटर व्हीकल के लिए एलएमव्ही सिम्युलेटर तथा हैवी मोटर व्हीकल के लिए एचएमवी सिम्युलेटर की सुविधा इंस्टीट्यूट में उपलब्ध है। ड्रायविंग के वक्त आने वाली कठिन परिस्थितियों जैसे बारिश, ऑधी, तूफान इत्यादि से रूबरू कराने के लिए रियल टाईम सिम्युलेटर भी स्थापित किया गया है।
इंस्टीट्यूट में वाहन के टेक्निकल एक्सपेक्ट को समझााने के लिए टेक्निकल लैब मौजूद है, जहां इंजन, ब्रेक तथा अन्य पार्ट्स की वर्किंग को लाइव मॉडल के द्वारा समझाया जाएगा। यह आवासीय इंस्टीट्यूट है, जहां छत्तीसगढ़ के युवा सर्व सुविधा युक्त हॉस्टल में रहकर ट्रेनिंग ले सकेंगे। इंस्टीट्यूट में राज्य के दूरदराज से युवा ट्रेनिंग के लिए उत्सुकता दिखा रहे हैं।
इंस्टीट्यूट में एक साथ 80 छात्रों के ठहरने की व्यवस्था की गयी है और उन्हें उत्तम आहार मिल सके उसके लिए कैंटीन भी बनाया गया है।
ट्रेनिंग के साथ ही साथ इंस्टीट्यूट में छात्रों के मनोरंजन का भी ध्यान रखा गया है जिसके लिए टीवी रूम, प्ले एरिया तथा ज्ञानवर्धन के लिए एक लाईब्रेरी की व्यवस्था की गयी है। ट्रेनिंग के साथ ही साथ छात्रों के शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए योगा रूम तथा मेडिकल रूम भी बनाए गए है। इंस्टीट्यूट में मीटिंग के लिए मीटिंग रूम, कॉन्फ्रेंस हेतु वातानुकुलित कॉन्फ्रेंस रूम तथा सभी कार्य सुचारू रूप से हो उसके लिए एडमिन रूम बनाए गए है। इंस्टीट्यूट में एक विशाल वातानुकूलित ऑडिटोरियम भी बनाया गया है। इंस्टीट्यूट में ट्रेनिंग के लिए अलग-अलग तरह के ट्रैक बनाए गए हैं, जिसमें अलग-अलग तरह की परिस्थितियों में युवा बेहतर ड्रायविंग सीख सकें। आईडीटीआर में आठ आकृति वाले ट्रैक, ग्रेडीयंट, रिवर्स पार्किंग, लेन चेंजिंग्स का प्रशिक्षण दिया जाएगा।