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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवाएनटीपीसी लारा द्वारा भू-विस्थापितों को प्राथमिकता के आधार पर दी जाए नौकरी: श्री भूपेश बघेल
मुख्यमंत्री की विशेष पहल पर एनटीपीसी लारा के भू-विस्थापित 49 पात्र लोगों को नियुक्ति पत्र वितरित
मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से कार्यक्रम को किया सम्बोधित
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के लगातार प्रयासों और विशेष पहल से आज रायगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में एनटीपीसी लारा ताप विद्युत परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण से प्रभावित 9 गांवों के 49 भू विस्थापित लोगों को उनकी पात्रता के अनुसार एनटीपीसी लारा द्वारा स्थायी नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए। मुख्यमंत्री श्री बघेल भी इस कार्यक्रम में अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े। उन्होंने नौकरी प्राप्त करने वाले सभी लोगों को बधाई और शुभकामनाएं दी। उल्लेखनीय है कि इसके पहले भी प्रभावित 6 भू विस्थापितों को नौकरी दी गई थी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर शेष बचे पदों पर भर्ती के लिए फिर से विज्ञापन निकालकर परीक्षा आयोजित की गई, जिसके माध्यम से आज 49 लोगांे को आज नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए। इस तरह अब तक कुल 55 भू- विस्थापितों को पात्रतानुसार नौकरी दी जा चुकी है।
एनटीपीसी लारा द्वारा भू-विस्थापितों के लिए विभिन्न कुशल ट्रेडों में आईआईटी डिप्लोमा, लैब असिस्टेंट और असिस्टेंट जनरल के 79 पदों पर भर्ती का विज्ञापन निकाला गया था। इनमें से 22 आरक्षित पदों पर नियुक्ति होना अभी शेष है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने अभी भी शेष बचे हुए भर्ती के 22 पदों पर पात्र भू-विस्थापित लोगों को उनकी योग्यता अनुसार नियुक्ति प्रदान करने के लिए उचित पहल करने के निर्देश आज कार्यक्रम में उपस्थित एनटीपीसी प्रबंधन के अधिकारियों और कलेक्टर रायगढ़ को दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में कहा कि एनटीपीसी लारा के लिए अधिग्रहित की गई भूमि से प्रभावित हुए भू-विस्थापितों को पात्रतानुसार प्राथमिकता के आधार पर एनटीपीसी लारा में भविष्य में होने वाली भर्तियों में नौकरी दी जानी चाहिए। छत्तीसगढ़ के लोगों को भी भर्ती में प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
कार्यक्रम में उपस्थित एनटीपीसी लारा के ईडी श्री आलोक गुप्ता ने मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार प्रभावित भू-विस्थापितों और छत्तीसगढ़ के लोगों को भविष्य में होने वाली भर्तियों में प्राथमिकता देने का आश्वासन दिया। आज आईआईटी इलेक्ट्रीशियन ट्रेड के पद पर 19, आईआईटी फिटर ट्रेड के पद पर 9, लैब असिस्टेंट कैमेस्ट्री के पद पर 5, डिप्लोमा इलेक्ट्रीकल ट्रेड के 4, डिप्लोमा मैकेनिकल ट्रेड के एक और असिस्टेंट जनरल के 11 पदों पर नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए।मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने एनटीपीसी लारा के भू-विस्थापितों को पात्रता अनुसार नान एक्जिक्यूटिव पदों पर नौकरी देने के निर्देश 5 मार्च 2019 को अपने निवास कार्यालय में आयोजित बैठक में एनटीपीसी के वरिष्ठ अधिकारियों, राजस्व मंत्री, मुख्य सचिव, राजस्व सचिव और कलेक्टर रायगढ़ की बैठक मंे दिए थे, जिसके तारतम्य में भू-विस्थापितों के लिए विभिन्न कुशल ट्रेडों में आईआईटी डिप्लोमा, लैब असिस्टेंट और असिस्टेंट जनरल के 79 पदों पर भर्ती का विज्ञापन जारी किया गया था। इसके लिए प्रथम चरण में आयोजित लिखित परीक्षा और कौशल परीक्षण के आधार पर 6 उम्मीदवारों को नियुक्ति प्रदान की गई थी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर एनटीपीसी लारा द्वारा नवम्बर 2020 में 73 पदों पर भर्ती के लिए पुनः विज्ञापन निकाला गया, जिसके लिए परीक्षा के बाद 49 उम्मीदवारों का चयन किया गया, जिन्हें आज नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए।
कार्यक्रम के दौरान विधायक श्री प्रकाश नायक ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि एनटीपीसी लारा के भू-विस्थापितों तथा छत्तीसगढ़ के लोगों को प्राथमिकता के आधार पर नौकरी दी जानी चाहिए। कलेक्टर रायगढ़ श्री भीम सिंह ने कार्यक्रम में बताया कि एनटीपीसी लारा सुपर क्रिटिकल टेक्नॉलाजी पर आधारित बिजली संयंत्र है, जिसमें 800 मेगावाट क्षमता की 2 यूनिट हैं। इस संयंत्र से बिजली उत्पादन का 50 प्रतिशत हिस्सा छत्तीसगढ़ को मिलता है। उन्होंने बताया कि इस प्लांट के लिए 9 गांवों आरमुड़ा, बोड़ाझरिया, छपोरा, देवलसुर्रा, झिलगीटार, कांदागढ़, लारा, महलोई एवं रियापाली की 2000 एकड़ निजी भूमि अधिग्रहित की गई थी। इससे 2449 किसान प्रभावित हुए हैं। एनटीपीसी द्वारा अधिग्रहित भूमि के मुआवजे के रूप में 187 करोड़ रूपए की राशि जमा की गई है। उन्होंने बताया कि वर्तमान मंे प्रभावित गांवों के 500 लोग तथा छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों के 550 लोग कार्यरत है। इसके अतिरिक्त वाहन मालिकों सहित प्रभावित लोगों को टाउन शिप में दुकाने और पीएपी वेण्डर को कार्य प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस परियोजना से प्रभावित 1789 किसानों ने एक मुश्त पुनर्वास राशि 5 लाख प्रति एकड़ के मान से अधिकतम 25 लाख रूपए तथा 31 प्रभावित किसानों ने 30 वर्ष तक अर्जित भूमि पर 50 हजार रूपए प्रति एकड़ के मान से अधिकतम 5 एकड़ तक के लिए दी जाने वाली वार्षिंक वृत्ति का विकल्प दिया था। दोनों विकल्पों के तहत अब तक प्रभावित किसानों को 118 करोड़ रूपए की राशि प्रदान की जा चुकी है, 688 भू-धारकों की पात्रता का परीक्षण जिला प्रशासन द्वारा किया जाना है। कलेक्टर ने एनटीपीसी द्वारा सीएसआर मद से कराए गए कार्यो की जानकारी भी दी। उन्होंने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पुसौर के नये भवन के लिए एनटीपीसी द्वारा 2.64 करोड़ रूपए की राशि दी गई है।
रायगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में विधायक श्री प्रकाश नायक, कलेक्टर रायगढ़ श्री भीम सिंह, एनटीपीसी लारा के ईडी श्री आलोक गुप्ता, एजीएम एचआर श्री कन्हैया दास सहित नियुक्ति पत्र पाने वाले लोग और उनके परिजन उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहाँ अपने निवास कार्यालय में विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, समाज सुधारक, कुशल राजनीतिज्ञ और संविधान निर्माता भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रध्दा सुमन अर्पित कर नमन किया । इस अवसर पर विधायक श्री केशव चन्द्रा भी उपस्थित थे ।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने भारत निर्माण में बाबा साहब के योगदान को याद करते हुए कहा कि उन्होंने सामाजिक भेदभाव के विरूद्ध अभियान चलाया और सबके लिए समान अधिकार, स्वतंत्रता और व्यवहार की वकालत की। उन्होंने भारतीय संविधान के निर्माण में अतुलनीय योगदान दिया है । उन्होंने कहा कि बाबा साहब का देश के लिए किया गया अतुलनीय योगदान हमेशा याद किया जाएगा । -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवामुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने डीजीपी को दिए निर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा पुलिस महानिरीक्षक और पुलिस अधीक्षक स्वयं और सतत करें समीक्षा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने पुलिस जवानों को शासकीय आवास आवंटन का काम पूरी पारदर्शिता पर गंभीरता के साथ करने के निर्देश पुलिस महानिदेशक श्री अशोक जुनेजा को दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जवानों को आवास आवंटन का काम उपलब्धता के आधार पर प्राथमिकता के साथ किया जाए और काम में पूरी पारदर्शिता रखी जाए। उन्होंने डीजीपी सहित पुलिस महानिरीक्षक और पुलिस अधीक्षकों को इस कार्य को पूरी गंभीरता से करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि पुलिस के जवान 24 घण्टे जनता की सेवा में लगे रहते हैं, उनकी समस्याओं का निराकरण जहां तक सम्भव हो सके तत्परता से किया जाना चाहिए, ताकि जवानों की भावनाएं आहत न हों और उनका मनोबल बना रहे।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि डीजीपी स्वयं आवास संबंधी मामलों की समीक्षा करें और प्राथमिकता के आधार पर निराकरण करें । प्रत्येक जिले में एसपी भी अपने जिलाबल के जवानों को आवास आवंटन के मामलों का प्राथमिकता से निराकरण करें और इसकी सतत समीक्षा करें।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल पुलिस जवानों की समस्याओं के निराकरण के लिए शुरू से ही बेहद संवेदनशील हैं । अपराधों पर रोक लगाने के उद्देश्य से पुलिस जवानों की ड्यूटी बेहद अनुशासन और तनावपूर्ण रहती है। पुलिस जवानों का मानसिक तनाव कम हो और वे नवीन ऊर्जा के साथ कार्य कर सकें इसके लिये राज्य शासन द्वारा कई सालों से पुलिसकर्मियों की साप्ताहिक अवकाश की मांग को पूरा किया गया है। इस क्रम में विगत तीन वर्षों में पुलिसकर्मियों के कल्याण हेतु विभिन्न योजनायें शुरू की गई हैं। पुलिस परिवार के करीब 72 हजार जवानों एवं उनके परिजनों के लिए विभिन्न कल्याणकारी कार्यक्रम प्रारंभ किये गये हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार नक्सल हिंसा में शहीदों और उनके परिजनों के प्रति पूरी संवेदनशील है। शासन द्वारा नक्सल हिंसा में शहीद जवानों के आश्रित परिजनों को दी जाने वाली एक्सग्रेसिया राशि 3 लाख रुपए से बढ़ाकर 20 लाख रूपये कर दी गयी है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल के निर्देश पर पुलिस जवानों के शहीद एवं सामान्य मृत्यु के प्रकरणों को बेहद ही संवेदनशीलता के साथ निराकृत कर अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जा रही हैं। इसके साथ ही पुलिस बल, छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल में तैनात पुलिस जवानों का तनाव कम करने सभी जिलों में रोस्टर बनाकर योगा शिक्षकों की सहायता से योगा क्लासेस भी शुरू की गयी है । खेल गतिविधियों से जोड़कर जवानों का तनाव दूर करने का भी प्रयास किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ पुलिस के कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति पर छत्तीसगढ़ पुलिस सेवा सम्मान निधि के रूप में 1 लाख रूपये दिये जाते थे। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार ने इसे बढ़ाकर 2 लाख रूपये कर दिया गया है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
धान खरीदी का साल दर साल बन रहा नया कीर्तिमान
रायपुर : गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार करने मेहनतकश किसानों-ग्रामीणों और मजदूरों के दुख-दर्द समझने वाली सरकार के रूप में छत्तीसगढ़ ने देश में एक अलग छवि बना ली है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में किसान हितैषी फैसलों और निर्णयों से महज 36 माह में कई उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं।
छत्तीसगढ़ की मौसम और जलवायु के साथ-साथ लगभग 80 प्रतिशत लोगों की खेती-किसानी पर निर्भरता को देखते हुए नई सरकार ने खेती-किसानी को लाभकारी बनाने का निर्णय लिया। खेती-किसानी में आधुनिक तौर-तरीके के इस्तेमाल और किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलाने के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत इनपुट सब्सिडी देने का फैसला क्रांतिकारी सिद्ध हुआ। यही कारण है कि छत्तीसगढ़ में इन 36 माह में समर्थन मूल्य में धान खरीदी का साल दर साल नए कीर्तिमान बनते गए।
छत्तीसगढ़ में किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर खेती-किसानी के लिए सहकारी समिति से ऋण और समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के साथ-साथ इनपुट सब्सिडी देने का परिणाम यह हुआ कि खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 रिकॉर्ड 92 लाख मीटरिक टन धान खरीदी की गई। ऐसे किसान जो खेती-किसानी छोड़ चुके थे, वे अब खेती-किसानी की ओर लौटने लगे हैं। राज्य में कुल कृषि का रकबा बढ़कर 29.85 लाख हेक्टेयर हो गया है। किसानों की माली हालत में भी काफी सुधार हुआ है। राज्य के किसान अब बेहतर ढंग से खेती-किसानी करने लगे हैं इसकी बानगी चालू खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में धान बेचने के लिए किसानों के पंजीकरण से देखा जा सकता है। इस वर्ष राज्य में 24 लाख 9 हजार 453 किसानों ने पंजीयन कराया है।
छत्तीसगढ़ के इतिहास में चालू खरीफ सीजन में 105 लाख मीटरिक टन धान की समर्थन मूल्य पर खरीदी का अनुमान है। राज्य सरकार के द्वारा किसानों से न केवल खरीदी की सुनिश्चित व्यवस्था की है, बल्कि उन्हें तत्काल भुगतान की व्यवस्था भी की गई है। किसानों को उनके बैंक खातों के जरिये ऑनलाईन भुगतान किया जा रहा है। धान खरीदी को लेकर किसी भी किसान को दिक्कत न हो इसके लिए सभी कलेक्टरों को निदेश दिए गए हैं।
किसानों-ग्रामीणों की सहूलियतों को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष 88 नवीन धान खरीदी केन्द्र प्रारंभ किए गए हैं। इस वर्ष 2 हजार 399 धान खरीदी केन्द्रों में धान उपार्जन की व्यवस्था की गई है। किसानों को धान खरीदी केन्द्रों में भीड़भाड़ और लंबी लाईन से निजात मिलेगी, वहीं परिवहन व्यय भी कम होगा। समय व पैसे की बचत भी होगी।चालू खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 के तहत समर्थन मूल्य पर किसानों से धान की नकद एवं लिंकिंग के माध्यम सें खरीदी एक दिसम्बर 2021 से 31 जनवरी 2022 तक तथा मक्का की खरीदी एक दिसम्बर 2021 से 28 फरवरी 2022 तक की जाएगी। खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 के लिए औसत अच्छी किस्म के धान के लिए समर्थन मूल्य की दर, धान कॉमन 1940 रूपए प्रति क्विंटल, धान ग्रेड ए 1960 रूपए प्रति क्विंटल तथा औसत अच्छी किस्म के मक्का का समर्थन मूल्य 1870 रूपए प्रति क्विंटल का दर निर्धारित है।
राज्य सरकार द्वारा खेती-किसानी को लगातार बढ़ावा दिए जाने के फलस्वरूप इस वर्ष खरीफ सीजन में करीब 48 लाख 20 हजार हेक्टेयर से अधिक रकबे में विभिन्न् फसलों की बोनी हुई है। इनमें धान के अलावा दलहन, तिलहन, मक्का, सोयाबीन की फसल शामिल है। राज्य में 3.42 लाख हेक्टेयर में दलहन, 2 लाख हेक्टेयर में तिलहन, 1.50 लाख हेक्टेयर में साग-सब्जियों की खेती की गई है।मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में सरकार बनते ही सर्वप्रथम किसानों के हित में फैसला लेते हुए किसानों के अल्पकालीन कृषि ऋण लगभग 10 हजार करोड़ रूपए माफ किया गया, वहीं किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी कर अंतर की राशि सब्सिडी अनुदान राजीव गांधी न्याय योजना के माध्यम से देकर सीधे किसानों के जेब में पैसे डालने का काम किया। यही कारण है कि देश और दुनिया में आर्थिक मंदी होने के बावजूद भी छत्तीसगढ़ में इसका प्रभाव नहीं पड़ा।
कोरोना काल के दौरान भी राज्य खेती-किसानी, उद्योग-धंधे चलते रहे। सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था को गतिमान रखने के लिए सभी सेक्टरों को विशेष रियायत और छूट दी गई है। इससे ग्रामीण के साथ-साथ शहरी अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली। यही कारण है कि राज्य के अर्थव्यवस्था में अन्य राज्यों की तुलना में आर्थिक मंदी का कोई प्रभाव नहीं पड़ा।सरकार की किसान हितैषी नीतियों से इन तीन सालों में छत्तीसगढ़ राज्य में खेती-किसानी खूब फली-फूली और समृद्ध हुई है। पहले साल लगभग 83 लाख मीटरिक टन धान खरीदी की गई इसी प्रकार दूसरे साल रिकॉर्ड 92 लाख मीटरिक टन धान खरीदी हुई। इस वर्ष 105 लाख मीटरिक टन धान खरीदी की उम्मीद है। सरकार की इन नीतिगत फैसलों और कार्यों से समाज के सभी वर्गो का न्याय के साथ निरंतर विकास हो रहा है। गरीब, मजदूर, किसान, व्यापारी इन सभी वर्गो के हित में किए जा रहे कार्यों से नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने का सपना साकार हो रहा है।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवाछत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद के नवनियुक्त सदस्यों का मुख्यमंत्री ने किया स्वागत
रायपुर : मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद में कला संस्कृति और इससे जुड़ी विधाओं के विशेषज्ञों को सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है, जिससे की छत्तीसगढ़ की कला संस्कृति और साहित्य को देश में नई पहचान मिलेगी। उन्होंने कहा कि परिषद के माध्यम से राज्य की प्रतिभाओं को आगे लाने के लिए अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि पहले छत्तीसगढ़ की पहचान नक्सल प्रदेश के रूप में थी। नई सरकार के गठन के बाद पिछले तीन वर्षों में किसानों और खेती-किसानी, आदिवासियों के विकास और संस्कृति संरक्षण-संवर्धन के क्षेत्र में बहुत से कार्य हुए हैं, इससे राज्य की तस्वीर बदल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ का निर्माण सांस्कृतिक आधार पर हुआ है। परिषद में नवनियुक्त सदस्यों की महती जिम्मेदारी है कि राज्य के सांस्कृतिक पक्षों के सकारात्मक पहलूओं को देश-दुनिया के सामने बेहतर ढ़ंग से प्रस्तुत करने अपनी भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि परिषद के कार्यो के बेहतर संचालन के लिए अलग-अलग क्षेत्रों के विशेषज्ञों को सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है।
बैठक में छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद के उपाध्यक्ष एवं संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत ने कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति को समग्र रूप से आगे बढ़ाने के लिए परिषद के माध्यम से एक नई शुरूआत हो रही है। मुख्यमंत्री श्री बघेल के नेतृत्व में संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए गठित किए गए विभिन्न अकादमियों और संस्थाओं को एक छत के नीचे समग्र रूप से काम करने का अवसर मिलेगा। मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री विनोद वर्मा ने कहा कि सांस्कृतिक क्षेत्र में मध्यप्रदेश को जो ऊंचाईयां मिली उसमें छत्तीसगढ़ का बहुत बड़ा योगदान था। छत्तीसगढ़ के गठन के बाद यहां की संस्कृति को देश में नई ऊंचाई देने के लिए छत्तीसगढ़ सांस्कृतिक परिषद का गठन किया गया है। इससे राज्य की सांस्कृतिक प्रतिभाओं को आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा।
बैठक में खैरागढ़ विश्वविद्यालय की कुलपति पद्मश्री ममता चन्द्राकर, संस्कृति विभाग के सचिव श्री अंबलगन पी., संचालक श्री विवेक आचार्य, कला विशेषज्ञ श्री जयंत देशमुख, श्री नवल शुक्ला, श्री भूपेश तिवारी, श्री योगेंद्र त्रिपाठी, नृत्य विशेषज्ञ सुश्री वासंती वैष्णव, श्री कालीचरण यादव, श्री ललित कुमार, श्री रामकुमार तिवारी, श्री ईश्वर सिंह दोस्त, चित्रकला-मूर्तिकला विशेषज्ञ सुश्री सुनीता वर्मा, नाट्य विशेषज्ञ श्री भूपेन्द्र साहू उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवातीन वर्ष की अवधि में ही स्थापित हुई 1751 औद्योगिक इकाईयां
32 हजार 912 लोगों को मिला रोजगार
रायपुर : छत्तीसगढ़ में हो रहे तीव्र औद्योगिक विकास का ही परिणाम है कि पिछले तीन सालों में ही बड़े, मध्यम, मेगा, माइक्रो तथा छोटे उद्योगों की कुल 1751 इकाईयां स्थापित हुईं हैं। इन औद्योगिक समूहों के द्वारा कुल 19 हजार 550 करोड़ 72 लाख रूपए का पूंजी निवेश किया गया है। जिससे इन इकाईयों में 32 हजार 912 लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के कुशल नेतृत्व एवं उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा के मार्गदर्शन में राज्य में उद्योगों के विकास एवं निवेश का बेहतर महौल तैयार हुआ है। राज्य सरकार की नई औद्योगिक नीति से कृषि और वनोपज आधारित उद्योगों को प्राथमिकता दी गई है। खनिज आधारित उद्योगों को हर तरह का प्रोत्साहन दिया जा रहा है। नई औद्योगिक नीति के तहत अब इस्पात (स्पंज आयरन एण्ड स्टील) क्षेत्र के मेगा, अल्ट्रा प्रोजेक्ट में निवेश हेतु विशेष प्रोत्साहन पैकेज की व्यवस्था की गई है। मेगा निवेश के लिए इस पैकेज में अधिकतम 500 करोड़ रूपए तक निवेश प्रोत्साहन दिया जा रहा है। बस्तर संभाग के लिए 1000 करोड़ का निवेश प्रोत्साहन दिया जा रहा है। निवेशकों को सिर्फ छूट और सुविधा ही नहीं दी जा रही है बल्कि इस बात का भी ख्याल रखा गया है कि प्रदेश में आसानी के साथ उद्योग स्थापित हो सकें।
इसके लिए प्रक्रियाओं का सरलीकरण किया गया है। औद्योगिक क्षेत्रों में भूमि आबंटन के लिए भू-प्रब्याजी में 30 प्रतिशत की कमी की गई है। भू-भाटक में एक प्रतिशत की कमी की गई है। औद्योगिक क्षेत्रों में 10 एकड़ तक आबंटित भूमि को लीज फ्री होल्ड करने के लिए नियम बनाए गए हैं। औद्योगिक भूमि और भवन प्रबंधन नियमों का सरलीकरण किया गया है।
कोरोना संकट काल के लॉकडाउन के दौरान पूरा देश आर्थिक मंदी से प्रभावित रहा ऐसे स्थिति में छत्तीसगढ़ में उद्योग जगत भी अछूता न रहा। इन सबके बावजूद मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के तीन वर्षों के कार्यकाल में 8 बड़े उद्योग लगे जिसमें मैनेजमेंट के तहत 132 एवं कुशल श्रेणी के 409 तथा अन्य 432 अकुशल श्रेणी के कर्मचारी कार्यरत है। इन औद्योगिक समूहों द्वारा 430 करोड़ 34 लाख रूपए का निवेश किया गया है। मध्यम श्रेणी के 33 उद्योगों में 322 कर्मचारी मैनेजमेंट के तहत एवं 868 कुशल श्रेणी तथा 1249 अकुशल कर्मचारी कार्यरत है। मध्यम श्रेणी के उद्योगों में 303 करोड़ 75 लाख रूपए का पूंजी निवेश किया है। मेगा श्रेणी के चार उद्योगों में 387 कर्मचारी मैनेजमेंट के अंतर्गत एवं 1635 कुशल श्रेणी के तथा 364 अकुशल कर्मचारी कार्यरत हैं। इन उद्योगों में एक हजार 388 करोड़ 80 लाख रूपए का निवेश किया है। माइक्रो श्रेणी के उद्योगों के 292 उद्योगों में 344 मैनेजमेंट कर्मचारी एवं 707 कुशल तथा 1125 अकुशल कर्मचारी कार्यरत हैं। उक्त उद्योगों में 130 करोड़ 73 लाख रूपए का पूंजी निवेश किया है। विभिन्न छोटे श्रेणी के 494 उद्योगों में 839 कर्मचारी मैनेजमेंट में एवं 1871 कुशल तथा 3415 अकुशल कर्मचारी काम कर रहे हैं। इन छोटे उद्योगों के द्वारा कुल 942 करोड़ 62 लाख रूपए का पूंजी का निवेश किया गया है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
महात्मा फुले सामाजिक क्रांति के अग्रणी नेता थे, तो महात्मा गांधी राजनीतिक क्रांति के अग्रणी समाज सुधारक थे
महात्मा गांधी ने महात्मा फुले के काम को आगे बढ़ाया, छत्तीसगढ़ में समाजिक न्याय की स्थापना के लिए इन्हीं महात्माओं के रास्ते पर चल रहे हैं
जिसका जितना हक है वह उन्हें दिलाने का प्रयास
समाज के वंचित वर्गों को न्याय दिलाने के असाधारण फैसलों और कार्यों के लिए मुख्यमंत्री श्री बघेल को किया गया सम्मानित
रायपुर : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को आज महात्मा ज्योतिबा फुले की 131 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर पुणे में ’महात्मा फुले समता पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। पुणे के महात्मा फुले स्मारक ’समता भूमि’ में अखिल भारतीय महात्मा फुले समता परिषद् द्वारा आयोजित समारोह में परिषद् के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री छगन भुजबल ने फुले पगड़ी, मानद शाल, सम्मान निधि और स्मृति चिन्ह प्रदान कर ’महात्मा फुले समता पुरस्कार’ से सम्मानित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि हिन्दुस्तान के पांच हजार साल के इतिहास में साढ़े तीन हजार साल पिछड़ों का राज रहा। लेकिन अंग्रेजों के शासन काल में देश की अर्थव्यवस्था छिन्न-भिन्न हो गई। ऐसे में महात्मा ज्योतिबा फुले ने समाज सुधार के माध्यम से समतामूलक समाज की स्थापना के लिए कार्य किया। महात्मा फुले सामाजिक क्रांति के अग्रणी नेता थे, तो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी राजनीतिक क्रांति के अग्रणी समाज सुधारक थे। श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में हम इन्हीं महात्माओं के बताए रास्ते में चल कर सामाजिक न्याय की स्थापना के लिए काम कर रहे हैं।मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को अपने कार्यकाल के दौरान समाज के वंचित वर्गों को न्याय दिलाने की दिशा में लिए गए फैसलों और असाधारण महत्वपूर्ण कार्यों के लिए इस वर्ष के ’महात्मा फुले समता पुरस्कार’ के लिए चुना गया है। मुख्यमंत्री को कार्यक्रम में महात्मा ज्योतिबा फुले की पुस्तक ’किसान का कोड़ा’ की प्रति भेंट की गई। इसके पहले मुख्यमंत्री ने महात्मा फुले स्मारक ’समता भूमि’ में महात्मा फुले और श्रीमती सावित्री बाई फुले की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने ’महात्मा फुले समता पुरस्कार’ वितरण समारोह में महात्मा ज्योतिबा फुले और श्रीमती सावित्री बाई फुले को नमन करते हुए कहा कि महात्मा फुले और श्रीमती सावित्री बाई फुले ने समाज के वंचितों, पीड़ितों, शोषितों और तिरस्कृत लोगों के लिए जीवन भर काम किया, उन्हें जीवन की राह दिखायी और समाज में सम्मान दिलाया। महात्मा फुले का जीवन एक उत्कट क्रांतिकारी का जीवन था। उन्होंने अपने समय की समस्याओं को नजदीक से देखा, समझा और उनका निदान भी खोजा। उन्होंने समाज में व्याप्त रूढ़ियों पर सीधे तौर पर प्रबल प्रहार किया, उस समय की शिक्षा, चिकित्सा और समता की समस्याओं के निदान का काम करते हुए समतामूलक समाज के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया। महात्मा गांधी ने महात्मा फूले के काम को आगे बढ़ाया।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस अवसर पर महाराष्ट्र की पुण्य भूमि को नमन करते हुए कहा कि यह भूमि महात्मा ज्योतिबा फूले, बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर सहित अनेक संत महात्माओं की वैचारिक और क्रांति भूमि है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक समय था जब पूरी दुनिया के जीडीपी का 23 प्रतिशत हिस्सा हिन्दुस्तान का होता था। हिन्दुस्तान के पांच हजार साल के इतिहास में साढ़े तीन हजार साल पिछड़ों का राज रहा। लोग खेती किसानी करते थे, और हुनरमंद शिल्पकार और कारीगर शिल्पकारी और कारीगिरी करते थे। प्राचीन काल में हिन्दुस्तान का व्यापार देश दुनिया में खूब फला-फूला इसलिए हिन्दुस्तान सोने की चिड़िया कहलाया। यह स्थिति मुगलकाल में भी रही लेकिन अंग्रेजों के शासन काल में देश की अर्थव्यवस्था छिन्न-भिन्न हो गई। खेती किसानी नष्ट होने लगी, हुनरमंद लोगों के पास काम नहीं रहा। ऐसे में एक ज्योति महात्मा ज्योतिबा फुले के रूप में सामने आई। जिन्होंने समाज सुधार के माध्यम से समतामूलक समाज की स्थापना के लिए कार्य किया। वंचितों, तिरस्कृतों को सम्मान दिलाया और शिक्षा पर जोर दिया। विशेष रूप से महिलाओं की शिक्षा पर जोर दिया। उन्होंने कहा था कि विद्या के बिना मति नहीं, मति के बिना नीति नहीं, नीति के बिना गति नहीं और गति के बिना अर्थ नहीं। उन्होंने सत्यशोधक समाज की स्थापना की। उन्होंने कहा कि महात्मा फुले सामाजिक क्रांति के अग्रणी नेता थे, तो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी राजनीतिक क्रांति के अग्रणी समाज सुधारक थे। महात्मा गांधी ने लोगों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए कुटीर उद्योगों पर जोर दिया। चरखा और तकली को हथियार बनाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बापू ने महात्मा फुले के काम को आगे बढ़ाया। उन्होंने समाज के उत्पादक समाज को आगे बढ़ाने का काम किया। श्री बघेल ने भारत के संविधान के निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर को नमन करते हुए कहा कि उन्होंने संविधान के माध्यम से हमें बराबरी का, समानता का अधिकार दिलाया। उन्होंने आज की परिस्थितियों का उल्लेख करते हुए कहा कि आज हमारा संविधान और संस्थाएं खतरे में हैं। इन्हें बचाने की जरूरत है। उन्होंने आज की परिस्थितियों में पूंजीवाद और बाजारवाद से लड़ने के लिए छोटे कारिगरों द्वारा उत्पादि वस्तुओं के उपयोग को आवश्यक बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों को उनकी जनसंख्या के अनुपात से कम आरक्षण मिल रहा है। लेकिन इस विषय में सब मौन है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिलाने के लिए राज्य सरकार द्वारा क्वांटिफायबल डाटा एकत्र किया जा रहा है। जिसे बहुत जल्द उच्च न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारा यह प्रयास है कि जिसका जितना हक है वह उन्हें मिल सके।
श्री बघेल ने कहा कि नई सरकार के गठन के बाद बस्तर के लोहंडीगुड़ा में इस्पात संयंत्र लगाने के लिए 1700 किसानों से अधिकृत की गई 4200 एकड़ जमीन उन्हें लौटाई गई। किसानों को उनकी उपज की सही कीमत दिलाने के लिए समर्थन मूल्य पर खरीदी के साथ राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत किसानों को इनपुट सब्सिडी देने की शुरूआत की। गोधन न्याय योजना का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इस योजना में दो रूपये किलो में गोबर खरीद कर गौठानों में स्व-सहायता समूहों द्वारा जैविक खाद का निर्माण किया जा रहा है जिसमें हजारों महिलाओं को रोजगार मिला है। अब जैविक खाद के साथ गोबर से बिजली भी बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में वर्मी खाद का उत्पादन कर हम जैविक खेती की ओर बढ़ रहे हैं। वर्षा के जल को रोकने के लिए 12000 नालों की रि-चार्जिंग की जा रही है। इस अवसर पर महाराष्ट्र महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती रूपाली ताई, श्री बापू भुजबल, हरि नरके, श्री सिद्धार्थ कुशवाहा सहित अखिल भारतीय महात्मा फुले समता परिषद् के अनेक पदाधिकारी जन प्रतिनिधि और प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित थे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
पिछले 3 महीनों में 30 हजार ओपीडी, 200 से अधिक प्रसव
रायपुर के 4 ‘हमर अस्पताल’ में लोगों को मिल रही है कई नई सेवाएं, 42 तरह की जांच की सुविधा, 150 प्रकार की दवाएं निःशुल्क
दंत चिकित्सा, सोनोग्राफी और एक्स-रे की सुविधा भी
रायपुर : राजधानी रायपुर में संचालित चार ‘हमर अस्पताल’ से शहर में स्वास्थ्य सेवाओं की सूरत और सीरत बदल रही है। कई नई सुविधाओं से लैस इन अस्पतालों में पिछले तीन महीनों अगस्त, सितम्बर एवं अक्टूबर में 30 हजार ओपीडी हुई हैं। इस दौरान यहां 200 से अधिक प्रसव भी कराए गए हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के सहयोग से गुढ़ियारी के शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तथा राजातालाब, भाठागांव और भनपुरी स्थित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का पिछले वर्ष ‘हमर अस्पताल’ के रूप में उन्नयन किया गया है। स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने मार्च-2020 में गुढ़ियारी में और नवम्बर-2020 में राजातालाब, भाठागांव और भनपुरी में ‘हमर अस्पताल सेवा’ का शुभारंभ किया था।
लोगों को सुबह से लेकर देर शाम तक चिकित्सा सेवा मुहैया कराने के लिए इन अस्पतालों में सवेरे 8 बजे से रात 8 बजे तक ओपीडी संचालित की जा रही है। यहां की आधुनिक लैब में मरीजों को 42 तरह की जांच की सुविधा मिल रही है। इन अस्पतालों में 150 प्रकार की दवाईयां निःशुल्क उपलब्ध हैं। चारों ‘हमर अस्पताल’ में विगत सात महीनों में कुल 1611 लोगों के आंखों की जांच की गई है। गुढ़ियारी ‘हमर अस्पताल’ में विगत सात महीनों (अप्रैल से अक्टूबर 2021) में 1188 लोगों के दांत के इलाज के साथ ही 320 मरीजों को एक्स-रे सुविधा प्रदान की गई है। राजातालाब और गुढ़ियारी ‘हमर अस्पताल’ में इस साल अगस्त से सोनोग्राफी की सुविधा भी शुरू हो चुकी है। इन दोनों अस्पतालों में अगस्त से अक्टूबर के बीच क्रमशः 151 और 163 मरीजों की सोनोग्राफी की गई है। अन्य ‘हमर अस्पतालों’ में भी दंत चिकित्सा, सोनोग्राफी और एक्स-रे की सुविधा विकसित की जा रही है।
नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत पिछले सात महीनों में चारों ‘हमर अस्पताल’ में कुल 335 बच्चों को हेपेटाइटिस-बी, 282 बच्चों को विटामिन-के की खुराक तथा 405 बच्चों को बीसीजी का टीका एवं ओरल पोलियो वैक्सीन दी गई है। गुढ़ियारी ‘हमर अस्पताल’ की ओपीडी में बीते तीन महीनों में 8709, राजातालाब ‘हमर अस्पताल’ की ओपीडी में 8687, भनपुरी ‘हमर अस्पताल’ की ओपीडी में 7143 और भाठागांव ‘हमर अस्पताल’ की ओपीडी में 5441 लोगों ने अपना इलाज कराया है। इस दौरान गुढ़ियारी ‘हमर अस्पताल’ में 77, राजातालाब ‘हमर अस्पताल’ में 53, भनपुरी ‘हमर अस्पताल’ में 38 और भाठागांव ‘हमर अस्पताल’ में 35 महिलाओं का प्रसव कराया गया है।
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एजेंसीनई दिल्ली : केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध और कई मांगों को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसान आंदोलन को आज एक साल पूरा हो गया है। इस अवसर यूपी, हरियाणा और पंजाब के के किसानों का सिंघु और टीकरी बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर पर एक बार फिर से जमावड़ा बढ़ गया है। हालांकि, केंद्र ने हाल ही में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की है। इसके बावजूद किसान अभी वापस लौटने को तैयार नहीं हैं। इसे देखते हुए राजधानी के विभिन्न सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।
किसान आंदोलन को एक साल पूरे होने पर अमृतसर, जालंधर, फिरोजपुर, पटियाला, लुधियाना, संगरूर, अंबाला, हिसार, सिरसा, रोहतक, कुरुक्षेत्र, भिवानी समेत दोनों राज्यों के हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर पहुंच रहे हैं। पुलिस के मुताबिक, सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और जिन जगहों पर प्रदर्शनकारी किसान धरने पर बैठे हैं, वहां दिल्ली पुलिस के जवानों के साथ अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती रहेगी।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज अपने एक दिवसीय बस्तर प्रवास के दौरान धरमपुरा-01 में नवनिर्मित इंद्रावती ’वर्किंग वुमेन ट्रांजिट हॉस्टल’ के गृह प्रवेश कार्यक्रम में भाग लेकर महिलाओं को उनके कमरों की चाबियां सौंपी। उन्होंने यहां गृह प्रवेश करने वाली महिला हितग्राहियों को चाबी सौंपते हुए सुरक्षित वातावरण में आवास की सुविधा पाने के लिए बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने हितग्राहियों के पारिवारिक पृष्ठभूमि के बारे में भी जानकारी ली। बातचीत के दौरान हितग्राहियों ने अत्यंत अल्प किराए में सर्वसुविधायुक्त सुरक्षित आवास की सुविधा उपलब्ध करने के लिए मुख्यमंत्री श्री बघेल के प्रति आभार व्यक्त किया।
यह 100 सीटर हॉस्टल लगभग 6 करोड़ 99 लाख रूपए की लागत से निर्मित किया गया है। हॉस्टल में दूरस्थ क्षेत्रों से आने वाली कामकाजी महिलाओं को सुरक्षित एवं सर्वसुविधा युक्त आवास की सुविधा उपलब्ध होगी। कार्यक्रम में हॉस्टल में निवासरत् महिलाओं से मुख्यमंत्री श्री बघेल ने व्यवस्थाओं से संबंध में चर्चा की। उत्तराखंड की ऋचा साहू, दिल्ली की जया और कोलकाता की आत्रेयी ने बताया कि वे लोग एनजीओ में कार्यरत् हैं यहां पर कुछ दिनों से निवास कर रही हैं। इन युवतियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि पूर्व में यहां पर आकर आवास ढूंढना एक बड़ी समस्या थी साथ ही किराये के घर मिलने में भी कुछ न कुछ समस्याएं आती रही हैं। परन्तु अब इस हॉस्टल के निर्माण से कामकाजी महिलाओं की इस समस्या का समाधान हो गया है। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार भी जताया।इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री रविंद्र चौबे, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, सांसद बस्तर दीपक बैज, संसदीय सचिव श्री रेखचंद जैन बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री लखेश्वर बघेल, उपाध्यक्ष श्री विक्रम मंडावी और श्री संतराम नेताम, छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष श्री चंदन कश्यप, विधायक दंतेवाड़ा श्रीमती देवती कर्मा, विधायक चित्रकोट श्री राजमन बेंजाम, महापौर श्रीमती सफीरा साहू, नगर निगम अध्यक्ष श्रीमती कविता साहू, कमिश्नर श्री जीआर चुरेंद्र, आईजी बस्तर श्री सुन्दरराज पी., कलेक्टर श्री रजत बंसल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री जितेंद्र मीणा सहित गणमान्यजन प्रतिनिधि व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
राजनांदगांव जिले के निवेशकों को 2 करोड़ 46 लाख रुपए की राशि ऑनलाइन वापस की गई
राजनांदगांव में अब तक 9 करोड़ 78 लाख रूपए वितरित
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज राजनादगांव जिले के चिटफंड निवेशकों को 2 करोड़ 46 लाख रुपए की राशि ऑनलाइन उनके खाते में अंतरित की। मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में आज आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में चिटफंड कंपनियों के निवेशकों को राशि उनके खाते में वापस लौटने के साथ ही मुख्यमंत्री ने निवेशकों को उनकी राशि वापस मिलने पर बधाई दी । मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ देश का इकलौता राज्य है, जो अपने राज्य के निवेशकों को जिनके साथ चिटफंड कंपनियों ने धोखाधड़ी की है, उनकी राशि वापस लौटा रहा है। इसके लिए चिटफंड कंपनियों के डायरेक्टरों पर कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ उनकी प्रॉपर्टी की कुर्की और नीलामी कर उससे प्राप्त होने वाली राशि निवेशकों वापस दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चिटफंड कंपनियों के विरुद्ध लगातार कार्रवाई की जा रही है । उनके ऊपर प्रकरण दर्ज किए जा रहे हैं । उनकी प्रॉपर्टी को चिन्हित कर कुर्की और नीलामी की कार्रवाई की प्रक्रिया सतत जारी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलों के कलेक्टरों एवं पुलिस अधीक्षको को चिटफंड कंपनियों के विरुद्ध कार्यवाही और वसूली का अभियान तेजी से संचालित करने के भी निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि राजनादगांव जिले में इससे पहले 16 हजार 796 निवेशकों को 7 करोड़ 32 लाख रुपए की राशि वापस लौटाई जा चुकी है। आज 2 करोड़ 46 लाख रुपए की राशि वापस की गई है । इसको मिलाकर अब तक राजनांदगांव जिले में चिटफंड के निवेशकों को 9 करोड़ 78 लाख रुपए वापस लौटाये जा चुके है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार का यह प्रयास चिटफंड कंपनियों की धोखाधड़ी के शिकार हुए निवेशकों को न्याय दिलाना है। इसके लिए शासन प्रशासन की ओर से लगातार कार्रवाई की जा रही है। निवेशकों को उनकी राशि वापस लौटाने का यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा।
इस अवसर पर कलेक्टर राजनादगांव श्री तारण प्रकाश सिन्हा ने बताया कि राजनंदगांव जिले में चिटफंड कंपनी के निवेशकों से 3 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं। 462 चिटफंड कंपनियों का विवरण तैयार किया गया हैं। उन्होंने बताया कि चिटफंड कंपनी शुभ साईं इंडिया लिमिटेड की डोंगरगढ़ तहसील के ग्राम घोटिया में 10 एकड़ जमीन कुर्क की गई है। उन्होंने बताया कि जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा पारित अंतिम आदेश के तहत मटिया गांव में 3 एकड़ तथा हरडूआ में आधा एकड़ जमीन की नीलामी की कार्रवाई दिसंबर माह के प्रथम सप्ताह में की जाएगी, और इससे प्राप्त होने वाली राशि चिटफंड कंपनी के निवेशकों को वापस लौटाया जाएगा। उन्होंने बताया कि चिटफंड कंपनियों के डायरेक्टरों के विरुद्ध भी लगातार कार्रवाई जारी है।
इस मौके पर पुलिस अधीक्षक श्री डी. श्रवण ने बताया कि चिटफंड कंपनियों के विरुद्ध 31 मामले दर्ज किए गए हैं, जिसमें से 27 मामले अभी न्यायालय में लंबित हैं । एक प्रकरण में चिटफंड कंपनी के दो डायरेक्टरों को सजा भी मिली है। कुल 61 डायरेक्टर गिरफ्तार किए गए हैं। उन्होंने बताया कि चिटफंड कंपनियों की 17 प्रॉपर्टी चिन्हित की गई है, जिनकी कुर्की व नीलामी की कार्रवाई की जाएगी। राशि वापसी के ऑनलाइन कार्यक्रम से जुड़ीं निवेशक श्रीमती शारदा बाई ने बताया कि उन्होंने चिटफंड कंपनी में 5 लाख रुपये का निवेश वर्ष 2010 में किया था। उनकी पूरी राशि डूब गई थी। श्रीमती शारदा बाई ने राशि वापस मिलने पर प्रसन्नता जताते हुए इसके लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया। खैरागढ़ के श्री पुन्नू राम ने बताया कि उन्होंने चिटफंड कंपनी में 50 हजार रूपए का निवेश किया था। कंपनी ने राशि 3 गुना वापस कर लौटाने की बात कही थी। श्री महरु राम ने बताया कि उसने 3 लाख चिटफंड कंपनी में वर्ष 2014 में जमा किए थे, उनकी पूरी जमा पूंजी डूब गई थी। उन्होंने बताया कि इससे पहले उन्हें 90 हजार रुपए वापस मिले थे। आज 30 हजार रुपए वापस उनके खाते में आए हैं। श्री हरिराम ने बताया कि उसने भी चिटफंड कंपनी में 2 लाख 16 हजार रुपए का निवेश किया था, परंतु चिटफंड कंपनी के भाग जाने की वजह से उनकी पूरी राशि डूबत में चली गई थी। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की विशेष पहल पर डूबत राशि उन्हें वापस मिल रही है। पहले उन्हें 65 हजार और आज दूसरी बार 21 हजार रूपए की राशि वापस मिली है। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के प्रति इसके लिए आभार जताया।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवागौठानों और किसानों से वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन को बढ़ावा देने की अपील
मुख्यमंत्री ने गोबर विक्रेताओं, गौठान समितियों और समूहों को जारी की 2.37 करोड़ की राशि
रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित गोधन न्याय योजना के राशि अंतरण के ऑनलाईन कार्यक्रम में गौठानों में गोबर बेचने वाले पशुपालकों, ग्रामीणों, गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को 2 करोड़ 37 लाख रूपए की राशि जारी की। जिसमें गोबर विक्रेताओं को 2 करोड़ 6 लाख रूपए तथा गौठान समितियों और महिला समूहों का लाभांश 31 लाख रूपए शामिल है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि गोबर से गौठानों में बनने वाली वर्मी कम्पोस्ट और सुपर कम्पोस्ट खाद रासासनिक खाद का सशक्त विकल्प बनी है।
मुख्यमंत्री ने खरीफ सीजन 2021 में रासायनिक खाद की कमी विशेषकर डीएपी की किल्लत का उल्लेख करते हुए कहा कि जब पूरे देश में रासायनिक खाद को लेकर मारामारी की स्थिति थी, उस समय छत्तीसगढ़ महतारी, गौ-माता और माता कौशल्या की कृपा से छत्तीसगढ़ राज्य इससे अछूता रहा। डीएपी की कमी को छत्तीसगढ़ ने गौठानों में बनी वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट खाद सेे पूरा किया।
उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में भी रासायनिक उर्वरक विशेषकर डीएपी की आपूर्ति में दिक्कत आने की सम्भावना है। उन्होंने राज्य के किसान भाईयों, गौठान समितियों और महिला स्व-सहायता समूहों से इस कमी को पूरा करने के लिए वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट के उत्पादन को बढ़ावा देने की अपील की। इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ. महंत राम सुंदर दास, आयोग के सदस्यगण, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोबर से बनी वर्मी कम्पोस्ट और सुपर कम्पोस्ट खाद के उपयोग से सार्थक परिणाम खेती-किसानी में देखने और सुनने को मिल रहे हैं। रासायनिक खादों पर हमारी निर्भरता कम हो, खेती की लागत में कमी आए, इसके लिए जरूरी है कि हम वर्मी कम्पोस्ट का ज्यादा-ज्यादा से उत्पादन और उपयोग करें। यह राज्य और किसानों के हित में होगा। उन्होंने कहा कि हमें गौठानों को और मजबूत करना होगा, ताकि रासायनिक खाद की कमी की चुनौती को हम इसके माध्यम से दूर कर सके।
कार्यक्रम में गोधन न्याय मिशन के प्रबंध संचालक डॉ. एस. भारती दासन ने बताया कि गोधन न्याय योजना के माध्यम से गोबर खरीदी के एवज में अब तक पशुपालक किसानों को 111 करोड़ 56 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है। गौठान समितियों को 41 करोड़ 65 लाख रुपए का भुगतान अब तक किया जा चुका है। प्रदेश में अब तक 10 हजार 564 गौठान स्वीकृत किए जा चुके हैं। इनमें से 07 हजार 751 गौठानों का निर्माण हो चुका है। उन्होंने बताया कि गौठानों में 9 लाख 6 हजार 151 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट तथा 4 लाख 6 हजार 831 क्विंटल सुपर कम्पोस्ट का उत्पादन हुआ है, जिसमें से 79.78 करोड़ रूपए की खाद बिक चुकी है। उन्होंने चारागाह विकास के बारे में भी जानकारी दी।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
राष्ट्रपति के हाथों मुख्यमंत्री श्री बघेल ने ग्रहण किया स्वच्छता अवार्ड
नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित स्वच्छ अमृत महोत्सव में दिया गया पुरस्कार
छत्तीसगढ़ के सर्वाधिक 67 निकायों को मिला स्वच्छता पुरस्कार
छत्तीसगढ़ लगातार तीसरी बार स्वच्छता में नम्बर वन, वर्ष 2019 एवं 2020 में भी था अग्रणी राज्य
रायपुर : छत्तीसगढ़ को स्वच्छ अमृत महोत्सव कार्यक्रम में सबसे स्वच्छ राज्य श्रेणी में पुरस्कृत किया गया है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद के हाथों अवार्ड ग्रहण किया। इस सम्मान समारोह में प्रदेश के सर्वाधिक 67 नगरीय निकायों को भी उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार दिये गए हैं। कार्यक्रम में आवासन और शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी, राज्य मंत्री कौशल किशोर भी शामिल रहे।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ ने लगातार तीसरे साल स्वच्छतम् राज्य का राष्ट्रीय पुरस्कार जीता है तो इसका श्रेय छत्तीसगढ़ के पौने तीन करोड़ लोगों को जाता है। मैं विशेष रूप से राज्य की महिलाओं को इसका श्रेय देना चाहूंगा, जिन्होंने शहरों से लेकर गांवों तक स्वच्छता की एक नयी संस्कृति का निर्माण किया है।
गौरतलब है कि भारत सरकार के आवासन एवं शहरी कार्यमंत्रालय द्वारा हर साल देश के समस्त शहरों एवं राज्यों के मध्य स्वच्छ सर्वेक्षण का आयोजन किया जाता है। इसमें विभिन्न मापदंडों के अंतर्गत शहरी स्वच्छता का आंकलन किया जाता है। मुख्य रूप से घर-घर से कचरा एकत्रीकरण, कचरे का वैज्ञानिक रीति से निपटान, खुले में शौच मुक्त शहर, कचरा मुक्त शहर आदि का थर्ड पार्टी के माध्यम से आंकलन करते हुए नागरिकों के फीडबैक को भी इसमें शामिल किया जाता है। इसी आधार पर राज्यों एवं शहरों की रैंकिंग जारी कर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले राज्यों तथा शहरों को पुरस्कृत किया जाता है।
छत्तीसगढ़ देश का ऐसा एक मात्र प्रदेश है जहां पर नरवा, गरूवा, घुरवा एवं बाड़ी के सिद्धांतों के अनुरूप 9000 से अधिक स्वच्छता दीदियों द्वारा घर-घर से 1600 टन गीला एवं सूखा कचरा एकत्रीकरण करते हुए वैज्ञानिक रीति से कचरे का निपटान किया जा रहा है। इसके अलावा भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ को देश का प्रथम ओडीएफ़ प्लस प्लस राज्य घोषित किया गया है।
नई दिल्ली में पुरस्कार ग्रहण करने मुख्यमंत्री के साथ ही शहरी विकास मंत्री श्री शिव कुमार डहरिया, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, विभाग की सचिव अलरमेलमंगई डी, आवासीय आयुक्त सुश्री एम गीता, स्वच्छ भारत मिशन के डायरेक्टर श्री सौमिल रंजन चौबे आदि समारोह में उपस्थित रहे।
नगर निगमों को मिला पुरस्कार
स्वच्छ सर्वेक्षण, गार्बेज फ्री सिटी के लिए रायपुर के महापौर एजाज ढेबर, अम्बिकापुर महापौर अजय तिर्की, भिलाई चरोदा के महापौर चंद्रकांत मांडले, बिलासपुर महापौर रामशरन यादव, चिरमिरी की महापौर कंचन जयसवाल, रायगढ़ महापौर जानकी अमृत काटजू, कोरबा महापौर राजकिशोर प्रसाद, राजनांदगांव महापौर हेमासुदेश देशमुख, दुर्ग महापौर धीरज बकलीवाल के साथ ही नगर निगम के आयुक्त, नगर पालिका अध्यक्ष, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नोडल अधिकारियों ने पुरस्कार ग्रहण किया।
छत्तीसगढ़ के सर्वाधिक निकाय पुरस्कृत
छत्तीसगढ़ ने स्वच्छता के क्षेत्र में अपना परचम लहराते हुए देश के स्वच्छ्तम राज्य के अपने दर्जे को बरकरार रखते हुए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। छत्तीसगढ़ को न सिर्फ़ राज्य के रूप में, बल्कि यहां के 67 शहरी निकायों को भी उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पुरस्कृत किया गया। छत्तीसगढ़ ऐसा राज्य है जिसके सबसे ज्यादा निकाय पुरस्कृत किए जा रहे हैं। स्वच्छता के मामले में छत्तीसगढ़ वर्ष 2019 एवं 2020 में भी अग्रणी राज्य रहा है।
इस तरह स्वच्छता में छत्तीसगढ़ ने मारी बाजी
स्वच्छता के क्षेत्र में राष्ट्रपति द्वारा दिए जाने वाले 239 पुरस्कारों में से 67 पुरस्कार छत्तीसगढ़ से संबंधित हैं। यह बड़ी उपलब्धि है।इस सफलता के पीछे 10 हजार से अधिक स्वच्छता दीदीयां हैं।
गांवों के 7 हजार 500 से अधिक गौठानों में लगभग 5 हजार स्व सहायता समूहों की 70 हजार महिलाएं विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से पर्यावरण को बेहतर बनाने में जुटी हुई हैं। नरवा-गरवा-घुरवा-बारी कार्यक्रम से स्वच्छता अभियान को जोड़ा।सिंगल यूज प्लास्टिक बैन पर जोर दिया। 6-R पॉलिसी यानी रीथिंक, रियूज, रिसाइकिल, रिपेयर, रिड्यूस, रिफ्यूज के आधार पर काम किया इससे नए अपशिष्ट बनने की मात्रा कम होने लगी। बस्तियों में सामुदायिक और सार्वजानिक शौचालय बनाए।
मानव मल प्रबंधन के लिए फिकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए, जहां सीवर का पानी ट्रीट होता है। लोगों को जागरुक करने के लिए स्वच्छता दीदियों ने डोर-टू-डोर जाकर लोगों को गीला-सूखा कचरा अलग रखने के लिए प्रशिक्षण दिया। नागरिकों की स्वच्छता संबंधी शिकायतों को 24 घंटे के अंदर निपटान के लिए टोल फ्री नम्बर 1100 की व्यवस्था की गई। गूगल से सभी सार्वजानिक एवं सामुदायिक शौचालयों को जोड़ा गया ताकि लोग अपने आस-पास के शौचालय को फोन पर ही सर्च कर सकें। गोधन न्याय योजना से सफाई और आमदनी दोनों बढ़ी। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
जिला पंचायत और जनपद पंचायत के अध्यक्षों को राज्य बजट से संचालित योजनाओं के संबंध में बढ़े प्रशासनिक और वित्तीय अधिकार
अध्यक्ष के अनुमोदन के बाद होगा योजनाओं का क्रियान्वयन और राशि का भुगतान
जिला पंचायत और जनपद पंचायत के अध्यक्ष मुख्य कार्यपालन अधिकारी की गोपनीय चरित्रावली के संबंध में प्रतिवेदक अधिकारी को अपना अभिमत करेंगे संसूचित
जिला एवं जनपद पंचायतों के पदाधिकारियों को विकास कार्योंके लिए प्रतिवर्ष मिलेगी विकास निधि
जिला पंचायत के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को नये वाहन के लिए राशि की स्वीकृति
जिला पंचायत अध्यक्ष-उपाध्यक्ष और सदस्य तथा सरपंच के मानदेय में वृद्धि
जिला पंचायत अध्यक्ष का मानदेय अब 25 हजार रूपए, उपाध्यक्ष का 15 हजार रूपए और सदस्य का मानेदय 10 हजार रूपए होगा
सरपंचों का मानदेय 2 हजार रूपए से बढ़कर हुआ 4 हजार रूपए
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राजधानी रायपुर के इंडोर स्टेडियम में आयोजित छत्तीसगढ़ प्रदेश स्तरीय पंचायती राज सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए पंचायती राज संस्थाओं के पदाधिकारियों के अधिकारों के संबंध में अनेक महत्वपूर्ण घोषणाएं की।
मुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित राज्य बजट की योजनाओं के क्रियान्वयन में नोटशीट जिला पंचायत के मामले में जिला पंचायत अध्यक्ष तथा जनपद पंचायत से संबंधित मामलों में जनपद पंचायतों के अध्यक्षों के समक्ष अनुमोदन हेतु प्रस्तुत की जाएंगी। केन्द्र सरकार की योजनाओं के लिये यह प्रावधान लागू नहीं होगा।
उन्होंने इसी तरह जिला पंचायत अध्यक्ष एवं जनपद पंचायत अध्यक्ष के वित्तीय अधिकार के संबंध में कहा कि छत्तीसगढ़ शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित राज्य बजट की योजनाओं की राशि का भुगतान पूर्व संबंधित अध्यक्ष द्वारा नस्ती पर अनुमोदन पश्चात मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत एवं वरिष्ठ लेखाधिकारी अथवा सहायक लेखाधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर से तथा जनपद के मामले मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत एवं सहायक लेखाधिकारी उसकी अनुपस्थिति में कलेक्टर द्वारा प्राधिकृत किसी अधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर से भुगतान किया जायेगा।
श्री बघेल ने जिला तथा जनपद पंचायत पदाधिकारियों को निधि प्रदान करने के संबंध में घोषणा करते हुए कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए प्रतिवर्ष 15 लाख रूपए, जिला पंचायत उपाध्यक्ष के लिए 10 लाख रूपए तथा जिला पंचायत सदस्य के लिये 4 लाख रूपए, जनपद पंचायत अध्यक्ष के लिए 5 लाख रूपये, जनपद पंचायत उपाध्यक्ष के लिये 3 लाख रूपए तथा जनपद पंचायत सदस्य के लिये 2 लाख रूपए निधि प्रदाय की जाएगी। इस प्रकार कुल 45 करोड़ रूपए के बजट प्रावधान को पुनर्विनियोजन के माध्यम किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने जिला पंचायत के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के गोपनीय चरित्रावली लिखे जाने के संबंध में कहा कि जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के गोपनीय प्रतिवेदन में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के जिला पंचायत के सचिव के रूप में किये गये कार्यदायित्व के संबंध में अध्यक्ष, जिला पंचायत गोपनीय प्रतिवेदन लिखने वाले प्रतिवेदक अधिकारी (कलेक्टर) को अपना अभिमत संसूचित करेगा।
इसी तरह जनपद पंचायत के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के गोपनीय चरित्रावली लिखे जाने के संबंध में जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के गोपनीय प्रतिवेदन में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के जनपद पंचायत के सचिव के रूप में किये गये कार्यदायित्य के संबंध में अध्यक्ष, जनपद पंचायत गोपनीय प्रतिवेदन लिखने वाले प्रतिवेदक अधिकारी (मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत) को अपना अभिमत संसूचित करेगा।
श्री बघेल ने जिला जनपद पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को वाहन उपलब्ध कराने के संबंध में कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष को वाहन उपलब्ध कराने हेतु 2 करोड रूपए प्रतिवर्ष व्यय की सहमति दी गई है। जनपद पंचायत अध्यक्ष को वाहन उपलब्ध कराने हेतु 6.13 करोड़ रूपए की अतिरिक्त व्यय की स्वीकृति दी जायेगी।
मुख्यमंत्री ने सरपंचों के मानदेय को 2 हजार रूपए बढ़ाकर 4 हजार रूपए करने, जिला पंचायत अध्यक्षों का मानदेय 15 हजार रूपए से बढ़ाकर 25 हजार रूपए करने, जिला पंचायत उपाध्यक्ष का मानदेय 10 हजार रूपए से बढ़ाकर 15 हजार रूपए और जिला पंचायत सदस्य का मानदेय 6 हजार रूपए से बढ़ाकर 10 हजार रूपए करने की घोषणा। मुख्यमंत्री ने सम्मेलन में कहा कि सरपंचों को अब 50 लाख रूपए की लागत तक के कार्य कराने का अधिकार होगा। नया संशोधित एसओआर जल्द लागू होगा। श्री बघेल ने ग्राम पंचायतों के पंचों को बैठक के लिए मिलने वाले 200 रूपए के भत्ते को बढ़ाकर 500 रूपए करने तथा पंचायती राज संस्थाओं के पदाधिकारियों की अन्य मांगों पर विचार करने के लिए पंचायत मंत्री की अध्यक्षता में कमेटी गठित करने की घोषणा।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवारायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज अपने निवास कार्यालय में देश की पहली और एकमात्र महिला प्रधानमंत्री भारतरत्न स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गांधी की जयंती के अवसर पर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया । उन्होंने श्रीमती इंदिरा गांधी के व्यक्तित्व और कृतित्व को याद करते हुए कहा कि इंदिरा जी ने अपने कुशल नेतृत्व, दूरदर्शिता, पक्के इरादों और तीक्ष्ण बुद्धिकौशल से भारत को अंतर्राष्ट्रीय पटल पर नई ऊंचाईयों तक पहुंचाया। उन्होंने आजीवन गरीबों और समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए प्रयास किया और देश की एकता और अखण्डता की रक्षा के लिए अपना जीवन न्यौछावर कर दिया। श्रीमती इंदिरा गांधी जी का जन्मदिन कौमी एकता के रूप में मनाया जाता है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन में कई उपलब्धियां प्राप्त की। जिनमें बांग्लादेश का उदय, भारत का परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र बनना प्रमुख उपलब्धियां रही। उनके हरित क्रांति कार्यक्रम की सफलता ने देश को खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि इंदिरा जी देश की पहली और अब तक की एकमात्र महिला प्रधानमंत्री रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदिरा जी के काम और उनके विचार मूल्य हम सबको देश सेवा के लिए प्रेरित करते रहेंगे।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मण्डल के अध्यक्ष श्री कुलदीप जुनेजा, विधायक डॉ के के ध्रुव, महापौर श्री एजाज ढेबर, छत्तीसगढ़ अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष श्री महेन्द्र छाबड़ा और छत्तीसगढ़ पर्यटन मण्डल के अध्यक्ष श्री अटल श्रीवास्तव भी उपस्थित थे ।
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शहीद चुम्मन यादव की लगेगी आदमकद प्रतिमा
मुख्यमंत्री ने छावनी में की घोषणा
रायपुर : बिरगांव नगर निगम की तरह ही छावनी में भी लोगों को पट्टे दिए जाएंगे। शहीद चुम्मन यादव की आदम कद प्रतिमा भी छावनी में लगाई जाएगी। यह घोषणा मुख्यमंत्री ने आज भिलाई प्रवास के दौरान छावनी में आयोजित जनसभा में कही। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में अधोसंरचना विकास के लिए सरकार ने बड़े कार्य किए हैं। इसके लिए स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम में स्कूलों के माध्यम से अंग्रेजी शिक्षा की व्यवस्था उपलब्ध कराई है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना तथा मोबाइल मेडिकल यूनिट एवं दाई दीदी क्लीनिक के माध्यम से लोगों को स्वास्थ्य परीक्षण एवं इलाज की सुविधा सुनिश्चित की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पेयजल के मामले में भी अमृत मिशन के माध्यम से अनेक कार्य किए गए हैं। बुनियादी अधोसंरचना उपलब्ध कराने की दिशा में सरकार प्रतिबद्ध है।
इस मौके पर अपने संबोधन में विधायक श्री देवेंद्र यादव ने कहा कि शहरी अधोसंरचना को बेहतर करने के लिए मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में युद्ध स्तर पर कार्य किए जा रहे हैं। भिलाई छावनी क्षेत्र में पानी की समस्या को देखते हुए अनेक टंकियों का निर्माण किया गया। साथ ही लोगों की मांग पर विकास कार्य किए गए हैं। बाबा बालक नाथ क्षेत्र में अनेक वर्षों से पट्टे की मांग थी। आज 40 पट्टों का वितरण किया गया है। इस मौके पर अनेक जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी भी उपस्थित थे।
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सरकार की दूरदर्शी नीतियों की वजह से छत्तीसगढ़ में खेती-किसानी बेहतर स्थिति में : श्री भूपेश बघेल
मुख्यमंत्री ने जामुल में आयोजित कार्यक्रम में 07 करोड़ रुपए की लागत के विकास कार्यों का किया लोकार्पण-भूमिपूजन
जामुल में खुलेगा स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल
राजीव नगर रेलवे क्रॉसिंग के पास सीसी रोड निर्माण, 4 वार्डों में विद्युत खंभें, तथा जामुल के 4 तालाबों के सौंदर्यीकरण की घोषणा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज दुर्ग जिले की नगर पालिका परिषद जामुल में 7 करोड़ रुपये की लागत के विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सरकार की दूरदर्शिता पूर्ण नीतियों की वजह से आज छत्तीसगढ़ में खेती किसानी बेहतर स्थिति में है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर जामुल क्षेत्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण घोषणाएं भी की। उन्होंने यहां स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल खोलने, शासकीय स्कूल में डोम के निर्माण, 4 वार्डों में विद्युत खंभें, राजीव नगर रेलवे क्रॉसिंग के पास सीसी रोड निर्माण तथा जामुल के 4 तालाबों के सौंदर्यीकरण की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि जामुल क्षेत्र के विकास के लिए राशि की कमी नहीं होने दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने जामुल में जिन कार्यों का भूमिपूजन किया उनमें सुरडुंग जलाशय की रिमॉडलिंग का कार्य भी शामिल है।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि देशभर में डीएपी का संकट है और अगले साल भी संकट के कम होने के आसार नहीं हैं, डीएपी के मूल्यों के और बढ़ने की आशंका भी है। इस लिहाज से देखें तो छत्तीसगढ़ में गोधन न्याय योजना के माध्यम से जिस तरह से कंपोस्ट खाद का निर्माण किया जा रहा है उससे जैविक खाद के रूप में विकल्प किसानों को प्राप्त हुआ है। इस विकल्प से मिट्टी की उर्वरता भी सुरक्षित होगी और साथ ही किसान बेहतर उत्पादन भी प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश मेंजिस तरह से डीएपी की दिक्कत बनी हुई है उसे देखकर यह स्पष्ट है कि छत्तीसगढ़ में वर्मी कंपोस्ट के उत्पादन को लेकर जो नीति बनाई गई, वह बहुत कारगर नीति है और किसानों के विकास के लिए उपयोगी है।
उन्होंने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से हम कृषकों को उनके उत्पादन का उचित मूल्य दे रहे हैं। सरकार ने भूमिहीन मजदूरों का भी ध्यान रखा और उनके लिए भी प्रतिवर्ष 6000 रुपये देने की योजना लाई गई है।
इस मौके पर अपने संबोधन में वन मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार की नीतियां किसानों तथा सभी वर्गों के लिए उपयोगी रही है। कर्जमाफी तथा राजीव गांधी न्याय योजना के माध्यम से उन्होंने किसानों के हितों को आगे बढ़ाया। इस मौके पर अपने संबोधन में नगरी प्रशासन मंत्री श्री शिव डहरिया ने कहा कि प्रदेश में नगरीय अधोसंरचना के क्षेत्र में अनेक विकास कार्य हुए हैं। स्वच्छता के क्षेत्र में बहुत से कार्य हुए हैं जिसकी वजह से प्रदेश को अनेक पुरस्कार मिले हैं। इस मौके पर अपने संबोधन में पीएचई मंत्री श्री गुरु रुद्रकुमार ने कहा कि जामुल क्षेत्र की जनता की आवश्यकताओं का मुख्यमंत्री हमेशा ध्यान रखते हैं, यहां के विकास कार्यों के लिए उन्होंने लगातार राशि प्रदान की है। उन्होंने कहा कि जामुल-नंदिनी-अहिवारा सड़क का काम भी शीघ्र ही आरंभ होगा।
हितग्राही मूलक योजनाओं की सहायता राशि तथा सामग्री का हुआ वितरण
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर हितग्राही मूलक योजनाओं की सहायता राशि के चेक, श्रम विभाग के हितग्राहियों को उन्होंने सहायता राशि को चेक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को यूनिफॉर्म, आंगनबाड़ियों के लिए प्रीस्कूल किट का वितरण किया। मत्स्यपालकों को उन्होंने मछली बीज तथा किट प्रदान किया मुख्यमंत्री ने इस मौके पर हितग्राहियों को पट्टा वितरित भी किया।
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गांवों की खुशहाली छत्तीसगढ़ मॉडल का पैमाना
मुख्यमंत्री मासिक रेडियोवार्ता लोकवाणी की 23वीं कड़ी में आम जनता से हुए रू-ब-रू’उद्यमिता और जनसशक्तिकरण का छत्तीसगढ़ मॉडल’ विषय पर की चर्चा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज अपनी मासिक रेडियोवार्ता लोकवाणी की 23वीं कड़ी में ’’उद्यमिता और जनसशक्तिकरण का छत्तीसगढ़ मॉडल’’ विषय पर प्रदेशवासियों से चर्चा की। महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और आजाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन के अवसर पर प्रसारित इस कड़ी की शुरूआत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंडित नेहरू को बच्चों से बहुत प्यार था। पंडित नेहरू का जन्म दिवस बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। बच्चे उन्हें चाचा नेहरू कहकर पुकारते हैं। वे देश की नई पीढ़ी को अपने विश्वास की छत्रछाया में पनपते देखना चाहते थे। पंडित नेहरू को नई पीढ़ी पर अटूट भरोसा था।मुख्यमंत्री ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं चाहूंगा कि आप लोग पंडित नेहरू की जीवनी और उनके कार्यों के बारे में पढ़ें, जानें और उन्हें अपने जीवन में उतारने की कोशिश करें। पंडित नेहरू ने नये और आधुनिक भारत की नींव रखी, उन्होेंने भारी कल-कारखानों, बांध, विज्ञान और तकनीक की शिक्षा के लिए आधुनिक संस्थानों की स्थापना की। आज इन्हीं संस्थाओं में हमारे देश के नौनिहालों का भविष्य संवर रहा है और देश तथा दुनिया को बड़े-बड़े डॉक्टर, इंजीनियर और विशेषज्ञ मिल रहे हैं।योजनाओं के जरिए किसानों, वन आश्रितों, मजदूरों, महिला समूहों, युवाओं की जेब में पहुंचे 80 हजार करोड़ रूपए
मुख्यमंत्री ने लोकवाणी में ’’उद्यमिता और जनसशक्तिकरण का छत्तीसगढ़ मॉडल’’ विषय पर कहा कि हमने आजीविका को मजबूत करने और जनता के हाथों में स्वाभिमान से लेकर आर्थिक ताकत सौंपने की जो रणनीति अपनाई, वही छत्तीसगढ़ मॉडल के रूप में हमारी पहचान बनी है। हमने दिखावटी विकास की दौड़ से अपने आपको अलग रखा और बुनियादी बातों पर ध्यान दिया, जिससे प्रदेश में आजीविका और जीवन स्तर उन्नयन के स्थाई साधनों का निर्माण हो रहा है। शुरुआती मंदी का समय रहा हो या बाद में कोविड के लॉकडाउन का संकट, हमने विभिन्न जनहितकारी योजनाओं के जरिए किसानों, वन आश्रितों, मजदूरों, महिला समूहों और युवाओं की जेब में जो 80 हजार करोड़ रूपए डीबीटी के माध्यम से डाले उस राशि को हमारे भाइयों-बहनों और युवा साथियों ने तिजोरी में बंद करके नहीं रखा बल्कि उससे नए-नए काम किए, अपनी जरूरत की खरीदी की। इस तरह आप सबने मिलकर प्रदेश की अर्थव्यवस्था की तरलता को बनाए रखा। इस तरह से प्रदेश में नए-नए तरह के काम-धंधे भी चले और परंपरागत कौशल, परंपरागत रोजगार के अवसरों को नई दिशा भी मिली।आजीविका और रोजगार के लिए नवाचारों की चर्चा
लोकवाणी में मुख्यमंत्री श्री बघेल ने स्थानीय स्तर पर लोगों को आजीविका और रोजगार के नये-नये अवसर पैदा करने के लिए किए जा रहे नवाचारों की भी विस्तार से चर्चा की। सूरजपुर जिले के केनापारा निवासी कमला राजवाडे़ ने लोकवाणी में अपने संदेश में बताया कि केनापारा की बंद खदान को तालाब और फ्लोटिंग रेस्टोरेंट बनवाकर जिला प्रशासन द्वारा जो पहल की गई है उससे सैकड़ो लोगों की जिन्दगी बदल गई है। वे वहां लाइफ गार्ड का कार्य कर रही हैं। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में कहा कि बंद पड़ी खदान असुरक्षित होती हैं।स्थानीय मछुआरों के समूहों से चर्चा कर इसके बेहतर उपयोग की संभावनाएं तलाशी गई। आज केनापारा की बंद खदान में मछली पालन, रेस्टोरेंट संचालन के साथ ही लाइफ गार्ड जैसे अनेक रोजगार के अवसर उत्पन्न हुए हैं। यह खदान अब पर्यटन स्थल के रूप में लोकप्रिय हो गई है। सूरजपुर जिले का महामाया महिला समूह डेयरी व्यवसाय से जुड़ गया है। इस समूह की उषा गिरी ने बताया कि सूरजपुर जिले में पिलखा क्षीर ब्रांड का दूध श्रीखंड, पनीर आदि अब हमारे जिले की और हम लोगों की नई पहचान बन गए हैं। उनके विचार सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत खुशी है कि डेयरी कारोबार और गोधन न्याय योजना से लोगों को आजीविका का नया साधन मिला है। मुख्यमंत्री ने महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में मेट का काम कर रही बहनों की सराहना करते हुए कहा कि आपकी दृढ़ इच्छा-शक्ति के कारण आपके गांव में स्थाई महत्व के काम भी हो रहे हैं।छत्तीसगढ़ में बदल रही खेती-किसानी की तस्वीर
श्री बघेल ने कहा कि गांव खुशहाल होंगे तभी शहर में समृद्धि आएगी। छत्तीसगढ़ के विकास का यही रास्ता है। छत्तीसगढ़ मॉडल की सफलता का यही पैमाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विकास के परम्परागत मॉडल, पंडित नेहरू के आधुनिक मॉडल, श्रीमती इंदिरा गांधी के दृढ़ इच्छाशक्ति के मॉडल और श्री राजीव गांधी के टेक्नॉलाजी से बदलाव के मॉडल के प्रेरणा लेकर छत्तीसगढ़ में खेती-किसानी की तस्वीर बदलने, गांवों में नए संसाधनों से, नई तकनीक से खेती करने और परंपरागत आजीविका में सुधार की जो पहल की गई उनको सफलता मिली अब गांव-गांव से खेती के नए तरीकों की खबरें आ रही हैं। इस संबंध में उन्होंने खेत में तालाब का निर्माण कर मछली पालन कर रहे बेमेतरा जिले के ग्राम कुसमी निवासी विवेक कुमार तिवारी, केले की खेती मल्चिंग विधि से करने वाले बिलासपुर जिले के बिनौरी गांव के श्री शकील हुसैन और बस्तर के बेड़मापारा, मुंगा और ममदपाल गांव में पपीते की खेती से लोगों को हो रहे लाभ का उल्लेख भी किया।
नई औद्योगिक नीति में आईटी सेक्टर के लिए अनेक रियायतें
मुख्यमंत्री ने बस्तर के चार युवाओं आयुष श्रीवास्तव, गौरव कुशवाहा, ऋषभ जैन, सुयश सांखला द्वारा ई-कॉमर्स प्लेटफार्म ‘लोका बाजार’ प्रारंभ करने की पहल की सराहना की। बस्तर के युवा अगर इस तरह के नए-नए तौर-तरीकों का लाभ, अंदरूनी गांवों के लोगों को दिलाने लगेंगे तो निश्चित तौर पर लोगों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, छत्तीसगढ़ के ग्रामीण अंचल के उत्पादों को अच्छा बाजार मिलेगा। लोकवाणी में धमतरी के युवा आईटीआई प्रोफेशनल गोपाल चितालिया की सफलता का उल्लेख करते हुए कहा कि आईटी सेक्टर के लिए हमारी नई औद्योगिक नीति में आकर्षक प्रावधान हैं, इसका लाभ उठाने के अन्य युवाओं को आगे आना चाहिए।
छेरछेरा पुन्नी-शाकंभरी जयंती पर अवकाश घोषित
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने छत्तीसगढ़िया अभिमान और स्वाभिमान को पुनर्जीवित करने के लिए कदम उठाए। हरेली, तीजा-पोरा, कर्मा जयंती, विश्व आदिवासी दिवस और छठ पूजा पर सार्वजनिक अवकाश से जनजीवन में सकारात्मक संदेश पहुंचा है। छत्तीसगढ़ आज भी कृषि की बहुलता वाला प्रदेश है, यहां की माटी में नई फसल के साथ दान का महत्व भी समाहित है, इसलिए छेरछेरा पुन्नी-शाकंभरी जयंती के लिए अवकाश की घोषणा की गई है। उन्होंने लोकवाणी में देवउठनी एकादशी, नामदेव जयंती, गुरुनानक जयंती, श्रीमती इंदिरा गांधी जयंती, डॉ. सैय्यदना साहब की जयंती पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दीं।
सामाजिक समरसता और सभी धर्मों में एकता हमारी ताकत
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा छत्तीसगढ़ सर्वधर्म समभाव का गढ़ बना रहे। कोई भी समाज विरोधी तत्व हमारे प्रदेश के सद्भाव की ओर बुरी नजर से देख भी न पाए, इसके लिए मैंने प्रशासन को सचेत किया है। साम्प्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने की कोशिश करने वालों को हम किसी भी हालत में न तो नजरअंदाज करेंगे और न ही बख्शेंगे। सामाजिक समरसता और सभी धर्मों में एकता हमारी ताकत है और उसे बनाए रखने के लिए, सबके लिए सम्मान बनाए रखने के लिए, हम सबको मिल जुलकर प्रयास करना है।