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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा• मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल 20 अक्टूबर को श्री धन्वंतरी दवा योजना का करेंगे शुभारंभ
• अब सस्ती दवाएं होंगी सभी की पहुंच में
• श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर से दवाइयों पर होने वाले खर्च का बोझ होगा कम
• योजना के अलगे चरण में दवा की घर पहुंच सुविधा भी
रायपुर : छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार करते हुए राज्य में श्री धन्वंतरी दवा योजना शुरु की जा रही है। इस योजना के तहत 169 शहरों में 188 ऐसे मेडिकल स्टोर्स खोले जाएंगे, जिनमें मरीजों को अधिकतम खुदरा बिक्री मूल्य (एमआरपी) में 50 प्रतिशत से अधिक छूट दी जाएगी। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल 20 अक्टूबर को इस योजना का शुभारंभ करेंगे। योजना की शुरुआत 85 श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर्स के साथ की जाएगी। शेष दुकानें भी इस माह के अंत तक प्रारम्भ हो जाएंगी। आगामी चरण में इन दुकानों से घर पहुंच दवा डिलीवरी की भी व्यवस्था की जायेगी।मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि हमारी सरकार ने गरीबों और वंचित वर्गों तक शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचाने हेतु अनेक प्रभावी कदम उठाए हैं। इसी दिशा में एक और पहल करते हुए श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर्स शुरू करने जा रहे हैं। अब सस्ती दवाएं सभी की पहुंच में होंगी। इस योजना का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा। इससे दवाइयों पर होने वाले खर्च का बोझ कम हो सकेगा। इस योजना के माध्यम से हम सब्बो स्वस्थ-जम्मो सुग्घर की परिकल्पना को साकार करने में सफल होंगे। नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने कहा है कि सेवा जतन सरोकार–छत्तीसगढ़ सरकार हमारी सरकार का आदर्श वाक्य है। योजना के माध्यम से शासन द्वारा इसे चरितार्थ किया जा रहा है।गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधओं का विस्तार राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। इस दिशा में ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में कई पहल की गई है। शहरी क्षेत्रों में मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना, सिटी डायग्नोस्टिक सेंटर, दाई दीदी क्लीनिक आदि के माध्यम से जमीनी स्तर तक सुविधाओं का विस्तार किया गया है। इसी क्रम में अब आम नागरिकों को उच्च गुणवत्ता की रियायती दवा उपलब्ध कराने के लिए श्री धन्वंतरी योजना प्रारम्भ की जा रही है। योजना अंतर्गत राज्य के सभी 169 नगरीय निकायों में शासन के सहयोग से श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर खोले जा रहे हैं। नगरीय निकायों द्वारा 188 दुकानों का चिन्हांकन किया गया है। इन दुकानों में 251 दवाइयों, 27 सर्जिकल आइटम साहित विभिन्न सामग्री उपलब्ध रहेगी। लघु वनोपज संघ द्वारा निर्मित गुणवत्तापूर्ण हर्बल उत्पाद भी इन दुकानों में उपलब्ध रहेंगे। इन दुकानों में देश की ख्यातिप्राप्त कंपनियों की जेनरिक दवाइयों की बिक्री की जाएगी। सर्दी, ख़ासी, बुखार, ब्लड प्रेशर जैसी आम बीमारियों के साथ-साथ गंभीर बीमारियों की दवाएं, एंटीबायोटिक, सर्जिकल आइटम भी उपलब्ध रहेंगे।यह सभी सामग्री अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) में 50 प्रतिशत से भी अधिक की छूट के साथ उपलब्ध होंगे। नागरीय निकायों द्वारा छूट की दर प्राप्त करने हेतु प्रतिस्पर्धात्मक निविदा का आमंत्रण किया गया था जिसमे सभी निकायों में 50 % से ज्यादा छूट की दर प्राप्त हुई। इसका प्रमुख कारण इस हेतु शासन द्वारा तैयार बिजनेस मॉडल रहा। श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर संचालकों को 2 रुपए प्रति वर्गफुट की आकर्षक दर से नगर पालिक निगम द्वारा किराये पर दुकानें उपलब्ध कराई जा रही हैं। साथ ही इन मेडिकल स्टोर्स से अन्य योजनाओं में भी दवाइयां खरीदने का आश्वासन भी दिया गया है । योजना के सफल संचालन की जिम्मेदारी जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित यूपीएसएस को प्रदान की गई है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
नवनिर्मित भवनों में विश्राम भवन, जनपद पंचायत भवन, जनपद संसाधन केंद्र और अनुविभागीय कार्यालय भवन शामिल
सर्किट हाउस के पहले कमरे में ही राज्य गीत अंकित आकर्षित शिलालेख को देखकर मुख्यमंत्री ने की तारीफ
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज दुर्ग जिले के पाटन में 7 करोड़ 22 लाख रूपए से अधिक की लागत से नवनिर्मित विभिन्न भवनों का लोकार्पण किया। इन नवनिर्मित भवनों में पाटन विश्राम भवन (सर्किट हाउस), नवीन जनपद पंचायत भवन, जनपद संसाधन केंद्र और अनुविभागीय कार्यालय भवन शामिल है। इन भवनों में सर्किट हाउस 3 करोड़ 86 लाख रुपए की लागत से बना है। वहीं एक करोड़ 30 लाख रुपये की लागत से नवीन जनपद पंचायत भवन, एक करोड़ 26 लाख रुपए की लागत से जनपद संसाधन केंद्र और लगभग 80 लाख रुपए की लागत से अनुविभागीय अधिकारी (एसडीएम) कार्यालय भवन का निर्माण किया गया है। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने पाटन में बैडमिंटन, वॉलीबॉल, क्रिकेट आदि खेलों के लिए ओपन कोर्ट तथा मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज के नवनिर्मित सामुदायिक भवन का भी उद्घाटन किया।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने सर्किट हाऊस लोकार्पण के पश्चात् पूजा-अर्चना कर सर्किट हाऊस का अवलोकन किया। सर्किट हाउस प्रवेश करते हीे हॉल में छत्तीसगढ़ का राज्य गीत अरपा पैरी के धार से अंकित आकर्षक शिलालेख देखकर उन्होंने खुशी जताई और उसकी प्रशंसा की। प्रदेश के राज्य गीत को देख मन में गौरव की भावना आती है। उन्होंनेे कहा कि सर्किट हाउस सुंदर कलाकृतियांे से सजाया गया है, ऐसा हमारे परंपरागत घरों में होता रहा है।
मुख्यमंत्री ने सर्किट हाउस में बैठक कक्ष का भी निरीक्षण किया। सर्किट हाउस में छोटी बैठकों के लिए यह बैठक कक्ष बनाया गया है। मुख्यमंत्री ने इस बैठक कक्ष के नामकरण के लिए उपस्थित लोगों से सुझाव आमंत्रित किए। उपस्थित सदस्यों ने कहा कि हॉल का नाम बैठका होना चाहिए तो किसी ने कहा कि हाल का नाम कुरिया होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि हॉल का चाहे जो भी नाम रखें, नामकरण में हमारी मिट्टी की झलक नजर आनी चाहिए।मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस मौके पर नवनिर्मित जनपद पंचायत भवन का भी लोकार्पण किया। इस भवन की लागत एक करोड़ 30 लाख रुपये है। जनपद पंचायत के नए प्रशासनिक भवन के बनने से जनपद सदस्यों, अधिकारियों-कर्मचारियों के बैठने की दिक्कत दूर होगी। साथ ही यहां हितग्राहियों की भी परेशानी नहीं होगी। मुख्यमंत्री ने इस दौरान पर कहा कि कार्यालयों में नागरिकों के लिए जितनी अधिक सुविधा बढ़ाई जाए, उतना ही प्रशासन की नजदीकी नागरिकों से होती है। हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए कि जो नागरिक सरकारी कार्यालयों में आए उनका काम जल्द से जल्द हो सके। साथ ही कार्यालयों में लोगों के लिए बैठने, पेयजल आदि के लिए बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हो सके। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने जनपद संसाधन केंद्र का लोकार्पण भी किया। जनपद संसाधन केंद्र एक करोड़ 26 लाख रुपए की लागत से बना है।मुख्यमंत्री ने लगभग 80 लाख रुपए की लागत से बने अनुविभागीय अधिकारी (एसडीएम) कार्यालय का उद्घाटन भी किया। उन्होंने कहा कि पाटन ब्लाक में नए प्रशासनिक कार्यालय बन जाने से अधिकारियों को सुविधा होगी। उन्होंने इस दौरान ओपन कोर्ट का भी उद्घाटन किया। ओपन कोर्ट के स्थापित हो जाने से बैडमिंटन, वॉलीबॉल, क्रिकेट आदि खेलों के लिए युवाओं को काफी सुविधा मिलेगी तथा वे यहां निरंतर प्रैक्टिस कर सकेंगे। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने पाटन में कुर्मी भवन का भी लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि अब यह भवन सामाजिक जरूरतों के लिए अधिक उपयोगी हो सकेगा। -
नई दिल्ली : लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा की घटना को लेकर कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द से मिलने आज राष्ट्रपति भवन पहुंचा गया। यूपी के लखीमपुर खीरी जिले में हुई हिंसा की घटना को लेकर कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द से मिला। इस दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और इस मामले में सक्रिय दिख रही प्रियंका गांधी भी मौजूद रहीं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में यह प्रतिनिधिमंडल दल राष्ट्रपति कोविन्द से मिला और इस घटना से जुड़े तथ्यों के साथ उन्हें एक ज्ञापन सौंपा।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने मुलाकात के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि लखीमपुर खीरी हिंसा मामले पर हमने राष्ट्रपति से कहा कि आरोपी के पिता जो गृह राज्य मंत्री हैं, उनको पद से हटा देना चाहिए क्योंकि उनकी मौजूदगी में निष्पक्ष जांच संभव नहीं है। इसी तरह, हमने सुप्रीम कोर्ट के दो मौजूदा जजों से भी जांच कराने की मांग की।
इस दौरान प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि राष्ट्रपति ने हमें आश्वासन दिया है कि वह आज ही सरकार से इस मामले पर चर्चा करेंगे।
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हमने राष्ट्रपति को लखीमपुर खीरी कांड के संबंध में सारी जानकारी दी. हमारी 2 मांगें हैं- मौजूदा जजों से स्वतंत्र जांच होनी चाहिए और गृह राज्य मंत्री (अजय मिश्रा टेनी) को या तो इस्तीफा दे देना चाहिए या बर्खास्त कर देना चाहिए। न्याय तभी संभव होगा।
प्रतिनिधिमंडल में कौन-कौन नेता शामिल रहे?
कांग्रेस के सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल दल में पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के अलावा राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, वरिष्ठ नेता एके एंटनी, गुलाम नबी आजाद, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल शामिल रहे।
क्या है लखीमपुर हिंसा मामला?
तीन अक्टूबर, 2021 की घटना लखीमपुर शहर से लगभग 60 किलोमीटर दूर तिकुनिया-बनबीरपुर रोड पर हुई, जब किसान उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पैतृक गांव बनबीरपुर जाने का विरोध कर रहे थे। इस घटना में चार किसान, एक पत्रकार और तीन अन्य (जो इस घटना के बाद पीट-पीट कर मार दिए गए थे) की मौत हो गई थी। मरने वाले किसानों में दो लखीमपुर खीरी और दो पड़ोसी बहराइच जिले के थे।
आपको बता दें कि जिस दिन यह हिंसा लखीमपुर में हुई, उस दिन यूपी सरकार के मंत्री केशव प्रसाद मौर्य के साथ वह लखीमपुर में एक सभा कर रहे थे। सोशल मीडिया में कुछ वीडियो फुटेज के जरिए अजय मिश्रा के बेटे की संलिप्तता का दावा किया गया, जिसे कोर्ट ने पहले न्यायिक हिरासत और बाद में पुलिस हिरासत में भेज दिया है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
एसईसीएल द्वारा प्रदेश के ताप विद्युत संयंत्रों के लिए की जाएगी प्रतिदिन 29 हजार 500 मेट्रिक टन कोयले की आपूर्ति
मुख्यमंत्री के आग्रह पर एसईसीएल के सीएमडी ने दी सहमति
रेल्वे द्वारा छत्तीसगढ़ को कोयले और चावल की सप्लाई के लिए आवश्यकतानुसार उपलब्ध कराए जाएंगे पर्याप्त संख्या में रेक
प्रदेश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति में कोई बाधा नहीं
मुख्यमंत्री ने उच्च स्तरीय बैठक में छत्तीसगढ़ के ताप विद्युत संयंत्रों में कोयले की आपूर्ति एवं उपलब्धता की समीक्षा की
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर छत्तीसगढ़ के ताप विद्युत संयंत्रों के लिए एसईसीएल द्वारा प्रतिदिन 29 हजार 500 मेट्रिक टन कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। एसईसीएल के सीएमडी ने इसके लिए सहमति दी है। मुख्यमंत्री ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में प्रदेश के ताप विद्युत संयंत्रों में कोयले की आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति की समीक्षा के दौरान एसईसीएल के सीएमडी से कहा कि छत्तीसगढ़ की खदानों से कोयला निकालकर छत्तीसगढ़ सहित देश के अन्य राज्यों को कोयले की आपूर्ति की जाती है। चूंकि छत्तीसगढ़ से कोयले का उत्पादन किया जा रहा है, इसलिए एसईसीएल द्वारा प्राथमिकता के आधार पर छत्तीसगढ़ के ताप विद्युत संयंत्रों को उनकी आवश्यकता के अनुसार अच्छी गुणवत्ता के कोयले की सप्लाई की जानी चाहिए।
बैठक में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत कम्पनियों के अध्यक्ष एवं विशेष सचिव ऊर्जा श्री अंकित आनंद, एसईसीएल के सीएमडी श्री अंबिका प्रसाद पंडा और दक्षिण पूर्व मध्य रेल्वे के जीएम श्री आलोक कुमार सहित राज्य विद्युत कम्पनियों के प्रबंध निदेशक उपस्थित थे। बैठक में एसईसीएल के सीएमडी ने छत्तीसगढ़ को प्रतिदिन प्रदेश के ताप विद्युत संयंत्रों की आवश्यकता के अनुरूप 29 हजार 500 मेट्रिक टन कोयले की सप्लाई की जाएगी। साथ ही अच्छी गुणवत्ता का कोयले की भी आपूर्ति की जाएगी। उन्होंने बताया कि बारिश के कारण कोयले की गुणवत्ता प्रभावित होती है। वर्तमान में एसईसीएल द्वारा छत्तीसगढ़ को 23 हजार 290 मेट्रिक टन कोयले की आपूर्ति की जा रही है। एसईसीएल के सीएमडी ने छत्तीसगढ़ के लिए इस मात्रा को बढ़ाकर 29 हजार 500 मेट्रिक टन करने की सहमति दी।
मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि रेल्वे द्वारा छत्तीसगढ़ को कोयले और चावल के लिए आवश्यकतानुसार पर्याप्त संख्या में रेल्वे रेक उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाना चाहिए। जिस पर दक्षिण पूर्व मध्य रेल्वे के जीएम ने इसके लिए सहमति दी।बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत कम्पनियों के अध्यक्ष एवं विशेष सचिव ऊर्जा श्री अंकित आनंद ने जानकारी दी कि वर्तमान में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ताप विद्युत संयंत्र कोरबा ईस्ट में 3.8 दिवस का कोयला उपलब्ध है। इसी तरह हसदेव ताप विद्युत संयंत्र में कोरबा वेस्ट में 3.2 दिवस का कोयला तथा मड़वा ताप विद्युत संयंत्र में 7 दिनों की आवश्यकता का कोयला उपलब्ध है। केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण मानक के अनुसार 5 दिनों की आवश्यकता से कम कोयले की उपलब्धता को क्रिटिकल स्थिति माना जाता है। अब कोयले की आपूर्ति बढ़ने से छत्तीसगढ़ के ताप विद्युत संयंत्रों को पर्याप्त मात्रा में कोयले की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत कम्पनियों के अध्यक्ष एवं विशेष सचिव ऊर्जा श्री आनंद ने बैठक में बताया कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। वर्तमान में प्रदेश की बिजली की औसत डिमांड 3803 मेगावाट है, जिसके विरूद्ध बिजली की उपलब्धता 3810 मेगावाट है। प्रदेश में पीक समय में विद्युत की औसत डिमांड 4123 मेगावाट है, जिसके विरूद्ध बिजली कम्पनी द्वारा 4123 मेगावाट बिजली की औसत उपलब्धता बनाई रखी जा रही है। पीक समय में आवश्यकतानुसार 200 से 400 मेगावाट विद्युत क्रय लगातार किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान में एनटीपीसी की लारा (400 मेगावाट) एवं सीपत यूनिट (104 मेगावाट) तथा एनएसपीएल संयंत्र (25 मेगावाट) वार्षिक रखरखाव के कारण बंद है। इस कारण कुल 529 मेगावाट बिजली कम प्राप्त हो रही है। एनटीपीसी की लारा यूनिट 12 अक्टूबर से प्रारंभ होने की संभावना है। इस यूनिट के प्रारंभ होने पर एक्सचेंज से विद्युत क्रय की स्थिति लगभग नहीं रहेगी। एनटीपीसी सीपत संयंत्र 21 अक्टूबर तक प्रारंभ होने की संभावना है।
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एम. एच. जकारिया
छत्तीसगढ़ राज्य एक सांप्रदायिक सौहार्द्र के निवासियों का राज्य है यहाँ के लोग जात-पात धर्म से अलग होकर निजी सम्बन्धो को अधिक महत्त्व देते है तभी तो मोहम्मद अकबर भाई जैसा व्यक्ति (कबीरधाम) कवर्धा जिले से कांग्रेस का नेतृत्व पिछले 20 -25 वर्षो से कर रहे है! कैबिनेट मंत्री मोहम्मद अकबर अपने साम्प्रदायिक सौहार्दपूर्ण और भाईचारे के लिए जाने जाते हैं. प्रदेश की जनता को मालूम हो कि सन 1992 में मोहम्मद अकबर ने राजधानी रायपुर के मंडी में भव्य विशाल राम मंदिर बनवा कर धार्मिक सदभावना की मिशाल कायम किया था. आज भी मंडी के राम मंदिर में मोहम्मद अकबर के नाम की ज्योति दोनो नवरात्रि में जलती है. मन्दिर की सारी व्यवस्था, पुजारी आदि की व्यवस्था तीन दशक से मोहम्मद अकबर ही सम्हालते हैं।
मोहम्मद अकबर भाई पिछले विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस के सभी विधानसभाओं की तुलना में सर्वाधिक रिकार्ड मतों से जीतेने वाले प्रत्याशी बने क्योकि ये उनकी सरलता, सहजता, सादगी और मधुर व्यव्हार और कबीरधाम जिले की जनता की सेवा का नतीजा रहा वे जनता से निरन्तर संवाद बनाये रहते है जो उनके राजनैतिक प्रतिद्वन्दियो को खटक ने कारण बना हुआ था. कवर्धा के राजनैतिक रसूखदारकिसी ना किसी तरह अकबर भाई की लोकप्रियता और छवि को ख़राब करना चाहते रहे है आखिर उन्हें कबीरधाम की घटना से ये मौका मिल ही गया !
कवर्धा में घटित घटना से ये स्पष्ट हो गया है की इसे जानबूझकर सांप्रदायिक भगवा रंग दिया गया क्योकि क़द्दावर मंत्री अकबर भाई की रिकार्ड जीत से खिसियाये कथित विपक्षी दल के लोग ताक में थे और मौका मिलते ही इसे भुनाने में लग गए क्योकि क्षेत्रीय विधायक और मंत्री अकबर भाई का कार्य और उनकी लोकप्रियता से ये इतने बौखलाए हुए थे की उनके हाथ से कबीरधाम जिले की राजनीती फिसलती जा रही थी ? तभी अपने स्वभाव के अनुसार नफरत फ़ैलाने वाले सक्रीय हुए और छत्तीसगढ़ में एक अलग तरह की नफ़रत का माहौल बनाने का असफल प्रयास और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश में लग गए । एक परिवार विशेष और दल के द्वारा अपने ख़त्म होते राजनैतिक वर्चस्व को बचाने की खातिर कबीर धाम (कवर्धा) जिले के भाई चारे को सम्प्रदायिकता की भेट चढ़ा दिया ?
कबीरधाम नगर में एक वर्ग विशेष के द्वारा झण्डा लगाया जा रहा था जो हर वर्ष से मनाये जाने वाले त्यौहार में लगाया जाता रहा है कभी कोई दिक्कत नहीं थी लेकिन कवर्धा मे अपने खोए हुए राजनैतिक रसुख को फिर से हांसिल करने के लिए एक परिवार के लोगो के द्वारा इस घटना को सांप्रदायिक रंग देने में पुर जोर तरीके से मुद्दा बनाया गया .क्योकि पिछले विधान सभा चुनाव में उनके प्रत्याशी और संगठन की करारी हार का अपमान वो कई दिनों से बर्दाश्त नही कर पा रहे थे? पूरी जानकारी इस तरह से है जिसे सांप्रदायिक रंग दिया गया कवर्धा शहर के कर्मा चौक पर एक संप्रदाय द्वारा दूसरे संप्रदाय के झंडे के बगल में अपना झंडा लगाने को लेकर पैदा हुआ विवाद राजनैतिक तूल पकड़ लिया था जबकि क्षेत्रीय विधायक श्री अकबर का इस घटना से दूर दूर तक कोई सम्बन्ध और वास्ता नहीं था, लोहारा नाका चौक इलाके में झंडा लगाने को लेकर विवाद हुआ जिसमें दो गुटों के युवक आपस में भिड़ गये और कुछ लोग मामूली रूप से जख्मी हुए। इसी घटना को लेकर एक दल विशेष और उससे जुड़े परिवार ने ने इस घटना को जान बूझकर सांप्रदायिक रंग देकर तूल दिया गया !
ग्राउंड रिपोर्ट और साक्ष बता रहे है इस घटना के दो दिन बाद विश्व हिन्दू परिषद ने बंद का आव्हान कर जुलूस निकाला और उसके बाद शरारती तत्वों ने तोडफ़ोड़ की और जिला प्रशासन को कर्फ्यू लगाना पड़ा। जुलूस के दौरान हुई हिंसक घटनाएं जिसे पूरा संरक्षण इन परिवार विशेष का था और इनके द्वारा कवर्धा के बहार से भी दंगाई बुलाये गए जबकि; जिला प्रशासन ने धारा 144 और कर्फ्यू लगाया हुआ था फिर इतने सारे लोगो को लेकर वाहन ने कैसे नगर में प्रवेश किया ये गंभीरता से सोचने वाली बात है प्रत्यक्ष दर्शीयो और व्यापारियों का कहना है की ये हिंसक भीड़ के लोग कवर्धा के नहीं थे ये लूट पाट करने वाले गुंडे और असामाजिक तत्व थे जिन्हे प्रयोजित तरीके से कवर्धा बुलाया गया था और कबीर धाम का पुलिस प्रशासन ख़ामोशी से मूक दर्शक बना हुआ था !
छत्तीसगढ़ के कवर्धा शहर में झंडे को लेकर हुई हिंसा पर पुलिस और जिला प्रशासन के द्वारा उपद्रव को लेकर शुरू हुई प्रशासनिक कार्रवाई में कई भाजपा नेताओं के नाम भी आ रहे हैं जिससे साफ़ पता चल रहा हैकि भाजपा के द्वारा फैलाया गाय नफरत था। पुलिस ने भाजपा सांसद संतोष पांडेय, पूर्व CM डॉ. रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह सहित 14 भाजपा नेताओं पर अशांति फैलाने के आरोप में FIR दर्ज की है। इनके ऊपर बलवा करने साथ ही सरकारी संपत्ति को क्षति पहुंचाने की धारा लगाई गई है। जिससे साफ जाहिर होता है की ये राजनैतिक वैमनस्य था नाकि सांप्रदायिक -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
कृषि उत्पादों की प्रमाणीकरण की सुविधा अब इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में उपलब्ध: कृषि उत्पादों के निर्यात को मिलेगा बढ़ावा
गांवों के रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में अब कृषि वैज्ञानिकों द्वारा विकसित प्रसंस्करण तकनीक का होगा उपयोग
गौठानों में गोबर से जैविक खाद के निर्माण, बिजली उत्पादन और वैल्यू एडीशन के कार्य में वैज्ञानिक अनुसंधान और तकनीक का बढ़ रहा उपयोग
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में लगभग 30 करोड़ रूपए लागत के विकास कार्यों का लोकार्पण
कृषि विज्ञान केन्द्र रायपुर, कृषि महाविद्यालय रायगढ़, एवं उद्यानिकी महाविद्यालय जगदलपुर के नवनिर्मित भवन, नॉलेज सेंटर, फाईटोसेनेटरी लैब, तथा जैव विविधता संग्रहालय का लोकार्पण
16 कृषि महाविद्यालयों में निर्मित ई-क्लासरूम का शुभारंभ: 8 फसलों की उन्नत प्रजातियों के बीज की लॉचिंग
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि कृषि का विकास और किसानों का कल्याण छत्तीसगढ़ सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। कृषि के क्षेत्र में नई तकनीकों के विकास और इसे किसानों तक पहुंचाने के कार्य में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। छत्तीसगढ़ के कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने में आज से कृषि विश्वविद्यालय में प्रारंभ हो रही फाईटोसेनेटरी लैब का महत्वपूर्ण योगदान होगा। गांवों के रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में अब कृषि वैज्ञानिकों द्वारा विकसित प्रसंस्करण तकनीक का उपयोग किया जाएगा। गौठानों में गोबर से जैविक खाद के निर्माण, बिजली उत्पादन और वैल्यू एडीशन के कार्य में वैज्ञानिक अनुसंधान और तकनीक के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल आज इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत लगभग 30 करोड़ रूपये की लागत से निर्मित भवनों एवं अन्य अधोसंरचनाओं का लोकार्पण करने के बाद कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर स्थित नवनिर्मित कृषि विज्ञान केन्द्र भवन, अक्ती जैवविविधता संग्रहालय, नवनिर्मित नॉलेज सेंटर भवन एवं रिकार्डिंग स्टूडियो तथा फाइटोसेनेटरी प्रयोगशाला के लोकार्पण के साथ वर्चुअल रूप से उद्यानिकी महाविद्यालय जगदलपुर एवं कृषि महाविद्यालय रायगढ़ के नवनिर्मित महाविद्यालय भवन, बालक छात्रावास एवं कन्या छात्रावास भवनों और 16 कृषि महाविद्यालयों में निर्मित ई-क्लासरूम का लोकार्पण किया।
इस अवसर पर उन्होंने धान, करायत, सोयाबीन, मक्का और रसभरी सहित 8 फसलों की उन्नत प्रजातियों के बीजों तथा विश्वविद्यालय द्वारा विकसित की गई चावल से प्रोटीन और ग्लूकोज को अलग करने की तकनीक का लोकार्पण किया। कार्यक्रम में कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, विधायक श्री सत्यनारायण शर्मा, छत्तीसगढ़ राज्य कृषक कल्याण परिषद के अध्यक्ष श्री सुरेन्द्र शर्मा, शाकम्बरी बोर्ड के अध्यक्ष श्री राम कुमार पटेल, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस.के. पाटिल भी उपस्थित थे। कार्यक्रम में विधायक श्री प्रकाश नायक, श्री रेखचंद जैन, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय बोर्ड के सदस्य श्री बोधराम कंवर सहित अनेक कृषि वैज्ञानिक और प्राध्यापक वर्चुअल रूप से शामिल हुए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की खेती-किसानी को नयी दिशा देने के लिए छत्तीसगढ़ शासन द्वारा उठाए जा रहे कदमों को आज और मजबूती मिल रही है। महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के अनुरूप गांवों को स्वावलंबी बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। गांवों को स्वावलंबी बनाने में कृषि वैज्ञानिकों का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विभिन्न कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण के लिए तकनीक विकसित की गई है। उसका उपयोग गांवों में स्थापित किए जा रहे रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में किया जाएगा। कृषि उत्पादों और लघु वनोपज उत्पादों के प्रसंस्करण से किसानों की आय में वृद्धि होगी और लोगों तक शुद्ध कृषि उत्पाद पहुंचेंगे। इन उत्पादों की गुणवत्ता और शुद्धता में छततीसगढ़ अग्रणी रहेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के कृषि क्षेत्र में एक मजबूत वैज्ञानिक-अधोसंरचना का निर्माण करना हमारी प्राथमिकताओं में रहा है। उन्होंने कहा कि किसान और विज्ञान एक-दूसरे के जितने करीब आएंगे कृषि-क्षेत्र की समृद्धि उतनी ही तेजी से बढ़ेगी। राज्य में कृषि पद्धति के सुधार, फसल विविधीकरण के विस्तार, उत्पादन में बढ़ोतरी और वैल्यू एडीशन के माध्यम से किसानों की आय में बढ़ोतरी के लिए हमने राष्ट्रीय स्तर के वैज्ञानिक-संगठनों से भी एमओयू किए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कोदो-कुटकी-रागी जैसी लघु धान्य फसलों को बढ़ावा देने के लिए हाल ही में मिशन मिलेट शुरु किया गया है। इसके लिए आईआईएमआर के साथ अनुबंध किया गया है। इसी तरह लघु वनोपजों के वैल्यू एडीशन से लेकर गौठानों में गोबर से जैविक खाद और बिजली के उत्पादन तक की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए वैज्ञानिकों को ज्ञान और अनुसंधानों का लगातार उपयोग कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में कृषि वैज्ञानिक और किसान मिलकर जो काम कर रहे हैं, उसकी सराहना आज राष्ट्रीय स्तर पर हो रही है। आज छत्तीसगढ़ प्रदेश पूरे देश को रास्ता दिखा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जिस अक्ती जैव विविधता संग्रहालय का लोकार्पण किया गया है, उसमें धान की लगभग 24000 किस्मों, तिंवरा की 1009, अलसी की 2000 किस्मों का प्रदर्शन किया गया है। इस संग्रहालय में विभिन्न किस्मों की कुल 30,878 किस्मों का प्रदर्शन किया गया है। इसके अलावा किसान भाइयों की लगभग 500 से अधिक प्रजातियों का पंजीयन भारत सरकार में कराया गया है। ये प्रजातियां भी जैव विविधता संग्रहालय में प्रदर्शित की गई हैं। इन प्रजातियों का उपयोग नयी प्रजातियों के विकास के लिए होगा। विश्वविद्यालय बनने के बाद बाद से आज तक विभिन्न फसलों की कुल 154 प्रजातियों का विकास किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की कृषि-उपज और कृषि-उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भी हमारी सरकार निरंतर काम कर रही है। अब तक छत्तीसगढ़ के कृषि उत्पादों तथा खाद्य पदार्थों के प्रमाणीकरण की सुविधा उपलब्ध नहीं थी, लेकिन विश्वविद्यालय में फाइटोसेनेटरी प्रयोगशाला के लोकार्पण के बाद किसान भाइयों को यह सुविधा भी उपलब्ध हो जाएगी। फसल प्रमाणीकरण के बाद वे अपनी उपज और उत्पादों की बिक्री विदेशों में भी कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी कृषि विश्व विद्यालय के नये नॉलेज सेंटर में मोबाइल एप तैयार किए गए हैं, जिनसे किसान भाई नयी-नयी जानकारी प्राप्त कर अपनी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। छत्तीसगढ़ शासन की योजनाओं के बारे में भी वे जानकारी लेकर अपनी आय बढ़ा सकेंगे।
कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ कृषि के क्षेत्र में सबसे समृद्ध राज्य बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि राज्य के बजट से लगभग 25 से 30 हजार करोड़ रूपए धान खरीदी के माध्यम से किसानों को पहुंचा रहे हैं। कृषि विश्वविद्यालय में विकसित अधोसंरचना किसानों, वैज्ञानिकों और छात्रों के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगी। कार्यक्रम में कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस.के. पाटिल ने स्वागत उद्बोधन दिया। इस अवसर पर कृषि वैज्ञानिक, विश्वविद्यालय के प्राध्यापक और वर्चुअल रूप से छात्र-छात्राएं भी कार्यक्रम में शामिल हुए। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
देश-दुनिया के लिए छत्तीसगढ़ में खुला राम वन गमन मार्ग, छत्तीसगढ़ के जनमन में रचे बसे हैं राम: मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल
संस्कृति के गढ़ के रूप में बन रही छत्तीसगढ़ की पहचान
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने चन्दखुरी में माता कौशल्या मंदिर परिसर के जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यीकरण कार्य का किया लोकार्पण
राम वन गमन पर्यटन परिपथ का मुख्यमंत्री ने किया शुभारंभ
तीन दिवसीय उद्घाटन समारोह का रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ आगाज
राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कलाकारों और मानस मंडलियों ने दी आकर्षक प्रस्तुतियां
रायपुर : भगवान राम जिस वन पथ पर चलकर मर्यादा पुरूषोत्तम कहलाए आज छत्तीसगढ़ में वह वन पथ देश-दुनिया के लिए खुल गया। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज मां कौशल्या की नगरी चंदखुरी में राम वन गमन पर्यटन परिपथ परियोजना के प्रथम चरण का लोकार्पण किया। इस अवसर पर आयोजित तीन दिवसीय भव्य समारोह का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि भगवान श्री राम का छत्तीसगढ़ से बड़ा गहरा नाता है। भगवान श्री राम हम छत्तीसगढ़ियों के जीवन और मन में रचे बसे हैं। सोते-जागते, एक-दूसरे का अभिवादन करते, सुख हो अथवा दुख हर पल हम छत्तीसगढ़िया लोग भगवान श्री राम का सुमिरन करते हैं। हम छत्तीसगढ़िया लोग, भगवान श्री राम को माता कौशल्या के राम, भांचा राम, वनवासी राम, शबरी के स्नेही और दयालु राम के रूप में जानते और मानते हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता लोक निर्माण, गृह एवं पर्यटन मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने की।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि भगवान श्री राम का छत्तीसगढ़ के जन जीवन, लोक संस्कृति, लोक गीत में गहरा प्रभाव देखने और सुनने को मिलता है। भगवान श्री राम ने अपने वनवास की 14 साल की अवधि में से लगभग 10 साल की अवधि छत्तीसगढ़ में व्यतीत की। माता कौशल्या से मिले संस्कार और छत्तीसगढ़ में ग्रामीणों, वनवासियों और किसानों के साथ बिताई अवधि ने उनके व्यक्तित्व को इतनी ऊंचाई दी कि भगवान श्री राम मर्यादा पुरूषोत्तम कहलाए। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर माता कौशल्या की नगरी चंदखुरी को प्रणाम करते हुए सभी लोगों को नवरात्रि पर्व की बधाई दी। उन्होंने कहा कि आज यहां का वातावरण ऐसा लग रहा है जैसे माता कौशल्या भगवान राम को लेकर मायके चंदखुरी आई है, पूरा दृश्य मनोरम हो गया है। चंदखुरी ही नहीं पूरा छत्तीसगढ़ भगवान श्री राम का ननिहाल है। उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम का यह प्रताप है कि छत्तीसगढ़िया लोग भांचा को राम के रूप में मानते हैं और उन्हें प्रणाम करते हैं।
मुख्यमंत्री ने चंदखुरी में नवरात्रि पर्व के दौरान तीन दिन तक आयोजित होने वाले रंगारंग सांस्कृतिक एवं धार्मिक कार्यक्रमों का उल्लेख करते हुए कहा कि यहां तीन दिन तक छत्तीसगढ़ सहित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कलाकार स्तर के कलाकार प्रस्तुति देंगे। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राम वन गमन पर्यटन परिपथ के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी और कहा कि कोरिया जिले के सीतामढ़ी में हरचौका से लेकर सुकमा के रामाराम तक लगभग 2260 किलोमीटर का राम वन गमन पर्यटन परिपथ विकसित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति हमारी पहचान है। इसको आगे बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार हर वर्ग, हर समाज के लोगों की आस्था के केन्द्रों को संरक्षित एवं संवर्धित कर रही है। उन्होंने सिरपुर स्थित पुरातात्विक बौद्ध स्थल से लेकर बस्तर अंचल में आदिवासियों की संस्कृति एवं परंपरा से जुडे़े घोटुल और देवगुड़ियों के विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ अब संस्कृति के गढ़ के रूप में अपनी पहचान बना रहा है। छत्तीसगढ़ की संस्कृति यहां की परंपरा, यहां के धार्मिक, पुरातात्विक महत्व के स्थल, पर्यटन स्थल, सरगुजा के रामगढ़ स्थित पांच हजार वर्ष पूर्व की प्राचीन नाट्यशाला को विश्व पटल पर लाने का काम हमारी सरकार कर रही है। मुख्यमंत्री ने मां बम्लेश्वरी की नगरी डोंगरगढ़ का उल्लेख करते हुए कहा कि हम धार्मिक एवं पुरातात्विक महत्व के स्थलों को सुन्दर बनाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में राम राज और महात्मा गांधी के सपनों को साकार करना है। यहां सुख-शांति बनाए रखना है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग रंग में भंग डालने की कोशिश कर रहे हैं। वह कभी सफल नहीं होंगे। यह धरती भगवान श्री राम का ननिहाल और संतों की है। सहनशीलता और प्रेम की धरती है।
लोक निर्माण, गृह एवं पर्यटन मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने छत्तीसगढ़ में भगवान श्री राम के वन गमन के स्मृति को संजोने के लिए राम वन गमन पर्यटन परिपथ के विकास एवं निर्माण के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को पूरे देश के राम और रामायण से जुड़े लोगों की ओर से बधाई दी। उन्होंने कहा कि कोरोना काल के बावजूद भी छत्तीसगढ़ में जनसुविधा के रिकार्ड काम हुए हैं। राम वन गमन पर्यटन परिपथ का काम भी लगातार जारी रहा है। आज चंदखुरी स्थित माता कौशल्या मंदिर के जीर्णाेंद्धार एवं परिसर के सौंदर्यीकरण के कार्य का लोकार्पण होने जा रहा है।
नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया और खाद्य और संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया और कहा कि भगवान श्री राम के वन गमन की स्मृतियों को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए राम वन गमन पर्यटन परिपथ के विकास का अद्वितीय काम छत्तीसगढ़ में हो रहा है। यह जस का काम मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के हाथों होना लिखा था। यह भगवान श्री राम की कृपा है। वह जिसे चाहते हैं, उससे काम कराते हैं।
इस मौके पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल, मंत्रीगण, सांसदगण, संसदीय सचिव, विधायगण, निगमों एवं मण्डलों के पदाधिकारी एवं हजारों की संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं ने इस मौके पर पद्म श्री कबीर बंधु द्वारा प्रस्तुत भजन एवं प्रथम दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम के सूत्रधार आशीष विद्यार्थी के मार्गदर्शन में प्रस्तुत नंद कुमार साहू की मानस मण्डली द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रम का रसास्वादन किया।
भगवान श्री राम की 51 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण
चंदखुरी के प्राचीन माता कौशल्या मंदिर पहुंचकर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने विधिविधान से पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की खुशहाली और समृद्धि की कामना की। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर भगवान श्री राम की 51 फीट ऊंची प्रतिमा का लाईट के माध्यम से अनावरण किया। गौरतलब है कि कौशल्या माता मंदिर का जीर्णाेद्धार एवं परिसर के सौंदर्यीकरण का कार्य 15 करोड़ 45 लाख रुपए की लागत से किया जा रहा है। वैश्विक पर्यटन के दृष्टिकोण से विकसित किए जा रहे मंदिर परिसर में 51 फीट ऊंची श्रीराम प्रतिमा स्थापित की गई है। साथ परिसर में भव्य गेट, मंदिर के चारांे ओर तालाब का सौंदर्यीकरण, आकर्षक पथ निर्माण, वृक्षारोपण किया गया है। मंदिर चारों ओर से मनमोहक उद्यानों से घिरा है, तालाब के मध्य में शेषनाग शैय्या पर शयन मुद्रा में भगवान विष्णु के चरण दबाते मां लक्ष्मी की आकर्षक प्रतिमा है, दूसरी ओर समुद्र मंथन के दृश्य को प्रतिबिंबित करती हुई देव-दानवों की मूर्तियां श्रद्धालुओं के आकर्षण का प्रमुख केंद्र हैं।
राम वन गमन पर्यटन परिपथ के पग-पग पर होंगे भगवान श्रीराम के दर्शन
छत्तीसगढ़ में भगवान श्रीराम के वनवास काल से जुड़े स्थलों को विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए प्रारंभ की गई राम वन गमन पर्यटन परिपथ परियोजना का आज मुख्यमंत्री ने आधिकारिक तौर पर शुभारंभ किया। छत्तीसगढ़ भगवान श्रीराम के ननिहाल के रूप में सम्पूर्ण विश्व में अपनी अलग पहचान रखता है। इस पर्यटन परिपथ के कोरिया जिले से सुकमा तक कदम-कदम पर भगवान श्रीराम के दर्शन होंगे और उनसे जुड़ी महत्व की कथाएं देखने और सुनने को मिलेंगी। राम वन गमन पर्यटन परिपथ परियोजना में सीतामढ़ी हरचौका (कोरिया), रामगढ़ (सरगुजा), शिवरीनारायण (जांजगीर-चांपा), तुरतुरिया (बलौदाबाजार), चंदखुरी (रायपुर), राजिम (गरियाबंद), सिहावा सप्तऋषि आश्रम (धमतरी), जगदलपुर (बस्तर) और रामाराम (सुकमा) का 133 करोड़ 55 लाख रुपए की लागत से पर्यटन की दृष्टि से विकास का कार्य किया जा रहा है। इस पर्यटन परिपथ के माध्यम से राज्य में न केवल ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि पर्यटन के नए वैश्विक अवसर बढ़ेंगे।
छत्तीसगढ़ पर्यटन मण्डल द्वारा आयोजित शुभारंभ कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री गुरू रूद्र कुमार, उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल, संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत, राज्यसभा सांसद श्रीमती छाया वर्मा, लोकसभा सांसद श्री सुनील सोनी, छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजेश्री महंत डॉ. राम सुंदर दास, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती किरणमयी नायक, छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरिश देवांगन, राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष श्री राम गोपाल अग्रवाल, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मण्डल के अध्यक्ष श्री कुलदीप जुनेजा, संसदीय सचिव श्री चिन्तामणि महराज, श्री विकास उपाध्याय, विधायक श्री सत्यनारायण शर्मा, श्री धनेन्द्र साहू, श्री बृजमोहन अग्रवाल, श्रीमती अनीता शर्मा, छत्तीसगढ़ पर्यटन मण्डल के अध्यक्ष श्री अटल श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष श्रीमती चित्रलेखा साहू, सदस्य श्री नरेश ठाकुर, श्री निखिल द्विवेदी, जिला पंचायत रायपुर की अध्यक्ष श्रीमती डोमेश्वरी वर्मा, जनपद अध्यक्ष आरंग श्री खिलेश देवांगन, सदस्य श्री दिनेश ठाकुर, नगर पंचायत चन्दखुरी अध्यक्ष श्री रविशंकर धीवर, कौशल्या माता मंदिर समिति के अध्यक्ष श्री गालव साहू, विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम में उपस्थित थे।
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एजेंसी
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को हुए बवाल को लेकर यूपी सरकार से पूछा है कि अब तक कितने लोगों की गिरफ्तारी हुई है। अदालत ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान पूछा कि आखिर अब तक कितने लोगों के खिलाफ केस फाइल हुआ है और कितने लोग अब तक गिरफ्तार हुए हैं। अदालत ने इस संबंध में यूपी सरकार से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा कि क्या जिन लोगों के खिलाफ इस मामले में एफआईआर हुई है, उन्हें गिरफ्तार किया गया? इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी पूछा है कि आखिर इस घटना का जिम्मेदार कौन है।
इस पर यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। इसके अलावा एक सदस्यीय आयोग भी गठित किया गया है, जिसे दो महीने में रिपोर्ट देने का आदेश दिया गया है। दो वकीलों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना, जस्टिस सूर्यकांत और हिमा कोहली की बेंच ने इस मामले में अब तक प्रदेश सरकार की ओर से की गई कार्रवाई की स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। अदालत ने शुक्रवार को भी इस मामले पर सुनवाई करने का फैसला लिया है।
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने बताया कि कैसे इस रजिस्ट्री विभाग की गलती से इस अर्जी को जनहित याचिका की बजाय स्वत: संज्ञान के तहत दर्ज कर दिया गया। अदालत ने बताया कि दो वकीलों ने पत्र लिखकर लखीमपुर खीरी में हुए बवाल को लेकर सुनवाई किए जाने की मांग की थी। बेंच ने बताया कि उनके पत्र को रजिस्ट्री विभाग को सौंपते हुए कहा गया था कि इसके तहत वे जनहित याचिका की सुनवाई के लिए लिस्टिंग करें। लेकिन मिसकम्युनिकेशन की स्थिति पैदा हो गई और रजिस्ट्री विभाग ने इसे जनहित याचिका की बजाय स्वत: संज्ञान के तौर पर दर्ज कर लिया। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को देवी उपासना के पर्व नवरात्रि की बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। इस अवसर पर उन्होंने सभी के जीवन में सुख, समृद्धि और खुशहाली की प्रार्थना की है। शारदीय नवरात्रि की पूर्व संध्या पर जारी अपने बधाई संदेश में श्री बघेल ने कहा है कि नवरात्रि में 9 दिनों तक पूरी श्रद्धा और भक्ति-भाव के साथ श्रद्धालु शक्ति स्वरूपा देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा करते हैं।
धर्मग्रंथों में देवी के शक्ति, नारी, लक्ष्मी जैसे कई स्वरूप माने गए हैं। कन्याओं को देवी का प्रतिरूप मानकर नवरात्रि में उनके पूजन की भी परम्परा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पर्व आराधना के साथ नारी शक्ति के सम्मान का भी पर्व है। महिलाओं के प्रति मान-सम्मान के भाव से ही सच्चे अर्थों में देवी पूजा सार्थक होगी। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
लघु वनोपज संग्रहण कार्य को उन्नत और बेहतर बनाने के लिए राज्य लघु वनोपज संघ का भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के साथ अनुबंध
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा राज्य में लघु वनोपज संग्रहण कार्य को उन्नत और बेहतर बनाने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) से अनुबंध किया गया है। यह अनुबंध राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में लघु वनोपज संग्राहक आदिवासी तथा अन्य परम्परागत वनवासी परिवारों की बेहतरी की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में लघु वनोपज के संग्राहकों तथा वन-धन केन्द्रों में प्रसंस्करण तथ मूल्यवर्धन के कार्य में कार्यरत महिला स्व-सहायता समूहों को उनकी मेहनत का बेहतर मूल्य दिलाने के उद्देश्य से अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। इस संबंध में राज्य लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक श्री संजय शुक्ला ने बताया कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद भारत सरकार के कृषि एवं कृषि कल्याण मंत्रालय के अधीन कृषि अनुसंधान तथा शिक्षा के अंतर्गत कार्यरत एक स्वशासी संस्था है।यह देश में कृषि, उद्यानिकी, मत्स्य पालन तथा पशुविज्ञान में समन्वय स्थापित करने तथा मार्गदर्शन देने वाली सर्वाेच्च संस्था है। इस अनुबंध के अंतर्गत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के संस्थान छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ को संग्रहण, भंडारण तथा प्रसंस्करण हेतु नवीनतम उपकरण तथा तकनीकी मार्गदर्शन उपलब्ध कराएंगे।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से समझौते के तहत उपलब्ध आधुनिकतम उपकरणों तथा तकनीकी का प्रयोग, लघु वनोपज संग्रहण में लगे लोगों की मेहनत कम करेगा तथा उन्नत संग्रहण सुनिश्चित होगा। साथ ही नई तकनीक के प्रयोग से वनोपजों की साफ-सफाई, छटाई, गोदामीकरण में सुधार तथा सरलता के साथ ‘‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’’ में नये उत्पादों का समावेश होगा और वन-धन केन्द्रों की उत्पादन क्षमता में भी वृद्धि होगी।इसके अलावा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के विभिन्न संस्थानों से उपलब्ध तकनीकी के प्रयोग से संग्राहकों तथा स्व-सहायता समूहों को अधिक आमदनी, बढ़ा हुआ लाभांश तथा छत्तीसगढ़ लघु वनोपज संघ द्वारा संचालित समाज कल्याण की योजनाओं जैसे- सामाजिक सुरक्षा, बीमा, छात्रवृत्ति आदि का अधिक से अधिक लाभ मिलेगा।
इस तरह छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा पुनः सिद्ध किया गया है कि वह राज्य के हाशिए पर रहने वाले गरीब परिवारों के उत्थान में सदैव मददगार है। उल्लेखनीय है कि इसके पहले छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा कोदो-कुटकी एवं रागी के बेहतर प्रसंस्करण कार्य के लिए भारतीय मिलेट अनुसंधान संस्थान के साथ समझौता किया जा चुका है।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवासमाज का हर वर्ग और परिवार हो रहा लाभान्वित
मुंगेली जिले को मुख्यमंत्री ने दी 215 करोड़ रूपए के विकास कार्यों की सौगात
मुंगेली में कन्या महाविद्यालय, जहरागांव को तहसील बनाने,पथरिया में पॉलीटेक्निक कॉलेज खोलने की घोषणा
डिडौंरी में सहकारी बैंक खुलेगा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के किसानों के चेहरे पर प्रसन्नता है और मुस्कान है। यह उनके खुशहाली की पहचान है। यह हम सबकी की मेहनत और हमारी योजनाओं का प्रतिफल है। उन्होंने कहा कि हमारे पुरखों का सपना था कि किसान खुशहाल हो, मजदूरों को काम मिले, लोगों के स्वास्थ्य और शिक्षा की बेहतर व्यवस्था हो। हमारी सरकार अपनी योजनाओं एवं कार्यक्रमों के जरिए पुरखों के सपने को पूरा कर रही है।मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज मुंगेली जिला मुख्यालय के श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्टेडियम में विशाल किसान सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर 215 करोड़ रूपए की लागत वाले विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया और जिले वासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने इस अवसर पर मुंगेली जिले डिडौंरी में को-ऑपरेटिव बैंक खोलने, जरहागांव को तहसील बनाने, मुंगेली में कन्या महाविद्यालय की स्थापना, पथरिया में पॉलीटेक्निक कॉलेज खोलने और वहां के महाविद्यालय में बाउंड्रीवॉल तथा लालपुर में गुरू घासीदास जयंती स्थल का सौन्दर्यीकरण कराए जाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान शासन के विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत हितग्राहियों को अनुदान राशि एवं सामग्री का वितरण किया। इस अवसर पर 14 बैगा जनजाति के शिक्षित युवाओं को अतिथि शिक्षक के रूप में नियुक्ति पत्र सौंपते हुए मुख्यमंत्री ने उन्हें बधाई दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने हर वर्ग, हर परिवार के लिए योजना बनायी है, जिसका लाभ लोगों को मिल रहा है। उन्होंने किसानों की कर्जमाफी, धान खरीदी, सार्वभौम पीडीएस, तेन्दूपत्ता संग्रहण दर एवं लघु वनोपज के समर्थन मूल्य में वृद्धि, गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, हाफ बिजली बिल योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि इनका लाभ किसी न किसी रूप में हर परिवार को मिला है।श्री बघेल ने आगे कहा कि हमारी यह कोशिश है कि हर व्यक्ति को आगे बढ़ने का अवसर मिले। विकास में उसकी भागीदारी हो, यह प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार बनते ही 18 लाख किसानों का 9 हजार करोड़ रूपए का कर्जमाफ किया गया। बीते खरीफ सीजन में किसानों से 92 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों को 5628 करोड़ रूपए की अनुदान सहायता दी गई। इस साल 5702 करोड़ रूपए की अनुदान सहायता किसानों को चार किस्तों में दी जा रही हैं। राज्य में तेन्दूपत्ता की संग्रहण दर 4000 रूपए प्रति मानक बोरा संग्राहकों को देने के साथ ही 52 प्रकार के लघु वनोपज की समर्थन मूल्य पर खरीदी और वैल्यूएडिशन कर रहे है। भूमिहीन परिवारों को सालाना 6000 रूपए की सहायता देने के लिए राजीव गांधी ग्रामीण कृषि भूमिहीन मजदूर न्याय योजना की शुरूआत की गई है। उन्होंने गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में गोबर खरीदी और वर्मी कम्पोस्ट के उत्पादन का उल्लेख करते हएु कहा कि अब राज्य के गौठानों में गोबर से बिजली का उत्पादन शुरू किया गया है। बिजली बनाने का काम पहले सरकार और बड़े उद्योगपति करते थे। अब हमारे ग्रामीण किसान और महिला बहनें भी गोबर से बिजली बनाने लगी हैं। गौठानों में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क विकसित किए जा रहे है, जहां स्थानीय स्तर पर उपलब्ध संसाधनों से विविध उत्पाद तैयार की जाएंगी। इससे ग्रामीणों को रोजगार और आर्थिक लाभ होगा।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर राजीव मितान क्लब योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि इसके तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत एवं नगरीय वार्डों में क्लब गठित किए जाएंगे। इसके माध्यम से संस्कृति, खेल-कूद को बढ़ावा तथा शासकीय योजनाओं का लाभ जन-जन पहुंचाने का काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुपोषण योजना की सराहना नीति आयोग ने की है। राज्य में कुपोषण के दर में उल्लेखनीय कमी आई है। एनिमिक महिलाओं की संख्या भी कम हुई है। उन्होंने बस्तर अंचल में शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में हुई प्रगति का भी उल्लेख किया और कहा कि धुर नक्सल प्रभावित इलाकों में भी विकास के काम में तेजी आयी है। छत्तीसगढ़ सरकार की विकास, विश्वास और सुरक्षा की रणनीति के चलते नक्सल गतिविधियां सिमट गई है।किसान सम्मेलन को स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्रकुमार, अपेक्स बैंक के अध्यक्ष श्री बैजनाथ चन्द्राकर, पर्यटन मंडल के अध्यक्ष श्री अटल श्रीवास्तव, किसान कल्याण परिषद के अध्यक्ष श्री सुरेन्द्र शर्मा ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष श्री थानेश्वर साहू, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती लेखनी चन्द्राकर, सर्वश्री सागर सिंह बैस, प्रमोद नायक सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के अवसर पर उनके चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित कर उन्हें नमन किया। इस अवसर पर स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री बघेल ने देश के स्वतंत्रता संग्राम में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के योगदान को याद करते हुए कहा कि राज्य सरकार बापू की परिकल्पना के अनुरूप ग्राम स्वराज और स्वावलंबन सहित उनके आदर्शों पर चलकर नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने का प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री को याद करते हुए कहा कि उनका पूरा जीवन दीन-दुखियों और देश की सेवा के लिए समर्पित था, वे सादगी की प्रतिमूर्ति थे। -
एजेंसीनई दिल्ली : महात्मा गांधी की जयंती पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने अपनी ट्विटर अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट की है, जिसमें उन्होंने किसान आंदोलन को लेकर केंद्र सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने लिखा है- 'विजय के लिए केवल एक सत्याग्रही ही काफी है। महात्मा गांधी को विनम्र श्रद्धांजलि।'
क्या है वीडियो मेंगांधी जयंती पर राहुल गांधी की ओर से ट्विटर पर अपलोड की गई वीडियो में महात्मा गांधी का सत्याग्रह आंदोलन और किसान आंदोलन की वीडियो दिखाई देती है। इस वीडियो के शुरुआत में लिखा है- 'सत्याग्रह तब और अब।' असत्य और अन्याय के खिलाफ बापू ने सत्याग्रह किया था, आज अन्नदाता सत्याग्रह कर रहे हैं। वीडियो में इसके बाद किसानों पर हुए लाठीचार्ज के फुटेज दिखाई देते हैं। इसके बाद लिखा है- यहां हर दिल में बापू हैं, और कितने गोडसे लाओगे? तुम्हारे अत्याचार से डरते नहीं, तुम्हारे अन्याय के आगे झुकते नहीं, हम भारत के वासी हैं, सत्य की राह में रुकते नहीं।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
छत्तीसगढ़ में कोरोना काल में भी बनी रही रौनक
मुख्यमंत्री बघेल ने पीएचडी चेम्बर ऑफ कॉमर्स के कार्यक्रम को किया सम्बोधित
रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य महात्मा गांधी के विचारों का ही अनुसरण करते हुए आगे बढ़ रहा है। हम आर्थिक रूप से लचीले जिस भारत की कल्पना कर रहे हैं, उसका अर्थ ऐसे भारत का निर्माण है, जिसकी अर्थव्यवस्था हर तरह की आपदा का सामना करने में सक्षम हो। कोरोना-काल ने हमें बता दिया है कि विकास में संतुलन कितना जरूरी है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज पीएचडी चेम्बर ऑफ कामर्स के कार्यक्रम को वर्चुअल रूप से संबोधित करते हुए उक्त विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि मैं आज इस मंच के माध्यम से इसी संतुलित विकास की आवश्यकता की ओर ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं। यह कोई एकदम नया विचार नहीं है। इसी विचार को महात्मा गांधी ने भी व्यक्त किया था।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि पूरे संकट के दौरान छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था तुलनात्मक रूप से अच्छी बनी रही। हमारे यहां न केवल एग्रीकल्चर सेक्टर, बल्कि ऑटोमोबाइल सहित दूसरे बहुत से सेक्टरों में ग्रोथ होता रहा। बेरोजगारी दर लगातार नियंत्रित रही। इस समय भी छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर केवल 3.8 प्रतिशत है। यह राष्ट्रीय औसत 7.6 प्रतिशत से आधी है। हमने जीएसटी कलेक्शन में भी पूरे देश में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है। हमें यह उपलब्धि इसलिए भी मिली क्योंकि हमने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने का काम कोरोना संकट शुरु होने से बहुत पहले शुरु कर दिया था। दिसंबर 2018 में जब हमारी सरकार बनी तब सबसे पहला निर्णय किसानों को कर्ज मुक्त करने, उन्हें उनके पसीने की सही कीमत दिलाने तथा उन्हें उनके अधिकार दिलाने का लिया। इसके फलस्वरूप हमारे गांव मजबूत बने रहे, संकट काल में भी हमारे किसानों के पास पैसा था इसलिए बाजार में न तो मांग में कमी थी और न खरीददारों की। कोरोना काल में भी छत्तीसगढ़ में रौनक बनी रही।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि इसके बाद राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुरु करके फसलों पर इनपुट सब्सिडी की व्यवस्था की गई। कर्ज मुक्ति से किसानों में नया आत्मविश्वास आया और इनपुट सब्सिडी ने उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत करके खर्च की चिंता किए बिना अच्छी खेती के लिए प्रेरित किया। बीते तीन वर्षों में हर साल किसानों की संख्या बढ़ी है, खेती का रकबा बढ़ा है, उत्पादन बढ़ा है। पिछले साल हम लोगों ने 22 लाख किसानों से 92 लाख मिटरिक टन धान खरीदा था, इस साल यह आंकड़ा एक करोड़ टन तक पहुंच सकता है। खरीफ सत्र 2019-20 के लिए हमने पिछले साल 18 लाख किसानों को 5628 करोड़ रुपए की इनपुट सब्सिडी दी थी। खरीफ वर्ष 2020-21 के लिए इस साल 22 लाख किसानों को 5702 करोड़ रुपए की इनपुट सब्सिडी दे रहे हैं। खरीफ 2021 राजीव गांधी किसान न्याय योजना का दायरा और बड़ा करते हुए इसमें खरीफ की सभी फसलों, लघु धान्य फसलों उद्यानिकी फसलों और वृक्षारोपण को भी शामिल कर लिया है। अगली बार इनपुट सब्सिडी प्राप्त करने वाले किसानों की संख्या और भी ज्यादा होगी।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि कोरोना-संकट के समय हमने एक और महत्वपूर्ण योजना गोधन न्याय योजना शुरु की। इस योजना में किसानों और पशुपालकों से 2 रुपए किलो में गोबर खरीदकर उससे वर्मी कंपोस्ट और सुपर कंपोस्ट बनाई जाती है। छत्तीसगढ़ के लगभग 20 हजार गांवों में से लगभग हर गांव के दर्जनों लोग इस प्रक्रिया में शामिल होते हैं। इनमें महिलाएं सबसे ज्यादा हैं। इस तरह ग्रामीणों को आय और रोजगार का नया जरिया मिला है। योजना 20 जुलाई 2020 को शुरु हुई। अभी तक हम 102 करोड़ रुपए से अधिक का गोबर खरीद चुके हैं। हम केवल किसानों और ग्रामीणों के रोजगार और आय के लिए तात्कालिक व्यवस्था नहीं कर रहे हैं, बल्कि सुराजी गांव योजना के माध्यम से गांवों के अर्थतंत्र को मजबूती देते हुए एक स्थायी व्यवस्था का निर्माण भी कर रहे हैं। इस योजना में नरवा-गरवा-घुरवा और बाड़ी कार्यक्रम के माध्यम से सिंचाई, पशुधन, रोजगार, जैविक खेती और पोषण के बढ़ावा देने की प्राचीन पद्धतियों को पुनर्जीवित किया गया है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि इसी योजना के तहत पूरे छत्तीसगढ़ में 10 हजार से ज्यादा गोठान बनाए जा रहे हैं, जिनमें से 6000 से ज्यादा गोठानों का निर्माण पूरा गया है। इन गोठानों को रूरल इडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित करके ग्रामीणों को उत्पादन और उद्यमिता के नये क्षेत्रों से जोड़ा जा रहा है। आज हमारे गांव नये उत्पादन केंद्र बनकर उभरे हैं। छत्तीसगढ़ में खनिज संसाधनों की कई कमी नहीं है। खनिज आधारित उद्योगों की प्रचुर संभावनाएं हमेशा रही हैं, लेकिन कृषि और वन संसाधनों के मामले में भी इतने ही संपन्न होने के बावजूद अब तक इन सेक्टरों की ओर ध्यान ही नहीं दिया था। हमारी सरकार ने यह संतुलन स्थापित किया है। आज हमने जो नयी उद्योग नीति तैयार की है, उसमें कृषि और वन आधारित उद्योगों को बढ़ावा दे रहे हैं। कृषि और वन उत्पादों का स्थानीय स्तर पर ही वैल्यू एडीशन कर रहे हैं। लघु वनोपजों की खरीदी व्यवस्था को मजबूत करने के साथ-साथ छत्तीसगढ़ में 52 प्रकार के लघु वनोपज समर्थन मूल्य पर खरीद रहे हैं। इससे वन क्षेत्रों में भी ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है।
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पखांजूर, अंतागढ़ और कोयलीबेड़ा क्षेत्र के लोगों ने मुख्यमंत्री से की मुलाकात
चार स्थानों में सर्व आदिवासी समाज के भवन के लिए 20-20 लाख रूपए की घोषणा
बंगाली समाज और मांझी समाज के लिए भी सामाजिक भवन की स्वीकृति
वनाधिकार पट्टे, देवगुड़ी और घोटुल निर्माण की स्वीकृति
के लिए लोगों ने मुख्यमंत्री का जताया आभार
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से आज यहां उनके निवास कार्यालय में कांकेर जिले के पखांजूर, अंतागढ़ कोयलीबेड़ा क्षेत्र से आए नागरिकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आम जनता की सुविधा के लिए पखांजूर, अंतागढ़ और कोयलीबेड़ा में विकास कार्यों के लिए पैसे की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। इन क्षेत्रों में प्राथमिकता से विकास कार्य कराए जाएंगे। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष श्री चंदन कश्यप और विधायक श्री अनूप नाग सहित बड़ी संख्या में क्षेत्र से आए आम नागरिक और आदिवासी समाज के प्रमुख उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि आदिवासी समुदाय को जल, जंगल और जमीन का अधिकार दिलाने सरकार प्रतिबद्ध है। वनांचल क्षेत्रों में वन अधिकार पट्टे सहित उन्हें वनोपज संग्रहण और इनके प्रसंस्करण से रोजगार दिलाने की पहल की जा रही है। उन्होंने नागरिकों की मांग के संबंध में कहा कि पखांजूर, अंतागढ़ और कोयलीबेड़ा क्षेत्र में धान खरीदी केन्द्र, उचित मूल्य दुकान, गोदाम, कालेज, बच्चों की पढ़ाई के लिए हास्टल सहित सभी मांगों को परीक्षण के बाद स्वीकृति की पहल की जाएगी। उन्होंने इन क्षेत्र में पुल-पुलियों और शिक्षकों की नियुक्ति डी.एम.एफ. मद से जल्द कराए जाने के लिए आश्वस्त किया। उन्होंने पखांजूर क्षेत्र में मक्का से एथनाल प्लांट लगाने के संबंध में कहा कि यदि इस क्षेत्र में उद्योगपति आगे आते हैं तो प्लांट लगाने की अनुमति दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर पखांजूर, कोयलीबेडा, अंतागढ़ और आमाबेड़ा में सर्व आदिवासी समाज के भवन के लिए 20-20 लाख रूपए की घोषणा की। इसी प्रकार पखांजूर में बंगाली समाज के लिए सामाजिक भवन और पखांजूर-कोयलीबेड़ा क्षेत्र के गढ़प्रतापपुर में माझी समाज के भवन के लिए 20-20 लाख रूपए की स्वीकृति दी। उन्होंने पखांजूर के बांदेगांव के श्री संतोष कीर्तनिया को उनके द्वारा लिखित साहित्य के प्रकाशन के लिए एक लाख रूपए की मंजूरी दी। मुलाकात के दौरान पखांजूर, अंतागढ़ और कोयलीबेड़ा क्षेत्र के लोगों ने आदिवासी समाज की संस्कृति के संरक्षण के लिए देवगुड़ी और घोटुल निर्माण की स्वीकृति के साथ ही वनाधिकार पट्टों की स्वीकृति के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया और उन्हें क्षेत्र में आने का न्योता दिया।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवागोबर से विद्युत उत्पादन और छत्तीसगढ़ मिशन मिलेट के लिए मुख्यमंत्री श्री बघेल की पहल को सराहा
प्रधानमंत्री ने रायपुर में नेशनल इंस्टीट्यूट बायोटेक स्ट्रेस मैनेजमेंट के नये परिसर का किया लोकार्पण
रायपुर : प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज रायपुर में नेशनल इंस्टीट्यूट बायोटेक स्ट्रेस मैनेजमेंट के नये परिसर का लोकार्पण वीडियो कॉफ्रेंस के माध्यम से किया। इस अवसर पर उन्होंने जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से फसलों को बचाने तथा लाभकारी खेती के लिए छत्तीसगढ़ में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।
प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ राज्य में सुराजी गांव योजना के तहत गांव में निर्मित गौठानों में गोधन न्याय योजना के तहत गोबर की खरीदी और उससे जैविक खाद के साथ-साथ अब बिजली उत्पादन की राज्य सरकार की योजना को भी सराहा। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि इस समय हमें किसानों को फसल आधारित लाभ से बाहर निकालकर वेल्यू एडिशन की ओर ले जाने की जरूरत है। उन्होंने मौसम की स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप फसल उत्पादन को बढ़ावा देने पर जोर दिया। छत्तीसगढ़ राज्य में लघु धान्य फसलों (मिलेट्स) को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शुरू किए गए मिशन मिलेट को उन्होंने समय की जरूरत कहा। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने इस मौके पर विशेष गुणों वाली 35 फसलों की किस्में भी राष्ट्र को समर्पित की।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने नेशनल इंस्टीट्यूट बायोटेक स्ट्रेस मैनेजमेंट के नये परिसर के लोकार्पण अवसर पर अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रंेसिंग के जरिए शामिल हुए। श्री बघेल ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सहित सभी लोगों का अभिनंदन करते हुए कहा कि जलवायु सहिष्णुता तकनीकी एवं पद्धतियों के प्रचार-प्रसार के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू किए जा रहे जागरूकता अभियान में छत्तीसगढ़ की व्यापक भागीदारी होगी।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का विस्तार से उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। नरवा, गरवा, घुरूवा, बाड़ी के माध्यम से प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षण एवं स्थानीय संसाधनों के बेहतर उपयोग से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। गोधन न्याय योजना और राजीव गांधी किसान न्याय योजना से खेती-किसानी को समृद्ध बनाने की पहल की गई है।
राज्य में गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में गोबर की खरीदी कर उससे जैविक खाद का उत्पादन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब गोबर से बिजली उत्पादन की शुरूआत 2 अक्टूबर से करने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ.कमलप्रीत सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
आदिवासी समाज की समस्याओं के निदान के लिए मंत्रिमण्डलीय उप समिति एवं मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय कमेटी गठित*
राजनांदगांव, धमतरी, बालोद, गरियाबंद और महासमुंद जिले से आए आदिवासी समाज के प्रतिनिधि मंडल से लिया योजनाओं पर फीडबैक*
वन अधिकार मान्यता पत्रों के वितरण को सामाजिक बैठकों की चर्चा का बनाएं प्रमुख विषय*
शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के बेहतर से बेहतर अवसर उपलब्ध कराने का प्रयास*
रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि राज्य सरकार आदिवासियों के हकों और हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार आदिवासी समाज को उनके संवैधानिक और कानूनी अधिकार देने के लिए हर संभव कदम उठा रही है। आदिवासी समाज से जुड़ी समस्याओं के निदान के लिए राज्य सरकार ने मंत्रिमण्डलीय उप समिति एवं मुख्य सचिव की अध्यक्षता में संबंधित विभागों के सचिवों की उच्च स्तरीय कमेटी गठित की गई है। सचिवों की उच्च स्तरीय कमेटी आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों एवं प्रमुखों से सामाजिक, शैक्षणिक एवं आर्थिक विकास के साथ-साथ आदिवासी समाज के संवैधानिक हितों के संरक्षण के लिए विचार-विमर्श कर अपनी रिपोर्ट मंत्रिमण्डलीय उप समिति को प्रस्तुत करेगी। मंत्रिमंडलीय उप समिति यह रिपोर्ट केबिनेट में प्रस्तुत करेगी।
मुख्यमंत्री आज शाम यहां अपने निवास कार्यालय में राजनांदगांव, धमतरी, बालोद, गरियाबंद और महासमुंद जिले से आए आदिवासी समाज के प्रतिनिधि मंडल से चर्चा कर रहे थे। ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री विभिन्न जिलों के आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों को मुख्यमंत्री निवास में आमंत्रित कर उनसे सीधे संवाद करके राज्य सरकार की योजनाओं की मैदानी स्थिति की जानकारी, अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंच रहा है या नहीं, योजनाओं के क्रियान्वयन में यदि कोई समस्या आ रही है, तो इसकी जानकारी ले रहे हैं। साथ ही वे आदिवासी समाज के लोगों से यह भी पूछ रहे हैं कि समाज के हित में और कौन-कौन से कार्य करने की आवश्यकता है। इसी कड़ी में आज पांच जिलों से आए आदिवासी समाज के लोगों से मुख्यमंत्री विचार-विमर्श किया। इसके पहले बस्तर संभाग के 7 जिले से आदिवासी समाज और अन्य पिछड़ा वर्ग समाज के लोग मुख्यमंत्री निवास आ चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधि मंडल को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार का यह प्रयास है कि आदिवासी समाज सहित सभी लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के बेहतर से बेहतर अवसर उपलब्ध हों और छत्तीसगढ़ की संस्कृति आगे बढ़े, और अधिक समृद्ध हो। उन्होंने कहा कि सामाजिक संगठन अपने समाज के अधिक से अधिक लोगों को राज्य शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि सामाजिक संगठन अपनी बैठकों में वन अधिकार मान्यता पत्रों के वितरण के विषय को चर्चा के प्रमुख बिन्दु के रूप में शामिल करें और समाज के लोगों से यह जानकारी लें कि उन्हें वन अधिकार पट्टे मिले हैं या नहीं यदि पट्टे नहीं मिले हैं तो इसके लिए संबंधित एसडीएम कार्यालय में आवेदन जमा कराए जाएं। श्री बघेल ने कहा कि आदिवासी अंचलों में बारहमासी नदी-नाले तो हैं लेकिन इन क्षेत्रों के 85 विकासखण्डों में सिंचाई का प्रतिशत कम है। राज्य सरकार द्वारा नदी-नालों में वाटर रि-चार्जिंग के लिए नरवा योजना का संचालन वन विभाग के माध्यम से किया जा रहा है। इस योजना का अधिक से अधिक लाभ लेने की पहल भी समाज द्वारा की जानी चाहिए। ऐसे नदी-नाले जहां वाटर रि-चार्जिंग करनी है, वहां के प्रस्ताव दिए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़े बांध बनाने से जंगल और आदिवासियों की जमीन डूब क्षेत्र में आ जाती है, लेकिन इसकी जगह पर यदि नरवा योजना के कार्य कराए जाते हैं तो उस क्षेत्र में न सिर्फ सिंचाई की सुविधा मिलेगी, बल्कि भू-जल स्तर भी बढ़ेगा। वन और जमीन भी सुरक्षित रहेगी।
श्री बघेल ने मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना की जानकारी देते हुए बताया कि यदि ग्राम पंचायतें अपने पंचायत क्षेत्र की शासकीय भूमि पर वृक्षारोपण कराती है और उनकी देखभाल करती है तो ग्राम पंचायतों को भी तीन वर्ष तक 10 हजार रूपए प्रति एकड़ के मान से प्रोत्साहन राशि मिलेगी। इस योजना का ग्राम पंचायतें अधिक से अधिक लाभ लेकर अपनी आय में वृद्धि कर सकती हैं। इस योजना में फलदार वृक्ष लगाने जाने चाहिए, जिससे आय में आय में और अधिक वृद्धि होगी। जाति प्रमाण पत्र की प्रक्रिया के सरलीकरण की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि पिता के पास जाति प्रमाण पत्र हैं तो उनके बच्चों को भी जाति प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं। स्कूलों में कैम्प लगाकर बच्चों के जाति प्रमाण पत्र बनाए जा रहे हैं। यदि किसी के पास प्रमाण स्वरूप कोई दस्तावेज नहीं है तो ग्राम पंचायतों के प्रस्ताव के आधार पर भी जाति प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से आदिवासियों सहित किसान, मजदूर, महिलाओं और गरीबों की आय में वृद्धि का प्रयास कर रही है। इस संदर्भ में उन्होंने कर्ज माफी, 2500 रूपए प्रति क्विंटल पर धान खरीदी, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भूमिहीन कृषि मजदूरों के लिए भी राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना प्रारंभ की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत प्रति वर्ष मजदूर परिवार को 6 हजार रूपए की राशि दी जाएगी। उन्होंने बताया कि एक सितम्बर से 30 नवम्बर तक इस योजना का फार्म भरे जा रहे हैं। समाज के लोग सभी पात्र लोगों से इस योजना के लिए आवेदन दिलाने का कार्य प्राथमिकता से करें।
उन्होंने कहा कि समर्थन मूल्य पर खरीदी जाने वाली लघु वनोपजों की संख्या 7 से बढ़ाकर 52 कर दी गई है। तेन्दूपत्ता संग्रहण दर 2500 रूपए से बढ़ाकर 4000 रूपए प्रति मानक बोरा कर दिया गया है। पहली बार कोदो-कुटकी, रागी का समर्थन मूल्य घोषित किया गया है। इन फसलों को खरीफ की फसलों के साथ राजीव गांधी किसान न्याय योजना में शामिल किया गया है। आय बढ़ाने के लिए तेलघानी बोर्ड गठित किया गया है, इससे गांव-गांव में तेल पेराई के लिए मशीन लगाने के लिए सहायता दी जाएगी। जिससे तिलहन फसलों- सरसों, अलसी सहित टोरा, नीम, करंज का तेल निकाला जा सकेगा और लोगों को आय का एक नया जरिया मिलेगा। छत्तीसगढ़ के तीज-त्यौहारों- हरेली, पोरा-तीजा, विश्व आदिवासी दिवस मुख्यमंत्री निवास में मनाया जा रहा है। इससे हमारे त्यौहारों को सम्मान मिला है। इस अवसर पर संसदीय सचिव श्री द्वारिकाधीश यादव, श्री इन्द्रशाह मंडावी, श्री कुंवर सिंह निषाद, श्री शिशुपाल सोरी, विधायक डॉ. श्रीमती लक्ष्मी ध्रुव, श्री किस्मतलाल नंद, श्री भुवनेश्वर बघेल, श्री अमितेष शुक्ल ने भी प्रतिनिधि मंडल को सम्बोधित किया। -
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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल चंद्रनाहूँ कुर्मी क्षत्रिय समाज, छत्तीसगढ़प्रदेश के 51वें केन्द्रीय महाधिवेशन में शामिल हुए
राज्य में गोधन योजना से रोजगार और आय के नए स्त्रोत निकले
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज रविवार को महासमुंद में आयोजित चंद्रनाहूँ कुर्मी क्षत्रिय समाज, छत्तीसगढ़ प्रदेश के 51वें केन्द्रीय महाधिवेशन में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। उन्होंने महाधिवेशन को सम्बोधित करते हुए कहा कि समाज में सबकी भागीदारी से ही समाज का विकास होता है। समाज में समाजिक समरसता आती है। समाज वह है जो सबको साथ लेकर चलें, इससे सबके कल्याण का रास्ता निकालता है। कार्यक्रम महासमुंद बागबाहरा रोड स्थित शांत्रीबाई स्कूल परिसर में आयोजित हुआ। मुख्यमंत्री ने सामाजिक एकता बनाये रखने पर जोर दिया। इस अवसर पर समाज के वरिष्ठजनों एवं पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री का आत्मीय स्वागत किया। इस मौक़े पर मुख्यमंत्री ने चंद्रोदय पब्लिक स्कूल और शांत्रीबाई महाविद्यालय के द्वितीय तल पर निर्मित अतिरिक्त निर्माण का लोकार्पण किया। दोनों द्वितीय तल पर निर्मित कार्यों की लागत 70 लाख रुपए है। इनका निर्माण छत्तीसगढ़ चंद्रनाहूँ शिक्षण समिति एवं विधायक निधि से किया गया है।मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समाज के पुरखों और विभूतियों ने भी छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। समाज की विभूतियों ने शिक्षा, कृषि, सहकारिता के साथ-साथ समाज सुधार जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी अपना बहुमूल्य योगदान दिया है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार का उल्लेखनीय कार्य हुआ है। उन्होंने राज्य सरकार की योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा की सरकार की योजनाओं का लाभ किसान, गरीब, मजदूर सहित समाज के सभी वर्गों को मिल रहा है ।
श्री बघेल ने कहा कि राज्य में गोधन योजना से रोजगार और आय के नए स्त्रोत निकले है। जिनके पास कोई रोजगार नहीं होता था, वे भी गोबर बेचकर रोजगार के साथ लाभ कमा रहे हैं, महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत प्रत्येक पात्र परिवार को सालाना 6000 रुपए की राशि सीधे उनके बैंक खाते में दी जाएगी। छत्तीसगढ़ में वृक्षारोपण कार्य को प्रोत्साहित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के तहत जिन किसानों ने खरीफ वर्ष 2020 में धान की फसल ली है, अगर वो धान की फसल के बदले अपने खेतों में वृक्षारोपण करते हैं, तो उन्हें आगामी 3 साल तक प्रतिवर्ष 10 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सुराजी गांव योजना के तहत स्वीकृत गौठानों में ग्रामीणों, किसानों और पशुपालकों से गोबर खरीदी की जा रही है। खरीदे गए गोबर से वर्मी कंपोस्ट बनाकर छत्तीसगढ़ के हजारों महिला स्वयं सहायता समूह आत्मनिर्भर बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने बच्चों की अच्छी शिक्षा के लिए सरकारी अंग्रेजी मीडियम स्कूल बनाये हैं। प्रदेश के सभी विकासखंड मुख्यालयों में एक-एक स्वामी आत्मानंद शासकीय इंग्लिश मीडियम स्कूल खोले जा रहे हैं। जल्द ही छत्तीसगढ़ के बच्चे फर्राटेदार अंग्रेजी बोलेंगे। उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों में भर्ती की कार्रवाई शुरू हो गई है। कार्यक्रम को राज्यसभा सदस्य श्रीमती छाया वर्मा, संसदीय सचिव एवं विधायक श्री विनोद चंद्राकर और चंद्रनाहूँ कुर्मी क्षत्रिय समाज के प्रदेश अध्यक्ष श्री अश्वनी चंद्राकर ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर समाज के द्वारा अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में बसना विधायक श्री देवेंद्र बहादुर सिंह, खल्लारी विधायक श्री द्वारिकाधीश यादव, पंडरिया विधायक श्रीमती ममता चंद्राकर सहित निगम मंडल के अध्यक्ष, अनेक जनप्रतिनिधि सहित बड़ी संख्या में समाज के लोग उपस्थित थे।