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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
बिलासपुर एवं रायपुर में 42.14 करोड़ की लागत की नई खेल अधोसंरचनाओं का हुआ लोकार्पण एवं भूमिपूजन
खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों को मिली बड़ी सौगात : वर्षों पुरानी मांगें हुई पूरी
खेल अकादमियों के लिए खिलाड़ियों का राज्य स्तरीय चयन 11, 12 एवं 13 अक्टूबर को
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों को बड़ी सौगात दी है। उन्होंने आज बिलासपुर और रायपुर में लगभग 42 करोड़ 14 लाख रूपए की लागत से नई खेल सुविधाओं का लोकार्पण और भूमिपूजन किया। इनमें मुख्य रूप से फुटबाल, कबड्डी, तीरंदाजी और एथलेटिक्स की अकादमी, दो खेल छात्रावास, एक तीरंदाजी प्रशिक्षण उपकेन्द्र और एथलेटिक्स के लिए सिंथेटिक ट्रैक एण्ड फील्ड शामिल हैं। मुख्यमंत्री आज अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से नई खेल सुविधाओं का लोकार्पण और भूमिपूजन करते हुए खिलाड़ियों और खेल संघ के पदाधिकारियों को बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने उम्मीद जताई कि राज्य में खेल सुविधाओं के विकास से राज्य के खिलाड़ी देश-दुनिया में छत्तीसगढ़ का नाम रौशन करेंगे। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री उमेश पटेल ने वर्चुअल रूप से की।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि आज का यह दिन राज्य के खिलाड़ियों, खेल प्रशिक्षकों, खेल-प्रेमियों और युवाओं के लिए बड़ी उपलब्धियों वाला है। उन्होंने कहा कि खेल सुविधाओं के विस्तार के साथ-साथ हमको इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि खेलों की सारी गतिविधियां केवल शहरों तक सिमट कर न रह जाएं। गांवों के खेल-संस्कार को जीवित रखकर हम अपने शहरों के खेल संस्कार को भी जीवित रख पाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के बड़े शहरों में प्रारंभ की जा रही खेल-अकादमियों, खेल के अच्छे मैदानों, अच्छे प्रशिक्षकों और खेल अधोसंरचनाओं का लाभ ग्रामीण प्रतिभाओं को मिलना चाहिए।मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ में खेल सुविधाओं को आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार पैसों की कोई कमी नहीं होने देगी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ खेल विकास प्राधिकरण का गठन किया गया है। इस प्राधिकरण की समिति में जल्द ही खिलाड़ियों की नियुक्ति की जाएगी। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य में खेलों के विकास और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए पुलिस और वन विभाग की तरह अन्य विभागों में भी खिलाड़ियों की नियुक्ति का प्रावधान किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में राजीव गांधी युवा मितान क्लब योजना शुरु की गई है। राज्य में 13 हजार 269 राजीव गांधी युवा मितान क्लब गठित किए जा रहे हैं। इन क्लबों के माध्यम से सांस्कृतिक एवं खेल गतिविधियों को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ युवाओं में नेतृत्व क्षमता का भी विकास होगा। स्वस्थ, सशक्त, ऊर्जावान और प्रतिभासंपन्न युवा ही हमारा भविष्य हैं। युवाओं के वर्तमान और भविष्य का निर्माण करते हुए ही हम नवा-छत्तीसगढ़ के अपने सपने को साकार कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि बिलासपुर में एथलेटिक्स, तीरंदाजी और हॉकी अकादमी के लिए खिलाड़ियों का राज्य स्तरीय चयन आगामी 11, 12 और 13 अक्टूबर को होगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री उमेश पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में खेल अधोसंरचना का विकास और खिलाड़ियों को दी जा रही सुविधाओं का सार्थक परिणाम आने वाले समय में मिलेगा। उन्होंने कहा कि जब छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में मेडल जीतेंगे, तो मुख्यमंत्री के योगदान को याद किया जाएगा। प्रभारी मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि खेलकूद की बहुप्रतिक्षित मांगें आज पूरी हुई है। उन्होंने स्वर्गीय श्री बी.आर. यादव के नाम पर बिलासपुर स्टेडियम का नामकरण करने और वहां खेल की अकादमियों की शुरूआत के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया।
सांसद श्री अरूण साव, छत्तीसगढ़ पर्यटन मण्डल के अध्यक्ष श्री अटल श्रीवास्तव, ससंदीय सचिव श्रीमती रश्मि आशीष सिंह, छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ के महासचिव श्री गुरूचरण होरा सहित विभिन्न खेल संघों के पदाधिकारी, खिलाड़ी कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त किए और कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में खेल को बढ़ावा देने के अपने वायदे को निभाया है। खेल से जुड़ी कई पुरानी मांगें आज पूरी हुई है। सांसद श्री अरूण साव ने कहा कि बिलासपुर में खेल प्रशिक्षण अकादमी की 15 साल पुरानी परिकल्पना आज मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने साकार कर दी है। बिलासपुर का यह खेल परिसर क्षेत्र के खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा। कार्यक्रम के प्रारंभ में खेल एवं युवा कल्याण विभाग के सचिव श्री एन.एन. एक्का ने स्वागत उद्बोधन दिया। अंत में आभार व्यक्त करते हुए संचालक खेल एवं युवा कल्याण श्रीमती श्वेता श्रीवास्तव सिन्हा ने कहा कि राज्य में खेल सुविधाओं के विकास से राज्य के खिलाड़ी खेलबो-जीतबो, गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार करेंगे।
इस मौके पर मुख्यमंत्री निवास में गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत, वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, राज्यसभा सांसद श्रीमती छाया वर्मा, छत्तीसगढ़ राज्य गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष श्री कूलदीप जुनेजा मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रह साहू, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, रायपुर तथा बिलासपुर के कार्यक्रम स्थल से विभिन्न खेल संघों से जुड़े पदाधिकारी और खेलप्रेमी उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवाबिजली सब्सिडी के भुगतान के लिए मांगा अतिरिक्त समय
वर्चुअल बैठक में केन्द्रीय उर्जा मंत्री से की विस्तार से चर्चा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज यहां अपने निवास कार्यालय से विडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से भारत सरकार के विद्युत, नवीन और नवीकरणीय उर्जा मंत्री श्री राजकुमार सिंह द्वारा ली गई बैठक में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री श्री सिंह से रिवेम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम को राज्य में लागू करने के संबध में विस्तार से चर्चा की। बैठक में बिहार, गुजरात, पष्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गोवा के उर्जा मंत्री और दमन-दीव के प्रशासक भी शामिल हुए।मुख्यमंत्री श्री बघेल ने चर्चा के दौरान योजना को सैद्धांतिक सहमति देते हुए अन्य राज्यों के द्वारा बिजली सब्सिडी के भुगतान के लिए अतिरिक्त समय सीमा दिए जाने की मांग का समर्थन किया। रिवेम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम के तहत प्रदेश में विद्युत अधोसंरचना को बढ़ाने के साथ ही इनके आधुनिकीकरण और सुदृढ़ीकरण की कार्रवाई की जाएगी। इस योजना में कृषि उपभोक्ताओं को छोड़कर सभी उपभोक्ताओं के यहां स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। केन्द्र सरकार द्वारा इस योजना के तहत डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट प्रस्तुत करने की समय सीमा 31 दिसंबर 2021 निर्धारित की गई है। इस योजना की अनुमानित लागत 9600 करोड़ रूपए है, जिसे मार्च 2025 तक पूर्ण किए जाने का लक्ष्य है। इस मौके पर मुख्यमंत्री निवास में उर्जा विभाग के विशेष सचिव श्री अंकित आनंद भी उपस्थित थे।
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एजेंसीनई दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने फिर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है और कहा है कि मोदी सरकार सिर्फ मित्रों के साथ है. उन्होंने कहा है कि लेकिन वो खुद देश के साथ हैं और हमेशा रहेंगे. राहुल का यह ट्वीट तब आया है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक को संबोधित करने न्यूयॉर्क रवाना हुए हैं.
राहुल गांधी ने ट्वीट किया है, "मोदी सरकार सिर्फ़ मित्रों के साथ है.. लेकिन देश अधिकार व आत्मसम्मान के लिए सत्याग्रह कर रहे किसान-मज़दूर-विद्यार्थी के साथ है.. और मैं हमेशा देश के साथ हूँ और रहूँगा.."
राहुल गांधी पहले भी प्रधानमंत्री पर मित्रों के लिए काम करने का आरोप लगा चुके हैं. उन्होंने किसानों के आंदोलन पर भी आरोप लगाया था कि पीएम अपने व्यवसायी मित्रों के लिए किसानों को बलि का बकरा बनाना चाहते हैं. राफेल लड़ाकू विमानों की डील में भी राहुल ने पीएम पर अपने व्यावसायी मित्र को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया था.
अमेरिका के तीन दिनों के दौरे के दरम्यान पीएम मोदी अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद जो बाइडेन से पहली बार 24 सितंबर को व्हाइट हाउस में मुलाकात करेंगे. दोनों नेता द्विपक्षीय बैठक में हिस्सा लेंगे. इस बैठक में अमेरिकी उप राष्ट्रपति कमला हैरिस भी मौजूद रहेंगी. इसके अलावा दोनों नेता ऐतिहासिक क्वाड शिखर सम्मेलन में भी भाग लेंगे.
अमेरिका रवाना होने के पहले पीएम मोदी की ओर से जारी बयान में कहा गया है, 'मैं 22 से 25 सितंबर तक अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के आमंत्रण पर यूएस दौरे पर रहूंगा. अपनी इस यात्रा के दौरान मैं राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ भारत-अमेरिका वैश्चिक साझेदारी और आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करूंगा. मैं विज्ञान और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में सहयोग के अवसरों का पता लगाने के लिए अमेरिका की उप राष्ट्रपति कमला हैरिस के मिलने के लिए भी इच्छुक हूं. '
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
व्यापार में मांग और पूर्ति का संतुलन जरूरी
प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर छत्तीसगढ़ में उद्योग और व्यापार की हैं असीम संभावनाएं
मुख्यमंत्री ने दो दिवसीय वाणिज्य उत्सव का शुभारंभ किया
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहां राजधानी रायपुर में दो दिवसीय वाणिज्य उत्सव का शुभारंभ करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में प्राकृतिक संसाधन एवं सभी खनिज प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। यहां उद्योग एवं व्यापार की असीम संभावनाएं विद्यमान है। छत्तीसगढ़ राज्य देश के निर्यात में अहम रोल अदा कर सकता है। लैण्डलॉक प्रदेश होने के नाते यहां के उत्पाद को बाहर भेजने के लिए एयर कार्गाे की सुविधा जरूरी है। हम भारत सरकार से एयर कार्गो की सुविधा के लिए लगातार आग्रह कर रहे हैं, ताकि यहां के उत्पाद को निर्यात करने में आसानी हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में जल, जंगल, जमीन की कोई कमी नहीं है। धान का कटोरा होने के साथ-साथ देश का 74 फीसद से अधिक वनोपज छत्तीसगढ़ में संग्रहित होता है। यहां प्रचुर मात्रा में वनौषधियां विद्यमान है। इनकी प्रोसेसिंग एवं वैल्यूएडिशन से उद्योग, व्यापार एवं निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। वाणिज्य उत्सव का यह दो दिवसीय कार्यक्रम आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत भारत सरकार के विदेश व्यापार महानिदेशालय तथा छत्तीसगढ़ वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है। इस आयोजन में वाणिज्य मंत्रालय से संबंधित शेफिक्सल कोलकाता, डीजीएफटी, सीएसआईडीसी कस्टम्स आदि सहभागी है। शुभारंभ कार्यक्रम की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा ने की।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस मौके पर देश की आजादी के लिए अपना सबकुछ कुर्बान करने वाले अमर शहीदों को नमन करते हुए कहा कि देश के नव-निर्माण में देश के प्रथम प्रधानमंत्री स्वर्गीय पंडित जवाहर लाल नेहरू जी का बड़ा योगदान रहा है। वर्ष 1955-56 में छत्तीसगढ़ में भिलाई स्टील प्लांट की स्थापना हुई। यह प्लांट छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था की रीढ़ बना। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहते है, यहां धान की हजारों प्रजातियां है। वनोपज का भरपूर उत्पादन एवं संग्रहण छत्तीसगढ़ में होता है। आयरन ओर से लेकर टिन, अलेक्जेंड्राईट उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि व्यापार में मांग और पूर्ति का संतुलन जरूरी है। इसमें असंतुलन की स्थिति में नुकसान होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 70 के दशक में खाद्यान्न की मांग को पूरा करने के लिए हरित क्रांति की शुरूआत हुई। आज स्थिति यह है कि देश में दलहन, तिलहन को छोड़ दिया जाए, तो आवश्यकता से अधिक खाद्यान्न होने लगा है, यहीं वजह है कि किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में धान के प्रचुर उत्पादन को देखते हुए इससे एथेनॉल बनाए जाने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार से सिर्फ अनुमति न मिलने की वजह से यह मामला आगे नहीं बढ़ पा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि केन्द्र सरकार अनुमति दे दे तो इससे राज्य के सरप्लस धान का उपयोग हो सकेगा। पेट्रोलियम के आयात पर खर्च होने वाली विदेशी मुद्रा बचेगी। किसानों को धान का बेहतर मूल्य मिलेगा। राज्य में उद्योग और व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर छत्तीसगढ़ की सुराजी गांव योजना के तहत गौठानों के निर्माण और गोधन न्याय योजना के तहत गोबर की खरीदी और इससे तैयार होने वाले उत्पाद के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इसके जरिए राज्य में आर्गेनिक खेती को बढ़ावा मिला है। अब हम गोबर से बिजली बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। राज्य के दो उद्यमियों ने गोबर से विद्युत उत्पादन के लिए सहमति दी है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस मौके पर छत्तीसगढ़ राज्य की नई औद्योगिक नीति 2019-24 का उल्लेख करते हुए कहा कि हमने राज्य में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए उद्यमियों को कई तरह की सहूलियत देने का प्रावधान किया है। जिसके चलते राज्य में बेहतर औद्योगिक वातावरण का निर्माण हुआ है। औद्योगिक संस्थानों एवं उद्यमियों से 140 एमओयू हुए हैं, जिसमें 65 हजार करोड़ रूपए का निवेश होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कृषि एवं वनोपज आधारित उद्योग को बढ़ावा देने का काम किया जा रहा है। उद्यमियों को छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार हर संभव मदद दे रही है। उन्होंने कहा कि देश के 700 बिलियन यूएस डॉलर के निर्यात में छत्तीसगढ़ भी अपनी बेहतर भागीदारी निभा सके, इसके लिए जरूरी है कि लघु वनोपज के निर्यात को बढ़ावा देने के साथ ही एयर कार्गाे की सुविधा उपलब्ध हो। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर बाम्बू द ग्रीन गोल्ड पुस्तक का विमोचन किया।
कार्यक्रम को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा ने सम्बोधित करते हुए कहा कि कृषि एवं वनोपज आधारित उद्योगों के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने विशेष पैकेज का प्रावधान किया है। फूड पार्क की स्थापना की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ में एक्सपोर्ट ऑफिस की स्थापना किए जाने का आग्रह भारत सरकार के विदेश व्यापार महानिदेशालय से किया है। मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन ने कहा कि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए दो बाते जरूरी है। पहला उत्पाद की लागत कम हो और दूसरा क्वालिटी बेस्ट होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम सबकी यह जिम्मेदारी है कि हम उद्यमियों को हर संभव मदद और सुविधाएं उपलब्ध कराए। यदि हम ऐसा करते है, तो राज्य में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए उद्यमी ही हमारे ब्रांड एम्बेसडर हो जाएंगे।
कार्यक्रम को वाणिज्य मंत्रालय भारत सरकार के ओएसडी श्री विकास चौबे, प्रमुख सचिव उद्योग श्री मनोज पिंगुआ ने सम्बोधित किया और कहा कि देश के निर्यात क्षमता को बढ़ाने में उद्यमियों का सहयोग जरूरी है। श्री पिंगुआ ने कहा कि छत्तीसगढ़ का निर्यात वर्ष 2019-20 में 9,068 करोड़ रूपए था, जो वर्ष 2020-21 में बढ़कर 17,200 करोड़ रूपए हो गया है। छत्तीसगढ़ राज्य निर्यात के क्षेत्र में लगातार प्रगति कर रहा है। उन्होंने राज्य में उद्योग एवं व्यापार को बढ़ावा दिए जाने हेतु किए जा रहे प्रयासों से विस्तार से जानकारी दी।
वाणिज्य उत्सव में छत्तीसगढ़ से स्टील, कृषि और वनोपज की प्रोसेसिंग से तैयार उत्पाद सहित विभिन्न क्षेत्रों की निर्यातोन्मुखी उद्यौगिक इकाईयों के उद्यमी और उनके प्रतिनिधि शामिल हुए। इस उत्सव में छत्तीसगढ़ और देश में पिछले 75 वर्ष में विनिर्माण और निर्यात के क्षेत्र में हुई प्रगति और इसे सतत रूप से आगे बढ़ने के संबंध में जानकारी दी गई।
गौरतलब है कि राजधानी रायपुर में आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर 21 एवं 22 सितंबर को दो दिवसीय वाणिज्य उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर उद्योग विभाग के सचिव श्री आशीष भट्ट, सीएसआईडीसी के प्रबंध संचालक श्री पी. अरूण प्रसाद, शेफिक्सल वाईस चेयरमैन डॉ. लाल हिंगोरानी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा27 जिलों में 401 निर्माण एवं विकास कार्यों का हुआ लोकार्पण और भूमिपूजन
सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं के साथ ही अधोसंरचनाओं के निर्माण पर भी तेजी से हो रहा काम: श्री भूपेश बघेल
लोक निर्माण विभाग के 2708 करोड़ रूपए की लागत के सड़क, पुल-पुलिया एवं भवन के कार्य
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम के जरिए राज्य के 27 जिलों को कुल 2 हजार 834 करोड़ रूपए के विकास कार्यों की सौगात दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश के लोगों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पौने तीन साल के दौरान कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन सहित बहुत सारी चुनौतियां सामने आयी। इसके बावजूद भी छत्तीसगढ़ में विकास और निर्माण के कार्य लगातार चलते रहे हैं। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर 401 कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया। जिसमें लोक निर्माण विभाग के 2708 करोड़ की लागत के 332 कार्य सड़क, पुल-पुलिया और भवन निर्माण के हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता लोक निर्माण मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने की। इस अवसर पर स्वास्थ मंत्री श्री टी. एस. सिंहदेव, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेम सिंह टेकाम, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत, राज्यसभा सांसद श्रीमती छाया वर्मा, संसदीय सचिव श्री विकास उपाध्याय, श्री यू डी मिंज, सरगुजा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एवं विधायक श्री गुलाब कमरो, श्री बृहस्पत सिंह, श्री प्रकाश नायक, खाद्य नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष श्री राम गोपाल अग्रवाल, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू उपस्थित थे। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरण दास महंत, लोकसभा सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री रूद्रकुमार, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेड़िया, उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल, सांसद श्री दीपक बैज, श्रीमती फूलोदेवी नेताम सहित विधायक गण एवं अन्य जनप्रतिनिधिगण कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से शामिल हुए।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आगे कहा कि बीते जून माह में राज्य के सभी जिलों में विभिन्न विभागों के कुल 8188 कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया गया था, जिनकी कुल लागत 6 हजार 845 करोड़ रुपए थी। जून माह में ही घर-घर तक पेयजल पहुंचाने के लिए 238 करोड़ रुपए लागत की 658 परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया था, जिस पर तेजी से काम जारी है। तब से लेकर अब तक लगातार और भी बहुत से नये कामों की शुरुआत हुई है, और पूर्ण हो चुके कामों का लोकार्पण भी लगातार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज लोक निर्माण विभाग के 2708 करोड़ की लगात वाले कार्यों के अलावा अन्य विभागों के 69 कार्यों का भी लोकार्पण और शिलान्यास किया जा रहा है, जिनकी लागत 125.65 करोड़ रुपए है। इनमें ऐसे निर्माण कार्य शामिल है, जिनकी वर्षों से मांग रही है। उन्होंने कहा कि हम सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं की तरह निर्माण और जन-सुविधा विकास की योजनाओं पर भी तेजी से काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बेहतर आवागमन सुविधा के लिए 312 सड़कों एवं पुलों का कार्य तेजी से कराया जा रहा है। इसी तरह मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना के तहत 266 करोड़ की लागत वाले 2262 कार्य तेजी से पूरे कराए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि इससे राज्य में सड़क नेटवर्क को और मजबूती मिलेगी। साथ ही जन सुविधाओं का विकास तेजी होगा।
कार्यक्रम को लोक निर्माण मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में प्रदेश में अधोसंरचना निर्माण के काम तेजी से कराए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सड़कों के साथ-साथ पुल-पुलियों के निर्माण को विशेष प्राथमिकता से कराया जा रहा है, ताकि लोगों को बारहमासी आवागमन की सुविधा मिल सके। उन्होंने धरसा योजना की तैयारी तथा विभाग की कार्य योजना का जानकारी भी दी और कहा कि स्वीकृत सड़कों के निर्माण के साथ-साथ आने वाले वर्षों में राज्य में तीन हजार किलोमीटर लंबी सड़कों की मरम्मत कराया जाना है। लोक निर्माण विभाग के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि पौने तीन सालों में लोक निर्माण विभाग द्वारा लगभग 12 हजार करोड़ रूपए के निर्माण कार्यों की स्वीकृति दी गई है। छत्तीसगढ़ सड़क एवं अधोसंरचना विकास निगम द्वारा 5225 करोड़ की लागत के 3900 किलोमीटर लंबी सड़कों एवं पुल-पुलिया के निर्माण कराया जा रहा है।
जिलों को मिली निर्माण एवं विकास कार्यों की सौगातमुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज जिन कार्यों का लोकार्पण-भूमिपूजन किया उनमें कोरिया जिले में 95.70 करोड की लागत के 27 कार्य़, सूरजपुर जिले में 60.69 करोड़ की लागत के 13 कार्य, बलरामपुर में जिले में 117.18 करोड़ की लागत के 14 कार्य, सरगुजा जिले में 99.07 करोड़ के 9 कार्य, जशपुर जिले में 27.53 करोड़ के 6 कार्य, रायगढ़ जिले को 203.04 करोड़ की लागत के 11 कार्य, कोरबा जिले को 109.11 करोड़ की लागत के 6 कार्य, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही को 23.95 करोड़ की लागत वाले 3 कार्य, मुंगेली जिले को 50.40 करोड़ की लागत के 8 कार्य, बिलासपुर जिले को 26.04 करोड़ की लागत के 5 कार्य, महासमुन्द जिले को 102.12 करोड़ की लागत के 16 कार्य, बलौदाबाजार जिले को 182.40 करोड़ की लागत के 34 कार्य, रायपुर जिले को 271.32 करोड़ की लागत के 41 कार्य, गरियाबंद जिले को 53.33 करोड़ की लागत के 6 कार्य,
धमतरी जिले को 144.61 करोड़ की लागत के एक कार्य, बालोद जिले को 195.72 करोड़ की लागत के 15 कार्य शामिल हैं।इसी तरह दुर्ग जिले को 115.11 करोड़ की लागत के 15 कार्य, बेमेतरा जिले को 152.83 करोड़ की लागत के 24 कार्य, कवर्धा जिले को 130.19 करोड़ की लागत के 10 कार्य, राजनांदगांव जिले को 145 करोड़ की लागत के 31 कार्य, कांकेर जिले को 168.21 करोड़ की लागत वाले 26 कार्य, कोण्डागांव जिले को 49.47 करोड़ की लागत वाले 11 कार्य, नारायणपुर जिले को 52.87 करोड़ की लागत वाले 14 कार्य, बस्तर जिले को 139.12 करोड़ की लागत के 29 कार्य, दंतेवाड़ा को 29.99 करोड़ की लागत के तीन कार्य, बीजापुर जिले को 10.92 करोड़ की लागत के दो कार्य तथा सुकमा जिले को 78.44 करोड़ की लागत के 11 कार्य शामिल हैं।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
दस लाख रूपए की लागत से निर्मित विश्वकर्मा लोहार समाज के
सामुदायिक भवन का किया लोकार्पण
रानीतराई में सामुदायिक भवन निर्माण के लिए 15 लाख रूपए और ग्राम जुंगेरा मेंपानी टंकी निर्माण की घोषणा
रायपुर : प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बालोद जिले के ग्राम जुंगेरा में छत्तीसगढ़ सर्व लोहार विश्वकर्मा समाज द्वारा आयोजित विश्वकर्मा जयंती एवं लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने इस अवसर पर दस लाख रूपए की लागत से विश्वकर्मा लोहार समाज के नवनिर्मित सामुदायिक भवन का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने इस दौरान ग्राम रानीतराई में सामुदायिक भवन निर्माण के लिए पन्द्रह लाख रूपए और ग्राम जुंगेरा में पानी टंकी निर्माण की घोषणा की।मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिलेवासियों को विश्वकर्मा जयंती की बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने सबसे पहले किसानों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने ऋण माफ किया, चार सौ यूनिट तक बिजली बिल हाफ किया।
उन्होंने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत वर्ष 2020-21 में जिस रकबे से किसान द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया था यदि वहां धान के बदले कोदो, कुटकी, रागी, गन्ना, अरहर, मक्का, सोयाबीन सहित खरीफ की कृषि एवं उद्यानिकी फसलें, केला, पपीता लगाते हैं, तो उन्हें प्रति एकड़ दस हजार रूपए आदान सहायता राशि दी जाएगी। उन्होंने कहा कि पहले सात प्रकार के लघु वनोपज की खरीदी समर्थन मूल्य पर की जाती थी, लेकिन अब 52 प्रकार के लघु वनोपजों की खरीदी की जा रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना, राजीव गांधी ग्रामीण कृषि भूमिहीन मजदूर योजना सहित शासन की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा के स्तर में सुधार करने प्रदेश के प्रत्येक विकासखण्ड में स्वामी आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोला गया है।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य की दिशा में लगातार काम हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना के अंतर्गत अब तक प्रदेश में 100 करोड़ रूपए से अधिक की गोबर खरीदी हुई है। वर्मी कम्पोस्ट तैयार कर रहीं 60 हजार से अधिक महिलाओं को रोजगार और आय का जरिया मिला है। नगरीय प्रशासन एवं श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में समाज के सभी वर्गों के विकास के लिए निरंतर कार्य किया जा रहा है, जिसका लाभ उन्हें मिल रहा है। संसदीय सचिव व गुण्डरदेही विधायक श्री कुंवर सिंह निषाद, विधायक श्री मोहन मरकाम और संजारी-बालोद विधायक श्रीमती संगीता सिन्हा ने भी कार्यक्रम को संबोधित कर शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं की विस्तारपूर्वक जानकारी दी।कार्यक्रम की समाप्ति पर छत्तीसगढ़ सर्व लोहार विश्वकर्मा समाज द्वारा मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन, भूतपूर्व विधायक श्री भैय्याराम सिन्हा, अध्यक्ष जिला पंचायत बालोद श्रीमती सोनादेवी देशलहरा सहित अन्य जनप्रतिनिधि, छत्तीसगढ़ सर्व लोहार विश्वकर्मा समाज के श्री लोचन विश्वकर्मा, श्री जी.आर. विश्वकर्मा सहित अन्य पदाधिकारीगण, पुलिस महानिरीक्षक श्री विवेकानंद, कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे, पुलिस अधीक्षक श्री सदानंद कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी, गणमान्य नागरिक आदि मौजूद थे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री द्वारा हायर सेकेंडरी की पढ़ाई के साथ आईटीआई की व्यवसायिक शिक्षा के लिए संयुक्त पाठ्यक्रम की ऐतिहासिक शुरुआत
छत्तीसगढ़ सरकार का स्कूली शिक्षा के साथ व्यवसायिक शिक्षा की दिशा में बड़ा कदम
कक्षा 11वीं और 12वीं की पढ़ाई के साथ होगी आईटीआई कोर्स की पढ़ाई भी: दोनो कोर्स एक साथ चलेंगे
छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल और राज्य व्यवसायिक प्रशिक्षण परिषद द्वारा संयुक्त रूप से तैयार किया है दो वर्षीय पाठ्यक्रम
इस कोर्स में 12वीं की परीक्षा पास करने वाले विद्यार्थियों को हायर सेकेण्डरी के साथ आईटीआई का प्रमाण पत्र भी मिलेगा
मुख्यमंत्री ने पाटन के स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल से इस संयुक्त पाठ्यक्रम का किया शुभारंभ
पाटन में बालिकाओं के लिए स्टेनोग्राफी और बालकों के लिए वेल्डिंग कोर्स हुआ प्रारम्भ
विद्यार्थियों के समय और ऊर्जा की होगी बचत
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर प्रदेश के उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में हायर सेकेंडरी की पढ़ाई के साथ-साथ आईटीआई व्यवसायिक शिक्षा के संयुक्त पाठ्यक्रम का शुभारंभ किया। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल और राज्य व्यवसायिक प्रशिक्षण परिषद (एससीव्हीटी) द्वारा संयुक्त रूप से तैयार किए गए इस दो वर्षीय पाठ्यक्रम में कक्षा 11वीं और 12वीं की पढ़ाई के साथ-साथ आईटीआई कोर्स की पढ़ाई भी विद्यार्थी कर सकेंगे। इस पाठ्यक्रम में 12वीं की परीक्षा पास करने वाले विद्यार्थियों को हायर सेकेण्डरी के साथ आईटीआई का प्रमाण पत्र भी मिलेगा। इससे विद्यार्थियों के समय और ऊर्जा की बचत होगी।मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की विशेष पहल से शुरू किया गया यह पाठ्यक्रम छत्तीसगढ़ की स्कूल शिक्षा में एक बहुत बड़ा और व्यापक बदलाव लाने वाला कदम साबित होगा। इसमें पढ़ने वाले बच्चों को कक्षा 12वीं का प्रमाणपत्र माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा दिया जाएगा, जिससे वे उच्च शिक्षा में प्रवेश ले सकते हैं और आईटीआई का प्रमाण पत्र भी मिलेगा, जिससे वे रोज़गार प्राप्त कर सकेंगे। दोनों कोर्स एक साथ चलेंगे। मुख्यमंत्री ने स्कूल शिक्षा और तकनीकी शिक्षा विभाग के मंत्रियों और अधिकारियों को ऐसा संयुक्त कोर्स छत्तीसगढ़ के स्कूलों में लागू करने के निर्देश दिए थे। जिसकी आज शुरुआत की गई।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में दुर्ग जिले के पाटन के स्वामी आत्मानंद स्कूल से छत्तीसगढ़ के स्कूलों में स्कूली शिक्षा के साथ गुणवत्तापूर्ण व्यावसायिक शिक्षा के लिए तैयार किए गए इस पाठ्यक्रम की ऐतिहासिक शुरुआत की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
मुख्यमंत्री श्री बघेल द्वारा शुभारंभ किए गए इस कोर्स के तहत पाटन में 80 विद्यार्थियों का चयन किया गया है। इनमें से 40 बालिकाओं का स्टेनोग्राफी हिन्दी और 40 बालकों का वेल्डिंग कोर्स के लिए चयन किया गया है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ में आज शिक्षा के क्षेत्र में एक नई शुरूआत हो रही है। छत्तीसगढ़ के बच्चे स्कूलों में पढ़ाई करने के साथ-साथ हुनरमंद बनेंगे और छत्तीसगढ़ के नव-निर्माण में भी अपना योगदान दे सकेंगे। श्री बघेल ने कहा कि हायर सेकेण्डरी कक्षाओं में बच्चे अब मुख्य विषयों के साथ हुनर सीखने वाले विषय भी चुन सकेंगे। छात्रों के लिए वेल्डर टेªड और छात्राओं के लिए स्टेनोग्राफी हिन्दी पाठ्यक्रम निर्धारित किया गया है। यह पाठ्यक्रम दो वर्ष का होगा। 11वीं और 12वीं की पढ़ाई के दौरान दो वर्ष में यह पाठ्यक्रम पूरा होगा। स्कूली स्तर पर ही कौशल प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले बच्चों को छत्तीसगढ़ में स्थापित हो रहे छोटे और बड़े उद्योगों में रोजगार प्राप्त करने में आसानी होगी, वे स्वरोजगार के माध्यम से अपने पैरों पर खड़े हो सकेंगे। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि भविष्य में इस रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम का विस्तार किया जाएगा और जरूरत के अनुसार नए टेªड इसमें शामिल किए जा सकेंगे। विद्यार्थियों के सामने अपने भविष्य को लेकर असमंजस की स्थिति नहीं होगी। वे दुनिया के किसी भी कोने में जाकर रोजगार प्राप्त करने में सक्षम हो सकेंगे।
श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रदेश में 172 अंग्रेजी माध्यम स्कूल प्रारंभ किए गए हैं। इसी तरह बहुउद्देशीय हिन्दी माध्यम स्कूलों को भी स्वामी आत्मानंद हिन्दी माध्यम स्कूलों के रूप में उन्नत करने का निर्णय लिया गया है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के विजन के अनुसार छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा और उच्च शिक्षा विभाग द्वारा यह नया प्रयोग आज से शुरू हो रहा है। जिसके माध्यम से विद्यार्थियों को स्कूली शिक्षा के साथ-साथ तकनीकी शिक्षा भी मिलेगी और वे अपने सीखे गए कौशल से रोजगार के लिए भी तैयार होंगे। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इस पाठ्यक्रम का विस्तार पूरे प्रदेश में किया जाएगा। कलेक्टर दुर्ग श्री सर्वेश्वर भुरे ने कहा कि इस पाठ्यक्रम के लिए विद्यार्थी कक्षा 11वीं और 12वीं के पांच विषयों में से भाषा के दो विषयों में से एक के स्थान पर तकनीकी विषय का चयन कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि इस पाठ्यक्रम के लिए पाटन के स्वामी आत्मानंद स्कूल में लैब तैयार कर ली गई है। कृषि उपज मंडी दुर्ग के अध्यक्ष श्री अश्वनी साहू ने स्वागत भाषण दिया।नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत, विधायक श्री रामकुमार यादव, छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन, स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के विशेष सचिव श्री भुवनेश यादव, छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल के सचिव प्रोफेसर श्री व्ही.के. गोयल मुख्यमंत्री निवास में उपस्थित थे। पाटन के स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल में कलेक्टर दुर्ग श्री सर्वेश्वर भुरे सहित अनेक जनप्रतिनिधि, पाठ्यक्रम के लिए चयनित विद्यार्थी उपस्थित थे।
पाटन के स्वामी आत्मानंद स्कूल के बच्चे तारेन्द्र कुमार साहू और पूजा देवांगन ने मुख्यमंत्री श्री बघेल के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा करते हुए उन्हें इस पाठ्यक्रम को शुरू करने के लिए स्कूल के विद्यार्थियों की ओर से धन्यवाद दिया। तारेन्द्र कुमार साहू ने कहा कि वे 10वीं कक्षा के बाद ऐसी शिक्षा प्राप्त करना चाहते थे, जिससे रोजगार मिल सके। अब 12वीं के साथ उन्हें आईटीआई का सर्टिफिकेट मिलेगा। पूजा देवांगन ने कहा कि 12वीं पास करने पर उन्हें दो प्रमाण पत्र मिलेंगे।
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एजेंसी
नई दिल्ली : भारत में कोरोना संक्रमण के मामलों में उतार-चढ़ाव जारी है। बीते 24 घंटों में देशभर में 34,403 कोरोना मामले देखने को मिले हैं। हालांकि इस दौरान कुल 37,950 लोग पूरी तरह से ठीक भी हुए हैं। इस समय देश में कोरोना के 3,39,056 मामले सक्रिय हैं। कोरोना के बढ़ते मामलों ने तीसरी लहर आने का संकेत देना शुरू कर दिया है। विशेषज्ञों की मानें तो सितंबर के आखिरी में तीसरी लहर दस्तक दे सकती है। अक्तूबर में तीसरी लहर पीक पर रहने की संभावना है।
केरल में कोरोना के मामले जिस तेजी से घटने चाहिए उस रूप में नहीं घट रहा । यहां कोरोना का दैनिक आंकड़ा 20 हजार के ऊपर बना हुआ है। दक्षिण के राज्यों से कोरोना के सबसे अधिक नए मामले सामने आ रहे हैं। तामिलनाडु और आंध्र प्रदेश में भी पिछले कई दिनों से 1 हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। हालांकि, इन सबके बीच रिकवरी रेट बढ़ने से कोविड के एक्टिव मामले घटे हैं। देश में कोरोना का रिकवरी रेस 97.65% पर है। वहीं कुल मामलों का 1.02% केस सक्रिय हैं।
केरल में गुरूवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 22,182 नए मामले सामने आए थे, जबकि 178 मरीजों की मौत हो गई थी। इसके साथ ही यहां कुल मामले बढ़कर 44,46,228 हो गए और मृतकों की संख्या 23,165 पर पहुंच गई।
देश में कोरोना महामारी आंकड़ों में
बीते 24 घंटे में कुल नए केस आए-34,403बीते 24 घंटे में कुल ठीक हुए- 37,950देश में अभी सक्रिय मरीजों की संख्या- 3.39 लाखअब तक कुल संक्रमित हुए लोग- 3.33 करोड़अब तक कुल ठीक हुए लोग- 3.25 करोड़अब तक कुल मौतें- 4,42 लाखअब तक कुल कोरोना टीका- 77.24 करोड़
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
-नंदिनी की खाली पड़ी माइंस में बने विशाल मानव निर्मित जंगल में मुख्यमंत्री ने जन वन कार्यक्रम अंतर्गत लगाया बरगद का पौधा और इस महती कार्य की सराहना की
- मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर बनाया गया था प्रस्ताव, डीएमएफ-एडीबी की राशि से हुआ कार्य
-यहाँ लगाए गये 83 हजार से अधिक पौधे
-पर्यावरण के पुनः संरक्षण अथवा इकोलॉजिकल रीस्टोरेशन के लिए नजीर, किस तरह से खनन आधारित प्रोजेक्ट को नेचुरल हैबिटेट के रूप में बदला जा सकता हैइसका अनुकरणीय उदाहरण
दुर्ग : देश में पर्यावरण की मानव निर्मित विशाल धरोहर दुर्ग जिले में बनी है। आज मुख्यमंत्री ने इस प्रोजेक्ट का अवलोकन किया। नंदिनी की खाली पड़ी खदानों की जमीन में यह प्रोजेक्ट विकसित किया गया है। लगभग 3.30 करोड़ रुपए की लागत से यह प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। आज जन वन कार्यकम में मुख्यमंत्री ने यहाँ बरगद का पौधा लगाया और जंगल का अवलोकन किया। उल्लेखनीय है कि इसके लिए डीएमएफ तथा अन्य मदों से राशि ली गई है। पर्यावरण संरक्षण के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर यह प्रोजेक्ट तैयार किया गया। यह प्रोजेक्ट देश दुनिया के सामने उदाहरण है कि किस तरह से निष्प्रयोज्य माइंस एरिया को नेचुरल हैबिटैट के बड़े उदाहरण के रूप में बदला जा सकता है।
इस अवसर पर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण को संरक्षित करने यह प्रशंसनीय कदम है। यहां 100 एकड़ में औषधीय पौधे तथा फलोद्यान भी विकसित करें। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिये ये बड़ी पहल है। इससे प्रदूषण को नियंत्रित करने में भी मदद मिलेगी।इस अवसर पर अपने संबोधन में वन मंत्री ने कहा कि हमने प्रकृति को सहेजने बड़े निर्णय लिए। चाहे लेमरू प्रोजेक्ट हो या नदियों के किनारे प्लांटेशन, प्रकृति को हमने हमेशा तवज्जो दी। आज यह मानव निर्मित जंगल का बड़ा काम हुआ है। मैं इसके लिए क्षेत्र की जनता को बधाई देता हूँ।
इस अवसर पर जिले के प्रभारी मंत्री एवं वनमंत्री श्री मोहम्मद अकबर, पीएचई मंत्री श्री गुरु रुद्र कुमार, उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल ने भी पौधरोपण किया।उल्लेखनीय है कि 17 किलोमीटर क्षेत्र में फैले नंदिनी के जंगल में पहले ही सागौन और आंवले के बहुत सारे वृक्ष मौजूद हैं। अब खाली पड़ी जगह में 83,000 पौधे लगाये गये हैं। इसके लिए डीएमएफ-एडीबी से राशि स्वीकृत की गई। इस अवसर पर पीसीसीएफ श्री राकेश चतुर्वेदी ने विस्तार से प्रोजेक्ट की जानकारी दी और इस कार्य मे लगे अधिकारियों को बधाई दी। सीएफ श्रीमती शालिनी रैना ने भी प्रोजेक्ट की टीम को बधाई दी। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे तथा डीएफओ श्री धम्मशील गणवीर ने विस्तार से प्रोजेक्ट की जानकारी मुख्यमंत्री को दी। उन्होंने बताया कि 83000 पौधे लगाये जा चुके हैं। 3 साल में यह क्षेत्र पूरी तरह जंगल के रूप में विकसित हो जाएगा। यहां पर विविध प्रजाति के पौधे लगने की वजह से यहां का प्राकृतिक परिवेश बेहद समृद्ध होगा। श्री गणवीर ने बताया कि यहां पर पीपल, बरगद जैसे पेड़ लगाए गये हैं जिनकी उम्र काफी अधिक होती है साथ ही हर्रा, बेहड़ा, महुवा जैसे औषधि पेड़ भी लगाए गये हैं। इस मौके पर पीसीसीएफ वन्य संरक्षण श्री नरसिंह राव, लघु वनोपज के एमडी श्री संजय शुक्ला, आईजी श्री विवेकानंद सिन्हा, एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे। साथ ही बीएसपी सीईओ श्री अनिर्बान दासगुप्ता भी उपस्थित रहे।
पक्षियों के लिए आदर्श रहवास- पूरे प्रोजेक्ट को इस तरह से विकसित किया गया है कि यह पक्षियों के लिए भी आदर्श रहवास बनेगा तथा पक्षियों के पार्क के रूप में विकसित होगा। यहां पर एक बहुत बड़ा वेटलैंड है जहां पर पहले ही विसलिंग डक्स, ओपन बिल स्टार्कआदि लक्षित किए गए हैं यहां झील को तथा नजदीकी परिवेश को पक्षियों के ब्रीडिंग ग्राउंड के रूप में विकसित होगा।
इको टूरिज्म का होगा विकास- इसके साथ ही इस मानव निर्मित जंगल में घूमने के लिए भी विशेष व्यवस्था होगी। इसके लिए भी आवश्यक कार्य योजना बनाई गई है ताकि यह छत्तीसगढ़ ही नहीं अपितु देश के सबसे बेहतरीन घूमने की जगह में शामिल हो सके। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
किसी भी राष्ट्र और राज्य के निर्माण में इंजीनियरों की महत्वपूर्ण भूमिका : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने अभियंता दिवस के अवसर पर आज यहां अपने निवास कार्यालय में भारत के महान इंजीनियर भारत रत्न सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, लोकस्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरु रूद्रकुमार, उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल, भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव श्री नागेन्द्र नाथ सिन्हा, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, छत्तीसगढ़ पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की अपर मुख्य सचिव श्रीमती रेणु जी पिल्ले भी इस अवसर पर उपस्थित थीं।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर सभी इंजीनियरों को अभियंता दिवस की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि किसी भी राष्ट्र और राज्य के निर्माण में इंजीनियरों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। इंजीनियर अपने तकनीकी ज्ञान और कुशलता से विकास और समृद्धि की मजबूत अधोसंरचना तैयार करते हैं।
ऐसे ही असाधारण प्रतिभा के धनी भारत के महान इंजीनियर भारत रत्न सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की स्मृति में हम उनके जन्मदिन 15 सितम्बर को अभियंता दिवस के रूप में मनाते हैं। श्री बघेल ने अभियंताओं से आव्हान किया है कि सर विश्वेश्वरैया से प्रेरणा लेकर वे देश-प्रदेश के नव-निर्माण में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दें।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री ने नवा रायपुर में विश्वस्तरीय बैडमिंटन अकादमी का किया शुभारंभ
आईटीएम यूनिवर्सिटी परिसर में टाटा ट्रस्ट के सहयोग से स्थापित की गई है अकादमी
छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों में प्रतिभा की कमी नहीं
अच्छी खेल सुविधाओं, कोच और प्रशिक्षण से छत्तीसगढ़ में तैयार होंगे अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में खेल प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। अच्छी खेल सुविधाएं, कोच और प्रशिक्षण की सुविधा मिलने से छत्तीसगढ़ में भी अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार होंगे। छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों ने अनेक अवसरों पर राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की खेल स्पर्धाओं में अपने खेल कौशल का उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए देश-प्रदेश का नाम रौशन किया है। श्री बघेल आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में नवा रायपुर में आईटीएम यूनिवर्सिटी परिसर में टाटा ट्रस्ट के सहयोग से स्थापित विश्वस्तरीय बैडमिंटन अकादमी का शुभारंभ करने के बाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ के खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री उमेश पटेल ने की। कृषि एवं जलसंसाधन मंत्री श्री रविन्द्र चौबे इस अवसर पर उपस्थित थे।
‘‘द रायपुर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन बैडमिंटन’’ नाम से प्रारंभ हुई इस अकादमी की स्थापना के लिए टाटा ट्रस्ट द्वारा शत् प्रतिशत फंडिंग की गई है। यह मध्य भारत की नवीनतम और सबसे अच्छी बैडमिंटन अकादमी है। आईटीएम यूूनिवर्सिटी प्रबंधन द्वारा अकादमी के लिए आवश्यक भूमि उपलब्ध कराने के साथ परिचालन लागत वहन की जाएगी। अकादमी के संचालन में भी यूूनिवर्सिटी प्रबंधन द्वारा सहयोग दिया जाएगा। अकादमी में विश्वस्तरीय 8 बैडमिंटन कोर्ट बनाए गए हैं तथा 300 से अधिक दर्शकों की बैठने की व्यवस्था की गई है। खिलाड़ियों और कोच के लिए हॉस्टल की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। खिलाड़ियों के लिए डायटिशियन, फिजियोथेरेपिस्ट और काउंसलर की सुविधाएं भी अकादमी में उपलब्ध है।
आईटीएम प्रबंधन द्वारा मुंबई में ओलंपियन पी.वी. सिंधु के सम्मान के लिए आयोजित समारोह में रायपुर और बड़ौदा में विश्वस्तरीय बैडमिंटन अकादमियों के निर्माण की घोषण की गई थीे, जिसके तहत आज रायपुर में अकादमी का शुभारंभ हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल अकादमियां प्रारंभ होने से प्रदेश में खेलों के लिए अच्छा वातावरण बनेगा। आईटीएम यूनिवर्सिटी परिसर में आज विश्वस्तरीय बैडमिंटन अकादमी का शुरू होना केवल इस विश्वविद्यालय के लिए ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ के लिए बड़ी उपलब्धि है। टाटा ट्रस्ट ने इस अकादमी के लिए सराहनीय योगदान दिया है। इसी तरह यदि राज्य के उद्योग भी खेलों के विकास में आगे आएं तो राज्य में खेलों का विकास और तेजी से होगा। उन्होंने कहा कि राज्य शासन द्वारा नवा रायपुर में बैडमिंटन अकादमी शुरू करने की घोषणा की गयी है। अन्य खेलों के लिए भी अकादमियां प्रारंभ की गई हैं। उन्होंने इस अवसर पर खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों को बधाई और शुभकामनाएं दी।
खेल मंत्री श्री उमेश पटेल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की यह मंशा है कि जो बच्चे खेल को अपना कैरियर बनाना चाहते हैं उन्हें खेल अकादमियों के माध्यम से अच्छी सुविधाएं और प्रशिक्षण मिले। उन्होंने आईटीएम यूनिवर्सिटी प्रबंधन और टाटा ट्रस्ट के पदाधिकारियों को छत्तीसगढ़ में विश्वस्तरीय बैडमिंटन अकादमी प्रारंभ करने के लिए धन्यवाद दिया। इस अवसर पर बैडमिंटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सचिव श्री अजय सिंघानिया, छत्तीसगढ़ ओलंपिक एसोसिएशन के महासचिव श्री गुरूचरण सिंह होरा, छत्तीसगढ़ बैडमिंटन संघ के अध्यक्ष श्री अनवर ढ़ेबर, टाटा ट्रस्ट की स्पोर्टस हेड सुश्री नीलम बाबरदेसाई, आईटीएम यूनिवर्सिटी बैडमिंटन अकादमी के डायरेक्टर और नेशनल चीफ जूनियर कोच श्री संजय मिश्रा, आईटीएम युनिवर्सिटी रायपुर के वाइस चांसलर डॉं. विकास सिंह, सीनियर बैडमिंटन खिलाड़ी श्री एचएस प्रणय, सहित आईटीएम यूनिवर्सिटी और टाटा ट्रस्ट के प्रतिनिधि और खेल प्रेमी उपस्थित थे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
जिला स्तर पर जनहितकारी योजनाओं तथा अभियान के संचालन की दी गई है खुली छूट
स्थानीय जनता की सोच, इच्छा और अपेक्षा के अनुरूप काम करने में जिला प्रशासन को बनाया जा रहा अधिक सक्षम
जिला स्तर पर विशेष रणनीति से बन रही है विकास की नई राह
लोकवाणी की 21वीं कड़ी प्रसारित
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आकाशवाणी से हर माह प्रसारित होने वाली ‘लोकवाणी’ की 21वीं कड़ी (आपकी बात-मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के साथ) में बात-चीत की शुरूआत जय जोहार के अभिवादन के साथ की। उन्होंने कहा कि आज का विषय ‘जिला स्तर पर विशेष रणनीति से विकास की नई राह’ है। इसमें स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए समस्याओं को चिन्हित करना, उनके समाधान की तलाश करना, उन्हें लागू करना और जनता को राहत दिलाना है। इस कड़ी में सभी जिलों के समन्वित विकास के लिए स्थानीय जनता की सोच, इच्छा तथा अपेक्षा के अनुरूप काम करने में जिला प्रशासन को और अधिक सक्षम बनाया जा रहा है। इस तरह राज्य में प्रत्येक व्यक्ति को सशक्त बनाते हुए विकास में उनकी भागीदारी सुनिश्चित कर नवा छत्तीसगढ़ को गढ़ा जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि गणेश चतुर्थी, नवा खाई तथा विश्वकर्मा जयंती जैसे कई पावन पर्वों के अवसर पर इस महीने के लोकवाणी का प्रसारण हो रहा है। आप सभी सावधानी तथा सुरक्षा के साथ इन पर्वों को खुशी-खुशी मनाते हुए सामाजिक एकता, सौहार्द्र और समरसता की हमारी महान विरासत को आगे बढ़ाएं।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि प्रशासनिक इकाई के रूप में जिलों को महत्व देते हुए हमने अल्प समय में ही 5 नये जिले बनाने की पहल की है। साथ ही जिला स्तर पर जनहितकारी योजनाएं, कार्यक्रम और अभियान संचालित करने की खुली छूट दी है, ताकि स्थानीय जनता की सोच, इच्छा और अपेक्षा के अनुरूप काम करने में जिला प्रशासन अधिक सक्षम हो सके। रेडियो कार्यक्रम लोकवाणी में बताया गया कि छत्तीसगढ़ के सभी जिलों के समन्वित विकास के लिए आमजनता की समस्याओं को संवेदनशीलता के साथ सुनने और स्थानीय जरूरत के हिसाब से कदम उठाने के लिए प्रशासन को फ्री-हेंड दिया गया है। इस तरह आमजनों के जीवन-स्तर का तीव्र उन्नयन और उनकी आजीविका के लिए स्थायी समाधान पर विशेष जोर दिया जा रहा है।
कोदो-कुटकी तथा रागी फसलों के लिए छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आगे कहा कि आर्थिक तंगी और कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से हमारे प्रदेशवासियों को किसी तरह की तकलीफ न हो, बल्कि उनकी सुविधाओं में बढ़ोत्तरी का सिलसिला लगातार आगे बढ़ता रहे, इस बात को ध्यान में रखते हुए हमने छत्तीसगढ़ में अनेक नये-नये उपाए किए हैं। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए अब लघु धान्य फसलों का उत्पादन बढ़ाने के साथ इन्हें बेहतर दाम तथा सुविधाएं देने की पहल की है। इसके लिए छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन की स्थापना की गई है और उत्पादन में वृद्धि तथा प्रसंस्करण के लिए व्यापक कार्ययोजना बनाई जा रही है। लघु धान्य फसलें पोषण की दृष्टि से बहुत उपयोगी होती है लेकिन इन फसलों को अन्य कृषि उत्पादों की तुलना में कम महत्व मिलता रहा है। इन फसलों का उत्पादन करने वाले किसानों को भी अन्य किसानों की तुलना में कम महत्व मिलता रहा है। हमने इसे ध्यान में रखते हुए आवश्यक पहल की है। राज्य के बस्तर संभाग अंतर्गत दंतेवाड़ा, सुकमा, कांकेर जिलों में कुछ लघु धान्य प्रसंस्करण इकाइयां शुरु भी हो चुकी हैं लेकिन अब बड़ी संख्या में ऐसी इकाइयां लगाई जाएंगी। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के विस्तार में इस बात का ध्यान रखा गया है कि जो किसान धान के बदले कोदो-कुटकी-रागी की फसल लेंगे, उन्हें प्रति एकड़ 10 हजार रुपए की आदान सहायता दी जाएगी, जो फसल बेचने से होने वाली उनकी आय के अतिरिक्त होगी। मैंने विधानसभा में घोषणा की थी कि आदिवासी अंचलों में उपजाई जाने वाली कोदो-कुटकी और रागी फसल की खरीदी समर्थन मूल्य पर की जाएगी। मुझे यह बताते हुए खुशी है कि हमने कोदो-कुटकी का समर्थन मूल्य 3 हजार रुपए प्रति क्विंटल और रागी का समर्थन मूल्य 3 हजार 377 रुपए प्रति क्विंटल तय कर दिया है। इनको खरीदने की व्यवस्था भी लघु वनोपज संघ के माध्यम से कर दी गई है।
छत्तीसगढ़ में सुविधाओं में बढ़ोत्तरी के सिलसिला में मैंने निर्देश दिए थे कि सड़क, सिंचाई, बिजली या ऐसी किसी भी अधोसंरचना की बड़ी परियोजनाओं को हाथ में लेने के साथ ही, इस बात पर ध्यान दिया जाए कि अधूरी पड़ी या किसी भी कारण से अनुपयोगी हो गई परियोजनाओं को प्राथमिकता से पूरा किया जाए, जिससे उस परियोजना में निवेश हो चुकी धनराशि का लाभ जनता को मिल सके। मुझे खुशी है कि दुर्ग जिले में इस सोच को साकार करने के लिए गंभीरता से पहल की गई। सिपकोना नहर के बारे में कहा जाता है कि यह नहर एशिया की सबसे लंबी नहरों में शामिल है। बताया गया कि वर्ष 2008 में इसे आधा-अधूरा छोड़ दिया गया। लाइनिंग, सफाई और मरम्मत पर ध्यान दिया जाता तो इस योजना में हुए निवेश का बहुत लाभ किसान भाई-बहनों को मिलता।
मुझे खुशी है कि जिला प्रशासन ने पहल करके सिपकोना नहर को 22 की जगह 51 गांवों की जीवन-रेखा बनाने की दिशा में काम शुरू किया। इस तरह रणनीति अपनाने से पहले जहां सिर्फ 22 गांवों को पानी मिल पाता था, वहीं अब 51 गांवों में पहुंचेगा। बालोद जिले के गुण्डरदेही विकासखण्ड के 7 गांवों में 1 हजार 259 हेक्टेयर और दुर्ग जिले के पाटन विकासखण्ड के 44 गांवों में 10 हजार 252 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा दी जाएगी। मुझे लगता है कि कम खर्च में ज्यादा से ज्यादा लाभ दिलाने का यह बहुत अच्छा मॉडल है। इसमें सिंचाई विभाग के अलावा मनरेगा की मदद भी ली जा रही है, जिससे बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार भी मिल रहा है। यह कन्वरजेन्स का भी एक अच्छा प्रयास है।
नंदिनी माइंस वृहद ईको पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बताया कि दुर्ग शहर से 25 किलोमीटर दूरी पर स्थित ग्राम नंदिनी में 2500 एकड़ की जमीन में पहले चूना पत्थर की खदान थी। बरसों से इस खदान में खनन गतिविधियां बंद हैं। जिला प्रशासन ने बहुत व्यापक सोच के साथ इस क्षेत्र में जंगल विकसित करने की कार्ययोजना बनाई है, जो दुर्ग-भिलाई के औद्योगिक प्रदूषण से निपटने में भी मदद करेगा और प्रदेश के पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को भी बल मिलेगा। इस क्षेत्र में 80 हजार से अधिक पौधे लगाने का काम शुरू किया गया है, जिससे बहुस्तरीय वन का विकास होगा। यहां घास प्रजाति का पौधरोपण भी किया जाएगा ताकि पशुओं को अच्छी गुणवत्ता का चारा मिल सके। परियोजना के तहत जैव विविधता का संरक्षण भी किया जाएगा जिससे इस मानव निर्मित विशाल वन क्षेत्र में वन्यप्राणियों का बसेरा और समूचा अंचल वृहद ईको पर्यटन स्थल के रूप में आकर्षण का केन्द्र बनेगा।
आदिवासी अंचल में नवाचारों का बड़े पैमाने पर मिल रहा लाभ
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के समग्र विकास के लिए आदिवासी अंचल में भी कई ऐसे नवाचार किए गए हैं, जिसका लाभ अब लोगों को बड़े तादाद में मिलने लगा है। उन्होंने बताया कि इनमें मलेरियामुक्त बस्तर अभियान के माध्यम से लोगों को बहुत बड़ी राहत दिलाई है। आज मलेरियामुक्त बस्तर अभियान की सफलता की चर्चा चारों तरफ हो रही है। निश्चित तौर पर बस्तर को मलेरिया से बचाने की सोच और उस पर जिस तरह से अमल किया गया, उसे एक नवाचार ही माना जाएगा। हमारी सरकार बनने के बाद बस्तर संभाग के सातों जिलों में जब हमने सर्वेक्षण कराया तो पता चला कि मलेरिया प्रभावितों के बारे में बताने वाला वार्षिक परजीवी सूचकांक, जिसे एपीआई कहा जाता है, वह 10 से अधिक था, जो बेहद खतरनाक स्तर माना जाता है। अभियान के तहत हमारे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर सर्वे किया और एक-एक व्यक्ति की जांच की गई। निःशुल्क दवाएं दी गईं। घरों में मच्छररोधी दवाइयों का छिड़काव किया गया। मेडिकेटेड मच्छरदानियां बांटी गईं। इन प्रयासों के कारण एपीआई की दर लगातार कम हुई। बीते एक साल में पॉजिटीविटी दर 4.6 प्रतिशत से घटकर 0.86 प्रतिशत पर आ गई। पूरे बस्तर संभाग में मलेरिया की प्रभाव दर 45 प्रतिशत कम हो गई है। जिस तरह से युद्धस्तर पर काम हुआ उसकी सराहना नीति आयोग और यूएनडीपी ने की है तथा इसे देश के अन्य आकांक्षी जिलों के लिए भी अनुकरणीय बताया है। मैं यह भी बताना चाहता हूं कि ‘मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना’ का भी इसमें बहुत सहयोग मिला, जो कि अपने आप में एक नवाचार था। मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना से 11 लाख से अधिक लोगों का इलाज हुआ। इस तरह से मलेरिया और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान से सुपोषण को लेकर किए जा रहे प्रयासों को भी बल मिला। मलेरियामुक्ति का अभियान महिलाओं और बच्चों के लिए वरदान साबित हुआ है। इसका लाभ सुरक्षा बलों तथा सभी निवासियों को मिला है।
इसी तरह दंतेवाड़ा में इन दिनों जो बदलाव की बयार चल रही है, उसमें हमारे नवाचार के अभियान की बहुत बड़ी भूमिका है। आपने डेनेक्स ब्रांड की कपड़ा फैक्ट्री के बारे में तो सुना ही होगा। 31 जनवरी 2021 को इसका उद्घाटन हुआ था और आज इसमें 300 परिवारों को रोजगार मिल रहा है। इसी तरह के 3 और केन्द्र स्थापित किए जा रहे हैं, जिसमें लगभग 1200 लोगों को रोजगार मिलेगा। डेनेक्स ब्रांड को अब एफपीओ सेक्टर में भी उतारा गया है, जिसके अंतर्गत दंतेवाड़ा जिले में खाद्य सामग्री तथा हस्तकला की सामग्री भी बेची जा रही है। किंग कड़कनाथ, छिंदगुड़, मौरिंगा पाउडर, कोदो-कुटकी, इमली, चार बीज आदि को बड़ा बाजार मिलने लगा है। दंतेवाड़ा जिले में लघु वन उपज, खाद्य, उद्यानिकी और खनिज उत्पादों के प्रसंस्करण के लिए 500 एकड़ भूमि का चिन्हांकन कर लघु उद्योगों की स्थापना की जा रही है, जिसमें 5 हजार परिवारों को रोजगार मिलेगा। इसके अलावा ग्राम स्वरोजगार केन्द्र, नव चेतना बेकरी, वनोपज संग्रहण, मनरेगा, गोधन न्याय योजना, बिहान योजना, मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान, वन अधिकार अधिमान्यता पत्र प्रदाय, कृषि विकास, दंतेश्वरी माई मितान पेंशन योजना आदि के माध्यम से पूना माड़ाकाल दंतेवाड़ा को व्यापक सफलता मिल रही है, जिसका लाभ जीवन स्तर उन्नयन, बेहतर स्वास्थ्य तथा बेहतर आजीविका के रूप में मिल रहा है।
शिक्षा के नवाचारी प्रयासों को मिली राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सराहना
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के चलते पूरे देश की अर्थव्यवस्था डगमगा गई थी, कोरोना ने हमारे देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया था। ऐसी स्थिति में भी चुनौतियों का सामना करते हुए बच्चों की पढ़ाई-लिखाई जारी रहे, इसके लिए ‘पढ़ई तुंहर दुआर’ कार्यक्रम प्रारंभ किया गया। cgschool.in नाम से एक पोर्टल का निर्माण कर ऑनलाइन कक्षाएं प्रारंभ की गईं। इस ऑनलाइन पढ़ाई से घर बैठे ही लाखों बच्चे सुरक्षित पढ़ाई करने लगे। इंटरनेट की पहुंच नहीं होने वाले क्षेत्रों व ऐसे बच्चे जिनके पास मोबाइल नहीं था, उसे ध्यान में रखते हुए मोहल्ला कक्षा प्रारंभ की गई। हमारे प्रदेश के शिक्षकों ने पढ़ाने के लिए कई नवाचारी गतिविधियां आयोजित कीं। शिक्षकों की मेहनत से बच्चों का पढ़ाई से रिश्ता बना रहा बल्कि पढ़ाई और अधिक रोचक और व्यापक हो गई। हमारे गुरुजनों ने अपनी लगन, निष्ठा और नवाचार से समाज में शिक्षकों की प्रतिष्ठा को नई ऊंचाई दी है। इन नवाचारी प्रयासों को न केवल राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली बल्कि पुरस्कार भी मिले हैं। मैं चाहता हूं कि शिक्षक-शिक्षिकाओं ने कोरोना काल में जिस तरह शिक्षा के नए-नए प्रयोग किए, उसे आगे भी करते रहें। सरकारी स्कूलों को आधुनिक सुविधाओं से सजाने और इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ाने की हमारी सोच एक बहुत बड़ा नवाचार है। स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल योजना के तहत 171 स्कूलों का उन्नयन कोरोना काल में ही हुआ है। अब मैंने निर्देश दिया है कि इसी की तर्ज पर उत्कृष्ट हिंदी माध्यम शाला भी विकसित की जाएं। यह नवाचार प्रदेश की सरकारी स्कूलों में आमूल-चूल परिवर्तन लाएगा और सामान्य तथा गरीब परिवारों के बच्चों का जीवन संवारेगा।
सुराजी गांव योजना से ग्रामीण जनजीवन में आ रहा तेजी से बदलाव
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि सुराजी गांव योजना से छत्तीसगढ़ के जनजीवन में जो बदलाव आ रहा है, उससे तो मैं भी रोमांचित और अभिभूत हूं। सबसे खुशी की बात यह है कि हम लोग एक दिशा देते हैं तो आप लोग उसमें काम करने की नई-नई संभावनाएं खोज लेते हैं। यही तो नवाचार है। हमने तो नरवा, गरुवा, घुरुवा, बाड़ी को छत्तीसगढ़ की चार चिन्हारी के रूप में बचाने की सोच के साथ, एक नए रास्ते पर चलना शुरू किया था लेकिन आप लोगों ने अपनी मौलिक सूझबूझ से, उसे इतना व्यापक रूप दे दिया है कि उसमें नए-नए उत्पाद और नए-नए रोजगार के अवसर बनने लगे हैं। छत्तीसगढ़ में जल की उपलब्धता को लेकर बड़ी विलक्षण स्थिति है। हमारे प्रदेश में हिमालय के किसी ग्लेशियर से जल-धारा प्रवाहित नहीं होती। हमारी नदियां और नरवा हमारे लिए पानी के स्रोत हैं। इंद्रावती, महानदी, सोन, शिवनाथ, अटेम, महान व केलो आदि नदियों की संख्या तो सीमित हैं, लेकिन 2 से 11 किलोमीटर तक बहने वाले नालों की संख्या हजारों में है। इस तरह नरवा हमारी बड़ी अहम धरोहर हैं। निश्चित तौर पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से नदी-नालों में जल कम हुआ है। इसलिए हमने समय रहते ‘नरवा’ परियोजना पर बल दिया। अभी तक लगभग 32 सौ नालों में जरूरी सुधार कार्य किया जा चुका है। आगामी साल करीब 11 हजार नालों को पुनर्जीवित करने की योजना पर हम युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं।
मैं बताना चाहता हूं कि हमारे प्रयासों का असर जमीन पर दिखाई देने लगा है। कई क्षेत्रों से भू-जल स्तर बढ़ने की सुखदायी खबरें आने लगी हैं। जलवायु परिवर्तन से सूखे की परिस्थितियां बनने की चेतावनी वैज्ञानिकों ने दी है, लेकिन मुझे विश्वास है कि नरवा विकास की हमारी तैयारी, हमें हर संकट से उबार लेगी। गरुवा से गोबर, गोबर से वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट और फिर सुपर कम्पोस्ट प्लस। गरुवा और घुरुवा को विकसित करने से नए रास्ते बनते चले गए और गोबर से धन बरसने लगा। गोधन न्याय योजना के 8 सितम्बर के आंकड़े से एक अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस योजना से क्या लाभ मिल रहा है। अभी तक गोबर बेचने वालों को 100 करोड़ 82 लाख रुपए, महिला स्वसहायता समूह को 21 करोड़ 42 लाख रुपए तथा गौठान समितियों को 32 करोड़ 94 लाख रुपए का भुगतान किया जा चुका है। गोधन न्याय योजना से 1 लाख 77 हजार 437 पशुपालकों को लाभ मिला है, जिसमें भूमिहीनों की संख्या 79 हजार 435 है। वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट तथा सुपर कम्पोस्ट प्लस का उत्पादन 11 लाख क्विंटल से अधिक हो चुका है और करीब 8 लाख क्विंटल की बिक्री भी की जा चुकी है। यह रूझान बताता है कि छत्तीसगढ़ में जैविक खाद के उपयोग के लिए तेजी से जागरूकता बढ़ रही है। 1 हजार 634 गौठान आत्मनिर्भर बन चुके हैं।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि हमारा मुख्य उद्देश्य जनता को सशक्त करना है और विकास में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करना है और हम सबको मिलकर 'नवा छत्तीसगढ़' गढ़ना है।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : सांसद श्री राहुल गांधी की आज वैष्णो देवी के दर्शन के लिए पदयात्रा के दौरान छत्तीसगढ के एक किसान परिवार के साथ अचानक मुलाकात हुई। श्री गांधी ने किसान और उसके परिवार को पास बिठाकर उनके साथ कुछ समय व्यतीत किया। उन्होंने उनसे हालचाल पूछा तो किसान ने उत्साह के साथ उन्हें छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार की किसान हितैषी योजनाओं के बारे में बताया। किसान ने कहा - "हमर सरकार बहुत अच्छा काम करत हे।" किसान ने श्री राहुल गांधी से कहा कि अभी सरकार को सिर्फ ढाई साल ही हुए हैं, भूपेश जी किसानों, वनवासियों के लिए बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। भूमिहीन खेतिहर मजदूरों को 6 हजार रुपए दे रहे हैं। किसान ने उन्हें बताया कि उसने गोधन न्याय योजना में गोबर बेच कर अब तक 85 हजार रुपए की कमाई कर ली है। इन पैसों से एक स्कूटी भी खरीदी है। किसान ने कहा कि गौठान में भी हमारे यहां बहुत अच्छे काम हो रहे हैं।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
पशुपालकों और संग्राहकों को गोबर खरीदी के एवज में अब तक 100.82 करोड़ रूपए का किया गया भुगतान
मुख्यमंत्री ने पशुपालकों और संग्राहकों, गौठानों में कार्यरत स्व-सहायता समूहों और गौठान समितियों के खाते में किया कुल 5.33 करोड़ रूपए का अंतरण
गोबर से बिजली उत्पादन की संभावनाओं का किया जाए अध्ययन
चारा उत्पादन के मामले में गौठानों को स्वावलंबी बनाने का हो प्रयास
गौठानों में तेलघानी, लौह शिल्पकार, चर्म शिल्पकार एवं रजककार बोर्ड की गतिविधियां हो प्रारंभ
गौठानों के संधारण, मरम्मत और निर्माण कार्यों की जरूरत की कलेक्टर करें समीक्षा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ गोबर खरीदी करने वाला देश का पहला राज्य होने के साथ-साथ गोबर खरीदी को लाभ में बदलने वाला पहला राज्य भी है। उन्होंने कहा कि गोबर से वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने के साथ इसे और भी अधिक लाभप्रद बनाने की दिशा में काम किया जाना चाहिए। गोबर से बिजली उत्पादन की संभावनाओं का अध्ययन किया जाए, चारे के मामले में गौठानों को स्वावलंबी बनाने के साथ यहां आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने का प्रयास किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में गौठानों के प्रति लोगों का रुझान बढ़ रहा है, गौठानों को और अधिक मजबूत बनाया जाना चाहिए। कलेक्टर गौठानों के संधारण, मरम्मत और निर्माण कार्यों की जरूरत की लगातार समीक्षा करें और आवश्यकतानुसार कार्य कराएं।
मुख्यमंत्री आज यहां अपने निवास कार्यालय में गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गोबर बेचने वाले पशुपालकों एवं संग्राहकों को गोबर खरीदी के एवज में राशि, महिला स्व-सहायता समूहों को लाभांश की राशि और गौठान समितियों को 5 करोड़ 33 लाख रूपए की राशि का अंतरण करने के बाद कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में गोधन न्याय योजना के अंतर्गत पशुपालकों एवं संग्राहकों के खाते में क्रय किए गए गोबर के एवज में 27वीं किश्त के रूप में 1 करोड़ 74 लाख रूपए की राशि ऑनलाईन अंतरित की। इस राशि को मिलाकर पशुपालकों और संग्राहकों को गोबर खरीदी की अब तक 100 करोड़ 82 लाख रूपए की राशि का भुगतान किया जा चुका है। उन्होंने इस अवसर पर स्व-सहायता समूहों को लाभांश के रूप में 1 करोड़ 41 लाख रूपए तथा गौठान समितियों को 2 करोड़ 18 लाख रूपए की राशि का भुगतान किया।
स्व-सहायता समूहों को अब तक लाभांश की राशि के रूप में कुल 21 करोड़ 42 लाख रूपए तथा गौठान समितियों को 32 करोड़ 94 लाख रूपए की राशि का भुगतान किया जा चुका है। स्व-सहायता समूहों और गौठान समितियों को अब तक कुल 54 करोड़ 36 लाख रूपए की राशि का भुगतान किया गया है। गोधन न्याय योजना से 1 लाख 74 हजार से अधिक पशुपालक और संग्राहक लाभान्वित हुए हैं। अब तक 50 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की जा चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग गोबर से वर्मी कम्पोस्ट के अलावा दूसरी लाभप्रद गतिविधियां प्रारंभ करने की ओर बढ़ रहे हैं। कुछ जगहों में गौठान में गोबर गैस तैयार कर घरों में गैस सप्लाई का काम भी प्रारंभ हुआ है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि गोबर से बिजली उत्पादन की संभावनाओं का अध्ययन किया जाना चाहिए। यदि यह कार्य संभव होता है, तो यह एक बड़ी उपलब्धि होगी। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ तेलघानी, लौह शिल्पकार, चर्म शिल्पकार एवं रजककार बोर्ड का गठन किया गया है। इन बोर्ड़ाें की गतिविधियां भी गौठान में प्रारंभ की जाएं, जिससे लोगों को रोजगार के अवसर मिल सकंे। मुख्यमंत्री ने कहा कि गौठानों का संचालन एक निरंतर प्रक्रिया है, इसलिए गौठानों में निर्माण, संधारण और मरम्मत आदि कार्य लगातार करने की जरूरत है। सभी कलेक्टर्स इस विषय को सप्ताहिक समय-सीमा की बैठक में शामिल कर गौठानों में संचालित गतिविधियों की निरंतर समीक्षा करें। उन्होंने कहा कि जहां गौठान समितियां सक्रिय नहीं है, वहां जनप्रतिनिधियों, कलेक्टरों और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों से चर्चा कर दूसरे लोगों को मौका दिया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में गौठानों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है और शहरी क्षेत्रों में भी गौठान और गोधन न्याय योजना को लेकर लोकप्रियता बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्वावलंबी गौठानों की संख्या भी बढ़ रही है।
एक वर्ष में स्वावलंबी गौठानों की संख्या बढ़कर 1634 हो गई है। इसका यह अर्थ है कि लोगों का इन योजनाओं के प्रति रूझान बढ़ रहा है। श्री बघेल ने कहा कि दो रूपए किलो में गोबर खरीदी करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है। इसके साथ ही साथ छत्तीसगढ़ में गोबर को लाभ की वस्तु में बदलने में भी सफलता मिली है। गोबर से तैयार हो रही वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग बड़ी संख्या में किसान स्व-प्रेरणा से कर रहे हैं। इससे जहां जैविक खेती को बढ़ावा मिल रहा है, वहीं गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट बनाने के काम में संलग्न तथा अन्य आर्थिक गतिविधियों में काम कर रहे 9 हजार से अधिक स्व-सहायता समूहों की लगभग 64 हजार महिलाओं को रोजगार और आय का नया जरिया मिला है। वर्मी कम्पोस्ट के उपयोग से सब्जियों, अनाज और फलों की गुणवत्ता बेहतर होगी और वे स्वास्थ्य की दृष्टि से भी लाभदायक होंगे।
मुख्यमंत्री ने गोधन न्याय योजना और गौठानों के सफल संचालन के लिए अधिकारियों-कर्मचारियों, जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों को बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि अनेक अधिकारी दूसरे राज्यों से छत्तीसगढ़ आए हैं, लेकिन उन्होंने गहरी रूचि लेकर छत्तीसगढ़ की परिस्थितियों को समझकर योजनाओं का सफल बनाने में योगदान दिया। श्री बघेल ने 7 सितम्बर को संसद की कृषि स्थायी समिति के सदस्यों से मुलाकात का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने गोधन न्याय योजना और गौठानों में रूचि दिखाई। जब उन्हें बताया गया कि गोबर से 10 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट बनाया गया है और किसान इसका उपयोग भी कर रहे हैं, तो समिति के सदस्यों ने कहा कि इससे स्वाईल हेल्थ में भी सुधार होगा। समिति के सदस्यों ने समर्थन मूल्य पर धान खरीदी, राजीव गांधी किसान न्याय योजना में भी रूचि ली। समिति ने धान से एथेनॉल तैयार करने की छत्तीसगढ़ की योजना के प्रति भी अपनी सहमति जताई। मुख्यमंत्री ने कहा कि गौठानों को चारा के मामले में स्वावलंबी बनाने का प्रयास किया जाए, ताकि पशु भटके नहीं, इससे पशु प्रबंधन में आसानी होगी।
कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना की चर्चा पूरे देश में है। संसद की कृषि स्थायी समिति सहित संसद की चार समितियों ने इस योजना की सराहना करते हुए कहा है कि इसे पूरे देश में लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गौठानों में लोगों को स्व-रोजगार देने के लिए रूरल इंडस्ट्रियल पार्क की योजना अभूतपूर्व है। इसे देश में स्वीकार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि योजना के लागू होने के एक वर्ष में गोबर संग्राहकों को 100 करोड़ रूपए से अधिक राशि का भुगतान किया जा चुका है। साथ ही गोबर से तैयार 68 करोड़ की वर्मी कम्पोस्ट का विक्रय भी किया जा चुका है। सवा लाख किसान सोसायटियों से वर्मी कम्पोस्ट ले जा चुके हैं। यह योजना आने वाले समय में एक क्रांतिकारी योजना साबित होगी।
कृषि उत्पादन आयुक्त एवं कृषि विभाग की सचिव डॉ. एम. गीता ने कार्यक्रम में बताया कि प्रदेश में स्वीकृत गौठानों की संख्या बढ़कर 10112 तथा निर्मित गौठानों की संख्या बढ़कर 6112 हो गई है। उन्होंने बताया कि 4495 गौठानों के चारागाहों की 9732 एकड़ भूमि में चारा रोपण का कार्य पूरा हो गया है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि गौठानों में लगभग 80 हजार वर्मी टांकांे का निर्माण किया गया है, जिनमें 7 लाख 68 हजार क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट और 3 लाख 37 हजार क्विंटल सुपर कम्पोस्ट का उत्पादन किया गया है। उन्होंने बताया गया कि गौठानों में तैयार 76 प्रतिशत वर्मी कम्पोस्ट तथा 45 प्रतिशत सुपर कम्पोस्ट का विक्रय अब तक किया जा चुका है। डॉ. गीता ने बताया कि गौठानों में विभिन्न आर्थिक गतिविधियों में संलग्न 9 हजार 153 स्व-सहायता समूहों की 64 हजार 317 महिलाओं को योजना के प्रारंभ होने से अब तक 39 करोड़ 77 लाख रूपए की आय हो चुकी है।
इस अवसर पर गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव, कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, श्रम मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री गुरू रूद्रकुमार, राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, कृषि विभाग के विशेष सचिव एवं राज्य नोडल अधिकारी गोधन न्याय योजना डॉ. एस. भारती दासन सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवाकृषि, पशुधन और स्व-रोजगार से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ कर रहे हैं: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
देश में किसानों की बेहतरी के लिए धान से एथेनॉल बनाने की अनुमति देने के लिए केन्द्र से सिफारिश का आग्रह
मुख्यमंत्री से संसद की कृषि स्थायी समिति के सदस्यों ने की सौजन्य मुलाकात
रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं में से एक गोधन न्याय योजना के बहुद्देशीय परिणाम ने संसद की स्थायी कृषि समिति को बेहद प्रभावित किया है। गोधन न्याय योजना के अध्ययन-भ्रमण के लिए छत्तीसगढ़ के दो दिवसीय दौरे पर आज रायपुर पहुंची 13 सदस्यीय समिति के अध्यक्ष श्री पी.सी. गड्डीगौडर के नेतृत्व में आज शाम मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से उनके निवास कार्यालय में सौजन्य मुलाकात की। समिति ने छत्तीसगढ़ सरकार की गोधन न्याय योजना से लेकर खेती-किसानी की बेहतरी के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, वनोपज संग्रहण जैसे मसलों पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से विस्तार से चर्चा की।
संसद की स्थायी कृषि समिति के सदस्यों ने मुख्यमंत्री से चर्चा के दौरान यह बात स्पष्ट रूप से कही कि छत्तीसगढ़ सरकार की गोधन न्याय योजना देश के लिए एक नजीर है। संसदीय समिति ने इसे पूरे देश में लागू करने की अनुशंसा की है। इस योजना को लेकर अभी अध्ययन जारी है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने संसदीय समिति को गांवों में निर्मित गौठान और गोधन न्याय योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है, गांवों में रोजगार के अवसर बढ़े हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि गोधन न्याय योजना के माध्यम से हमने अब तक 100 करोड़ रूपए की गोबर खरीदी की है। अभी तक गौठानों में लगभग 10 लाख क्विंटल वर्मी एवं सुपर कम्पोस्ट का निर्माण किया गया है। लगभग 90 करोड़ रूपए की वर्मी खाद बिक चुकी है। उन्होंने बताया कि 2 रूपए किलों में गोबर खरीदी शुरू होने से पशुपालकों, ग्रामीणों, भूमिहीनों को अतिरिक्त आय का जरिया मिला है। इससे पशुधन के संरक्षण और संवर्धन के साथ-साथ खेती-किसानी को भी लाभ हुआ है। राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा मिला है। पशुओं की खुली चराई पर रोक लगी है। इससे फसल क्षति रूकी है और दोहरी फसल की खेती को बढ़ावा मिला है। मुख्यमंत्री ने गौठानों में रूरल इंस्ट्रियल पार्क की स्थापना, इसके उद्देश्य, राज्य में पशु नस्ल सुधार कार्यक्रम के बारे में भी जानकारी दी।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने संसदीय समिति के सदस्यों से छत्तीसगढ़ के सामाजिक-भौगोलिक स्थिति, जलवायु, खेती-किसानी, वनोत्पाद, जनजीवन आदि के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ में वर्षा आधारित धान की खेती प्रमुखता से होती है। यहां 74 प्रतिशत से अधिक आबादी ग्रामीण है और उनका जीवन खेती-किसानी पर निर्भर है। छत्तीसगढ़ में 44 प्रतिशत वन क्षेत्र है। यहां की 32 प्रतिशत आबादी अनुसूचित जनजाति वर्ग की है। संसदीय समिति को उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में फसल उत्पादकता और फसल विविधिकरण को प्रोत्साहित करने के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों को प्रति एकड़ के मान से न्यूनतम 9000 रूपए तक इनपुट सब्सिडी दी जा रही हैं। छत्तीसगढ़ में गन्ना उत्पादक किसानों को सर्वाधिक मूल्य मिल रहा है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सरप्लस धान उत्पादन को देखते हुए हमने केन्द्र सरकार से धान से एथेनॉल बनाने की अनुमति मांगी है। उन्होंने कहा कि धान उत्पादक राज्यों के किसानों की बेहतरी के लिए जरूरी है कि सरप्लस धान के उपयोग के लिए इससे एथेनॉल का उत्पादन किया जाए। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सहित बिहार, उत्तर प्रदेश, ओड़िसा, पंजाब, बंगाल, आसाम सहित कई धान उत्पादक राज्यों के किसानों को इसका फायदा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने संसदीय समिति से आग्रह किया कि वह केन्द्र सरकार से धान से एथेनॉल निर्माण की अनुमति सभी राज्यों को देने के लिए सिफारिश करे। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को सिर्फ एथेनॉल बनाने की अनुमति देना है बाकी एथेनॉल उत्पादन के लिए प्लांट लगाने से लेकर सभी खर्च राज्य सरकार के जिम्मे होगा। उन्होंने यह भी कहा कि एफसीआई को एथेनॉल उत्पादन की अनुमति देना ज्यादा खर्चीला है क्योंकि धान खरीदी के बाद उसका परिवहन, मिलिंग उसके पश्चात चावल का पुनः परिवहन एफसीआई तक करने में अनावश्यक राशि व्यय होगी। केन्द्र यदि राज्यों को सीधे धान से एथेनॉल बनाने की अनुमति दे दे तो यह ज्यादा लाभकारी होगा। इससे किसानों को धान का मूल्य ज्यादा मिलेगा। राज्यों पर व्यय भार कम पड़ेगा। पेट्रोलियम के आयात पर खर्च होने वाली विदेशी मुद्रा की बचत होगी और एफसीआई में चावल के भण्डारण की समस्या भी नहीं होगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ में धान की 26 हजार किस्में है। यहां ब्लैक राईस, ब्राउन राईस सहित कई तरह की चावल का उत्पादन होता है। उन्होंने कहा कि राज्य के वनांचल इलाके में कोदो-कुटकी, रागी की खेती को देखते हुए मिलेट मिशन शुरू किया गया है। वनांचल के लोगों को खेती-किसानी से जोड़ने और उनकी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए साढ़े चार लाख से अधिक वनवासियों उनके काबिज भूमि का पट्टा दिया गया है। राज्य में वनों पर आधारित लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए लघु वनोपज की समर्थन मूल्य की खरीदी के साथ ही वनभूमि में फलदार पौधों का प्राथमिकता से रोपण कर रहे हैं, ताकि वनांचल के लोगों को इसका लाभ मिले। इससे उनकी आमदनी भी बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री ने समिति के अध्यक्ष और सदस्यों को इस अवसर पर शॉल और प्रतीकचिन्ह भेंट कर आत्मीय स्वागत किया। इस अवसर पर संसदीय स्थायी समिति के सदस्य श्री ए. गणेशमूर्ति, श्री अफजल अंसारी, श्री अबु ताहेर खान, श्री कनक मल कटारा, श्री मोहन मंडावी, श्रीमती शारदा बेन अनिल भाई पटेल, श्री देवजी मानसिंग राम पटेल, श्री वेल्लालथ कोचुकृष्णन नायर श्रीकंदन, श्री विरेन्द्र सिंह, श्री रामकृपाल यादव, श्री रामनाथ ठाकुर, श्रीमती छाया वर्मा सहित राज्य सभा सांसद श्रीमती फूलोदेवी नेताम, कृषि उत्पादन आयुक्त एवं सचिव डॉ. एम.गीता, संचालक कृषि श्री यशवंत कुमार, संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं श्री माथेश्वरन व्ही. उपस्थित थे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
खनिजों से विकास से संबंधित लगभग 267 करोड़ रुपए की लागत के प्रस्तावों का अनुमोदन
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज यहां उनके निवास कार्यालय में आयोजित खनिज विकास निधि सलाहकार समिति की बैठक में खनिजों के विकास से संबंधित लगभग 267 करोड़ रूपए के प्रस्तावों का अनुमोदन किया गया। ये प्रस्ताव खनिज साधन विभाग और छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम की विभिन्न परियोजनाओं से संबंधित हैं।
राज्य शासन को प्रतिवर्ष खनिज राजस्व से प्राप्त होने वाली राशि में से 5 प्रतिशत राशि खनिज विकास निधि में रखी जाती है, जिसका उपयोग प्रदेश में खनिजों के विकास और नए खनिज क्षेत्रों की खोज आदि में किया जाता है। बैठक में स्वीकृत प्रस्तावों में केरवा कोल ब्लाक, आयरन ओर डिपाजिट -4 के विकास, बाक्साइट के नए क्षेत्रों की खोज, खनिजों के सर्वेक्षण तथा खनिज गतिविधियों के लिए संचालित ऑनलाइन खनिज पोर्टल को अपग्रेड करने के प्रस्ताव शामिल हैं।
बैठक में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, खनिज साधन विभाग के सचिव श्री अन्बलगन पी., वित्त विभाग की सचिव श्रीमती अलरमेलमंगई डी., छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के मुख्य महाप्रबंधक श्री जे.के.पशीने, खनिज साधन विभाग के अपर संचालक श्री महेश बाबू उपस्थित थे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री बघेल और महिला बाल विकास मंत्री ने पोषण प्रतिज्ञा पर किया हस्ताक्षर
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास में आयोजित तीजा पोरा तिहार के अवसर पर महिला एवं बाल विकास द्वारा संचालित पोषण रथ को हरी झंडी दिखाकर विभिन्न जिलों के भ्रमण के लिए रवाना किया । यह रथ विभिन्न गांव में भ्रमण कर पोषण का संदेश देगा। रथ में सुपोषण पर केंद्रित फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा |
इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेडिया, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, वनमंत्री श्री मोहम्मद अकबर, राज्यसभा सांसद श्रीमती फूलोदेवी नेताम, विधायक श्री मोहितराम केरकेट्टा, श्रीमती संगीता सिन्हा, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव डॉ. रीना बाबा साहब कंगाले भी उपस्थित थीं ।
मुख्यमंत्री श्री बघेल एवं महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेडिया ने पोषण प्रतिज्ञा पर हस्ताक्षर कर कुपोषण रहित छत्तीसगढ़ के निर्माण के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त किये । सचिव डॉ. कंगाले ने बताया कि आज तीजा पोरा तिहार के अवसर पर पोषण रथ का शुभारंभ किया जा रहा है, जिसके माध्यम से जिले में पोषण एवं स्वास्थ्य संबंधी ऑडियो, वीडियो संदेशों का प्रसारण किया जाएगा। अन्य जिलों में भी पोषण रथ के माध्यम से विभिन्न स्थानों में प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, जिससे जनसमुदाय के मध्य फैसिलिटेटर द्वारा वीडियो प्रदर्शन उपरांत उपयोगी जानकारी दी जाती है।
वीडियो मुख्यतः कुपोषण, पौष्टिक आहार, एनीमिया, स्तनपान, स्वच्छता, गर्भवती महिला की देखभाल, ऊपरी आहार पर आधारित है। जिसमें दृश्य-श्रव्य माध्यम का उपयोग करते हुए रोचक तरीके से स्वास्थ्य पोषण संबंधी जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाये जाने का प्रयास होता है, जिससे निश्चित ही अधिक से अधिक लोगों तक सुपोषण का संदेश पहुंचाने में सहायता मिलेगी।
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एजेंसी
नई दिल्ली : केंद्र के तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने रविवार को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक मेगा महापंचायत का आयोजन किया है। भारतीय किसान संघ के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग शामिल होंगे।
राकेश टिकैत ने कहा, “महापंचायत के लिए पहुंचने वाले लोगों की संख्या को बताना असंभव है। लेकिन मैं वादा कर सकता हूं कि लोग बड़ी संख्या में पहुंचेंगे। किसानों को महापंचायत तक पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता। अगर वे हमें रोकते हैं, तो हम बैरियर तोड़ते हुए पहुंचेंगे।”
पंजाब, दिल्ली से आने वाले किसानपंजाब से लगभग 2,000 किसानों के मुजफ्फरनगर पहुंचने की उम्मीद है। वे अमृतसर से सुबह चार बजे, जालंधर से सुबह पांच बजे और लुधियाना से रविवार को सुबह छह बजे एक्सप्रेस ट्रेन पकड़ेंगे।
दिल्ली की सीमा पर धरना स्थलों से 400-500 किसान महापंचायत के लिए रवाना होंगे। किसान टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर से बसों में शिफ्ट में निकल रहे हैं। शुक्रवार की रात धरना स्थलों से दो बसें मुजफ्फरनगर के लिए रवाना हो चुकी हैं। अन्य दो शनिवार सुबह रवाना हुए और दो और शाम करीब चार बजे रवाना होंगे।
हालांकि राकेश टिकैत का कहना है कि लोग मुख्य रूप से गांवों से आ रहे हैं। हरियाणा, महाराष्ट्र और भारत के अन्य हिस्सों के किसानों के भी इसमें शामिल होने की उम्मीद है। किसानों को मुजफ्फरनगर पहुंचाने के लिए कुल 500 बसें किराए पर ली गई हैं।
मिशन उत्तर प्रदेशएसकेएम ने मुजफ्फरनगर महापंचायत में 'मिशन यूपी' की घोषणा करने की योजना बनाई है और इसका लक्ष्य पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर लामबंदी करना है। राकेश टिकैत ने कहा, 'यह महापंचायत सिर्फ चुनाव से नहीं जुड़ी है। छह महीने बाद चुनाव है। यूपी में किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यूपी में बिजली की दरें भी सबसे ज्यादा हैं। 2016 के बाद से गन्ने की कीमत नहीं बढ़ी है। केंद्र ने इसे पांच रुपये पांच पैसे प्रति किलोग्राम बढ़ा दिया है। क्या आप किसानों का अपमान कर रहे हैं?”
किसान अपने अभियान के पहले चरण में उत्तर प्रदेश में 18 महापंचायत आयोजित करने की योजना बना रहे हैं।
महापंचायती की व्यवस्थाराकेश टिकैत के अनुसार, सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए लगभग 5,000 स्वयंसेवकों को ड्यूटी दी गई है और पहचान पत्र जारी किए गए हैं ताकि किसान रविवार को महापंचायत के लिए मैदानों में पहुंचें। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवकों को जानकारी दी गई है और एक आपातकालीन नंबर साझा किया गया है। टिकैत ने कहा, “सभी व्यवस्थाएं कर ली गई हैं। हमें देखना होगा कि मुख्य साइट तक कौन पहुंच पाता है। जो भीड़ के कारण वहां नहीं पहुंच पा रहे हैं उनके लिए हमने 12-14 स्क्रीन और 4-5 फील्ड की व्यवस्था की है। सड़कें और पार्किंग क्षेत्र जाम हो जाएंगे।”